शुक्र का मीन राशि में गोचर: जानें आपकी राशि पर कैसा रहेगा प्रभाव!

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जीवन में सुख-समृद्धि शुक्र देव के शुभ प्रभाव से आती है। इस ग्रह का नाम प्रेम, सौंदर्य और धन के रोमन देवता के नाम पर रखा गया क्योंकि शुक्र को भाग्य के स्वामी के रूप में देखा जाता है। राशिचक्र की 12 राशियों में से वृषभ और तुला राशि पर इस ग्रह का आधिपत्य है। किसी भी जातक के जीवन में संबंध, विवाह और उसकी संतान के लिए इसे एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। शुक्र वैभव, संपन्नता, धन, प्रेम और ऐश्वर्य के कारक हैं। अगर आपकी कुंडली में शुक्र देव मजबूत स्थिति में हैं, तो आपको जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। साथ ही धन, संपत्ति, वाहन और दांपत्य जीवन का भी पूरा सुख मिलेगा। वहीं इसके विपरीत, जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होते हैं, उन लोगों को शारीरिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

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शुक्र देव एक निश्चित समय के बाद गोचर या राशि परिवर्तन करते हैं। इसी क्रम में प्रेम के कारक शुक्र वैलेंटाइन डे के साथ ही अपनी उच्च राशि मीन में 15 फरवरी 2023 की शाम 7 बजकर 43 मिनट पर प्रवेश करेंगे। ऐसे में शुक्र का यह गोचर सभी राशियों के जातकों के जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों को प्रभावित करने वाला है। शुक्र का मीन राशि में गोचर आपके जीवन पर कैसे प्रभाव डालेगा, यह जानने के लिए अभी पढ़ें वैदिक ज्योतिष पर आधारित एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग।

शुक्र गोचर से संबंधित अन्य चीजों को जानने के लिए, करें विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। इस दौरान यह आपके बारहवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में आप कई भौतिक चीजों पर अपना धन खर्च करेंगे, जिससे आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। बात करें आपके कार्यक्षेत्र की तो व्यावसायिक रूप ये यह अवधि आपके लिए फलदायी साबित होगी क्योंकि इस दौरान नौकरीपेशा जातकों को प्रमोशन मिलने या वेतन में बढ़ोतरी होने के योग बनेंगे। अगर आपका खुद का बिजनेस है तो इस दौरान आपको अच्छा लाभ प्राप्त होगा और व्यापार में विस्तार भी होगा। इसके अलावा विदेश से जुड़ा कोई अच्छा अवसर भी मिल सकता है।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के लिए शुक्र पहले और छठे भाव के स्वामी हैं और इस दौरान यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। इस अवधि के दौरान आपके सभी लक्ष्य और इच्छाएं पूरी होंगी। इससे आपको मानसिक शांति व संतुष्टि मिल सकेगी। इसके अलावा व्यापारियों को भी इस दौरान अच्छा मुनाफा मिलने के योग बनेंगे। नौकरीपेशा लोग नौकरी बदलने की योजना बना सकते हैं या आपको कोई नया प्रोजेक्ट भी मिल सकता है।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए शुक्र देव पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दसवें भाव यानी करियर के भाव में गोचर करेंगे। यह अवधि आपके पेशेवर जीवन के लिए सबसे उत्तम रहेगी। आप कार्यक्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे। यदि आप मैनेजर के पद पर हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि आपके वरिष्ठ अधिकारी आपके सुझावों और प्रतिक्रियाओं पर ध्यान देंगे। हालांकि आपको अति आत्मविश्वास का शिकार होने से बचना चाहिए। रचनात्मक क्षेत्र जैसे- डिजाइनिंग, अभिनय आदि से जुड़े लोगों के लिए भी यह समय अधिक अनुकूल रहेगा।

कर्क राशि

कर्क राशि के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके नवम भाव में गोचर करेंगे। यह गोचर आपको कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिणाम देगा। इस दौरान नौकरीपेशा जातक अपने वेतन में वृद्धि या पदोन्नति में हासिल करेंगे। वहीं व्यापार से जुड़े लोग भी इस अवधि में अच्छा लाभ अर्जित करेंगे।

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सिंह राशि

शुक्र, सिंह राशि वालों के लिए तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे। आर्थिक रूप से, इस अवधि में आपके खर्चों में कुछ वृद्धि देखी जा सकती है जो आपके लिए परेशानी का कारण बनेगी। वहीं जिनका खुद का व्यापार है उन्हें इस दौरान अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि इस गोचर काल में किसी भी तरह का बड़ा निवेश करने से बचें।

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपका जीवनसाथी आपको व्यवसाय में अच्छा लाभ अर्जित कराने में मदद कर सकता है। व्यापार में लगाया गया पैसा अच्छा खासा मुनाफा देगा। आपके अच्छे नेटवर्क कार्यक्षेत्र में आपको शानदार अवसर दिलवाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही आपके बॉस आपका पूरा सहयोग करेंगे। कार्यक्षेत्र में आपको शुक्र देव की कृपा से एक अलग पहचान और प्रसिद्धि भी हासिल होने के योग बनेंगे।

तुला राशि

शुक्र आपके पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको कर्ज से मुक्ति मिलेगी, लेकिन आर्थिक रूप से अस्थिरता की स्थिति बनी रहेगी। इस अवधि में सफलता हासिल करना आपके लिए आसान नहीं होगा। कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए धैर्य और ध्यान के साथ प्रयास करने की ज़रूरत होगी। कुल मिलाकर नौकरी व व्यापार करने वालों को अच्छे परिणाम मिलने की संभावना थोड़ी कम है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह पांचवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में यह गोचर व्यापार जगत से जुड़े लोगों के लिए बेहतर साबित होगा। इस दौरान आपको नई बिजनेस डील्स करने के मौके मिलेंगे। रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी यह समय अनुकूल रहेगा। नौकरीपेशा लोग नई-नई चीजें सीखेंगे और अपने कौशल में सुधार करेंगे।

धनु राशि

शुक्र आपके छठे व ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में शुक्र का यह गोचर पेशेवर रूप से आपको अनुकूल परिणाम देने वाला है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में आपको अपनी मेहनत का फल मिलेगा। आर्थिक रूप से भी यह अवधि आपकी विलासिता और सुख-सुविधाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी और आप इस समय नई संपत्ति या नया वाहन खरीदने का प्लान भी बना सकते हैं। जिनका अपना व्यापार है, वे भी अच्छा मुनाफा प्राप्त करेंगे।

मकर राशि

शुक्र आपके पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में व्यापार के सिलसिले से की गई यात्राएं आपके लिए फलदायी साबित होंगी और इससे आपको बेहतरीन परिणाम भी प्राप्त होंगे। भाई-बहनों और सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा और उनकी मदद से आप पदोन्नति और वेतन वृद्धि प्राप्त कर सकेंगे।

कुंभ राशि

शुक्र आपके चौथे और नवम भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। यह गोचर आपके लिए आर्थिक रूप से स्थिरता लेकर आएगा और आप पैसे बचाने में भी सक्षम होंगे। पारिवारिक व्यवसाय, रियल एस्टेट या ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए यह समय अधिक अनुकूल साबित होगा।

मीन राशि

मीन राशि के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह पहले/लग्न भाव में गोचर करेंगे। शोध और गूढ़ विषयों से जुड़े लोगों के लिए यह अनुकूल समय रहेगा। जो लोग व्यापार कर रहे हैं वे इस दौरान अच्छा लाभ अर्जित करेंगे। इस दौरान आपको अपने पेशेवर जीवन में सुधार देखने को मिल सकता है।

इन उपायों से शुक्र ग्रह को करें मजबूत

  • शुक्र ग्रह के बीज मंत्र ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ का जाप करें।
  • ज्यादातर सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
  • मंदिर या गरीबों में चीनी, चावल, दही, दूध जैसी चीजों का दान करें।
  • प्रत्येक शुक्रवार के दिन व्रत करें।

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इसी आशा के साथ कि आपको यह ब्लॉग भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

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