मिथुन राशि में उदित होकर बुध इन राशियों को करेंगे मालामाल, धन-लाभ के भी बनेंगे योग!

मिथुन राशि में उदित होकर बुध इन राशियों को करेंगे मालामाल, धन-लाभ के भी बनेंगे योग!

एस्ट्रोसेज एआई का यह ब्लॉग विशेष रूप से हमारे पाठकों के लिए तैयार किया गया है जिसके माध्यम से आपको “बुध का मिथुन राशि में उदय” के बारे में समस्त जानकारी प्राप्त होगी। हम सभी भली-भांति जानते हैं कि बुध तेज़ गति से चलने वाले ग्रह हैं इसलिए बार-बार इनकी चाल, दशा और स्थिति में बदलाव होता रहता है। अब बुध महाराज अपनी अस्त अवस्था से बाहर आकर मिथुन राशि में उदित हो रहे हैं। बता दें कि बुध का मिथुन राशि में उदय 11 जून 2025 को होगा जिसका असर राशियों के साथ-साथ संसार पर भी दिखाई दे सकता है। 

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रोमन पौराणिक कथाओं में बुध ग्रह को देवताओं के दूत कहा जाता है जो कि अपने तेज़ रफ़्तार और चंचलता के लिए जाने जाते हैं। वहीं, ज्योतिष में बुध देव बुद्धि, मानसिकता, संचार कौशल, तर्क और ग्रहण एवं सीखने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं और यह सूर्य के सबसे नज़दीक स्थित हैं। हालांकि, कई विद्वान और अनुभवी ज्योतिषी ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह के महत्व के साथ-साथ इसके खगोलीय महत्व को जानने में भी रुचि रखते हैं। देवता के रूप में धरती से संबंधित होने के कारण इन्हें भाग्य का कारक माना जाता है। किसी व्यक्ति को तेज़ बुद्धि, सुंदरता और अच्छी शिक्षा बुध देव के आशीर्वाद से ही मिलती है। 

लेकिन, एक बात जो आपको ध्यान में रखनी होगी कि इस राशि में बुध ग्रह गुरु और सूर्य देव के साथ युति का निर्माण करेंगे। ऐसे में, आपको नीचे प्रदान की जा रही भविष्यवाणी पूर्ण रूप से बुध उदित पर आधारित है इसलिए परिणामों में थोड़ा अंतर देखन मिल सकता है।

बुध का मिथुन राशि में उदय: समय

बुध महाराज ने अपनी स्वयं की राशि मिथुन में गोचर अस्त अवस्था में किया था, लेकिन अब यह पूरी तरह से उदित होने के लिए तैयार हैं। वर्तमान समय में बुध देव सूर्य से एक निश्चित दूरी पर आ जाने के कारण फिर से उदित हो जाएंगे। बता दें कि बुध ग्रह 11 जून 2025 की सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर मिथुन राशि में उदित हो जाएंगे। 

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बुध का मिथुन राशि में उदय: वैश्विक स्तर पर प्रभाव

सरकार और राजनीति 

  • इस अवधि में सरकार विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से जनता की मदद करने और उनका साथ देने का काम कर सकती है।
  • बड़े राजनेता और उच्च पदों पर बैठे अधिकारी बुध उदित के दौरान जिम्मेदारी पूर्ण बयान देते हुए नज़र आ सकते हैं। साथ ही, लोग उन्हे सुनना और उनसे जुड़ना पसंद करेंगे।

व्यापार और कृषि

  • बुध देव को व्यापार का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में, इस अवधि में दुनियाभर में गिरावट के बाद अचानक से उछाल देखने को मिल सकता है। 
  • बुध ग्रह के उदित होने से पहले पब्लिक सेक्टर, फार्मा सेक्टर और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री एक कठिन दौर से गुजरने के बाद इन क्षेत्रों में तेज़ी आ सकती है।
  • यातायात, हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम्स आदि क्षेत्र पिछले कुछ महीनों में शानदार प्रदर्शन करने के बाद एक बार फिर से प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। 
  • बुध का मिथुन राशि में उदय के दौरान भारत में कृषि और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में मांग में बढ़ोतरी नज़र आ सकती है। 
  • इस अवधि में भी स्टॉक मार्केट और सट्टेबाजी में अस्थिरता का दौर जारी रह सकता है। 
  • देश में लोगों की रुचि धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़ेगी। 
  • साथ ही, पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले जातकों को इस अवधि में लाभ प्राप्ति के योग बनेंगे। 

मीडिया और पत्रकारिता 

  • मीडिया पर काम करने वाले जातक अपनी शर्तों पर कार्य करने में सक्षम होंगे और साथ ही, आप पर काम का बोझ बढ़ सकता है।
  • लेखक, पत्रकार, कंटेंट क्रिएटर आदि क बुध का मिथुन राशि में उदय के दौरान लाभ की प्राप्ति होगी।

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बुध का मिथुन राशि में उदय: इन राशियों के लिए रहेगा शुभ 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके पांचवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दूसरे भाव में उदित होने जा रहे हैं। ऐसे में, यह आपको शुभ परिणाम देने का काम करेंगे जैसे कि आपके रिश्ते अपने प्रियजनों के साथ पहले की तुलना में मज़बूत होंगे। वह आपकी समस्याओं को सुलझाने में आपकी सहायता करेंगे। आप उनसे बेझिझक होकर अपनी बात उनके सामने रखें और वह आपकी समस्याओं का हल आपको प्रदान करेंगे। आप लोगों से इतनी मधुरता और कोमलता से बात करेंगे कि वह आपको रोक नहीं पाएंगे और ऐसे में, सबको ऐसा महसूस होगा कि वह आपको पहले से जानते हैं और आप उनके अपनों में से एक है। 

साथ ही, इस अवधि में घर-परिवार में चल रहे मतभेद भी दूर होंगे और आपको स्वादिष्ट भोजन खाने के भी अवसर प्राप्त होंगे। बुध के उदित होने से आपको लाभ होगा और ऐसे में, आप पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। धन लाभ के साथ में आपकी बुद्धि में भी वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होने से आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। 

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मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके लग्न/पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके लग्न भाव में उदित होने जा रहे हैं। कुंडली के पहले भाव में बुध ग्रह को दिग्बल प्राप्त होता है जिसके चलते जातक अत्यंत बुद्धिमान बनता है। यह आपको निर्णय लेने के संबंध में सकारात्मक परिणाम देंगे। बुध के मिथुन राशि में उदित होने की अवधि को नौकरी में बदलाव करने या फिर नई नौकरी ढूंढ़ने के लिए अच्छा कहा जाएगा। 

लग्न भाव में बुध की उदित अवस्था एथलीट या खिलाड़ियों के लिए अनुकूल रहेगी। यह समय मिथुन राशि के लोगों के लिए शुभ रहेगा, विशेष रूप से जो नई-नई चीज़ों को सीखने की इच्छा रखते हैं। आर्थिक जीवन के लिए भी बुध का मिथुन राशि में उदय होना अच्छा रहेगा जो आपकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का काम करेगा। धन के कारक ग्रह के रूप में बुध महाराज आपकी ज्यादा से ज्यादा बचत करने में सहायता करेंगे। 

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके ग्यारहवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। बुध की यह स्थिति आपके संचार कौशल को प्रभावशाली बनाएगी और आप अपने दोस्तों के बीच लोकप्रिय बनेंगे। इस अवधि में आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और इस बात की भी प्रबल संभावना है कि बुध उदित के दौरान आपको अपनी मेहनत के फल के रूप में वेतन वृद्धि या बोनस की प्राप्ति हो सकती है। ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में आपके सामाजिक जीवन का दायरा बढ़ेगा और ऐसे में, आपको अपने नेटवर्क के माध्यम से लाभ की प्राप्ति होगी। मीडिया और लेखन से जुड़े जातकों को सफलता की प्राप्ति होगी।

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कन्या राशि 

कन्या राशि वालों की कुंडली में बुध देव आपके दसवें भाव में विराजमान हैं जो आपके कर्म भाव और लग्न भाव के भी स्वामी हैं। ऐसा माना जाता है कि दसवें भाव में बुध ग्रह की उपस्थिति समानता को बढ़ावा देती है। साथ ही, बुध ग्रह इस समय अपनी ही राशि मिथुन में बैठे होंगे। सामान्य रूप से लग्न भाव के स्वामी का दसवें भाव में और अपनी राशि में गोचर आपके करियर के लिए फलदायी साबित होगा।

बुध का मिथुन राशि में उदय के दौरान व्यापार करने वाले जातक अपने सभी कामों को सही तरीके से करने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आप अच्छा ख़ासा लाभ प्राप्त कर सकेंगे। हालांकि, बुध की यह स्थिति सामाजिक जीवन के लिए अनुकूल कही जाएगी क्योंकि इस दौरान आप नौकरी में तरक्की प्राप्त कर सकेंगे। इस अवधि में आप अपने प्रतिद्वंदियों को पछाड़ते हुए आगे बढ़ेंगे। बुध आपको करियर और व्यापार में पैसा कमाने के साथ-साथ आपको लोकप्रिय बनाने का काम भी करेंगे। 

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके आठवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। बता दें कि आपकी कुंडली में बुध ग्रह आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। हालांकि, बुध का आठवें भाव में उदित होना आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। लेकिन, आठवें भाव में ज्यादातर ग्रहों के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। बुध देव अपनी राशि में विराजमान होंगे और यहाँ वह आपके धन भाव के स्वामी हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध का मिथुन राशि में उदय आपके लिए अप्रत्याशित रूप से आर्थिक लाभ लेकर आ सकता है। साथ ही, करियर के क्षेत्र में भी आपको कार्यों में सफलता की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।      

सोशल मीडिया पर अपने विचार शेयर करके आप मान-सम्मान प्राप्त करने में सक्षम होंगे। आपके पास अच्छी नौकरी होने के बावजूद आपको अपनी वाणी को नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपका वाणी का भाव शनि ग्रह से प्रभावित रहेगा। बता दें कि बुध और गुरु ग्रह की युति आपको अपनी वाणी को नियंत्रित करने में सहायता करेगी, भले ही दूसरे भाव के स्वामी गुरु ग्रह अपने दूसरे भाव पर भी दृष्टि डालेंगे। ऐसे में, आपको मधुर और उचित शब्दों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में अब यह आपके छठे भाव में उदित होने जा रहे हैं। सामान्य रूप से, बुध के छठे भाव में गोचर को अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। इसके परिणामस्वरूप, बुध महाराज अपने छठे भाव में और अपनी राशि में बैठकर अच्छे परिणाम देंगे। आर्थिक जीवन में आपको मिलने वाले परिणाम सकारात्मक रहेंगे। हालांकि, बुध और ग्रह की युति के कारण आपके सामने कुछ खर्चें आ सकते हैं। बुध ग्रह के अलावा बारहवें भाव में बैठे गुरु ग्रह का प्रभाव भी आपके दूसरे भाव पर दिखाई दे सकता है। ऐसे में, आप बेकार की चीज़ों पर धन खर्च करते हुए नज़र आ सकते हैं।

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बुध का मिथुन राशि में उदय: इन राशियों को मिलेंगे नकारात्मक परिणाम 

कर्क राशि

कर्क राशि राशि वालों की कुंडली में बुध देव आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके बारहवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। इस अवधि में आप सही तरीके से कार्यों को कर सकते हैं क्योंकि आपमें ईमानदारी की कमी रह सकती है (ऐसा तभी होगा कि जब कुंडली में बुध पीड़ित अवस्था में होगा)। बता दें कि अगर आप ईमानदारी से काम करेंगे और धर्म में विश्वास करते हैं, तो आप बुध ग्रह से मिलने वाले अशुभ परिणामों को रोकने में सक्षम होंगे। 

बुध का प्रभाव धन का सही प्रबंधन न होने वाली समस्याओं जैसे कि धन की कमी, आर्थिक संकट की तरफ आपको लेकर जा सकता है। ऐसे में, आप शारीरिक के साथ-साथ मानसिक समस्याओं से परेशान नज़र आ सकते हैं इसलिए आपको योग और ध्यान करने की सलाह दी जाती है। 

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बुध का मिथुन राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय 

  • मस्तक पर केसर का तिलक करें। 
  • प्रत्येक बुधवार के दिन बुध देव के मंत्र “ॐ बुधाय नमः” का जाप करें। 
  • प्रतिदिन भगवान विष्णु का पूजन करें। 
  • गरीब और जरूरतमंदों को हरे फल और सब्जियों का दान करें। 
  • संभव हो, तो गरीबों के लिए भंडारे का आयोजन करें। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध ग्रह का शत्रु कौन है?

ज्योतिष में बुध देव का शत्रु मंगल ग्रह को माना जाता है। 

2. क्या बुध और चंद्रमा एक-दूसरे के मित्र हैं?

नहीं, चंद्रमा को बुध का मित्र माना जाता है, लेकिन बुध चंद्र ग्रह को अपना शत्रु मानता है। 

3. क्या बुध और गुरु ग्रह मित्र हैं?

नहीं, गुरु और बुध ग्रह दोनों एक-दूसरे से तटस्थ संबंध रखते हैं।

इस हफ़्ते बृहस्पति ग्रह होंगे अस्त, एक महीने तक नहीं किए जा सकेंगे मांगलिक कार्य; नोट कर लें डेट!

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एस्ट्रोसेज एआई “साप्ताहिक राशिफल” का यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिनके अंतर्गत आपको जून 2025 के दूसरे सप्ताह यानी कि 09 जून से 15 जून, 2025 से जुड़ी जानकारी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी। इस हफ़्ते में कई महत्वपूर्ण पर्वों को मनाया जाएगा। ऐसे में, यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के जातकों को जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि करियर, व्यापार, प्रेम, विवाह और स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में किस तरह के परिणाम प्रदान करेगा। इसके अलावा, इस दौरान होने वाले ग्रहों के राशि परिवर्तन मनुष्य जीवन को कैसे प्रभावित करेंगे? किन उपायों को अपनाकर ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है? इन सब सवालों के जवाब आपको मिलेंगे। बता दें कि साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग एस्ट्रोसेज एआई के विशेष और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों की चाल, दशा और स्थिति की गणना के आधार पर तैयार किया गया है ताकि आप ग्रहों के अशुभ प्रभावों से स्वयं को बचा सकें।

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सिर्फ़ इतना ही नहीं, इस ब्लॉग में हम अपने रीडर्स को जून के दूसरे सप्ताह (09 जून से लेकर 15 जून 2025) के दौरान पड़ने वाले व्रत-त्योहार और होने वाले ग्रहण-गोचर के बारे में भी अवगत करवाएंगे। साथ ही, इस हफ़्ते किन मशहूर हस्तियों का जन्मदिन आता है, इसके बारे में भी हम चर्चा करेंगे। तो आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और राशि अनुसार जानते हैं कि जून 2025 का यह सप्ताह आपके लिए कौन सी सौगात लेकर आएगा। 

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इस सप्ताह का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना

बात करें इस सप्ताह के पंचांग की तो, जून 2025 के इस दूसरे सप्ताह का आगाज़ विशाखा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी कि 09 जून 2025 पर होगा जबकि इसकी समाप्ति श्रवण नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि यानी कि 15 जून 2025 पर होगी। हिंदू धर्म के हर सप्ताह की तरह इस हफ्ते में भी अनेक व्रत एवं त्योहारों को मनाया जाएगा इसलिए यह अवधि बेहद खास हो जाती है। तो आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं 09 जून से 15 जून 2025 के बीच में पड़ने वाले व्रत-पर्वों के बारे में। 

इस सप्ताह के व्रत और त्योहार 

वर्तमान समय में इंसान अपनी भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में इतना व्यस्त हो गया है कि सनातन धर्म में मनाए जाने वाले व्रत-त्योहार को अक्सर भूल जाता है। ऐसे में, आपके साथ ऐसा न हों इसलिए यहां हम आपको जून 2025 के इस दूसरे सप्ताह में आने वाले व्रत-त्योहार की सही तिथि नीचे दे रहे हैं ताकि कोई महत्वपूर्ण दिन आपसे चूक न जाएं। चलिए अब नज़र डाल लेते हैं 09 जून से 15 जून 2025 की तिथियों पर। 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत (11 जून 2025, बुधवार): ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को कल्याणकारी माना जाता है और इस दिन दान, स्नान जैसे धार्मिक कार्य करना उत्तम होता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं और साथ ही, मनुष्य के समस्त पाप नष्ट होते हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि उन लोगों के लिए बेहद ख़ास मानी जाती है जिनके विवाह में देर हो रही है या फिर बार-बार विवाह में समस्याएं पैदा हो रही हैं। इस दिन से ही अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है। साथ ही, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पितरों के लिए दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

संकष्टी चतुर्थी (14 जून 2025, शनिवार): संकष्टी चतुर्थी व्रत हिंदुओं का एक प्रसिद्ध व्रत है जो प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन गणेश जी के लिए व्रत और उनका पूजन किया जाता है। मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से बप्पा अपने भक्त के जीवन से सभी दुखों-कष्टों को हर लेते हैं।

मिथुन संक्रांति (15 जून 2025, रविवार): ग्रहों के जनक सूर्य जब वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे मिथुन संक्रांति कहा जाता है। यह तिथि भगवान सूर्य की पूजा और दान-स्नान जैसे कार्य करने के लिए श्रेष्ठ होती है। साथ ही, इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना फलदायी माना जाता है।   

हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।

इस सप्ताह में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर

हर इंसान के लिए व्रत-त्योहारों के साथ-साथ ग्रहण-गोचरों की जानकारी होना बहुत जरूरी होता है। यहां हम आपको ग्रहण-गोचर के बारे में बताने जा रहे हैं क्योंकि वैदिक ज्योतिष में भविष्यवाणी करने के लिए सबसे पहले ग्रहों की चाल, स्थिति और दशा को देखा जाता है। इस दौरान (09 जून से 15 जून, 2025) 2 बड़े ग्रह अपनी दशा में बदलाव करेंगे जबकि एक प्रमुख ग्रह का गोचर होगा। चलिए जानते हैं इस सप्ताह कब और कौन से ग्रह का गोचर होने जा रहा है। 

बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त (09 जून 2025): ज्योतिष में गुरु ग्रह को ज्ञान और शुभ कार्यों के कारक माना जाता है जो अब 09 जून 2025 की शाम 04 बजकर 12 मिनट पर मिथुन राशि में अस्त होने जा रहे हैं जिसका प्रभाव एक लंबे समय तक आप पर बना रहेगा। 

बुध का मिथुन राशि में उदय (11 जून 2025): बुध वाणी, बुद्धि, तर्क और संचार कौशल के कारक हैं और इनकी स्थिति में बदलाव महत्वपूर्ण माना जाता है। अब बुध महाराज 11 जून 2025 की सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर मिथुन राशि में अपनी अस्त अवस्था से बाहर आते हुए उदित हो जाएंगे। 

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (15 जून 2025): नवग्रहों के राजा सूर्य देव 15 जून 2025 की सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि मिथुन राशि पर बुध ग्रह का स्वामित्व है। 

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इस सप्ताह के बैंक अवकाश

व्रत-त्योहार और ग्रहण-गोचर के बारे में जानने के बाद अब हम बात करेंगे इस हफ़्ते के बैंक अवकाशों के बारे में ताकि आप अपने सभी कामों को समय रहते पूरा कर सकें। 

तिथिदिनअवकाशराज्य 
11 जून 2025बुधवारसंत कबीर जयंतीछत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब
12 जून 2025गुरुवारगुरु हरगोबिन्द जयंतीजम्मू-कश्मीर
14 जून 2025शनिवारपहला राजा उत्सवउड़ीसा
15 जून 2025रविवारराजा संक्रांतिउड़ीसा
15 जून 2025रविवारवाईएमए दिवसमिजोरम

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

जून के इस सप्ताह (09 जून से 15 जून, 2025) के शुभ मुहूर्त 

हमारे इस ब्लॉग का यह विशेष सेक्शन आपको जून 2025 के दूसरे सप्ताह के शुभ मुहूर्त प्रदान करेगा ताकि आप इन मुहूर्त के आधार पर विवाह, अन्नप्राशन, नामकरण और मुंडन जैसे शुभ कार्य को संपन्न कर सकें। साथ ही, जातक पर देवी-देवताओं समेत ग्रहों की कृपा बनी रहे। 

09 जून से 15 जून के बीच विवाह एवं अन्नप्राशन मुहूर्त 

जून के इस सप्ताह में विवाह और अन्नप्राशन संस्कार के लिए कोई शुभ मुहुर्त उपलब्ध नहीं हैं। 

इस सप्ताह के नामकरण मुहूर्त

जो माता-पिता इस सप्ताह अपने शिशु का नामकरण संस्कार संपन्न करना चाहते हैं, तो यहां हम आपको इस हफ़्ते के शुभ मुहूर्त की सूची दे रहे हैं। 

तिथि मुहूर्त
13 जून 2025, शुक्रवार23:21:37 से 29:22:36
15 जून 2025, रविवार15:54:22 से 25:00:56

इस सप्ताह के मुंडन मुहूर्त

मुंडन संस्कार को संपन्न करने के लिए इस सप्ताह मुंडन संस्कार के लिए सिर्फ़ एक मुहूर्त है। 

तिथि मुहूर्त
11 जून 2025, बुधवार05:22:34 से 13:15:52

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

इस सप्ताह जन्म लेने वाले मशहूर सितारे

09 जून 2025: निशा रामकृष्ण, करन वाही, नेहा मेहता

10 जून 2025: भाविन भानुशाली, सुधांशु त्रिवेदी, संभाजी भिड़े

11 जून 2025: प्रिंस हेनरिक ऑफ डेनमार्क, लालू प्रसाद यादव, मिशेल मैक्कलेंघन 

12 जून 2025: अंजना ओम कश्यप, अभिनंदन वर्तमान, जितेंद्र सिंह

13 जून 2025: ईश्वरी राव, युवराज हंस, दिशा पाटनी

14 जून 2025: सर्बजीत चीमा, डोनाल्ड ट्रम्प, प्रीतम चक्रवर्ती

15 जून 2025: मनिका बत्रा, सत्य पाल जैन, सैम बिलिंग्स

एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं। 

साप्ताहिक राशिफल 09 जून से 15 जून, 2025

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
चंद्र राशि कैलकुलेटर 

मेष साप्ताहिक राशिफल 

मुमकिन है कि इस सप्ताह आपको, अपने किसी अंग मे दर्द या तनाव से जुड़ी समस्याओं…..(विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

इस सप्ताह आपके मन में भावनात्मक तौर पर, कई उथल-पुथल रहने वाली है। इससे आप….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको इस बात का एहसास होगा कि आप जिस शारीरिक और मानसिक….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह योग बन रहे हैं कि यदि आप किसी के साथ रोमांटिक मुलाक़ात करते हैं तो,….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह किसी महत्वपूर्ण कार्य में मिलने वाली सफलता क़रीब होने के बावजूद भी….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

प्रेम राशिफल के अनुसार आपके बीच म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग, इस सप्ताह काफी बढ़िया….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह की शुरुआत आपके स्वास्थ्य जीवन के लिहाज़ से, अनुकूल नहीं कही जा…. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

यदि आप किसी से सच्चा प्रेम करते हैं तो, इस सप्ताह संभव है कि आपको कुछ….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

मुमकिन है कि यह सप्ताह आपके प्रेम जीवन के लिए, सबसे मुश्किल….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य, पहले से काफी बेहतर दिखाई देगा। हालांकि कुछ मौसमी……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

यदि पूर्व के सप्ताह में आपके प्रेम संबंधों में कोई विवाद चल रहा था तो, इस सप्ताह आप….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

इस सप्ताह के पर्यन्त आपका स्वास्थ्य आमतौर पर उत्तम ही रहेगा। क्योंकि कई….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह के पर्यन्त आपका स्वास्थ्य आमतौर पर उत्तम ही रहेगा। क्योंकि कई…..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

आपकी राशि के प्रेमी लोगों के लिए, यह समय काफी अच्छा रहेगा और इससे ….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको अपनी क्षमता से ज़्यादा कार्य करने से बचना चाहिए, क्योंकि…..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

ये हफ्ता प्रेम में पड़े जातकों के लिए, अच्छा रहेगा। क्योंकि इस समय आपके …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपके ऊपर काम का अतिरिक्त बोझ, आपकी सेहत को बाधित कर…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

मुमकिन है कि यह सप्ताह आपके प्रेम जीवन के लिए, सबसे मुश्किल दौर …..(विस्तार से पढ़ें)

विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और पाएं हर समस्या का समाधान

मकर साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको अपनी क्षमता से ज़्यादा कार्य करने से बचना चाहिए, क्योंकि….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

दफ़्तर या कार्यस्थल पर कामकाज में ज़्यादा व्यस्तता के चलते, अपने….(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

इस राशि के जो जातक 50 की उम्र पार कर चुके हैं, उन्हें तंत्रिका तंत्र और पाचन …. (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आप अपने प्रेमी के प्रति पहले से ज्यादा आकर्षण तो महसूस करेंगे, परंतु….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

इस सप्ताह आपको सलाह दी जाती है कि, काम के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य को बेहतर…..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका प्रिय कुछ ज्यादा ही चिढ़-चिढ़ा रहने वाला है, इसलिए….(विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

जून 2025 में तारा कब डूबेगा?

जून 2025 में गुरु ग्रह मिथुन राशि में अस्त 09 जून 2025 को होंगे और इनके अस्त होने को ही तारा डूबना कहा जाता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 में कब है?

साल 2025 में ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून, बुधवार को होगी। 

मिथुन राशि का स्वामी कौन है?

ज्योतिष में बुध ग्रह को मिथुन राशि के अधिपति देव माना गया है।

 

साप्ताहिक अंक फल (08 जून से 14 जून, 2025): जानें इस सप्ताह किन जातकों को रहना होगा सावधान!

साप्ताहिक अंक फल (08 जून से 14 जून, 2025): जानें इस सप्ताह किन जातकों को रहना होगा सावधान!

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (08 जून से 14 जून, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

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मूलांक 1

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या फिर 28 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 1 होगा। ऐसे में यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। कभी-कभी परिणाम औसत से कमजोर भी रह सकते हैं। अतः इस सप्ताह में सावधानी पूर्वक निर्वहन करना जरूरी रहेगा। इस सप्ताह कार्य व्यवसाय के अलावा व्यक्तिगत जीवन या फिर घर गृहस्थी से संबंधित मामलों में अपेक्षाकृत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहने वाली है। ऐसे युवा जो किसी प्रेम प्रसंग में हैं, उन्हें अपने प्रेम के लिए समय निकालना भी जरूरी रहेगा लेकिन प्रेम प्रसंग को लेकर किसी भी तरीके का रिस्क नहीं लेना है। जिन्हें अभी हाल फिलहाल में ही किसी से प्यार हुआ है, वो लोग इस बात का भी ख्याल रखें कि आपका साथी कहीं आपसे किसी स्वार्थवश तो नहीं जुड़ा है या वह आपको किसी प्रकार से नुकसान तो नहीं पहुंचा सकता है? यानी की नई-नई जान पहचान के हाथों अपनी कमजोर नब्ज नहीं देनी है। 

घर गृहस्थी को लेकर लापरवाही न बरतें। यदि बजट है और घर के सदस्य किसी जरूरी चीज की डिमांड कर रहे हैं तो उसे फुलफिल करने की कोशिश करें। वहीं यदि किसी चीज की जरूरत नहीं है तो बेवजह उस चीज पर खर्च करने से भी बचें। यदि कहीं किसी से विवाह की बातें चल रही थी तो उससे बातचीत करते समय लापरवाह न बनें, क्योंकि आपकी किसी बात का कोई ऐसा मतलब भी निकाला जा सकता है जिससे आगे बढ़ता हुआ रिश्ता रुक जाए। वहीं विवाहित लोग अपने दांपत्य जीवन को लेकर लापरवाह नहीं होंगे तो संतुलन बना रहेगा। अर्थात निरंतर सावधानी पूर्वक आचार व्यवहार करने की स्थिति में नकारात्मकता को रोका जा सकेगा और संतोषप्रद परिणाम प्राप्त किए जा सकेंगे। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर दही और चीनी चढ़ाएं। 

मूलांक 2

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या फिर 29 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले या फिर औसत से बेहतर परिणाम भी दे सकता है। यद्यपि कुछ कठिनाइयां रहने की संभावनाएं हैं लेकिन लगातार प्रयत्न करने की स्थिति में आप कठिनाइयों पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। हालांकि इस विजय की प्राप्ति में आपकी सजगता अहम भूमिका निभाएगी। यानी किसी भी तरह की लापरवाही इस हफ्ते नहीं बरतनी है। साथ ही साथ आत्मनिर्भर भी रहना है। भले ही आपका कोई कितना प्रिय और ईमानदार साथी किसी काम को कंप्लीट करने का वादा कर चुका हो लेकिन उस काम में समय-समय पर अपडेट लेते रहें अथवा संभव हो तो उस काम में स्वयं को भी जोड़ लें, ऐसा करने की स्थिति में परिणाम बेहतर रह सकते हैं। 

इस सप्ताह कोई नया प्रयोग करना भी उचित नहीं रहेगा। नए-नए परिचय को लेकर कोई जोखिम भी नहीं उठाना है। जैसे की कोई व्यक्ति अभी नया-नया आपके संपर्क में आया है और वह कहीं पर कोई निवेश करने की बात कर रहा है या किसी भी तरीके का कोई रिस्क लेने की बात कह रहा है तो आप उससे बचें। भले ही वह व्यक्ति या कहे कि किसी भी तरीके का कोई रिस्क होता है तो मेरी गारंटी है; फिर भी आप उसकी गारंटी पर यकीन नहीं करेंगे तो फायदे में रहेंगे। अर्थात इस सप्ताह सबसे बड़ा फ़ेवर करने वाला बिंदु है आपका संतुलन। वहीं सबसे अधिक नुकसान करने वाला बिंदु है धोखेबाजों से लापरवाह होना। यदि आप संतुलन बिठाकर चलेंगे तो सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। धार्मिक क्रियाकलापों से जुड़कर आप आनंदित होंगे। यदि आप स्वभाव से धर्म और अध्यात्म को मानने वाले व्यक्ति हैं तो किसी सहयोगी व्यक्ति से धार्मिक और आध्यात्मिक चर्चाएं भी हो सकेंगी और आपको आत्मिक आनंद की प्राप्ति भी होगी।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में काला कुत्ता जो पालतू न हो उसे सावधानी पूर्वक रोटी खिलाएं।

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मूलांक 3

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या फिर 30 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 3 होगा। और यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। आपके अनुभव में बढ़ोतरी हो सकती है। आपका धैर्य आपके लिए अच्छा सहयोगी सिद्ध हो सकता है लेकिन चापलूसों से दूर रहना बहुत जरूरी रहेगा अथवा इस सप्ताह बातचीत के तौर तरीके में संशोधन करना भी जरूरी रहेगा। भले ही आप बहुत अच्छी बातें करते हैं लेकिन अप्रिय बोलने से बचना जरूरी रहेगा। साथ ही किसी भी व्यक्ति के बारे में प्रत्यक्ष रूप से या टेलीफोन इत्यादि के माध्यम से कोई ऐसा शब्द जिसका नया मतलब निकाल कर उस व्यक्ति को भड़काया जा सके या कुछ ऐसा किया जा सके कि वह व्यक्ति आपसे नाराज हो जाए, ऐसा कुछ भी नहीं बोलना है। विशेष कर स्त्रियों से संबंधित मामले में इस महीने किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। वैसे संभव हो तो किसी भी व्यक्ति की निंदा न करें लेकिन स्त्री विशेष की निंदा से बचना बहुत जरूरी रहेगा। वहीं यदि संयम पूर्वक काम करेंगे तो आप आर्थिक मामलों में काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। 

इतना ही नहीं ताकतवर लोगों के साथ जुड़ना भी मुमकिन होगा और आप स्वयं को भी ताकतवर और कॉन्फिडेंट महसूस कर सकेंगे। व्यापार व्यवसाय की दृष्टिकोण से सप्ताह सामान्य तौर पर आपको अच्छे परिणाम दे सकता है। यदि आप अपने किसी काम में कोई बदलाव करना चाह रहे थे तो उस मामले में भी यह सप्ताह आपको अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में किसी मजदूर को भोजन कराना शुभ रहेगा।

मूलांक 4

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 14, 22 या फिर 31 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 4 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात की जाय तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। वैसे आप इस सप्ताह आप ऊर्जावान रहेंगे और ऊर्जा का सदुपयोग करने की स्थिति में आप अपने बिखरे पड़े हुए कामों को समेट सकेंगे। जिन कामों को कंप्लीट करने की डेडलाइन नजदीक है, कम से काम उन कामों को आप कंप्लीट कर ही लेंगे। कुछ ऐसे सहयोगी भी आपको मिल सकते हैं जो आमतौर पर सहयोग करने की बजाय सिर्फ सुझाव या ज्ञान देने का काम करते थे लेकिन इस सप्ताह वो आपके लिए प्रत्यक्ष रूप से मददगार भी हो सकते हैं। 

इस सप्ताह न तो बहुत जल्दबाजी से काम लेना है और ना ही आलसी होना है; बल्कि मध्य का रास्ता अपनाते हुए आगे बढ़ाना है। यद्यपि भूमि और भवन से संबंधित मामलों के लिए सप्ताह औसत है लेकिन फिर भी यदि आप इन मामलों में कोई रिस्क नहीं लेंगे तो अच्छा रहेगा। यदि आप प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं अथवा कोई प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना चाह रहे हैं और इस समय बात आगे बढ़ती हुई नजर नहीं आ रही है। यदि प्रोग्रेस धीमी है तो अधिक परेशान या बेचैन होने की जरूरत नहीं है। धैर्य बनाए रखिए धीरे-धीरे ही सही आप सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यदि जल्दबाजी करेंगे तो शायद मामला बिगड़ भी सकता है। भाइयों और मित्रों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने हैं, क्योंकि उन्हीं का सहयोग इस सप्ताह विशेष रूप से आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकेगा।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।

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मूलांक 5

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14 या फिर 23 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 5 होगा। और इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो यह सप्ताह सामान्य तौर पर आपको अच्छे परिणाम देने का वादा कर रहा है। आपने बड़े दिनों से जिन तथ्यों को इकट्ठा किया है उनके माध्यम से अब आप किसी फैसले पर पहुंच सकेंगे अथवा जिन लोगों को आप किसी काम के लिए इकट्ठा कर रहे थे अब वह लोग आपके काम को करने को तैयार हैं। आप चाहे तो उन्हें लेकर कोई नया प्रयोग कर सकते हैं अथवा ऐसे लोग जो कुछ नया करने की सोच रहे थे उनको चाहिए कि अब उस योजना पर धीरे-धीरे ही सही काम करना शुरू कर दें। अच्छे परिणाम मिलने का समय नजदीक है। यदि आपका कोई काम शासन प्रशासन से संबंधित है तो उस काम को आगे बढ़ाने में भी यह सप्ताह मददगार हो सकता है। 

कोई न कोई व्यक्ति आपको ऐसा मिल रहा है या मिल जाएगा जिसके माध्यम से आप उस काम को अपने फेवर में कर सकेंगे। पिता से संबंधित यदि कोई मामला अभी तक लंबित रहा है तो उस मामले में भी अनुकूलता मिलने की संभावनाएं हैं। यदि पिता का स्वास्थ्य पिछले दिनों खराब रहा है तो उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार देखने को मिल सकता है। यद्यपि यह सप्ताह आपके सम्मान को बढ़ाने का काम करेगा लेकिन स्वयं की तरफ से भी ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे आपके सम्मान के लिए कोई खतरा उत्पन्न हो। ऐसा करने की स्थिति में आप अपने सम्मान को न केवल मेंटेन कर सकेंगे बल्कि और बढ़ा भी सकेंगे। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में सूर्य भगवान को कुंकुम मिला जल चढ़ाना शुभ रहेगा।

मूलांक 6

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15 या फिर 24 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 6 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो यह सप्ताह आपको मिले जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। आप अपने पुराने कामों को और आगे ले जाने में सफल हो सकेंगे। यद्यपि कामों के संपन्न होने की गति बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगी लेकिन फिर भी तुलनात्मक रूप से स्पीड बेहतर होगी और परिणाम भी थोड़े से बेहतर रह सकते हैं। विशेषकर यदि आपका काम क्रिएटिविटी से जुड़ा हुआ है तो इस सप्ताह आपका प्रदर्शन और अच्छा रह सकता है। संबंधों को निभाने और नए संबंधियों के जुड़ने के योग मजबूत हैं। अर्थात बिगड़े हुए संबंधों को सुधारने का मौका मिल सकता है। यदि आपके साथ भी कोई ऐसा घटनाक्रम है यानी कि कोई रिश्तेदार नाराज है तो आप उस इस सप्ताह मनाने की कोशिश करके सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। 

यदि आपका काम साझेदारी का है तो साझेदारी के कामों में आपको अच्छा लाभ मिल सकता है। साझेदार के साथ यदि किसी भी प्रकार का कोई मतभेद है तो उस मतभेद को दूर करने में भी यह सप्ताह सहायक बन सकता है। वैसे तो इस सप्ताह आपके प्रयत्नों के अनुसार आपको परिणाम मिलते रहेंगे लेकिन जल्दबाजी से बचने की जरूरत रहेगी। किसी भी काम में जरूरत से ज्यादा जल्दबाजी अच्छी नहीं होती और इस सप्ताह में आपके भीतर थोड़ी सी जल्दबाजी देखने को मिल सकती है। यदि आप उससे बचेंगे तो परिणाम और भी अच्छे रहेंगे। यात्राओं और मनोरंजन आदि से संबंधित मामलों में भी सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावनाएं बन रही हैं।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में किसी मां समान स्त्री को दूध और चावल भेंटकर उसका आशिर्वाद लेना शुभ रहेगा।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मूलांक 7 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या फिर 25 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 7 होगा। और इस सप्ताह विशेष में आपको काफी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं बन रही हैं। आपकी सच्चाई और ईमानदारी के पुरस्कार इस सप्ताह आपको मिल सकते हैं। आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होने की अच्छी संभावनाएं हैं। यदि आप किसी सामाजिक काम में भाग लेने की योजना बना रहे हैं तो आप उस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। वहां पर आपको अच्छा मान सम्मान मिलता हुआ प्रतीत हो रहा है। आप एक सकारात्मक छाप छोड़ने में भी कामयाब हो सकेंगे। क्रिएटिव कामों से जुड़ने की संभावनाएं भी बन रही हैं और वहां पर भी आपका अच्छा प्रदर्शन रह सकता है। यदि कोई मित्र आपसे नाराज चल रहा है तो इस अवधि में उसे मनाने की कोशिश करें। 

यदि मित्र का कोई काम आप नहीं कर पाए हैं तो इस अवधि में प्रयत्न करके देखें। संभवत: वह काम आप कर सकेंगे और आपके संबंधों में सुधार भी होगा। नए मित्रों के बनने की भी संभावनाएं प्रतीत हो रही हैं। आर्थिक और पारिवारिक मामले में आपको सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए भी यह सप्ताह काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। अर्थात विद्यार्थी मनोरंजन के साथ-साथ अपनी विषय वस्तु के बारे में भी जान सकेंगे, सीख सकेंगे। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में केसर मिश्रित जल से शिवजी का अभिषेक करना शुभ रहेगा।

मूलांक 8

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या फिर 26 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 8 होगा। और इस सप्ताह विशेष की बात करें तो इस सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। कुछ मामलों में परिणाम औसत से कमजोर भी रह सकते हैं। अथवा कुछ मामलों में आपके प्रयत्न का सही फल प्रतिफल नहीं मिल पाएगा। हालांकि यह सप्ताह आपसे अपेक्षाकृत अधिक मेहनत ले सकता है लेकिन निर्वाह के लायक काम भी पूरे होंगे और धनार्जन भी हो सकेगा। यदि आप पोलिटिकल व्यक्ति नहीं है तो व्यर्थ की बातों से बचें। अर्थात पॉलिटिक्स की बातें पॉलीटिशियंस को ही करने दें, आप उनसे दूर रहें। अन्यथा व्यर्थ में कोई विवाद सामने आ सकता है। अन्य मामलों में भी स्वयं को अनुशासित रखने की कोशिश करें। क्योंकि अनुशासन आपको रक्षा सुरक्षा देगा। आप न केवल व्यर्थ के विवादों से बच सकेंगे बल्कि अपनी प्रतिष्ठा को भी मेंटेन कर सकेंगे। 

इंटरनेट इत्यादि पर पोस्ट करते समय भी सावधानी जरूरी रहेगी। जो लोग डिजिटल क्रिएटर हैं, उनकी क्रिएटिविटी वायरल हो सकती है लेकिन शायद उनकी क्रिएटिविटी उनके लिए नकारात्मक छवि क्रिएट कर सकती है। अर्थात जो भी काम आप करेंगे वह वायरल हो सकता है, बहुत सारे लोगों तक पहुंच सकता है लेकिन लोग उस काम की निंदा कर सकते हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपनी क्रिएटिविटी को लेकर लोगों की प्रशंसा पाना चाहते हैं या फिर निंदा में भी आनंद ढूंढना चाह रहे हैं। यहां पर हम सिर्फ इतना कहेंगे कि यह सप्ताह आपको चर्चा का केंद्र बिंदु बना सकता है।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और काले तिल अर्पित करना शुभ रहेगा।

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मूलांक 9 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18 या फिर 27 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 9 होगा। और इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। संतुलन बनाकर चलने की स्थिति में परिणाम सकारात्मक रह सकते हैं लेकिन बातचीत के तौर तरीके पर बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। शब्द चयन में जरा सी गड़बड़ी परिणामों को बिगाड़ सकती है। अतः बहुत अधिक सोच समझकर बात करना या बोलना उचित रहेगा। अप्रिय शब्दों का प्रयोग बिल्कुल भी न करें। चापलूसों से भी दूर रहें।

हालांकि यह सप्ताह बदलाव के मामले में सहायक बन सकता है लेकिन तय आपको करना है कि क्या वास्तव में बदलाव की जरूरत है या नहीं? यदि जरूरत हो तभी बदलाव करें। यही बात यात्राओं से संबंधित मामलों में भी हम कहना चाहेंगे कि अनावश्यक यात्राओं से बचें। यद्यपि जरूरी यात्राएं आप कर सकेंगे और उनसे उम्मीद के अनुरूप फायदा भी कमा सकेंगे। आमोद प्रमोद और मनोरंजन में भी सप्ताह मदद करना चाहेगा लेकिन जरूरी कामों को छोड़कर मनोरंजन में उलझना उचित नहीं रहेगा।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में बुधवार के दिन गणेशजी को दूर्वा अर्पित करना शुभ रहेगा।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नंबर 3 के लिए यह सप्ताह कैसा है?

यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। आपके अनुभव में बढ़ोतरी हो सकती है। 

1 नंबर वालों के लिए यह सप्ताह कैसा रहेगा?

घर गृहस्थी से संबंधित मामलों में अपेक्षाकृत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता रहने वाली है।

7 नंबर का स्वामी कौन है?

अंक ज्योतिष के मुताबिक, 7 नंबर का स्वामी ग्रह केतु होता है।

बृहस्पति की अस्त अवस्था, इन राशियों के बिगाड़ देगी बने-बनाए काम, रहना होगा सतर्क!

बृहस्पति की अस्त अवस्था, इन राशियों के बिगाड़ देगी बने-बनाए काम, रहना होगा सतर्क!

बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: ज्योतिष शास्त्र में गुरु को एक ऐसा ग्रह माना जाता है जो मनुष्य जीवन को प्रभावित करने की अपार क्षमता रखता है। हमारे जीवन में बृहस्पति देव को महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर स्वामित्व प्राप्त है इसलिए कुंडली में इनकी स्थिति विशेष मायने रखती है। इसी क्रम में, गुरु देव की राशि, चाल और दशा में होने वाला बदलाव राशियों सहित देश-दुनिया को प्रभावित करता है। बता दें कि नौ ग्रहों में गुरु को लाभकारी ग्रह माना जाता है और इनकी स्थिति में होने वाला कोई भी बदलाव शुभ कार्यों की दशा और दिशा निर्धारित करता है। अब यह जल्द ही मिथुन राशि में अस्त होने जा रहे हैं और ऐसे में, यह मानव जीवन सहित संसार पर भी अपना प्रभाव डालेंगे। एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में आपको “बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त” से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी जैसे तिथि, समय और राशियों पर प्रभाव आदि। 

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वैसे बता दें कि नवग्रहों में बृहस्पति को एक बेहद शुभ और लाभकारी ग्रह का दर्जा प्राप्त है। मानव जीवन में गुरु महाराज बुद्धि, ज्ञान, सौभाग्य और प्रचुरता का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह एक राशि में काफ़ी लंबे समय तक रहते हैं इसलिए इनको अपना राशि चक्र पूरा करने में 12 सालों से अधिक का समय लगता है। अब यह मिथुन राशि में अस्त हो रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप, इस अवधि में कुछ राशियों को सावधान रहना होगा और कुछ राशियों को शुभ परिणाम प्राप्त होंगे? साथ ही, बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त के दौरान आप किन सरल उपायों को करके अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। इस बारे में हम नीचे विस्तार से बात करेंगे, तो आइए शुरुआत करते हैं इस लेख की और सबसे पहले जान लेते हैं गुरु अस्त का समय और तिथि। 

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बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: तिथि एवं समय

शुभ ग्रह के रूप में गुरु ग्रह मनुष्य जीवन में शिक्षक, ज्ञान, बड़े भाई, संतान, धार्मिक कार्य, शिक्षा और पवित्र स्थल आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति महाराज एक राशि में तक़रीबन 13 महीने तक रहते हैं और इसके बाद दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। ऐसे में, अब यह 09 जून 2025 की शाम 04 बजकर 12 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु देव का यह गोचर बुध ग्रह की राशि में होगा और इसके परिणामस्वरूप, गुरु ग्रह की अस्त अवस्था राशियों समेत देश-दुनिया को निश्चित रूप से प्रभावित करेगी। आइए अब जानते हैं बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त होने से बनने वाले युति और दोषों के बारे में।  

मिथुन राशि में गुरु-बुध की युति से बनेगा ये अशुभ योग

जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि वर्तमान समय में गुरु ग्रह मिथुन राशि में मौजूद हैं और इसके राशि स्वामी बुध ग्रह हैं। जब मिथुन राशि में बृहस्पति अस्त होंगे, इस समय वहाँ पहले से बुध देव भी मौजूद होंगे। ऐसे में, बुध और गुरु ग्रह मिथुन राशि में एक साथ होकर युति का निर्माण करेंगे। बता दें कि बुध और बृहस्पति देव की युति से केन्द्राधिपति दोष का निर्माण होता है जिसे एक अशुभ योग माना जाता है। कुंडली में केंद्राधिपति दोष होने पर बुध देव के लग्न में गुरु को और गुरु के लग्न भाव में बुध को केंद्राधिपति दोष लगेगा।

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साथ ही, शुभ एवं लाभकारी ग्रह के रूप में गुरु और वाणी, संचार के कारक ग्रह बुध अपनी पूरी क्षमता के साथ जातकों को परिणाम नहीं दे पाएंगे। सामान्य शब्दों में कहें तो, जो लोग शादी के लिए प्रयास कर रहे हैं, उनके विवाह में देरी हो सकती है। वहीं, जिन जातकों को नौकरी की तलाश है, उन्हें नौकरी न मिलने या ज्यादा अच्छी नौकरी न मिलने की आशंका है। इसके अलावा, गुरु ग्रह मिथुन राशि में अस्त अवस्था में होंगे और ऐसे में, बृहस्पति से मिलने वाले परिणाम काफ़ी हद तक कमज़ोर रह सकते हैं। 

आगे बढ़ने से पहले आपको अवगत करवा देते हैं कि ग्रह की अस्त अवस्था से।

क्या होता है ग्रह का अस्त होना?

ज्योतिष की दुनिया में प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समय पर अपनी राशि, चाल और स्थिति में बदलाव करता है। ऐसे में, सूर्य के अलावा हर ग्रह समय-समय पर अस्त, वक्री, उदित और मार्गी होता है। बात करें ग्रह के अस्त होने की तो, जब कोई ग्रह परिक्रमा पथ पर चलते हुए सूर्य के बहुत करीब चला जाता है, तो वह अस्त हो जाता है। हर ग्रह अपनी अस्त अवस्था के दौरान शक्तिहीन हो जाता है यानी कि अपनी सारी शक्तियां खो देता है। प्रत्येक ग्रह अपनी अस्त अवस्था के दौरान जातकों को पूरी तरह से परिणाम नहीं दे पाता है और ऐसे में, इंसान को कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। 

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ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का महत्व

  • बृहस्पति ग्रह ज्ञान, विस्तार और प्रगति के कारक ग्रह माने जाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, यह शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए भी जिम्मेदार होते हैं इसलिए इनकी चाल, दशा या राशि में होने वाला बदलाव ज्योतिष में महत्वपूर्ण माना जाता है। 
  • किसी व्यक्ति के जीवन में करियर, व्यापार और नौकरी से लेकर अध्यात्म सहित प्रमुख क्षेत्रों को प्रभावित करने में गुरु देव सक्षम होते हैं।
  • ज्योतिष के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति पर बृहस्पति देव मेहरबान होते हैं, उस व्यक्ति के भीतर सात्विक गुण जन्म लेते हैं और वह अपने जीवन में सत्य के मार्ग पर चलना पसंद करता है। 
  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह शुभ या मज़बूत अवस्था में होते हैं, यह अपने जीवन में अपार तरक्की हासिल करता है। लेकिन, इस दौरान व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है।
  • गुरु महाराज की अशुभ स्थिति जहां आपको पाचन या पेट से जुड़ी समस्याएं दे सकती हैं। वहीं, इनकी कृपा आपको पेट से संबंधित रोगों से छुटकारा दिलाती है। 
  • कुंडली के कमज़ोर भाव पर बृहस्पति ग्रह की दृष्टि पड़ने से वह भाव मजबूत हो जाता है।
  • बृहस्पति को सभी 12 राशियों में गोचर करते हुए अपना राशि चक्र पूरा करने में 12 साल से अधिक का समय लगता है क्योंकि यह हर एक राशि में लगभग 13 महीने रहते हैं। 
  • जब गुरु किसी खास भाव या ग्रह से होकर गुजरते हैं, तो इनकी चाल उस क्षेत्र में विकास, भाग्य और नई सोच को बढ़ावा देती है।

कुंडली में कमज़ोर गुरु ग्रह कैसे करते हैं आपको परेशान? आइए जानते हैं। 

कुंडली में कमज़ोर गुरु के संकेत 

  1. अशुभ गुरु के प्रभाव के कारण व्यक्ति को कोई भी बात समझने में परेशानी का अनुभव होता है।
  2. गुरु देव की दुर्बलता का सीधा प्रभाव जातक के ज्ञान पर पड़ता है और ऐसे में, व्यक्ति के भीतर ज्ञान की कमी देखने को मिलती है।
  3. जिनकी कुंडली में गुरु अशुभ होता है, उन्हें सामाजिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही, वह समाज में प्रसिद्धि हासिल करने में असमर्थ हो सकता है। 
  4. ऐसे जातकों के विवाह में देरी हो सकती है या फिर शादी के मार्ग में समस्याएं आ सकती हैं। 
  5. अशुभ या निर्बल गुरु वाला इंसान धर्म में विश्वास नहीं करता है जिसके चलते आसपास के लोग आपको अपना शत्रु समझने लगते हैं।
  6. नियमित रूप से बालों के झड़ने की समस्या बनी रह सकती है। 
  7. व्यक्ति को ऐसी गलतियों के लिए दोषी ठहराया जा सकता है जो उसने कभी की ही नहीं होगी।
  8. बृहस्पति के कमज़ोर होने पर आपसे पैसा या सोना खो सकता है। 

बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त के दौरान करें ये उपाय 

  • करियर में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए गुरुवार के दिन गुरु ग्रह से संबंधित पीली वस्तुओं जैसे- हल्दी, सोना, पीले फल, चना आदि का दान करें। 
  • गुरुवार को आप धार्मिक या पढ़ाई की पुस्तकों का भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से पढाई में आ रही समस्याएं दूर होती हैं। 
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है इसलिए गुरुवार के दिन विष्णु जी और माता लक्ष्मी की पूजा करें। 
  • संभव हो, तो बृहस्पतिवार की व्रत कथा पढ़ें क्योंकि इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली और सुख-शांति आती है। 
  • गुरुवार के दिन स्नान के पानी में हल्दी डालकर नहाएं। 
  • बृहस्पतिवार को केले के पेड़ की पूजा करें और दीपक जलाएं। 
  • गुरु से शुभ परिणाम पाने के लिए पीला चन्दन या केसर का तिलक भगवान विष्णु को करें। इसके बाद, उनकी पूजा करके स्वयं भी तिलक लगाएं। इस उपाय को करने से आपके धन-धान्य में लगातार वृद्धि होती है और आपको कभी धन की कमी नहीं होगी।

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बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

बृहस्पति आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति मिथुन…(विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

बृहस्पति आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

बृहस्पति आपकी कुंडली के लिए सप्तम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ … (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

बृहस्पति आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

बृहस्पति आपकी कुंडली के लिए पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

बृहस्पति आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

बृहस्पति आपकी कुंडली के लिए दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

बृहस्पति आपकी कुंडली के लिए आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ चौथे… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

बृहस्पति आपकी कुंडली के तीसरे भाव के स्वामी होते हैं साथ ही साथ… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

बृहस्पति आपकी कुंडली के दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

बृहस्पति आपके लग्न या राशि के स्वामी ग्रह तो होते ही हैं, साथ ही साथ … (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गुरु मिथुन राशि में अस्त कब होंगे?

ज्ञान के कारक ग्रह गुरु देव 09 जून 2025 को मिथुन राशि में अस्त हो जाएंगे।

मिथुन राशि का स्वामी कौन है?

राशि चक्र की तीसरी राशि मिथुन का स्वामी बुध ग्रह है। 

गुरु का गोचर कितने समय बाद होता है?

ज्योतिष के अनुसार, बृहस्पति देव एक राशि में लगभग 13 महीने तक रहते हैं और इसके बाद, दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। 

टैरो साप्ताहिक राशिफल (08 जून से 14 जून, 2025): ये सप्ताह इन राशि वालों को बना देगा मालामाल!

टैरो साप्ताहिक राशिफल (08 जून से 14 जून, 2025): ये सप्ताह इन राशि वालों को बना देगा मालामाल!

टैरो साप्ताहिक राशिफल 08 जून से 14 जून 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्‍त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 08 जून से 14 जून, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?

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टैरो साप्ताहिक राशिफल 08 से 14 जून, 2025: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: ऐस ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: द हर्मिट

करियर: नाइट ऑफ पेंटाकल्स

स्वास्थ्य: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स 

प्रेम जीवन में ऐस ऑफ वैंड्स प्यार में नई शुरुआत, खुशी और जोश की ओर इशारा करता है। यह दर्शाता है कि आपकी जिंदगी में नया रिश्ता शुरू होने वाला है, शादी का प्रपोजल आ सकता है या फिर परिवार बढ़ाने की प्लानिंग हो सकती है। यदि आप सिंगल हैं, तो आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने दिल की बात खुलकर कहें और अपने प्यार की तरफ कदम बढ़ाएं।

यह कार्ड कहता है कि धन को लेकर सोच-विचार करने की सलाह देता है। यह समय है जब आपको अपने अंदर झांकना चाहिए और सोचना चाहिए कि क्या सिर्फ पैसा कमाना ही आपकी खुशी का रास्ता है या असली खुशी कुछ और है? अपने फाइनेंशियल गोल्स को फिर से सोचें और समझें कि क्या यह वाकई आपकी वैल्यूज के साथ मेल खाते हैं।

यह कार्ड बताता है कि करियर में कामयाबी पाने के लिए मेहनत, धैर्य और भरोसेमंद तरीका अपनाना जरूरी है। अगर यह कार्ड अपराइट आता है तो इसका मतलब है कि आपकी नौकरी या करियर स्थिर और सुरक्षित रहेगा। लेकिन अगर रिवर्सड आता है, तो यह चेतावनी देता है कि ज्यादा काम का बोझ, परफेक्शन का दबाव या पैसों के लेन-देन से बचें।

यह कार्ड संकेत देता है कि अब वक्त है अपनी सेहत का बहुत अधिक ध्यान देने का। आपको अपनी लाइफस्टाइल में बड़ा बदलाव लाना चाहिए। इसके अलावा, अपने दिल की सुनें और जो सही लगे, वो कदम उठाएं।

भाग्यशाली फूल: गेंदा

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: द मैजिशियन

आर्थिक जीवन: एस ऑफ वैंड्स 

करियर: द हैंग्ड मेन

स्वास्थ्य: किंग ऑफ वैंड्स

वृषभ राशि के प्रेम जीवन में द मैजिशियन कार्ड भविष्यवाणी करता है कि आपके अंदर अपने प्यार को सच करने की पूरी ताकत है। अगर आपको किसी से प्यार है या किसी पर क्रश है, तो अब समय है कि अपने दिल की सुनें और हिम्मत से कदम बढ़ाएं। आपके इरादे और कोशिशें रंग ला सकती हैं।

आर्थिक जीवन में ऐस ऑफ वैंड्स  कार्ड अच्छी खबर की ओर इशारा करता है। पैसे के मामले में नए मौके और तरक्की के संकेत मिल रहे हैं। खासकर अगर आप कोई नया काम या इनोवेटिव आइडिया शुरू कर रहे हैं, तो इस समय आपको फायदा मिल सकता है।

हैंग्ड मैन टैरो कार्ड कहता है कि करियर में थोड़ा रुकावट आ सकती है। अभी आपके सपनों को पूरा करने में थोड़ा वक्त लग सकता है। यह सलाह देता है कि धैर्य रखें, चीजों को दोबारा सोचें और वक्त का इंतजार करें। कभी-कभी खुद को थोड़ा ढीला छोड़कर किस्मत पर भरोसा करना भी जरूरी होता है।

किंग ऑफ वैंड्स कार्ड बताता है कि सेहत को लेकर आप एनर्जेटिक और एक्टिव रहेंगे। लेकिन यह भी सलाह देता है कि जोश में आकर अपने शरीर पर ज्यादा जोर ना डालें। सेहत और जिंदगी के बाकी हिस्सों में बैलेंस बनाए रखना जरूरी है।

भाग्यशाली फूल: आर्किड

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मिथुन राशि

प्रेम जीवन: द सन

आर्थिक जीवन: नाइन ऑफ कप्स

करियर: टेम्पेरन्स

स्वास्थ्य: किंग ऑफ कप्स

मिथुन राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो, आपको द सन कार्ड मिला है, जो प्यार में खुशी, पॉजिटिव सोच और मजबूत रिश्ते का संकेत देता है। यह बताता है कि आपके रिश्ते में प्यार और खुशी बनी रहेगी। शादी, सगाई या फिर रिश्ते की नई शुरुआत जैसी खुशखबरी भी मिल सकती है।

आर्थिक जीवन में नाइन ऑफ कप्स कार्ड बताता है कि पैसे के मामले में आप संतुष्ट रहेंगे। आपकी मेहनत रंग लाएगी और आप अपने पैसों का आनंद ले पाएंगे। यह समय आपके लिए सुख-शांति और आर्थिक सुरक्षा लेकर आएगा।

टेम्परेंस कार्ड सलाह देता है कि करियर में सफलता पाने के लिए धैर्य और बैलेंस बनाए रखना बहुत जरूरी है। काम में परेशानियां आएंगी, लेकिन शांति से और सही प्लानिंग के साथ आप सब पार कर लेंगे। आपको धैर्य बनाए रखनें और जल्दबाजी करने से बचने की सलाह दी जाती है।

किंग ऑफ कप्स कार्ड बताता है कि आपकी सेहत का सीधा रिश्ता आपकी भावनाओं से है। अगर मन शांत रहेगा, तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा। अपने दिल और दिमाग को हल्का और खुश रखने की कोशिश करें, इससे आपकी सेहत में भी सुधार होगा।

भाग्यशाली फूल: ट्यूलिप

कर्क राशि 

प्रेम जीवन: व्हील ऑफ फॉर्च्यून 

आर्थिक जीवन: थ्री वैंड्स

करियर: टेन ऑफ वैंड्स 

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ वैंड्स 

व्हील ऑफ फॉर्च्यून कार्ड बताता है कि प्यार के मामले में किस्मत आपके साथ है। आपके रिश्ते में अच्छा बदलाव आ सकता है और कुछ नई व चौंकाने वाली बातें भी सामने आ सकती हैं। यह वक्त आपके रिश्ते में नई दिशा या बड़ा मोड़ लाने वाला है।

थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड कहता है कि आपकी मेहनत और निवेश अब फल दे रहे हैं। पैसा कमाने के नए मौके मिल सकते हैं। अभी समय है कि आप अपने इन अच्छे नतीजों का पूरा फायदा उठाएं।

टेन ऑफ वैंड्स कार्ड इशारा करता है कि काम का बोझ ज्यादा है और आप थकान महसूस कर रहे हैं। आपने जिम्मेदारियां ज्यादा ले ली हैं, जिससे दिमाग और शरीर पर दबाव बढ़ गया है। लेकिन यह भी दिखाता है कि आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी और धीरे-धीरे आपके लक्ष्य पूरे होंगे।

स्वास्थ्य को लेकर फाइव ऑफ वैंड्स  बताता है कि सेहत को लेकर आप किसी लड़ाई या संघर्ष से गुजर रहे हैं। चाहे बीमारी से उबरना हो या अंदरूनी तनाव से जूझना, यह समय थोड़ा कठिन है। यह भी कहता है कि आपको अपने तनाव और मन के झगड़ों को सुलझाना होगा ताकि शरीर और दिमाग दोनों स्वस्थ रहें।

भाग्यशाली फूल: डेज़ी

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: टेन ऑफ पेंटाकल्स 

आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्स 

करियर: फोर ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: टू ऑफ वैंड्स

टेन ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड बताता है कि आपका रिश्ता मजबूत नींव पर टिका है। इसमें प्यार के साथ-साथ परिवार, बच्चों और घर की सुरक्षा का अहसास भी जुड़ा है। यह समय रिश्ते में स्थिरता और भरोसे का है, जिसमें लंबे समय तक साथ निभाने की भावना है।

नाइट ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड कहता है कि पैसे के मामले में आपको धीरे-धीरे लेकिन ठोस कदमों से आगे बढ़ना चाहिए। मेहनत और लगन से की गई कोशिशें ही आपको सफलता दिलाएंगी। जल्दी मुनाफा कमाने के चक्कर में जोखिम न लें, बल्कि लंबी दूरी की सोचकर निवेश करें।

फोर ऑफ़ वैंड्स कार्ड भविष्यवाणी करता है कि आपके काम में सफलता मिलने वाली है। खासतौर पर जब आप टीम में काम करते हैं या पार्टनरशिप में हैं तो आगे बढ़ने का अच्छा मौका है। यह कार्ड जश्न और अपनी मेहनत की पहचान मिलने का संकेत देता है, साथ ही करियर में स्थिरता और तरक्की का भी।

टू ऑफ़ वैंड्स कार्ड सलाह देता है कि अब आपको अपनी सेहत को लेकर लंबी योजना बनानी चाहिए। अपनी सेहत सुधारने के लिए नए तरीके अपनाएं और अपने पुराने ढर्रे से बाहर निकलें। चाहे वो कोई नया इलाज हो या फिटनेस का कोई नया तरीका। यह अवधि कुछ नया आज़माने के लिए सही है।

लकी फूल: सूरजमुखी

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कन्या राशि 

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: एस ऑफ पेंटाकल्स 

करियर: द एम्परर 

स्वास्थ्य: एस ऑफ वैंड्स

नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स गहरा जुड़ाव और गहरे बंधन का प्रतीक है, जो कभी-कभी झगड़े और तुरंत फैसले लेने की प्रवृत्ति दिखता है। यह कार्ड इशारा करता है कि आपका पार्टनर या आप खुद तेज, बेबाक और साफ कहने वाले हो सकते हैं। साथ ही यह सलाह देता है कि रिश्ते को संभालने के लिए आपको पहले से सोच-समझकर योजना बनानी चाहिए।

ऐस ऑफ पेंटाकल्स कार्ड नए मौकों और पैसों की बढ़त का संकेत देता है। आपकी जिंदगी में कमाई का नया रास्ता खुल सकता है, चाहे वो नई नौकरी हो, बिज़नेस का मौका हो या निवेश का चांस। यह शुरुआत आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

एम्परर टैरो कार्ड बताता है कि करियर में अब अनुशासन, जिम्मेदारी और नेतृत्व दिखाने का समय है। अपनी मेहनत और पक्के इरादों से आप काम में सफलता हासिल कर सकते हैं। यह समय है अपने लक्ष्यों पर फोकस करने का।

स्वास्थ्य के संबंध में, ऐस ऑफ वैंड्स  कार्ड कहता है कि आपकी सेहत में अब नई ऊर्जा और जोश आएगा। यह आपको सलाह देता है कि आप फिटनेस, सही खानपान और अच्छी आदतों को अपनाएं ताकि आप तंदुरुस्त और एक्टिव रहें।

भाग्यशाली फूल: कार्नेशन

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तुला राशि   

प्रेम जीवन: पे़ज ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ वैंड्स 

करियर: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) 

स्वास्थ्य: द हैंग्ड मैन

पेज ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड बताता है कि आपके रिश्ते में दिमाग से गई बातें ज्यादा होगी, जबकि भावनाओं को थोड़ा नजरअंदाज किया जा सकता है। यह कार्ड स्पष्ट बातचीत करने और अपने आइडिया शेयर करने का संकेत देता है, लेकिन गहरी और इमोशनल बातें शायद नजरअंदाज की जाए।

नाइट ऑफ़ वेंड्स कार्ड कहता है कि पैसों के मामले में अब आपके पास नए मौके आ सकते हैं। यह समय है थोड़ा रिस्क लेने का और नए आइडिया को आजमाने का है, जो आपकी आय बढ़ा सकता है।  इसके अलावा, आपको इस अवधि नया बिज़नेस शुरू करने का मौका मिल सकता है। साथ ही, आप पहले से ज्यादा जोश के साथ काम कर सकते हैं।

टेन ऑफ़ स्वॉर्ड्स कार्ड आपके लिए शानदार प्रतीत हो रहा है जो इशारा कर रहा है कि करियर में अब बुरा वक्त खत्म हो रहा है। अगर अब तक तनाव था या ऑफिस का माहौल खराब था, तो अब उसमें सुधार आएगा। यह बदलाव की ओर बढ़ने और प्रोफेशनल लाइफ में पॉजिटिव शुरुआत का इशारा भी करता है।

हैंग्ड मैन कार्ड सलाह देता है कि सेहत के लिए सिर्फ दवाइयों पर नहीं, बल्कि योग, ध्यान या लाइफस्टाइल में बदलाव जैसी होलिस्टिक चीजों पर भी ध्यान देना चाहिए। तनाव का असर आपकी बॉडी पर हो सकता है, इसलिए मानसिक और शारीरिक दोनों तरफ से संतुलन जरूरी है।

भाग्यशाली फूल: गुलाब

वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ कप्स

आर्थिक जीवन: सेवन ऑफ वैंड्स 

करियर: हर्मिट  

स्वास्थ्य: सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स 

नाइट ऑफ कप्स कार्ड बताता है कि आपकी जिंदगी में रोमांस आने वाला है। इस अवधि आप अपने प्यार को खुलकर जाहिर करेंगे और अपने पार्टनर को बहुत अधिक अहमियत देंगे। लेकिन कभी-कभी आप प्यार की तलाश में इतनी दूर जा सकते है कि हर रिश्ते में परफेक्शन ढूंढने का प्रयास करेंगे और जब सामने वाले की कमियां सामने आती हैं तो रिश्ता तोड़ने का सोच लेते हैं। ऐसे में दिल टूटने का सिलसिला चलता रहता है।

आर्थिक जीवन में टैरो रीडिंग में सेवन ऑफ वैंड्स यह संकेत देता है कि आप अपनी कमाई और आर्थिक स्थिरता पर अधिक ध्यान देंगे। जैसे कि समझदारी से निवेश करना, बचत करना, संपत्ति का बीमा करवाना या रिटायरमेंट के लिए पैसा अलग रखना। मतलब अब आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को लंबे समय के लिए सेट कर रहे हैं।

हर्मिट टैरो कार्ड सलाह देता है कि अब वक्त है सोचने का कि क्या आपकी नौकरी वाकई आपके दिल की आवाज़ और लक्ष्यों से मेल खाती है। यह कहता है कि सिर्फ पैसे के पीछे मत भागें, बल्कि देखें कि क्या आपका काम आपको असली संतोष दे रहा है या नहीं। जरूरी हो तो नए करियर ऑप्शन्स पर भी विचार करें।

सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड बताता है कि सेहत के मामले में आपको और जानकारी जुटानी चाहिए। अगर इलाज के बावजूद दिक्कतें बनी हुई हैं तो किसी दूसरे डॉक्टर से सलाह लेना सही रहेगा।

भाग्यशाली फूल: ड्रैगन फ्लावर

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धनु राशि 

प्रेम जीवन: नाइन ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: एट ऑफ पेंटाकल्स 

करियर: द हाई प्रीस्टेस  

स्वास्थ्य: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स

प्रेम जीवन में नाइन ऑफ वैंड्स कार्ड संकेत दे रहा है कि इस हफ्ते प्यार के मामले में आपके सितारे थोड़ा कमज़ोर नजर आ रहे हैं। ऐसा लग सकता है कि आपके रिश्ते में चीजें वैसी नहीं चल रही जैसी आप चाहते थे। आप महसूस कर सकते हैं कि आपने काफी इंतजार किया लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ। यहां तक कि मन में यह भी विचार आ सकता है कि रिश्ते से बाहर निकल जाएं। आपको सलाह दी जाती है कि धैर्य बनाए रखें और सोच-समझकर कदम उठाएं।

एट ऑफ पेंटाकल्स आपके लिए अच्छी खबर लेकर आ रहा है। यह कार्ड संकेत दे रहा है कि इस हफ्ते आपकी मेहनत का अच्छा फल आपको मिलेगा। आपकी आमदनी बढ़ेगी और फाइनेंशियल हालत मजबूत होगी। अगर आपने कोई लोन लिया हुआ है, तो उसे आसानी से चुका पाएंगे और आत्मविश्वास में भी इज़ाफा होगा। कुल मिलाकर यह हफ्ता पैसे के मामले में शानदार रहेगा।

हाई प्रीस्टेस टैरो कार्ड संकेत देता है कि इस हफ्ते आप अपने करियर के साथ-साथ आगे की पढ़ाई या कोई कोर्स करने के बारे में सोच सकते हैं। खासकर अगर आप क्रिएटिव फील्ड से हैं तो इस हफ्ते आपको नई प्रेरणा और नए आइडियाज मिल सकते हैं, जो आपके काम में नयापन लाएंगे।

सेहत के मामले में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड थोड़ा सावधान रहने की ज़रूरत है। वायरल फीवर, रैशेज़ या हीट स्ट्रोक जैसी दिक्कतें इस हफ्ते परेशान कर सकती हैं। इसलिए पहले से ही बचाव करें और अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें।

भाग्यशाली फूल: पैंसी

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मकर राशि

प्रेम जीवन: फोर ऑफ़ पेंटाकल्सइस

आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ़ पेंटाकल्सइस

करियर: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: द हैंग्ड मैन

मकर राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो फोर ऑफ़ पेंटाकल्स भविष्यवाणी कर रहा है कि इस हफ्ते आपके रिश्ते में एक-दूसरे को लेकर बहुत ज्यादा चिपकाव और बंदिशें महसूस हो सकती हैं। यह रवैया धीरे-धीरे आपके रिश्ते को कमजोर कर सकता है। इसके पीछे असुरक्षा या डर छिपा है। इसलिए आप दोनों को मिलकर वक्त निकालना होगा और इन उलझनों को सुलझाना होगा, ताकि रिश्ते में ताजगी बनी रहे।

आर्थिक जीवन के मामले में सिक्स ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड यह हफ्ता आपके लिए पॉजिटिव रहने की बात कह रहा है। यह कार्ड दर्शा राह है कि आपको सही सलाह और सही लोग मिलेंगे, जो आपकी फाइनेंशियल ग्रोथ में मदद करेंगे। कोई बुजुर्ग या पिता समान व्यक्ति आपको समझाएगा कि फाइनेंशियल प्लानिंग कितनी जरूरी है और आपकी फाइनेंशियल सेहत को मजबूत करने में मदद करेगा।

करियर में सिक्स ऑफ़ स्वॉर्ड्स कार्ड आपको अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलने की सलाह दे रहा है। यह कार्ड इशारा कर रहा है कि आपको घर से दूर जाना पड़ सकता है या नई जगह पर जाकर अपने करियर के बेहतर मौके तलाशने होंगे। मेहनत करेंगे तो सफलता ज़रूर मिलेगी।

सेहत के मामले में हैंग्ड मैन संकेत दे रहा है कि आप इन दिनों मानसिक तनाव या एंग्जायटी का सामना कर सकते हैं। आप बदलाव से डर रहे हैं, लेकिन यह बदलाव ही आपको एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएगा। इसलिए हिम्मत रखें और पॉजिटिव बदलाव को अपनाएं।

भाग्यशाली फूल : बेल फ्लावर

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कुंभ राशि

प्रेम जीवन: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स 

आर्थिक जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्स

करियर: एस ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: द एम्परर 

टेन ऑफ स्वॉर्ड्स संकेत देता है कि इस हफ्ते आप अपने रिश्ते या चल रही परेशानियों को लेकर चिंता में घिरे रह सकते हैं। मन में बेचैनी रहेगी और निजी जीवन में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं। बेहतर होगा कि आप खुद को थोड़ा हल्का करने की कोशिश करें और वक्त के साथ चीजों को सुलझने दें।

आर्थिक जीवन में टू ऑफ पेंटाकल्स बताता है कि इस हफ्ते आपके सामने दो बड़े खर्चे आ सकते हैं और आपको उनमें से किसी एक को चुनना पड़ेगा। फैसला करने से पहले अच्छे से सोच-विचार करें कि आपके लिए कौन सा खर्च ज्यादा जरूरी है। जल्दबाज़ी न करें।

ऐस ऑफ वैंड्स संकेत देता है कि अब वक्त आ गया है कि आप अपने करियर में जो भी सपना देख रहे हैं, उसे पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाएं। चाहे वो बिज़नेस शुरू करना हो, कोई नया प्रोजेक्ट हो या रिसर्च का काम अब रुकना नहीं है। आगे बढ़िए, सफलता आपका इंतजार कर रही है।

सेहत के लिहाज से द एम्परर कार्ड कहता है कि अब आपको खुद के लिए थोड़ा वक्त निकालना चाहिए। किसी सैलून या स्पा में जाएं, या कहीं छोटी सी छुट्टी मनाएं। यह आपको तरोताजा कर देगा और आगे की दौड़ के लिए एनर्जी देगा। खुद को थोड़ा लक्ज़री ट्रीट दें, क्योंकि आप इसके हकदार हैं।

भाग्यशाली फूल : गेरबेरा

मीन राशि

प्रेम जीवन: द हीरोफेंट

आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ कप्स (रिवर्सड)

करियर: थ्री ऑफ पेंटाकल्स 

स्वास्थ्य: पेज ऑफ कप्स 

द हीरोफेंट कार्ड प्रेम जीवन के मामले में दर्शा रहा है कि इस हफ्ते आपके रिश्ते में गंभीरता और कमिटमेंट की दिशा में बदलाव आ सकता है। अगर आप रिलेशनशिप में हैं तो शादी या लंबे समय तक साथ निभाने की बातें हो सकती हैं। या अगर आप किसी नए रिश्ते में हैं, तो अब आप दोनों के बीच परंपरागत और साझा मूल्यों पर रिश्ता मजबूत होगा।

आर्थिक जीवन की बात करें तो फाइव ऑफ कप्स (रिवर्सड) बता रहा है कि पैसे के मामले में अब मुश्किलें धीरे-धीरे कम होंगी। पुराने आर्थिक संकटों से राहत मिलेगी और अब आप अपने फाइनेंशियल भविष्य को मजबूत और बेहतर बना पाएंगे। यह वक्त फाइनेंशियल रिकवरी और तरक्की का है।

करियर को लेकर थ्री ऑफ पेंटाकल्स दर्शा रहा है कि कामकाज में यह समय टीम वर्क और नई स्किल्स सीखने का है। आप जिस भी प्रोजेक्ट में हैं, वहां मिलजुल कर काम करने से अच्छे नतीजे मिलेंगे। यह हफ्ता आपके करियर की नींव मजबूत करने और प्लानिंग करने के लिए बहुत बढ़िया है।

सेहत के मामले में पेज ऑफ कप्स भविष्यवाणी कर रहा है कि इस सप्ताह आपको कोई अच्छी खबर मिल सकती है। अगर आप किसी बीमारी का इलाज करवा रहे हैं तो इलाज असरदार साबित होगा। आपकी सेहत में सुधार होगा और आपकी अंदरूनी समझ भी हेल्दी लाइफ के लिए गाइड करेगी।

भाग्यशाली फूल: हाइड्रेंजिया

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

टैरो रीडर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?

12वीं पास या स्नातक की बुनियादी योग्यता।

टैरो डेक में सबसे खुशहाल कार्ड।

द सन

टैरो डेक में सबसे प्रमुख वित्तीय कार्ड?

टेन ऑफ़ पेंटाकल्स या किंग ऑफ़ पेंटाकल्स

सूर्य की राशि में पधारेंगे मंगल, इन 4 राशियों की भर देंगे जेब; जीवन भी बनेगा सुख-शांति से पूर्ण!

सूर्य की राशि में पधारेंगे मंगल, इन 4 राशियों की भर देंगे जेब; जीवन भी बनेगा सुख-शांति से पूर्ण!

एस्ट्रोसेज एआई आपके लिए “मंगल का सिंह राशि में गोचर” का यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसके अंतर्गत आपको मंगल गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि और समय आदि। मंगल महाराज को वैदिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जिन्हें लाल ग्रह और युद्ध के देवता के नाम से भी जाना जाता है। अब यह जल्द ही अपनी राशि में परिवर्तन करने जा रहे हैं। यह बात हम भली-भांति जानते हैं कि मंगल ग्रह की चाल, स्थिति या राशि में होने वाला बदलाव राशियों सहित पूरे संसार को प्रभावित करता है। ऐसे में, इस लेख में हम आपको मंगल गोचर के साथ-साथ मनुष्य जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में भी बताएंगे। यदि आपकी कुंडली में मंगल कमज़ोर हैं, तो आप कैसे स्वयं को गोचर के नकारात्मक प्रभाव से बचा सकते हैं? इस बारे में भी हम विस्तार से बात करेंगे। 

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सिर्फ इतना ही नहीं, मंगल महाराज की कुंडली में स्थिति मनुष्य जीवन को कैसे प्रभावित करती है? किस तरह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में परिणाम देती है? इस बारे में भी हम विस्तार से चर्चा करेंगे। बता दें कि मंगल का सिंह राशि में गोचर का यह लेख विशेष रूप से हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा मंगल ग्रह और अन्य ग्रहों की स्थिति के आधार पर तैयार किया गया है जिससे आप मंगल गोचर से शुभ परिणाम प्राप्त कर सकें। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मंगल गोचर के बारे में सब कुछ विस्तार से। 

मंगल का सिंह राशि में गोचर: तिथि और समय 

ज्योतिष की दुनिया में मंगल देव साहस, पराक्रम और सेना के कारक ग्रह माने गए हैं। यह हर 45 दिनों के बाद अपनी राशि में बदलाव करते हैं और इसी क्रम में, अब यह 07 जून 2025 की रात 01 बजकर 33 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि मंगल देव उग्र स्वभाव के ग्रह हैं जो अब कर्क राशि से निकलकर सूर्य देव की राशि में जा रहे हैं। सूर्य देव और मंगल ग्रह दोनों को उग्र ग्रह माना जाता है और ऐसे में, मंगल का सिंह राशि में गोचर जातकों को अच्छे परिणाम दे सकता है। 

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सिंह राशि में होगी मंगल-केतु की युति 

मंगल महाराज जब सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे, तब वहां पहले से केतु देव मौजूद होंगे। बता दें कि केतु सिंह राशि में 18 मई 2025 से विराजमान हैं और अब यह अगले एक साल यही रहेंगे। ऐसे में, मंगल और केतु दोनों ग्रह एक साथ सिंह राशि में युति का निर्माण करेंगे जिसे बेहद खतरनाक माना जाएगा। इसका असर दुनिया पर नकारात्मक रूप से दिखाई दे सकता है और ऐसे में, देश-दुनिया में युद्ध और हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही, राष्ट्रीय स्तर पर भी तनाव में वृद्धि देखने को मिल सकती है। इस राशि में मंगल ग्रह 45 दिनों तक रहेंगे और इस प्रकार, केतु और मंगल की युति का प्रभाव संसार पर बना रहेगा। 

सिंह राशि में मंगल ग्रह का प्रभाव 

मंगल उग्र स्वभाव के ग्रह हैं और इनका यह गोचर सिंह राशि में होगा जिसके अधिपति देव सूर्य हैं। यह भी मंगल की तरह उग्र ग्रह हैं। ऐसे में, जिन जातकों का जन्म सिंह राशि में मंगल के तहत होता है, इन लोगों पर सबकी नज़रें बनी रहती हैं और यह अपने आकर्षण से दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। 

सिंह राशि में मंगल के अंतर्गत जन्म लेने वाले जातकों की रुचि राजनीति, व्यापार, मनोरंजन और कला से संबंधित क्षेत्रों में होती है। इन क्षेत्रों से जुड़ना आपके लिए फलदायी साबित होता है। लेकिन, इन लोगों को थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता होती है क्योंकि इनकी लोकप्रियता कभी-कभी इनके लिए मुसीबत बन सकती है। ऐसे में, यह जातक अहंकारी और गुस्सैल बन सकते हैं।

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ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व 

वैदिक ज्योतिष में मंगल देव को महत्वपूर्ण माना जाता है जो उग्र स्वभाव के पुरुष ग्रह हैं। यह ऊर्जा, सेना, पराक्रम, भाई, भूमि, शक्ति और साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंगल ग्रह व्यक्ति के भीतर प्रेरणा, दृढ़ संकल्प और जुनून को दर्शाता है। साथ ही, एक इंसान अपने जीवन के लक्ष्यों को कैसे हासिल करता है और वह अपने कार्य कैसे करते हैं? आपकी शारीरिक ऊर्जा का स्तर क्या है? इसके अलावा, यह व्यक्ति में क्रोध और आक्रामकता को भी नियंत्रित करते हैं। राशि चक्र में मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि पर आधिपत्य प्राप्त है। यह मकर राशि में उच्च अवस्था में होते हैं और इनकी नीच राशि कर्क है। सभी 27 नक्षत्रों में मंगल देव चित्रा, धनिष्ठा और मृगशिरा नक्षत्र के अधिपति देव हैं। 

धार्मिक दृष्टि से मंगल ग्रह 

धार्मिक दृष्टि से मंगल ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है और इन्हें सप्ताह में मंगलवार का दिन समर्पित है। यह दिन नए काम को शुरू करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। शायद ही आप जानते होंगे कि ‘मंगल’ ग्रह के नाम पर ही मंगलवार का नाम रखा गया है। साथ ही, हनुमान जी के पूजन से भी मंगल देव प्रसन्न होते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मंगल ग्रह पृथ्वी के पुत्र कहे गए हैं इसलिए इन्हें भौम पुत्र के नाम से भी जाना जाता है। शिव पुराण में वर्णन मिलता है कि भगवान शिव की पसीने की बूंद से मंगल देव का जन्म हुआ था और इसके पश्चात, मंगल ग्रह आकाश में देवता के रूप में स्थापित हो गए थे। 

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कमज़ोर मंगल होने के संकेत 

किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल देव कमज़ोर होते हैं, तो जातक को अपने जीवन में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जो इस प्रकार हैं:

  • कुंडली में मंगल कमजोर होने पर जातक के विवाह में देरी होती है। साथ ही, रिश्ते की बात बनते-बनते टूट जाना और शादी-विवाह में समस्याएं पैदा होने लगती हैं। 
  • कुंडली में मंगल कमजोर होने पर जातक का स्वास्थ्य नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। ऐसे में, वह ज्यादातर समय थकान महसूस करता है और किसी भी काम में मन नहीं लगता है। पाचन के साथ-साथ हर दूसरे दिन आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करती रहती हैं।
  • मंगल के दुर्बल होने पर जातक को भावनात्मक रूप से उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।  ऐसे में, आपको तनाव या अवसाद जैसी समस्या बनी रह सकती है। 
  • ऐसा माना जाता है कि मंगल के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति को आंखों, फोड़े-फुंसी, पथरी और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या घेर सकती है।
  • जब मंगल ग्रह पीड़ित होते हैं, तो जातक के जीवन में आर्थिक समस्याओं में वृद्धि होती है जिसके चलते आपको कर्ज़ और जमीन-जायदाद से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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मंगल का सिंह राशि में गोचर: सरल और प्रभावी प्रभाव 

हनुमान पूजा

कुंडली में उपस्थित मंगल दोष की शांति के लिए भगवान हनुमानजी की पूजा सबसे सरल और प्रभावित उपाय है। मंगलवार के दिन सुबह स्नान करके हनुमान मंदिर जाएं और उन्हें लाल फूल, सिंदूर और चमेली के तेल का चोला चढ़ाएं। आप “ॐ हनुमंते नमः” मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। 

लाल रंग की वस्तुओं का दान

मंगल देव से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए मंगलवार के दिन लाल रंग की वस्तुओं जैसे कि मसूर की दाल, लाल वस्त्र, तांबे का बर्तन, लाल चंदन और गुड़ आदि का दान करना फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से मंगल ग्रह प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

मंगल ग्रह के लिए मंत्र जाप

मंगल ग्रह को मज़बूत करने के लिए मंगल देव से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंगलवार के दिन आप “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का चंदन की माला से 108 बार जाप करें। ऐसा करने से मंगल ग्रह की ऊर्जा संतुलित होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। 

मंगल यंत्र की स्थापना एवं पूजा 

कुंडली से मंगल दोष के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए मंगलवार के दिन घर के पूजा स्थान पर शुभ मुहूर्त में मंगल यंत्र की स्थापना करें। रोज़ाना सुबह मंगल यंत्र की पूजा करें और मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप करें। 

मंगलवार का व्रत करें 

मंगल ग्रह को बलवान करने के लिए मंगलवार के दिन व्रत करें और इस दौरान नमक का सेवन न करें और फलाहार करें। साथ ही, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण करें। 

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मंगल का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि

मंगल आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके … (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

मंगल आपकी कुंडली में सातवें तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। वर्तमान समय में … (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मंगल आपकी कुंडली में छठे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके … (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

वैसे तो मंगल आपके हितैषी ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष की भाषा में इस योगकारक ग्रह कहा… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

मंगल आपकी कुंडली में भाग्य भाव तथा चतुर्थ भाव के स्वामी होने के कारण… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह … (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके …(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

मंगल आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी होते हैं  और …(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

मंगल आपकी कुंडली में पांचवें तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में … (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मंगल आपकी कुंडली में चौथे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं। वर्तमान में मंगल … (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में मंगल आपके…(विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मंगल का सिंह राशि में गोचर कब होगा?

मंगल ग्रह 07 जून 2025 को सिंह राशि में गोचर करेंगे। 

सिंह राशि का स्वामी कौन है?

ज्योतिष में सिंह राशि के अधिपति देव सूर्य ग्रह हैं। 

राहु और मंगल की युति से कौन सा योग बनता है?

ज्योतिष शास्त्र में मंगल और राहु की युति से अंगारक योग बनता है।  

स्वराशि में बुध का गोचर, इन राशियों को दिलाएगा करियर-व्यापार में ख़ूब तरक्की; लाभ के भी बनेंगे योग!

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बुध का मिथुन राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में बुध महाराज को “ग्रहों के युवराज” का दर्जा प्राप्त है जो कि बुद्धि, वाणी, तर्क, संचार कौशल और व्यापार के कारक माने गए हैं। इन्हें सभी 12 राशियों में कन्या और मिथुन राशि का स्वामित्व प्राप्त है। ऐसा कहा जाता है कि यदि कुंडली में बुध ग्रह शुभ या बलवान स्थिति में होते हैं, तो जातक अपनी बुद्धि का इस्तेमाल सही दिशा में करने में सक्षम होता है। ऐसे में, वह अपने हर कार्य में सफलता प्राप्त करता है। साथ ही, मज़बूत बुध वाले व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति और सुख-सुविधाओं से पूर्ण जीवन का आशीर्वाद मिलता है। वहीं, जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होते हैं, उनकी निर्णय लेने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। ऐसे में, बुध देव का राशि परिवर्तन महत्वपूर्ण माना जाता है जो अब जल्द ही मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 

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बता दें कि बुध ग्रह का मिथुन राशि में गोचर मनुष्य जीवन को विशेष रूप से प्रभावित करेगा। ऐसे में, आपके मन में भी इस गोचर को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि क्या यह राशि परिवर्तन आपके करियर-व्यापार के लिए शुभ रहेगा? क्या आपकी आर्थिक स्थिति होगी मज़बूत या परेशान करेंगी धन से जुड़ी समस्याएं? किन राशियों के लिए शुभ और किन राशियों के लिए अशुभ रहेगा यह गोचर? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे “बुध गोचर” के इस ब्लॉग में प्राप्त होंगे। तो आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुध गोचर के बारे में सब कुछ। 

बुध का मिथुन राशि में गोचर: तिथि और समय 

ज्योतिष में बुध ग्रह को तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है और यह सूर्य के सबसे करीब स्थित है इसलिए यह समय-समय पर अस्त होते रहते हैं। हालांकि, बुध महाराज का गोचर हर 23 से 27 दिन के बाद होता है जो अब 06 जून 2025 की सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। बता दें कि मिथुन राशि के स्वामी बुध महाराज ही हैं और ऐसे में, इनका गोचर अपनी ही राशि में होगा। इस प्रकार, बुध का मिथुन राशि में गोचर ज्यादातर राशियों को शुभ परिणाम दे सकता है, लेकिन फिर भी कुछ राशियों को इस दौरान सतर्क रहना होगा।

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बुध का मिथुन राशि में गोचर: युति और राजयोग  

जब कोई ग्रह अपना राशि परिवर्तन करता है, तब ग्रहों की स्थिति के आधार पर कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है। इसी क्रम में, बुध महाराज अपनी राशि में बदलाव करते हुए मिथुन राशि में गोचर करेंगे, उस समय वहां बृहस्पति देव पहले से विराजमान होंगे। इसके परिणामस्वरूप, बुध और गुरु ग्रह मिथुन राशि में युति का निर्माण करेंगे। बता दें कि ज्योतिष में बुध को बुद्धि और गुरु को ज्ञान का कारक ग्रह माना जाता है। इन दोनों ग्रहों के संबंध तटस्थ हैं और ऐसे में, मिथुन राशि में बुध और गुरु के एक साथ होने से यह जातक की बुद्धि को मज़बूत बनाएंगे। लेकिन, इनका प्रभाव आपके जीवन पर कैसा होगा, यह पूर्ण रूप से कुंडली में बुध और बृहस्पति ग्रह की स्थिति पर निर्भर करता है। 

बुधादित्य योग: बुध के मिथुन राशि में प्रवेश के कुछ समय बाद सूर्य महाराज भी इस राशि में आ जाएंगे। ऐसे में, बुध और सूर्य की युति से बेहद शुभ माने जाने वाले बुधादित्य योग का निर्माण होगा। हालांकि, इस योग का निर्माण 15 जून 2025 को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ होगा। इसके अलावा, सूर्य गोचर के साथ ही मिथुन राशि में बुध, सूर्य और गुरु ग्रह के एक साथ होने से त्रिग्रही योग भी बनेगा। 

आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुध मिथुन राशि में कैसे प्रभाव देते हैं।

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बुध का मिथुन राशि में प्रभाव

  • जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि मिथुन राशि के अधिपति देव बुध महाराज हैं इसलिए इनकी स्थिति को मिथुन राशि में बेहद शक्तिशाली माना जाता है। 
  • बुध ग्रह की यह स्थिति जातक को बुद्धिमान, प्रभावी संचार कौशल और बहुमुखी प्रतिभा वाला बनाती है। 
  • ऐसे जातक पेशेवर जीवन के साथ-साथ निजी जीवन में भी अपनी चमक बिखेरते हैं। वाणी के कारक ग्रह के रूप में बुध आपको शब्दों का सही इस्तेमाल करने का गुण प्रदान करते हैं। 
  • इसके अलावा, बुध मिथुन राशि के तहत पैदा होने वाले जातकों की रुचि उन क्षेत्रों में होती है जिसमें वाणी और संचार कौशल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  • आपको नई-नई चीज़ें सीखना पसंद हो सकता है, लेकिन आप ज्यादा देर तक एक ही काम को लगातार नहीं कर सकते हैं। 
  • कुंडली में मिथुन राशि में बुध के तहत पैदा होने वाले लोग मल्टी टैलेंटेड होते हैं। ऐसे में, यह एक समय पर एक साथ कई कामों को कर सकते हैं। 
  • ऐसे जातकों की सोच-विचार करने की क्षमता बहुत मज़बूत होती है इसलिए यह चीज़ों या बातों को जल्द ही स्वीकार लेते हैं। साथ ही, इन्हें अपने नज़रिये में बदलाव करने में ज्यादा समय नहीं लगता है। 

यहाँ हमने आपको बुध के मिथुन राशि में प्रभावों से अवगत करवाया है। अब हम जानेंगे बुध ग्रह से बनने वाले अशुभ योगों के बारे में। 

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बुध ग्रह से बनने वाले अशुभ योग 

ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध देव शत्रु ग्रह के साथ युति करते हैं या फिर अपनी दृष्टि डालते हैं, तब अशुभ योग बनता है। बुध ग्रह से बनने वाले अशुभ योगों के नाम इस प्रकार हैं:

बुध-शनि योग: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध और शनि देव एक साथ मौजूद होते हैं, तब बुध-शनि योग का निर्माण होता है। इस योग के नकारात्मक प्रभाव से जातक हद से ज्यादा विश्लेषणात्मक, दूसरों की आलोचना करने वाला बन सकता है या फिर आप तनाव या डिप्रेशन में आ सकते हैं। 

बुध ग्रह दोष: कुंडली में बुध ग्रह दोष उस समय बनता है जब बुध महाराज शनि, राहु या मंगल जैसे पापी ग्रहों के साथ बैठे होते हैं या फिर इन ग्रहों की बुध पर दृष्टि होती है। यह अशुभ योग जातक के जीवन में संचार, शिक्षा और व्यापार से जुड़ी समस्या लेकर आता है। 

अब हम बात करेंगे कि कुंडली में बुध की अशुभ स्थिति को आप कैसे पहचान सकते हैं। 

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कुंडली में बुध कमज़ोर होने पर दिखते हैं ये 8 लक्षण 

  1. गलत निर्णय: कुंडली में दुर्बल बुध होने पर व्यक्ति सही निर्णय लेने में असमर्थ होता है। ऐसे में, आप गलत निर्णय ले सकते हैं। 
  2. कमजोर याददाश्त: अशुभ बुध होने पर व्यक्ति बातें भूलने लगता है और काम में ध्यान नहीं लगता है।
  3. बोलने में समस्या: जातक का बुध कमजोर होने पर वाणी से जुड़ी समस्या परेशान करने लगती है।
  4. तनाव या चिंता: अशुभ बुध के प्रभाव से जातक किसी बात को लेकर तनाव या चिंता में आ जाता है। 
  5. व्यापार में हानि: व्यापार के कारक ग्रह होने के नाते बुध की कमज़ोर अवस्था व्यापार में हानि का कारण बनती है और आपको बिज़नेस में बार-बार नुकसान होता है। 
  6. त्वचा एवं नस संबंधित समस्या: अशुभ बुध की वजह से व्यक्ति को त्वचा से जुड़ी एलर्जी और  हाथ-पैर सुन्न होना जैसी समस्याएं रह सकती हैं। 
  7. दूसरों से बातचीत में समस्या: जातक निर्बल बुध के प्रभाव के कारण अपनी बातें दूसरों के सामने सही से रख नहीं पाता है इसलिए गलतफहमी होना, अपनी बात न समझा पाना आदि जैसी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। 
  8. शिक्षा में रुकावट: व्यक्ति का मन पढ़ाई से हट जाता है और विषय समझने में भी कठिनाई का अनुभव होता है। 

बुध का मिथुन राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय

  • प्रतिदिन या बुधवार के दिन बुध ग्रह के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का जाप करें।  संभव हो, तो बुधवार के दिन व्रत करें और आप इस व्रत का आरंभ शुक्ल पक्ष के बुधवार से कर सकते हैं। इस दिन हरे कपड़े धारण करें या फिर हरे चने का सेवन करें। 
  • बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े, हरी सब्जियां और हरी चूड़ियां आदि का दान करें। 
  • बुध से शुभ परिणामों के लिए बुधवार के दिन दूर्वा (हरी घास), पान आदि चीज़ें भगवान गणेश को समर्पित करें। 
  • बुधवार के दिन पन्ना रत्न धारण करना फलदायी रहेगा। इस रत्न को आप बुधवार के दिन चांदी या सोने की अंगूठी में जड़वाकर छोटी उंगली में धारण करें। लेकिन, ऐसा करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य करें। 

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बुध का मिथुन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि

बुध आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी होकर आपके तीसरे भाव में जा रहें हैं। वैसे… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

बुध आपकी लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के भी… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बुध का … (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

बुध आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के…(विस्तार से पढ़ें)

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

तुला राशि

बुध आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में बुध का…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

बुध आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

बुध आपकी कुंडली में सातवें तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

बुध आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में बुध… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

बुध आपकी कुंडली में पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी होकर आपके पंचम… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

बुध आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान… (विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बुध का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?

वाणी और संचार के ग्रह बुध 06 जून 2025 को वृषभ राशि से निकलकर अपनी राशि मिथुन में गोचर कर जाएंगे। 

मिथुन राशि वालों का स्वभाव कैसा होता है? 

मिथुन राशि के जातक बुद्धिमान, प्यारे और बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। 

ज्योतिष में ग्रहों के युवराज किसे कहा जाता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध ग्रह को नवग्रहों के युवराज का दर्जा प्राप्त है।

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कुंडली में बनने वाला बेहद खतरनाक योग होता है केंद्राधिपति दोष, जानें इसका प्रभाव और उपाय!

कुंडली में बनने वाला बेहद खतरनाक योग होता है केंद्राधिपति दोष, जानें इसका प्रभाव और उपाय!

बुध गोचर 2025: एस्ट्रोसेज एआई हमेशा से अपने पाठकों के लिए ज्योतिष की दुनिया में होने वाली छोटी से छोटी घटनाओं के बारे में आपको अपने ब्लॉग के माध्यम से अवगत करवाता रहा है ताकि आपको ज्योतिष में होने वाली हर घटना की जानकारी प्राप्त हो सके। बुध ग्रह और गुरु ग्रह 06 जून 2025 को मिथुन राशि में युति का निर्माण करेंगे और ऐसे में, इन दोनों ग्रहों की युति से केंद्राधिपति दोष का निर्माण होगा। आपके मन में अब यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि बुध जहां बुद्धि के कारक ग्रह हैं, वहीं गुरु को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, तो इन दोनों की युति से दोष का निर्माण कैसे हो सकता है? आपको अपने सभी सवालों के जवाब हमारे इस लेख के द्वारा प्राप्त होंगे। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस दोष के बारे में सब कुछ। 

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वैदिक ज्योतिष में बनने वाले एक योग को केंद्राधिपति दोष के नाम से जाना जाता है जो कुंडली में उस समय बनता है जब दो बेहद शुभ माने जाने वाले ग्रह बुध और गुरु केंद्र भाव में विराजमान होते हैं, विशेष रूप से यह दोनों ग्रह एक-दूसरे के लग्नों में बैठे हों, तब इस दोष का निर्माण करते हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो, लग्न भाव से पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में उपस्थित होते हैं। अब यह आपके केंद्र भाव को भी नियंत्रित कर रहे हैं इसलिए इन ग्रहों के स्वभाव में कुछ परिवर्तन नज़र आ सकते हैं। कुंडली में केंद्राधिपति दोष उपस्थित होने पर आपको प्रभावित भाव की वजह से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कई तरह की समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दोष के प्रभाव इस बात पर निर्भर करते हैं कि यह दोनों ग्रह कुंडली में कौन से ग्रह के साथ उपस्थित हैं और कहां स्थित है।

ज्योतिष में बुध और गुरु की युति का सकारात्मक प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह का संबंध वाणी और संचार कौशल से माना गया है। साथ ही, इन्हें बुद्धि का ग्रह भी कहा जाता है। ऐसे में, अब आप समझ गए होंगे कि बुध महाराज आपके मस्तिष्क का प्रतिनिधित्व करते हैं और चंद्रमा आपके मन के कारक ग्रह हैं। इस प्रकार, कुंडली में इन दोनों ग्रहों की स्थिति आपको तार्किक होकर सोचने-समझने की क्षमता प्रदान करती है। यह व्यक्ति का सेंस ऑफ ह्यूमर भी दर्शाता है। 

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दूसरी तरफ, ज्योतिष में गुरु ग्रह को ज्ञान का ग्रह माना जाता है जो आपके जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि लेकर आते हैं। आपकी कुंडली में इस ग्रह की मज़बूत स्थिति आपको जीवन में प्रगति और प्रसिद्धि देने का काम करती है। गुरु ग्रह या बृहस्पति देव आपको जीवन में सफलता के अधिक से अधिक अवसर प्रदान करते हैं ताकि आप अपने सपनों और इच्छाओं को पूरा कर सकें। यह आपके रिश्तों और आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाते हैं। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में यह दो महत्वपूर्ण ग्रह बुध और गुरु एक साथ होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन को हमेशा के लिए बदलने का सामर्थ्य रखते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में बुध और गुरु ग्रह की युति दर्शाती है कि जातक बेहद बुद्धिमान होता है और इनका संचार कौशल काफ़ी प्रभावी होता है। यह जातक अधिकतर ऐसे क्षेत्रों से जुड़े हो सकते हैं जिसमें विवादों का समाधान और दूसरों की मदद करने के लिए सलाह देना जैसे काम शामिल होते हैं। 

आइए अब नज़र डालते हैं बुध-गुरु की युति से होने वाले लाभों के बारे में

  • ऐसे जातकों को काम के सिलसिले में विदेश में अलग-अलग स्थानों की यात्रा करनी पड़ती है। साथ ही, इन लोगों को प्रगति और आगे बढ़ने के अनेक अवसर प्राप्त होते हैं। 
  • जातक का संचार कौशल यानी कि बातचीत करने का तरीका बहुत अच्छा होता है जिसके चलते यह लोग टीचर या प्रोफेसर के रूप में काम करते हुए दिखाई दे सकते हैं। साथ ही, कुंडली में अन्य ग्रहों का साथ मिलने पर यह लोग मोटिवेशनल स्पीकर भी बन सकते हैं। 
  • यह लोग बेहद रचनात्मक होते हैं इसलिए अपनी हर समस्या का हल ख़ोज लेते हैं। गुरु-बुध की युति वाले जातक जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी हंसी-मज़ाक के पल ढूंढ़ने में माहिर होते हैं। 
  • ऐसे लोग बहुत भाग्यशाली होते हैं इसलिए आप अक्सर देखेंगे कि इनको मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह जीवन में उच्च पद हासिल करने में सक्षम होते हैं। 

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केंद्राधिपति दोष और बुध-गुरु से जुड़ी पौराणिक कथा 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बुध और गुरु दोनों को ही लाभकारी ग्रह माना जाता है। लेकिन, जब यह केंद्र भाव को नियंत्रित करते हैं, तब यह अपनी कुछ शक्तियां खो देते हैं जिससे शुभ परिणाम नहीं दे पाते हैं। हालांकि, इन दोनों ग्रहों को फिर भी शुभ माना जाता है, लेकिन इनका प्रभाव कम हो जाता है। बता दें कि त्रिकोण भाव (पहला, पांचवां या नौवां) भाव में इन दोनों शुभ ग्रहों के होने पर केंद्राधिपति दोष नहीं बनता है क्योंकि इस स्थिति में राजयोग निर्मित बन रहा होता है। चलिए अब हम आपको अवगत करवाते हैं बुध और गुरु ग्रह से जुड़ी पौराणिक कथा से। 

हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित बुध ग्रह से जुड़ी कथा के अनुसार, गुरु ग्रह की पत्नी तारा और चंद्र देव के बीच प्रेम संबंधों के परिणामस्वरूप बुध ग्रह का जन्म हुआ था। बुध देव के बुद्धिमानी से प्रभावित होकर गुरु ग्रह ने क्रोधित होने के बावजूद भी बुध को अपने बेटे के रूप में स्वीकार कर लिया था। 

इस कथा में बुध की बुद्धिमानी और गुरु ग्रह के ज्ञान को दर्शाया गया है। इसके फलस्वरूप, यह दोनों ग्रह एक-दूसरे के लग्न में केंद्र भाव के स्वामी हैं जिससे केंद्राधिपति दोष का निर्माण होता है। सरल शब्दों में कहें तो, बुध के लग्न (मिथुन और कन्या राशि) में गुरु देव दो केंद्र भावों के स्वामी होते हैं। इसी प्रकार, बृहस्पति देव के लग्न (धनु और मीन) में बुध ग्रह को दो केंद्र भावों का स्वामित्व प्राप्त होता है। कुछ लोगों का मानना है कि बुध और गुरु ग्रह दोनों एक-दूसरे के शत्रु हैं जबकि कुछ का मत है कि इन दोनों ग्रहों के बीच तटस्थ संबंध है। हालांकि, कुंडली में जब कभी भी यह दोनों ग्रह एक साथ होते हैं, तब जातकों की बुद्धि और अंतर्ज्ञान की क्षमता में वृद्धि होती है। कुंडली में बुध-गुरु की युति की स्थिति के अनुसार, ऐसे जातक विचारों के स्पष्ट होते हैं और इनकी रुचि साहित्य तथा धर्मग्रंथों को पढ़ने में होती है। 

आइए अब मशहूर हस्तियों की कुंडली के माध्यम से समझते हैं केंद्राधिपति दोष के बारे में। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

बिपाशा बसु की कुंडली में केंद्राधिपति दोष का प्रभाव 

यहाँ हम आपको बिपाशा बसु की कुंडली के द्वारा केंद्राधिपति दोष के बारे में समझाने का प्रयास करते हैं। 

जैसे कि हम देख सकते हैं बिपाशा बसु की कुंडली मीन लग्न की है जिसके स्वामी बृहस्पति ग्रह हैं। इनकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी के रूप में बुध ग्रह केंद्र भाव में स्थित है। ऐसे में, बिपाशा बसु के दसवें भाव में केंद्राधिपति दोष बन रहा है। हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि वह एक दशक तक जॉन अब्राहम के साथ रिश्ते में थी और इनका रिश्ता उस समय टूटा जब सबको लगता था कि वह जॉन के साथ शादी कर लेंगी। कुछ समय बाद, उन्होंने एक्टर करण सिंह ग्रोवर से शादी कर ली जो अपने करियर में बिपाशा बसु की तुलना में उतने सफल नहीं रहे हैं। बता दें कि बिपाशा बसु के साथ करण सिंह ग्रोवर की यह तीसरी शादी थी।

बता दें कि बुध देव करियर और पेशेवर जीवन के भाव यानी कि दसवें भाव में केंद्राधिपति दोष को जन्म दे रहे हैं और हम इस बात से वाकिफ है कि शादी के बाद उनका करियर ज्यादा सफल नहीं रहा है। एक अभिनेत्री के रूप में बिपाशा ने एक साल में कई हिट फिल्में देने से लेकर हाथ में एक भी फिल्म न होने तक का सफर तय किया है। बिपाशा बसु की कुंडली में बुध महाराज दो पापी ग्रह सूर्य और मंगल के बीच फंसे हुए हैं। हालांकि, दसवें भाव का स्वामी गुरु ग्रह पांचवें भाव में उच्च अवस्था में हैं जो कि पूर्व पुण्य का भाव है। दूसरी तरफ, ग्यारहवें भाव के स्वामी शनि देव प्रतियोगिता के भाव (छठे भाव) में राहु ग्रह के साथ युति कर रहे हैं। छठे भाव में पापी ग्रहों का साथ होना शुभ माना जाता है। ग्रहों की इन युतियों की सहायता से बिपाशा जीवन में प्रसिद्धि का आनंद लेने में सफल रही है, लेकिन बुध ग्रह के केंद्राधिपति दोष बनाने के कारण निश्चित रूप से उनका करियर और निजी जीवन दोनों प्रभावित हुआ है।

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केंद्राधिपति दोष 2025: इन राशियों को करेगा नकारात्मक रूप से प्रभावित  

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए गुरु ग्रह आपके लग्न भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह गोचर करके आपके सातवें भाव में जा रहे हैं। मान्यताओं के अनुसार, सातवें भाव में गुरु देव की मौजूदगी सामान्य रूप से सुखी और खुशहाल विवाह का प्रतिनिधित्व करती है। लेकिन अगर गुरु ग्रह केंद्राधिपति दोष का निर्माण कर रहे हैं, तब ये ऐसा प्रभाव नहीं देते हैं। कुंडली में गुरु देव की स्थिति व्यापार में या अन्य पहलुओं में अस्थिर और समस्याओं से भरी पार्टनरशिप को दर्शाती है। हालांकि, कुंडली में ग्रहों की स्थिति या अन्य पहलुओं पर गौर करना भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह आपको कार्यों में मिलने वाले परिणामों को प्रभावित कर सकती है। 

भाव-भावम नियम के अनुसार, सातवें भाव को कर्म भाव के नाम से भी जाना जाता है जो भौतिक इच्छाओं का प्रतीक माना जाता है। इस प्रकार, जब किसी साधु को प्रेम, विवाह और साझेदारी के भाव में और बुध की राशि में स्थान दिया जाता है, तब वह निजी जीवन के साथ-साथ व्यापार साझेदारियों को बिगाड़ने का काम कर सकता है।

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मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए गुरु देव आपके दसवें भाव में केंद्राधिपति दोष का निर्माण कर रहे हैं। इस स्थिति को ज्यादा शुभ नहीं कहा जा सकता है। मीन राशि वालों के लिए गुरु महाराज दोनों केंद्र भावों (पहला और चौथा) के स्वामी हैं जो अब मिथुन राशि में दसवें भाव में मौजूद होंगे। ऐसे में, इस ग्रह के शुभ प्रभावों में कमी आ सकती है और सकारात्मक परिणामों में गिरावट नज़र आ सकती है। हालांकि, यह जातक सिद्धांतों पर चलना पसंद करते हैं, ज्ञान एवं शिक्षा प्राप्ति में गहरी रुचि रखते हैं और बुद्धिमानी से कामयाबी हासिल करने में विश्वास करते हैं इसलिए यह आपको शिक्षा या रिसर्च के क्षेत्र में सफलता के मार्ग पर लेकर जा सकते हैं। लेकिन, यह उपलब्धियां आपके पास धीमी रफ़्तार से आ सकती है और ऐसे में, आपको सफलता मिलने में भी देरी का सामना करना पड़ सकता है। 

इन लोगों को किसी ऐसे प्रोफाइल पर काम करने के लिए मज़बूर होना पड़ सकता है जिसके लिए यह ओवर-क्वालिफाइड हो सकते हैं। संभव है कि आप अपने करियर में उतने प्रसिद्ध न हों, जितना आप सोचते हैं। यदि कुंडली के दसवें भाव में गुरु महाराज की स्थिति मज़बूत होती है, तो कंपनी और आसपास के लोग आपके महत्व को समझते हैं, लेकिन फिलहाल अभी आप किसी परिणाम की आस न लगाएं। हालांकि, आप एक ईमानदार इंसान होंगे जो धर्म-कर्म के कार्यों में हिस्सा लेते हुए नज़र आ सकते हैं। 

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केंद्राधिपति दोष से राहत के लिए करें ये उपाय 

  • गुरु ग्रह के बीज मंत्र “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” का प्रतिदिन 108  बार जाप करें।
  • विशेष ग्रह से जुड़े देवी-देवता को फूल, मिठाई या विशेष वस्तुएं अर्पित करें। इस उपाय को करना आपके लिए फलदायी साबित होगा। 
  • गरीबों को मिठाई और पीले वस्त्रों का दान करें।     

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. किन दो ग्रहों की युति से केंद्राधिपति योग का निर्माण होता है?

केंद्राधिपति योग गुरु और बुध ग्रह से बनता है।

2. वर्तमान समय में गुरु ग्रह किस राशि में गोचर कर रहे हैं?

गुरु देव इस समय मिथुन राशि में उपस्थित हैं।

3. मिथुन राशि का स्वामी कौन है?

राशि चक्र में मिथुन राशि के अधिपति देव बुध ग्रह को माना जाता है। 

शुभ योग में मनाया जाएगा गंगा दशहरा 2025 का पर्व; स्नान, दान से मिलेगा दस गुना फल!

शुभ योग में मनाया जाएगा गंगा दशहरा 2025 का पर्व; स्नान, दान से मिलेगा दस गुना फल!

सनातन धर्म में गंगा दशहरा एक पवित्र त्योहार है, जो मां गंगा के धरती पर अवतरण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा मैया स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं ताकि लोगों के पाप धुल सकें और उन्हें मोक्ष का मार्ग मिल सके। यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। गंगा दशहरा पर स्नान करने का बहुत अधिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान, दान और जप करने से दस प्रकार के पाप नष्ट होते हैं, इसलिए इसे ‘दशहरा’ कहा जाता है। 

उत्तर भारत में खासतौर पर इस दिन गंगा घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते हैं और पुण्य कमाते हैं। यह दिन शांति, पवित्रता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है। एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में हम गंगा दशहरा 2025 व्रत के बारे में सब कुछ जानेंगे, साथ ही इसके महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और कुछ उपायों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। तो चलिए बिना किसी देरी के अपने ब्लॉग की शुरुआत करते हैं।

गंगा दशहरा 2025: तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, 04 जून की देर रात 11 बजकर 56 मिनट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 06 जून की मध्यरात्रि 02 बजकर 18 मिनट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके अनुसार, 05 जून को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।

गंगा दशहरा 2025 पर बन रहे हैं शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सिद्धि योग सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है। इसके साथ ही रवि योग भी बन रहा है। रवि योग पूरे  दिन भर है। इस योग में गंगा स्नान करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा। वहीं, गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र का संयोग रात भर है। जबकि तैतिल करण दोपहर 01 बजकर 02 मिनट तक है। इसके बाद गर करण का योग बन रहा है, जो देर रात 02 बजकर 15 मिनट तक है। 

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गंगा दशहरा 2025 का महत्व

गंगा दशहरा का महत्व हिंदू धर्म में बेहद खास है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, ताकि मनुष्य का उद्धार हो सके और लोगों को मोक्ष मिल सके। यही वजह है कि गंगा नदी को सिर्फ जलधारा नहीं, बल्कि जीवनदायिनी देवी भी माना जाता है। गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से व्यक्ति के दस प्रकार के पाप नष्ट होते हैं। इस दिन को पापों के प्रायश्चित और आत्म शुद्धि के लिए बेहद शुभ माना जाता है। खासकर इस दिन गंगा में स्नान, दान और व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के दोष दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है।

जो लोग गंगा के किनारे नहीं पहुंच सकते, वे घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करके पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। गंगा दशहरा का महत्व सिर्फ स्नान और दान में नहीं, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो गंगा नदी के अवतरण की याद दिलाता है और दान-पुण्य तथा गंगा की पूजा के माध्यम से आध्यात्मिक और सामाजिक लाभ प्रदान करता है।

गंगा दशहरा पर करें इस विधि से पूजन

  • इस दिन सुबह जल्दी उठें और शुद्ध जल या गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय गंगा माता का ध्यान करें और पापों से मुक्ति की प्रार्थना करें।
  • इसके बाद व्रत और पूजन का संकल्प लें।
  • मंदिर में गंगा माता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पास में कलश में गंगाजल भरें और उस पर आम या अशोक के पत्ते रखें।
  • गंगा माता को अक्षत यानी चावल, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। माता को सफेद फूल चढ़ाना विशेष फलदायी माना जाता है।
  • गंगा माता का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जप करें: “ॐ नमः शिवाय ऐं ह्रीं श्रीं गंगायै नमः” या “पापनाशिनी गंगे पुण्यदा फलदायिनी। धर्मकांडे मम सदा स्थित्वं कुरु नमोऽस्तुते॥”
  • इस दिन पितरों के निमित्त जल तर्पण करें। साथ ही, गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, पंखा, शरबत, छाता आदि का दान करें।
  • व्रत करने वाले व्यक्ति को दिनभर फलाहार ही करना चाहिए और शाम को गंगा माता की आरती के बाद भोजन ग्रहण करना चाहिए। 

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गंगा दशहरा पर जरूर पढ़ें व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए गंगा माता को पृथ्वी पर लाने का कठिन संकल्प लिया। उनके पूर्वजों को श्राप वश मोक्ष नहीं मिल पा रहा था और उनकी आत्माएं भटक रही थीं। भागीरथ जी ने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की। प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने गंगा जी को पृथ्वी पर भेजने का वचन दिया, लेकिन यह भी कहा कि गंगा की तेज धारा को सहन करने में पृथ्वी असमर्थ है। इसलिए भगवान शिव ही इसे अपनी जटाओं में रोक सकते हैं।

तब भागीरथ जी ने शिवजी की भी कठोर तपस्या की। महादेव ने प्रसन्न होकर गंगा को अपनी जटाओं में समाहित कर लिया और धीरे-धीरे पृथ्वी पर प्रवाहित किया। जिस दिन गंगा जी स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुईं, वह दिन गंगा दशहरा कहलाया। इस दिन गंगा जल के स्पर्श मात्र से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गंगा दशहरा का अर्थ

कहा जाता है कि गंगा जी के अवतरण के समय दस प्रकार के पापों का नाश हुआ, इसलिए इसे दशहरा कहा जाता है। ‘दश’ का अर्थ दस और ‘हरा’ का अर्थ नाश करना। ये दस पाप तीन शारीरिक, चार वाचिक और तीन मानसिक माने जाते हैं। गंगा माता केवल जलधारा नहीं हैं, बल्कि साक्षात मोक्षदायिनी देवी हैं। उनके जल में स्नान करने से मनुष्य के समस्त पाप धुल जाते हैं और जन्म-जन्मांतर के बंधन समाप्त हो जाते हैं। इसलिए इस दिन गंगा स्नान, दान, तर्पण और व्रत का विशेष महत्व है। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर स्नान करने से व्यक्ति को वही पुण्य प्राप्त होता है, जो वर्षों तक तीर्थ यात्रा करने से मिलता है। यही कारण है कि इस दिन हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज और गंगोत्री जैसे पवित्र स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। 

गंगा दशहरा पर जरूर करें ये आसान उपाय

गंगा दशहरा के दिन कुछ उपाय हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं उन आसान उपायों के बारे में।

गंगा जल से करें स्नान

इस विशेष दिन यदि संभव हो तो गंगा नदी में स्नान करें, अन्यथा घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इससे दस प्रकार के पापों का नाश होता है और जीवन में शुद्धता आती है।

घर पर गंगाजल का छिड़काव करें

घर के हर कोने में गंगाजल छिड़कें। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में शांति व समृद्धि लाता है।

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पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं

गंगा दशहरा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाकर कम से कम 7 या 11 बार परिक्रमा करें। इससे पितृ दोष और ग्रह बाधा की समस्या से छुटकारा मिलता है।

दस प्रकार का दान करें

इस दिन दान का विशेष महत्व है। अन्न, जल, वस्त्र, छाता, जूते, फल, गुड़, धन, चावल और तिल इन दस वस्तुओं का दान इस दिन जरूर करें।

मां गंगा का ध्यान करें

गंगा दशहरा पर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र और “ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु॥” का कम से कम 108 बार जप अवश्य करें।

नीला वस्त्र और सफेद फूल चढ़ाएं

गंगा दशहरा के दिन मां गंगा को नीले वस्त्र और सफेद फूल अर्पित करें। इससे शांति और सुख-समृद्धि बढ़ती है।

कर्ज मुक्ति के लिए उपाय

इस दिन बहते जल में नारियल और बताशे प्रवाहित करें। इससे कर्ज और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।

रोग निवारण के लिए उपाय

गंगा जल में तुलसी पत्ता डालकर सेवन करें। यह रोगों से रक्षा करता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भरता है।

विवाह बाधा दूर करने के लिए

कन्याएं इस दिन गंगाजल से स्नान करके शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और मां गंगा से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें।

संतान प्राप्ति के लिए

संतान सुख की प्राप्ति के लिए इस दिन विशेष उपाय करना चाहिए। गंगा दशहरा के दिन दंपत्ति को गंगा जल में स्नान करके मां गंगा को दूध और चावल अर्पित करना चाहिए।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1. गंगा दशहरा 2025 का व्रत कब है?

05 जून को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।

2. गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है?

मान्यता है कि इस दिन गंगा मैया स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं ताकि लोगों के पाप धुल सके और उन्हें मोक्ष का मार्ग मिल सके।

3. दशहरा पर क्या दान करना चाहिए?

गंगा दशहरा पर जल, अन्न आदि चीज़ों का दान करना फलदायी होता है।