वक्री शुक्र के कर्क में गोचर से, क्या देश-दुनिया को झेलना होगा कोप या अर्थव्यवस्था में आएगी तेज़ी?

एस्ट्रोसेज लेकर आया है अपने पाठकों के लिए “शुक्र का कर्क राशि में गोचर” का यह विशेष ब्लॉग जिसमें हम आपको इस गोचर के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेंगे। भौतिक सुखों के कारक शुक्र ग्रह 07 अगस्त 2023 को कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में, शुक्र के गोचर का असर भारत समेत विश्व पर भी पड़ सकता है। तो आइये बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि शुक्र का कर्क राशि में गोचर देश और दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा। 

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वैदिक ज्योतिष में विलासिता और प्रसिद्धि के कारक ग्रह शुक्र जातकों को सुंदरता प्रदान करते हैं। साथ ही, मनुष्य जीवन में प्रेम को दर्शाते हैं और इनकी कृपा व्यक्ति के जीवन को प्रेम से भर देती है। शुक्र महाराज का संबंध कला एवं रचनात्मकता से भी है और ऐसे में, यह जातकों को रचनात्मकता का आशीर्वाद देते हैं। इन सभी बातों को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति की कामना होती है कि उनकी कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति शुभ हो जिससे वह अपने जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाओं का आनंद ले सके। 

23 जुलाई 2023 को शुक्र सिंह राशि में वक्री हो गए हैं और अब इस अवस्था में ही शुक्र महाराज कर्क राशि में 07 अगस्त 2023 के दिन प्रवेश कर जाएंगे। लेकिन, जब हम बात करते हैं वक्री ग्रह के बारे में, तो ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम होता है कि किसी ग्रह का वक्री होना क्या होता है? ऐसे में, शुक्र गोचर के देश-दुनिया पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानने से पहले हम आपको ग्रह के वक्री होने का अर्थ बताएंगे। 

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क्या होती है वक्री अवस्था? 

ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की चाल एवं दशा में परिवर्तन होते रहते हैं जैसे कि मार्गी, वक्री आदि। लेकिन किसी भी ग्रह की वक्री चाल उसकी मार्गी गति से बेहद अलग होती है क्योंकि जब कोई ग्रह मार्गी होता है, तो वह आगे की तरफ बढ़ता है। इसके विपरीत, वक्री गति के दौरान कोई ग्रह उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह पृथ्वी के बेहद करीब होता है। 

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शुक्र की वक्री चाल की बात करें तो, यह अपनी वक्री अवस्था के दौरान जातकों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र का आत्मनिरीक्षण करने के लिए प्रेरित करता है। सरल शब्दों में कहें तो, जीवन में घटने वाली घटनाओं और परिवर्तनों के बारे में दोबारा सोचने के लिए शुक्र की वक्री गति सर्वोत्तम होती है। साथ ही, ग्रहों की वक्री चाल के प्रभाव से कार्यों के परिणाम अचानक से मिलने लगते हैं। हालांकि, कोई ग्रह पृथ्वी के जितने करीब होगा, उतने ही अच्छे से हम उस ग्रह की गतिविधियों को देखने में सक्षम होंगे।

शुक्र का कर्क राशि में गोचर: समय  

वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह एक निश्चित अवधि में गोचर करता है और इसी क्रम में, शुक्र एक राशि में लगभग 23 से 30 दिनों तक रहते हैं। ऐसे में, शुक्र देव हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और इन्हें अपना 12 राशियों का राशि चक्र पूरा करने में एक वर्ष का समय लगता है। 07 अगस्त 2023 की सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर शुक्र कर्क राशि में गोचर करेंगे। अब आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं देश-दुनिया पर पड़ने वाले शुक्र गोचर के प्रभावों पर।

कर्क राशि में शुक्र का प्रभाव

कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं जो कि भावनाओं के कारक ग्रह हैं। वहीं, शुक्र प्रेम और रोमांस के ग्रह माने गए हैं। ऐसे में, आपके जीवन में प्रेम और भावनाओं दोनों की ही अधिकता देखने को मिलेगी। इन जातकों को प्रेम की कमी महसूस नहीं होगी। शुक्र की कर्क राशि में मौजूदगी जातकों को करियर के क्षेत्र में मज़बूत, बुद्धिमान, ज्ञानी और ताकतवर बनाती है जिससे सफलता प्राप्त होने की प्रबल संभावना होती है। समाज में इन लोगों के मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है और साथ ही, इनके भीतर रचनात्मकता एवं कला के प्रति एक आकर्षण दिखाई देता है। यह अपने जीवन में ख़ूब धन और ख़ुशियाँ प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन इन्हें यह मिलेगा या नहीं? यह बात पूर्ण रूप से जातकों की कुंडली में शुक्र की स्थिति पर निर्भर करती है।

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: देश-दुनिया पर प्रभाव

  • भारत में विलुप्त कलाओं को पुनर्जीवित करने के लिए उठाये गए कदमों को सरकार द्वारा कुछ समय के लिए रोका जा सकता है जिसके चलते वैश्विक स्तर पर मंदी का अनुभव हो सकता है।
  • होटल और फ़ूड इंडस्ट्री में भारत सहित दुनियाभर में गिरावट देखने को मिल सकती है और शुक्र की वक्री अवस्था के दौरान इसके फलने-फूलने की संभावना बेहद कम है।
  • इस अवधि के दौरान दवाइयों का व्यापार करने वालों को ज्यादा लाभ नहीं होने की आशंका है।
  • वैश्विक स्तर पर फैशन इंडस्ट्री और कपड़ा उद्योग में गिरावट आ सकती है। साथ ही, कुछ समय के लिए बिक्री और मांग भी कम हो सकती है। 
  • पत्रकारिता, पीआर और मीडिया जगत से संबंध रखने वाले लोग कार्यस्थल पर आलोचना के शिकार हो सकते हैं। 
  • भारत सहित दुनियाभर में गायकों और लेखकों को शुक्र गोचर की अवधि में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है या फिर किसी प्रोजेक्ट के पूरे होने में देरी होने की आशंका है।
  • कॉस्मेटिक इंडस्ट्री के साथ-साथ स्किन और हेयर केयर इंडस्ट्री में भी बिक्री में गिरावट आ सकती है। 
  • भारतीय वस्त्र उद्योग और हैंडलूम्स से जुड़ी नीतियों या प्रोजेक्ट्स में भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा कुछ सुधार किये जा सकते हैं। 

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: शेयर बाजार पर असर 

शुक्र ग्रह 07 अगस्त 2023 को कर्क राशि में गोचर करेंगे और देश के साथ-साथ शेयर बाजार को भी प्रभावित करेंगे। एस्ट्रोसेज आपके लिए शेयर बाजार भविष्यवाणी लेकर आया है जिसके माध्यम से आप जान सकेंगे कि शुक्र के कर्क राशि में गोचर से शुक्र से संबंधित क्षेत्रों में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। 

  • बैंकिंग सेक्टर, फाइनेंस इंडस्ट्री, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और शिपिंग कारपोरेशन सहित कई अन्य उद्योगों में प्रगति देखने को मिलेगी। 
  • रिलायंस इंडस्ट्री, परफ्यूम और कॉस्मेटिक उद्योग, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी आदि सेक्टरों की रफ़्तार धीमी पड़ सकती है और यह महीने के अंत तक जारी रहने की अनुमान है।
  • परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री से जुड़े क्षेत्रों तथा हैंडलूम सेक्टर को शुक्र ग्रह अत्यधिक प्रभावित कर सकते हैं। 

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