सूर्यास्त के बाद इन कार्यों से नाराज होती है माता लक्ष्मी, आती है जीवन में निर्धनता

सांसारिक जीवन जीने वाला हर इंसान चाहता है कि उसे अपने जीवन में कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना न करना पड़े। इसके लिए जातक जी-तोड़ मेहनत भी करते हैं लेकिन किसी को ज्यादा मिलता है और किसी को कम। लेकिन ऐसा होता क्यों है? 

हम सभी जानते हैं कि धन की देवी माता लक्ष्मी हैं। माता लक्ष्मी पालनकर्ता भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। माता लक्ष्मी की जिस जातक पर कृपा हो जाये, उस जातक के जीवन में धन से जुड़ी कोई समस्या नहीं रहती है। लेकिन माता लक्ष्मी जितनी जल्दी प्रसन्न होती हैं, उतनी ही जल्दी नाराज भी होती हैं। ऐसे कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे जहां एक ही जीवन में कई जातकों ने बहुत धन भी कमाया लेकिन बाद में दरिद्रता का जीवन काटा है।  कई बार हमें पता नहीं रहता और हम अपनी आदतों से जाने-अनजाने में ही माता लक्ष्मी को रुष्ट कर देते हैं। अधिक मेहनत कर कम आर्थिक लाभ का मिलना भी इसी का फल है। 

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ऐसे में आज हम इस लेख में आपको कुछ ऐसे कार्यों की जानकारी देने वाले हैं जिन्हें सूर्यास्त के बाद करने पर माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है।

सूर्यास्त के बाद उधार

सूर्यास्त के बाद जातकों को पैसे का लेन-देन नहीं करना चाहिए। कोशिश करें कि इस दौरान अगर बहुत जरूरी न हो तो किसी को उधार न दें और न ही किसी प्रकार का उधार लें। इससे माता लक्ष्मी रुष्ट होती हैं और जातक को अशुभ फल देती हैं।

सूर्यास्त के बाद झाड़ू

सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि इससे माता लक्ष्मी रुष्ट होती हैं। ऐसे में जातकों को कोशिश यह करनी चाहिए कि वे सूर्यास्त से पहले ही समय निकाल कर घर की साफ-सफाई कर लें।

तुलसी

भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। तुलसी को इसी वजह से हरिप्रिया भी कहते हैं। सनातन धर्म में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है। ऐसे में तुलसी के पत्तों को शाम के बाद तोड़ने पर पाबंदी है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी तो नाराज होती ही हैं। इसके साथ-साथ भगवान विष्णु भी जातक से नाराज होते हैं। सूर्यास्त के बाद तुलसी में जल देना भी वर्जित माना गया है।

दूध का दान

गाय को सनातन धर्म में माता का दर्जा प्राप्त है। मान्यता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास है। ऐसे में गाय के शरीर से प्राप्त हर वस्तु को बेहद पवित्र माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख का कारक माना गया है और दूध का दान शुक्र की शांति के लिए किया जाता है। ऐसे में सूर्यास्त के बाद दूध का दान शुक्र देवता को भी नाराज कर सकता है जिसकी वजह से किसी जातक के जीवन में भौतिक सुखों की कमी आ सकती है। सूर्यास्त के बाद दूध के दान से माता लक्ष्मी भी रुष्ट होती हैं।

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सूर्यास्त के समय सोना

सूर्यास्त के समय सोना सनातन धर्म में सही नहीं माना गया है। मान्यता है कि इससे जातक के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही उसके जीवन में दरिद्रता भी आती है। सूर्यास्त का समय योग व साधना और आराधना का वक्त होता है। यही वजह है कि सूर्यास्त के समय शारीरिक संबंध बनाना भी वर्जित माना गया है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी जातकों से रुष्ट हो जाती हैं।

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