जैसा सभी जानते हैं कि हिंदू पंचांग अनुसार एक वर्ष में 12 महीने होते हैं, जिसमें से कार्तिक का महीना भगवान विष्णु का महीना माना गया है। कार्तिक के महीने में ही कई शुभ त्यौहार मनाए जाते हैं, जैसे: करवाचौथ, धनतेरस, नरक चतुर्दशी दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा। ऐसे में हिन्दू धर्म अनुसार इस महीने में दान, स्नान और तुलसी पूजा का विशेष महत्व होता है।
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कार्तिक माह में स्नान-दान का महत्व
माना जाता है कि कार्तिक के महीने में किसी भी बह्म मुहूर्त में स्नान करके भगवान विष्णु और तुलसी पूजन करना चाहिए। कार्तिक माह में ही तुलसी विवाह भी संपन्न कराए जाते हैं। जिस दौरान लोग सुबह सवेरे उठकर गंगा स्नान करते हैं। इसके अलावा इस महीने दीपदान का भी बहुत महत्व है, लेकिन इस महीने तीन दीपावली का सबसे अधिक महत्व होता है।
कार्तिक माह की तीन दिवाली का महत्व
कार्तिक मास में ही तीन दिवाली आती हैं। जिसमें से कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी को छोटी दिवाली मनाई जाती है जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इसके बाद कार्तिक अमावस्या को बड़ी दिवाली मनाए जाने का विधान हैं एवं इसके बाद कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में उक्त तीनों ही दिवाली का बहुत ही खास महत्व होता है। ऐसे में आइये जानते हैं वो ख़ास उपाय जो इन तीन दिवाली के दौरान करने से मां लक्ष्मी और कुबेर देव की कृपा आप भी प्राप्त कर सकते हैं:-
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- नरक चतुर्दशी
नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली और काली चौदस भी कहा जाता है। इसी दिन हनुमान जयंती भी होती है। जिस दौरान विशेष तौर पर शाम के समय हनुमान पूजा, काली पूजा और यमराज के निमित्त दिए जलाए जाने का विधान है। माना जाता है कि छोटी दिवाली पर ऐसा करने से हर तरह का भय समाप्त हो जाता है और परिवार की अकाल मृत्यु नहीं होती है।
- बड़ी दिवाली
कार्तिक अमावस्या के दिन बड़ी दिवाली मनाई जाती है। माना जाता है कि यदि कोई इस विशेष दिन धनिया के ताजे पत्ते खरीदकर घर लाता है और फिर उन पत्तों को किसी गमले में लगा देता है तो मान्यता अनुसार यदि इसका पौधा चेत गया तो आपके घर में साल भर धन की वर्षा होती रहती है। हालांकि इस दौरान ये महाउपाय किसी ज्योतिष या जानकार से पूछकर ही करना शुभ होता है।
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- देव दिवाली
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है, जिसे मान्यता अनुसार देवता मनाते हैं। शास्त्रों की माने तो देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं। ऐसे में यदि कोई भी मनुष्य इस दिन गंगा के तट पर दीप जलाकर देवताओं से किसी मनोकामना को लेकर प्रार्थना करता है तो देवता उसे निश्चित ही स्वीकार कर उसे पूर्ण करते हैं। इसके साथ ही इस दिन घरों में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाना और भगवान विष्णु की पूजा करना भी शुभ माना गया है। ऐसा करने से कहा जाता है कि माता लक्ष्मी सदा के लिए प्रसन्न हो जाती है। इस दिन दीपदान करने से भी व्यक्ति को लंबी आयु की प्राप्ति होती है।
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