रंगो के त्योहार होली से आठ दिनों पहले होलाष्टक लग जाता है। होलाष्टक 8 दिन की वह अवधि होती है जब कोई भी मांगलिक या कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। मान्यता है कि, इन 8 दिनों के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा रहती है जिसका सीधा प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर भी देखने को पड़ता है। यही वजह है कि जहाँ एक तरफ होलाष्टक में पूजा पाठ करने की सलाह दी जाती है वहीं दूसरी तरफ इस दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है।
माना जाता है कि, होलाष्टक की समय अवधि में व्यक्ति की सोचने समझने, निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है और यही वजह है कि, इस दौरान भगवान श्री कृष्ण और भगवान विष्णु के साथ-साथ हनुमान पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। आज मंगलवार भी है ऐसे में आज यानी की 23- मार्च के दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करके आप अपने जीवन में बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ-साथ अपनी सोचने समझने और निर्णय लेने की शक्ति को भी मज़बूत कर सकते हैं।
जीवन की दुविधा दूर करने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट
होलाष्टक में क्या करें
होलाष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है, होली और अष्टक। इस वर्ष होलाष्टक 22 मार्च से प्रारंभ हो चुका है और 28 मार्च तक रहेगा। इस दौरान भगवान हनुमान की पूजा से आपकी सभी मनोकामना अवश्य पूरी होगी और साथ ही जीवन से सभी कष्ट और परेशानियां भी दूर होंगे।
यह भी पढ़ें: Holashtak 2021: 22 मार्च से होलाष्टक प्रारंभ, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा
हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि इन्हें प्रसन्न करना बेहद आसान होता है। हालांकि हनुमान जी की पूजा में व्यक्ति को कुछ खास नियमों का पालन करना होता है तभी हनुमान जी की प्रसन्नता हासिल और मनोकामना पूर्ति की जा सकती है।
यह भी पढ़ें: मंगलवार के टोटके – छप्पर फाड़कर बरसेगा पैसा!
- होलाष्टक में हनुमान जी की पूजा में साफ़ सफाई के साथ-साथ व्यक्ति को ब्रह्माचार्य का पालन करना बेहद आवश्यक होता है।
- हनुमान भगवान की पूजा में तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर उससे लेप करें। साथ ही इस दिन की पूजा में केसर युक्त लाल चंदन का उपयोग करें।
- हनुमान भगवान को चढ़ाया जाने वाला कोई भी भोग या प्रसाद हमेशा शुद्ध देसी घी में ही बनाएं।
- बजरंगबली को केवल लाल और पीले रंग के फूल ही अर्पित किये जाने चाहिए। आप चाहे तो गेंदा, सूरजमुखी और कमल के फूल पूजा में शामिल कर के अर्पित कर सकते हैं।
- इस दिन की पूजा में यदि आप सात्विक कार्य की सफलता के लिए पूजा कर रहे हैं तो रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें और यदि आप तामसिक कार्य की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं तो मूंगे की माला का प्रयोग करें।
आशा करते हैं इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आप सभी का धन्यवाद।