केतु के नक्षत्र गोचर से, अगले 63 दिन इन राशियों के लिए रहेंगे लकी; बढ़ेगा रुतबा और मिलेगी सफलता!

ज्योतिष शास्त्र में केतु को छाया ग्रह कहा जाता है और यह एक अशुभ ग्रह माने गए हैं। राहु और शनि की तरह ही केतु से मिलने वाले नकारात्मक परिणाम आपके जीवन को प्रभावित करते हैं। शायद ही आप जानते होंगे कि राहु और केतु का गोचर डेढ़ साल में होता है जो हमेशा वक्री चाल चलते हैं इसलिए इनके गोचर का प्रभाव काफ़ी समय तक बना रहता है। अब केतु महाराज जल्द ही अपना नक्षत्र परिवर्तन करते हुए हस्त नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में आपको केतु नक्षत्र गोचर 2024 से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी और इनका यह गोचर किन राशियों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। साथ ही जानेंगे, किस तरह के परिणाम यह आपके लिए लेकर आएगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं इस लेख की।

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केतु का हस्त नक्षत्र में गोचर: तिथि एवं समय 

वैदिक ज्योतिष में केतु को छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है और अब यह 08 जुलाई 2024 को हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण से निकलकर दूसरे चरण में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, केतु का नक्षत्र परिवर्तन सभी राशियों को प्रभावित करेगा, लेकिन यह 3 राशियों के लिए बेहद भाग्यशाली रहेगा। हस्त नक्षत्र के दूसरे चरण में राहु का गोचर कुछ राशि के जातकों को अपार धन-दौलत प्रदान करेगा। आइए जानते हैं कौन सी हैं वह राशियां।

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केतु के हस्त नक्षत्र में प्रवेश से, इन 3 राशियों के लिए होगा सुनहरा दौर शुरू

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए केतु का हस्त नक्षत्र में गोचर बहुत शुभ रहेगा। इसके परिणामस्वरूप,  यह समय आपके साहस और पराक्रम में बढ़ोतरी करवाएगा। इस राशि के जो जातक नौकरी करते हैं, उन्हें करियर के क्षेत्र में अच्छी तरक्की की प्राप्ति होगी और आय के भी बढ़ने की संभावना है। जिन जातकों का विवाह हो चुका है, उनके लिए यह अवधि शानदार रहेगी और आप खुश नज़र आएंगे। इस राशि के जो जातक प्रापर्टी या वाहन खरीदना चाहते हैं, वह अब इस दिशा में कदम आगे बढ़ाएंगे। जिन जातकों का धन कहीं रुक  गया है, वह पैसा आपको अब वापिस मिल सकता है। इस दौरान आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।

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वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों के लिए केतु का हस्त नक्षत्र में गोचर अच्छा कहा जाएगा। इस अवधि में इन जातकों की आय में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी और साथ ही, आपको आय के नए स्रोतों की प्राप्ति होगी। करियर की बात करें, तो यह समय आपको नौकरी के क्षेत्र में अच्छी खासी उन्नति दिलाने का काम करेगा और आपको अपने बेहतरीन काम के लिए सराहना की भी प्राप्ति होगी जिससे आप संतुष्ट दिखाई देंगे। वृषभ राशि के जातक धन कमाने के साथ-साथ पैसों की बचत करने में भी सक्षम होंगे। इस दौरान आपकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ेगी और इनका समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इसके अलावा, इस समय आपके नए वाहन या प्रॉपर्टी  खरीदने के योग बनेंगे और जो लोग नौकरी की तलाश में हैं, उनको कोई अच्छी नौकरी मिल सकती है।

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मकर राशि

हस्त नक्षत्र में होने वाला केतु का गोचर मकर राशि के जातकों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। यह अवधि आपको अचानक से धन लाभ प्रदान करेगी और साथ ही, आपके साहस एवं पराक्रम में वृद्धि होगी। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें केतु का यह गोचर अच्छा लाभ करवा सकता है और इस दौरान आप जहाँ निवेश करेंगे, वहां से आपको उच्च रिटर्न की प्राप्ति होगी। पारिवारिक जीवन को देखें, तो परिवार के सदस्यों के साथ आपके रिश्ते मधुर बने रहेंगे। मकर राशि वालों की आर्थिक स्थिति पहले की तुलना में मज़बूत होगी। इसके विपरीत, इस राशि के प्रतियोगी छात्रों के लिए समय अनुकूल रहेगा और आपको परीक्षा में सफलता मिलने के योग बनेंगे।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. केतु कितने महीने में अपनी राशि बदलते हैं?

उत्तर 1. ज्योतिष के अनुसार, यह 18 माह के बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं।

प्रश्न 2.   किन राशियों के लिए केतु का हस्त नक्षत्र में गोचर शुभ रहेगा?

उत्तर 2. केतु का नक्षत्र परिवर्तन मेष, वृषभ और मकर राशि के जातकों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा।

प्रश्न 3. मकर राशि के स्वामी कौन हैं?

उत्तर 3. इस राशि के स्वामी ग्रह शनि देव हैं।

  

मंगल-चंद्रमा की युति से महालक्ष्मी राजयोग का होगा निर्माण, 6 राशियों पर होगी धन-दौलत की वर्षा!

शास्त्रों में ग्रहों की युति और उनके गोचर का बहुत अधिक महत्व है। कई बार एक ही राशि में एक से ज्यादा ग्रहों का गोचर का होता है, जिससे ग्रहों की युति बनती है। इसके माध्यम से शुभ और अशुभ योग बनते हैं, जो व्यक्ति के जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं। इनमें से एक विशेष योग है महालक्ष्मी योग, जो कि धन, समृद्धि, और सम्मान की प्राप्ति में सहायक होता है।

बता दें कि ग्रहों के सेनापति मंगल मेष राशि में गोचर कर रहे हैं और इसी राशि में चंद्रमा भी मौजूद हैं। इस प्रकार चंद्रमा-मंगल के मेष राशि में गोचर करने से महालक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है। यह योग विभिन्न राशियों के जातकों के लिए विशेष फलदायी साबित हो सकता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मंगल-चंद्रमा के गोचर से बनने वाले राजयोग से किन जातकों को लाभ होगा।

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कैसे बनता है महालक्ष्मी राजयोग

महालक्ष्मी योग का निर्माण तब होता है जब लग्न कुंडली में मंगल और चंद्रमा एक साथ मौजूद हों तब इस शुभ योग का निर्माण होता है। इसके अलावा, मंगल और चंद्रमा की युति जब कुंडली में दूसरे, नौवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में हो रही हो तब भी इस राजयोग से जात को अपार धन लाभ की प्राप्ति होती है। हालांकि, यदि इस राजयोग का निर्माण कुंडली में बुरे भावों में हो रहा हो तो ये जातक के चरित्र का नाश कर सकती है।

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महालक्ष्मी राजयोग के निर्माण से इन जातकों को होगा लाभ

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों की बात करें तो महालक्ष्मी राजयोग आपके लिए बहुत अधिक शानदार साबित होगा। इसके परिणामस्वरूप आप अच्छी मात्रा में धन कमाने में सक्षम होंगे। वरिष्ठों द्वारा कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना होगी और आप मान-सम्मान बढ़ेगा। आप अपनी मेहनत और समर्पण से अच्छा धन कमाने में सक्षम होंगे और आप अपनी मेहनत से आरामदायक स्थिति में पहुंचेंगे। जिन जातकों का खुद का व्यापार है वे इस अवधि अच्छा मुनाफा अर्जित करेंगे और अपने बिज़नेस को तेज़ी से आगे बढ़ाने में सफल होंगे। 

आपके द्वारा किए गए निवेश से आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा और यदि आपने हाल-फिलहाल में कोई निवेश किया है तो उससे भी आपको आगे चलकर अच्छा लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि आपको भाग्य का साथ मिलेगा। आर्थिक रूप से आप मजबूत रहेंगे और दूसरों की मदद करने के लिए भी तैयार रहेंगे। इस दौरान आप धन अर्जित करने के साथ-साथ धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। 

मिथुन राशि

महालक्ष्मी राजयोग मिथुन राशि के जातकों को करियर, आर्थिक जीवन, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में बेहतरीन परिणाम देगा। आप अपने वर्तमान क्षेत्र में जिस कंपनी में काम कर रहे हैं, उसमें आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। इसके अलावा, आप भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए नौकरी बदलने का विचार बना सकते हैं। धन के मामले में आपकी योजना कारगर सिद्ध होंगी और आपको धन लाभ होगा। आपके खर्चे कम होने लगेंगे। इसके साथ ही आपका कोई पुराना निवेश भी इस अवधि में आपको लाभ देकर आर्थिक तौर पर मजबूत कर सकता है। पैतृक संपत्ति से भी लाभ होने के योग बन रहे हैं। 

इस अवधि में आपकी कड़ी मेहनत का आपको फल मिल सकता है और आपकी आय में बढ़ोतरी होने की भी संभावना है जिसकी वजह से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। आपके पार्टनर के साथ आपके रिश्ते पहले से बेहतरीन होंगे और आप एक-दूसरे के साथ अच्छे पल बिताएंगे, जिसके चलते मधुर संबंध स्थापित होंगे। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो, आपको इस अवधि कोई बड़ी समस्या परेशान नहीं करेंगी। हालांकि छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जिसमें आपको घबराने की जरूरत नहीं हैं।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों की बात करें तो मंगल और चंद्रमा की युति से बनने वाले महालक्ष्मी राजयोग से आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे। इस अवधि आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप, आप उच्च स्तर की संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न अर्जित कर सकते हैं। करियर के मोर्चे पर, आप वरिष्ठों का विश्वास जीतने और सराहना प्राप्त करने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।

यदि आप व्यवसाय कर रहे हैं तो इस दौरान आप अधिक लाभ अर्जित करने में सफल होंगे, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। रिश्ते के मोर्चे पर आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिल सकता है। स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आप अच्छा स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं और यह मजबूत प्रतिरक्षा स्तर के कारण संभव हो सकता है।

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए यह अवधि सौभाग्य लाने वाला साबित होगा। इसके परिणामस्वरूप, आप नए दोस्त बनाने के साथ-साथ नए लोगों के साथ संपर्क स्थापित करने में सक्षम होंगे। हालांकि, यह जातक अपनी बुद्धि के दम पर अपने दोस्तों का समर्थन प्राप्त कर सकेंगे। करियर के क्षेत्र में, इस दौरान आप काम में की गई मेहनत की बदौलत अपार सफलता प्राप्त करते हुए नज़र आ सकते हैं। जब बात आती है आर्थिक जीवन की, तो इस अवधि आप बचत करने में सक्षम होंगे। पैसों की बचत करने की गुंजाइश भी पहले से अधिक रहेगी। 

आपका रिश्ते पार्टनर के साथ प्रेम से भरा रहेगा जिसका आनंद लेते हुए आप दिखाई देंगे। साथ ही, रिश्ते में उच्च मूल्यों की स्थापना भी कर सकेंगे। आशंका है कि आप अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने की योजना बनाएं। जो दांपत्य अपने परिवार को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं उनकी मुराद इस अवधि पूरी होगी। सेहत के लिहाज़ से, इस दौरान आपकी फिटनेस अच्छी बनी रहेगी जो कि आपके भीतर की मज़बूत इच्छा शक्ति और उत्साह का परिणाम होगा।

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों को इस अवधि का पूरा लाभ उठाना चाहिए। इस योग के परिणामस्वरूप आपको अपार सफलता प्राप्त होगी और आपके प्रयास सफल होंगे। ये अवधि आपके लिए बहुत अधिक अनुकूल रहेगा। करियर के मोर्चे पर, आपको बहुत अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति अच्छी होगी। आपके वरिष्ठ आपकी सराहना करते हुए नज़र आएंगे। इसके अलावा, आपको नौकरी के अनेक व नए अवसर प्राप्त होंगे। आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे।

आर्थिक जीवन की बात करें तो आपके इस अवधि धन की कमी नहीं होगी। पैतृक संपत्ति और अन्य अन्य अप्रत्याशित स्रोतों से आपको धन लाभ हो सकता है, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। यदि आप अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए जो प्रयास कर रहे हैं, उसमें आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। स्वास्थ्य के लिहाज़ से देखा जाए तो, इस अवधि आपकी सेहत शानदार बनी रहेगी।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए यह अवधि इच्छा पूर्ति की अवधि होगी और आपकी सारी मनोकामना पूरी होगी। करियर में आपको शानदार व सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। साथ ही, काम में सुख व समृद्धि भी प्राप्त होगी। यदि आप व्यापार करते हैं तो इस दौरान आपको अपने बिज़नेस में अपार सफलता प्राप्त होगी। धनु राशि के जो जातक नौकरी छोड़कर बिज़नेस करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें अपार सफलता प्राप्त होगी और व्यापार में सफलता मिलेगी। आर्थिक जीवन की बात करें तो इस दौरान आपको किस्मत का साथ मिलेगा और आप अच्छी मात्रा में धन की बचत करने में सक्षम होंगे।

रिश्ते के मोर्चे पर, आप अपने जीवन साथी के साथ अपने रिश्ते में ईमानदार रहेंगे और आप दोनों के बीच प्रेम-भाव बना रहेगा। आप इस पल का अच्छे से आनंद लेंगे। इस साल अपनी जिंदगी में आपके साथी के प्रभाव का आपको एहसास होगा। वहीं इस राशि के जो जातक अब तक सिंगल हैं उन्हें कोई अच्छा साथी इस अवधि मिल सकता है। आप दांपत्य जीवन में बंधने का विचार भी कर सकते हैं।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. कुंडली में महालक्ष्मी योग कब बनता है?

उत्तर 1. लग्न कुंडली में जब मंगल और चंद्रमा एक साथ विराजमान हो तो महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है। मंगल और चंद्रमा की युति जब कुंडली में द्वितीय, नवम, दशम और एकादश भाव में हो रही हो तब।

प्रश्न 2. मंगल ग्रह को शुभ कैसे कर सकते हैं?

उत्तर 2. हनुमान जी मंगलवार के स्वामी माने जाते हैं इसलिए मंगल के उपाय में हनुमान जी को खुश करने का विधान है।

प्रश्न 3. मंगल किसका कारक ग्रह है?

उत्तर 3. वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को भूमि, साहस, वीरता और रक्त का कारक माना जाता है।

प्रश्न 4. चंद्रमा ग्रह किस राशि के स्वामी हैं?

उत्तर 4. कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं।

कर्क राशि में शुक्र उदित, देश-दुनिया सहित राशियों को करेंगे प्रभावित!

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का कर्क राशि में उदय के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा और इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे। बता दें, प्रेम और विलासिता के ग्रह शुक्र 11 जुलाई 2024 को कर्क राशि में उदित होने जा रहे हैं। आइए जानते हैं शुक्र उदित होने पर राशि सहित देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर इसका अनुकूल व प्रतिकूल, कैसा प्रभाव पड़ेगा।

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शुक्र का कर्क राशि में उदय: विशेषताएं

शुक्र के चंद्रमा की राशि कर्क में होने पर यह जातकों को सुरक्षा की भावना, सुख-सुविधाएं और रिलेशनशिप में भावनात्मक जुड़ाव प्रदान करते हैं। कर्क एक भावुक और संवेदनशील राशि है और ऐसे में, शुक्र के कर्क राशि में होने पर इस राशि के ये गुण अत्यधिक प्रबल होते हैं। 

जिन लोगों की कुंडली में शुक्र कर्क राशि में उपस्थित होते हैं होता है, वे दूसरों की बहुत परवाह करते हैं, दूसरों से प्रेम करते हैं और एक ईमानदार साथी होते हैं। इन्‍हें अपने पार्टनर से भावनात्‍मक सपोर्ट और अंतरंगता की अपेक्षा रहती है। ये अपने परिवार और करी‍बी लोगों को जीवन में प्राथमिकता देते हैं।

शुक्र के कर्क राशि में होने से इन जातकों के भीतर मातृत्व की भावना देखने को मिलती है जो कि महिला हो या पुरुष दोनों में मौजूद होती है।

इन लोगों का जुड़ाव अपने घर और संस्कारों से होता है। साथ ही, जहाँ यह कम्फर्टेबले होते हैं, वहीं सहज और सुरक्षित महसूस करते हैं। इन्‍हें खाना बनाना और अपने साथ-साथ परिवार के सदस्‍यों के लिए घर के माहौल को सुखमय बनाए रखना पसंद होता है।

हालांकि, शुक्र के कर्क राशि में होने पर व्‍यक्‍ति थोड़ा मूडी भी बन जाता है और भावनात्‍मक रूप से उन्हें उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ता है। ये रिश्‍ते में अपमान या आलोचना को सह नहीं पाते हैं। इन्‍हें किसी वजह से भावनात्‍मक ठेस पहुंचने पर अपने आप को सबसे थोड़ा दूर कर लेते हैं। इस दौरान आप अपनी सुरक्षा और अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने की इच्छा के बीच संतुलन बनाना सीख सकते हैं।

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कर्क राशि में शुक्र के उदित होने का समय एवं तिथि

11 जुलाई की सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर शुक्र कर्क राशि में उदित होंगे। इस दौरान जातक थोड़े भावुक नज़र आ सकते हैं जो कि नकारात्‍मक और सकारात्‍मक दोनों रूप से हो सकते हैं। शुक्र की उदित अवस्था आपको भावनात्मक रूप से कैसे प्रभावित करेगी, यह पूरी तरह से कुंडली में शुक्र की स्थिति और इस पर पड़ रहे ग्रहों की दृष्टि पर निर्भर करती है।

तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि शुक्र के कर्क राशि में उदित होने से देश-दुनिया पर इसका क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

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कर्क राशि में शुक्र के उदित होने से इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

शुक्र आपके चौथे भाव में उदित हो रहे हैं। इस समय आपकी सारी समस्याएं और परेशानियां खत्‍म हो जाएंगी। आपको अपने कार्यों में शुभ परिणाम प्राप्‍त होंगे। आपके घर-परिवार में खुशियां आएंगी। प्रॉपर्टी या वाहन खरीदने एवं घर का रिनोवेशन करवाने के लिए अनुकूल समय रहेगा। आप अपने पार्टनर के साथ मिलकर इन कार्यों को पूरा कर सकते हैं। आपके घर का माहौल सुखमय और शांतिपूर्ण रहेगा।

आपका अपनी मां के साथ रिश्‍ता प्रेम से भरा रहेगा। शुक्र चौथे भाव से आपके दसवें भाव को देख रहे होंगे और कुंडली का दसवां भाव पेशेवर जीवन को दर्शाता है इसलिए इस समय आपको अपने करियर और व्‍यवसाय में अच्‍छे परिणाम मिलेंगे। ऐसे में, आप खूब मुनाफा कमाएंगे। पार्टनरशिप में बिज़नेस शुरू करने के लिए भी अच्‍छा समय रहेगा।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं जो अब तक परिवार, बचत और वाणी के भाव अर्थात दूसरे भाव में अस्‍त थे। ऐसे में, आपके प्रेम जीवन में जो भी परेशानियां चल रही थी, छात्रों को शिक्षा में जो समस्‍याएं आ रही थी और संतान को लेकर जो भी परेशानी थी, अब वह सब समाप्‍त हो जाएंगी। आप अपनी वाणी और संचार कौशल से दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होंगे। आपकी बोली में मधुरता आएगी।

संगीतकार, मोटिवेशनल स्‍पीकर, प्रतिनिधि और स्‍टेज पर परफॉर्म करने वाले लोगों को इस समय लाभ प्राप्‍त होगा। इन्‍हें विदेश जाकर या अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर परफॉर्म करने का मौका भी मिल सकता है। कुंडली का दूसरा भाव बचत का होता है और शुक्र धन के कारक हैं। इस प्रकार, शुक्र के कर्क राशि में उदित होने पर आपके धन में वृद्धि होगी और पैसों का प्रवाह सुगम बना रहेगा।

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कर्क राशि

कर्क राशि के लोगों के लिए शुक्र एक अच्‍छा ग्रह है और यह आपके चौथे एवं ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी भी हैं। अब शुक्र आपके लग्‍न या पहले भाव में उदित होने जा रहे हैं जिससे आपको शानदार परिणाम मिलने की संभावना है। आपके लिए लग्‍न भाव में शुक्र का उदित होना बहुत शुभ साबित होगा। आपके आकर्षण में वृद्धि होगी।

आर्थिक लाभ के लिए भी अनुकूल समय रहेगा। आप कोई प्रॉपर्टी या घर खरीदने में पैसों का निवेश कर सकते हैं। आपकी धन से संबंधित इच्‍छाओं की पूर्ति होगी और आप अपने जीवन का भरपूर आनंद लेंगे। समाज में नए और प्रभावशाली लोगों से मेलजोल बढ़ेगा।

इस समय आप अपने पारिवारिक जीवन का आनंद लेंगे। शुक्र की आपके सातवें भाव पर दृष्टि पड़ रही होगी जिसका असर आपके प्रेम संबंध और विवाह से संबंधित मामलों पर सकारात्‍मक पड़ेगा।

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कन्‍या राशि

कन्‍या राशि के लोगों के लिए शुक्र एक मैत्री ग्रह है जो आपके दूसरे और नौवें भाव के स्‍वामी हैं। कुंडली का दूसरा भाव धन और नौवां भाव भाग्‍य का होता है। अब नौवें भाव का स्‍वामी ग्‍यारहवें भाव में उदित हो रहा है जो कि आर्थिक लाभ, इच्‍छा, बड़े भाई-बहनों और चाचा का कारक है।

आमतौर पर शुक्र ग्रह संपन्‍नता और विलासिता को दर्शाता है इसलिए शुक्र का कर्क राशि में उदित होना आर्थिक लाभ की दृष्टि से बहुत फलदायी साबित होगा। धन के मामले में कन्‍या राशि के लोगों के लिए बहुत शुभ रहने वाला है।

कुंडली का ग्‍यारहवां भाव दोस्‍तों और सामाजिक जीवन को दर्शाता है इसलिए इस समय समाज या दोस्‍तों के बीच आपकी छवि बेहतर होगी। इसके साथ ही आपको अपने दोस्‍तों के साथ अच्‍छा समय बिताने का मौका मिलेगा। ग्‍यारहवें भाव से शुक्र की आपके पांचवें भाव पर दृष्टि पड़ रही होगी जो कि शिक्षा, प्रेम संबंध और संतान का भाव है। इस समय आपके प्रेम संबंध में प्‍यार और स्‍नेह बढ़ेगा। संतान पक्ष को लेकर आप प्रसन्‍न रहेंगे और रचनात्‍मक एवं डिजाइनिंग के क्षेत्र से जुड़े छात्रों को लाभ होने के आसार हैं।

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कर्क राशि में शुक्र के उदित होने का इन राशियों पर पड़ेगा अशुभ प्रभाव

धनु राशि

शुक्र धनु राशि के लिए छठे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके आठवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। यह भाव दीर्घायु, अचानक होने वाली घटनाओं और रहस्‍य का होता है। शुक्र और धनु राशि के बीच मित्रतापूर्ण संबंध नहीं है क्योंकि यह आपके छठे भाव के स्‍वामी हैं। इस समय आपको समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसमें किसी महिला से जुड़ी परेशानियों के साथ-साथ स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या आदि शामिल हैं।

आपको इस समय यूटीआई या निजी अंगों में किसी तरह की एलर्जी या संक्रमण होने की भी संभावना है इसलिए आपको अपनी सेहत को लेकर सावधान रहने और साफ-सफाई का ध्‍यान रखने की सलाह दी जाती है। आपके ग्‍यारहवें भाव का स्‍वामी आठवें भाव में उदित हो रहा है और ऐसे में, आपको कोई बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है। धन से जुड़े मामलों में जोखिम उठाने से बचें और पैसों से संबंधित कोई भी निर्णय सोच-समझकर लें।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के लोगों के लिए शुक्र योगकारक ग्रह हैं और आपके चौथे एवं नौवें भाव के स्‍वामी भी हैं। अब शुक्र कर्क राशि के छठे भाव में उ‍दित होने जा रहे हैं। कुंडली का छठा भाव शत्रु, सेहत, प्रतियोगिता और मामा का होता है।

शुक्र के कर्क राशि में उदित होने पर कुंभ राशि के लोगों को अपने माता-पिता का सहयोग मिलेगा। इस समय भाग्‍य भी आपका साथ देगा, लेकिन आपको उनकी सेहत का खास ख्‍याल रखना होगा। उन्‍हें कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान कर सकती है। शुक्र छठे भाव में मौजूद होंगे इसलिए आपके परिवार में कलह का माहौल बन सकता है। परिवार के सदस्‍यों के बीच अनबन होने की आशंका है। इस समयावधि में आपको लोन लेने या किसी प्रतियोगिता में सफल होने में दिक्‍कतें आ सकती हैं।

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कर्क राशि में शुक्र का उदय : ज्‍योतिषीय उपाय

शुक्र के कर्क राशि में उदित होने पर आप नीचे दिए गए उपायों को करके अनुकूल परिणाम प्राप्‍त कर सकते हैं:

  • शुक्रवार के दिन व्रत रखें और सफेद चीजों जैसे कि चावल, चीनी आदि का दान करें।
  • शुक्रवार को मां लक्ष्‍मी या मां दुर्गा की पूजा करें और उन्‍हें लाल रंग के फूल चढ़ाएं।
  • साफ़-सुथरे कपड़े पहनें और चंदन के परफ्यूम का उपयोग करें।
  • रोज़ सुबह महालक्ष्‍मी अष्टकम का पाठ करें।
  • अपने घर या ऑफिस में महालक्ष्‍मी यंत्र की स्‍थापना करके उसका पूजन करें।
  • आप सफेद और गुलाबी रंग के कपड़े ज्‍यादा पहनें और साफ-सफाई का ध्‍यान रखें।
  • इसके अलावा ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।

कर्क राशि में शुक्र का उदय: विश्‍व पर प्रभाव

कला और फैशन बिज़नेस

  • विश्‍व स्‍तर पर फैशन इंडस्‍ट्री और इससे संबंधित व्‍यापार खूब फल-फूलेंगे।
  • ब्‍यूटी ट्रीटमेंट से जुड़ी तकनीकों में वृद्धि होगी और उनसे जुड़ी मशीनरी एवं उपकरणों में भी तरक्‍की देखने को मिलेगी।
  • मोती के आभूषणों और डायमंड के व्‍यापारियों के लिए भाग्‍यशाली समय रहेगा।

मीडिया, काउंसलिंग और पत्रकारिता

  • मीडिया और संचार के क्षेत्र से जुड़े लोग अपने करियर में शानदार प्रदर्शन करेंगे।
  • इस समयावधि में मीडिया की मदद से दुनियाभर में नए और महत्वपूर्ण मुद्दे सामने आएंगे जिससे मीडिया का नाम बढ़ेगा।
  • काउंसलिंग और संचार से संबंधित क्षेत्रों में कार्यरत लोग बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

मेडिसिन और हीलिंग

  • शुक्र के कर्क राशि में उदित होने पर नर्सिंग, हीलिंग, साइकोलॉजी आदि से जुड़े लोग शानदार प्रदर्शन करेंगे।
  • कॉस्मेटोलॉजिस्ट जैसे प्‍लास्टिक सर्जन आदि को शुक्र की इस अवस्था से लाभ होगा।
  • रेकी हीलर्स, योगा ट्रेनर के लिए भी शुक्र का कर्क राशि में उदित होना फायदेमंद साबित होगा।

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कर्क राशि में शुक्र का उदय: स्‍टॉक मार्केट पर प्रभाव

  • शुक्र के कर्क राशि में उदित होने पर डेयरी और केमिकल उद्योगों को फायदा होने के आसार हैं।
  • वस्‍त्र उद्योग और फैशन एसेसरीज इंडस्‍ट्री को भी मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
  • बिज़नेस कंसल्टेशन और लेखन या मीडिया एड से जुड़ी फार्मों और प्रिंट, टेलीकम्‍युनिकेशन एवं ब्रॉडकास्टिंग इंडस्‍ट्री की सभी नामचीन कंपनियों को सकारात्‍मक परिणाम मिलने के संकेत हैं।
  • मेडिकल और फार्मास्यूटिकल उद्योग इस समय अच्‍छा मुनाफा कमाएंगे।
  • फाइनेंस और आर्किटेक्‍चर से जुड़ी कंपनियों को भी लाभ होगा।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. कर्क राशि में शुक्र का होना किसका कारक है?

उत्तर. विश्‍वास, सहानुभूति और ईमानदारी।

प्रश्‍न. क्‍या कर्क में शुक्र का होना शुभ है?

उत्तर. शुक्र के कर्क राशि में होने से व्‍यक्‍ति भावुक और रचनात्‍मक बनता है।

प्रश्‍न. क्‍या शुक्र और चंद्रमा के बीच मित्रता है?

उत्तर. नहीं, शुक्र और चंद्रमा के बीच शत्रुता है

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इन 8 राशि के युवकों में जन्मजात मौजूद होते हैं नेतृत्व के गुण, बनते हैं सफल लीडर!

प्रत्येक व्यक्ति का अपना स्वभाव और गुण होते हैं जो उन्हें सबसे अलग एवं विशिष्ट बनाते हैं। इसी प्रकार, राशि चक्र की सभी 12 राशियों का अपना स्वभाव, खूबियां और प्रतीक चिन्ह होते हैं। एक मनुष्य पर उसकी राशि का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है इसलिए किसी की राशि के माध्यम से उसके व्यक्तित्व, स्वभाव और पसंद-नापसंद के बारे में आसानी से जाना जा सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, राशि के प्रभाव से ही व्यक्ति में गुण और अवगुण भी जन्म लेते हैं। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसी राशि के लड़कों के बारे में अवगत करवाएंगे जिन्हें जन्मजात एक अच्छे लीडर बनने का आशीर्वाद मिलता है। आइए बिना देर किये शुरुआत करने हैं इस लेख की।

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आज हम बात करेंगे उन राशियों के युवकों की जिनके भीतर नेतृत्व करने की अपार क्षमता मौजूद होती है और ऐसे जातक जन्म से नेतृत्व करने में माहिर होते हैं। यह जातक बहुत कम समय में खूब सफलता हासिल करने में कामयाब रहते हैं और जल्दी ही सबके बॉस बन जाते हैं। 

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इन राशियों के लड़कों में होता है नेतृत्व का गुण, पाते हैं अपार सफलता

मेष राशि

मेष राशि वालों के स्वामी मंगल ग्रह हैं जो कि साहस और पराक्रम के कारक माने गए हैं। इस राशि के जातकों पर मंगल का अत्यधिक प्रभाव होता है इसलिए यह हमेशा ऊर्जा से भरे रहते हैं और अपने लक्ष्य को पूरा करने के प्रति गंभीर होते हैं। मेष राशि के लड़के अपने जीवन में आने वाली हर तरह की परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं और अपने कदम पीछे नहीं खींचते हैं। इन लोगों की निर्णय लेने की क्षमता बेहद मज़बूत होती है जिसका लाभ इन्हें अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में मिलता है। इस राशि के युवकों में अपनी पसंद की चीजों को पाने की जिद कूट-कूटकर भरी होती है। साथ ही, यह दूसरों से अपनी बात मनवाने में कुशल होते हैं। ऐसे ही कुछ चुनिंदा लोगों में मुकेश अंबानी, अनंत अंबानी, राम मनोहर लोहिया आदि के नाम शामिल हैं जो एक महान लीडर बने हैं।

आज का गोचर

मिथुन राशि

मिथुन राशि का स्वामित्व बुध ग्रह को प्राप्त है और इन्हें बुद्धि, वाणी एवं ज्ञान के देवता कहा जाता हैं। इस राशि के लोगों पर बुध देव का काफ़ी प्रभाव नज़र आता है। इसके परिणामस्वरूप, इन लोगों के अंदर हर चीज को सीखने की एक गज़ब जिज्ञासा देखने को मिलती है। यह लोग एक समय पर अनेक कामों को करने में माहिर होते हैं। सामान्य शब्दों में कहें, तो यह चाहे किसी भी क्षेत्र में काम करें, उसमें मल्टी टैलेंटेड होते हैं। इन गुणों की वजह से ही सफलता की सीढ़ियां बहुत तेज़ी से चढ़ते हैं और अपनी क्षमताओं के बल पर सबकों पीछे छोड़ते हुए करियर में आगे निकल जाते हैं। मिथुन राशि के कुछ बेहतरीन लीडर्स में योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी, नितिन गडकरी, कुमार मंगलम बिड़ला, लक्ष्मी मित्तल, लालू प्रसाद यादव, आदि के नाम शुमार हैं।

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कर्क राशि

कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्र देव हैं और इन्हें मन और माता के कारक ग्रह माना गया है। इस राशि के युवकों का मन बहुत शांत और स्थिर होता है इसलिए इधर-उधर नहीं भटकता है। इसके फलस्वरूप, यह अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम होते हैं। इनके अंदर नेतृत्व करने की मज़बूत क्षमता होती है और अपने कार्यों को लेकर इनका दिमाग काफी स्पष्ट रहता है। इस राशि के लड़के अपने क्षेत्र में खूब नाम कमाते हैं और स्वभाव से काफी मजबूत और दृढ़ निश्चयी माने जाते हैं। दुनिया में कर्क राशि वालों के बड़े लीडर के नाम इस प्रकार हैं: राजनाथ सिंह, पी वी नरसिम्हा राव, भूपेंद्रभाई पटेल, अखिलेश यादव, गौतम अडानी, हरभजन सिंह, रणवीर सिंह, महेंद्र सिंह धोनी आदि।

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कन्या राशि 

कन्या राशि के अधिपति देव बुध ग्रह हैं जो वाणी, तर्क और बुद्धि के कारक ग्रह हैं। इस राशि के लड़कों पर बुध ग्रह का गहरा प्रभाव होता है जो इन्हें हमेशा जीवन में सफलता के मार्ग पर लेकर जाता है। इनको सबको साथ लेकर चलना पसंद होता है और यह जो भी कार्य करते हैं, उसमें माहिर होते हैं इसलिए कन्या राशि के युवक अपने जीवनकाल में खूब सफलता हासिल करते हैं। इनका संचार कौशल अच्छा होता है जिसकी वजह से अपनी बातों से दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। कन्या राशि के युवकों की सबसे खास बात होती है कि यह कभी भी जोखिम उठाने और असफलता होने से घबराते नहीं हैं। इस वजह से सफलता अपने नाम करते हैं। ऐसे ही कुछ सफल लोगों में पवन कल्याण, पुष्कर सिंह धामी, नरेंद्र मोदी, सुब्रमण्यम स्वामी आदि आते हैं।

तुला राशि

तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र देव हैं जो सुख-समृद्धि एवं प्रेम के कारक ग्रह हैं। इस राशि के युवकों का व्यक्तित्व शुक्र ग्रह से अत्यधिक प्रभावित होता है इसलिए इनमें जन्मजात नेतृत्व का गुण होता है। यह लोग अपना जीवन राजाओं की तरह जीते हैं और कभी-कभी ये लोग अपने आपको बॉस समझ लेते हैं। इस राशि के लड़के किसी भी क्षेत्र में अपना करियर बनाएं, उसमें ही टॉप पर पहुंच जाते हैं। इन लोगों में कभी हार न मानने की एक मज़बूत इच्छाशक्ति होती है और यही इनको बुलंदियों पर लेकर जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।अगर हम बात करें, तुला राशि के ऐसे ही कुछ महान नेता और लीडर्स की, तो वह इस प्रकार हैं: एपीजे अब्दुल कलाम, लाल बहादुर शास्त्री, महात्मा गांधी,  रणबीर कपूर, जयप्रकाश नारायण, अमिताभ बच्चन, तेजस्वी सूर्या, नवीन पटनायक, वीरेन्द्र सहवाग, अमित शाह, अनिल कुंबले आदि।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के अधिपति देव मंगल महाराज हैं जो ऊर्जा और शक्ति आदि को नियंत्रित करते हैं। इस राशि के लड़कों का व्यक्तित्व मंगल ग्रह से बेहद प्रभावित होता है और इस वजह से यह हमेशा एक्टिव मोड में दिखाई देते हैं। इस राशि के युवक तब तक शांति से नहीं बैठते हैं, जब तक यह कामयाबी नहीं पा लेते हैं। यह अपनी मन मर्जी के मालिक होते हैं और इनमें नेतृत्व क्षमता पैदाइशी होती है। इन्हें बहुत अच्छे से पता होता है कि अपना काम लोगों से किस तरह करवाना है और इनकी यही खूबी आपको सफलता के शिखर पर लेकर जाती है। ऐसे ही कुछ नामों में सरदार वल्लभ भाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान,एल के आडवाणी, विराट कोहली, शाहरुख खान, कमल हासन आदि के नाम शामिल हैं।

मकर राशि

मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि महाराज हैं और इन्हें न्याय के देवता और कर्मों के कारक ग्रह कहा गया है। इस राशि के युवकों पर शनिदेव का गहरा प्रभाव पड़ता है और ऐसे में, यह कभी खाली नहीं बैठ सकते हैं इसलिए हमेशा कुछ न कुछ करते हुए नज़र आते हैं। इनमें रचनात्मकता कूट-कूट कर भरी होती है और यह कुछ न कुछ सीखने के इच्छुक रहते है। मकर राशि के लड़के अपनी तेज़ बुद्धि के बल पर करियर के क्षेत्र में कोई बड़ा मुकाम हासिल करने में सक्षम होते हैं। यह लोगों अपना काम निकलवाने की कला में माहिर होते  है। ऐसे ही कुछ मशहूर हस्तियों के नामों में अटल बिहारी वाजपेयी, रतन टाटा, मुरली मनोहर जोशी, दिलजीत दोसांझ, कपिल देव, सलमान खान आदि नाम शामिल हैं।

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मीन राशि

मीन राशि के स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति हैं और यह विस्तार, प्रगति, ज्ञान और शुभ कार्यों के कारक ग्रह हैं। इस राशि के लड़कों के व्यक्तित्व पर गुरु ग्रह का विशेष प्रभाव होता है और ऐसे में, इनके भीतर बेहतरीन मैनेजमेंट स्किल्स के साथ-साथ टीम का नेतृत्व करने की अपार क्षमता होती है। इस राशि के युवक अगर मन में किसी बात को ठान लेते हैं, तो उसे पूरा करने के बाद ही सांस लेते हैं। यह अपने आसपास के लोगों का आदर और मान-सम्मान करते हुए चलते हैं इसलिए सबको इन पर विश्वास करने में ज्यादा समय नहीं लगता है। यह अपने बेहतरीन काम के बल पर अच्छा मुकाम प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। इस राशि के कुछ सफल लीडर्स में नीतीश कुमार, शिवराज सिंह चौहान, आमिर खान आदि के नाम शामिल हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. मीन राशि के स्वामी कौन हैं?

उत्तर 1. इस राशि के स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति हैं।

प्रश्न 2. मंगल के कमजोर होने पर क्या होता है? 

उत्तर 2. कुंडली में मंगल कमज़ोर होने पर व्यक्ति को बेकार की बातों पर गुस्सा आने लगता है और वह स्वभाव से चिढ़चिढ़ा हो जाता है।

प्रश्न 3. शनि ग्रह किस राशि के स्वामी हैं?

उत्तर 3. ज्योतिष में शनि देव को मकर और  कुंभ राशि का स्वामित्व प्राप्त है।

 

लाख कोशिशों के बाद भी इन राशियों के स्‍टूडेंट्स को नहीं मिलेगी सक्‍सेस, फेलियर बनकर रह जाएंगे

एस्‍ट्रोसेज के इस ब्‍लॉग में बताया गया है कि साल 2025 में किन राशियों के छात्रों को परीक्षा में सफल होने और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। यदि आप छात्र हैं और वर्ष 2025 में आपकी कोई महत्‍वपूर्ण परीक्षा है, तो इस ब्‍लॉग में आप जान सकते हैं कि आपको उस परीक्षा में सफलता मिलेगी या नहीं।

साथ ही जानें कि साल 2025 किन राशियों के छात्रों के लिए मुश्किल रहने वाला है।

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इन राशियों के छात्रों का शुरू होगा मुश्किल समय

मीन राशि

शिक्षा की दृष्टि से मीन राशि के छात्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इनके सामने कई तरह की समस्‍याएं खड़ी हो सकती हैं। फरवरी तक शनि के बारहवें भाव में होने की वजह से स्‍टूडेंट्स के लिए यह समय थोड़ा मुश्किल साबित होगा। वहीं सालभर इन पर शनि की साढ़े साती का भी प्रभाव रहेगा।

मार्च के बाद शनि आपके लग्‍न भाव में प्रवेश करेंगे और अप्रैल में गुरु की अशुभ स्थिति के कारण आपको प्रतिकूल परिणाम मिलने की आशंका है। मई में गुरु के चौथे भाव में आने पर आपको इनसे कुछ अच्‍छे परिणाम मिल सकते हैं। वहीं शनि के लग्‍न भाव में होने से छात्रों की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ सकती है। आपकी एकाग्रता में कमी आने के संकेत हैं।

मीन साप्ताहिक राशिफल

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मिथुन राशि

पढ़ाई के मामले में मिथुन राशि के लोगों के लिए साल 2025 ज्‍यादा अच्‍छा नहीं कहा जा सकता है। मई के बाद गुरु के लग्‍न भाव में आने पर आपको शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिकूल प्रभाव मिल सकते हैं। मार्च के महीने के बाद छात्रों का पढ़ाई से मन हट सकता है। शनि के चौथे भाव पर द‍ृष्टि रखने की वजह से छात्र पढ़ाई से दूर हो सकते हैं।

इनकी एकाग्रता में भी कमी आने की आशंका है। बुध 06 जून 2025 से लेकर 22 जून 2025 और 15 सितंबर 2025 से 03 अक्टूबर 2025 के बीच छात्रों को पढ़ाई में अच्‍छे परिणाम प्रदान करेंगे।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

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सिंह राशि

विद्यार्थियों के लिए साल 2025 ज्‍यादा अच्‍छा नहीं कहा जा सकता है। गुरु आपकी राशि के दसवें भाव में रहेंगे जिससे आपको बहुत ज्‍यादा मेहनत और प्रयास करने के बाद सफलता मिल पाएगी। मई में गुरु के ग्‍यारहवें भाव में आने पर आपको थोड़े अच्‍छे परिणाम मिलने के संकेत हैं।

मार्च से शनि के आठवें भाव में आने पर छात्रों को पढ़ाई में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इनकी एकाग्रता में कमी आ सकती है और इनके लिए पढ़ाई में मन लगा पाना मुश्किल हो जाएगा। राहु-केतु की वजह से इनकी प्रगति की रफ्तार भी धीमी हो सकती है। आपके प्रदर्शन में गिरावट आने की आशंका है।

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धनु राशि

गुरु के आपके छठे भाव में होने पर अप्रैल तक छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। मार्च से शनि चौथे भाव में आएंगे और यहीं से आपका कठिन समय शुरू हो जाएगा। तनाव के कारण आपको मन लगाकर पढ़ाई करने में दिक्‍कत आ सकती है।

हालांकि, मई के बाद आपको कुछ अच्छे परिणाम मिल पाएंगे। अप्रैल तक छात्रों को पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान गुरु के आपके छठे भाव और शनि के चौथे भाव में होने के कारण विद्यार्थियों की एकाग्रता में गिरावट आने के संकेत हैं।

धनु साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि

कुुंभ राशि के छात्रों के लिए भी साल 2025 ज्‍यादा अच्‍छा साबित नहीं होगा। इस समय विद्यार्थियों को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। गुरु के अप्रैल तक चौथे भाव में होने की वजह से छात्रों को प्रतिकूल परिणाम प्राप्‍त होंगे। वहीं फरवरी तक शनि के लग्‍न भाव में होने की वजह से भी परेशानियां आएंगी।

राहु और केतु की स्थि‍ति की वजह से आपको अड़चनें देखनी पड़ सकती हैं। इसकी वजह से आपके प्रदर्शन में गिरावट आने की आशंका है। मार्च के आखिर में शनि दूसरे भाव में आएंगे और इस समय आपको थोड़े बेहतर परिणाम मिलने के आसार हैं।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. पढ़ाई में किस राशि के छात्र अच्‍छे होते हैं?

उत्तर. मेष राशि वाले बच्‍चे पढ़ाई-लिखाई में अच्‍छे होते हैं।

प्रश्‍न. पढ़ाई के लिए कौन सा ग्रह जिम्‍मेदार है?

उत्तर. बुद्धि का संबंध बुध ग्रह से है इसलिए इसे ही शिक्षा का कारक माना जाता है।

प्रश्‍न. कुंडली में शिक्षा कैसे देखें?

उत्तर. कुंडली का चौथा भाव शिक्षा को दर्शाता है।

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इस सप्ताह जागेगा इन राशियों का सोया हुआ भाग्य- नौकरी में वृद्धि के प्रबल योग!

जुलाई का दूसरा सप्ताह आपके लिए क्या बड़ी सौगात लेकर आने वाला है, इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य कैसा रहेगा, करियर में किस तरह के परिणाम प्राप्त होंगे, प्रेम जीवन के संदर्भ में क्या फल आपको मिलेगा, इन सभी सवालों का जवाब आपको हमारे इस राशिफल ब्लॉग के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है।

सिर्फ इतना ही नहीं वैदिक ज्योतिष पर आधारित हमारे इस खास ब्लॉग में हम आपको आने वाले सात दिनों में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी, आने वाले सात दिनों का हिंदू पंचांग, बैंक अवकाश, विवाह मुहूर्त, आदि की जानकारी भी प्रदान करेंगे। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं 8 से 14 जुलाई का हिंदू पंचांग क्या कहता है।

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8 से 14 जुलाई 2024 हिंदू पंचांग और व्रत त्यौहार

8 जुलाई 2024- सोमवार 

तिथि तृतीया – पूर्ण रात्रि तक

पक्ष शुक्ल

अभिजीत 11:58:23 से 12:53:54 तक

दिशा शूल- पूर्व

कोई व्रत-त्योहार नहीं है। 

9 जुलाई 2024- मंगलवार 

तिथि तृतीया – 06:10:57 तक

पक्ष शुक्ल

अभिजीत 11:58:33 से 12:54:01 तक

दिशा शूल उत्तर

व्रत-त्योहार: विनायक चतुर्थी।  

10 जुलाई 2024- बुधवार 

तिथि चतुर्थी – 07:54:16 तक

पक्ष शुक्ल

अभिजीत कोई नहीं

दिशा शूल उत्तर

कोई व्रत-त्योहार नहीं है। 

11 जुलाई 2024- गुरुवार 

तिथि पंचमी – 10:05:52 तक

पक्ष शुक्ल

अभिजीत 11:58:51 से 12:54:14 तक

दिशा शूल दक्षिण

व्रत-त्योहार: स्कन्द षष्ठी 

12 जुलाई 2024- शुक्रवार 

तिथि षष्ठी – 12:35:12 तक

पक्ष शुक्ल

अभिजीत 11:59:00 से 12:54:19 तक

दिशा शूल पश्चिम

कोई व्रत-त्योहार नहीं है।

13 जुलाई 2024- शनिवार 

तिथि सप्तमी – 15:07:59 तक

पक्ष शुक्ल

अभिजीत 11:59:08 से 12:54:25 तक

दिशा शूल पूर्व

कोई व्रत-त्योहार नहीं है।

14 जुलाई 2024- रविवार 

तिथि अष्टमी – 17:28:19 तक

पक्ष शुक्ल

अभिजीत 11:59:16 से 12:54:30 तक

दिशा शूल पश्चिम

व्रत-त्योहार: मासिक दुर्गाष्टमी 

8 से  14 जुलाई 2024- ग्रहण गोचर

ग्रहण और गोचर के बारे में जानना इसलिए भी आवश्यक हो जाता है क्योंकि वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि ग्रहों की चाल, स्थिति और किसी भी बदलाव से व्यक्ति के जीवन पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि कोई भी भविष्यवाणी करते समय ग्रहों की चाल और स्थिति का विशेष आकलन अवश्य किया जाता है। 

बात करें जुलाई के दूसरे सप्ताह में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर की तो, इस सप्ताह में कुल दो गोचर होने वाले हैं और ग्रहण नहीं लगेगा।

11 जुलाई 2024 को शुक्र कर्क राशि में 7:59 पर उदित हो जाएंगे। इसके बाद 12 जुलाई को मंगल 19:03 पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। शुक्र और मंगल दोनों ही ज्योतिष में महत्वपूर्ण दर्जा रखते हैं। ऐसे में इनका यह परिवर्तन निश्चित रूप से हमारे जीवन पर असर डालेगा। अगर आप भी इन गोचर का अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का विस्तृत गोचरफल जानना चाहते हैं तो अभी विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श अवश्य करें।

8 से 14 जुलाई 2024- बैंक अवकाश 

बैंक अवकाश की बात करें तो इस सप्ताह में 8 जुलाई सोमवार को रथ यात्रा है और 13 जुलाई 2024 को दूसरा शनिवार है। ऐसे में इन दोनों ही दिनों में बैंक अवकाश रहने वाला है।

8 से 14 जुलाई 2024- विवाह मुहूर्त 

जुलाई के इस सप्ताह में कई विवाह मुहूर्त पड़ने वाले हैं जैसे की 9 जुलाई, 11 जुलाई, 12 जुलाई, 13 जुलाई और 14 जुलाई को विवाह मुहूर्त रहेंगे।

शुभ विवाह मुहूर्त

जुलाई 9, 2024 मंगलवार

मुहूर्त: 14:28 से 18:56

नक्षत्र: मघा

तिथि: चतुर्थी

जुलाई 11, 2024, बृहस्पतिवार 

मुहूर्त: 13:04 से 04:09, जुलाई 12

नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी

तिथि: षष्ठी

जुलाई 12, 2024, शुक्रवार 

मुहूर्त: 05:15 से 05:32, जुलाई 13

नक्षत्र: हस्त

तिथि: सप्तमी

जुलाई 13, 2024, शनिवार 

मुहूर्त: 05:32 से 15:05

नक्षत्र: हस्त

तिथि: सप्तमी

जुलाई 14, 2024, रविवार 

मुहूर्त: 22:06 से 05:33, जुलाई 15

नक्षत्र: स्वाती

तिथि: नवमी

8 से 14 जुलाई 2024 जन्मदिन

अपने इस बेहद खास और आखिरी सेगमेंट में हम जानते हैं कि कथित सप्ताह में किन सितारों का जन्मदिन मनाया जाएगा। ऐसे में बात करें जुलाई के तीसरे सप्ताह में पड़ने वाले मशहूर सितारों के जन्मदिन की तो, 

8 जुलाई सौरव गांगुली (क्रिकेटर), रेवती (ऐक्ट्रेस), नीतू सिंह (एक्ट्रेस) 

9 जुलाई संगीता बिजलानी (एक्ट्रेस), टॉम हैंक्स (अमेरिकन एक्टर,फिल्ममेकर) उर्वशी ढोलकिया (टीवी एक्ट्रेस) 

10 जुलाई सुनील गावस्कर (भारतीय क्रिकेटर/ कमेंटेटर) राघव जुयाल (डांसर) आलोक नाथ (एक्टर) 

11 जुलाई कुमार गौरव (एक्टर) मानव गोयल (एक्टर), पारस छाबड़ा (एक्टर) 

12 जुलाई संजय मांजरेकर (इंडियन क्रिकेटर/ कॉमेंटेटर), एवेलिन शर्मा (एक्ट्रेस), मुनाफ पटेल (क्रिकेटर), विनय पाठक (एक्टर)

13 जुलाई फाफ डू प्लेसिस (साउथ अफ्रीकन क्रिकेटर), असिम रियाज (मॉडल) 

यदि आप अपने फेवरेट सितारे की कुंडली देखकर उनके भविष्य के बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।

एस्ट्रोसेज की तरफ से इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

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साप्ताहिक राशिफल 8-14 जुलाई 2024 

अब जानते हैं सभी बारह राशियों के जातकों के लिए यह सप्ताह क्या कुछ लेकर आने वाला है: 

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
चंद्र राशि कैलकुलेटर

मेष साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह किसी पर भी, किसी भी परिस्थिति में झल्लाना और खीजना, आपकी सेहत को….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

इस सप्ताह आपका प्रेम जीवन तो अच्छा रहेगा। परंतु सप्ताह के….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपके लिए काम और आराम के बीच में, सही संतुलन स्थापित करना बेहद ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह योग बन रहे हैं कि यदि आप किसी के साथ रोमांटिक मुलाक़ात करते हैं तो,….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह मानसिक तौर पर आप खुद को, स्थिर महसूस नहीं करेंगे। इसलिए आपको इस बात का….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपको अपने प्रियतम पर शक न करते हुए, उनपर अपना विश्वास दिखाने की….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको अपनी व्यस्त ज़िंदगी में से, कुछ पल निकालते हुए आराम करने और क़रीबी दोस्तों …. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

इस पूरे ही सप्ताह आपको कार्यक्षेत्र पर अतिरिक्त काम के दबाव के चलते, ….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

संभव है कि इस सप्ताह आपको, कार्यक्षेत्र से संबंधित किसी यात्रा पर जाना पड़ सकता है। ऐसे में….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपके प्रेम जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। अपनी……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह मानसिक तौर पर आप खुद को, स्थिर महसूस नहीं करेंगे। इसलिए आपको इस बात का….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

प्रेम राशिफल के अनुसार इस सप्ताह का समय, आपके प्रेम विवाह के योग ….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

ये सप्ताह स्वास्थ्य के लिहाज से, बहुत अच्छा कहा जा सकता है। इस दौरान सेहत के प्रति आपकी…..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

प्रेम एक अद्वितीय अहसास है यह आपको इस सप्ताह समझ आ सकता है। लवमेट के साथ….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको सलाह दी जाती है कि, अपने स्वास्थ्य को लेकर ज़्यादा चिंता न करें। अन्यथा ऐसा करने…..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

यदि आप अभी तक सिंगल थे तो, आपको इस सप्ताह प्रेम जीवन की नई शुरुआत करने…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

स्वास्थ्य राशिफल के अनुसार, ये सप्ताह भी स्वास्थ्य के नज़रिये से थोड़ा बेहतर ही रहने वाला है। हालांकि …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

सप्ताह के शुरूआती दिनों में, अर्थात् हफ्ते का पहला भाग में आपके प्रियतम को किसी…..(विस्तार से पढ़ें)

विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और पाएं हर समस्या का समाधान

मकर साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको मानसिक शांति की कमी का अनुभव होगा, जिससे आपके अंदर कुछ व्याकुलता देखी ….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

दिल से आप अपने संगी को खुश करने की कोशिश इस सप्ताह करते नजर आ….(विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ साप्ताहिक राशिफल

इस राशि के बुजुर्ग लोगों या गर्भवती महिलाओं को, इस सप्ताह आपकी सेहत का विशेष ध्यान रखना …. (विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ प्रेम राशिफल

यदि आप किसी के साथ लंबे अरसे से किसी प्रेम संबंधों में हैं तो, इस सप्ताह आप उनसे प्रेम ….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: जुलाई के दूसरे सप्ताह में कौन से व्रत-त्योहार किए जाएंगे?

उत्तर: इस सप्ताह विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। 

प्रश्न 2: 8-14 जुलाई के दौरान कौन से विवाह मुहूर्त हैं?

उत्तर: इस सप्ताह में 9 जुलाई, 11 जुलाई, 12 जुलाई, 13 जुलाई और 14 जुलाई को विवाह मुहूर्त रहेंगे।

प्रश्न 3: 8-14 जुलाई के बीच किन ग्रहों का गोचर होने वाला है?

उत्तर: इस सप्ताह 11 जुलाई 2024 को शुक्र कर्क राशि में 7:59 पर उदित हो जाएंगे। इसके बाद 12 जुलाई को मंगल 19:03 पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे।

प्रश्न 4: 8 से 14 जुलाई के सप्ताह की लकी राशियाँ कौन सी हैं?

उत्तर: कन्या और कुम्भ राशि के जातकों के लिए ये सप्ताह प्रेम के लिहाज से बेहद ही अनुकूल और खास रहने वाला है।

हर साल क्यों निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा? 170 सालों से भी ज्यादा पुरानी है परंपरा

उड़ीसा के पुरी में निकलने वाली विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व पूरी दुनिया में हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह यात्रा हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हर साल निकलती है और आषाढ़ शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन भगवान जगन्नाथ की वापसी के साथ इस यात्रा का समापन होता है। यह पर्व  जगत के स्वामी श्री हरि विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का स्वरूप माने जाने वाले भगवान जगन्नाथ को समर्पित है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और  गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। उड़ीसा का जगन्नाथ मंदिर चार पवित्र तीर्थ धामों में से एक है। यहां पर श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की पूरी विधि-विधान से पूजा होती है। जगन्नाथ मंदिर में तीनों की मूर्तियां विराजमान हैं। 

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शास्त्रों के अनुसार, इस ख़ास अवसर पर भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना करने से साधक को जीवन में विशेष फल की प्राप्ति होती है। उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के उत्सव को बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस यात्रा में लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं। 

ऐसे में, एस्ट्रोसेज अपने पाठकों के लिए “जगन्नाथ रथ यात्रा 2024” का यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसके तहत वर्ष 2024 में किस मुहूर्त और तिथि पर जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी और आख़िर क्यों बीमार पड़ जाते हैं भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा से पहले? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलेंगे इसलिए इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।

जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 की तिथि एवं मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से रथ यात्रा की शुरुआत होती है और इसका समापन दस दिन बाद यानी ग्यारहवें दिन होता है। अगर हम बात करें वर्ष 2024 की, तो इस वर्ष जगन्नाथ रथ यात्रा का आरंभ 07 जुलाई, 2024 को होगा जबकि इसका अंत 10 दिन बाद होगा। जगन्नाथ रथ यात्रा का पर्व हर साल जून या जुलाई के महीने में पड़ता है। आइये आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं रथ यात्रा 2024 के मुहूर्त पर।

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जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 का मुहूर्त 

द्वितीय तिथि का आरंभ: 07 जुलाई 2024 को 04 बजकर 28 मिनट से,

द्वितीय तिथि की समाप्ति: 08 जुलाई, 2024 को 05 बजकर 01 मिनट तक।  

जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व

जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल उड़ीसा में निकाली जाती है और यह पर्व सबसे प्रमुख व बड़ा पर्व होता है। इस यात्रा को लेकर ऐसी मान्यता है कि भी व्यक्ति श्री जगन्नाथ के नाम का कीर्तन करता हुआ गुंडीचा नगर तक जाता है, वह पुनर्जन्म के बंधनों से मुक्त हो जाता है और उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। भगवान जगन्नाथ विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण के रूपों में से एक हैं। इस शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों से मिलकर हुई है जगन यानी कि ब्रह्मांड और नाथ का अर्थ “भगवान” से हैं।

सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथों नारद पुराण, स्कंद पुराण, ब्रह्म पुराण और पद्म पुराण आदि इस यात्रा का विस्तार रूप से वर्णन देखने को मिलता है। जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी मान्यता है कि इस यात्रा के दौरान रथों को खींचना भक्ति और कृपा का प्रतीक होता है। ऐसा करने से व्यक्ति को उन पापों से मुक्ति मिलती है जो जाने-अनजाने में हो जाते हैं। साथ ही, व्यक्ति हर प्रकार के रोग व कष्टों से दूर हो जाता है।

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रथ यात्रा से मौसी के घर मिलने जाते हैं जगन्नाथ

जगन्नाथ रथ यात्रा भक्ति और धार्मिक महत्व की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ साल में एक बार अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। इस समय भगवान के दर्शन वे लोग करने में भी सक्षम होते हैं, जो मंदिर जा कर भी दर्शन नहीं कर पाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने रथ पर सवार होकर भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ मिलकर अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर उनसे मिलने के लिए जाते हैं। इस मंदिर को जगन्नाथ जी की मौसी का घर माना जाता है जहां भगवान अपने भाई-बहनों के साथ एक सप्ताह तक ठहरते हैं।  

इस अवधि के दौरान भगवान का बहुत ही आदर-सत्कार व मान-सम्मान किया जाता है और उनकी मौसी उन पर खूब प्रेम बरसाती हैं। ऐसी भी मान्यता है कि मौसी भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के लिए तरह-तरह के पकवान बनाती हैं और भगवान खूब प्रेम से खाते हैं। इसके बाद वे बीमार पड़ जाते हैं। भगवान को स्वस्थ करने के लिए पथ्य का भोग लगाया जाता है। भगवान जगन्नाथ के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। बता दें कि मौसी के घर रहते हुए जगन्नाथ जी के भक्तों को दर्शन देने की प्रक्रिया को आड़प-दर्शन के नाम से जाना जाता है।

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जानें कैसे तैयार होते हैं जगन्नाथ यात्रा के रथ

जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम जिस रथ पर सवार होकर मौसी के घर जाते हैं उस रथ का निर्माण भिन्न-भिन्न तरीके से होता है। इसके लिए तीनों देवी देवताओं के लिए अलग-अलग रथ तैयार किए जाते हैं। रथ यात्रा में सबसे आगे बलराम जी, बीच में बहन सुभद्रा और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ जी का रथ चलता है। इन रथों को बनाने की शुरुआत अक्षय तृतीया से होती है। रथों के निर्माण के लिए दारु नामक नीम की लड़कियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो सनातन धर्म में बेहद पवित्र मानी जाती है। रथ की लकड़ी का चयन बसंत पंचमी के दिन किया जाता है। ख़ास बात यह है कि इन तीनों रथों को बनाने के लिए किसी भी प्रकारी की धातु, कीलों या कांटों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ऐसा रथ की पवित्रता को बनाए रखने के लिए किया जाता है। क्योंकि शास्त्रों में इस बात का वर्णन किया गया है कि किसी भी आध्यात्मिक कार्य के लिए कील या कांटे का इस्तेमाल नहीं करना है। यहां तक कि रथ में किसी भी प्रकार के लोहा या अन्य प्रकार के धातु का भी इस्तेमाल नहीं किया जाता।

रथ की ऊंचाई की बात करें तो इसके साथ ही रथों की ऊचाई का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। प्रत्येक साल बनने वाले ये रथ एक समान ऊंचाई के बनाए जाते हैं। इसमें भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई 45.6 फीट होती है, जिसे नंदीघोष या गरुड़ध्वज के नाम से जानते हैं। वहीं बलराम जी का रथ की ऊंचाई 45 फीट ऊंचा होता है और देवी सुभद्रा का रथ 44.6 फीट ऊंचा बनाया जाता है। बलराम जी के रथ का नाम ‘तालध्वज’ है जो लाल और हरे रंग का होता है। वहीं सुभद्रा जी के रथ को ‘दर्पदलन’ या ‘पद्म रथ’ के नाम से जाना जाता है। यह रथ काला या नीले रंग का होता है। साथ ही, इसमें शुभ रंग लाल भी मिला रहता है। वहीं, भगवान जगन्नाथ के रथ का रंग लाल और पीला होता है।

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जगन्नाथ रथ की यात्रा की ख़ासियत

जगन्नाथ रथ यात्रा की कई ख़ास बातें हैं, जिन्हें जानना हम सबके लिए बेहद जरूरी है, तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इन ख़ास बातों के बारे में।

  • भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिये होते हैं और इस रथ को शंखचूड़ रस्सी से खींचा जाता है। रथ को बनाने के लिए नीम की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है।
  • इस दिन तीन भव्य और सुंदर रथों पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा ये तीन देवी-देवता विराजमान होते हैं। सबसे आगे बलराम जी का रथ चलता है, बीच में बहन सुभद्रा जी होती हैं और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ जी का रथ चलता है।
  • भगवान बलराम और देवी सुभद्रा का रथ लाल रंग और जगन्नाथ भगवान का रथ लाल या पीले रंग का होता है।
  • जगन्नाथ जी की यात्रा का ये उत्सव आषाढ़ शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन से आंरभ होता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दिन बारिश जरूर होती है। आज तक कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि इस दिन बारिश न हुई हो। इस दिन बारिश का होना बहुत अधिक शुभ माना जाता है।
  • इस दौरान राजाओं के वंशज पारंपरिक रूप से सोने के हत्थे वाली झाड़ू से जगन्नाथ जी के रथ के सामने झाड़ू लगाते हैं। इसके बाद मंत्रोच्चार एवं जयघोष के साथ इस पवित्र रथ की यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।
  • इस रथ यात्रा को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं, जिसमें से एक यह भी है कि इस दिन जो भक्त रथ यात्रा में सम्मिलित होते हैं और उन्हें 100 यज्ञों के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
  • मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ गर्भगृह से निकलकर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए इस यात्रा के माध्यम से निकलते हैं।

होती है छर पहनरा की रस्म

रथयात्रा के दौरान जब तीनों रथ पूरी तरह बनकर तैयार हो जाते हैं तो उस समय छर पहनरा की रस्म की शुरुआत होती है। बता दें कि छर पहनरा एक उड़िया शब्द है जिसका अर्थ है झाड़ू लगाना और पवित्र जल का छिड़काव करना। इसके अंतर्गत पुरी के राजा पालकी में बैठकर मंदिर जाते हैं और इन तीनों रथों का पूजन पूरे विधि-विधान से व श्रद्धाभाव से करते हैं। इसके बाद, वह सोने की झाड़ू से रथ मंडप को साफ करने के साथ-साथ रथ यात्रा के मार्ग को साफ करते हैं जहां से रथ यात्रा की यात्रा आरंभ होती है।

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रथयात्रा से 15 दिन पहले बीमार हो जाते हैं भगवान

पौराणिक मान्यता के अनुसार, यात्रा की शुरुआत के 15 दिन पहले भगवान जगन्नाथ को बुखार आ जाता है और वो कुछ दिन अकेले रहने चले जाते हैं। इस भक्त उनके दर्शन नहीं कर पाते हैं। इस दौरान केवल मंदिर का मुख्य पुजारियों ही उनके पास जाता है और वही भगवान का श्रृंगार करते हैं और और भोग लगाते हैं। साथ ही, उनकी देखभाल करते हैं। उस समय भगवान को दवा के साथ और आराम और देखभाल की भी आवश्यकता होती है। इस दौरान मुख्य पुजारी उन्हें जड़ी-बूटियों और औषधियों से युक्त भोजन देते हैं ताकि वो जल्द स्वस्थ हो जाए। जब भगवान पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं तब यात्रा निकलने की तैयारी होती है और तब ही मंदिर से बाहर आते हैं।

इस वजह से पड़ जाते हैं भगवान बीमार

शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ के महीने में जब बहुत ज्यादा धूप, गर्मी और गर्ब लू चलती है तब उस समय ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान गर्भ गृह से बाहर निकलकर 108 घड़े ठंडे पानी से स्नान करते हैं। इस दौरान उन्हें बाहर प्रांगण में निकालकर बैठाया जाता है और स्नान कराया जाता है। इस उत्सव को स्नान उत्सव के नाम से जाना जाता है और इस दौरान सैकड़ों भक्त प्रांगण में आते हैं। ठंडे पानी से स्नान करने के बाद भगवान बीमार पड़ जाते हैं और इसी वजह से ज्येष्ठ पूर्णिमा के बाद 15 दिनों के लिए मुख्य मंदिर दर्शन के लिए बंद कर दिया जाता है। ताकि वे आराम कर सकें। इसके अलावा, यदि हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो पुरी में इस दौरान बहुत अधिक गर्मी होती है और भक्त परेशान न हों इसलिए मुख्य मंदिर को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं।

बीमार होने के ये है मुख्य कारण

माना जाता है कि स्नान करने के बाद भगवान जगन्नाथ पूरे दिन धूप में खड़े रहते हैं और ठंडे पानी से स्नान भी करते हैं। ठंड गर्म की वजह से ही वो बीमार होते हैं और उन्हें काफी तेज़ बुखार आ जाता है। इसके बाद उन्हें उपचार के लिए एक कमरे में रखा जाता है जहां उन्हें भोजन के रूप में औषधि दी जाती है और उनका एक मरीज की तरह से इलाज किया जाता है। साथ ही, मुख्य पुजारी उनकी अच्छे से देखभाल करते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा कब निकाली जाएगी?

उत्तर 1. बात यदिवर्ष 2024 की करें तो इस वर्ष जगन्नाथ रथ यात्रा का आरंभ 07 जुलाई, 2024 को होगा जबकि इसका अंत 10 दिन बाद होगा।

प्रश्न 2. रथ यात्रा कितने दिन का होता है?

उत्तर 2. जगन्नाथ रथ यात्रा 10 दिनों का होता है।

प्रश्न 3. भगवान जगन्नाथ की यात्रा क्यों निकाली जाती है?

उत्तर 3. मान्‍यता है कि एक बार बहन सुभद्रा ने अपने दोनों भाइयों से नगर घूमने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी, तभी से इस रथ यात्रा का आयोजन हो रहा है।

प्रश्न 4. पुरी रथ यात्रा में कितने रथ भाग लेते हैं?

उत्तर 4.  रथ यात्रा में अलग-अलग तीन रथों पर सवार भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा को पुरी की सड़कों से गुंडिचा मंदिर तक भक्तों द्वारा खींचा जाता है। 

सुख, विलासिता के ग्रह के गोचर से चमकेगा इन राशियों का जीवन- प्रेम जीवन में आएगी बहार!

ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, वैवाहिक जीवन, विलासिता, सुख-समृद्धि का कारक ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में होता है वह अपने जीवन में इन सभी क्षेत्रों में शुभ परिणाम प्राप्त करते हैं। स्वाभाविक है कि शुक्र की महत्वता काफी अधिक है। अब यही शुक्र ग्रह 7 जुलाई को कर्क राशि में गोचर करने वाला है।

आज के अपने इस खास लेख में हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे कि सभी 12 राशियों पर शुक्र के इस अहम गोचर का क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

जैसे कि हमने पहले भी बताया कि शुक्र ग्रह जिस भी कुंडली में प्रबल अवस्था में होते हैं ऐसे जातकों को सुख सुविधा की चीज, विलासिता से संबंधित चीज़ें प्राप्त होती है। साथ ही ऐसे जातकों का प्रेम और वैवाहिक जीवन शानदार रहता है। वहीं इसके विपरीत अगर शुक्र ग्रह कमजोर अवस्था में मौजूद हो तो ऐसे में जातकों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ सकती है। 

ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार शुक्र ग्रह से संबंधित कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय जानेंगे इस लेख में आगे। सबसे पहले जान लेते हैं शुक्र का कर्क राशि में गोचर कब होने वाला है।

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर- क्या रहेगा समय? 

बात करें समय की तो शुक्र ग्रह 7 जुलाई 2024 को 4 बजकर 14 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। निश्चित तौर पर इसका सभी 12 राशियों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा। जीवन के विभिन्न मोर्चों अर्थात प्रेम और वैवाहिक जीवन जैसे महत्वपूर्ण मोर्चे पर भी शुक्र के इस गोचर का प्रभाव पड़ने की संभावना है।

शुक्र गोचर- क्या रहेगा प्रभाव?

प्यार और रिश्ते पर प्रभाव 

शुक्र का कर्क राशि में गोचर आम तौर पर रिश्ते का गहराई से आकलन करने वाला समय साबित होता है। इस दौरान कुछ छुपे हुए राज़ आपके रिश्ते में उजागर हो सकते हैं। साथ ही छिपी हुई भावनाएं भी उभर कर सामने आएंगी जिन पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी और दूसरों से अपने मन की बात करना फायदेमंद रहेगा। जो लोग पहले से ही किसी रिश्ते में हैं उनके लिए यह समय अपने रिश्ते को मजबूत बनाने का समय साबित होगा। हालांकि कोई अतीत की बात आपके रिश्ते में परेशानी की वजह बन सकती है। जो लोग सिंगल हैं उनके जीवन में किसी साथी की दस्तक हो सकती है। 

आर्थिक मामले पर प्रभाव

शुक्र का कर्क राशि में गोचर आर्थिक मसलों को भी प्रभावित करेगा। इस दौरान आपके खर्च बढ़ सकते हैं। ऐसे में आपको धन संचित करने और फिजूलखर्ची से बचने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आप चाहें तो एक बजट बना सकते हैं ताकि भविष्य के लिए आप अपने जीवन में आर्थिक स्थिरता हासिल कर सकें। 

करियर पर प्रभाव 

शुक्र के कर्क राशि में गोचर से कार्यस्थल पर आपको किसी नए प्रोजेक्ट में काम करने का मौका मिल सकता है। हालांकि आपके जीवन में चुनौतियां भी आएंगी। ऑफिस में सहकर्मियों या फिर बॉस के साथ आपकी कुछ गलतफहमी हो सकती है। ऐसे में विवाद को सुलझाने का प्रयत्न करें। सलाह दी जाती है कि शुक्र के इस गोचर के दौरान किसी भी तरह का कोई महत्वपूर्ण फैसला लेने से बचें और अपने भविष्य के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें। 

शुक्र गोचर से खुलेंगे तरक्की के रास्ते 

जहां एक तरफ शुक्र के गोचर से आपके जीवन में चुनौतियां खड़ी होने की आशंका है वहीं दूसरी तरफ यह आपके जीवन में तरक्की भी लेकर आने वाला है। आप अतीत से सीख लेकर अपने रिश्ते और जीवन को बेहतर बनाने का प्रयत्न करेंगे। परिजनों का सपोर्ट मिलेगा और आपका रिश्ता मजबूत बनेगा। शुक्र गोचर की यह अवधि आपको अपना ख्याल रखने के लिए भी ध्यान केंद्रित करवाएगी। अगर आप कला, लेखन या किसी भी क्रिएटिव काम को करने में रुचि रखते हैं तो शुक्र गोचर की ये अवधि आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। पेशेवर जीवन की बात करें तो इस दौरान करियर में बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। सलाह दी जाती है कि प्रोफेशनल लाइफ में मिल रहे अवसरों का लाभ उठाएं और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ें।

आज का गोचर

कमजोर शुक्र के लक्षण और उपाय 

शुक्र ग्रह का संबंध महिलाओं से माना जाता है यह बेहद ही प्रभावशाली ग्रह है साथ ही इस प्रेम और सुंदरता का कारक भी माना जाता है। अंक शास्त्र में मूलांक 6 का स्वामी भी शुक्र ग्रह को कहा गया है।  ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र कमजोर अवस्था में होता है तो यह तमाम तरह के लक्षण देने लगता है जैसे कि, 

चेहरे पर अचानक से मुहाँसे निकलने लगते हैं, चेहरे का इन्फेक्शन शुरू हो जाता है, अचानक से बाल टूटने या झड़ने लग जाते हैं, बालों में कमजोरी और डेंड्रफ की समस्या होने लगती है, त्वचा पर दाने और खुजली होने लगती है, उम्र से पहले बाल सफेद होने लगते हैं और त्वचा का रंग काला पड़ने लगता है। अगर इस तरह के लक्षण नजर आते हैं तो मुमकिन है कि व्यक्ति का शुक्र कमजोर है। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय बताते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय आइये जान लेते हैं: 

  • शुक्र को मजबूत करने के लिए ज्यादा चमकीले रंग की वस्तु धारण करें और चमकीली चीजों को इस्तेमाल करें। 
  • नियमित रूप से शुक्र से संबंधित मंत्रों का जाप करें। 
  • शुक्रवार के दिन सफेद रंग के कपड़े पहनें और सफेद रंग की वस्तुओं का दान करें। 
  • शुक्रवार के दिन अपने शरीर पर चंदन का लेप लगाएँ। 
  • अपने घर या फिर कार्य स्थल में शुक्र ग्रह स्थापित करें और नियमित रूप से इसकी पूजा करें। 
  • जिन व्यक्तियों का शुक्र कमजोर होता है उन्हें छह या फिर 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी शुभ साबित होता है। इसके अलावा आप चाहें तो चांदी भी धारण कर सकते हैं। हालांकि कोई भी रत्न या रुद्राक्ष धारण करने से पहले हमेशा विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श अवश्य ले लें। 
  • इसके अलावा शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए सफेद गाय को चारा खिलाएं।

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शुक्र का कर्क राशि में गोचर- 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सप्तम भाव का स्वामी है और आपके चौथे घर में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे घर का स्वामी है और आपके तीसरे घर में गोचर करने ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और बारहवें घर का स्वामी है और आपके दूसरे घर में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके पहले घर में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और आपके बारहवें घर में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और आपके ग्यारहवें घर में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और आठवें घर का स्वामी है और आपके दसवें घर में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें और बारहवें घर का स्वामी है और आपके नवम भाव में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और आपके आठवें भाव में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और दशम भाव का स्वामी है और आपके सातवें घर में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और नवम भाव का स्वामी है और आपके छठे घर में गोचर करने ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें घर का स्वामी है और आपके पंचम भाव में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्न 1: शुक्र का कर्क राशि में गोचर कब होगा?

उत्तर: 7 जुलाई 2024 को शुक्र का कर्क राशि में गोचर हो जाएगा।

प्रश्न 2: शुक्र को मजबूत करने के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए? 

उत्तर: शुक्र को मजबूत करने के लिए 13 मुखी रुद्राक्ष हमेशा सहायक होता है।  

प्रश्न 3: शुक्र किसका कारक है?

उत्तर: शुक्र ग्रह को प्रेम, वैवाहिक जीवन, सुंदरता, सुख समृद्धि का कारक ग्रह माना गया है।

इस सप्ताह से 6 राशियों के अच्छे दिन होंगे शुरू- अचानक से धन प्राप्ति के बनेंगे योग!

टैरो कार्ड, कार्ड्स का एक ऐसा प्राचीन डेक है और भविष्य बताने का इतना कारगर तरीका है जिसका उपयोग सदियों से तमाम रहस्यवादियों और टैरो रीडर करते आए हैं। आध्यात्मिक विकास और आत्म समझ के लिए कार्ड्स का प्रयोग प्राचीन काल से चला आ रहा है। अगर कोई व्यक्ति पूरे विश्वास और विनम्रता के साथ अपने जीवन को बदलने से संबंधित और अपने जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर खोजने के लिए आता है तो टैरो की रहस्यमई दुनिया में उन्हें उनके सवालों का जवाब अवश्य मिलता है। बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि टैरो दोस्तों के साथ मनोरंजन के लिए किया जाने वाला सत्र जैसा है लेकिन असल में ऐसा नहीं होता है। अपने 78 कार्ड्स के डेक में टैरो राशिफल सबसे गहरे रहस्य और इंसान के गहरे से गहरे डर को बाहर निकालने की क्षमता रखता है।

इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे जुलाई के महीने के इस सप्ताह के लिए सभी 12 राशियों के लिए टैरो भविष्यवाणी क्या कुछ कहती है लेकिन इससे पहले आइए हम यह समझ लेते हैं कि यह शक्तिशाली जादुई उपकरण आया तो आया कहां से। दरअसल टैरो की उत्पत्ति 1400 के दशक की मानी जाती है। इसका सबसे पहला उल्लेख इटली और इसके आसपास के क्षेत्रों से आता है। शुरुआत में इसे बड़े घर के लोग ताश के पत्तों के रूप में खेलते थे और रॉयल्टी कलाकारों को अपने दोस्तों और पार्टियों के लिए आने वाले मेहमानों का मनोरंजन करने के लिए बनाने का निर्देश देते थे। 

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माना  जाता है कि वास्तव में 16वीं शताब्दी के आसपास ही टैरो कार्ड का देवीय उपयोग शुरू किया गया था जब यूरोप के रहस्यवादियों ने इसे अभ्यास करना और सीखना शुरू किया कि कार्ड को किस तरह से व्यवस्थित रूप से फैलाना होता है और उन जटिल रेखा चित्रों के पीछे छुपे रहस्यों को कैसे समझा जाता है। कहा जाता है तब से टैरो केवल ताश के पत्तों का डेक नहीं रह गया था। इसके बाद मध्ययुगीन काल के दौरान टैरो जादू टोना से जुड़ा हुआ था और कई तरह के अंधविश्वास का साया इसके ऊपर पड़ चुका था। यही वजह थी कि फिर बहुत से लोग इसे भाग्य बताने की मुख्यधारा से दूर मानने लगे थे।

हालांकि हाल ही में कुछ दशकों पहले से टैरो को वापस अपनी खोई हुई पहचान वापस मिल गई और अब यह भविष्य बताने की मुख्यधारा में दोबारा जुड़ चुका है। टैरो भविष्यवाणी एक बार फिर भारत और दुनिया भर में भविष्य बताने के एक मुख्य उपकरण के रूप में उपयोग किया जा रहा है और निश्चित रूप से ही वापस से अपनी खोई हुई प्रसिद्धि और सम्मान प्राप्त कर रहा है। आइए अब बिना देरी किए हुए टैरो की इस दुनिया में प्रवेश करते हैं और जानते हैं कि, 7-13 जुलाई 2024 का यह सप्ताह सभी 12 राशियों के लिए कितना खास होने वाला है।

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टैरो साप्ताहिक राशिफल 7-13 जुलाई 2024: राशि अनुसार भविष्यवाणियां 

मेष राशि 

प्रेम जीवन: फोर ऑफ वौण्ड्स 

आर्थिक पक्ष: सिक्स ऑफ स्वोर्ड्स 

करियर: किंग ऑफ स्वोर्ड्स 

स्वास्थ्य: द चेरियट 

मेष राशि के जातकों प्रेम के संदर्भ में आपको फोर ऑफ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जो इस बात के संकेत दे रहा है कि इस राशि के सिंगल लोगों की शादी की बात इस समय जोरों शोरों से शुरू हो सकती है। इसके अलावा अगर आप पहले से ही किसी रिश्ते में हैं तो आपको आपके परिवार और प्रियजनों का आशीर्वाद मिलेगा और जल्दी आपका प्रेम का यह रिश्ता विवाह में तब्दील हो सकता है। विवाहित जातकों की बात करें तो इस सप्ताह आप प्यार और मेलजोल से भरे सप्ताह का आनंद लेंगे और अपने जीवनसाथी के साथ किसी पारिवारिक समारोह में एक साथ शिरकत करेंगे। 

अगला कार्ड है सिक्स ऑफ स्वोर्ड्स का जो इस बात के संकेत दे रहा है कि आर्थिक रूप से आपके जीवन के काले बादल अब धीरे-धीरे छँटने लगे हैं और आप स्थिरता और सुरक्षा की तरफ बढ़ रहे हैं। आपने अतीत में आर्थिक रूप से बहुत ही कठिन समय का सामना किया है। ऐसा भी मुमकिन है कि आप में से कई लोगों की नौकरी भी चली गई हो लेकिन अब आपको स्थिरता मिलने वाली है और आप अपने जीवन में आर्थिक रूप से सुरक्षित और संपन्न जीवन जीने के लिए तैयार हैं। 

अगला कार्ड है किंग ऑफ स्वॉर्ड्स का जो इस बात के संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आप खुद का सबसे बेहतरीन संस्करण अपने अंदर उत्पन्न होता महसूस करेंगे और एक मजबूत और मूल्यवान व्यक्ति के रूप में सामने आएंगे। जब आपके कौशल और अनुभव के साथ जटिल मुद्दों को सुलझाने की बात आती है तो आप का संगठन आप पर निर्भर नजर आ सकता है। इस सप्ताह आपके वरिष्ठ लोग भी आपका सम्मान करते नजर आएंगे। 

अंत में स्वास्थ्य की बात करें तो आपको द चेरियट का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह सही उपचार और सही खान-पान के साथ आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। अगर आपको लगता है कि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो समय पर ही जांच करा लें। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल- हनीसकल

वृषभ राशि 

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ स्वोर्ड्स 

आर्थिक पक्ष: द एम्परर

करियर: पेज ऑफ वौण्ड्स 

स्वास्थ्य: फोर ऑफ पेंटेकल्स 

वृषभ राशि के जातकों थ्री ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड मिला है जो आपको दिल टूटने की स्थिति से निपटने के संकेत दे रहा है। ये इस बात की तरफ भी इशारा कर रहा है  कि आपके और आपके के साथी के बीच लड़ाई झगड़े और बहसबाजी के चलते आपका रिश्ता टूटने की कगार पर है या पहले ही टूट चुका है। मुमकिन है कि आप दोनों के बीच लंबे समय से सही ढंग से बातचीत नहीं हो पा रही है जिसकी वजह से आपका रिश्ता इस मुकाम तक आ पहुंचा है।  

आर्थिक रीडिंग में आपको द एंपरर का कार्ड मिला है जो आपको अपने वित्त पर पूरा नियंत्रण रखने और आर्थिक रूप से सुरक्षित रहने और कोई बड़ी परेशानी न होने के संकेत दे रहा है। आपकी आर्थिक स्थिति में और भी सुधार होने की भी उम्मीद नजर आ रही है। 

करियर रीडिंग में आपको पेज ऑफ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जो नए अवसर या प्रस्तावों को दर्शाता है जिसके परिणाम स्वरुप आप अपने करियर में वृद्धि करेंगे। अगर आप नए हैं तो यह उच्च पद पर पदोन्नत होने के भी संकेत दे रहा है। पेज का स्वॉर्ड्स का कार्ड निकट भविष्य में विकास के संकेत देता है जो आपके करियर को नई और बेहतरीन ऊंचाइयों पर ले जाएगा। 

अंत में स्वास्थ्य की बात करें तो आपको फोर ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड मिला है जो इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि आप अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर रहे हैं और अपने शरीर पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे पहले की आपकी चिंता और तनाव कोई बड़ा रूप ले ले और गंभीर स्वास्थ्य परेशानी में तब्दील हो जाए आपको उचित कदम उठा लेना चाहिए। जहां तक आपके स्वास्थ्य का सवाल है आपके नकारात्मक विचार भी आपके खराब स्वास्थ्य की वजह हो सकते हैं। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: लिली 

मिथुन राशि 

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ कप्स

आर्थिक पक्ष: क्वीन ऑफ वौण्ड्स 

करियर: सिक्स ऑफ वौण्ड्स 

स्वास्थ्य: टू ऑफ पेंटेकल्स 

मिथुन राशि के जातकों को प्रेम के संदर्भ में थ्री ऑफ कप्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आप अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ क्वालिटी वक्त व्यतीत करेंगे और अपने प्रियजनों के साथ अपने जीवन का खुलकर आनंद लेंगे। बात करें रिश्ते की तो यह सप्ताह आपके लिए बेहद ही शानदार रहने वाला है। आप और आपका जीवन साथी परिवार के साथ मिलने जुलने की योजना बनाएंगे और उनके साथ क्वालिटी वक्त व्यतीत करेंगे। 

आर्थिक रीडिंग में क्वीन ऑफ़ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जिसे शानदार कार्ड माना जाता है। यह कार्ड इस बात के संकेत दे रहा है कि आप इस वक्त बेहद ही आरामदायक स्थिति में हैं और आपके पास उत्कृष्ट वित्तीय समाचार और लाभ आने वाले हैं। मुमकिन है कि इस अवधि में आपको वेतन वृद्धि प्राप्त हो जिससे आपकी आर्थिक स्थिति और बेहतर बनेगी। व्यवसायी जातक कोई नया व्यवसाय शुरू कर सकते हैं जो आपके लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत साबित होगा। 

करियर रीडिंग में सिक्स ऑफ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जो इस बात के संकेत दे रहा है इस सप्ताह आपको प्रमोशन आदि प्राप्त हो सकता है जिसके चलते हैं आप अपनी सफलता का जश्न मनाते नजर आएंगे। 

स्वास्थ्य रीडिंग में टू ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड मिला है जो एक नकारात्मक कार्ड माना जाता है। इस सप्ताह आप कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते नजर आने वाले हैं। आप में ऊर्जा की भी कमी नजर आएगी और आप मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां का भी सामना करेंगे। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: लैवेंडर

नक्षत्र कैलकुलेटर

कर्क राशि 

प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ पेंटेकल्स 

आर्थिक पक्ष: द स्टार 

करियर: सेवेन ऑफ वौण्ड्स 

स्वास्थ्य: किंग ऑफ कप्स

कर्क राशि के जातकों को प्रेम जीवन के संदर्भ में सिक्स ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आप और आपका पार्टनर किसी महत्वपूर्ण निर्णय में एक दूसरे का समर्थन करते हुये नज़र आएंगे और इस सप्ताह आपके बीच बराबरी का रिश्ता भी नजर आने वाले हैं। यह कार्ड आपके और आपकी साथी के बीच एक मजबूत समझ विकसित करने के भी संकेत दे रहा है।  

आर्थिक रीडिंग में द स्टार का कार्ड एक शानदार कार्ड माना जाता है। यह कार्ड स्पष्ट रूप से संकेत दे रहा है कि आप इस सप्ताह आर्थिक रूप से बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे और आपको अच्छी बढ़ोतरी या शानदार ऑफर मिलने की संभावना है जो आपको एक स्थिर और सुरक्षित वित्तीय भविष्य प्रदान करेंगे। 

करियर रीडिंग में सेवेन ऑफ वौण्ड्स का कार्ड आया है जो इस बात को दर्शा रहा है कि आपकी कड़ी मेहनत अब सफल होने वाली है और आप अंततः अपने लिए एक सकारात्मक करियर बनाने की दिशा में किए गए प्रयासों का लाभ उठाएंगे। आपके बॉस आपकी मेहनत की सराहना करेंगे और आपको अच्छे लाभ प्रदान करेंगे। 

स्वास्थ्य रीडिंग में किंग ऑफ कप्स का कार्ड आया है जो परिवार और दोस्तों के माध्यम से आपके रास्ते में आने वाले उपचार के संकेत दे रहा है। आप इस सप्ताह अधिकतर समय अनुकूल स्वास्थ्य के साथ व्यतीत करेंगे और अगर आप बीमार हैं तो यह एक संकेत है कि आप जल्द ही ठीक होने वाले हैं। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: सफेद गुलाब

सिंह राशि 

प्रेम जीवन: ऐट ऑफ वौण्ड्स 

आर्थिक जीवन: द टावर 

करियर: द हर्मिट  

स्वास्थ्य: किंग ऑफ स्वोर्ड्स 

सिंह राशि के जातकों को इस सप्ताह का पहला कार्ड ऐट ऑफ वौण्ड्स का मिला है जो संकेत दे रहा है कि अगर आप पिछले सप्ताह किसी लड़ाई झगड़े के चलते अपने पार्टनर के साथ बातचीत नहीं कर पाए हैं तो जल्द ही आपके साथी की तरफ से संचार या बातचीत की पहल होने वाली है। आपको जल्दी उनका कॉल या फिर मैसेज मिलेगा और चीज़ें वापस से बेहतर होने लगेगी। यह समय आप दोनों को और ज्यादा मजबूती से एक साथ ले आएगा। 

आर्थिक रीडिंग में टावर का कार्ड आपको पैसे को सावधानी से संभालने की चेतावनी दे रहा है। टावर का कार्ड दिवालियापन के संकेत भी दे सकता है। इस समय अपने वित्त के मामले में जोखिम लेने से बचें। अगर आपने अभी तक धन संचित नहीं किया है तो बेहतर होगा कि आप तुरंत ही इसकी शुरुआत कर दें क्योंकि भविष्य में आपके जीवन में बड़ी आर्थिक उथल-पुथल देखने को मिल सकती है।

करियर रीडिंग में आपको द हर्मिट का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि आपको अपनी नौकरी, धन और भौतिकवादी महत्वाकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने की जगह अपना ध्यान उन चीजों पर लगाने की आवश्यकता है जो आपको सभी स्तरों पर खुश रख सकती है। यह इस बात के भी संकेत दे रहा है कि आप करियर में बदलाव का विचार कर रहे हैं। 

स्वास्थ्य की बात करें तो किंग ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड इस बात के संकेत दे रहा है कि आप अपने प्रति बहुत अधिक कठोर हो रहे हैं। अपने शरीर पर अत्यधिक दबाव डालने वाली गतिविधियों को कम करके या रोक कर अपने स्वास्थ्य का ध्यान दें। सलाह दी जाती है कि आप अपने शरीर की ऊर्जा स्तर के अनुसार ही काम करें। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: सूरजमुखी

कन्या राशि 

प्रेम जीवन: टेन ऑफ पेंटेकल्स 

आर्थिक पक्ष: ऐट ऑफ पेंटेकल्स 

करियर: ऐट ऑफ स्वोर्ड्स 

स्वास्थ्य: स्ट्रेंथ

अगर आप पहले से ही किसी रिश्ते में हैं तो टेन ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड दीर्घकालिक सफलता और निरंतरता के संकेत दे रहा है। अगर प्रेम संदर्भ में यह कार्ड आता है तो यह इस बात के संकेत है कि आपका रिश्ता मजबूत होगा। आप कुछ गुणवत्तापूर्ण पारिवारिक समय का आनंद भी लेते नजर आएंगे। 

आर्थिक रीडिंग में ऐट ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड एक अच्छा कार्ड माना जाता है क्योंकि यह सफलता, बलिदान और जीत के लिए लाभ का प्रतीक होता है। शुरुआत में आपने अपनी वित्तीय योजना बनाने में जो समय और मेहनत लगाई है उसे देखते हुए अब आपको लाभ मिलने लगेंगे और आप आरामदायक वित्तीय स्थिति का आनंद लेंगे। 

इसके बाद करियर में आपको ऐट ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि आप अपनी नौकरी या वर्तमान स्थिति से विवश महसूस कर रहे हैं और बदलाव की चाह रखते हैं। भले ही आप अभी भविष्य को लेकर थोड़े भ्रमित हो सकते हैं या शक्तिहीन महसूस कर सकते हैं लेकिन अंतत इस बात का ध्यान रखें कि आपका भाग्य आपके ही हाथ में होता है। 

स्वास्थ्य रीडिंग में स्ट्रैंथ का कार्ड आया है जो संकेत दे रहा है कि आप अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली के पल व्यतीत कर रहे हैं क्योंकि यह समय लंबी बीमारी से उबरने के परिणाम स्वरुप बेहतर फिटनेस के संकेत दे रहा है। इसका अर्थ यह भी हुआ कि शरीर और मन के बीच आपके जीवन में संपूर्ण सामंजस्य भी देखने को मिलेगा। 

इस सप्ताह का भाग्यशाली फूल: गुलदाउदी

जड़ी कैलकुलेटर – जन्म-कुंडली आधारित जड़ी सुझाव

तुला राशि 

प्रेम जीवन: फोर ऑफ पेंटेकल्स 

आर्थिक पक्ष: सेवेन ऑफ स्वोर्ड्स 

करियर: टेन ऑफ वौण्ड्स 

स्वास्थ्य: ऐस ऑफ स्वोर्ड्स

तुला राशि के जातकों प्रेम के संदर्भ में आपको फोर ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है की असुरक्षा और ईर्ष्या आपके रिश्ते में हावी पड़ रही है। हालांकि अपने पार्टनर के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखने की इच्छा रखना एक सामान्य बात है लेकिन बहुत ज्यादा अधिकारवादी हो जाना किसी भी रिश्ते के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इससे रिश्ते को नुकसान पहुंचता है और जीवन में तनाव बढ़ सकता है। 

आर्थिक रीडिंग में सेवेन ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आपको चोरी डकैती और धोखाधड़ी से सावधान रहना होगा क्योंकि यह कार्ड वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ चेतावनी प्रदान करता है। यह इस बात के भी संकेत दे रहा है कि कोशिश करें और इस समय में कोई भी जोखिम भरा निवेश ना करें या संदिग्ध लेनदेन ना करें। 

अगला कार्ड है टेन ऑफ वौण्ड्स का जो इस बात के संकेत दे रहा है कि आप अपने पेशेवर जीवन में काफी संघर्ष कर रहे हैं और आपके लिए बोझ इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि आप उसे संभाल नहीं पा रहे हैं। इस कार्ड को अपने पेशेवर जीवन और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन और अधिक काम करने के संकेत के रूप में समझा जा सकता है। 

स्वास्थ्य रीडिंग में तुला राशि के जातकों को ऐस ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि मानसिक तनाव या मानसिक स्पष्टता की कमी के चलते आपके स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यह तनाव से संबंधित लक्षणों जैसे थकावट, मेमोरी लॉस, माइग्रेन या ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता के रूप में नजर आ सकता है। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: लाल गुलाब

वृश्चिक राशि 

प्रेम जीवन: किंग ऑफ कप्स 

आर्थिक पक्ष: फोर ऑफ स्वोर्ड्स 

करियर: टू ऑफ पेंटेकल्स 

स्वास्थ्य: ऐस ऑफ वौण्ड्स 

वृश्चिक राशि के जातकों को प्रेम के संदर्भ में किंग ऑफ कप्स का कार्ड मिला है जो इस बात को इंगित कर रहा है कि आपका प्रेमी आपको और आपकी इच्छाओं को समझता और उनका ख्याल रखता है। यह कार्ड इस सप्ताह आपके रिश्ते के संदर्भ में शुभ संकेत दे रहा है। आपको अपने रिश्ते का खुलकर आनंद लेना चाहिए क्योंकि इस दौरान आपके जीवन में प्रेम और अंतरंगता दोनों नजर आएगी। आपका जीवन साथी इस सप्ताह एक अच्छे पति-पत्नी या एक अच्छे मां/पिता का उदाहरण भी स्थापित करेंगे। 

आर्थिक रीडिंग में फोर ऑफ स्वोर्ड्स का कार्ड आया है जो इस बात के संकेत दे रहा है कि आप कुछ समय से वित्तीय तनाव से जूझ रहे हैं और अब आप जीवन में एक ऐसी जगह पर आ गए हैं जहां आपको इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। आप अपनी जरूरतों को पूरा करने और यहां तक की बुनिय जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष कर सकते हैं और किसी भी सुधार की उम्मीद खो चुके हैं। हालांकि आपको सलाह दी जा रही है की चिंता ना करें हालत निश्चित तौर पर बेहतर हो जाएंगे। 

करियर रीडिंग में टू ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड संकेत दे रहा है कि आपको कोई भी ऐसा व्यवसाय या अतिरिक्त काम शुरू करने के बारे में फैसला लेने की आवश्यकता है जिस पर आप काफी समय से काम करना चाहते हैं। यह इस बात के भी संकेत दे रहा है कि आप इस बात की कशमकश में है कि क्या आपको खुद का व्यवसाय शुरू करने का जोखिम उठाना चाहिए या किसी अन्य की तलाश में अपनी वर्तमान सुरक्षित नौकरी को छोड़ देना चाहिए। 

स्वास्थ्य रीडिंग में आपको ऐस ऑफ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है की वृश्चिक राशि के जातक मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के कल्याण के साथ अनुकूल स्वास्थ्य का लुफ्त उठाएंगे। आप अपने स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के प्रति बहुत ज्यादा उत्साहित रहने वाले हैं। आप इस दौरान अपना नया डाइट प्लान या फिर योग अपने जीवन में शामिल करने का फैसला ले सकते हैं। 

इस सप्ताह का भाग्यशाली फूल: जेरेनियम

धनु राशि 

प्रेम जीवन: टेम्परेन्स 

आर्थिक पक्ष: थ्री ऑफ कप्स 

करियर: फाइव ऑफ वौण्ड्स 

स्वास्थ्य: ऐस ऑफ पेंटेकल्स 

धनु राशि के जातकों को प्रेम रीडिंग में आपको टेम्परेन्स का कार्ड मिला है जो दर्शाता है कि इस समय आपको अपने रिश्ते को और खुद को प्राथमिकता देने के बीच में संतुलन बनाने की आवश्यकता पड़ेगी। आपको यह समझने की भी जरूरत है कि किसी भी रिश्ते को बनाए रखने के लिए भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक संतुलन की आवश्यकता पड़ती है और अब आपको खुद को प्राथमिकता देनी चाहिए। 

आर्थिक रीडिंग में थ्री ऑफ कप्स का कार्ड आया है जो इस सप्ताह आपके लिए मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के संकेत दे रहा है। आप जिस भी प्रयास पर कार्यरत हैं वो जल्द ही फलीभूत होगा। भले ही उसके लिए आपको दूसरों की मदद ही क्यों ना लेनी पड़ेगी। चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आपके जीवन से पैसे से जुड़ी सभी समस्याएं दूर होने वाली है। 

अगला कार्ड फाइव ऑफ वौण्ड्स का है जो संकेत दे रहा है कि आपका करियर, आपकी नौकरी के प्रतिस्पर्धी और परस्पर विरोधी पहलुओं से प्रभावित रहने वाला है। आपके कार्यक्षेत्र जैसे बैंकिंग या सेल्स में कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है। आपके काम के लिए आपको हर समय तैयार रहना होगा और इस सप्ताह आपको आसानी से आराम नहीं मिलने वाला है। 

स्वास्थ्य रीडिंग में ऐस ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड आया है जो अच्छे स्वास्थ्य के संकेत दे रहा है। आप इन सात दिनों में ऊर्जा और स्फूर्ति से भरे रहेंगे। यह सप्ताह आपके लिए अच्छा रहेगा और आप बहुत अच्छे स्वास्थ्य का खुलकर आनंद लेंगे। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: कारनेशन

कपल होरोस्कोप

मकर राशि 

प्रेम जीवन: डैथ 

आर्थिक रीडिंग: क्वीन ऑफ कप्स  

करियर: द मेजीशियन 

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ पेंटेकल्स 

मकर राशि के जातकों प्रेम के संदर्भ में आपको डेथ का कार्ड मिला है जो भावनात्मक गतिशीलता में रुकावट के संकेत दे रहा है जो आपके प्यार या रिश्ते के लिए ज्यादा प्रभावित नहीं साबित होंगे। अगर आपके और आपके पार्टनर के बीच चीज़ें ठीक नहीं चल रही है तो यह कार्ड इस बात के संकेत भी दे रहा है कि आप इसे खत्म करना चाहेंगे। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जब भी एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा दरवाजा निश्चित रूप से खुलता है। 

आर्थिक रीडिंग में आपको क्वीन ऑफ कप्स का कार्ड मिला है जो वित्तीय स्थिति के लिए शुभ संकेत दे रहा है। इस समय आपको खरीदारी करते समय सावधानी बरतनी और बचत करने की सलाह दी जा रही है। हालांकि आप सामान्य तौर पर अभी अपने जीवन में पैसे पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं। 

करियर रीडिंग में द मैजिशियन का कार्ड ऐसे अवसर आने के संकेत दे रहा है जिन्हें आप कड़ी मेहनत करके प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा यह कार्ड आपको समर्पित और फलदाई मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा। अगर आप अपनी मेहनत जारी रखते हैं तो आप सफलता निश्चित प्राप्त करेंगे। 

स्वास्थ्य रीडिंग में आपको थ्री ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड मिला है जो आपको अपनी भलाई और अपने स्वास्थ्य की आवश्यकताओं के प्रति सचेत होकर अच्छे स्वास्थ्य का लाभ उठाने के संकेत दे रहा है। अपने आध्यात्मिक राह पर चलने के प्रति आपकी प्रतिबद्धता इस सप्ताह आपको आंतरिक समझ के विकास को प्रोत्साहित करने में मददगार साबित होगी। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: पैंसी

कुम्भ राशि 

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ वौण्ड्स  

आर्थिक पक्ष: पेज ऑफ वौण्ड्स 

करियर: द वर्ल्ड 

स्वास्थ्य: पेज ऑफ कप्स 

कुंभ राशि के जातकों को प्रेम संदर्भ में नाइट ऑफ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जो आपके रोमांटिक रिश्ते में प्रतिबद्धता के डर को दर्शा रहा है। आप में से कई लोग एक स्पष्ट रूप से रिश्ते के प्रति प्रतिबद्धता को टालने का प्रयत्न कर रहे हैं जिससे आप दोनों के बीच में दरार पैदा हो सकती है। यह आपके या आपके पार्टनर की तरफ से होने की संभावना है। रिश्ते में आपको सावधान रहने की सलाह दी जा रही है। 

आर्थिक रीडिंग में पेज ऑफ वौण्ड्स का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि आपको जल्द ही कुछ धनराशि प्राप्त होने वाली है। यह अप्रत्याशित लाभ अलग-अलग रूप ले सकता है। आपको किसी से वित्तीय उपहार या फिर कार्यस्थल पर अचानक से बोनस मिलने की संभावना है। 

करियर रीडिंग में द वर्ल्ड का कार्ड मिला है जो आपको अपने बारे में अच्छा महसूस करने के संकेत दे रहा है क्योंकि आप अपने करियर के लक्ष्य पूरा कर चुके हैं। आप इस वक्त एक ऐसी नौकरी की तलाश में हैं जो आपको भौतिक और आध्यात्मिक रूप से संतुष्टि प्रदान करेगी। मुमकिन है कि इस अवधि में आप खुद का कोई व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। आपके पास जो भी समय है आप उसका उपयोग करके अपने जीवन में मौजूद चीजों का आनंद ले सकते हैं। 

स्वास्थ्य रीडिंग में पेज ऑफ कप्स का कार्ड आम तौर पर सकारात्मक माना जाता है। यह वांछित परिणाम देने वाले एक परीक्षण के रूप में आपके जीवन में दस्तक देता है। आपको अपने स्वास्थ्य में सुधार के लिए सक्रिय कदम उठाने की सलाह दी जा रही है। साथ ही अगर आपको किसी सहायता की आवश्यकता है तो यह कार्ड इस बात के भी संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आप उचित उपचार प्राप्त कर पाएंगे। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: आर्किड

मीन राशि 

प्रेम जीवन: द हिरोफ़ैंट 

आर्थिक पक्ष: किंग ऑफ पेंटेकल्स  

करियर: नाइट ऑफ कप्स 

स्वास्थ्य: द फूल 

मीन राशि के जातकों को प्रेम के संदर्भ में हिरोफ़ैंट का कार्ड मिला है जो विवाह जैसी महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता के लिए आपकी तत्परता को दर्शा रहा हैहिरोफ़ैंट  आप और आपके साथी एक दूसरे को अच्छी तरह से समझते हैं और अधिकांश मुद्दों पर एक दूसरे से सहमत भी रहते हैं। 

आर्थिक रीडिंग में किंग ऑफ पेंटाकल्स का कार्ड मिला है जो इस सप्ताह के लिए आपको शुभ संकेत दे रहा है। किंग का कार्ड हमेशा सकारात्मक समाचार लेकर आता है। ऐसे में इस सप्ताह आपको वित्तीय समृद्धि प्राप्त होगी। इस कार्ड का स्पष्ट रूप से अर्थ है व्यवस्थित होना, सावधान होना और कौशल प्राप्त करना। यह कार्ड आपके जीवन में कोई लॉटरी तो लेकिन नहीं आएगा लेकिन आपके वित्तीय प्रयासों और प्रतिबद्धता को फलीभूत करने के लिए सहायक अवश्य साबित होगा। 

करियर रीडिंग में आपको नाइट ऑफ कप्स का कार्ड मिला है जो कार्यस्थल में एक अच्छी खबर या रोमांचक अवसर को दर्शा रहा है। अगर आप नौकरी या स्कूल के लिए किसी आवेदन के बारे में जवाब मिलने का इंतजार कर रहे हैं तो इसमें आपको सफलता मिल सकती है। 

स्वास्थ्य रीडिंग में फूल का कार्ड मिला है जो संकेत दे रहा है कि अगर आप हाल ही में बीमार हुए हैं तो अब आपको शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम रूप से प्राप्त होने वाला है क्योंकि यह कार्ड जीवन शक्ति और ऊर्जा को दर्शाता है। हालांकि कई बार यह दुर्घटनाओं की प्रवृत्ति का भी संकेत देता है इसलिए अगर आपको स्वास्थ्य के लिए थे फूल का कार्ड प्राप्त होता है तो ज्यादा सावधानी बरतनी की सलाह दी जाती है। इसके अलावा यह कार्ड गर्भावस्था का भी प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि एक नए जीवन की शुरुआत माना जाता है। 

इस सप्ताह के लिए भाग्यशाली फूल: वॉटर लिली

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: टैरो कार्ड की व्याख्या कैसे की जाती है?

उत्तर: टैरो कार्ड की व्याख्या करने के लिए प्रशिक्षित जानकार ज्योतिषी की आवश्यकता पड़ती है। 

प्रश्न 2: क्या टैरो कार्ड भारत में भविष्यवाणी का एक शक्तिशाली उपकरण है? 

उत्तर: टैरो कार्ड ने हाल ही में भारत में विशेष रूप से पिछले एक दशक में लोकप्रियता हासिल कर ली है। 

प्रश्न 3: टैरो कार्ड की उत्पत्ति कैसे हुई? 

उत्तर: टैरो कार्ड मूल रूप से यूरोप के शाही परिवारों के लिए एक टाइम पास गेम के रूप में बनाए गए थे

 

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024- घटस्थापना के लिए मिलेगा बेहद कम समय- जानें इस व्रत का लाभ!

नवरात्रि को सनातन धर्म में शक्ति और साधना का पर्व कहा जाता है। यह वो समय होता है जब माँ दुर्गा के  विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। एक वर्ष में चार नवरात्रि मनाई जाती है जिनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्र भव्य तरीके से मनाते हैं और अन्य दो नवरात्रियों को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। अपने नाम के ही अनुरूप यह नवरात्रियां गुप्त रूप से मनाई जाती हैं।

आज अपने इस खास ब्लॉग में हम आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे वर्ष 2024 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब से कबतक मनाई जाएगी, गुप्त नवरात्रि के नियम क्या होते हैं, इस दौरान किन बातों का पालन करना होता है, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नियम क्या हैं, इत्यादि बातें। आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब से कब तक रहने वाली है।

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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024- कब से कब तक?

सबसे पहले बात करें समय की तो इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई 2024 शनिवार के दिन से 16 जुलाई 2024 मंगलवार तक रहेगी। इस दौरान मां दुर्गा के 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। 

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से – 12 बजकर 58 मिनट तक

घटस्थापना मुहूर्त : सुबह 05 बजकर 50 मिनट से – 10 बजकर 18 मिनट तक

जिस तरह चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं वैसे ही गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। इसके अलावा गुप्त नवरात्रि विशेष तौर पर तांत्रिकों, शक्ति साधना, महाकाल, आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष मायने रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक कड़े नियमों का पालन करते हैं, व्रत करते हैं और साधना करते हैं।

गुप्त नवरात्रि में भी 9 दिनों तक देवी के स्वरूप की पूजा करते हैं। गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड में विशेष तौर पर मनाई जाती है। बात करें मां के 10 महा स्वरूपों की तो मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, छिन्नमस्ता माता, त्रिपुर भैरवी, माता धूमवति, माता बगलामुखी, माता मातंगी माता, और कमला देवी माता के स्वरूपों की इस दौरान पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

आज का गोचर

गुप्त नवरात्रि महत्व 

गुप्त नवरात्रि के दौरान मां के साधक महाविद्या के लिए मां दुर्गा के 10 महा स्वरूपों की पूजा करते हैं, साथ ही दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। इस दौरान भी अष्टमी नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है और उसके बाद व्रत का उद्यापन करने की मान्यता होती है। नवरात्रि व्रत के उद्यापन में कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया जाता है, उन्हें यथाशक्ति दान दिया जाता है, दक्षिणा दी जाती है, वस्त्र आभूषण और श्रृंगार की सामग्री भेंट की जाती है। कहा जाता है ऐसा करने से मां भगवती की प्रसन्नता हासिल होती है।

दिलचस्प जानकारी: गुप्त नवरात्रि को बहुत सी जगह पर शाकंभरी नवरात्रि या गायत्री नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है और भारत के सभी हिस्सों विशेष तौर पर उत्तरी राज्यों में गुप्त नवरात्रि का यह पर्व बेहद उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है

गुप्त नवरात्रि पूजा अनुष्ठान 

गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों की अवधि के दौरान भक्त पूरे समर्पण और श्रद्धा के साथ मां दुर्गा की प्रार्थना करते हैं। इस दौरान भक्त सुबह जल्दी उठते हैं, 9 दिनों में प्रत्येक दिन के अनुसार नियमों का पालन करते हैं, उस दिन की संबन्धित पूजा पाठ करते हैं और मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का इतिहास 

प्राचीन वैदिक युग के दौरान यह गुप्त नवरात्रि केवल कुछ सिद्ध साधकों या फिर संतो को ही पता थी। गुप्त नवरात्रि तांत्रिकों और साधकों के लिए विशेष महत्व रखती है। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान मां दुर्गा की साधना करने से सभी भौतिक समस्याओं का अंत हो जाता है। यही वजह है कि गुप्त नवरात्रि ज्यादातर तांत्रिक पूजा के लिए लोकप्रिय होती है। 

इस अवधि के दौरान साधक ज्ञान, धन और सफलता प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा का आवाहन करते हैं। इसके साथ ही इस दौरान देवी दुर्गा के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें समर्पित मंत्रों का जाप किया जाता है, दुर्गा सप्तशती, देवी महात्मय और श्रीमद् देवी भागवत जैसे धार्मिक ग्रंथो का पाठ करना भी बेहद शुभ माना जाता है। गुप्त नवरात्रि के दौरान हिंदू साधक दुर्गा बत्तीसी या देवी शक्ति के 32 अलग-अलग नाम का भी जप करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भक्तों की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और उनके जीवन में शांति आने लगती है।

गुप्त नवरात्रि में भूलकर भी ना करें ये गलतियां 

नवरात्रि की ही तरह गुप्त नवरात्रि के भी कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। कहा जाता है कि अगर इस दौरान गलती से भी इस दौरान कुछ विशेष कार्य कर दें तो इससे मां दुर्गा रुष्ट हो सकती हैं। क्या कुछ हैं ये काम जिन्हें गुप्त नवरात्रि के दौरान आपको भूलकर भी नहीं करना है आइये जान लेते हैं। 

  • गुप्त नवरात्रि के दौरान भूल से भी अपने बाल या फिर नाखून नहीं कटवाने चाहिए। 
  • इसके अलावा लहसुन और प्याज का सेवन करना भी वर्जित माना किया है। कहा जाता है कि जिस जगह पर राहु केतु का रक्त गिरा था वहीं से लहसुन प्याज की उत्पत्ति हुई थी इसलिए इन्हें अशुद्ध माना जाता है और नवरात्रि के इन 9-10 दिनों की अवधि के दौरान विशेष रूप से लहसुन प्याज का सेवन वर्जित होता है। 
  • जो लोग गुप्त नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं उनको दिन में सोना नहीं चाहिए। कहा जाता है कि सोने से नवरात्रि का फल प्राप्त नहीं होता है। 
  • इसके अलावा गुप्त नवरात्रि में महिला, बुजुर्ग, पशु पक्षियों को बिल्कुल भी परेशान ना करें। किसी भी व्यक्ति को शारीरिक या फिर मानसिक चोट ना पहुंचाएं अन्यथा इससे मां दुर्गा दुष्ट हो सकती हैं।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि होती है बेहद खास- जानें क्यों? नवरात्रि के सभी दिन बेहद ही पवन और शुभ माने जाते हैं लेकिन इनमें से नवमी तिथि का बेहद विशेष महत्व होता है कहा जाता है कि नौवें दिन महाविद्या महा मातंगी की पूजा की जाती है मां मातंगी की पूजा के साथ नवरात्रि का समापन हो जाता है और जो कोई भी व्यक्ति विधिपूर्वक मां मातंगी की पूजा करता है उनके गृहस्थ जीवन से सभी तरह के दुख और परेशानियां खत्म होने लगते हैं

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की पूजन विधि 

देवी भागवत में गुप्त नवरात्रि के विषय में जिक्र किया गया है। इस दौरान तांत्रिक क्रियाएं और शक्ति साधना से संबंधित तरह-तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दौरान साधक कठोर नियम और आचरण का पालन करते हैं। इन दिनों में शुद्धता और सात्विकता का विशेष महत्व रखा जाता है। कहते हैं कि इस दौरान अगर छोटी सी भी गलती हो जाए तो इससे सारी साधना असफल हो सकती है इसलिए बेहद जरूरी होता है कि इस पूजा में सफाई और शुद्धता का पूरी तरह से ख्याल रखा जाए। इसके अलावा भी कुछ बातें होती हैं जिनका विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए जैसे की जहां आप पूजा आरंभ करें उसी स्थान पर नियमित रूप से बैठकर साधना करें। जगह बार-बार बदले नहीं। एक ही आसान पर बैठकर पूजा करें और यह आसान केवल खुद के उपयोग में लाएं उसे कहीं और उपयोग न करें। रोज सिद्धि में इस स्वरूप को पूरी एकाग्रता और तन्मयता के साथ पूजा करें।

आज का गोचर

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर करें इस मंत्र का जाप

काली तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी।

भैरवी छिन्नमस्ता च विद्या धूमावती तथा।

बगला सिद्ध विद्या च मातंगी कमलात्मिका

एता दशमहाविद्याः सिद्धविद्या प्रकीर्तिताः॥

आशा गुप्त नवरात्रि विभिन्न देवियों की पूजा का महत्व

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के पहले दिन माता काली की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां काली की पूजा करने से जीवन में शत्रुओं का असर कम होने लगता है और नकारात्मकता दूर होती है। 

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन तारा माता की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। 

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के तीसरे दिन माता षोडशी की पूजा की जाती है और उनकी पूजा करने से भक्तों को सुंदरता, सौभाग्य और सांसारिक सुखों का आशीर्वाद मिलता है। 

आषाढ़ नवरात्रि के चौथे दिन माँ भुवनेश्वरी की पूजा की जाती है। मान्यता है की मां भुवनेश्वरी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। साथ ही भक्तों को नाम, प्रसिद्ध, वृद्धि और समृद्धि भी मिलती है। 

आषाढ़ नवरात्रि के पांचवें दिन माता भैरवी की पूजा की जाती है। मां भैरवी की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है और साधकों को विजय, रक्षा, शक्ति और सफलता प्राप्त होती है। 

गुप्त नवरात्रि के छठे दिन देवी छिन्नमस्ता की पूजा की जाती है। देवी की पूजा करने से आत्म, दया और मुक्ति और स्वतंत्रता मिलती है। साथ ही करियर में सफलता, नौकरी में तरक्की भी मिलती है। 

गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन माता धूमवती की पूजा की जाती है। मां धूमावती की पूजा करने से व्यक्ति के दुख और दुर्भाग्य दूर होते हैं। 

गुप्त नवरात्रि के आठवें दिन मां बगलामुखी की पूजा का विधान बताया गया है। मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। 

गुप्त नवरात्रि के नौवे दिन देवी मातंगी की पूजा की जाती है। देवी मातंगी को तांत्रिक सरस्वती के नाम से भी जानते हैं। ऐसे में मां की पूजा करने से गुप्त विद्याओं की प्राप्ति होती है और साधकों में ज्ञान का विकास होता है। 

आषाढ़ नवरात्रि के आखिरी दिन माता कमला की पूजा की जाती है। इन्हें तांत्रिक लक्ष्मी भी कहा जाता है और मां की पूजा करने से धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि देवी मंत्र, उपाय और दान की जानकारी

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान अगर आप अपनी राशि के अनुसार मां की पूजा करते हैं और पूजा में विशेष मंत्रों का जाप करते हैं, उपाय करते हैं और अपनी राशि के अनुसार दान करते हैं तो इससे माँ की प्रसन्नता अवश्य ही हासिल की जा सकती है। आइये अब जान लेते हैं कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में राशि अनुसार मंत्र, उपाय और दान किस प्रकार करना है।

मेष राशि: नवरात्रि के दौरान मां को उड़द की दाल अर्पित करें और फिर ये दाल किसी गरीब महिला को दान कर दें। इसके अलावा दान में आप गरीबों को अन्न या फिर वस्त्र भी दे सकते हैं। 

वृषभ राशि: महाकाली को नीले कनेर का फूल अर्पित करें। दान में आप स्टील के बर्तन, चावल और चीनी किसी जरूरतमंद को दे सकते हैं। 

मिथुन राशि: मां दुर्गा को पूजा में लौंग अर्पित करें और फिर इसे अपने ऑफिस की दराज में रख लें। दान के लिए आप गरीब लोगों में वस्त्र का दान करें या फिर गाय को हरी ताज़ी पालक खिलाएँ। 

कर्क राशि: नवरात्रि के दौरान देवी के समक्ष लौंग चढ़ाएँ और फिर इसे कपूर से जला दें। दान के लिए आप धार्मिक पुस्तकों का दान कर सकते हैं या फिर किसी तांबे के बर्तन में लड्डू भरकर इसे हनुमान मंदिर में दान कर सकते हैं। 

सिंह राशि: मां दुर्गा को लाल रंग के फूल अर्पित करें और चावल की खीर की आहुति दें। दान के लिए आप गरीबों को अन्न, कला करें और गेहूं और गुड़ का दान करना भी फलदाई साबित हो सकता है। 

कन्या राशि: कन्या राशि के जातक मां को लाल रंग के फूलों की माला अर्पित करें और दान के लिए आप गरीब लोगों को वस्त्र का दान कर सकते हैं। 

तुला राशि: तुला राशि के जातक महाकाली पर पीपल के पत्ते अर्पित करें और दान के लिए आप गरीबों में चावल का वितरण कर सकते हैं। 

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातक नारियल देवी मां को अर्पित करें और पूजा के बाद इसे किसी गरीब को दे दें। दान के लिए आप गरीबों में भोजन वितरण करें। मुमकिन हो सके तो रक्तदान करें।

धनु राशि: धनु राशि के जातक महाकाली पर चढ़ाए गए जल को अपने पूरे घर में अवश्य छिड़कें। दान के लिए आप धार्मिक पुस्तकों का दान करें या फिर किसी अस्पताल में जाकर मरीजों को फल और दवाइयां दान करें। 

मकर राशि: मकर राशि के जातक महाकाली पर काजल अर्पित करें। दान के लिए आप तिल का दान कर सकते हैं या फिर गरीबों को पानी पिलाएँ।

कुंभ राशि: कुम्भ राशि के जातक मां दुर्गा के समक्ष तेल का दीपक जलाएं। दान के लिए आप तिल और तेल का दान शनि देव के समक्ष कर सकते हैं। 

मीन राशि: मीन राशि के जातक महाकाली को फल अर्पित करें और पूजा के बाद इस गरीब बच्चों को दे दें। दान के लिए आप धार्मिक पुस्तकों का दान या फिर गुड और गेहूं का भी दान कर सकते हैं।

सभी देवियों के लिए मंत्र: 

पहली महाविद्या: ॐ हृीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।।

दूसरी महाविद्या: ॐ हृीं स्त्रीं हुं फट् ।।

तीसरी महाविद्या: ऐं हृीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः ।।

चौथी महाविद्या: हृीं भुवनेश्वरीयै हृीं नमः ।।

पांचवी महाविद्या: श्रीं हृीं ऐं वज्र वैरोचानियै हृीं फट स्वाहा।।

छठी महाविद्या: ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः।।

सातवीं महाविद्या: ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहाः

आठवीं महाविद्या: ॐ हृीं बगुलामुखी देव्यै हृीं ओम नमः

नौवीं महाविद्या: ॐ ह्नीं ऐ भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा ।।

दसवीं महाविद्या: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।

निष्कर्ष: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि दुनिया भर में हिंदुओं द्वारा गुप्त रूप से मनाया जाने वाला नवरात्रि का पावन त्यौहार है। इस दौरान मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं के स्वरूप की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति मां दुर्गा का आशीर्वाद और सुख समृद्धि अपने जीवन में प्राप्त करता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का महत्व क्या होता है?

उत्तर: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान भक्ति देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में आध्यात्मिक विकास प्राप्त करते हैं। 

प्रश्न 2: वर्ष 2024 में आषाढ़ नवरात्रि कब से कब तक है?

उत्तर: वर्ष 2024 में आषाढ़ नवरात्रि का त्योहार 6 जुलाई 2024 को प्रारंभ होगा और 16 जुलाई 2024 को इसका समापन हो जाएगा।  

प्रश्न 3: गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से किन लोगों के लिए खास होती है? 

उत्तर: गुप्त नवरात्रि मुख्यरूप से तंत्रिकों, साधकों, आदि के लिए बेहद खास होती है।