चैत्र नवरात्रि इस वर्ष 13 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। चैत्र नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 13 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है और 22 अप्रैल को इसका समापन होगा। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। इस वर्ष घटस्थापना के दिन बेहद दुर्लभ योग बन रहे हैं। नवरात्रि विशेष इस आर्टिकल में जानते हैं कि, नवरात्रि के पहले दिन कौन सा दुर्लभ योग बन रहा है। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है और नवरात्रि से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।
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नवरात्रि के पहले दिन बन रहा दुर्लभ योग
नवरात्रि के इन 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का शुरुआत घट स्थापना से होती है। इसके बाद नौवें दिन हवन आदि के बाद नवरात्रि समाप्त होती है। इस वर्ष नवरात्रि के पहले दिन यानी घट स्थापना के दिन दुर्लभ योग बन रहे हैं। इन दो दुर्लभ योगों में से एक योग हैं विष्कुंभ योग और दूसरा योग है प्रीति योग। घटस्थापना के दिन 3 बजकर 16 मिनट तक विष्कुंभ योग रहने वाला है और इसके ठीक बाद प्रीति योग प्रारंभ हो जाएगा।
इसके अलावा घटस्थापना के दिन करण बव सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहेगा और इसके बाद बालव रात 11 बजकर 31 मिनट तक रहने वाला है। सिर्फ इतना ही नहीं नवरात्रि के पहले दिन यानी घटस्थापना के दिन चंद्रमा भी मेष राशि में संचार करेंगे।
योग कब से कब तक
विष्कुम्भ योग: 12 अप्रैल 2021 को दोपहर 02 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगा और 13 अप्रैल 2021 को दोपहर 03 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगा।
प्रीति योग: 13 अप्रैल 2021 को दोपहर 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा और 14 अप्रैल 2021 को शाम 04 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगा।
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घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
13 अप्रैल 2021 मंगलवार
शुभ मुहूर्त- घटस्थापना मुहूर्त: 05 बजकर 58 मिनट 27 सेकंड से 10 बजकर 14 मिनट 09 सेकंड तक
अवधि : 4 घंटे 15 मिनट
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घट स्थापना पूजन सामग्री
नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। तो जानते हैं कि, घटस्थापना में आपको किन किन पूजन सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए आपको एक मिट्टी का बड़ा बर्तन, एक कलश, सात तरह के अनाज, कलावा, पवित्र गंगाजल, इसके अलावा अशोक या आम के पत्ते, नारियल, सुपारी, सुगंधित फूल और माला, लाल रंग का कपड़ा, भोग के लिए मिठाई, सिंदूर और दूर्वा इत्यादि चाहिए होगा।
घटस्थापना पूजा विधि
- मिट्टी के बर्तन में 7 तरह के अनाज बो दीजिये।
- इसके ऊपर कलश में जल भरकर रख दें। कलश के ऊपर भाग में कलावा अवश्य लपेट दें।
- इसके बाद कलश के ऊपर अशोक के पत्ते रख दें।
- इसके बाद नारियल को लाल कपड़े में लपेट कर इसे कलश के ऊपर रख दें।
- इस प्रकार घटस्थापना पूरी हो जाती है और घटस्थापना पूरी होने के बाद मां दुर्गा का आवाहन किया जाता है।
आशा करते हैं इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
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