ज्योतिष से जानें सफल नेता बनने के ग्रहयोग

कोई भी व्यक्ति जैसे ही जन्म लेता है उसी समय से उसके जीवन पर ग्रहों का प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि हमारे जीवन में जो कुछ भी अच्छा या बुरा होता है वो सब इन ग्रहों का ही प्रभाव होता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि यह ग्रह आपके जीवन को कैसे प्रभावित करने वाले हैं तो अभी विशेषज्ञ ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें। 

भारतीय वैदिक ज्योतिषशास्त्र में शनि ग्रह को पंच तारा ग्रहों में न्याय कारक ग्रह का माना गया है। राजनीति में शनि ग्रह का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वर्तमान समय में लोग शनि का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं और उस डर से अपने अनेकों प्रकार के कार्यों में विघ्न उत्पन्न कर लेते हैं, क्योंकि मन में एक ही बात चलती रहती है कि, शनि जन्मकुंडली में कहीं बुरा प्रभाव तो नहीं दे रहा। 

मानव जीवन में शनि का प्रभाव बुरा ही नहीं अपितु शुभ भी होता है। शनि ग्रह अन्य सभी ग्रहों से भी अच्छा फल देता है जो की जातक को गरीबी से उठा कर एक उच्च पद तक पहुंचा देता है। शनि का राजनीति से बहुत बड़ा सम्बन्ध है। शनि को वक्ता ग्रह (अधिक बोलने वाला) भी माना गया है।

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राजनैतिक क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए वाचाल शक्ति का होना बेहद आवश्यक है जो की शनि प्रदान करता है। यदि शनि का हमारे जीवन में एक शुभ प्रभाव है तो शनि हमको उचाईयों तक पहुंचा देता है। शनि महाराज को काल पुरुष का दण्डाधिकारी कहा गया है। सदैव कर्मक्षेत्र पर शनि ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है। शनि ग्रह अत्यधिक धनवान व्यक्ति को भी कर्म से जोड़े रखता है और व्यक्ति को कर्मनिष्ठ बना देता है।  

समाज, संगठन, समिति तथा निचले स्तर के लोगो पर शनि का विशेष प्रभाव रहता है। शनि कालपुरुष यानि मानव जीवन का दुख ग्रह भी माना गया है। जन्मकुंडली मे शनि के अशुभ मात्र से आदमी का जीवन दुखद हो जाता है और यही ग्रह सुधरने से जीवन खुशियों से भर देता है। बात करते हैं राजनीति में शनि ग्रह का किस प्रकार से है महत्वपूर्ण योगदान है।

 बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय 

जानिए कैसे कराता है शनि ग्रह राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश 

शनि के अद्भुत शुभ प्रभाव से ही सम्पूर्ण चाराचर जगत में अन्याय से बच कर न्याय के निर्माण व उन्हें लागू करने की क्षमता व्यक्ति के हृदय में स्वतः ही आ जाती है। शनि एक ऐसा ग्रह है जो जातक को रंक से राजा व राजा से रंक भी बना देता है। शनि ग्रह यदि किसी भी जातक की जन्मकुंडली के प्रथम घर में शुभ अवस्था में विराजित हो तो व्यक्ति को एक राजनेता बना देता है। ऐसे लक्षण व्यक्ति में बचपन से दिखने लग जाते है। ऐसे पूरे विश्व में कई उदाहरण हैं जो हमारे सामने प्रत्यक्ष रूप से मौजूद हैं। इस बारे में आचार्यों के अनेक मत भी हैं कि, यदि किसी भी जातक की जन्मकुंडली के दशम भाव से शनि का मित्र संबंध हो तो राजनीति में योग्य स्थान प्राप्त कराता है। 

जन्मकुंडली में शनि का संबंध छठे, सातवें, दसवें व ग्यारहवें भाव से देखा गया है। छठे भाव को सेवा का भाव कहते हैं। व्यक्ति में सेवा भाव होने के लिए इस भाव से दशम या दशमेश का संबंध होना चाहिए। व्यक्ति सफल राजनीतिज्ञ बनेगा या नहीं इसका बहुत कुछ उसके जन्मकालिक ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। अन्य व्यवसायों एवं करियर की भांति ही राजनीति में प्रवेश करने वालों की कुंडली में भी ज्योतिषीय योग होते हैं। दशम भाव में उच्च, मूल त्रिकोण या स्व-राशिगत ग्रह के बैठने से व्यक्ति को राजनीति के क्षेत्र में बल प्रदान होता है। 

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कुंडली में राजनीति के कुछ और खास ग्रह योग  

कुंडली में ऐसे कुछ  खास योग होते हैं जो व्यक्ति के राजनीतिज्ञ होने का संकेत देते हैं। जैसे – 

  • विद्वानों का मानना है कि, अगर इन चारों भावों में राहु हो तो इसका अर्थ यह होता है कि वह व्यक्ति आगे चलकर अवश्य ही राजनीति की दुनिया में नाम कमाएगा या कोई बड़ा नेता बनेगा।
  • कुंडली में शनि ग्रह के अनुकूल रहने पर ऐसे व्यक्ति को राजनीति में जनता का सहयोग और लोकप्रियता मिलती है।
  • कुंडली में गुरु के शुभ भाव में मजबूत स्थिति में मौजूद रहने से ऐसा जातक राजनीति में हमेशा सफलता की बु​लंदियों को छूता है और मंत्री जैसे पद हासिल करता है।
  • अगर व्यक्ति की कुंडली के दशम भाव में सभी ग्रह शुभ स्थिति में हों तो यह व्यक्ति को राजनीतिक सफलता दिलाता है, वहीं दशमेश के सप्तम भाव से जुड़ा होने पर व्यक्ति राजनीति में सामान्य से ज्यादा सफलता पाता है।
  • कुंडली का छ्ठा भाव व्यक्ति की करुणा से संबंधित होता है और उसे सेवा भाव की ओर अग्रसर करता है, इसलिए कहा जाता है कि, अगर यह शुभ दशा में और दसवें भाव से जुड़ा हो तो यह व्यक्ति जन-जन का प्रिय नेता बनता है। साथ ही साथ राजनीति के अलावा अपने सत्कार्यों के लिए भी प्रसिद्धि पाता है।
  • कुंडली के चौथे भाव को जनता का कारक माना है इसलिए अगर राजनीति में  आगे बढ़ने की महत्वकांक्षा है तो कुंडली के चतुर्थ भाव या चतुर्थेश का मजबूत होना बहुत आवश्यक है।
  • कुंडली में मजबूत ग्रह स्थितियों के होने के अलावा शुभ योगों के बनने से राजनीति में सफल होने की पूर्ण संभावना बनती है। गजकेसरी योग,बुधादित्य योग आदि शुभ योग होने से जातक सफल राजनेता बनता है।

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