AstroSage यानी चीन की चाल को करारा जवाब!

कामयाबी की कुछ कहानियां मेहनत और जुनून के हर्फ से वक़्त की ज़मीन पर इतनी ख़ामोशी से लिखी जाती हैं कि कई बार उन दास्तानों के बेमिसाल होने का पता नहीं चलता। ऐसी ही एक अनसुनी कहानी है एस्ट्रोसेजडॉटकॉम की।

दरअसल, चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ उपजे आक्रोश और फिर भारत सरकार द्वारा 59 चीनी ऐप पर पाबंदी की घोषणा के बीच एस्ट्रोसेजडॉटकॉम की कामयाबी की दास्तां और उल्लेखनीय हो जाती है,क्योंकि इस 100 फीसदी ‘स्वदेशी स्टार्टअप’ की कामयाबी उन स्टार्टअप्स के लिए मिसाल है,जो कामयाबी की पहली सीढ़ी चढ़ते ही पूंजी के लिए स्वयं को चीनी कंपनियों के हाथों गिरवी रख देते हैं।

आपकी पसंदीदा वेबसाइट एस्ट्रोसेज पूरी तरह स्वदेशी है यानी इसमें एक पैसे का भी विदेशी पैसा नहीं है। लेकिन, हमारे लिए और हर भारतीय के लिए यह गर्व की बात है कि बावजूद इसके एस्ट्रोसेज अपने क्षेत्र अर्थात ऑनलाइन ज्योतिष सेवा प्रदान करने के मामले में दुनिया की सबसे प्रमुख साइट है। ओजस सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित एस्ट्रोसेजडॉटकॉम एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जो हर एक मायने में उस ‘लोकल’ के सच्चे प्रतिमानों पर पूरी तरह खरा उतरता है, जिसके लिए ‘वोकल’ होने की अपील खुद पीएम मोदी ने की है।

एस्ट्रोसेज न सिर्फ देश बल्कि दुनिया भर में भारतीय ज्योतिष का सबसे बड़ा ब्रांड है। कुछ आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। मसलन-

  • चार करोड़ से ज्यादा लोग हमारे ऐप का इस्तेमाल करते हैं
  • एस्ट्रोसेज की वेबसाइट के प्रतिदिन के एक्टिव यूजर्स की संख्या दस लाख से ज्यादा है
  • 5 लाख से ज्यादा ज्योतिषी हमारे पैनल पर हैं
  • एस्ट्रोसेज की सेवाएं तमिल, तेलुगु, मराठी, बांग्ला समेत 9 भाषाओं में है,जो अपने आप में बेहद अनूठी बात है
  • एस्ट्रोसेज के यूट्यूब चैनल के 12 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं,जो इसे देश के सबसे बड़े ज्योतिषीय चैनल में एक बनाता है

एस्ट्रोसेज की इस कामयाबी के पीछे सिर्फ कारोबारी रणनीति नहीं है बल्कि राष्ट्रीय और सामाजिक मूल्य भी हैं। हमारा लक्ष्य नई तकनीक की मदद से ज्योतिष के वैज्ञानिक पक्ष का प्रचार प्रसार करना है । लोगों को सटीक जानकारी देना और उन्हें ज्योतिष के नाम पर होने वाले फरेब से बचाना है। यही वजह है कि एस्ट्रोसेज की 95% सेवाएं निशुल्क हैं।

दरअसल, आज इन बातों का उल्लेख इसलिए आवश्यक लगा क्योंकि अधिकांश भारतीय स्टार्टअप ने कामयाबी की पहली सीढ़ी चढ़ते ही चीनी पूंजी के आगे घुटने टेक दिए। पेटीएम से लेकर बाइजू जैसे सैकड़ों ऐप हैं,जो स्वदेशी का मंत्र पढ़ते हुए शुरु हुए, लेकिन फिर चीनी कंपनियों की विस्तारवादी नीतियों के आगे बेबस हो गए क्योंकि उन्हें पूंजी की जरुरत थी। लेकिन, एस्ट्रोसेज ने एकला चलो की नीति का अनुसरण करते हुए उस स्वदेशी की राह पकड़ी, जिसका रास्ता महात्मा गांधी ने दिखाया था। एस्ट्रोसेज ने धीरे धीरे विकास के पथ पर कदम बढ़ाए, लेकिन ऐसे बढ़ाए कि कोई चीनी-जापानी कंपनी उसे डिगा ना सके। और इस बीच, जो विश्वसनीयता एस्ट्रोसेज ने हासिल की, वो अनमोल थी। आज आप ऑनलाइन ज्योतिष सेवा का इस्तेमाल करने वाले किसी भी उपयोक्ता से बात कीजिए तो आपको पता चलेगा कि 99  फीसदी लोग एस्ट्रोसेज या उसका ऐप इस्तेमाल करते हैं।

आज मैं एस्ट्रोसेज की कहानी पर ग़ौर करता हूं तो कामयाबी चौंकाती भी है, और गर्व करने की वजह भी देती है। 2008 में इस कंपनी की शुरुआत एक छोटे से फ्लैट के एक कमरे में हुई थी, जिसका आधा किराया हम देते थे, और आधा एक दूसरा किराएदार। मैंने उस वक्त ‘सहारा समय’ छोड़ा था, और टेलीविजन न्यूज चैनल के मोहभंग के बीच असमंजस में था।

दूसरी तरफ, मेरा छोटा भाई पुनीत पांडे, जो इस कंपनी का मास्टरमाइंड है, वो अमेरिका में था। उसने साल 2000 में पामटॉप कंप्यूटर के लिए देश का पहला ज्योतिषीय सॉफ्टवेयर बनाया था। उस वक्त एक कंपनी शुरु की थी, जो अलग अलग वजह से विफल हो गई थी और उसने अपने करियर के लिए अमेरिका की राह पकड़ ली थी। लेकिन, पुनीत के मन में स्वदेश में ही कुछ करने की इच्छा थी। ऐसे में, मेरे सहारा छोड़ने के बाद हमने ओजस सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया। सबसे छोटे भाई प्रतीक पांडे ने एमसीए करने के दौरान ही कंपनी को ज्वाइन कर लिया।

पुनीत अमेरिका में रहते हुए ज्योतिष के सॉफ्टवेयरों को उन्नत बनाने के साथ छोटी सी ज्योतिष की वेबसाइट अपने बूते संचालित कर रहा था, जिसने हमने 2008 में व्यवसायिक तरीके संचालित करने का फैसला किया। पुनीत ग्रीन कार्ड सरेंडर कर वापस लौट आया ताकि देश में ही कुछ नया किया जा सके। एक साल में ही मेहनत रंग लाई और एस्ट्रोसेज फ्लैट से निकलकर एक छोटे से दफ्तर में शिफ्ट हुआ। इसके बाद धीरे धीरे ऑफिस बड़ा होता चला गया और कर्मचारी बढ़ते गए। ज्योतिष की हर विधा को अपनाते हुए एस्ट्रोसेज ने मजबूती से कदम बढ़ाए और खुद के लिए नए क्षितिज की तलाश की।

आज एस्ट्रोसेज उन चंद स्टार्ट-अप में शामिल है जो न सिर्फ लाभ में चल रहे हैं बल्कि इस क्षेत्र में नए प्रयोग, नए अनुसंधान करते हुए विकास की असीमित संभावनाओं से भरे हुए हैं।

एस्ट्रोसेज की स्वर्णिम कामयाबी का एक दूसरा पहलू भी है। जबकि देश के कई स्टार्ट-अप में चीन का निवेश हो चुका है, एस्ट्रोसेज ने एक बड़ा फैसला लेते हुए ऐसे निवेश से इनकार कर दिया। कई मौके आए, जब चीन की कंपनियों ने निवेश का प्रस्ताव दिया, लेकिन एस्ट्रोसेज ने विस्तार के लिए चीनी पूंजी की मदद लेने से इंकार कर दिया क्योंकि हमें मालूम था कि ऐसा करते ही निर्णय लेने की हमारी ताकत पर चीनी ग्रहण लग जाएगा। आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें रहीं लेकिन संसाधनों की कमी को एस्ट्रोसेज ने दूसरे तरीकों से पूरा किया। बड़े निवेशकर्ताओं को जवाब देने के लिए ‘एस्ट्रोसेज क्लाउड’, ‘ध्रुव एस्ट्रो सॉफ्टवेयर’ और ‘एस्ट्रोसेज वार्ता’ जैसी सेवाएं शुरु की। यहाँ तक कि ऐसे लोग जो अपने व्यक्तित्व के अनुसार सही “करियर” चुनने की इच्छा रखते हैं, एस्ट्रोसेज उनके लिए भी नयी पद्धति “कॉग्निएस्ट्रो” लेकर आया है।

दरअसल, इस कहानी को बताने का मकसद यही है कि “लोकल के लिए वोकल” सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि कई स्टार्टअप इसे जी रहे हैं। जहां तक एस्ट्रोसेज का सवाल है तो इसकी कामयाबी की कहानी इसके उपयोक्ताओं के बिना अधूरी है। तो आप सभी एस्ट्रोसेज उपयोक्ताओं का बहुत बहुत आभार, जिन्होंने इसे देश-दुनिया का सबसे बड़ा और विश्वसनीय ज्योतिषीय ब्रांड बनाया। हमें उम्मीद है कि हम आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे और 100 फीसदी स्वदेशी इस ब्रांड को आपके भरोसे नयी ऊंचाईयों तक ले जाएंगे।

आमीन!

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