जानें शनि की साढ़े साती का प्रभाव और बचने के उपाय

शनि की साढ़े साती अक्सर लोगों को भयभीत कर देती है, लेकिन वास्तव में इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिससे डरने वाली कोई बात हो। शनि की साढ़े साती हमेशा सबके लिए अशुभ नहीं होती। वस्तुत: इसका अच्छा और बुरा दोनों तरह का प्रभाव होता है। आइए जानते हैं, क्या है शनि की साढ़े साती और शनि की ढईया, क्या होता इसका प्रभाव और क्या हैं इसके उपाय?

शनि की साढ़े साती क्या होती है?

जब किसी व्यक्ति के जन्मकालीन चंद्रमा से शनि का गोचर बारहवें भाव में हो रहा हो तब साढ़े साती का आरंभ होता है। वहीं जब शनि जन्म कालीन चंद्रमा से तृतीय भाव में प्रवेश करता है तो इसका समापन होता है। प्रत्येक भाव में इसके गुज़रने की अवधि ढाई साल की होती है, लेकिन तीन भावों से गुज़रने में इसे साढ़े सात वर्ष का समय लग जाता है, इसी कारण इसे शनि की साढ़े साती के नाम से जाना जाता है।

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शनि की ढैय्या क्या होती है?

साढे साती के अतिरिक्त शनि का एक और गोचर होता है जिसे ढैय्या की संज्ञा दी गई है। इसका निर्धारण कुछ इस प्रकार होता है। जब शनि का गोचर जन्मकालीन चंद्रमा से चौथे या आठवें भाव में होता है, तो इसे ढैय्या कहा जाता है। इसका प्रभाव ढाई वर्षों तक होने के कारण ही इसे ढइया कहते हैं।

शनि देव

शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या के प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार शनि ग्रह को क्रूर अथवा पापी ग्रह कहा जाता है। हालांकि यह कर्मों के अनुसार ही फल देता है इसलिए शनि को कर्म का स्वामी कहा जाता है। साढ़े साती के दौरान शनि विभिन्न राशि अलग-अलग फल देता है। इस समय कार्य में बाधाएँ, काम में देरी, मानसिक तनाव तथा अन्य प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। हालांकि इन सबसे बचने के लिए ज्योतिष में शनि ग्रह से संबंधित उपाय भी बताए गए हैं, जिनकी मदद से शनि की साढ़े साती के दुष्प्रभावों को कम किया जाता सकता है।

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शनि की साढ़े साती से बचने के उपाय

  1. शनिवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएँ व हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  2. शनिवार के दिन जटा वाले ग्यारह नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
  3. छाया पात्र का दान करें।
  4. शनि मंत्र का जप करें।
  5. दशांश हवन करें।
  6. शनिवार का व्रत धारण करें।
  7. सप्तधान्य (सात प्रकार का अनाज) का दान करें।
  8. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें।
  9. सरसों तेल का दान करें।
  10. कुष्ट रोगियों की सेवा करें।
  11. बंदरों को गुड़ खिलाएँ।
  12. शराब और मांसाहार से बचें।
  13. चींटियों को आटा डालें।
  14. ग़रीबों को जूते व काले वस्त्र दान करें।
  15. काली गाय को चारा खिलाएँ।

शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या के बुरे प्रभावों से बचने के लिए ये उपाय बहुत आसान और कारगर हैं। इनके द्वारा आप शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने में सफल होंगे।  

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