इस बार 12 नहीं 13 महीनों का होगा साल 2023, पूरे 2 महीने तक चलेगा सावन! जानें इसके पीछे का राज़

लीप ईयर के बारे में हम सभी जानते हैं जिसमें 365 नहीं 366 दिन होते हैं। ऐसा ही एक वर्ष हिंदू कैलेंडर में भी होता है जो 3 साल में एक बार आता है और इस हिंदू वर्ष में 12 नहीं बल्कि 13 महीने होते हैं। वर्ष 2023 भी ऐसा ही एक वर्ष होने वाला है और ये साल कई मायनों में ख़ास होगा क्योंकि इस बार श्रावण में शिव जी को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को पूरे 2 महीने का समय मिलेगा। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि क्या है इसकी वजह? तो इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

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साल 2023 में दो महीने का होगा श्रावण

नया साल शिव भक्तों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आएगा क्योंकि इस बार अपने आराध्य भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए भक्तों के पास काफ़ी समय होगा। आपको बता दें, 2023 में सावन एक महीने नहीं बल्कि पूरे दो महीने तक चलेगा और इसका मुख्य कारण मलमास होगा। वर्ष 2023 में सावन का आरंभ 04 जुलाई, 2023 को होगा और इसका अंत 31 अगस्त, 2023 को होगा। हालांकि, 19 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है कि सावन माह एक नहीं दो महीने तक चलेगा। 

सिर्फ, सावन ही नहीं बल्कि अन्य पर्वों और त्योहारों पर भी मलमास का असर साफ़तौर पर पड़ेगा। मलमास या यूँ कहें कि पुरुषोत्‍तम माह की वजह से सभी पर्वों में साल 2022 की तुलना में 15 से 20 दिन का अंतर देखने को मिलेगा। सावन के अलावा, इस बार चतुर्मास भी 4 नहीं 5 महीने का होगा। श्रावण के बारे में जानने के बाद अब बिना देर किए सबसे पहले जान लेते हैं कि मलमास असल में क्या होता है?

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मलमास क्या होता है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, तीन साल में एक साल ऐसा आता है जिसमें एक महीना ज्यादा होता है। इसके पीछे की ज्योतिषीय कहानी यह है कि जब सूर्य अपनी राशि को बदलते हैं यानी सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। तो उसे संक्रांति के तौर पर मनाया जाता है।

इसी प्रकार, एक सौर वर्ष में कुल 12 संक्रांति होती है और जिस महीने में कोई संक्रांति नहीं पड़ती है, उस महीने को मलमास या अधिकमास कहा जाता है। मलमास के मलिन होने के कारण इस महीने शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। साल 2023 में 18 जुलाई से मलमास की शुरुआत होगी और इसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा। 

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मलमास में शुभ कार्य है वर्जित  

हर एक महीने का अपना विशेष महत्व और उसके अपने नियम होते हैं। हिंदू धर्म में इन नियमों को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे ही, मलमास को लेकर भी कुछ नियम-कायदे हैं जिसका हमें पालन करना चाहिए। 

  • इस अवधि में शादी-विवाह नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके प्रतिकूल प्रभाव से विवाहित लोग खुश नहीं रह पाते और घर में लगातार अशांति रहती है।
  • मुंडन संस्कार और गृह प्रवेश जैसे कार्य करना पूरी तरह से वर्जित होता है। 
  • मलमास में नया घर बनाने से बचें।
  • अगर आप कोई नई चीज खरीदने की तैयारी में हैं जैसे प्रॉपर्टी या फिर नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो इस माह में ऐसा न करें।

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मलमास में क्या करें?

मलमास भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस अवधि में कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हे करने से आपको भगवान का आशीर्वाद निश्चित ही प्राप्त हो सकता है।

  • इस महीने में दान-पुण्य करना काफी शुभ माना जाता है।
  •  इस अवधि में गरीब, जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए। मान्यता के अनुसार इससे लोगों को मलमास के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। 
  • भगवान विष्णु की आराधना करें।

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