एमपी में होगी शिव‘राज’ की वापसी!

पिछले १५ वर्षों से मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का शासन है और करीब 13 वर्ष से शिवराज सिंह चौहान वहाँ के मुख्यमंत्री हैं। 28 नवम्बर को मध्य प्रद्रेश में विधानसभा चुनाव है और ११ दिसम्बर को परिणाम सबके सामने होंगे।

बहुत लम्बे समय तक किसी दल की सरकार किसी राज्य में बनी रहे तो जनता भी उकता जाती है और सिर्फ बदलाव की खातिर किसी नए दल को मौका दे देती है, वो सही निर्णय होता है कि नहीं यह अलग विषय है किन्तु बहुत बार ऐसा देखा गया है।

राजनीतिक हलकों में भी यह चर्चा गर्म है कि क्या भारतीय जनता पार्टी दोबारा सत्ता में आएगी? मैं स्वयं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ और मेरी भी यह जानने की उत्सुकता थी कि क्या होगा, तो मैंने १ से २४९ के बीच में एक अंक चुना जो कि २२ आया। यह मेष की समाप्ति का अंक है।

लम्बे समय से सत्ता में बने रहने के कारण बहुत लोग ऐसा भी बोलने लगे हैं कि शिवराज सिंह को अत्यधिक अहंकार हो चुका है और यह उनकी सरकार को ले डूबेगा। देखा जाय तो इस शासनकाल में काफी अच्छे निर्णय भी लिए गए हैं और साथ ही साथ घपले आदि की भी छिटपुट खबरें आती रहीं हैं।

तीर्थ दर्शन योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों की सहायता आदि काफी कार्य हुए और रेत माफिया से जुड़ने के आरोप भी लगते रहे। लोकतंत्र में आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं | जहां तक मेरी समझ है मध्य प्रदेश की जनता काफी बातें ध्यान में रख कर अपना मतदान करती है और हिंदुत्व का मुद्दा मध्य प्रदेश में भी काफी वोट बटोरता है |

एमपी में कॉंग्रेस पार्टी ही एकमात्र विपक्ष है जिसके काफी नेता पहले ही भारतीय जनता पार्टी में जा चुके हैं और काफी नेताओं पर इस शासनकाल में कानूनी विवाद बने हुए हैं |फिर भी इनके नेता गण एक अच्छे विपक्ष की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं जो कि अच्छे लोक तंत्र के लिए बहुत ही बढ़िया है |

के पी पद्धति के अनुसार यदि छठे घर का उप नक्षत्र स्वामी लाभ दशम अथवा छठे भाव का सबल कार्येष है तो व्यक्ति के पक्ष में परिणाम आता है अन्यथा विरोधी के पक्ष में। यहाँ छठे घर का उपनक्षत्र स्वामी बुध है जो कि छठे भाव में ही स्थित है। यह बुध राहू के नक्षत्र में है जो तृतीय भाव में है।

प्रश्न के समय चंद्रमा गुरु के नक्षत्र में और राहू के उपनक्षत्र में है जो कि विरोधी के लिए बेहतर है। लाभ भाव का उपनक्षत्र स्वामी भी बुध और विरोधी के लाभ का स्वामी भी बुध है अतः विरोधी को लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। मतदान 28 नवम्बर को होगा, छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी शुक्र है जो कि स्वयं छठे भाव में उपस्थित है और यह शुक्र मंगल के नक्षत्र में होकर अपने ही उपनक्षत्र में है। यही विरोधी का भी उपनक्षत्र स्वामी है अतः विरोधी को लाभ की संभावना नगण्य है।

फलादेश: इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ही प्रदेश में पुनः सरकार बनाएगी। विपक्ष के

अथक प्रयास रहेंगे किन्तु लाभ नहीं मिलेगा।

आचार्य रमन
आचार्य रमन जाने-माने ज्योतिषाचार्य हैं। ज्योतिष, गूढ़ विद्या, हस्त रेखा ज्योतिष और अंक ज्योतिष के क्षेत्र में इन्हें वर्षों का अनुभव है। इनका उद्देश्य है कि ज्योतिष विद्या के माध्यम से लोगों की समस्या का निदान प्रभावी ढंग से किया जाये।

(डिस्क्लेमर: आलेख में व्यक्त किये गये विचार लेखक के अपने निजी विचार हैं।)

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