जानें ओणम पर्व से जुड़ी 6 खास बातें

ओणम के पर्व के बारे में यह बात तो लगभग भारत के सभी लोग जानते हैं कि, यह पर्व राजा बलि को याद करते हुए मनाया जाता है। साल 2019 में ओणम का त्योहार 1 सितंबर से 13 सितंबर तक मनाया जाएग, हालांकि ओणम का मुख्य पर्व 11 सितंबर को मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि ओणम के दौरान राजा बलि अपनी प्रजा को देखने आते हैं। मुख्यतौर पर यह पर्व केरल में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि राजा बलि केरल के राजा थे और जब तक उन्होंने वहां राजा किया तब तक प्रजा बहुत खुशहाल थी। राजा बलि को महादानी और महाबली भी कहा जाता है। एक समय ऐसा भी था जब बलि ने तीनों लोकों पर अपना अधिपत्य जमा लिया था। इसके बाद भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर दो पग में ही उनके सारे राज्य को ले लिया था और उन्हें पाताल लोक भेज दिया था। हालांकि साल में एक दिन राजा बलि अपनी प्रजा को देखने आते हैं और इसी दिन को ओणम के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोगों द्वारा कुछ खास काम किये जाते हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

ओणम पर्व से जुड़ी 6 खास बातें

  • केरल के लोगों के लिये ओणम का त्योहार बहुत महत्व रखता है। इस दिन मलयाली समाज के लोग एक-दूसरे से गले मिलते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इसके साथ ही इस दिन लोग अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं।
  • ओणम पर्व के दिन राजा बलि के स्वागत में लोगों द्वारा घरों को सजाया जाता है और घर में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं।
  • ओणम के पर्व को नयी फसल के आने की खुशी में भी लोगों द्वारा मनाया जाता है।
  • लोग इस दिन को इतना खास मानते हैं कि इस दिन घर के सामने या आंगन में रंगोली बनाते हैं और दीये जलाते हैं।
  • हैं इस दिन गुड़, चावल और नारियल के दूध को मिलाकर लोगों द्वारा खीर बनाई जाती है। इस खीर को बांटा भी जाता है।
  • घर में सांभर और कई तरह की सब्जियां इस पर्व के दौरान बनाई जाती हैं।

धार्मिक मतानुसार ओणम के दिन यदि श्रावण नक्षत्र हो तो इस दिन की अहमियत और भी ज्यादा हो जाती है। भक्तों को ओणम के दिन उपवास रखना चाहिये और भगवान विष्णु के वामन अवतार की प्रतिमा घर में स्थापित करनी चाहिये। इस दिन जो भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान की पूजा करते हैं उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं और उनपर प्रभु की कृपा बरसती है।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.