सावन सोमवार व्रत : ऐसे जातक न रखें सावन सोमवार व्रत, मिलता है नकारात्मक फल

सनातन धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है। दुनिया भर के सनातन धर्म के अनुयायी इस पूरे महीने विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा अर्चना व अभिषेक करते हैं और वे तमाम कोशिश भी करते हैं ताकि महादेव को प्रसन्न किया जा सके। सावन में विवाहित महिलाएं सोमवार का व्रत रखती हैं ताकि उनके पति की आयु लंबी और उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति हो सके। पुरुष भी इस महीने महादेव की कृपा पाने के लिए और इसके साथ-साथ मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए भी सोमवार का व्रत रखते हैं।

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लेकिन क्या आपको पता है कि सावन का व्रत कुछ खास पुरुष व महिलाओं को नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे भगवान शिव नाराज होते हैं। अगर नहीं पता है तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। आज के इस लेख में हम आपको उन महिलाओं व पुरुषों के बारे में बताने वाले हैं जो यदि सावन सोमवार का व्रत रखते हैं तो उन्हें नकारात्मक फल प्राप्त होते हैं।

यदि इस तरह रहते हों

सावन के सोमवार का व्रत अविवाहित पुरुष व स्त्री मनचाहे जीवनसाथी को पाने के लिए रखते हैं और विवाहित जातक जीवनसाथी के दीर्घायु होने के लिए। लेकिन यदि कोई पुरुष व महिला बिना विवाह किए, पति व पत्नी के रूप में एक साथ रह रहे हों तो उन्हें सावन सोमवार का व्रत नहीं रखना चाहिए।

यदि रखते हों मन में ऐसे विचार

यदि कोई जातक किसी और जातक के लिए मन में दुर्भावना रखता हो या उसका बुरा चाहता हो तो ऐसे जातकों को भी सावन का सोमवार व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे भगवान शिव नाराज होते हैं। भगवान शिव की पूजा करते वक़्त मन में बस भक्ति भाव और श्रद्धा होनी चाहिए। महादेव ऐसे भक्तों से नाराज होते हैं जो किसी और का अनिष्ट करने की उनसे कामना करते हैं।

यदि विवाह के बावजूद रहते हों ऐसे

वे जातक जो विवाहित होने के बाद अब तलाक़शुदा हो चुके हैं, उन्हें भी सावन सोमवार का व्रत नहीं रखना चाहिए। मान्यताओं अनुसार ऐसे प्रेमी जोड़े को भी सोमवार व्रत नहीं रखना चाहिए जो दूर-दूर रहते हों। सावन का व्रत रखते हुए प्रेमी जोड़ों को ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए साथ रहना चाहिए।

यदि विवाहित हैं मगर

ऐसे जातक जिन्होंने विवाह कोर्ट से किया है उन्हें भी सावन सोमवार व्रत रखने की मनाही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि शास्त्र सम्मत तरीके और विधि-विधान से विवाह न किया जाये तो सनातन धर्म में उसे विवाह का दर्जा नहीं दिया जाता है। ऐसे लोगों को व्रत-पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है।

यदि स्वभाव से ऐसे हों

ऐसे पुरुष जो महिलाओं को सम्मान नहीं देते हैं, उन पर बुरी दृष्टि रखते हैं और उन पर बेवजह चीखते-चिल्लाते रहते हैं, उन्हें भी सावन महीने के सोमवार व्रत नहीं रखने चाहिए क्योंकि ऐसे जातकों को सावन सोमवार व्रत का कोई भी फल प्राप्त नहीं होता है।

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