अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 07 जुलाई से 13 जुलाई, 2024

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (07 जुलाई से 13 जुलाई, 2024)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

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मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 1 वालों को इस सप्ताह अपनी नियमित दिनचर्या का पालन करना मुश्किल लग सकता है। इन जातकों की रुचि अध्यात्म में देखने को मिलेगी जो आपके लिए सकारात्मक साबित होगी। 

प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप पार्टनर के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में कठिनाई का अनुभव कर सकते हैं क्योंकि आप दोनों की आपसी समझ की कमी की वजह से बहस हो सकती है। ऐसे में, आप दोनों के रिश्ते से खुशियां नदारद रह सकती हैं। आपके मन-मस्तिष्क में अनेक तरह के विचार चल रहे होंगे जिसके कारण रिलेशनशिप में सौहार्द की कमी महसूस हो सकती है।

शिक्षा:  इस सप्ताह के दौरान एकाग्र क्षमता कमज़ोर होने की वजह से आपको शिक्षा में गिरावट देखने को मिल सकती है। संभव है कि आप जो भी पढ़ें उसे याद न रख पाएं। 

पेशेवर जीवन: यह हफ़्ता आपकी नौकरी के लिए ज्यादा ख़ास नहीं रहने की आशंका है क्योंकि इस दौरान आपको सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ रिश्ते में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।

स्वास्थ्य: मूलांक 1 के जातकों को अपनी सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। इसका कारण आपमें ऊर्जा और उत्साह की कमी हो सकती है। ऐसे में, आपको फिटनेस बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ गं गणपतये नमः” का 108 बार जाप करें।

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 2 के जातकों का मनोबल काफ़ी ऊंचा रहेगा जिससे आपको सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। इस सप्ताह का इस्तेमाल आप महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने के लिए करेंगे और यह आपके लिए फलदायी रहेंगे। 

प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप पार्टनर के साथ रिश्ते में संतुष्ट होने की वजह से ख़ुश रहेंगे। ऐसे में, आप दूसरों के साथ खुलकर बात करते हुए नज़र आएंगे।

शिक्षा: मूलांक 2 के जातक शिक्षा के क्षेत्र में अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए अपनी एक अलग जगह बनाने में सक्षम होंगे। इस दौरान आप शिक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकेंगे।

पेशेवर जीवन: अगर आप नौकरी करते हैं, तो इस सप्ताह कार्यक्षेत्र में आप अच्छी सफलता हासिल करने में सफल रहेंगे। वहीं, जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें अपनी उम्मीद से ज्यादा मुनाफा मिलने के योग बनेगा। इस दौरान आप प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे। 

स्वास्थ्य: सेहत की बात करें, तो आप जोश से भरे रहेंगे जिसके चलते आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। हालांकि, आपको कोई बड़ी समस्या परेशान नहीं करेगी, लेकिन सिर दर्द की समस्या बनी रह सकती है। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ सोमाय नमः” का 20 बार जाप करें।

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मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 3 के जातक काम में जो भी प्रयास करेंगे, उसमें विशेषज्ञता हासिल करने में सफल होंगे।

प्रेम जीवन: यह हफ़्ता आपके लिए शानदार रहेगा क्योंकि आप पार्टनर के साथ रिश्ते में खुशियां बनाए रखेंगे। इस दौरान आप धर्म-कर्म के कार्यों की वजह से यात्रा पर भी जा सकते हैं और इस तरह की यात्राएं आपके जीवन में उच्च मूल्य स्थापित करने में सहायता करेगी। साथ ही, आपके जीवनशैली में बदलाव लेकर आएगी।

शिक्षा: मूलांक 3 के छात्रों का प्रदर्शन शिक्षा में काफ़ी अच्छा रहेगा। इन लोगों के लिए फाइनेंस एकाउंटिंग और बिज़नेस मैनेजमेंट जैसे कोर्स में एडमिशन लेना फलदायी रहेगा। ऐसे में, आप अपनी योग्यताओं का प्रदर्शन कर सकेंगे।

पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आप मौजूदा नौकरी में विशेषज्ञता प्राप्त करने में सक्षम होंगे। अगर आप व्यापार करते हैं, तो इस अवधि में आप अच्छी बिजनेस डील करने में सफल रहेंगे।

स्वास्थ्य: मूलांक 3 वाले इस अवधि में ऊर्जावान रहेंगे और ऐसे में, आप सकारात्मक महसूस करेंगे। यह सकारात्मकता आपको उत्साह से भरने का काम करेगी। 

उपाय: गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 4 वालों को इस सप्ताह हर काम योजना बनाकर करना होगा, अन्यथा इन जातकों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कोई महत्वपूर्ण फैसला लेते समय आप भ्रमित महसूस कर सकते हैं। 

प्रेम जीवन: इस मूलांक के जातकों के लिए यह सप्ताह ज्यादा अनुकूल नहीं रहने की आशंका है क्योंकि पार्टनर के साथ रिश्ते को मधुर बनाए रखना आपके लिए आसान नहीं होगा। ऐसे में, आपके लिए रिश्ते में सामंजस्य बिठाना जरूरी होगा जिससे आप दोनों के बीच आपसी तालमेल और ख़ुशियाँ बनी रहें। 

शिक्षा: शिक्षा की दृष्टि से, इस हफ्ते को आपके लिए ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप, पढ़ाई में अच्छे परिणाम पाने के लिए आपको अत्यधिक प्रयास और मेहनत करनी होगी। साथ ही, इन छात्रों को शिक्षा की योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा। 

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें, तो इस सप्ताह मूलांक 4 के जातकों पर कार्यक्षेत्र में काम का दबाव काफ़ी अधिक हो सकता है जो कि आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है। इसके विपरीत, जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें बिज़नेस में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, इस मूलांक के जातकों को अपनी सेहत बेहतर बनाए रखने के लिए खानपान समय पर करना होगा, अन्यथा आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं परेशां कर सकती हैं जिसकी वजह से आपमें ऊर्जा की कमी दिखाई दे सकती है।

उपाय: प्रतिदिन “ॐ दुर्गाय नमः” का 22 बार जाप करें।

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मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 5 के जातकों को इस समय कार्यों में सफलता प्राप्ति के योग बनेंगे और साथ ही, आप अपने लक्ष्यों को पाने में भी सक्षम होंगे। यह सप्ताह आपके लिए नए अवसर लेकर आएगा जिससे आप संतुष्ट दिखाई देंगे। इसके अलावा, अगर आप कोई नया निवेश करने की सोच रहे हैं, तो आप इस अवधि में ऐसा कर सकते हैं। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में मूलांक 5 के जातक सातवें आसमान पर होंगे और इसके परिणामस्वरूप, पार्टनर एवं आपके बीच आपसी समझ शानदार रहेगी। यह अवधि आपके प्रेम जीवन के लिए अच्छी रहेगी और आपको साथी के साथ कीमती समय बिताने के अवसर मिलेंगे।

शिक्षा: इस सप्ताह के दौरान आप शिक्षा के क्षेत्र में अपनी स्किल्स और योग्यताओं को साबित करने में सक्षम होंगे। साथ ही, इस दिशा में आप तेज़ी के साथ आगे बढ़ते हुए दिखाई  दे सकते हैं।

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें, तो मूलांक 5 के जातक काम में अपनी चमक बिखेरेंगे और आपकी योग्यता को दूसरे के सामने साबित करेंगे। जो लोग व्यापार करते हैं, उन्हें इस अवधि में कुछ अच्छे परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। 

स्वास्थ्य: मूलांक 5 वाले उत्साह से भरे रहेंगे और ऐसे में, आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा।  जिसकी वजह आपकी प्रसन्नता होगी। इस सप्ताह आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी।

उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 41 बार जाप करें। 

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मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

बात करें ट्रेवल और धन कमाने की, तो मूलांक 6 के जातकों को इस संबंध में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। इस सप्ताह आप पर्याप्त मात्रा में पैसा कमाने के साथ-साथ धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। इस दौरान आप नई-नई चीज़ें सीखेंगे जिससे आपके महत्व में वृद्धि होगी।

प्रेम जीवन: मूलांक 6 के जातक इस सप्ताह रिश्ते में अपने पार्टनर के साथ खुश और संतुष्ट नज़र आएंगे। आप दोनों के रिश्ते में आकर्षण बढ़ेगा।

शिक्षा: मूलांक 6 के जातक कुछ खास विषयों जैसे कम्युनिकेशन, इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर आदि में विशेषज्ञता हासिल करेंगे। आप स्वयं  के लिए नए लक्ष्य स्थापित करेंगे। साथ ही, आप दूसरे छात्रों के लिए एक मिसाल कायम करेंगे।

पेशेवर जीवन: करियर के क्षेत्र में मूलांक 6 वालों को नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे जो कि आपकी रुचि के अनुरूप होंगे। जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, तो यह समय आपके लिए अपने बिज़नेस का विस्तार करने के लिए शानदार रहेगा।

स्वास्थ्य: मूलांक 6 के जातकों का स्वास्थ्य इस सप्ताह अच्छा रहेगा और ऐसे में, आप फिट दिखाई देंगे। इसके परिणामस्वरूप, इन लोगों को इस अवधि में किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

उपाय: प्रतिदिन “ॐ शुक्राय नमः” का 33 बार जाप करें।

मूलांक 7 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 7 के तहत पैदा होने वाले जातकों के मन में असुरक्षा की भावना जन्म ले सकती है। इन लोगों के सामने ऐसी परिस्थितियां आ सकती हैं जहां आपको हर कदम उठाने से पहले सोच-विचार और योजना बनानी पड़ें। 

प्रेम जीवन: संभव है कि इस सप्ताह के दौरान आप पार्टनर के साथ प्रेम जीवन का आनंद लेने में सक्षम न हों क्योंकि आपको परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसकी वजह से रिश्ते में खुशियाँ बनाए रखना आपको मुश्किल लग सकता है। 

शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो इस अवधि में आपकी याददाश्त कमज़ोर रह सकती है। सामान्य शब्दों में कहें, तो आप जो भी पढ़ेंगे उसे याद करने में असफल रह सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप अच्छे अंक पाने में पीछे रह सकते हैं। ऐसे में, शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए आपको योग करने की सलाह दी जाती है।

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें, तो इस सप्ताह आप कुछ नई चीज़ें भी सीख सकते हैं। साथ ही, आपको अच्छे काम के लिए वरिष्ठों से सराहना मिल सकती है। लेकिन, जिन लोगों का अपना कारोबार है, उन्हें हानि उठानी पड़ सकती है। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें, तो मूलांक 7 के जातकों को किसी एलर्जी की वजह से त्वचा संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, पाचन समस्याएं भी आपको परेशान कर सकती हैं। हालांकि, इस समय आपको कोई बड़ी समस्या परेशान नहीं करेगी। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ गणेशाय नमः” का 41 बार जाप करें।

मूलांक 8 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 8 के तहत जन्म लेने वाले जातकों से यात्रा के दौरान कोई कीमती वस्तु या सामान खो सकता है जो कि आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। ऐसे में, आपके लिए सावधानी बरतना और एक योजना के साथ आगे बढ़ना बेहद जरूरी होगा।

प्रेम जीवन: इस सप्ताह यह जातक घर-परिवार में चल रही समस्याओं की वजह से परेशान नज़र आ सकते हैं। यह समस्याएं संपत्ति से जुड़ी हो सकती हैं। साथ ही, इन लोगों को अपने दोस्तों के साथ भी उतार-चढ़ावों से दो-चार होना पड़ सकता है।

शिक्षा: मूलांक 8 के जो जातक मैकेनिकल इंजीनियरिंग या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग आदि विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, तो उन्हें इस समय अपना सारा ध्यान शिक्षा पर केंद्रित करना होगा ताकि आप पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। 

पेशेवर जीवन: मूलांक 8 वालों को अपने पेशेवर जीवन में कार्यक्षेत्र में ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जहां आपका कोई सहकर्मी आपसे आगे निकलकर कोई नया पद हासिल कर सकता है। वहीं, जिन लोगों का अपना व्यापार है, उनके लिए यह समय मुश्किल रह सकता है क्योंकि इस अवधि में आपके लिए बिज़नेस में उच्च मूल्य बनाए रखना और लाभ वाली डील्स करना आसान न रहने की आशंका है।    

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, इन लोगों को तनाव की वजह से पैरों और घुटनों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। साथ ही, इसकी वजह आपका असंतुलित खानपान भी हो सकता है इसलिए अपने खानपान का ध्यान रखें। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ हनुमते नमः” का 11 बार जाप करें।

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मूलांक 9 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 9 के जातक इस सप्ताह साहस से भरे रहेंगे और ऐसे में, आप महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भी दिखाई दे सकते हैं। इस अवधि में यह लोग अपनी योग्यताओं एवं क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे और साथ ही, अपनी स्किल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रेम जीवन: मूलांक 9 के जातक पार्टनर के साथ अपने रिश्ते में उच्च मूल्य बनाए रहने में सक्षम होंगे और ऐसे में, आपका रिश्ता मज़बूत होगा। 

शिक्षा: शिक्षा की बात करें तो, इस मूलांक के छात्र मैनेजमेंट, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग आदि विषयों में शानदार प्रदर्शन के लिए आप दृढ़ संकल्पित रहेंगे।

पेशेवर जीवन: करियर के क्षेत्र में आपका काम में प्रदर्शन काफ़ी अच्छा रहेगा और आप अपनी एक अलग पहचान बनाने में सक्षम होंगे। जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें व्यापार में दोबारा सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए बेहतरीन अवसर प्राप्त होंगे।   

स्वास्थ्य: मूलांक 9 के जातक इस सप्ताह अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में सक्षम होंगे जो कि आपके भीतर के उत्साह का परिणाम होगा। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ भौमाय नमः” का 27 बार जाप करें।

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 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. अंक ज्योतिष से अपना भविष्य कैसे जाने?

उत्तर 1. अंकशास्त्र में आप अपने भाग्यांक और मूलांक की सहायता से अपना भविष्य जान सकते हैं।

प्रश्न 2. अंक 7 का स्वामी कौन है?

उत्तर 2. अंक ज्योतिष के अनुसार, अंक 7 के स्वामी ग्रह केतु माने गए हैं। 

प्रश्न 3. कैसे निकालते हैं शुभ अंक?

उत्तर 3. अंक शास्त्र के अनुसार, जन्म की तिथि, जन्म का माह और जन्म के वर्ष को जोड़ने पर भाग्यांक निकाला जा सकता है।

 

करोड़पति नहीं अरबपति होते हैं इस राशि के जातक, इन मशहूर लोगों का नाम भी है शामिल!

वैदिक ज्योतिष में, नाम के अनुरूप सभी 12 राशियों का अपना अलग-अलग महत्व होता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन और उसके व्यक्तित्व पर उसकी राशि का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव है। प्रत्येक राशि की अपनी ताकत, कमजोरियां, भिन्न-भिन्न लक्षण और अपना अलग दृष्टिकोण होता है। 12 नक्षत्रों से मिलकर और बारह खंडों मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन में विभाजित होकर 12 राशियों का निर्माण होता है। इस सभी का एक विशेष प्रतीक चिह्न भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन सभी राशियों में कुछ राशियां ऐसी होती हैं, जो धन कमाने के मामले में सबसे आगे होते हैं। 

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विशेषरूप से जब बिजनेस की बात होती है, तो इन राशियों को सबसे उच्च श्रेणी में रखा जाता है। ख़ास बात यह है कि इस राशि के ज्यादातर लोग अरबपति होते हैं और इनके पास धन की कोई कमी नहीं होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन राशि के लोगों का ज्यादातर दिमाग धन कामने और बिज़ेनस को बढ़ाने की ओर होता है। इनके पास पैसे कमाने के ऐसे-ऐसे आइडियाज होते हैं, जो हर कोई आसानी से सोच भी नहीं सकता है। ये लोग करोड़पति नहीं अरब व खरबपति होते हैं। तो चलिए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन राशि के जातकों के बारे में जिनके पास कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

धन कमाने के मामले में सबसे आगे होते हैं ये राशि के जातक

मेष राशि

मेष राशि के स्वामी मंगल हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल के शुभ प्रभाव के परिणामस्वरूप जातक अपने काम के प्रति बहुत अधिक जुनूनी होते हैं। खासकर अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए ये लोग रात-दिन एक करके जी-जान लगा देते हैं। मेष राशि के जातक बिजनेस में बहुत ही सफलता प्राप्त करते हैं। अपने पराक्रम के बल पर मेष राशि के जातक बड़ी से बड़ी चुनौतियों को पार करने में सफल होते हैं। इनके करियर की बात करें तो ये लोग विद्युत, खनिज, सीमेंट, मेडिकल स्टोर, कोयला, खनिज तेल, वैद्यक, आतिशबाजी, आयुध निर्माण, खेल-कूद, रंग-व्यवसाय, जमीन-जायदाद, पहलवानी, घड़ियां, रेडियो, तम्बाकू, केमिस्ट आदि में सफलतापूर्वक व्यवसाय चला सकते हैं और बहुत अधिक मात्रा में धन अर्जित करने में सफल होते हैं। भारत के मशहूर अरबपति मुकेश अंबानी भी मेष राशि के हैं और आज भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अपना बिज़नेस फैलाया हुआ है।

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सिंह राशि

सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं। ज्योतिष में इनको सभी ग्रहों का राजा माना गया है। इस राशि के लोगों का व्यक्तित्व बेहद जोशीला, उत्साहित और आकर्षक होता है। कमाई के मामले में ये सबसे आगे होते हैं और इनके पास धन की कोई कमी नहीं होती है। ये लोग बहुत पैसे वाले होते हैं। सूर्य ग्रह स्वामी होने के परिणामस्वरूप इनका समाज में बहुत अधिक मान-सम्मान भी होता है क्योंकि सूर्य मान-सम्मान व उच्च पद के कारक हैं। सिंह राशि वाले लोगों का आत्मविश्वास और मनोबल गजब का होता है और इसी की बदौलत वे खूब दौलत और शोहरत कमाने में सफल होते हैं। देश के मशहूर आईटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन शिव नादर सिंह राशि भी इसी राशि के हैं और आज दुनिया में खूब नाम कमा रहे हैं।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों को भी पैसे कमाने के मामले में बहुत आगे होते हैं। इन जातकों को कभी भी धन की कमी नहीं होती है। ये लोग ऐशो आराम की जिंदगी जीना पसंद करते हैं। कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं और चंद्रमा मन और मनोबल के कारक माने जाते हैं। कर्क राशि वाले जातकों का मनोबल और आत्मविश्वास बहुत अधिक मजबूत होता है। इनका भविष्य बहुत अधिक शानदार होता है। यदि ये लोग खुद का बिज़नेस करते हैं तो उसमें खूब तरक्की हासिल करते हैं क्योंकि इनके पास अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के खूब सारे आइडियाज होते हैं। ये सफलता की सीढ़ियां बहुत तेज़ी से चढ़ते हैं। ख़ास बात यह है कि इन लोगों को हार मानना नहीं आता है। ये हर चुनौतियों में फायदा ढूंढ लेते हैं। दुनिया के सबसे मशहूर बिजनेसमैन और इन्वेस्टर एलन मस्क भी कर्क राशि के ही जातक हैं और आज अपनी मेहनत के बल पर पूरी दुनिया में खूब नाम कमा रहे हैं।

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वृश्चिक राशि

कमाई के मामले में वृश्चिक राशि वाले लोग भी पीछे नहीं रहते हैं। वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल को ग्रहों का सेनापति माना जाता है। वृश्चिक राशि वाले लोगों के पास ऐसी कमाल की योजनाएं होती हैं, जिसके बल पर वे हर किसी को प्रभावित कर लेते हैं और तेज़ी से आगे बढ़ते हैं। इनका दिमाग बहुत तेज़ दौड़ता है और इस वजह से ये करियर में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ते हैं। ये लोग ज्यादा लोगों से बहस करने की बजाए अपने काम पर ध्यान देते हैं और किसी भी काम को पकड़ ले तो बिना खत्म किए सांस नहीं लेते है। मंगल ग्रह स्वामी होने के परिणामस्वरूप ये लोग काफी जुनूनी होते हैं और अपने क्षेत्र में खूब सफलता प्राप्त करते हैं। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सह-संस्थापक बिल गेट्स भी वृश्चिक राशि से ही संबंध रखते हैं और ये दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति हैं।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं। ज्योतिष में शनि को न्याय का देवता कहा जाता है। माना जाता है कि शनि मेहनत से काम करने वाले लोगों को अवश्य फल प्रदान करते हैं और शनि के आशीर्वाद से जातक की मेहनत रंग लाती है। शनि कृपा से कुंभ राशि वाले जातकों का साथ भाग्य हर कदम-कदम पर देता है और ये अपने सारे सपनों को पूरा करने में सक्षम होते हैं। यदि कुंभ राशि के जातक किसी फैमिली बिज़नेसे जुड़े हैं तो ये अपनी मेहनत से उसे तेज़ी से आगे ले जाते हैं। ये लोग बुद्धि के बहुत अधिक तेज, समझदार और आत्मविश्वासी से भरे हुए होते हैं। ये हर काम को पूरी मेहनत और लगन से करने में विश्वास रखते हैं। ये लोग अपनी बुद्धिमत्ता और अपार ज्ञान की वजह से हर एक क्षेत्र में दूसरों से आगे होते हैं। अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी का नाम आप सबने जरूर सुना होगा वो भी कुंभ राशि के जातकों में शामिल हैं।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. सिंह राशि के स्वामी ग्रह कौन से हैं?

उत्तर 1. सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं और इनको सभी ग्रहों का राजा माना गया है।

प्रश्न 2. कर्क राशि के स्वामी क्या है?

उत्तर 2. ज्योतिष में राशि चक्र की चौथी राशि कर्क है और इसके स्वामी चंद्रमा हैं।

प्रश्न 3. मेष राशि के स्वामी ग्रह कौन से हैं?

उत्तर 3. मेष राशि चक्र की पहली राशि है और इसके स्वामी मंगल हैं।

नए साल 2025 में इन राशियों की सेहत रहेगी दुरुस्‍त, बीमारियां छू तक नहीं पाएंगी

नए साल में ग्रहों के गोचर की वजह से सभी राशियों के जीवन में बदलाव आते हैं। अगर आप भी अपनी सेहत को लेकर चिंतित हैं, तो इस ब्‍लॉग के ज़रिए आप जान सकते हैं कि आने वाले साल में आपकी सेहत में सुधार आएगा या नहीं।

इस ब्‍लॉग में विस्‍तार से उन राशियों के बारे में बताया गया है जिनकी साल 2025 में सेहत बहुत अच्‍छी रहने वाली है। यदि आप भी अपने स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर चिंतित रहते हैं, तो शायद इस ब्‍लॉग को पढ़ने के बाद आपकी चिंता दूर हो जाएगी।

तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि साल 2025 किन राशियों के जातकों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अनुकूल रहने वाला है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके इन राशियों की सेहत रहेगी दुरुस्‍त

कन्‍या राशि

अन्‍य राशियों की तुलना में कन्‍या राशि के जातकों का स्‍वास्‍थ्‍य साल 2025 में बेहतर रहेगा। अप्रैल तक गुरु की कृपा से आपकी सेहत उत्तम रहने वाली है। वहीं केतु के बारहवें भाव में होने की वजह से आपको पेट और दिल से संबंधित परेशानियां होने की आशंका है।

अपनी सेहत को दुरुस्‍त बनाए रखने के लिए आपको योग और ध्‍यान करने की सलाह दी जाती है। इससे आप सेहत के मामले में थोड़ी राहत महसूस करेंगे।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

तुला राशि

साल 2025 में तुला राशि के लोगों का स्‍वास्‍थ्‍य सबसे अच्‍छा रहने वाला है। मार्च से शनि के छठे भाव में आने पर आपकी सेहत दुरुस्‍त रहेगी। आपको कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी। मई से गुरु के नवम भाव में होने पर आपका स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा बना रहेगा। इस समयावधि में आपको अपनी सेहत की चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

वहीं पांचवें भाव में राहु और ग्यारहवें भाव में केतु की उपस्थिति आपको स्‍वस्‍थ रहने में मदद करेगी। नौवें भाव में गुरु की उपस्थिति भी आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए उत्तम साबित होगी। इस समय आपके आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि होगी।

तुला साप्ताहिक राशिफल

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वृश्चिक राशि

साल 2025 में सेहत के मामले में लकी रहने वाली राशियों में वृश्चिक राशि का नाम भी आता है। अप्रैल तक आप उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य का लाभ उठाएंगे। गुरु के सातवें भाव में होने की वजह से आपको इस दौरान सेहत को लेकर अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त होंगे। मार्च से शनि के पंचम भाव में आने पर आप तरोताज़ा महसूस करेंगे।

राहु के चौथे भाव और केतु के दसवें भाव में स्थित होने पर आपकी सेहत औसत रहने वाली है। इस समय आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर थोड़ा सावधान रहें। सप्‍तम भाव में गुरु के होने की वजह से आपकी सेहत ठीक रहेगी। आपको कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी। आपके अंदर आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा। हालांकि, मई के बाद गुरु के आपके आठवें भाव में आने पर आपको अपनी सेहत को लेकर थोड़ा सावधान रहने की ज़रूरत है।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. मीन राशि की बीमारी क्‍या है?

उत्तर. बीपी, आंतों में खराब, छाती में दर्द होना और चक्‍कर आना।

प्रश्‍न. मेष राशि वालों को कौन कौन से रोग होते हैं?

उत्तर. नेत्र रोग, मुख रोग, सिरदर्द और मानसिक तनाव एवं अनिद्रा।

प्रश्‍न. तुला राशि को कौन सी बीमारी होती है?

उत्तर. इन्‍हें कफ से संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है।

प्रश्‍न. मकर राशि की बीमारी क्या है?

उत्तर. इन्‍हें सांस से संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है।

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शुक्र के कर्क राशि में आते ही इन लोगों पर छाएगी कंगाली, पैसे-पैसे को होंगे मोहताज

जल्‍द ही शुक्र ग्रह कर्क राशि में गोचर करने वाले हैं। उनके राशि परिवर्तन करने से देश-दुनिया समेत कई लोगों के जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। आपको बता दें कि शुक्र ग्रह 07 जुलाई 2024 को 4:15 पर कर्क राशि में गोचर करने वाले हैं। शुक्र इस राशि में 31 जुलाई तक रहने वाले हैं। शुक्र के इस गोचर का असर जीवन के सभी पहलुओं जैसे कि स्‍वास्‍थ्‍य, प्रेम जीवन, व्‍यापार, करियर और आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा।

शुक्र के कर्क राशि में प्रवेश करने पर कुछ राशियों के लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। इस ब्‍लॉग में हम आपको उन राशियों के बारे में विस्‍तार से बता रहे हैं जिन्‍हें शुक्र के कर्क राशि में प्रवेश करने के दौरान पैसों को लेकर सावधान रहने की जरूरत है।

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इन राशियों को हो सकती है पैसों की तंगी

मेष राशि 

इस राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सप्तम भाव के स्वामी हैं। इस बार शुक्र आपके चौथे घर में गोचर करने वाले हैं। आप इस समय तनाव में रह सकते हैं। इसके साथ ही आपकी खुशियों में भी कमी आने के संकेत हैं। वित्तीय स्‍तर पर आपको अपने परिवार के किसी सदस्‍य के इलाज पर पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। इसकी वजह से आपको पैसों की बचत करने में दिक्‍कत आ सकती है।

मेष साप्ताहिक राशिफल

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे भाव के स्‍वामी हैं। इस बार शुक्र आपके तीसरे घर में गोचर करने जा रहे हैं। धन के मामले आपके खर्चे बहुत ज्‍यादा बढ़ सकते हैं। आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इस वजह से आपका मन परेशान रहेगा।

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सिंह राशि

सिंह राशि के लिए शुक्र तीसरे और दसवें घर के स्वामी हैं। इस बार शुक्र आपके बारहवें घर में प्रवेश करेंगे। आपके प्रयासों के विफल होने के संकेत हैं। नौकरीपेशा जातकों के लिए बदलाव की स्थिति बनी हुई है। वहीं बिज़नेस में भी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। धन के मामले में आपको तंगी होने की आशंका है। लाभ कम होगा जिससे पैसों की बचत करने में दिक्‍कत आ सकती है।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र सातवें और बारहवें घर के स्वामी हैं। अब शुक्र आपके नवम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस समय आपके जीवन में अशांति आ सकती है। नौकरी में आपको अपनी किस्‍मत का साथ मुश्किल से ही मिल पाएगा। वहीं व्‍यापारियों को भी कम मुनाफे से ही खुद को संतुष्‍ट करना होगा। आपके खर्चों में बढ़ोत्तरी होने की आशंका है। इस वजह से आप परेशान हो सकते हैं।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

धनु राशि

धनु राशि के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इस बार वह आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आपको अपने भाग्‍य का साथ नहीं मिल पाएगा। नौकरीपेशा जातकों की उच्‍च अधिकारियों से अनबन हो सकती है। व्‍यापारियों के लिए भी घाटे के योग बन रहे हैं। खर्चे बढ़ने की वजह से आप परेशान रहेंगे। इसकी वजह से आप निराश भी महसूस कर सकते हैं।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के लिए शुक्र चौथे और नवम भाव के स्वामी हैं। अब शुक्र आपके छठे घर में गोचर करने जा रहे हैं। आपको अपने परिवार में समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं भाग्‍य का साथ भी मुश्किल से ही मिल पाएगा। कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्‍ठा में कमी आ सकती है। खर्चे बढ़ने की वजह से आपको कर्जा तक लेना पड़ सकता है। इस वजह से आप थोड़ा दबाव महसूस करेंगे।

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मीन राशि

मीन राशि के लिए शुक्र तीसरे और आठवें घर के स्वामी हैं। अब शुक्र आपके पंचम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आपको अपनी संतान के विकास को लेकर चिंता हो सकती है। आपको कुछ बाधाओं का भी सामना करना पड़ सकता है। आपके मन में नौकरी बदलने का विचार आ सकता है। वहीं व्‍यापारियों को मुनाफा कमाने में मुश्किनें आ सकती हैं। संतान के इलाज पर मोटा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। इस वजह से आप परेशान रहेंगे।

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ज्‍योतिष में शुक्र का प्रभाव

कुंडली में शुक्र की स्थिति सौंदर्य, रिश्‍तों और मूल्‍यों, प्‍यार, कला और वित्त को प्रभावित करती है। शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो प्रेम, सुंदरता और शांति को दर्शाता है। इस ग्रह के शुभ प्रभाव से व्‍यक्‍ति आकर्षक बनता है और उसे अपने जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्‍त होते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्‍न. शुक्र को कौन सा दिन समर्पित है?

उत्तर. शुक्र के लिए शुक्रवार का दिन है।

प्रश्‍न. शुक्र कर्क राशि से कब निकलेंगे?

उत्तर. 31 जुलाई को शुक्र सिंह राशि में आएंगे।

प्रश्‍न. शुक्र का उदय कब हो रहा है?

उत्तर. 11 जुलाई को शुक्र कर्क राशि में उदय होंगे।

प्रश्‍न. शुक्र का रत्‍न कौन सा है?

उत्तर. शुक्र का ओपल रत्‍न है।

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18 महीने बाद मंगल-चंद्रमा की युति से बनेगा ये बेहद शुभ योग, इन राशियों पर छप्पर फाड़कर बरसेगा पैसा!

जब कभी किसी ग्रह की दशा या राशि में परिवर्तन होता है, तब उसका असर संसार समेत सभी राशियों पर नज़र आता है। कई बार ग्रहों के यह गोचर मनुष्य जीवन को सकारात्मक या नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित करते हैं और इसके परिणामस्वरूप, कई तरह की युति जन्म लेती है जिससे शुभ-अशुभ योगों का भी निर्माण होता है। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको मंगल और चंद्र की युति के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इन दोनों ग्रहों के संयोजन से लगभग 18 महीने के बाद एक बेहद शुभ योग बनने जा रहा है जिसका लाभ कुछ राशियों को विशेष तौर पर मिलेगा। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं और जानते हैं उन लकी राशियों के बारे में।

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मंगल और चंद्र की युति से बनेगा महालक्ष्मी राजयोग 

ज्योतिष में मंगल और चंद्र को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है जो कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं। बता दें कि मंगल महाराज पिछले 01 जून 2024 से मेष राशि में विराजमान हैं और अब चंद्र देव भी मेष राशि में गोचर कर गए हैं। ऐसे में, मेष राशि में मंगल और चंद्र की युति बन रही है जिससे बेहद शुभ महालक्ष्मी योग निर्मित हो रहा है। यह योग सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा, लेकिन 3 राशियों के लिए यह योग विशेष रूप से धन लाभ और तरक्की लेकर आएगा। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं उन भाग्यशाली राशियों के बारे में।

आज का गोचर

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महालक्ष्मी राजयोग से इन 3 राशियों को मिलेगा धन-धान्य, तरक्की एवं वैभव का आशीर्वाद

मेष राशि 

मेष राशि वालों के लिए मंगल-चंद्रमा की युति से बनने वाला महालक्ष्मी राजयोग बहुत शुभ रहने वाला है। बता दें कि इस योग का निर्माण आपकी कुंडली के लग्न भाव में हो रहा है। ऐसे में, यह अवधि आपको नौकरी और व्यापार के क्षेत्र में अच्छी खासी सफलता दिलाने का काम करेगी। अगर आप पहले से शादीशुदा हैं, तो आपका वैवाहिक जीवन सुख-शांति से पूर्ण रहेगा। 

इस दौरान आप कहीं घूमने के लिए जा सकते हैं और आपके मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी। मेष राशि के नौकरीपेशा जातक अगर किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, तो उसमें आपको सफलता मिलेगी। इस समय आप खूब धन कमाने के साथ-साथ पैसों की बचत करने में भी सक्षम होंगे और इसके परिणामस्वरूप, आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। लेकिन, आपको लगातार प्रयास करने की सलाह दी जाती है।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल और चंद्र की युति से बनने वाला महालक्ष्मी राजयोग फलदायी रहेगा क्योंकि यह आपके लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। कर्क राशि वालों के लिए इस राजयोग का निर्माण आपके दसवें भाव में हो रहा है। इस दौरान आपका रोज़ी-रोज़गार काफी अच्छा रहने के संकेत है और ऐसे में, आप कोई नई डील भी कर सकते हैं। अगर आप वाहन या प्रापर्टी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो अब आप इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। 

जो जातक नौकरी करते हैं, उनके लिए प्रमोशन और इंक्रीमेंट के योग बनेंगे। वहीं,  इस अवधि में आपकी बुद्धि और स्किल्स में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। साथ ही, आपको विभिन्न स्रोतों से धन कमाने के अवसर प्राप्त होंगे और आपने जिन भी योजनाओं के बारे में सोचा है, उसमें आपको कामयाबी मिलेगी।

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तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए महालक्ष्मी राजयोग अत्यंत शुभ परिणाम लेकर आएगा। आपकी कुंडली के सातवें भाव में यह राजयोग बन रहा है और इसके परिणामस्वरूप, आपको अच्छी मात्रा में धन लाभ की प्राप्ति होगी। इस राशि के विवाहित जातकों का वैवाहिक जीवन खुशियों से भरा रहेगा। साथ ही, आपको मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी। आपके सुख-समृद्धि में इज़ाफ़ा देखने को मिलेगा और व्यापार भी तेज़ी से आगे बढ़ेगा। इन लोगों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। पारिवारिक जीवन सुख-शांति से पूर्ण रहेगा और आपके सभी रुके हुए कार्य पूरे हो जाएंगे। पार्टनरशिप में काम करने वालों को अच्छा लाभ प्राप्त होगा।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. चंद्रमा और मंगल की युति किस राशि के लिए शुभ रहेगी?

उत्तर 1. इन दोनों ग्रहों की युति मेष, कर्क और तुला राशि वालों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगी।

प्रश्न 2. चंद्र-मंगल योग क्या होता है?

उत्तर 2. चंद्र और मंगल योग से जातकों की आर्थिक स्थिति मज़बूत होती है और समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।

प्रश्न 3. मंगल किस राशि में मौजूद हैं?

उत्तर 3. वर्तमान समय में मंगल मेष राशि में स्थित है।

आषाढ़ अमावस्या के दिन करें स्नान-दान, पितरों के आशीर्वाद से बढ़ेगा धन-वैभव, होगी उन्नति

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन विधि-विधान से स्नान व पूजा पाठ करने से देवताओं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसी क्रम में हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन आषाढ़ अमावस्या मनाई जाती है। इस अमावस्या को अषाढ़ी अमावस्या या हलहारिणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

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हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की अमावस्या की तिथि का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर में स्नान और पितरों के नाम का दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके पितृ प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं पितरों के आशीर्वाद से जातक के जीवन में मान-सम्मान में वृद्धि होती है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते है कि इस साल आषाढ़ अमावस्या कब है और इस दिन किए जाने वाले आसान उपायों के बारे में।

आषाढ़ अमावस्या 2024: तिथि व समय

अमावस्या आरम्भ: 05 जुलाई, 2024 की सुबह 05 बजे से 

अमावस्या समाप्त: 06 जुलाई, 2024 की सुबह 04 बजकर 29 मिनट तक 

उदया ति​थि के आधार पर आषाढ़ अमावस्या 05 जुलाई 2024 को है। उस दिन ही स्नान दान और पूजा पाठ किया जाएगा।

आषाढ़ अमावस्या पर दो शुभ योग 

चातुर्मास की पहली अमावस्या या यूं कहिए आषाढ़ माह की अमावस्या का दिन अपने आप में विशेष महत्व रखता है। हालांकि इस वर्ष आषाढ़ अमावस्या पर दो शुभ योग इस दिन की शुभता और बढ़ाने वाले हैं। बात करें इन शुभ योगों की तो, इस दिन ध्रुव योग और शिववास योग का निर्माण हो रहा है। 

दरअसल इस दिन बनने वाला ध्रुव योग 06 जुलाई को देर रात 03 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगा। मान्यताओं के अनुसार इस योग में यदि स्नान और दान किया जाए तो इससे व्यक्ति को शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। इसके अलावा इस दिन शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि शिववास योग में भगवान शिव का अभिषेक करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

क्या ये जानते हैं आप? आषाढ़ अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त में यदि पूजा-पाठ, दान-पुण्य, पितरों का तर्पण आदि किया जाए तो इससे कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष से छुटकारा भी प्राप्त किया जा सकता है।  

कहीं आपकी कुंडली में भी तो ये घातक योग नहीं हैं मौजूद? जानने के लिए अभी कालसर्प योग कैल्कुलेटर का करें इस्तेमाल। 

आषाढ़ अमावस्या का महत्व

आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए किये जाने वाला तर्पण बहुत पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने व किसी पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन धार्मिक दान करना बहुत फलदायी माना जाता है। विद्या दान, अन्न दान और वस्त्र दान जैसे विभिन्न प्रकार के दान आषाढ़ अमावस्या करना बहुत अधिक शुभ माना जाता है। कई जगहों पर आषाढ़ अमावस्या के दिन धार्मिक मेले और पंडालों का आयोजन किया जाता है। यही नहीं भंडारा, भजन-कीर्तन और कई धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन लोग बड़ी धूमधाम से करते हैं।

इसके अलावा, हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नज़र व बुरी शक्तियों से बचने के लिए अमावस्या व्रत करना उपयोगी होता है। अपने पितरों की आत्मा को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या व्रत का महत्व बहुत अधिक माना गया है। इस घर के आंगन में अपने पूर्वजों के लिए खाने पीने का सामान अवश्य निकालें। इसके अलावा, माना जाता है कि जो कोई भी व्यक्ति अमावस्या का व्रत करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही नहीं यदि विधि विधान के साथ अमावस्या का व्रत किया जाए तो व्यक्ति की कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष से भी बचा जा सकता है।

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आषाढ़ अमावस्या की पूजा विधि

  • आषाढ़ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले भगवान विष्णु को प्रणाम करें।
  • इसके बाद सभी कार्यों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
  • अब सबसे पहले सूर्य देव का जलाभिषेक करें। इसके बाद, भगवान विष्णु की श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करें। पूजा के दौरान आषाढ़ अमावस्या की कथा जरूर पढ़ें।
  • पूजा समापन के बाद बहते हुए पानी में काले तिल प्रवाहित करें और सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य की कामना करें। 
  • इस पूजा पाठ करने के साथ-साथ दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। साथ ही, गरीबों और ब्राह्मणों को खाना जरूर खिलाएं। 

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आषाढ़ अमावस्या के व्रत नियम

  • इस दिन यदि आप व्रत रखते हैं तो अन्न ग्रहण न करें। 
  • अमावस्या तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें। 
  • साथ ही, सूर्य और तुलसी को जल अर्पित करें। 
  • इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। 
  • गाय को चावल अर्पित करें।
  • विवाहित महिलाएं को इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना चाहिए। इस दौरान परिक्रमा करते समय बिंदी, मेहंदी, चूड़ियां, आदि भी रख सकती हैं। साथ ही, 108 बार विष्णु मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद पितरों के नाम पर बाह्ममणों को घर पर भोजन कराएं और उन्हें दान दक्षिणा दें।
  •  गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, भोजन, और मिठाई का दान करें।

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आषाढ़ अमावस्या की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, स्वर्ग धाम के अलकापुरी नामक नगरी में एक कुबेर नाम का राजा रहता था। बहुत बड़ा शिव भक्त था और प्रतिदिन पूरे विधि-विधान से शिव जी की भक्ति किया करता था। राजा के यहां हेम नाम का एक माली हर रोज शिव पूजन के लिए फूल लाया करता था।  हेम माली की पत्नी बेहद सुंदर थी, जिसका नाम विशालाक्षी था।

एक दिन माली मानसरोवर से फूल लेने गया और फूल लाते समय पत्नी के साथ हास्य विनोद करने लगा। राजा पूजा में चढ़ने के लिए फूल का इंतजार करने लगा। जब काफी देर हो गई और राजा का सब्र टूट गया तो राजा ने अपने सेवकों को माली का पता लगाने के लिए भेजा। सैनिकों ने माली को देख लिया और उसके बारे में राजा को कहा कि महाराज के माली बहुत पापी अतिकामी है।

वह अपनी स्त्री के साथ हास्य विनोद कर रहा है। यह सुनकर राजा को काफी क्रोधित हो गए। राजा ने सैनिकों को आज्ञा दी की माली को लेकर आए। माली राजा के पास पहुंचते ही कांपने लगा। राजा कुबेर ने गुस्से में आकर माली को श्राप दे दिया और कहा कि ‘तू स्त्री का वियोग सहेगा और मृत्यु लोग में जाकर कोहड़ी हो जाएगा।’ राजा कुबेर के श्राप देने से हेम माली का स्वर्ग से पृथ्वी लोग में चला गया। व पृथ्वी पर आते ही उसके शरीर पर कोहड हो गया। हेम माली की स्त्री उसी समय अंतर्ध्यान हो गई। पृथ्वी पर आकर माली ने बहुत कष्ट झेलने पड़े। वह बिना भोजन और जल के जंगल में भटकता रहा। हेम माली को रात में नींद भी नहीं आती थी, लेकिन शिवजी की पूजा करने के प्रभाव से उसे अपने पिछले जन्म में किए गए कर्मों का ज्ञान हो गया।

एक दिन घूमते घूमते माली मार्कंडेय ऋषि के आश्रम में पहुंच जाता है और वहां जाकर ऋषि के पैरों पर गिर गया। इसे देखकर ऋषि ने पूछा कि उसने  ऐसा कौन सा पाप किया है। जिसके प्रभाव से उसकी यह हालत हो गई है। हेम माली ने ऋषि को सारा हाल बताया ऋषि ने कहा कि उसे एक व्रत करना होगा, जिससे उसका उद्धार होगा। ऋषि ने कहा आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से करेगा, तो उसके सारे पाप नष्ट हो जाएंगे। यह सुनकर माली बहुत खुश हुआ। उसने ऋषि को प्रणाम किया। इसके बाद हेम माली ने विधिपूर्वक व्रत किया। जिसके बाद माली अपने सभी बुरे कर्मों से छुटकारा पा गया।

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आषाढ़ अमावस्या के दिन जरूर करें ये ख़ास उपाय

पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए

पितृ दोष की वजह से घर में कलह और आर्थिक तंगी आती है। ऐसे में, आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए ब्राह्मण को भोजन कराकर दान करना चाहिए। साथ ही, गाय, कुत्ते और चींटियों को भोजन खिलाना चाहिए। इससे आपके पितर प्रसन्न होंगे और आपको आशीर्वाद प्रदान करेंगे।

शनि दोष से मुक्ति के लिए

यदि आपकी कुंडली में शनि की महादशा चल रही है या आप शनि के साढ़ेसाती या ढैय्या के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हैं तो आपको शाम को पीपल के पेड़ में सरसों के तेल का दीपक जलाकर पांच बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे शनि दोष से मुक्ति मिल जाएगी।

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कालसर्प दोष के लिए

जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है उन्हें संतानहीनता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, उनकी नौकरी व व्यवसाय में कई प्रकार की समस्याएं आती है। साथ ही, साधक कर्ज या किसी प्रकार से लोन में डूब सकता है। ऐसे में, इससे मुक्ति पाने के लिए चांदी के नाग नागिन की करें। ऐसा करना आपके लिए फलदायी साबित होगा।  

पापों से मुक्ति पाने के लिए

आषाढ़ अमावस्या के दिन आटे में चीनी मिलाकर काली चीटियों को खिलाना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और भाग्य का भी साथ मिलता है।

आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए

मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के पास शाम के समय सरसों तेल का दीपक जलाने से और सात बार परिक्रमा करने से आर्थिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती है।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. इस साल आषाढ़ अमावस्या कब है?

उत्तर 1. इस साल आषाढ़ अमावस्या 05 जुलाई 2024 को है।

प्रश्न 2. आषाढ़ अमावस्या का क्या महत्व है?

उत्तर 2. इस दिन गंगा स्नान करने व किसी पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व है।

प्रश्न 3. आषाढ़ अमावस्या पर क्या करें?

उत्तर 3. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में जाकर स्नान करने और किसी जरूरतमंद को दान-दक्षिणा देने का महत्व होता है।

प्रश्न 4. अमावस्या में हमें क्या नहीं करना चाहिए?

उत्तर 4.  अमावस्या पर क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, मांस-मदिरा का सेवन एवं स्त्री से शारीरिक संबंध निषेध है।

 

शनि साढ़े साती से हैं परेशान, तो जानें कैसे करते हैं न्याय के देवता आपके कर्मों का हिसाब

शनि साढ़े साती एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही लोग भयभीत हो जाते हैं। हम में से अधिकांश लोगों ने साढ़े साती के बारे में अपने जीवनकाल में कभी न कभी जरूर सुना होगा। यह शनि की एक ऐसी दशा है जो किसी व्यक्ति को राजा से रंक बनाने की क्षमता रखती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको शनि साढ़े साती से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, आपको रूबरू करवाएंगे कि साढ़े साती के सात सालों में शनि महाराज कैसे करते हैं आपके कर्मों का हिसाब-किताब। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।

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कौन हैं शनि देव?

वैदिक ज्योतिष और सनातन धर्म में शनि देव को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इनका नाम भी लोगों के मन में भय पैदा करने के लिए काफ़ी है। हिंदू धर्म में भगवान शनि की देवता के स्वरूप में पूजा की जाती है, तो वहीं ज्योतिष में इन्हें सबसे शक्तिशाली ग्रहों में से एक माना जाता है जो कठिन परिश्रम, दीर्घायु, कर्म, अनुशासन, सीमा, महत्वाकांक्षा, देरी और धैर्य आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। सभी नौ ग्रहों में शनि ग्रह को ‘न्यायाधीश’ का दर्जा प्राप्त हैं और यह अन्याय बर्दाश्त नहीं करते हैं। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

शनि साढ़े साती और इसके चरण

प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में कभी न कभी शनि के साढ़ेसाती के प्रभावों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि हर इंसान को साढ़ेसाती अलग-अलग तरीके से प्रभावित करती है जो कि व्यक्ति के कर्मों और कुंडली में मौजूद ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित होते हैं। साढ़े सात वर्षों तक चलने वाली शनि साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं और ढ़ाई-ढ़ाई साल का हर चरण होता है। इन चरणों के अनुसार शनि महाराज व्यक्ति को प्रभावित करते हैं।

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हालांकि, शनि साढ़ेसाती मुख्यतः उस राशि पर होती है जिसमें शनि उस साल उपस्थित होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, जिस राशि में शनि मौजूद होते हैं, उस राशि से पहले और बाद वाली राशि भी शनि साढ़ेसाती के प्रभाव में आ जाती है। सामान्य शब्दों में कहें, तो शनि ग्रह जिस राशि में बैठे होते हैं, उसके आगे, पीछे और शनि की मौजूदा राशि पर शनि की साढ़ेसाती चलती है। यदि आप पर भी शनि की साढ़ेसाती चल रही हैं, तो आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि शनि साढ़ेसाती अत्यंत विशेष होती है और इस अवधि में शनि महाराज आपको एक न्यायधीश के रूप में आपके कर्मों का फल प्रदान करते है और इसके बाद, आपको जीवन के महत्वपूर्ण सबक देते हैं।

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इन तीन चरणों में करते हैं शनि देव आपके कर्मों का हिसाब

शनि साढ़ेसाती का पहला चरण: यह चरण शनि साढ़ेसाती का पहला और शुरुआती दौर होता है जो आपके जीवन में या तो धन लाभ लेकर आता है या फिर आर्थिक समस्याएं। इस दौरान आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं तंग कर सकती हैं। ऐसे में, सबसे पहला प्रभाव आपके मस्तिष्क पर देखने को मिलता है और इसके बाद के 10 महीने तक आपके दिमाग पर असर बना रहता है, लेकिन यह नकारात्मक नहीं होता है,बल्कि आप रिसर्च में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं।   

शनि साढ़ेसाती का दूसरा चरण: पहले ढ़ाई साल के बीतने के बाद शनि साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होता है और यह साढ़ेसाती का सबसे महत्वपूर्ण फेज होता है। ऐसे में, शनि का दूसरा चरण व्यक्ति के निजी जीवन के साथ-साथ पेशेवर जीवन को भी प्रभावित करता है। यह अवधि व्यक्तिगत विकास और जिंदगी को पुनः एक नज़रिये से देखने को दर्शाती है।

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शनि साढ़ेसाती का तीसरा चरण: दूसरे चरण के बाद शुरू होता है शनि साढ़ेसाती का तीसरा और अंतिम चरण। इस चरण के दौरान जातक ने पिछले दोनों चरणों में जो भी अच्छे या बुरे कर्म किये होते हैं, उसका फल प्राप्त होता है। सामान्य शब्दों में कहें, तो इस अवधि में आपने जो बोया है आप वही काटेंगे। इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है और घर-परिवार में चल रहे विवादों का समाधान होने के साथ-साथ आपक फाइनेंस सही होगा और पारिवारिक विवाद सुलझने के साथ-साथ आपकी रुचि अध्यात्म के प्रति बढ़ती है।

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शनि साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव इन उपायों से होंगे कम

  • प्रतिदिन विशेष रूप से शनिवार के दिन शनि देव के बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का जाप करें। ऐसा करने से शनि साढ़े साती के नकारात्मक प्रभाव कम होते है।
  • साढ़े साती के प्रभावों से बचाव के लिए शनिवार के दिन शनि देव के मंदिर में जाएं और भगवान शनि को सरसों का तेल और काले तिल चढ़ाएं।
  • शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करें और इस दिन शनि स्त्रोत का 21 बार पाठ करें। इस उपाय से शनि साढ़े साती के अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है।
  • शनि साढ़े साती के दौरान भूलकर भी श्रमिक, गरीब, जीव-जंतु या असहाय को परेशान न करें, अन्यथा साढ़े साती के प्रभाव प्रबल हो जाते हैं।
  • शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने के साथ-साथ शिव जी की पूजा करने से साढ़े साती के प्रभावों से राहत मिलती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. 2024 में कौन-कौन सी राशि पर शनि की साढ़े साती है?

उत्तर 1. वर्तमान समय में कुंभ, मकर और मीन राशि पर साढ़े साती चल रही है।

प्रश्न 2. शनि की साढ़ेसाती के दौरान क्या उपाय करें? 

उत्तर 2. साढ़ेसाती लगने पर जातक को शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में जाकर सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करने चाहिए।

प्रश्न 3. कितने साल चलती है शनि की साढ़ेसाती?

उत्तर 3. शनि की साढ़ेसाती साढ़े सात वर्षों तक रहती है।

साल 2025 से इन राशियों का होगा बुरा समय शुरू, झेलना होगा शनि का प्रकोप!

शनि देव को ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है जो बेहद मंद गति से चलते हैं इसलिए इनकी चाल, दशा एवं स्थिति में परिवर्तन का मनुष्य जीवन पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। शनि देव प्रत्येक ढाई साल में एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करते हैं। नवग्रहों में न्याय के देवता और कर्मफल दाता शनि को कहा गया है। ऐसे में, आने वाला साल यानी कि वर्ष 2025 में शनि का गोचर कुछ राशियों के लिए मुश्किल दौर लेकर आएगा। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में साल 2025 में हो रहे शनि गोचर से कौन सी राशियां सबसे अधिक प्रभावित होंगी, इसकी जानकारी प्राप्त होगी। तो बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं उन राशियों के बारे में।

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शनि देव का गोचर एक लंबे समय के बाद होता है इसलिए इसे बहुत बड़ी और प्रभावशाली घटना माना जाता है। वर्तमान समय में शनि महाराज अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में मौजूद हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, जब शनि ग्रह 2025 में ढाई साल तक कुंभ में रहने के बाद दूसरी राशि में गोचर कर जाएंगे, तब वह कुछ राशियों को अपनी टेढ़ी नज़र से देखेंगे। आइए जानते हैं किन राशियों को 2025 में सहना पड़ेगा भगवान शनि का प्रकोप।

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साल 2025 में इन राशियों को झेलना होगी शनि की नाराज़गी 

शनि का मीन राशि में गोचर: न्याय के देवता शनि ग्रह अगले वर्ष यानी 29 मार्च 2025 को अपनी राशि कुंभ से निकलकर मीन राशि में गोचर कर जाएंगे। इस राशि में शनि 29 मार्च 2025 से लेकर 03 जून 2027 तक मौजूद रहेंगे। ऐसे में, शनि का यह गोचर मीन राशि वालों को कार्यस्थल पर कुछ नई जिम्मेदारियों को दिलाने का काम करेगा और साथ ही, यह आपके लिए धन लाभ के योग भी बनाएगा। इस अवधि में आपकी नेतृत्व क्षमता पहले की तुलना में मज़बूत होगी।

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इन राशियों पर शुरू होगी ढैय्या: 29 मार्च 2025 को शनि के मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों को शनि ढैय्या से छुटकारा मिल जाएगा। इसके उपरांत, सिंह और धनु राशि के जातकों पर शनि ढैय्या आरंभ होगी। बता दें कि शनि की ढैय्या ढाई साल तक चलती है।

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इन राशियों पर शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती: शनि देव के मीन राशि में गोचर करने से मेष राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। साल 2025 में शनि का गोचर होने से मेष राशि पर शनि साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा जबकि मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण आरंभ होगा। वहीं, कुंभ राशि के जातकों पर शनि साढ़ेसाती के तीसरे चरण की शुरुआत होगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. साल 2025 में शनि का गोचर कब और किस राशि में होगा? 

उत्तर 1. शनि का गोचर साल 2025 में 29 मार्च को मीन राशि में होगा।

प्रश्न 2. किस राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी? 

उत्तर 2. साल 2025 में मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती की शुरुआत होगी।

प्रश्न 3. क्या 2025 में मीन राशि पर साढ़ेसाती खत्म होगी?

उत्तर 3. नहीं, 2025 में मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा।

चंद्र देव की राशि में 1 साल बाद बनेगा शुक्रादित्य राजयोग, इन 3 राशियों के होंगे अच्छे दिन शुरू!

हम आपको अपने पिछले लेखों में बता चुके हैं कि जुलाई का महीना ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत खास ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस दौरान कई बड़े ग्रह अपना राशि परिवर्तन करेंगे। इसी क्रम में, सूर्य और शुक्र का गोचर होने जा रहा है जिससे इन दोनों ग्रहों की युति से एक बेहद शुभ योग निर्मित होगा। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको सूर्य और शुक्र से बनने वाले शुभ शुक्रादित्य योग के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह राजयोग राशि चक्र की 3 राशियों के लिए बहुत उत्तम परिणाम लेकर आएगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं इस लेख की।

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सूर्य और शुक्र मिलकर बनाएंगे शुक्रादित्य योग  

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य और शुक्र को प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अहम स्थान प्राप्त है और यह हमारे जीवन को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं। बता दें कि जुलाई में ग्रहों के राजा सूर्य और प्रेम के कारक ग्रह शुक्र अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। 

ऐसे में, शुक्र देव 07 जुलाई 2024 को कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे और इसके कुछ दिन बाद यानी 16 जुलाई 2024 को आत्मा के कारक ग्रह सूर्य कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में, सूर्य कर्क राशि में मौजूद शुक्र के साथ युति करेंगे जिसके प्रभाव से शुक्रादित्य राजयोग का निर्माण होगा। अब हम आपको अवगत करवाते हैं कि यह युति कौन सी 3 राशियों के लिए भाग्यशाली रहेगी।

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शुक्रादित्य योग से इन 3 राशियों को हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी 

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य और शुक्र के संयोजन से बनने वाला शुक्रादित्य राजयोग अत्यंत फलदायी साबित होगा क्योंकि इस राजयोग का निर्माण आपकी राशि के लग्न भाव में होगा। ऐसे में, इन जातकों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और साथ ही, आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनेगा। इस दौरान आपके संबंध समाज के बड़े और प्रभावशाली लोगों से बनेंगे जिसका लाभ आपको भविष्य में मिलने के आसार है। सूर्य और शुक्र की युति के प्रभाव से आपकी बुद्धि तेज़ बनेगी और आपकी योग्यताओं एवं क्षमताओं में भी वृद्धि होगी। इन लोगों को धन कमाने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे और आप धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। जो जातक अविवाहित हैं, उनके लिए रिश्ता आ सकता है।

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कन्या राशि 

कन्या राशि के वालों के लिए सूर्य-शुक्र की युति से निर्मित शुक्रादित्य राजयोग बहुत शुभ कहा जाएगा। यह योग आपकी राशि के लिए अनुकूल रहेगा। आय और लाभ की दृष्टि से, यह आपको सकारात्मक परिणाम प्रदान करेगा और ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सूर्य एवं शुक्र की युति आपके आय भाव में बनने जा रही है। ऐसे में, इस अवधि में आपकी आय़ में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिलेगी जिसके चलते आप अच्छा खासा पैसा कमाने के साथ-साथ धन की बचत भी कर सकेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी और अगर आप कहीं धन का निवेश करना चाहते हैं, तो आप अब इस दिशा में आगे कदम बढ़ा सकते हैं। शेयर बाजार, सट्टेबाजी और लॉटरी में रुचि रखने वालों को उच्च लाभ मिल सकता है।

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तुला राशि

तुला राशि का नाम भी उन राशि में शुमार हैं जिनके लिए सूर्य और शुक्र की युति से बनने वाला शुक्रादित्य राजयोग शुभ परिणाम लेकर आएगा। बता दें कि आपकी कुंडली में यह योग कर्म भाव में निर्मित होने जा रहा है इसलिए यह अवधि आपको कार्य-व्यापार के संबंध में अपार सफलता देने का काम करेगी। वहीं, जो जातक नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें नई नौकरी मिलने के योग बनेंगे। अगर आपका खुद का व्यापार हैं, तो आप अच्छा खासा धन लाभ कमाएंगे और साथ ही, आप एक व्यापारी के रूप में सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे। जो लोग नौकरी करते हैं, उनके लिए पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे। तुला राशि के जातकों के अपने पिता के साथ रिश्ते मजबूत होंगे और वह हर कदम पर आपका साथ देंगे।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. सूर्य और शुक्र की युति से कौन सा योग बनता है?

उत्तर 1. ज्योतिष के अनुसार, सूर्य-शुक्र के एक साथ आने पर शुक्रादित्य योग बनता है।

प्रश्न 2. शुक्र और सूर्य का क्या महत्व है?

उत्तर 2. सूर्य कुंडली में स्वयं, आत्मा, अहंकार, आत्म-सम्मान आदि का प्रतिनिधित्व करता है जबकि शुक्र प्रेम, ऐश्वर्य एवं रिश्तों का प्रतीक माना गया है।

प्रश्न 3. कुंडली में धन का भाव कौन सा होता है?

उत्तर 3. कुंडली में दूसरे भाव को धन का भाव माना जाता है।

शुक्र गोचर मिथुन सहित इन 5 जातकों के लिए रहेगा शानदार; इस एक राशि वाले हो जाए सतर्क!

शुक्र का कर्क राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का कर्क राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रभाव से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को शुक्र के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस ब्लॉग में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे। बता दें कि शुक्र  07 जुलाई 2024 को चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: समय व तिथि

आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 07 जुलाई, 2024 की सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बता दें कि शुक्र अस्त अवस्था में कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और 11 जुलाई को पुन: इसी राशि में उदित हो जाएंगे तथा 19 जुलाई, 2024 को सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह राशि में गोचर करेंगे। शुक्र और चंद्रमा आपस में शत्रुता का भाव रखते हैं इसलिए कर्क राशि में शुक्र का गोचर बहुत अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है।

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपके घर व परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा। आप अपने परिवार की सुख सुविधाओं को बढ़ाने के बारे में विचार करेंगे। घर परिवार के लोगों के साथ अच्छा सामंजस्य रहेगा और आप उनके साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। इसके अलावा, आप अभिनय, नाटक, नृत्य, आदि सीखने के लिए आगे बढ़ सकते हैं और ऐसे विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इस अवधि पारिवारिक सदस्यों का आपके साथ समर्थन रहेगा और इससे आप हर काम में उन्नति करेंगे। इस गोचर काल के दौरान आपको कुछ अच्छी उपलब्धि या धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। इसके अलावा, कार्यक्षेत्र में आपको पदोन्नति भी प्राप्त हो सकती है।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए शुक्र आपके पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपको उत्तम व्यंजन चखाएगा। आप बढ़िया से बढ़िया भोजन और पकवान खाना पसंद करेंगे और उसका आनंद लेंगे। पारिवारिक जीवन में खुशियां रहेंगी। घर में कोई फंक्शन हो सकता है या किसी का विवाह समारोह हो सकता है जिसमें अतिथियों के आगमन से घर में चहल-पहल रहेगी। आपको अच्छी आर्थिक लाभ की खबरें सुनने को मिलेंगी और आपको धन लाभ होगा। पैतृक व्यवसाय में लाभ होने के योग बनेंगे। यदि आप कोई व्यापार साझेदारी में करते हैं तो आपके व्यवसायिक साझेदार से संबंध अच्छे रहेंगे और दोनों मिलकर अपने व्यापार को आगे बढ़ा पाएंगे और उसमें उन्नति प्राप्त करेंगे। सामाजिक स्तर पर परिवार का स्तर ऊंचा होगा।

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कर्क राशि

शुक्र का कर्क राशि में गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए पहले भाव में होगा। शुक्र कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप अपनी देखभाल पर अधिक ध्यान देंगे और खुद के व्यक्तित्व को निखारने पर विचार करेंगे। शुक्र का कर्क राशि में गोचर कार्यक्षेत्र में भी अच्छे परिणाम देगा और कार्यक्षेत्र में आपकी बात को कोई टाल नहीं पाएगा। इससे नौकरी में आपकी स्थिति अच्छी रहेगी और वरिष्ठ अधिकारियों से आपके संबंध मधुर बनेंगे। यदि आप सौंदर्य उत्पाद और महिला प्रसाधनों, इत्र एवं महिलाओं से संबंधित कोई व्यापार करते हैं तो इस दौरान उस व्यापार में अच्छी उन्नति और प्रगति देखने को मिलेगी। आपको अच्छे धन लाभ के योग बनेंगे।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे भाव और भाग्य के नौवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। शुक्र का गोचर आपके लिए कई सारे नए अवसर लेकर आएगा। यह अवधि आपको आर्थिक जीवन में भी स्थिरता प्राप्त होगी और आपको अच्छा ख़ासा धन लाभ होगा। आप अपने व्यापार को विस्तार देने की योजनाएं बना सकते हैं और बहुत हद तक उसमें कामयाब भी हो सकते हैं। नौकरी करने वाले लोगों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा सानिध्य और समर्थन मिलेगा और इससे आपकी उन्नति होगी। बड़े भाई बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा और आप अपने भाई-बहनों और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। इस तरह आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा। इस दौरान आप अपने दोस्त की सलाह मानकर काम करेंगे तो आपको लाभ होगा। अपने धन का कुछ हिस्सा बचत के रूप में रखने से आपको भविष्य में आर्थिक चुनौतियों से लड़ने का मौका मिलेगा।

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तुला राशि

शुक्र का कर्क राशि में गोचर तुला राशि के दसवें भाव में होने जा रहा है। शुक्र आपकी राशि का स्वामी भी हैं, ऐसे में शुक्र का दसवें भाव में गोचर कार्य क्षेत्र के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। लेकिन आप कार्य क्षेत्र की राजनीति से बचकर रहेंगे तो बेहतर होगा और खुद किसी राजनीति का हिस्सा ना बनें, नहीं तो आपके संबंध आपके कार्यक्षेत्र में साथ कार्य करने वाले लोगों से बिगड़ सकते हैं और उससे आपको नौकरी में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

इस अवधि आप अपने सहकर्मियों से जलन की भावना रख सकते हैं और आपको अफने कार्यस्थल पर थोड़ी परेशानी हो सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों से भी आपकी कहासुनी हो सकती है इसलिए उनसे अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करें। आपकी पदोन्नति की बात अवश्य चल सकती है और यदि आप अच्छा काम करेंगे तो निश्चित ही आपको प्रमोशन जरूर मिल सकता है। यदि आप व्यापार करते हैं तो आपको थोड़ी सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा।

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: इस एक राशि पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप, चोरी-छिपे खर्च करने की आदत से बचें और अपनी सुख-सुविधाओं पर छिपकर खर्च करना आपको बाद में परेशानी दे सकता है। इस अवधि आपको अपने उन दोस्तों से बचकर रहें जो आपके दुश्मनों का काम करते हैं। पारिवारिक जीवन में थोड़ा तनाव रहेगा और ससुराल पक्ष की ओर आपका झुकाव अधिक हो सकता है। नौकरी करने वाले लोगों को चुप रह कर अपना काम करते रहना चाहिए और यदि आप कोई व्यवसाय करते हैं तो इस दौरान व्यवसायिक साझेदार से संबंध ना बिगड़ें, इसका आपको ध्यान रखना होगा, नहीं तो व्यवसाय में समस्या बढ़ सकती है। आर्थिक जीवन की बात करें तो इश अवधि धन का निवेश करना खतरनाक हो सकता है, इसलिए इससे बचने का प्रयास करें। इस अवधि के दौरान किसी को भी उधार पैसा देने से बचें।

शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: आसान ज्योतिष उपाय

  • शुक्रवार को व्रत रखें और चावल, चीनी आदि सफेद चीजें दान करें।
  • शुक्रवार को देवी लक्ष्मी या देवी दुर्गा की पूजा करें और लाल फूल चढ़ाएं।
  • हर सुबह महालक्ष्मी अष्टकम का पाठ करें।
  • अपने कार्यालय या घर में महालक्ष्मी यंत्र की स्थापना करें और उसकी पूजा करें।
  • अधिक से अधिक सफेद और गुलाबी कपड़े पहनने की कोशिश करें और अच्छी स्वच्छता बनाए रखें।
  • शुक्र के मंत्र “ऊं द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का जाप करें।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शुक्र का कर्क में गोचर कब होने जा रहा है?

उत्तर 1.  शुक्र का कर्क राशि में गोचर 07 जुलाई, 2024 की सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

प्रश्न 2. शुक्र कर्क राशि में कैसा व्यवहार करता है?

उत्तर 2. शुक्र और चंद्रमा शत्रु हैं और कर्क राशि चंद्रमा द्वारा शासित राशि है, इसलिए शुक्र कर्क राशि में औसत परिणाम देता है।

प्रश्न 3. शुक्र किस राशि में उच्च का होता है?

उत्तर 3. शुक्र मीन राशि में उच्च का होता है।

प्रश्न 4. चंद्रमा द्वारा शासित किसी एक नक्षत्र का नाम बताइए?

उत्तर 4. श्रवण।