भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार देखा जाये तो शादी का मौसम शुरु होते ही विवाह योग्य संतान के माता-पिता चिंतित होने लगते हैं। ज्योतिषियों के चक्कर लगाने लगते हैं और अपने संतान के लिए एक योग्य वर/वधु की प्राप्ति के लिए विचार विमर्श करने लगते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा गया है कि, यदि किसी भी जातक की मनपसंद वर-कन्या नहीं मिल रही हो या फिर शादी में कोई ना कोई बाधा आ जाती हो तो इससे ना सिर्फ लड़का या लड़की परेशान रहते हैं, बल्कि उनका पूरा परिवार ही परेशान रहने लगता है।
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कुंडली के ये दोष बनते हैं विवाह में रुकावट/देरी की वजह
यह सारा खेल जन्म-कुंडली में स्थित ग्रह योगों व दशाओं का होता है। कहा जाता है कि, यदि किसी भी जातक की जन्म-कुंडली का सप्तम घर किसी अशुभ ग्रहों से ग्रसित हो तो ऐसे जातकों का दांपत्य जीवन का सुख कम और उनके विवाह में विलम्ब होने लगता है। जैसे –
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- कुंडली में पितृ दोष होने के कारण।
- ग्रहों के सप्तम भाव में युति होने के कारण।
- जन्म-कुंडली में मांगलिक दोष होने के कारण।
- सातवें घर का स्वामी नीच ग्रह के साथ अशुभ भाव में बैठा हो तो शादी होने में विलम्ब होता है।
- यदि किसी भी जातक की जन्म-कुंडली में सप्तम भाव में मंगल, शनि व शुक्र के साथ युति कर रहा हो तो विवाह बड़ी उम्र (विलम्ब) में होता है।
- यदि कन्या की कुंडली में लग्न में मंगल, सूर्य व बुध हो और गुरु द्वादश भाव में हो तो कन्या का विवाह देरी से होता है।
- सप्तम भाव में नीच का सूर्य हो तो शादी विलम्ब से होती है या बार-बार बात बनते-बनते बिगड़ जाती है।
- नवमांस कुंडली के लग्न या सप्तम भाव में शनि ग्रह स्थित हो तो शादी विलम्ब से होती है या बार-बार बात बनते बनते बिगड़ जाती है।
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विवाह में विलम्ब तो करें ये उपाय
- 11 सोमवार को 1200 ग्राम चने की दाल लेकर इसके साथ सवा लीटर कच्चा दूध का दान करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें। ऐसा करने से बन रहे रिश्तों में अड़चन नहीं आती है।
- 43 दिन तक किसी भी अलग- अलग कुवांरी कन्याओं को नेलपॉलिश दान करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं और आ रही बढ़ाएं दूर होती है।
- 21 दिन तक संकल्प ले कर ‘दुर्गासप्तशती’ से ‘अर्गलास्तोत्रम्’ तक पाठ करें व साथ ही कन्यायें माँ कात्यायनी देवी की पूजा करें।
- कन्याओं के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो कन्यायें सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना कर 5 नारियल लेकर भगवान शिव के मूर्ति के आगे रखकर “ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः” , मंत्र की पांच माला का जप करें और सभी नारियल मंदिर में चढ़ा दें।
- यदि आपकी पत्रिका में शनि के कारण विवाह में बाधा या विवाह की बात नहीं बन रही है तो शनिवार को शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करें व शनिवार के दिन साबुत उड़द, लोहा, काला तिल और साबुन काले कपड़े में बांधकर दान करें। ऐसा करने से शनि ग्रह से आ रही बाधा दूर होती है और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
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- यदि जन्म-कुंडली में मांगलिक दोष होने के कारण अगर विवाह में अड़चन आ रही हो तो लड़का या लड़की प्रत्येक मंगलवार श्री मंगल चंडिका स्त्रोत का पाठ करें। इस मंत्र का जप करे- ‘ॐ ह्री श्री क्ली सर्व पूज्य देवी मंगल चण्डिके हूँ फट स्वाह।’
- विवाह में आ रही रुकावट दूर करनी हो तो जातक को पीपल की जड़ में लगातार 13 दिन जल चढ़ाने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से विवाह में आ रही अड़चन दूर होती है।
- नित्य प्रतिदिन पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें व गुरुवार को गाय को दो आटे के पेड़े पर थोड़ी हल्दी लगाकर गुड़ तथा चने की गीली दाल के साथ देना चाहिए।
- कुंडली में मंगलिक दोष होने पर शादी में बाधा आ रही है तो मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। हनुमान जी को गेहूं के आटे एवं गुड़ से बने लड्डू का भोग लगाएँ। हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाएं।
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हम आशा करते हैं कि ये लेख आपके लिए सहायक साबित हुआ होगा। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
sadi kab hogga
Thank’s
Marrieg mai deri ho rhi hai
Jambayya knune .shaadi mein rukawat sabi rishtey dekhne se ek nadi bata rahe hai