अगस्त में शुक्र-सूर्य समेत बड़े ग्रहों का होगा गोचर, वृषभ समेत इन राशियों पर बरसेगा छप्परफाड़ पैसा!
अगस्त का महीना बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस दौरान कई बड़े ग्रहों के गोचर, चाल या स्थिति में बदलाव देखने को मिलेगा। ज्योतिष की दुनिया में होने वाले प्रत्येक ग्रहों की स्थिति का प्रभाव राशि चक्र की राशियों समेत देश-दुनिया पर दिखाई देगा। इस अवधि में सिर्फ ग्रहों का राशि परिवर्तन नहीं होगा बल्कि कुछ ग्रह नक्षत्र गोचर भी करेंगे। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको अगस्त में होने वाले बड़े ग्रहों के गोचर एवं चाल के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही जानेंगे, ग्रहों की यह विशेष स्थिति राशि चक्र की कुछ राशियों के लिए शानदार परिणाम लेकर आएगी। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी हैं वह राशियां।
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि अगस्त में एक नहीं अनेक गोचर होने जा रहे हैं जिसमें सूर्य, बुध, शुक्र और मंगल आदि ग्रहों के गोचर शामिल हैं। इस दौरान गुरु ग्रह भी अपना नक्षत्र गोचर करते हुए मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। बता दें कि अगस्त की शुरुआत होते ही सबसे पहले बुध महाराज की स्थिति में बदलाव होगा जो कि 05 अगस्त 2024 को सिंह राशि में वक्री हो जाएंगे और कुछ दिनों उपरांत यानी कि 12 अगस्त 2024 को सिंह राशि में रहते हुए ही अस्त होंगे। इसके बाद, आत्मा के कारक ग्रह सूर्य 16 अगस्त को अपनी स्वयं की राशि सिंह में प्रवेश करेंगे और बुध के साथ युति करते हुए बुधादित्य राजयोग बनाएंगे।
हालांकि, बुध देव 22 अगस्त को कर्क राशि में वापस चले जाएंगे। वहीं, 25 अगस्त को शुक्र कन्या राशि में गोचर करेंगे और उसके बाद 26 अगस्त 2024 को मिथुन राशि में मंगल का गोचर होगा। अगस्त के अंत में बुद्धि एवं वाणी के कारक ग्रह पहले 26 अगस्त को कर्क राशि में उदय होंगे और इसके तीन बाद 29 अगस्त 2024 को कर्क राशि में मार्गी हो जाएंगे। इस महीने के दौरान ग्रहों की स्थिति में होने वाले इन बदलावों और गोचर की वजह से राशि चक्र की 5 राशियों का भाग्योदय होगा। तो आइए नज़र डालते हैं उन राशियों पर।
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ग्रहों के गोचर एवं चाल में बदलाव से चमक उठेगी इन राशियों की किस्मत
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए अगस्त का महीना बहुत शुभ रहने वाला है क्योंकि इस दौरान आपको कार्यों में अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होगी। आर्थिक जीवन की बात करें, तो इस अवधि में आपको काफ़ी भारी धन लाभ होने की संभावना है। साथ ही, अगस्त में आप लोगों के किसी नई प्रॉपर्टी या संपत्ति खरीदने के योग बनेंगे। जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह मनचाहा लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे जिसके चलते आप प्रसन्न दिखाई देंगे। ऐसे में, आप उत्साह से भरे रहेंगे और अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए नए-नए विचारों पर काम करेंगे। इन जातकों का पारिवारिक जीवन शानदार रहेगा और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। यह लोग बच्चों की प्रगति तरक्की देखकर संतुष्ट नज़र आएंगे।
कर्क राशि के जातकों के लिए अगस्त का महीना शानदार रहेगा क्योंकि यह आपके लिए अपार सफलता लेकर आएगा। इन लोगों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। इस दौरान आपके काम करने के तरीके में बदलाव देखने को मिलेगा। साथ ही, कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों के साथ आपका तालमेल बेहतर बना रहेगा। आर्थिक जीवन के लिए अगस्त उत्तम रहेगा और ऐसे में, इस माह आपकी आर्थिक स्थिति पहले की तुलना में मजबूत होगी। इस राशि के विवाहित जातकों का वैवाहिक जीवन प्रेम एवं खुशियों से भरा रहेगा। इन जातकों को परिवार में किसी नए सदस्य के आने का शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए अगस्त 2024 बहुत अच्छा रहने वाला है। इस दौरान आपको धन से जुड़े मामलों में शानदार परिणाम मिलेंगे और इस संबंध में आपको अचानक से अच्छा ख़ासा लाभ मिलने के योग बनेंगे। अगर आप कोई नया वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो अब आप इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। करियर के क्षेत्र में आपको कई नए सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे और साथ ही, नौकरी में आपको तरक्की मिलने की संभावना है। इस अवधि में समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें इस माह अपनी उम्मीद से कई गुना अधिक मुनाफा होगा। वहीं, इन लोगों का वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहेगा।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अगस्त के महीने को बेहद शुभ कहा जाएगा और इस दौरान आपको जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। यह समय आपकी धन-संपत्ति में अपार वृद्धि करवाने का काम करेगा। जहां करियर के क्षेत्र में आपको सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे, तो वहीं व्यापार करने वालों को अच्छी ख़ासी कमाई होने के योग बनेंगे। जो जातक नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे। जो लोग काफ़ी समय से अपना व्यापार शुरू करने का मन बना रहे हैं, वह अगस्त में इस आईडिया पर काम कर सकते हैं। आय के स्रोतों में वृद्धि होने से आपके बैंक-बैलेंस में बढ़ोतरी होगी।
कुंभ राशि वालों का नाम भी उन राशियों में शुमार है जिनके लिए अगस्त का महीना अच्छा रहेगा। यह माह आपके जीवन में कई तरह के सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा। सावन में आप पर शिव जी की कृपा बनी रहेगी और साथ ही, ग्रहों की स्थिति शुभ होने से आपको आय में वृद्धि के अनेक अवसर प्राप्त होंगे। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और आपकी आर्थिक स्थिति भी पहले की तुलना में बेहतर होगी। करियर के क्षेत्र में यह महीना आपको कोई बड़ी उपलब्धि दिला सकता है। पारिवरिक जीवन को देखें, तो आपका परिवारिक जीवन सुख-शांति से पूर्ण रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. अगस्त में किन ग्रहों का गोचर होगा?
उत्तर 1. अगस्त 2024 में सूर्य, बुध, मंगल और शुक्र ग्रह अपना राशि परिवर्तन करेंगे।
प्रश्न 2. क्या कर्क राशि के लिए अगस्त 2024 अच्छा रहेगा?
उत्तर 2. हाँ, कर्क राशि के जातकों के लिए अगस्त माह शानदार रहेगा।
प्रश्न 3. बुध का गोचर अगस्त में कब होगा?
उत्तर 3. बुध का गोचर 22 अगस्त 2024 को कर्क राशि में होगा।
सावन में शनि देव और शिव जी बना रहे दुर्लभ संयोग, इन राशियों पर होगी पैसों की बरसात!
हम सब यह भली-भांति जानते हैं कि सावन माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इस माह में भोलेबाबा को प्रसन्न करके भक्तजन आसानी से वरदान प्राप्त कर लेते हैं। महादेव की कृपा एवं आशीर्वाद पाने के लिए सावन बहुत शुभ रहता है। इस बार का सावन बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि भगवान शिव और शनि ग्रह दोनों मिलकर एक अद्भुत संयोग का निर्माण कर रहे हैं। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको शिव जी और शनि के इस शुभ संयोग से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, शनि की कृपा से किन राशियों को मिलेगा हर सुख, धन-दौलत एवं समृद्धि? इसका जवाब भी आपको इस लेख के माध्यम से प्राप्त होगा। तो चलिए बिना देर किये शुरू करते हैं ये ब्लॉग और जानते हैं उन भाग्यशाली राशियों के बारे में।
शायद ही आप जानते होंगे कि न्याय के दाता शनि भगवान शंकर को अपना गुरु मानते हैं। मान्यता हैं कि शिव जी की कृपा से ही शनि ग्रह को न्याय के देवता का पद प्राप्त हुआ है। ऐसे में, धार्मिक दृष्टि से यह सावन बहुत ख़ास हो जाता है क्योंकि अब की बार सावन शनि और शिव जी एक बहुत ही शुभ संयोग निर्मित कर रहे हैं। बता दें कि जब सावन शुरू हुआ था यानी कि 22 जुलाई 2024 को सावन माह के पहले दिन चंद्रमा शनि महाराज के स्वामित्व वाली राशि मकर में उपस्थित थे।
इसी क्रम में, सावन के अंतिम दिन अर्थात 19 अगस्त 2024 को भी चंद्र देव शनि ग्रह की राशि कुंभ में बैठे होगे। धर्मग्रंथों में चंद्र देव के स्वामी भगवान शिव को माना गया है। इसके फलस्वरूप, साल 2024 के सावन में शिव जी और शनि शुभ संयोग बना रहे हैं। साथ ही, इस माह में शनि पर इनके पिता सूर्य देव की भी दृष्टि रहेगी और ऐसे में, शनि एक क्रूर ग्रह होने के बाद भी राशि चक्र की 5 राशियों समेत शिव जी अपनी कृपा बनाए रखेंगे।
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महादेव और शनिदेव के संयोग से, इन राशियों का भाग्य चमकेगा सोने की तरह
मेष राशि
मेष राशि वालों पर शनि और भगवान शंकर की कृपा इस सावन में बनी रहेगी। इस राशि के जातकों की शिव भक्ति एवं उनकी पूजा-पाठ से प्रसन्न होकर शनि महाराज आपकी खाली झोली सुख-समृद्धि एवं खुशियों से भर देंगे। इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी जिससे आप प्रसन्न नज़र आएंगे। आपको विभिन्न माध्यमों से आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे। जो जातक व्यापार करते हैं, वह अब अपने बिज़नेस का विस्तार करने में सक्षम होंगे। मेष राशि वालों को सावन माह में किसी भी तरह के वाद-विवाद से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं और आप जरूरी काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। शनि देव के आशीर्वाद से समाज में आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी।
उपाय: सावन माह में प्रतिदिन जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक के लिए सावन का महीना शुभ रहेगा। इस माह आप पर शनि देव की कृपा बनी रहेगी जो आपकी सुख-समृद्धि को बढ़ाने का काम करेगी। जो लोग खुद का व्यापार करते हैं, वह इस दौरान अच्छी खासी कमाई करने में सक्षम होंगे। दूसरी तरफ, इस राशि के नौकरीपेशा जातकों को नौकरी के अनेक सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे। शनि देव की कृपा से सावन का महीना आपकी किसी पुरानी इच्छा को पूरा करेगा। पारिवारिक जीवन की बात करें, तो यह समय आपके घर-परिवार में प्रेम एवं खुशहाली लेकर आएगा जिससे आपके जीवन में सुख-शांति एवं सुकून में वृद्धि होगी। अगर आप कोई नया बिज़नेस शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं, तो अब आप इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
उपाय: सावन में प्रतिदिन जल में गुड़ और अक्षत मिलाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
धनु राशि के जातकों के लिए सावन 2024 बेहद खास रहने वाला है। भगवान शिव और शनि देव की कृपा से आपके लिए सावन का माह आर्थिक रूप से समृद्धि लेकर आएगा। ऐसे में, इन जातकों की सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसके अलावा, आपके जीवन में भौतिक सुविधाओं में निरंतर वृद्धि होगी और साथ ही, आपका जीवन ऐशोआराम में बीतेगा। इस राशि के जो लोग धन का निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा। शनि देव की कृपा से आपको हर कदम पर जीवनसाथी का साथ मिलेगा और इस दौरान आपके द्वारा लिया गया हर फैसल एकदम सही साबित होगा। कार्यक्षेत्र में बॉस से लेकर सहकर्मी तक आपकी प्रत्येक काम में सहायता करते हुए नज़र आएंगे।
उपाय: प्रत्येक सोमवार शिवलिंग पर दूध में गुलाब की पत्तियां मिलाकर अर्पित करें।
मकर राशि वालों के लिए सावन का महीना फलदायी सिद्ध होगा। बता दें कि मकर राशि के अधिपति देव शनि ग्रह हैं इसलिए आप पर शनि देव की कृपा बनी रहेगी। इस राशि के जातक अगर सावन माह के दौरान प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से करेंगे, तो आपको हर कार्य में सफलता की प्राप्ति होगी। सिर्फ इतना ही नहीं, महादेव और शनि ग्रह दोनों आपसे प्रसन्न रहेंगे। आपको धन कहीं फंस या रुक गया था, तो अब वह आपको वापिस मिल सकेगा जिससे आप काफ़ी खुश दिखाई देंगे। ऐसे में, आप इस पैसे को बढ़ाने के लिए कोई नया निवेश करने के बारे में विचार-विमर्श कर सकते हैं।
उपाय: सावन में मां पार्वती को सुहाग का सामान चढ़ाएं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए श्रावण माह बेहद शुभ रहेगा क्योंकि इस दौरान शनि ग्रह अपनी राशि कुंभ में विराजमान हैं जो कि इनकी मूलत्रिकोण राशि भी है। ऐसे में, यह कुंभ राशि में रहते हुए शश राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। अगर शनि देव सावन माह में आपसे प्रसन्न रहते हैं, तो उनसे मिलने वाले शुभ परिणामों में बढ़ोतरी होती है। इन जातकों को अचानक से भारी धन लाभ होने के योग बनेंगे जिसके चलते आपके बैंक-बैलेंस में बढ़ोतरी होने के आसार है। धन का प्रवाह अच्छा बने रहने से आपके रुके या अटके हुए काम अब पूरे हो सकेंगे। लेकिन, फिर भी इन कार्यों में जल्दबाज़ी करने से बचें, अन्यथा आपको हानि हो सकती है। साथ ही, इस दौरान किसी को धन उधार देने से बचें।
उपाय: प्रतिदिन संध्याकाल में शिव मंदिर जाएं और वहां सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सावन का महीना कब से कब तक है?
उत्तर 1. साल 2024 में सावन 22 जुलाई से लेकर 19 अगस्त तक रहेगा।
प्रश्न 2. सावन महीने में क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर 2. श्रावण माह में तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिर, लहसुन और प्याज आदि का सेवन करने से परहेज़ करें।
प्रश्न 3. किन राशियों के लिए सावन शुभ रहेगा?
उत्तर 3. यह माह मेष, वृश्चिक, धनु, मकर सहित कुंभ राशि के लिए अच्छा रहेगा।
कामिका एकादशी पर कर लें सिर्फ ये एक उपाय, व्यापार में आएगा उछाल!
ज्योतिष में सभी एकादशी का विशेष महत्व है। हर माह में दो एकादशी की तिथि आती है। इसी क्रम में सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। सावन माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि की कई विशेषताएं हैं। इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता तुलसी जी की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु हर मनोकामना पूरी करते हैं। मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत रखने वाले जातक को जीवन में किए गए समस्त पाप कर्मों से मुक्ति पाता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है। साथ ही, भगवान विष्णु की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
कामिक एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरूप की पूजा की जाती है। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कामिका एकादशी की तिथि, महत्व, पूजा विधि और इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में।
कामिका एकादशी 2024: तिथि व समय सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि इस साल 31 जुलाई 2024 को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरूप की पूजा करने से हर मनोकामना की पूर्ति होती है।
एकादशी तिथि प्रारंभ: 30 जुलाई 2024 की दोपहर 04 बजकर 46 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: 31 जुलाई 2024 की सुबह 3 बजकर 57 मिनट तक
कामिका एकादशी पारण मुहूर्त : 01 अगस्त की सुबह 05 बजकर 42 मिनट से 08 बजकर 24 मिनट तक
अवधि : 2 घंटे 41 मिनट
कामिका एकादशी महत्व
कामिका एकादशी का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन व्रत रखने और पूजन करने से न सिर्फ भगवान विष्णु बल्कि पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस व्रत को करने से सभी बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। ऐसे व्यक्ति जिन्हें किसी बात का डर सता रहा हो, उन्हें कामिका एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। इससे उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस एकादशी को पापों से मुक्ति दिलाने वाली एकादशी भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कामिका एकादशी की पूजा से सभी देवता, गंधर्व और सूर्य की पूजा का फल मिल जाता है।
कामिका एकादशी पर भगवान शिव की पूजा का बहुत अधिक महत्व है। दरअसल सावन का महीना भोलेनाथ को अति प्रिय है इसलिए इस महीने आने वाली कामिका एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के आराध्य भगवान भोलेनाथ शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य श्री विष्णु हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरूप के साथ भगवान शिव की पूजा करने सभी रुके काम बनने लगते हैं। इस व्रत को करने से उपासकों के साथ-साथ उनके पितरों के कष्ट भी दूर होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कामिका एकादशी की पूजा विधि
कामिका एकादशी के दिन सुबह उठकर सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
इस दिन यदि आप व्रत रखते हैं तो ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें। सिर्फ फलाहार करें। क्रोध, लोभ, घृणा, द्वेष आदि गलत आदतों से दूर रहें।
इस दिन शुभ मुहूर्त देखकर में भगवान विष्णु के स्वरूप की पूजा करें। एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें। फिर पंचामृत से उनका अभिषेक करें। उनको पीले वस्त्र, जनेऊ, चंदन, फूल, माला आदि से उनका सजावट करें।
इसके बाद पीले फूल, अक्षत, हल्दी, रोली, तुलसी दल, फल, मिठाई, धूप, दीप, गंध आदि से भगवान की विधि-विधान से पूजा करें। इस दौरान ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते रहें। फिर विष्णु चालीसा या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
इस दिन कामिका एकादशी व्रत कथा जरूर सुने। फिर घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु की आरती उतारें।
दिनभर श्री हरि सोने या आराम करने की गलती न करें। इस दिन भजन, कीर्तन आदि में अपना समय व्यतीत करें। शाम को संध्या आरती करें। फिर पूरी रात जागरण करें।
इसके बाद अगली सुबह यानी द्वादशी के दिन स्नान के बाद पूजा-पाठ करें। क्षमता अनुसार दान करें। फिर मुहूर्त में व्रत पारण करें।
कामिका एकादशी के बारे में भगवान ब्रह्मा ने अपने पुत्र ऋषि नारद को विस्तार से बताया था। इस एकादशी के दिन व्रत रखने वाले साधक को भगवान विष्णु की पूजा के बाद कथा जरूर सुननी और पढ़नी चाहिए। माना जाता है तभी यह व्रत पूरा माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में एक क्षत्रिय रहता था। एक दिन किसी कारण वश उसकी एक ब्राह्मण से लड़ाई झगड़ा हो गया और यह लड़ाई झगड़ा इतनी बढ़ गई कि ब्राह्मण की मौत हो गई। जिसके बाद क्षत्रिय को अपनी गलती का एहसास हुआ और अपनी गलती को सुधारने के लिए उसने पंडितों ने उसकी क्रिया करने का कहा लेकिन, उन्होंने क्षत्रिय को उस क्रिया में शामिल होने के लिए भी मना कर दिया। उन्होंने उसे बताया कि तुम पर ब्रह्महत्या का दोष लग गया है। पहले प्रायश्चित करो और इस पाप से मुक्त हो जाओ तब हम तुम्हारे घर भोजन करेंगे।
इस पर क्षत्रिय ने पूछा कि इस पाप से मुक्त होने के क्या उपाय है। तब उन ब्राह्मणों ने उपाय बताते हुए बताया कि श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को भक्ति भाव से भगवान श्री हरि विष्णु का व्रत रखें और भगवान का पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा के साथ आशीर्वाद प्राप्त करें। ब्राह्मणों ने बताया कि इससे ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिल जाएगी। पंडितों के बताए हुए तरीके पर क्षत्रिय ने व्रत रखा और सारे नियमों का विधि-विधान से पालन किया। व्रत वाली रात में भगवान हरि विष्णु ने क्षत्रिय को दर्शन देकर कहा कि तुम्हें ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिल गई है। यह सुनकर क्षत्रिय को प्रसन्नता हुई और वह अपने पापों से मुक्ति पा लिया। इस तरह कामिका एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ गया।
कामिका एकादशी पर करें इन चीजों का दान
यदि आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो कामिका एकादशी तिथि पर गरीब व जरूरतमंदों को अन्न का दान जरूर करें। आप अनाज में चावल, गेहूं, मक्का आदि चीजें दान दे सकते हैं।
भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए एकादशी तिथि पर पीले वस्त्रों का दान करें।
इसके अलावा इस दिन छाता का दान करना भी शुभ माना जाता है। अतः कामिका एकादशी पर छाते का दान जरूर करें। ऐसा करने से आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
यदि आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पूजा के समय भगवान विष्णु को केसर युक्त दूध अर्पित करें। अपनी क्षमता के अनुसार राहगीरों को मीठा जल भी पिला सकते हैं।
कामिका एकादशी तिथि पर गरीबों एवं जरूरतमंदों को भोजन करना बहुत अधिक शुभ माना जाता है। आप भक्ति भाव से एकादशी तिथि पर धन का भी दान कर सकते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कामिका एकादशी के दिन इन उपायों को करने से व्यापार में होगी उन्नति
आर्थिक जीवन में समृद्धि के लिए
यदि आप आर्थिक जीवन में समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं और सुख समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं तो कामिका एकादशी के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर, साफ कपड़े पहनकर, तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ बोलते हुए 7 व 21 बार तुलसी के पौधे की परिक्रमा करें।
व्यापार में उन्नति के लिए
यदि आप अपने व्यापार में उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हैं और इन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इस एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें और इस दौरान पीले रंग का एक कपड़ा लें। उसमें 2 हल्दी की गांठ, एक चांदी का सिक्का और एक पीले रंग की कौड़ी रखकर, उस कपड़े में गांठ लगाकर पोटली बना दें। यदि आप चांदी का सिक्का रखने में असमर्थ हैं तो एक रुपये का सिक्का उस पोटली में रख दें। अब उस पोटली को भगवान का आशीर्वाद लेकर अपनी तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर रख लें।
यदि आपके और आपके जीवन साथी के बीज विवाद या किसी प्रकार का झगड़ा चल रहा है और इस वजह से दांपत्य जीवन में प्रेम व मधुरता गायब हो गई है तो इस एकादशी के दिन एक कच्चा, जटा वाला नारियल लेकर, उसे एक पीले कपड़े में लपेट लें। अब नारियल पर उस कपड़े को मौली की सहायता से बांध दें और श्री विष्णु मंदिर में अर्पित कर दें। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहेगी।
लव मैरिज में समस्या से छुटकारा पाने के लिए
यदि आप अपने मनपसंद साथी के साथ प्रेम विवाह करना चाहते हैं और इसमें लंबे समय से दिक्कतें आ रही हैं तो इस एकादशी के दिन स्नान आदि के बाद श्री विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो के आगे बैठकर भगवान के इस मंत्र का एक माला यानी 108 बार जप करें। यह मंत्र है- ‘ऊँ लक्ष्मी नारायणाय नमः’। इस दौरान भगवान के सामने हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
पारिवारिक जीवन समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए
यदि आपके पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं चल रही है और आपके परिवार के सदस्यों के बीच आपसी मतभेद हैं तो इस दिन श्री विष्णु की पूजा के समय दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करें। जल में गंगाजल डालना न भूलें क्योंकि गंगाजल बहुत ही शुभ माना जाता है। पूजा के बाद शंख में भरे उस जल को परिवार के सब सदस्यों में प्रसाद के रूप में पीने को दें।
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प्रेम जीवन को सुखमय बनाने के लिए
प्रेम जीवन को सुखमय बनाये रखने के लिए एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद केले के वृक्ष में जल अर्पित करें और साथ ही शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इस दिन केले का वृक्ष लगाना भी बहुत शुभ साबित होता है।
नौकरी में प्रमोशन के लिए
यदि आपको लंबे समय से अच्छी नौकरी की तलाश में हैं और आपको अपनी मनपसंद की नौकरी मिलने में समस्या आ रही है तो इस दिन एक कच्चे मिट्टी के घड़े में गेहूं भरकर, उस पर ढक्कन लगाकर, घड़े को किसी ब्राह्मण को दान कर दें और अपनी उन्नति के लिए उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए
यदि आप लंबे समय से कर्ज व लोग के बोझ से परेशान हैं तो एकादशी के दिन स्नान आदि के बाद पीपल के वृक्ष पर 11 बार कच्चा सूत लपेटते हुए परिक्रमा करें। परिक्रमा पूरी होने के बाद पीपल की जड़ में जल अर्पित करें और हाथ जोड़कर कर्ज से छुटकारा पाने के लिए प्रार्थना करें।
घर से बाहर निकलने से पहले
यदि आप एकादशी के दिन किसी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं तो इस दौरान हल्दी का तिलक लगाकर ही निकले। ऐसा करने से आपके सारे काम बनने लगेंगे। इसके अलावा, यदि आप बिजनेस को लेकर कोई डील करने जा रहे हैं तो एकादशी के दिन एक सफेद सूत का लंबा-सा धागा लेकर, उसे हल्दी लगाकर पीला कर दें और भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित कर दें।
करियर के बेहतरी के लिए
यदि आप करियर के क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहते हैं और नया मुकाम हासिल करना चाहते हैं तो इस एकादशी के दिन एक पीपल का पत्ता लेकर, उस पर हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और भगवान के चरणों में ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ कहते हुए अर्पित कर दें। साथ ही, किसी पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। अगर मिठाई का भोग नहीं लगा सकते तो केले का फल चढ़ा दें।
कन्या के विवाह के लिए
यदि आप अपनी बेटी के विवाह के लिए परेशान है और कई जगह बात करने के बाद भी बात आगे नहीं बढ़ रही है तो इस दिन बेसन व केसर डालकर लड्डू तैयार करें और 21 लड्डू भगवान विष्णु को समर्पित करें। लड्डू चढ़ाते समय श्री विष्णु के मंत्र का जाप करना न भूलें। मंत्र है -‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’। इसी प्रकार मंत्र बोलते हुए सारे लड्डू भगवान को चढ़ाएं और घी के दीपक से आरती करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. इस साल कामिका एकादशी कब है?
उत्तर 1. इस साल कामिका एकादशी 31 जुलाई 2024 को पड़ रही है।
प्रश्न 2. कामिका एकादशी का क्या महत्व है?
उत्तर 2. इस दिन व्रत रखने और पूजन करने से न सिर्फ भगवान विष्णु बल्कि पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है
प्रश्न 3. कामिका एकादशी का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर 3. कामिक एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
प्रश्न 4. कामिका एकादशी का पारण कब है?
उत्तर 4. 01 अगस्त की सुबह 05 बजकर 42 मिनट से 08 बजकर 24 मिनट तक व्रत पारण कर सकते हैं।
शुक्र के सिंह राशि में गोचर से बनेगा लक्ष्मी नारायण योग- ये राशियाँ कमाएँगी अपार धनलाभ!
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सुख, विलासिता, खूबसूरती, प्रेम और वैवाहिक जीवन का ग्रह कहा जाता है। अब यही ग्रह 31 जुलाई को सिंह राशि में गोचर करने वाला है जहां पहले से ही कुछ अन्य ग्रह मौजूद हैं। कौन-कौन से हैं ये ग्रह और सिंह राशि में युति होने पर यह किस तरह के परिणाम आपके जीवन पर डालने वाले हैं यह जानने के लिए अंत तक पढ़ें हमारा यह खास ब्लॉग।
सिर्फ इतना ही नहीं इस ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे शुक्र के सिंह राशि में गोचर के परिणाम का विस्तृत गोचर फल, साथ ही जानेंगे शुक्र को मजबूत करने की कुछ बेहद ही सटीक उपाय और शुक्र ग्रह से जुड़ी कुछ अहम बातों की भी जानकारी। आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं शुक्र का सिंह राशि में गोचर कब होने जा रहा है।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर 31 जुलाई को 14:15 पर हो जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें जिस समय सिंह राशि में शुक्र का ये गोचर होगा उस दौरान यहां पहले से ही बुध ग्रह मौजूद रहने वाले हैं। ऐसे में सिंह राशि में शुक्र और बुध ग्रह की महत्वपूर्ण युति बनेगी। निश्चित तौर पर इस युति से कुछ राशियों को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे तो कुछ राशियों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
क्या होती है ग्रहों की युति? ग्रहों की युति के बारे में बात करें तो जब भी किसी एक राशि या एक भाव में एक से अधिक ग्रह एक समय पर मौजूद होता है तो इसे ग्रहों की युति के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि इस युति के परिणाम स्वरुप जातकों के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह के परिणाम देखने को मिल सकते हैं। सिंह राशि में होने वाली शुक्र और बुध की यह युति आपके जीवन पर किस तरह के प्रभाव डालने वाली है अगर आपको भी इस बारे में जानकारी हासिल करनी है तो आप अभी विद्वान ज्योतिषियों से जुड़कर इस बारे में परामर्श हासिल कर सकते हैं।
सिंह राशि में शुक्र-बुध की युति से बनेगा लक्ष्मी नारायण राजयोग
ज्योतिष के अनुसार जब भी बुध और शुक्र की युति होती है तो इससे लक्ष्मी नारायण राजयोग का निर्माण होता है। जहां एक तरफ बुध को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है वहीं दूसरी तरफ शुक्र ग्रह को दैत्यों का गुरु कहा गया है। ऐसे में जब ये दोनों ग्रह साथ में आते हैं तो लक्ष्मी नारायण राजयोग बनता है।
इसके अलावा कहा जाता है कि जब इस युति पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है तो इसकी प्रबलता और ज्यादा बढ़ जाती है और यह जातकों के लिए बहुत ज्यादा फलदाई हो जाता है। हालांकि यहां पर इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इनमें से कोई भी ग्रह अस्त अवस्था में नहीं हो, नीच अवस्था में ना हो, तभी यह योग बनता है।
लक्ष्मी नारायण योग के शुभ परिणाम तब प्राप्त होते हैं जब दोनों ही ग्रह अच्छे अंश पर मौजूद हो।
बहुत से लोग मानते हैं कि लक्ष्मी नारायण योग व्यक्ति को धनवान बनाता है लेकिन क्या वाकई में ऐसा होता है? आइये जान लेते हैं।
लक्ष्मी नारायण योग बुध और शुक्र की युति से बनता है। जहां एक तरफ बुध ग्रह बुद्धि और वाणिज्य का कारक है वहीं शुक्र ग्रह आकर्षण, धन, सौभाग्य और विलासिता का ग्रह कहा जाता है।
ऐसे में जब बुध और शुक्र की युति होती है तो व्यक्ति खूब लाभ कमाता है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को अचानक धन लाभ होने की संभावना बढ़ जाती है।
लक्ष्मी नारायण योग के प्रभाव से व्यक्ति की बुद्धि और प्रतिभा निखरती है और उसे काम में सफलता मिलती है।
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है तो ऐसे व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
अगर आपके विवाह में बिना वजह का विलंब हो वहा है या वैवाहिक जीवन में कलह बनी हुई है, प्रेम संबंधों में असफलताएं मिल रही हैं, धन की कमी है, जीवन में ऋण का बोझ बढ़ गया है, आपके जीवन में अप्रत्याशित खर्चे बढ़े जा रहे हैं, जीवन में वित्तीय अस्थिरता बनी हुई है या फिर मोटापा, मधुमेह, त्वचा रोग जैसी परेशानियां भी आपके जीवन में है, आत्मविश्वास की कमी है, त्वचा की समस्या है, बाल झड़ रहे हैं तो मुमकिन है कि आपकी कुंडली में मौजूद शुक्र ग्रह पीड़ित या फिर कमजोर अवस्था में है।
अपनी कुंडली में शुक्र की सटीक स्थिति जानने के लिए आप विद्वान ज्योतिषियों में परामर्श भी ले सकते हैं। अगर आपकी कुंडली में शुक्र कमजोर या पीड़ित अवस्था में मौजूद तो इससे बचने के लिए और शुक्र के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए हम आपको कुछ सरल उपायों की जानकारी यहाँ प्रदान कर रहे हैं:
हर शनिवार को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें।
सफेद रंग के वस्त्र पहनें।
खीर का भोग लगाएँ।
शुक्र यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें।
शुक्र मंत्र का नियमित रूप से जाप करें।
हीरा, पुखराज या मोती धारण करें। कोई भी रत्न धारण करने से पहले एक बार विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श अवश्य ले लें।
शुक्रवार के दिन गरीबों और ज़रूरतमन्द लोगों को दान करें।
अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने का प्रयास करें।
नकारात्मक विचारों को त्याग दें।
सकारात्मकता के साथ अपने जीवन जीएँ और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करें।
संतुलित आहार लें।
नियमित रूप से व्यायाम करें और उचित मात्रा में नींद लें।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: शुक्र का सिंह राशि में गोचर कब होगा?
उत्तर: शुक्र ग्रह 31 जुलाई को 14:15 पर सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे।
प्रश्न 2: शुक्र के इस गोचर से किन ग्रहों की युति होगी?
उत्तर: शुक्र के सिंह राशि में गोचर से बुध और शुक्र की युति होगी।
प्रश्न 3: बुध-शुक्र युति से कौन से योग का निर्माण होता है?
उत्तर: बुध शुक्र की युति से एक बेहद ही शुभ योग लक्ष्मी नारायण योग बनता है।
प्रश्न 4: अगर कुंडली में शुक्र दोष मौजूद है तो क्या करें?
उत्तर: जीवन में ज्यादा से ज्यादा सफेद रंग की वस्तु धारण करें, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें और शुक्र से संबंधित चीजों का दान करें।
अगस्त में राहु और शनि ने सूर्य के साथ बनाया खतरनाक योग, इन लोगों को आएंगी मुश्किलें
ग्रहों के गोचर के लिहाज़ से अगस्त का महीना बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस महीने में बुध और मंगल समेत कई ग्रहों का गोचर होने वाला है। अगस्त शुरू होते ही 05 तारीख को बुध सिंह राशि में वक्री अवस्था में आ जाएंगे। फिर 16 अगस्त को सिंह राशि में ही सूर्य का प्रवेश होगा। इसके पश्चात् 26 अगसत को मिथुन राशि में मंगल गोचर करेंगे।
28 अगस्त को कर्क राशि में बुध मार्गी हो जाएंगे। इसके बाद 24 अगस्त को शुक्र ग्रह कन्या राशि में गोचर करेंगे। इस माह में सूर्य और शनि समसप्तक योग भी बना रहे हैं। ये दोनों ग्रह एक-दूसरे से सातवें भाव में गोचर करते हुए एक-दूसरे पर दृष्टि रखेंगे जिससे समसप्तक योग का निर्माण होगा। वहीं राहु सूर्य के साथ मिलकर षडाष्टक योग बनाएंगे।
ग्रहों के गोचर के लिहाज़ से अगस्त का महीना कुछ राशियों के लिए काफी मुश्किल रहने वाला है। ग्रहों के राशि परिवर्तन करने के कारण इन राशि के लोगों को अपने जीवन के कई पहलुओं में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। इन्हें अपने कार्यक्षेत्र में चुनौतियां देखनी पड़ सकती हैं या सेहत के मामले में भी किस्मत खराब हो सकती है।
इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि अगस्त माह में किन राशियों के लोगों को संभलकर रहने की ज़रूरत है।
मेष राशि के लोगों को अगस्त के महीने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस माह में सूर्य आपके पंचम भाव में गोचर करने वाले हैं और मंगल तीसरे भाव में रहेंगे। इस वजह से आपको इस महीने किसी भी तरह का जोखिमभरा कोई काम नहीं करना है। इस महीने आपकी सेहत में भी थोड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
आपकी कोई सर्जरी होने की भी आशंका है। यदि आपका कोई सरकारी काम है, तो उसमें भी अड़चनें आने के आसार हैं। कई परेशानियों को पार करने के बाद ही बात बन पाएगी। कोई भी आर्थिक निर्णय लेते समय अच्छी तरह से सोच-विचार जरूर कर लें। आपको इस समय किसी भी तरह के निवेश से भी बचना चाहिए वरना आपको हानि उठानी पड़ सकती है। मां-बाप को अपनी संतान की वजह से बहुत मुश्किलें देखनी पड़ सकती हैं।
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कन्या राशि
कन्या राशि के बारहवें भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपके खर्चे आपकी आमदनी से ज्यादा हो सकते हैं। आपकी सेहत भी खराब होने की आशंका है और आपको अपने इलाज पर मोटा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। आपकी नींद में भी खलल पड़ सकती है।
बढ़ते हुए खर्चों की वजह से आपकी रातों की नींद खराब हो सकती है। आपको लंबी यात्रा पर जाना पड़ सकता है लेकिन दुख की बात यह है कि आपके लिए यह यात्राएं लाभकारी सिद्ध नहीं होंगी। आपको किसी कारण से विदेश जाना भी पड़ सकता है।
मकर राशि के लोगों को अगस्त के महीने में बहुत संभलकर रहना होगा। इस राशि के आठवें भाव में सूर्य रहेंगे और सूर्य पर शनि की दृष्टि रहने वाली है जिससे आपके कार्यों में अड़चनें आने की आशंका है। आपके काम आखिरी मिनट पर खराब हो सकते हैं। आपकी सेहत भी कुछ अच्छी नहीं रहने वाली है।
आपको अपने इलाज पर पैसा खर्च करना पड़ सकता है। नौकरीपेशा जातकों को अपने काम को लेकर बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। आपके रास्ते में कई परेशानियां और मुसीबतें आ सकती हैं। आपके शत्रु भी आपको परेशान करने का प्रयास करेंगे।
मीन राशि के लोगों के लिए अगस्त का महीना मुश्किलों से भरा रहने वाला है। इस समय आपको पैसों की तंगी होने की आशंका है। सूर्य आपके छठे भाव में रहेंगे जिससे आपकी सेहत में गिरावट आने के संकेत हैं। आपको कार्यक्षेत्र में भी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। इससे आपका मन काफी परेशान रहेगा।
कोई कानूनी मसला चल रहा है, तो उसमें आपको नकारात्मक परिणाम मिलने के आसार हैं। आपके प्रतिद्वंदी भी आप पर हावी हो सकते हैं। नौकरीपेशा जातकों को निराशा हो सकती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. अगस्त में कौन सी राशि बनती है?
उत्तर. इस महीने में जन्मे लोगों की सिंह या कन्या राशि होती है।
प्रश्न. क्या अगस्त में जन्मे बुद्धिमान होते हैं?
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अगस्त के शुरू में ही सूर्य करेंगे बुध के नक्षत्र में गोचर, ये राशियां होंगी मालामाल
सभी ग्रह राशि परिवर्तन करने के साथ-साथ नक्षत्र परिवर्तन भी करते हैं। जिस प्रकार ग्रहों के राशि में गोचर करने का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है ठीक वैसा ही प्रभाव नक्षत्र परिवर्तन के दौरान भी देखने को मिलता है। इस समय सूर्य देव शनि के पुष्य नक्षत्र में संचरण कर रहे हैं और वे इस राशि में 02 अगस्त तक रहेंगे।
इसके बाद सूर्य 02 अगस्त को अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। यह बुध का नक्षत्र और इस नक्षत्र में आने से कुछ राशियों के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। इन लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलने के आसार हैं। तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य के बुध के नक्षत्र में आने पर किन राशियों के लोगों का भाग्य चमकने वाला है।
राशिचक्र की दूसरी राशि वृषभ वालों के लिए सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। अध्यात्म की ओर आपकी रुचि बढ़ सकती है। अब तक आपके जो काम रुके हुए हैं या जिन्हें पूरा होने में कोई अड़चन आ रही थी, तो अब इस तरह की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
आपकी आर्थिक स्थिति में वृद्धि देखने को मिलेगी। कार्यक्षेत्र में लोग आपके काम की तारीफ कर सकते हैं। इससे आपका भी मन लगाकर काम करने की इच्छा होगी। आप इस वजह से थोड़ा रिलैक्स भी महसूस कर सकते हैं। आपके लिए पदोन्नति और वेतन में वृद्धि के योग भी बन रहे हैं।
वृषभ राशि के व्यापारियों को भी मोटा मुनाफा होने के आसार हैं। आपको अधिक पैसा कमाने के अवसर प्राप्त होंगे। आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर दे पाने में समर्थ होंगे। निवेश या शोयर मार्केट से मोटा पैसा कमाएंगे। आपको किराए से भी आय की प्राप्ति हो सकती है। आप पैसों की बचत कर पाएंगे और इस समय आपकी सेहत भी दुरुस्त रहेगी।
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मिथुन राशि
आपकी राशि के लिए सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन करना शानदार साबित होगा। आपको अपने करियर में उन्नति और प्रगति प्राप्त होगी। आपको अपने भाग्य का भी साथ मिलेगा। नौकरीपेशा जातक अपने दृढ़ संकल्प और योजना के दम पर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आपके उच्च अधिकारी भी आपके काम से खुश नज़र आएंगे।
आपको अपने काम के सिलसिले में यात्रा पर जाना पड़ सकता है और अच्छी बात यह है कि ये यात्राएं आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगी। आप अपनी बुद्धिमानी से हर क्षेत्र में सफल हो पाएंगे। आपकी आय के स्रोत बढ़ेंगे और आप पैसों की बचत कर पाने में भी सक्षम होंगे। इस दौरान आपको सेहत को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है।
नक्षत्र परिवर्तन के दौरान सूर्य तुला राशि के दसवें भाव में रहेंगे। यह भाव करियर और व्यापार का होता है। इस समय आपको अपने कार्यक्षेत्र में सफल होने के लिए अपने भाग्य का साथ मिलेगा। अगर आप विदेश में काम करने का सपना देख रहे हैं, तो आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है। आप अपने लक्ष्य को पाने में सफल होंगे। आपके लिए विदेश से धन लाभ के योग बन रहे हैं। आपको विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है।
पार्टनरशिप में बिज़नेस करने वाले लोगों के लिए भी अनुकूल समय है। आपकी सेहत भी अच्छी रहने वाली है। सकारात्मक परिणाम मिलने की वजह से आपका मन प्रसन्न रहेगा।
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ज्योतिष में अश्लेषा नक्षत्र
अश्लेषा नक्षत्र के स्वामी बुध ग्रह हैं और इस ग्रह को ज्योतिष में बुद्धि, संचार और तर्क क्षमता का कारक माना गया है। इस नक्षत्र में पैदा होने वाले जातक बुद्धिमान, संचार कौशल में श्रेष्ठ और विपरीत परिस्थितियों में खुद को आसानी से ढालने वाले होते हैं। बुध के प्रभाव के कारण ये जिज्ञासु स्वभाव के होते हैं।
जिन लोगों का जन्म अश्लेषा नक्षत्र में होता है, उनका दिमाग बहुत तेज होता है। ये जीवन के रहस्य को समझते हैं और ज्ञान अर्जित करने की इच्छा रखते हैं। ये बहुत भाग्यशाली और स्वस्थ होते हैं। ये अपनी बातों से दूसरों को मंत्रमुग्ध कर सकते हैं। इनसे आप घंटों तक किसी विषय पर चर्चा कर सकते हैं। इनके चेहरे का आकार चौकोर और नैन-नक्श सुंदर एवं आंखें छोटी होती हैं। इनके चेहरे पर तिल या कोई निशान हो सकता है।
इनमें गजब की नेतृत्व करने की क्षमता होती है जो उन्हें सफलता की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती रहती है। इन्हें स्वतंत्र रहना पसंद है और उसमें किसी भी दखलअंदाजी इन्हें अच्छी नहीं लगती है। ये अपने दोस्तों के लिए कुछ भी कर सकते हैं। इसके अलावा ये थोड़े गुस्सैल स्वभाव के भी होते हैं लेकिन मिलनसार भी होते हैं।
ये किसी पर भी आसानी से भरोसा नहीं करते हैं। इनके दिमाग में हमेशा कुछ न कुछ चलता ही रहता है। ये अपनी बातों से दूसरों को सम्मोहित करने में माहिर होते हैं। एक बार ये बोलना शुरू करते हैं, तो अपनी बात पूरी खत्म करने के बाद ही चुप होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. अश्लेषा नक्षत्र में पैदा होने वाले बच्चे कैसे होते हैं?
उत्तर. ये सुल व्यापारी और चतुर अधिवक्ता बनते हैं।
प्रश्न. अश्लेषा नक्षत्र का स्वामी कौन है?
उत्तर. इस नक्षत्र के स्वामी बुध ग्रह हैं।
प्रश्न. अश्लेषा नक्षत्र का कौन सा पाद अच्छा है?
उत्तर. इस नक्षत्र के चौथे पद में जन्मे लोग भाग्यशाली होते हैं।
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कुंडली में है अशुभ दोष? तो सावन में करें ये उपाय, ग्रहों के दुष्प्रभावों से मिलेगी मुक्ति!
सावन का महीना शुरू हो चुका है जो भगवान शिव का सबसे प्रिय माह है। सावन से जुड़ी मान्यता है कि इस महीने शिव जी अपने भक्तों से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मनचाहा फल प्रदान करते हैं। लेकिन, शायद ही आप जानते होंगे कि भोलेशंकर के भक्तों में सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि देव-दैत्यों से लेकर नवग्रह तक शामिल हैं इसलिए सावन के महीने में शिव पूजा से कुंडली में उपस्थित कई अशुभ दोषों और अशुभ ग्रहों के प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग सावन में शिव पूजा से कैसे पा सकते हैं कुंडली में बनने वाले खतरनाक दोषों से छुटकारा आदि के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
जिन जातकों की कुंडली में अशुभ योग मौजूद होते हैं और तमाम उपायों के बाद भी आपको मनचाहे परिणाम नहीं मिल पाए हैं, तो इन दोषों के निवारण के लिए सावन का महीना बेहद शुभ है। इसकी वजह यह है कि भगवान शिव को सावन अतिप्रिय है। अगर किसी व्यक्ति को राहु-केतु और शनि जैसे क्रूर ग्रह कष्ट पहुंचा रहे हैं और आपके कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, तो सावन में शिव जी की पूजा एवं उपाय करने से न चूकें। सावन में भगवान शिव की शरण में जाने से अज्ञानी को विद्या, निर्धन को धन, निःसंतान दंपति को संतान, कन्या को मनचाहा वर तथा धर्म न जानने वाले को धर्म का ज्ञान प्राप्त होता है। लेकिन, सावन के इन उपायों को जानने से पहले हम आपको रूबरू करवाते हैं सावन कब से कब तक चलेगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
सावन 2024: कब से कब तक रहेगा?
सावन माह का इंतज़ार शिव भक्तों को पूरे साल बेसब्री से रहता है। इनकी आराधना भक्त के सभी संकट हरती है और मनोवांछित फल प्रदान करती है। सावन की बात करें, तो साल 2024 में सावन के महीने का आरंभ 22 जुलाई 2024, सोमवार के दिन से हो गया है और इसका समापन 19 अगस्त 2024, सोमवार के दिन ही होगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि होगी और संपूर्ण देश में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। इस बार का सावन 29 दिनों तक रहेगा, तो आपके पास शिवशंकर को प्रसन्न करने के लिए काफ़ी समय है।
जन्म कुंडली में कुछ अशुभ योग या ग्रहों की नकारात्मक स्थिति होने पर व्यक्ति को जीवनभर दुख, दर्द,, कष्ट, कलह और समस्याओं से जूझना पड़ता है। हालांकि, इन अशुभ दोषों और ग्रहों के दुष्प्रभावों से राहत के लिए सावन में शिव पूजन अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से शुभ परिणाम मिलने लगते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु-केतु के बीच में सभी ग्रह आ जाते हैं, तो इस स्थिति को कालसर्प दोष कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप, जातक दुखी एवं परेशान रहता है। कालसर्प दोष निवारण के लिए भगवान शिव के किसी प्राचीन मंदिर में शिव पूजा करने के साथ-साथ सर्पों की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए।
किसी जातक की जन्म कुंडली में लग्नेश अस्त, वक्री होकर छठे, आठवें, बारहवें में स्थित होते हैं या फिर राहु, केतु, शनि के भाव में बैठे हो या फिर लग्नेश छठे, आठवें, बारहवें भाव के स्वामी के साथ मौजूद हों, तो व्यक्ति को भगवान मृत्युंजय की पूजा करनी चाहिए।
जिन जातकों की कुंडली में लग्नेश (लग्न भाव का स्वामी) कमज़ोर अवस्था में होता है और वह अथवा लग्न राहु-केतु के प्रभाव में होता है, तो जातक को भगवान शिव की आराधना से राहत मिलती है।
आपकी कुंडली में लग्न/पहले भाव में राहु, केतु या शनि महाराज के बैठे होने पर जातक के लिए शिव पूजा करना बेहद आवश्यक होता है।
अगर आप किसी भी तरह के रोग-बिमारी से छुटकारा, बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं से मुक्ति और घातक दशाओं के प्रभाव का निवारण करना चाहते हैं, तो आपके लिए महामृत्युंजय मंत्र, मृतसंजीवनी स्तोत्र का पाठ करना सर्वश्रेष्ठ उपाय हैं।
आपकी कुंडली में शनि देव के जन्म राशि से पहले, दूसरे और बारहवें भाव में मौजूद होने पर जातक शनि साढ़ेसाती के प्रभाव में रहता है। ऐसे में, गोचर में शनि महाराज अगर जातक की जन्म राशि से चौथे और आठवें भाव में विराजमान हों, तो जातक पर ढैय्या का प्रभाव देखने को मिलता है। इन दोनों ही स्थितियों में मृत्युंजय के रूप में भगवान शिव की पूजा करना श्रेष्ठ रहता है।
ऐसे व्यक्ति जिनकी जन्म कुंडली में चौथे या पांचवें भाव में पापी ग्रह मौजूद हों या फिर चौथे भाव के स्वामी, चतुर्थेश और पांचवें भाव के स्वामी, पंचमेश, शनि या राहु के साथ कमज़ोर स्थिति में बैठे हैं, तो जातक ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए सावन में भगवान शिव की पूजा करें।
कुंडली के आठवें भाव में लग्नेश या चंद्र देव राहु और सूर्य के साथ युति करते हैं, तो जातक को महादेव का पूजन करना चाहिए।
सावन में नवग्रहों से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए उपाय
बुध संबंधित दोष: कुंडली में बुध से जुड़ा दोष होने पर जातक को व्यापार, करियर और शिक्षा में समस्याएं आती हैं। ऐसे में, सावन में शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाना शुभ रहता है।
चंद्र संबंधित दोष: कुंडली में चंद्र देव से संबंधित दोष होने पर मानसिक समस्याएं परेशान करती हैं और इसके लिए हर सोमवार शिवलिंग पर दूध अर्पित करें।
सूर्यसंबंधित दोष: सूर्य अशुभ या कमज़ोर होने पर व्यक्ति को अपमान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, सावन माह में शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं।
राहु-केतु संबंधित दोष: जिन जातकों की कुंडली के राहु-केतु अशुभ योग का निर्माण करते हैं, उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं तंग करने लगती हैं। इससे बचाव के लिए भगवान शिव को धतूरा चढ़ाएं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सावन का महीना कब से कब तक है?
उत्तर 1. सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से हो गई है और इसका समापन 19 अगस्त को होगा।
प्रश्न 2. क्यों प्रसिद्ध है सावन का महीना?
उत्तर 2. इस माह में शिव जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त प्रसिद्ध तीर्थों से जल भरकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाते हैं और शिवलिंग पर अर्पित करते हैं।
प्रश्न 3. क्या सावन में शिव पूजा से ग्रह दोष दूर हो सकते हैं?
उत्तर 3. सावन में शिव जी की पूजा से ग्रह दोष एवं ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
मासिक अंक फल अगस्त 2024: सभी मूलांक के जातकों को कैसे मिलेंगे इस महीने परिणाम? जानें!
अंक ज्योतिष के अनुसार अगस्त का महीना साल का आठवां महीना होने के कारण अंक 8 का प्रभाव लिए होता है। यानी कि इस महीने पर शनि ग्रह का अधिक प्रभाव रहने वाला है। आपको बता दें कि इस साल का अंक 8 है, ऐसे में अगस्त 2024 के महीने पर शनि के अलावा केतु का भी प्रभाव रहने वाला है। हालांकि मूलांक के अनुसार अलग-अलग लोगों पर शनि और केतु का अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा लेकिन अगस्त 2024 का महीना सामान्य तौर पर उद्योग धंधे, जनाक्रोश, जलीय असंतुलन व कुछ उल्लेखनीय अदालती फैसलों के लिए उल्लेखनीय रह सकता है। आइए जानते हैं कि आपके मूलांक के लिए अगस्त 2024 का महीना कैसा रहेगा।
यदि आप किसी महीने की 1, 10, 19 या फिर 28 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 1 होगा और मूलांक 1 के लिए अगस्त का महीना क्रमशः 8, 7, 1 और 5 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। आपके मूलांक 1 के साथ इस महीने सर्वाधिक प्रभाव डालने वाला अंक 8 अच्छे संबंध नहीं रखता है। लिहाजा यह महीना कुछ कठिनाई भरा रह सकता है। हालांकि आर्थिक मामलों में तथा व्यापार व्यवसाय से जुड़े मामलों में खूब कठिन परिश्रम करने की स्थिति में साथ-साथ पूरी लगन के साथ काम करने की स्थिति में कुछ अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं। यद्यपि आपका मन इस महीने कुछ नया प्रयोग करने का हो सकता है लेकिन 1 और 8 के बीच के संबंधों को देखते हुए किसी नए काम की शुरुआत करने से पहले एक बहुत ही सार्थक योजना बनाना जरूरी रहेगा। साथ ही साथ अनुभवी खासकर बुजुर्ग अनुभवी व्यक्तियों से सलाह लेना बहुत जरूरी रहेगा ऐसा करने की स्थिति में ही उपरोक्त अच्छे फलों की उम्मीद की जा सकेगी। यदि आपको हृदय से संबंधित कोई परेशानी पहले से है अथवा शासन प्रशासन से जुड़ा कोई काम है तो इन मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा।
उपाय: गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार भोजन करवाना शुभ रहेगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मूलांक 2
यदि आप किसी महीने की 2, 11, 20 या फिर 29 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 2 होगा और मूलांक 2 के लिए अगस्त का महीना क्रमशः 9, 8, 7, 1 और 5 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। आपका मूलांक 2 के साथ इस महीने सर्वाधिक प्रभाव डालने वाला अंक 9 औसत लेवल के संबंध रखता है। हालांकि आठ का अंक बीच-बीच में कुछ फेवर भी कर सकता है। तो ऐसे में हम यही कहेंगे कि यह महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। भाग्य का औसत लेवल का साथ और आपकी कठिन मेहनत आपको सफलता दिलाने का काम कर सकते हैं। इसलिए इस महीने सबसे पहले उन कामों को कंप्लीट करने की कोशिश करें जो काम लंबे समय से अपने निर्धारित समय पर पूरे नहीं हो पाए हैं।
जिंदगी के हर क्षेत्र से जुड़े हुए बिखराव को इकट्ठा करना इस महीने जरूरी रहेगा। अर्थात चाहे योजनाएं हो या कोई काम या फिर बिखरे हुए लोगों को इकट्ठा करने का काम; इन कामों को आप इस महीने कोशिश करके अंजाम दे लें, जिससे आने वाले समय में आप नए प्रयोग करने के लिए अथवा नई जिम्मेदारियां उठाने के लिए खुद को समर्थ बना सकें। इस महीने बेवजह के क्रोध और बेवजह के इमोशंस को संयम में रखना भी जरूरी रहेगा।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करना शुभ रहेगा।
मूलांक 3
यदि आप किसी महीने की 3,12, 21 या फिर 30 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 3 होगा और मूलांक 3 के लिए अगस्त का महीना क्रमशः 1, 8, 7, 1 और 5 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। हालांकि आपके मूलांक 3 के साथ इस महीने सबसे अधिक प्रभाव डालने वाले अंक 1 के संबंध औसत या औसत से थोड़े से बेहतर कहे जाएंगे लेकिन बृहस्पति को सूर्य का साथ मिल रहा है; लिहाजा शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में आप अच्छा कर सकेंगे। यदि आप विद्यार्थी हैं तो इस महीने आप अपना कोई बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं और उस पर काम करने के लिए कमर कर सकते हैं। यह महीना आपको नई शुरुआत करवाने में मददगार करेगा।
नई योजनाओं पर नए ढंग से काम करने की स्थिति में अच्छे परिणाम भी मिलते हुए प्रतीत हो रहे हैं। इस महीने बड़े बुजुर्गों और पिता तुल्य व्यक्तियों का अच्छा सहयोग मिलने के कारण आप कुछ उल्लेखनीय निर्णय भी ले सकेंगे। पिता के आशीर्वाद और पिता के सहयोग से इस महीने आप अच्छी सफलता प्राप्त कर सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर सकेंगे। शासन प्रशासन से जुड़े लोगों को इस महीने कुछ उल्लेखनीय परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: सूर्य देव को कुमकुम मिला हुआ जल चढ़ाना शुभ रहेगा।
मूलांक 4
यदि आप किसी भी महीने की 4,13, 22 या फिर 31 तारीख़ को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 4 होगा और मूलांक 4 के लिए अगस्त का महीना क्रमशः 2, 8,7, 1 और 5 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। ऐसे में इस महीने आपको औसत से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। विशेषकर संबंधों को निभाने में यह महीना आपके लिए मददगार बन सकता है। इसलिए यदि आपके कोई संबंध पिछले कुछ दिनों या महीनों से बिगड़े हुए हैं तो इस महीने उन संबंधों को सुधारने की मौके मिल सकते हैं। यदि किसी गलतफहमी के चलते संबंध कमजोर हो गए थे तो यह महीना उस गलतफहमी को दूर करने में मददगार बन सकता है।
वहीं अहंकार या लापरवाही की स्थिति में गलतफहमी और भी बढ़ सकती है लेकिन हमें सकारात्मक रहते हुए संबंधों को सुधारने की कोशिश करनी है। ऐसा करने की स्थिति में काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। विशेषकर माता या किसी भी स्त्री के साथ यदि आपके संबंध कमजोर रहे हैं तो यह महीना इस मामले में अच्छी मदद कर सकता है। लव लाइफ से जुड़े मामलों में भी इस महीने को अच्छा कहा जाएगा। यदि आपका काम साझेदारी का है तो यह महीना आपके लिए अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। क्रिएटिव फील्ड से जुड़े हुए लोगों को यह महीना उल्लेखनीय परिणाम दे सकता है।
उपाय: भगवान शिव की पूजा अर्चना करना शुभ रहेगा।
मूलांक 5
यदि आप किसी भी महीने की 5, 14 या फिर 23 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 5 होगा और मूलांक 5 के लिए अगस्त का महीना क्रमशः 3, 8, 7, 1 और 5 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। अतः इस महीने आपको औसत से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। हालांकि बौद्धिक क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को यह महीना कुछ विशिष्ट परिणाम भी दे सकता है। विशेषकर यदि आप अध्ययन अध्यापन से जुड़े हुए हैं तो परिणाम काफी अच्छे रह सकते हैं। इसके अलावा फाइनेंस और मैनेजमेंट से जुड़े लोगों को भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
अखबार, मैगजीन, विज्ञापन अर्थात मीडिया जगत के लिए से जुड़े हुए लोगों के लिए भी यह महीना काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। सामाजिक कार्यों को संपन्न करने के लिए यह महीना काफी अच्छा कहा जाएगा। क्रिएटिव कामों के लिए भी यह महीना उल्लेखनीय रह सकता है। मित्रता निभाना अथवा मित्रों से सहयोग लेने के लिए भी इस महीने को हम अच्छा कहना चाहेंगे। हालांकि इन मामलों में सामान्य तौर पर यह महीना काफी अच्छे परिणाम दे सकता है लेकिन फिर भी 5 और 3 के संबंधों को देखते हुए योजनाबद्ध तरीके से पूरी लगन के साथ काम करने की जरूरत रहेगी। तभी आप अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: मंदिर में दूध और केसर का दान करना शुभ रहेगा।
यदि आप किसी भी महीने की 6, 15 या फिर 24 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 6 होगा और मूलांक 6 के लिए अगस्त का महीना क्रमशः 4, 8, 7, 1 और 5 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। यह महीना आपको मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। बेहतर होगा इस महीने तथ्यात्मक ढंग से काम किया जाए। आवश्यकता से अधिक उम्मीद किसी भी मामले में नहीं रखनी है। साथ ही साथ आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करनी है। अर्थात आप अपने सहयोगियों और स्वजनों से मदद की उम्मीद तो रख सकते हैं लेकिन उम्मीद का स्तर इतना अधिक नहीं होना चाहिए कि आप अकर्मण्य हो जाएं या आप सिर्फ और सिर्फ दूसरों के भरोसे बैठे रहें।
यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो परिणाम अच्छे भी रह सकते हैं। हालांकि यह महीना आपसे काफी हद तक मेहनत भरे काम करवा सकता है। यह महीना हार्ड वर्क के लिए जाना जा सकता है। साथ ही साथ स्वयं को अनुशासित रखने की आवश्यकता भी रहेगी। यदि आप इन सावधानियां को रखेंगे तो इस महीने आप मिले जुड़े परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं। वहीं असावधान होने की स्थिति में महीना कमजोर परिणाम भी दे सकता है। अतः निष्ठा पूर्वक मेहनत करें और अच्छे परिणाम प्राप्त करें।
उपाय: नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।
मूलांक 7
यदि आप किसी भी महीने की 7, 16 या फिर 25 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 7 होगा और मूलांक 7 के लिए अगस्त का महीना क्रमशः 5, 8, 7, 1 और 5 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। ऐसे में यह महीना सामान्य तौर पर आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। विशेषकर यदि आप किसी भी मामले में बदलाव की कोशिश कर रहे हैं तो वह बदलाव संभव होगा और बहुत संभव है कि वह बदलाव सार्थक और अच्छा रहे। यदि आप नौकरीपेशा हैं और नौकरी में बदलाव करना चाह रहे हैं तो यह महीना आपको ऐसे मौके दे सकता है और बहुत संभव है कि वह नौकरी वर्तमान नौकरी की तुलना में ज्यादा अच्छी रहे।
वहीं व्यापार व्यवसाय में कुछ नए प्रयोग करने के मामले में भी यह महीना आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। यात्राओं से जुड़े काम करने वाले लोगों के लिए भी यह महीना काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। अन्य लोग भी इस महीने यात्रा करने की सोच सकते हैं अथवा यात्रा पर जा सकते हैं। आमोद प्रमोद और मनोरंजन के लिए भी इस महीने को अच्छा कहा जाएगा। यह महीना चीजों को विस्तार देने में सहायक हो सकता है। अर्थात आप अपने दायरे को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
उपाय: नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा।
मूलांक 8
यदि आप किसी भी महीने की 8, 17 या फिर 26 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 8 होगा और मूलांक 8 के लिए अगस्त का महीना क्रमशः 6, 8, 7, 1 और 5 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। ऐसे में यह महीना आपको सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। हालांकि परिणाम का लेवल औसत रह सकता है। यह महीना आपके घर गृहस्थी से जुड़े मामलों में काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। घर को सजाना संवारना हो तो इस मामले में यह महीना आपका अच्छा सहयोग कर सकता है। घर के उपयोग से जुड़ी हुई कोई मूल्यवान वस्तु खरीदनी हो तो इस मामले में भी यह महीना आपके लिए मददगार बन सकता है। पारिवारिक जीवन के लिए भी इस महीने को काफी अच्छा कहा जाएगा। विशेषकर इस महीने वैवाहिक जीवन काफी सुखद रह सकता है।
जिन लोगों की उम्र विवाह की हो चली है और अभी तक विवाह नहीं हुआ है उनके विवाह की बातें चल सकती हैं। लव लाइफ के लिए भी यह महीना आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। स्त्रियों से जुड़े हुए मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में इस महीने अच्छे और उल्लेखनीय परिणाम भी मिल सकते हैं लेकिन इन्हीं मामलों में लापरवाही दिखाने की स्थिति में नुकसान भी हो सकता है। अर्थात स्त्रियों से संबंधित मामलों में अथवा सौंदर्य प्रसाधन, मनोरंजन जगत जैसे क्षेत्रों से जुड़े मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं जबकि लापरवाही की स्थिति में परिणाम कमजोर भी रह सकते हैं। अतः यदि आप इन क्षेत्रों से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो निष्ठा पूर्वक काम करके अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
मूलांक 9
यदि आप किसी भी महीने की 9,18 या फिर 27 तारीख को पैदा हुए हैं, तो आपका मूलांक 9 होगा और मूलांक 9 के लिए अगस्त का महीना क्रमशः 7, 8, 1 और 5 अंकों का प्रभाव लिए हुए है। ऐसे में यह महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। साथ ही साथ कुछ एक मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता भी रह सकती है। यह महीना आपको जीवन की सच्चाई से रूबरू करवा सकता है। अर्थात जिन लोगों पर आप बहुत ज्यादा यकीन करते हैं वो वाकई यकीन करने लायक हैं या नहीं; यह बात इस महीने स्पष्ट हो सकती है। धर्म कर्म से जुड़े मामलों के लिए भी यह महीना काफी अच्छा कहा जाएगा।
यदि आप इंटरनेट जगत से जुड़े हुए हैं, विशेष कर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो यह महीना आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। वहीं यदि आप सोशल मीडिया इंटरनेट या नेट बैंकिंग इत्यादि के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते हैं तो इस महीने अंजान लिंक या संदेहास्पद चीजों को न कुरेदें अन्यथा आप ठगी के शिकार भी हो सकते हैं। अर्थात इस महीने इन क्षेत्रों की अच्छी जानकारी रखने वाले व्यक्ति अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे, वहीं जिन लोगों को इन क्षेत्रों की जानकारी नहीं है उन्हें रिस्क भरे कदम उठाने से बचने की जरूरत रहेगी। मन आध्यात्म की ओर अधिक झुकेगा। उचित भी यही रहेगा कि धर्म कर्म के लिए समय निकाला जाय।
उपाय: गुरुवार के दिन मंदिर में चने की दाल का दान करना शुभ।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. कौन सा अंक किस ग्रह का है?
उत्तर 1. 1 अंक सूर्य का, 2 अंक चंद्र का, 3 अंक गुरु का, चार अंक राहु का, 5 अंक बुध का, 6 का शुक्र, 7 का केतु, 8 का शनि और 9 का स्वामी ग्रह मंगल है।
प्रश्न 2. कौन सा मूलांक अच्छा होता है?
उत्तर 2. अंक ज्योतिष के अनुसार, मूलांक 7 काफी भाग्यशाली माना जाता है।
प्रश्न 3. मूलांक 5 का समय कैसा रहेगा?
उत्तर 3. इस महीने आपको औसत से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
प्रश्न 3. अंक ज्योतिष में मूलांक क्या है?
उत्तर 4. अंक ज्योतिष द्वारा अंकों के माध्यम से व्यक्ति के विषय एवं उसके भविष्य को जानने का प्रयास किया जाता है।
लग गया है चार्तुमास, अब चार लोगों की भरने वाली है खाली झोली, चारों दिशाओं से मिलेगा लाभ
17 जुलाई से चातुर्मास आरंभ हो चुके हैं और इसका अंत 12 नवंबर, 2024 को होगा। चातुर्मास की शुरुआत से भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में चले जाते हैं। चातुर्मास के दौरान श्रावण मास, भाद्रपद माह, आश्चिन माह और कार्तिक मास आता है। इन चार महीनों में मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।
चातुर्मास के चार महीनों में सच्चे मन से पूजा-अर्चना, तप और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इन चार महीनों में सूर्य कर्क, सिंह, कन्या और तुला राशि में गोचर करेंगे और बृहस्पति इस दौरान वृषभ राशि में रहने वाले हैं।
बुध, शुक्र और सूर्य की सिंह राशि में युति होगी जिससे इन चार महीनों में बुधादित्य योग, लक्ष्मी नारायण योग समेत कई शुभ योग बनेंगे। इन शुभ संयोगों से चार राशियों के लोगों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है।
चातुर्मास में इन लोगों को अपने भाग्य का पूर साथ मिलेगा। निजी जीवन ही नहीं बल्कि पेशेवर जीवन में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। तो चलिए जानते हैं कि चातुर्मास में किन राशियों पर भगवान विष्णु की कृपा बरसने वाली है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
चातुर्मास में इन राशियों पर बरसेगी कृपा
कर्क राशि
इस राशि के लोगों के लिए यह चार महीने अत्यंत शुभ रहने वाले हैं। चातुर्मास के शुरू होते ही सूर्य, शुक्र और बुध इस राशि में उपस्थित रहेंगे। इस दौरान आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। आपकी आर्थिक स्थिति में भी मज़बूती आएगी। परिवार में कोई समस्या चल रही है, तो अब वह दूर होगी।
आपके घर में कोई शुभ कार्य आयोजित हो सकता है। आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आपके अटके हुए काम भी पूरे होंगे। आपको किसी सरकारी योजना का लाभ भी मिल सकता है। छात्र मन लगाकर पढ़ाई करेंगे। आपको अपने पिता एवं गुरुजनों का आशीर्वाद मिलेगा।
चातुर्मास के दौरान सिंह राशि के लोगों की खुशियों में वृद्धि देखने को मिलेगी। आपकी सारी चिंताएं अब दूर हो जाएंगी। अविवाहित जातकों के लिए शादी का प्रस्ताव आ सकता है। यदि आप किसी काम के लिए कोई योजना बना रहे हैं, तो अब आपको उसमें सफलता मिल सकती है। करियर के लिए भी अनुकूल समय है।
नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्नति के योग बन रहे हैं। आपकी आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। आपको कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है। इससे आपको आगे बढ़ने में काफी मदद मिलने वाली है।
चातुर्मास के दौरान तुला राशि में सूर्य, शुक्र और बुध का गोचर होगा। इस दौरान कई ग्रहों की युति भी होने वाली है। यही कारण है कि चातुर्मास का समय तुला राशि के लोगों के लिए अत्यंत शुभ साबित होगा। आपको अनेक स्रोतों से आय प्राप्त होगी। आर्थिक समस्या या पैसों की तंगी चल रही है, तो अब वह भी दूर हो जाएगी।
कोई स्वास्थ्य समस्या चल रही है, तो इस समय आपको उससे भी मुक्ति मिल सकती है। आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस करेंगे। आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होने की उम्मीद है। समाज में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। आपके परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहेगा। परिवार के सभी सदस्य आपका सहयोग करेंगे।
शनि कुंभ राशि के स्वामी ग्रह हैं और चातुर्मास के दौरान वह इसी राशि में विराजमान रहेंगे। यह शनि की उच्च राशि भी है। इस दौरान कुंभ राशि के लोगों को अपने भाग्य का साथ मिलेगा। पहले किए गए किसी निवेश से अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है। नौकरीपेशा जातक नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो इस समय उनकी यह इच्छा पूरी हो सकती है।
यदि आपके कार्यक्षेत्र में कोई समस्या चल रही है, तो अब वह भी समाप्त हो जाएगी। निजी जीवन की परेशानियों का भी अंत होगा। किसी महत्वपूर्ण कार्य में माता-पिता की सलाह काम आएगी। भाई-बहनों के साथ भी अच्छे संबंध बनेंगे। व्यापारियों के लिए भी शानदार समय है। इन्हें खूब मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर दे पाएंगे।
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एक साल बाद शुक्र के नक्षत्र में आएंगे मंगल, चमका देंगे इन लोगों का करियर, सैलरी हो जाएगी डबल
जब कोई एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो इससे सभी लोगों के जीवन पर असर पड़ता है। हालांकि, हर किसी के लिए यह प्रभाव अलग-अलग होता है। किसी को इस गोचर से अच्छे परिणाम मिलते हैं, तो वहीं कुछ लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
ग्रहों के राशि परिवर्तन करने पर इनकी एक ही भाव या राशि में किसी अन्य ग्रह के साथ युति बनती है जिससे शुभ संयोग का निर्माण होता है। ग्रह राशि के अलावा नक्षत्र में भी गोचर करते हैं। मंगल इस समय कृतिका नक्षत्र में विचरण कर रहे हैं और वे 27 जुलाई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
मंगल के इस नक्षत्र में आने पर कुछ राशियों के लोगों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है और आज इस ब्लॉग में हम आपको उन्हीं राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं इसलिए इस ग्रह के नक्षत्र परिवर्तन से इस राशि के लोगों को सबसे अधिक लाभ प्राप्त होगा। आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और आपको अपने कार्यों में भाग्य का साथ मिलेगा। इससे आप अपने कामों को आसानी से पूरा कर पाएंगे।
लंबे समय से नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो अब आपका यह सपना पूरा हो सकता है। आपको अपने करियर में शानदार प्रगति मिलने के संकेत हैं। इससे आपका मन बहुत संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करेगा। आपके वेतन में भी वृद्धि हो सकती है। मंगल के प्रभाव से आपके साहस और पराक्रम में इज़ाफा होगा। शादीशुदा लोगों की जिंदगी में खुशहाली आएगी।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों के लिए भी मंगल का नक्षत्र परिवर्तन करना मंगलकारी साबित होगा। आपको अचानक धन लाभ होने के आसार हैं। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत रहेगी। व्यापारियों को अपने क्षेत्र में बड़ा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। इस समय आपको हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होने की उम्मीद है।
यदि आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो इस समय आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है। वहीं नौकरीपेशा जातकों के लिए प्रमोशन मिलने के योग बन रहे हैं। कुल मिलाकर करियर के लिए यह समय शानदार रहने वाला है। आपके रास्ते में कोई रुकावट या अड़चन नहीं आएगी।
मकर राशि के लोगों को भी मंगल के नक्षत्र परिवर्तन से लाभ होने की प्रबल संभावना है। व्यापारियों को अपने क्षेत्र में धन कमाने के कई अवसर प्राप्त होंगे। आपको अचानक धन लाभ हो सकता है। आप अपनी आमदनी के स्रोत बढ़ाने पर भी ध्यान देंगे। इससे आपका मन काफी खुश रहेगा और आप संतुष्ट महसूस करेंगे।
इस समय आपकी समाज के ऊंचे और प्रभावशाली लोगों से मिलना हो सकता है। ये लोग आगे चलकर आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगे। आप अपने लिए प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं। आपको अपनी किस्मत का साथ मिलेगा। आप विदेश यात्रा पर भी जा सकते हैं। आपके लिए यात्रा पर जाने या घूमने-फिरने के योग बन रहे हैं।
रोहिणी नक्षत्र रथ का प्रतीक है जो जीवन में गति और प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। यह नक्षत्र विकास और प्रचुरता से संबंधित है। रोहिणी नक्षत्र के स्वामी ग्रह चंद्रमा है जो भावनाओं और मन के कारक हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक बहुत संवेदनशील और भावुक होते हैं।
यह 27 नक्षत्रों में चौथे स्थान पर आता है। ऐसा माना जाता है कि यह नक्षत्र संपन्नता, शांति और मोक्ष प्राप्त करने की शक्ति प्रदान करता है। रोहिणी नक्षत्र के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए भगवान शिव की पूजा करें और शिवलिंग पर दूध एवं जल चढ़ाएं।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. रोहिणी नक्षत्र में किसका जन्म हुआ था?
उत्तर. इस नक्षत्र में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।