बुध करेंगे कन्या राशि में प्रवेश, भद्र राजयोग का प्रभाव इन राशियों को दिलाएगा धनलाभ!
एस्ट्रोसेज एआई हमेशा यही कोशिश करता है कि हर नए ब्लॉग के साथ आपको ज्योतिष से जुड़ी ताजा और सबसे जरूरी जानकारी दी जाए, ताकि आप ज्योतिष की रहस्यमयी दुनिया की हर बड़ी घटना से जुड़े रहें। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे भद्र राजयोग योग की जो कन्या राशि में बुध के गोचर से बनने जा रहा है। इसके अलावा, यह योग किस राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगा यह भी इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे। बता दें कि यह विशेष योग 15 सितंबर 2025 की सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर बनने वाला है।
भद्र योग ज्योतिष में पंच महापुरुष योगों में से एक बहुत ही शुभ योग होता है, जो बुध ग्रह के गोचर से बनता है। जब यह योग कुंडली में मजबूत स्थिति में बनता है, तो व्यक्ति को यह बुद्धिमत्ता, प्रभावशाली वाणी, प्रसिद्धि और भौतिक समृद्धि प्रदान करता है। इस योग के प्रभाव से जातक तेज दिमाग वाला, समझदार, बातचीत में माहिर और सामाजिक रूप से प्रतिष्ठित होता है। साथ ही जीवन में धन और सुख-सुविधाओं की कमी भी नहीं रहती।
भद्र राजयोग क्या है?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, भद्र योग तब बनता है, जब बुध ग्रह जन्म कुंडली के किसी केंद्र भाव (पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव) में स्थित हो और वह या तो उच्च का (कन्या राशि में) हो या स्वराशि (मिथुन या कन्या) में हो। जब यह स्थिति बनती है, तो कुंडली में भद्र योग का निर्माण होता है, जो पंच महापुरुष योगों में से एक माना जाता है और बहुत शुभ योग होता है। इस योग वाले लोग आमतौर पर तेज दिमाग वाले, बोलने में निपुण और बुद्धिमान होते हैं। उन्हें व्यापार, शिक्षा या बौद्धिक कार्यों में विशेष सफलता प्राप्त होती है। ऐसे लोग समाज में अक्सर पहचान, सम्मान और सफलता हासिल करते हैं।
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कन्या राशि में भद्र योग: प्रभाव और फल
जिन लोगों की कुंडली में भद्र योग कन्या राशि में बना होता है, वे अपने तेज़ दिमाग, तार्किक सोच, और परिस्थितियों को समझने की गहरी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यह योग विशेष रूप से बुद्धिमत्ता, स्पष्ट संवाद, और व्यावसायिक समझदारी से जुड़ा होता है। इस योग के प्रमुख प्रभाव इस प्रकार है:
बेहद तेज बुद्धि और प्रभावशाली वाणी की कला।
तीव्र स्मरण शक्ति और गहरी विश्लेषण क्षमता।
लेखन, अध्यापन, व्यवसाय, संचार और तकनीकी क्षेत्रों में सफलता।
अच्छा स्वास्थ्य, विशेषकर मजबूत अंग और संतुलित शरीर।
शांत लेकिन प्रभावशाली व्यक्तित्व, जो दूसरों पर अच्छा प्रभाव डालता है।
जीवन में धन, सामाजिक सम्मान और उपलब्धियां प्राप्त होती हैं।
कन्या राशि में भद्र योग व्यक्ति को एक सक्षम विचारक, सफल व्यवसायी और समझदार नेता बना सकता है। ऐसे लोग अपने बोलचाल और व्यवहार से ही दूसरों को प्रभावित कर लेते हैं।
मिथुन राशि के जातकों के लिए कन्या राशि में बुध का गोचर और उसमें बना भद्र योग बहुत शुभ फल देने वाला रहेगा। इस दौरान बुध आपकी कुंडली का लग्न और चौथे भाव (घर, सुख-सुविधा) के स्वामी बनकर चौथे भाव में स्थित होगा। इससे सीधा असर दसवें भाव (कर्म और पेश का भाव) पर पड़ेगा। इसका मुख्य प्रभाव आपकी बोलचाल की कला, समझदारी और व्यक्तित्व में निखार के रूप में सामने आएगा।
आप लोगों को अपनी बातों से प्रभावित कर पाएंगे और समाज में सम्मान और पहचान भी मिलेगी। यह समय विशेष रूप से मीडिया, लेखन, पत्रकारिता, राजनीति और अन्य संचार से जुड़े क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए लाभकारी रहेगा। एक खास बात यह भी है कि चौथे भाव के स्वामी बुध, इस गोचर में लग्न में भी प्रभाव डाल रहा है, इसलिए इस समय आप नया वाहन (जैसे कार आदि) खरीदने की योजना भी बना सकते हैं। कुल मिलाकर, यह समय बुद्धिमत्ता, सामाजिक सफलता और सुविधाओं में वृद्धि लेकर आ सकता है।
कन्या राशि वालों के लिए बुध का गोचर उनके पहले भाव में हो रहा है और यह ग्रह उनकी कुंडली में दसवें भाव यानी करियर भाव के स्वामी हैं। इस कारण यह योग आपके व्यक्तित्व, करियर और साझेदारी के क्षेत्रों में विशेष प्रभाव डालेगा। बुध के लग्न में स्थित होने से सातवें भाव (साझेदारी, सार्वजनिक जीवन) पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। इस दौरान भाग्य का साथ मिलेगा और जीवन के कई क्षेत्रों में तरक्की के योग बनेंगे।
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह समय बेहद शुभ रहेगा क्योंकि सफलता की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, उन्हें गुरुओं और वरिष्ठों का मार्गदर्शन और सहयोग भी प्राप्त होगा। जो लोग व्यापार, खासकर इंपोर्ट-एक्सपोर्ट जैसे कामों में लगे हैं, उन्हें भी इस अवधि में अच्छा मुनाफा और सकारात्मक परिणाम मिलेगा। कुल मिलाकर यह समय कन्या राशि वालों के लिए बुद्धिमत्ता, आत्मविश्वास, करियर की प्रगति और आर्थिक सफलता लेकर आएगा।
इस गोचर के दौरान बुध ग्रह धनु राशि वालों की कुंडली के दसवें भाव यानी करियर भाव में स्थित रहेगा और यह सातवें भाव (साझेदारी, विवाह, सार्वजनिक संबंध) के स्वामी भी है। बुध की यह स्थिति चतुर्थ भाव पर भी सीधा प्रभाव डालेगी, जिससे घरेलू यात्रा या स्थान परिवर्तन के संकेत भी मिल सकते हैं।
कन्या राशि में बन रहा भद्र भद्र योग धनु राशि के जातकों के लिए करियर में सफलता, नई जिम्मेदारियां, और प्रोफेशनल ग्रोथ के संकेत देता है। यदि आप नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो यह समय इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए बहुत अनुकूल है। इस समय आप प्रतिद्वंद्वियों पर विजय पा सकेंगे और अपने काम में बेहतर पहचान बना सकेंगे।
जो लोग लंबे समय से प्रोफेशनल लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत कर रहे हैं, उन्हें अब उसका अच्छा फल मिलेगा। इस शुभ योग के दौरान आपको सलाह दी जाती है कि आप सक्रिय रहें, नई संभावनाओं के लिए खुले रहें और हर अवसर का पूरा लाभ उठाएं। यह समय आपके लिए करियर में उन्नति और मान-सम्मान लाने वाला साबित हो सकता है।
मीन राशि
मीन राशि वालों की कुंडली में भद्र योग का निर्माण सातवें भाव (विवाह, साझेदारी और सार्वजनिक संबंधों का घर) में हो रहा है, जो इसे बहुत ही शुभ और फलदायी बनाता है। यह योग मीन राशि के जातकों को व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों में सफलता और तरक्की दिला सकता है। करियर और व्यापार के लिहाज से यह समय बहुत अच्छा रहेगा। जो लोग व्यवसाय में हैं, उन्हें नई डील्स से अच्छा मुनाफा होगा और व्यापार विस्तार के बेहतरीन अवसर मिलेंगे।
जो लोग नौकरी की तलाश में हैं, उनके लिए यह समय नई नौकरी पाने का है, और जो पहले से कार्यरत हैं, उन्हें पदोन्नति (प्रमोशन) मिलने की संभावना है। छात्रों के लिए भी यह समय प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार परिणाम लाने वाला साबित होगा। कुल मिलाकर इस योग के प्रभाव से मीन राशि वालों की आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार होगा और जीवन में नई सकारात्मक दिशा दिखाई देगी।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. बुध किस राशि में उच्च माने जाते हैं?
कन्या राशि में
2. मंगल किस राजयोग को जन्म देता है?
रूचक राजयोग
3. बुध द्वारा निर्मित कोई अन्य राजयोग?
शुक्र के साथ लक्ष्मी नारायण राजयोग
बुध का कन्या राशि में गोचर: किन राशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें और किन्हें होगा फायदा?
बुध का कन्या राशि में गोचर: बुध बुद्धि और वाणी के ग्रह माने जाते हैं जो बहुत तेज़ गति से चलते हैं, इसलिए इनका गोचर जल्दी-जल्दी होता है। ऐसे में, बुध ग्रह को नवग्रहों में महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए इनकी स्थिति में परिवर्तन भी अहम माना जाता है।
बता दें कि ज्योतिष के अनुसार, बुध तर्क, व्यापार, शिक्षा और लेखन के कारक ग्रह हैं। जब यह किसी राशि में बैठे होते हैं, तो इसका प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ता है।
साथ ही, बुध का गोचर और उनकी दिशा हमारे निजी और पेशेवर जीवन को गहराई से प्रभावित करने की क्षमता रखती है। इसी क्रम में, बुध महाराज अब अपना राशि परिवर्तन करते हुए कन्या राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं जिसका प्रभाव राशियों और देश-दुनिया पर दिखाई दे सकता है।
एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि हम अपने पाठकों को ज्योतिष की दुनिया में होने वाले हर छोटे-बड़े परिवर्तन और नवीनतम घटनाओं के बारे में अवगत कराते रहें। ऐसे में, हमारा आज का यह ख़ास ब्लॉग आपको बुध का कन्या राशि में गोचर के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा।
बुध का यह गोचर न सिर्फ़ राशियों को प्रभावित करेगा, बल्कि देश के साथ-साथ विश्व में होने वाली घटनाओं, शेयर बाजार, व्यापार आदि में कुछ बड़े बदलाव लेकर आ सकता है, जिनके बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध ग्रह का कन्या राशि में गोचर के बारे में।
बुध का कन्या राशि में गोचर कब और किस समय होगा?
ग्रहों के राजकुमार के नाम से विख्यात बुध ग्रह तेज़ गति से चलते हैं इसलिए इनका गोचर जल्दी-जल्दी होता है। बता दें कि बुध का गोचर लगभग हर 23 से 27 दिनों में होता है यानी कि हर महीने बुध एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। बुध ग्रह का गोचर 15 सितंबर 2025 की सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर कन्या राशि में होगा। इस अवधि के दौरान बुध का कन्या राशि में गोचर का असर विभिन्न राशियों पर अलग-अलग तरीके से पड़ेगा।
बुध का यह गोचर अपनी राशि में होगा और हर राशि में गोचर का इनका अपना प्रभाव होता है। उदाहरण के तौर पर मेष राशि में बुध गोचर लोगों को नई सोच और नए विचारों का आशीर्वाद देता है, जबकि वृषभ राशि में बुध देव व्यापार में स्थिरता और समृद्धि प्रदान करते हैं। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध का कन्या राशि में प्रभाव कैसा होता है।
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कन्या राशि में बनेगा बुधादित्य योग
बुध महाराज जब 15 सितंबर को कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, तो उसके दो दिन बाद यानी कि 17 सितंबर 2025 को सूर्य भी कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में, बुध और सूर्य कन्या राशि में युति का निर्माण करते हुए बेहद शुभ माने जाने वाले बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे। बता दें कि बुधादित्य योग जातकों को धन-समृद्धि और सफलता देने वाला माना जाता है।
बुध की कन्या राशि में विशेषता
कन्या राशि में बुध की स्थिति बेहद ख़ास मानी जाती है क्योंकि इस राशि में बुध की स्थिति भद्र महापुरुष योग का निर्माण करती है। अगर यह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में विराजमान होते हैं, तो आपको भद्र या कुलीन पद तक पहुंचाने का काम कर सकते हैं।
बुध महाराज जब कन्या राशि में मौजूद होते हैं, तो ऐसा जातक अपने घर, आर्थिक जीवन, आसपास के लोगों और कार्यों को संभालने में माहिर होता है। कन्या राशि में बुध की स्थिति व्यक्ति को समाधान खोजने में सक्षम बनाती है।
जब बुध ग्रह कन्या राशि में उपस्थित होते हैं, तो इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्ति को हर कार्य में सफलता की प्राप्ति हो। साथ ही, वह अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी बुद्धि और विवेक का उपयोग अच्छे से कर पाता है।
बुध की कन्या में उपस्थिति जातक को प्रबंधन और विश्लेषण से जुड़े व्यापार में कामयाबी दिलाने का काम करती है।
साथ ही, ऐसा व्यक्ति गणितज्ञ, डाटा विश्लेषक, उद्यमी, सीईओ, प्रबंधक, आहार विशेषज्ञ, परामर्शदाता, विपणन, सेल्स पर्सन आदि बनता है।
ऐसे जातक जिनका जन्म कन्या राशि में बुध के तहत होता है, उन्हें जीवन में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इन्हें गुर्दे, नाभि और पीठ के निचले हिस्से से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं।
सिर्फ़ इतना ही नहीं, आपको वाणी, मस्तिष्क और त्वचा से संबंधित समस्याएं भी घेर सकती हैं।
आइए अब हम नज़र डालते हैं बुध ग्रह के ज्योतिषीय महत्व पर।
बुध का कन्या राशि में गोचर: ज्योतिष की दृष्टि से
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि यह मनुष्य जीवन में बुद्धि, संचार, तर्कशक्ति, शिक्षा और व्यापार को नियंत्रित करते हैं।
बात करें बुध ग्रह के नाम के अर्थ की, तो बुध ग्रह का नाम संस्कृत भाषा के शब्द ‘बुध’ से बना है, जिसका अर्थ “बुद्धिमान” होता है।
बुध महाराज बेहद शक्तिशाली होते हैं जो व्यक्ति के मन-मस्तिष्क, विवेक, ज्ञान और तर्क क्षमता को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं।
मनुष्य जीवन में बुध देव बुद्धिमानी और शिक्षा का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।
ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध देव मजबूत स्थिति में होते हैं, उन्हें तेज दिमाग, मज़बूत तर्कशक्ति और ज्ञान का आशीर्वाद देते हैं।
ऐसे में, व्यक्ति इनसे जुड़े क्षेत्रों में ही आगे बढ़ता है और इनकी रुचि विज्ञान, साहित्य और गणित में होती है।
संचार के प्रमुख ग्रह के रूप में बुध देव प्रत्येक व्यक्ति के बात करने की शैली, संचार कौशल, और लेखन क्षमता को भी नियंत्रित करते हैं।
अगर किसी जातक की कुंडली में बुध की स्थिति अनुकूल होती है, तो वह लेखक, संचारक या अच्छा वक्ता बनता है।
साथ ही, बुध महाराज को व्यापार के कारक भी माना जाता है। ऐसे में, यह व्यक्ति को व्यापार में सफलता दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इनके प्रभाव से ही निर्णय लेने और आर्थिक योजना बनाने की क्षमता मज़बूत होती है।
जिन जातकों से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं या कुंडली में इनकी स्थिति शुभ होती है, तो उन्हें व्यापार में सफलता मिलती है। वह आर्थिक मामलों को भी समझदारी से संभालते हैं।]
तर्कशक्ति और विवेक के प्रतीक के रूप में बुध देव किसी इंसान के सोच-विचार करने की क्षमता, निर्णय लेने की शक्ति और समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने की योग्यता को बढ़ाते हैं। बुध की अनुकूल स्थिति वाले जातक निर्णय लेने में तेज और धैर्यवान होते हैं।
ज्योतिष की तरह ही बुध देव का धार्मिक महत्व भी है। शायद ही आप जानते होंगे कि ग्रहों के युवराज बुध को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है।
बता दें कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु संतुलन और धैर्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी प्रकार, बुध ग्रह व्यक्ति के जीवन में विवेक, धैर्य, बुद्धिमानी और संतुलन लेकर आते हैं।
जब कुंडली में बुध ग्रह का शुभ प्रभाव होता है, तो जातक का झुकाव धर्म-कर्म में होता है। ऐसे में, वह धार्मिक मार्ग पर ही चलना पसंद करता है।
ऐसा जातक धार्मिक प्रवृत्ति की वजह से धार्मिक ग्रंथों जैसे वेद, पुराण आदि का अध्ययन करते हुए नज़र आता है।
सनातन धर्म में बुध ग्रह की पूजा देवता के रूप में की जाती है जो मान्यताओं के अनुसार हमारी प्रज्ञा के देवता माने गए हैं।
सप्ताह में बुध ग्रह को बुधवार का दिन समर्पित होता है इसलिए बुद्धि और कारोबार में कामयाबी हासिल करने के लिए इस दिन बुध ग्रह की पूजा-अर्चना फलदायी मानी जाती है।
बता दें कि धार्मिक दृष्टि से बुध महाराज को वृद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद देने वाले देव माना गया है।
ऐसा कहा जाता है कि जिस इंसान पर बुध देव प्रसन्न हो जाते हैं, उसे कभी भी जीवन में समस्या नहीं आती है। साथ ही, उसका जीवन कल्याणमय हो जाता है। ब
सभी दिशाओं में बुध देव को उत्तर दिशा का स्वामित्व प्राप्त है और इस दिशा का संध कुबेर देव से है।
चलिए अब हम आपको अवगत करवाते हैं कुंडली में शुभ बुध होने पर कैसे परिणाम मिलते हैं।
बुध का कन्या राशि में गोचर: बुध का शुभ-अशुभ प्रभाव
कुंडली में मज़बूत बुध का प्रभाव
जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि बुध ग्रह जातकों के जीवन को विशेष रूप से प्रभावित करता है, कैसे? आइए जानते हैं।
अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध देव की स्थिति बलवान होती है, तो व्यक्ति का संचार कौशल बेहतरीन होता है। वह अपनी बातों से सबका दिल जीतने में सक्षम होता है और साथ ही, वह हाज़िर जवाब होता है।
कुंडली में बुध बलवान होने पर जातक बहुत बुद्धिमान और चतुर होता है। गणित पर उसकी पकड़ मज़बूत होती है और वह गणनाएं करने में बेहद तेज़ होता है। ऐसा व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र को तार्किक होकर देखता है।
शुभ बुध के प्रभाव से जातक वाणिज्य और कारोबार में अपार सफलता प्राप्त करता है। किसी व्यक्ति पर बुध की कृपा उसे अच्छा स्पीकर बनाती है। साथ ही, वह संवाद और संचार से जुड़े क्षेत्र में करियर बनाता है।
अब हम आपको ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कमज़ोर बुध की निशानी होते हैं।
याददाश्त कमजोर होना: ऐसे जातकजिनकी कुंडली में बुध ग्रह दुर्बल अवस्था में होते हैं, वह ज्यादा देर तक बातें याद नहीं रख पाते हैं। साथ ही, किसी भी काम में ध्यान लगाने में परेशानी का अनुभव होता है।
बोलने में समस्या: अशुभ बुध के प्रभाव से व्यक्ति को वाणी से जुड़ी समस्याएं परेशान करने लगती हैं जैसे तुतलाना, हकलाना और शब्दों का गलत चयन करना।
अधिक चिंता करना: अगर कोई इंसान बार-बार किसी बात को लेकर परेशान या चिंता में रहता है जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, तो यह कमज़ोर बुध का संकेत होता है।
सही निर्णय न लेना: कुंडली में दुर्बल बुध के प्रभाव से जातक को जीवन में सही निर्णय लेने में परेशानी होती है और ऐसे में, वह कई बार गलत फैसले ले लेता है। साथ ही, हमेशा भ्रमित रहता है।
त्वचा और नस संबंधित समस्याएं होना: कमज़ोर बुध से पीड़ित व्यक्ति को त्वचा से जुड़ी समस्याएं जैसे एलर्जी या फिर हाथ-पैर सुन्न होना आदि हो सकती हैं।
व्यापार में घाटा: जिन लोगों का बुध कमज़ोर होता है, उन्हें संचार कौशल, शिक्षा, व्यापार और लेखन से जुड़ी समस्याएं रह सकती हैं। साथ ही, व्यापार में हानि भी झेलनी पड़ सकती है।
नीरस होना: बुध देव के नकारात्मक प्रभाव से जातक का स्वभाव नीरस और उदासीन हो जाता है।
चलिए अब हम जान लेते हैं बुध ग्रह को कैसे मज़बूत कर सकते हैं।
बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए बुधवार के दिन व्रत रखें और इस दिन हरे रंग के कपड़े धारण करें। साथ ही, हरे चने का सेवन करें और तुलसी के पौधे की पूजा करें।
बुध से शुभ फल पाने के लिए बुधवार के दिन हरा मूंग, हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां और हरी सब्जियों का दान करें।
बुधवार के दिन भगवान गणेश को पान और दूर्वा (हरी घास) अर्पित करने से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं।
बुध ग्रह को कुंडली में बलवान करने के लिए प्रतिदिन या बुधवार के दिन बुध ग्रह के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का या “ॐ गण गणपतये नमो नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
बुध ग्रह के रत्न पन्ना को बुधवार के दिन चांदी या सोने की अंगूठी में छोटी उंगली में धारण करें। हालांकि, आपको ऐसा करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
नियमित रूप से गाय माता की सेवा करने से बुध ग्रह कुंडली में बलवान होता है। साथ ही, बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं।
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बुध का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध का कन्या राशि … (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। बुध का… (विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध आपकी राशि के पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध… (विस्तार से पढ़ें)
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बुध का कन्या राशि में गोचर कब होगा?
इस साल बुद्धि के ग्रह बुध 15 सितंबर 2025 को कन्या राशि में गोचर करेंगे।
2. क्या बुध और सूर्य कन्या राशि में युति करेंगे?
हां, बुध देव कन्या राशि में सूर्य के साथ युति करते हुए बुधादित्य योग निर्मित करेंगे।
3. बुध और शुक्र के आपसी संबंध कैसे हैं?
ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह और शुक्र देव आपस में तटस्थ संबंध रखते हैं।
सितंबर के इस सप्ताह में सूर्य करेंगे कन्या में गोचर, किन राशियों की पलटेंगे तकदीर?
साप्ताहिक राशिफल 15 से 21 सितंबर 2025: एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास ब्लॉग में आपको सितंबर 2025 के तीसरे सप्ताह से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। नए दिन, नए सप्ताह को लेकर हम सभी के मन में उत्सुकता रहती है कि आने वाला सप्ताह हमारे लिए कैसा रहेगा?
साप्ताहिक राशिफल के इस विशेष लेख की सहायता से आप जान सकेंगे कि सितंबर 2025 के इस तीसरे सप्ताह में राशि चक्र की सभी 12 राशियों को किस तरह के परिणाम प्राप्त होंगे।
इस हफ़्ते व्यापार में होगा लाभ या फिर उठाना पड़ेगा नुकसान? क्या सेहत रहेगी ठीक या रोग करेंगे परेशान? प्रेम और वैवाहिक जीवन बना रहेगा मधुर या मतभेदों से पड़ेगा जूझना?
सिंगल लोगों को मिलेगा किसी खास का साथ? इन सभी सवालों का जवाब आपको साप्ताहिक राशिफल 15 सितंबर से 21 सितंबर के इस विशेष ब्लॉग में मिलेगा। साथ ही, यहां आप करियर, व्यापार से लेकर प्रेम जीवन तक का हाल जान सकेंगे।
बता दें कि साप्ताहिक राशिफल के इस ख़ास लेख को ग्रहों-नक्षत्रों की स्थिति, चाल और दशा को ध्यान में रखकर हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है जो पूरी तरह से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है।
यहां न सिर्फ़ आपको सभी 12 राशियों के लिए साप्ताहिक भविष्यावाणी दी जा रही है, बल्कि इस सप्ताह में कब मनाया जाएगा कौन सा व्रत एवं त्योहार? कौन सा ग्रह कब और किस समय करेगा अपनी राशि में बदलाव? कब रहेंगे बैंक बंद? ऐसी सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपको प्राप्त होगी।
सिर्फ़ इतना ही नहीं, इस सप्ताह में जन्म लेने वाली मशहूर हस्तियों से भी आपको अवगत करवाएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं यह विशेष ब्लॉग।
इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना
आगे बढ़ने से पहले हम बात कर लेते हैं इस सप्ताह की, तो हिंदू पंचांग के अनुसार सितंबर के तीसरे सप्ताह की शुरुआत मृगशिरा नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि अर्थात 15 सितंबर 2025 को होगी जबकि इस हफ़्ते का समापन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि अर्थात 21 सितंबर 2025 को हो जाएगा।
हालांकि, यह हफ़्ता धार्मिक दृष्टि से बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस दौरान कुछ प्रमुख व्रतों एवं पर्वों को मनाया जाएगा। आप हर पर्व और व्रत की तैयारी समय से पहले कर सकें, इसलिए नीचे हम आपको इस सप्ताह के व्रत-पर्वों की संपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
हमारा जीवन व्रत और त्योहार के बिना अधूरा रहता है क्योंकि इन्होने हमारी ज़िन्दगी में एक ख़ास जगह बना ली है। इन तीज-त्योहारों के माध्यम से हमें अपने प्रियजनों और करीबियों से मिलने का मौका मिलता है। साथ ही, यह सुख-समृद्धि और सौभाग्य लेकर आते हैं। ऐसे में, हर त्योहार को पूरे मन और उत्साह के साथ मनाना चाहिए। लेकिन, अगर आप भी पर्वों की तिथियों को याद नहीं रख पाते हैं, तो हमारा यह सेक्शन आपके लिए हैं जहाँ आपको 15 से 21 सितंबर 2025 के बीच में पड़ने वाले तीज-त्यौहारों की तिथियां प्राप्त होंगी।
इंदिरा एकादशी (17 सितंबर 2025, बुधवार): प्रत्येक माह में दो बार एकादशी आती है और इस प्रकार, एक साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इन्हीं में से एक है इंदिरा एकादशी जो हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में आती है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इंदिरा एकादशी का व्रत करने से जातक के पूर्व जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं।
कन्या संक्रांति (17 सितंबर 2025, शुक्रवार): कन्या संक्रांति का पर्व ग्रहों के राजा सूर्य को समर्पित होता है और इस दिन इनकी पूजा विधि-विधान से की जाती है। हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि को कल्याणकारी माना जाता है। साथ ही, यह दिन दान, स्नान और पितृ तर्पण करने के लिए श्रेष्ठ होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कन्या संक्रांति हर साल छठे महीने में आती है जो धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। बता दें कि कन्या संक्रांति के दिन सूर्य देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करते हैं।
मासिक शिवरात्रि (19 सितंबर 2025, शुक्रवार): मासिकशिवरात्रि और महाशिवरात्रि को हिंदू धर्म में विशेष दर्जा दिया गया है। पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मासिक शिवरात्रि के रूप में जानी जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है। बता दें कि मासिक शिवरात्रि हर महीने आती है जबकि महाशिवरात्रि वर्ष में एक बार आती है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जातक के जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं।
प्रदोष व्रत (कृष्ण) (19 सितंबर 2025, शुक्रवार): सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है और यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत को हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है और शिव जी की कृपा पाने के लिए यह व्रत रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष व्रत करने से भक्त को भगवान शंकर की कृपा प्राप्त होती हैं। साथ ही, जातक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी तरह की समस्याओं का अंत होता है। मानसिक शांति की भी प्राप्ति होती है।
अश्विन अमावस्या (21 सितंबर 2025, रविवार): एक साल में कुल 12 अमावस्या तिथि आती हैं और हर अमावस्या का अपना महत्व होता है। इन्हीं में से एक है अश्विन अमावस्या जो हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर आती है और इसे ही पितृ विसर्जनी अमावस्या भी कहा जाता है। अश्विन अमावस्या के दिन ही पितृ पक्ष की समाप्ति होती है और धरती से पितृजन अपने पितृ लोक वापस लौट जाते हैं। यह दिन ब्राह्मणों को भोजन तथा दान करने के लिए उत्तम होता है।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन को खुशियाँ और उमंग से भर देंगे।
साप्ताहिक राशिफल के अपने पिछले लेखों में हम आपको ग्रहों और गोचर के महत्व के बारे में बताते आये हैं जिनका सीधा प्रभाव मनुष्य जीवन के साथ-साथ देश-दुनिया पर भी पड़ता है। इसी वजह से वैदिक ज्योतिष में ग्रहण और गोचर को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
साप्ताहिक राशिफल 15 से 21 सितंबर, 2025 के इस ब्लॉग में हम आपको इस सप्ताह के पड़ने वाले ग्रहण और होने वाले गोचर की जानकारी देने जा रहे हैं। हालांकि, आपको बता दें कि इस हफ़्ते में तीन बड़े ग्रहों के गोचर होने जा रहे हैं, कौन से हैं वह ग्रह? आइए जानते हैं।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर (15 सितंबर 2025): प्रेम और भौतिक सुखों के कारक शुक्र देव 15 सितंबर 2025 की रात 12 बजकर 06 मिनट पर सूर्य देव की राशि सिंह में गोचर करने जा रहे हैं।
बुध का कन्या राशि में गोचर (15 सितंबर 2025): बुद्धि, वाणी और तर्क के ग्रह बुध तेज़ गति से चलते हैं और ऐसे में, अब यह जल्द ही 15 सितंबर 2025 की सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने के लिए तैयार हैं।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर (17 सितंबर 2025): नवग्रहों में सूर्य देव को जनक का पद प्राप्त है जो लोगों को मान-सम्मान का आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में, अब सूर्य महाराज 17 सितंबर 2025 की रात 01 बजकर 38 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं जिसका प्रभाव संसार पर नज़र आ सकता है।
नोट: सितंबर के इस सप्ताह (15 से 21 सितंबर, 2025) में कोई ग्रहण नहीं लगेगा।
सितंबर 2025 के इस सप्ताह के प्रमुख व्रत और त्योहार की तिथियों को जानने के बाद अब हम बात करेंगे इस हफ़्ते में पड़ने वाले बैंक अवकाशों के बारे में। अगर आपके काम बैंक से पड़ते रहते हैं, तो हम आपको बैंक अवकाशों की सूची देने जा रहे हैं ताकि आप समय रहते हुए अपने काम पूरे सकें।
तिथि
दिन
पर्व
राज्य
21 सितंबर
रविवार
महालय अमावस्या
कर्नाटक, उड़ीसा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल
22 सितंबर
सोमवार
बथुकम्मा का पहला दिन
तेलंगाना
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डाल लेते हैं इस सप्ताह के शुभ मुहूर्तों पर।
इस सप्ताह (15 सितंबर से 21 सितंबर) के शुभ मुहूर्त
अगर आप मुंडन, अन्नप्राशन जैसे संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त देख रहे हैं, तो साप्ताहिक राशिफल के इस सेक्शन में आपको सितंबर के तीसरे हफ़्ते (15 से 21 सितंबर, 2025) के शुभ मुहूर्त दिए जा रहे हैं।
15 से 21 सितंबर 2025 के नामकरण मुहूर्त
जो माता-पिता अपने नवजात शिशु के नामकरण संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश में हैं, उनके लिए इस सप्ताह नामकरण संस्कार का केवल एक मुहूर्त उपलब्ध है।
दिनांक
मुहूर्त का समय
17 सितंबर 2025, बुधवार
06:26:48 से 30:06:39
15 से 21 सितंबर 2025 के अन्नप्राशन मुहूर्त
हिंदू धर्म में अन्नप्राशन संस्कार एक अत्यंत महत्वपूर्ण संस्कार है जिसके अंतर्गत शिशु को पहली बार ठोस आहार खिलाया जाता है। हालांकि बात करें इस सप्ताह की, तो 15 से 21 सितंबर 2025 के दौरान अन्नप्राशन के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
15 से 21 सितंबर 2025 के मुंडन मुहूर्त
सितंबर के तीसरे सप्ताह में मुंडन संस्कार के लिए कोई मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
साप्ताहिक राशिफल 15 सितंबर से 21 सितंबर, 2025
मेष साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के ग्यारहवें भाव में राहु महाराज बैठे होंगे और ऐसे में, आपको…..(विस्तार से पढ़ें)
मेष प्रेम राशिफल
अपने प्रेम संबंधों में इस सप्ताह आपको, नई उर्जा और ताज़गी लाने की ज़रूरत होगी। क्योंकि….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ साप्ताहिक राशिफल
राहु देव आपकी चंद्र राशि के दसवें भाव में स्थित होंगे और इसके फलस्वरूप, इस ….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आपको अपने प्रिय से खुलकर अपने जज़्बात का इज़हार….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन साप्ताहिक राशिफल
राहु महाराज आपकी चंद्र राशि के नौवें भाव में उपस्थित होंगे और इसके परिणामस्वरूप,….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आपका रुमानी संबंध आपको मानसिक सुकून देने की बजाय,….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के नौवें भाव में शनि देव स्थित होंगे और ऐसे में, इस….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क प्रेम राशिफल
आपकी राशि वालों को इस सप्ताह प्रेम जीवन में मिलेजुले, लेकिन बेहतर….(विस्तार से पढ़ें)
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सिंह साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के आठवें भाव में शनि महाराज स्थित होंगे और ऐसे में, आप हमेशा….(विस्तार से पढ़ें)
सिंह प्रेम राशिफल
आपके संबंधों में इस सप्ताह किसी बड़े की दख़लअंदाज़ी के चलते,……(विस्तार से पढ़ें)
कन्या साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह गर्भवती महिलाओं को खासतौर से, अपने स्वास्थ्य का विशेष….(विस्तार से पढ़ें)
कन्या प्रेम राशिफल
दिल से आप अपने संगी को खुश करने की कोशिश इस सप्ताह करते….(विस्तार से पढ़ें)
तुला साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह गर्भवती महिलाओं को खासतौर से, अपने स्वास्थ्य का विशेष…..(विस्तार से पढ़ें)
तुला प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आपको अपने प्रेम संबंध की जिम्मेदारियों के प्रति भी, अपना…..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल
केतु ग्रह आपकी चंद्र राशि के दसवें भाव में स्थित होंगे और इसके…..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक प्रेम राशिफल
इस सप्ताह कई योग बनेंगे और आपको कई ऐसे अवसर प्राप्त होंगे…..(विस्तार से पढ़ें)
धनु साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह किसी से वाद-विवाद होना, आपके अच्छे स्वभाव को खराब…..(विस्तार से पढ़ें)
धनु प्रेम राशिफल
आपकी राशि के प्रेमी लोगों के लिए, यह समय काफी अच्छा रहेगा और…..(विस्तार से पढ़ें)
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. सूर्य का कन्या राशि में गोचर कब होगा?
सूर्य देव 17 सितंबर 2025 को कन्या राशि में प्रवेश करेंगे।
2. क्या इस सप्ताह कोई ग्रहण है?
नहीं, 15 से 21 सितंबर के इस सप्ताह में कोई ग्रहण नहीं लगेगा।
3. सितंबर में प्रदोष व्रत कब है?
इस महीने प्रदोष व्रत 19 सितंबर 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर से, इन 3 राशियों की पलट जाएगी किस्मत; होगा भाग्योदय!
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि वह अपने पाठकों को ज्योतिष की दुनिया में होने वाले हर परिवर्तन से अवगत करवाता रहे जिसका मनुष्य जीवन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को “प्रेम का देवता” माना जाता है क्योंकि यह लक्ज़री, रोमांस और सुंदरता के कारक हैं। साथ ही, यह भौतिक वस्तुओं के प्रति मनुष्य लगाव को भी नियंत्रित करते हैं और इनकी कृपा से ही कोई व्यक्ति आपके प्रति और आप दूसरों के प्रति आकर्षित होते हैं।
इसके परिणामस्वरूप, अब हम समझ सकते हैं कि शुक्र की चाल, दशा और स्थिति में होने वाला हर परिवर्तन कितना महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी प्रकार, शुक्र देव की स्थिति में या राशि में बदलाव का असर प्रत्येक व्यक्ति के प्रेम जीवन, वैवाहिक जीवन संग विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ता है जो जल्द ही अपना गोचर करने जा रहे हैं।
आज के इस ख़ास ब्लॉग में हम “शुक्र का सिंह राशि में गोचर” के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, कब और किस समय करेंगे शुक्र देव अपनी राशि में बदलाव? शुक्र का सिंह राशि में गोचर आपके लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा?
सिंह राशि में शुक्र की स्थिति किन राशियों के लिए रहेगी शुभ और किन्हें फूंक-फूंककर रखना होगा कदम? आपके मन में उठने वाले इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में प्राप्त होंगे। साथ ही, शुक्र के इस गोचर के नकरात्मक प्रभावों से बचने के लिए आप किन उपायों को अपनाना होगा फायदेमंद? इस बारे में भी हम आपको जानकारी प्रदान करेंगे।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: तिथि व समय
शुक्र ग्रह को शुभ माना जाता है क्योंकि इनके आशीर्वाद से व्यक्ति को समृद्धि, विलासिता, प्रेमपूर्ण रिलेशनशिप, रचनात्मकता और प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है। बता दें कि शुक्र देव का गोचर हर 28 दिन बाद होता है यानी कि यह एक राशि में तक़रीबन एक महीने रहते हैं, उसके बाद दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं।
इसी क्रम में, शुक्र महाराज अब 15 सितंबर 2025 की रात 12 बजकर 06 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। सिंह राशि के अधिपति देव सूर्य ग्रहहैं जिनके साथ शुक्र देव के संबंध ज्यादा अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। ऐसे में, शुक्र की सिंह राशि में स्थिति का प्रभाव सभी राशियों को मिलेजुले फल दे सकता है। साथ ही, इस राशि में शुक्र कुछ ग्रहों के साथ युति भी करेंगे, आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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सिंह राशि में करेंगे शुक्र और सूर्य युति
ज्योतिष में सूर्य और शुक्र इन दोनों ग्रहों को विशेष माना जाता है। सूर्य जहां ग्रहों के जनक हैं, तो वहीं शुक्र प्रेम के ग्रह हैं। इन दोनों ग्रह को ही ज्योतिष में एक-दूसरे के शत्रु माना गया है। ऐसे में, जब शुक्र महाराज 15 सितंबर 2025 को सिंह राशि में गोचर करेंगे, तो उस समय वहां पहले से सूर्य देव विराजमान होंगे और यह दोनों ग्रह युति का निर्माण करेंगे।
इसके फलस्वरूप, सूर्य और शुक्र एक साथ बैठे होने से एक-दूसरे के प्रभाव को कम करेंगे और इनसे जुड़े क्षेत्रों में मिलने वाले परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। हालांकि, राहत की बात यह होगी कि सूर्य और शुक्र की युति बस दो दिन के लिए होगी क्योंकि इसके बाद सूर्य कन्या राशि में चले जाएंगे। अब हम आपको अवगत करवाते हैं शुक्र के सिंह राशि में प्रभाव से।
सिंह राशि में शुक्र: विशेषताएं
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सिंह राशि में शुक्र की स्थिति प्रेम, आत्म-अभिव्यक्ति और रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करती है।
सिंह राशि में शुक्र के तहत जन्मे जातक अपने साथी को पूरे जुनून के साथ प्रेम करते हैं। इन जातकों को एक ऐसे पार्टनर की जरूरत होती है जो प्रेम में इन्हें ख़ास महसूस कराए।
यह जातक अपने रिश्तों को लेकर बहुत उदार होते हैं और हमेशा उत्साहित रहते हैं।
यह जीवन में मिलने वाले हर पल का आनंद लेते हैं। साथ ही, यह अपने प्यार का दिखावा करने से पीछे नहीं हटते हैं।
शुक्र के सिंह राशि में प्रभाव से जातकों की कलात्मकता और रचनात्मकता में वृद्धि होती है।
यह लोग ऐसी गतिविधियों की तरफ आकर्षित होते हैं जहां वह प्रगति हासिल कर सके और स्वयं को सही तरीके से व्यक्त करने में सक्षम हों, चाहे वह कला या किसी रचनात्मक खोज के माध्यम से हो।
शुक्र कन्या राशि के अंतर्गत जन्मे लोग अपने जीवन में बहुत तेज़ गति से बढ़ते हैं।
सिंह राशि में शुक्र की उपस्थिति के प्रभाव से जातक उदार बनते हैं। साथ ही, यह अपने प्रियजनों और करीबियों के साथ अच्छे से पेश आते हैं और उनका आदर करते हैं।
जिन जातकों की कुंडली में शुक्र सिंह राशि में बैठा होता है, तो ऐसे जातक अपने दोस्तों के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। लेकिन, उनके मन में अपने कार्यों के प्रति प्रशंसा और सराहना प्राप्त करने की प्रबल इच्छा होती है। इन लोगों को ऐसे दोस्त पसंद होते हैं जो उन्हें गर्व महसूस करवाएं।
ज्योतिष में शुक्र देव को लाभकारी ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो जन्म कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं।
हर राशि में शुक्र देव लगभग 27 दिनों तक रहते हैं और फिर दूसरी राशि में चले जाते हैं।
इसी प्रकार, सभी 27 नक्षत्रों में शुक्र ग्रह को पूर्वाषाढ़ा, भरणी और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र पर स्वामित्व प्राप्त हैं।
वहीं, नवग्रहों में शुक्र के मित्र शनि और बुध को माना जाता है जबकि यह चंद्रमा और सूर्य से शत्रुता का भाव रखते हैं।
बता दें कि शुक्र महाराज मीन राशि में उच्च अवस्था में होते हैं और इनकी नीच राशि कन्या है।
विलासिता और ऐश्वर्य के ग्रह के रूप में शुक्र ग्रह वैवाहिक जीवन को भी दर्शाते हैं। इनके प्रभाव से रिश्ते में प्रेम, आपसी समझ और सामंजस्य में वृद्धि होती हैं।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र देव मजबूत होते हैं, तो उसका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
महिलाओं के लिए शुक्र देव की स्थिति और प्रभाव विशेष रूप से मायने रखता है क्योंकि यह प्रेम, सुंदरता और स्त्री जीवन से संबंधित भौतिक पहलुओं का भी नियंत्रित करते हैं।
इनकी कृप से व्यक्ति को संगीत, कला और रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता की प्राप्ति होती है। ऐसे व्यक्ति जीवन में हर तरह का सुख भोगता है।
बलवान शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति फैशन, डिजाइन और इंटीरियर डिज़ाइन के क्षेत्र में आगे बढ़ता है।
धार्मिक दृष्टि से शुक्र ग्रह
ज्योतिष के साथ-साथ शुक्र ग्रह का अपना धार्मिक महत्व भी है। शायद ही आप जानते होंगे कि शुक्र देव असुरों के गुरु माने गए हैं जिन्हें दैत्यगुरु और शुक्राचार्य के नाम से जाना जाता है।
हिंदू धार्मिक ग्रंथों में शुक्राचार्य या शुक्र ग्रह का वर्णन इस तरह से किया गया है कि शुक्र देव ने ज्ञान, विज्ञान और जीवन के गूढ़ रहस्यों की शिक्षा असुरों को प्रदान की थी।
साथ ही, शुक्राचार्य को कई मंत्रों और औषधियों के आविष्कार का श्रेय जाता है, और इनकी सहायता से असुरों को देवताओं के साथ युद्ध में विजय प्राप्त हुई थी।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, संजीवनी विद्या का ज्ञान शुक्राचार्य को ही प्राप्त है। बता दें कि यह एक ऐसी विद्या है जिसके उपयोग से मृत इंसान भी पुनः जीवित हो सकता है।
शुक्र ग्रह का सिर्फ़ ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व नहीं है, बल्कि विज्ञान के लिए भी यह विशेष महत्व रखता है।
विज्ञान में शुक्र और पृथ्वी को जुड़वां बहनें कहा जाता है क्योंकि इन दोनों ग्रहों की बनावट और आकार काफ़ी हद तक एक जैसा है। इसके अलावा, शुक्र और पृथ्वी में कई समानताएं पाई जाती हैं।
शुक्र की सतह भी धरती की तरह ही मज़बूत और चट्टानी है। बात करें शुक्र ग्रह के वायुमंडल की, तो इस ग्रह के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फ्यूरिक एसिड पाया जाता है।
हालांकि, शुक्र ग्रह का तापमान बहुत ज्यादा होता है इसलिए इसकी गिनती गर्म ग्रहों में होती हैं।
आपको यह बात सुनकर आश्चर्य हो सकता है कि शुक्र ग्रह पर काफ़ी तादाद में ज्वालामुखी मौजूद हैं।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: मज़बूत शुक्र का प्रभाव
जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह बलवान होते हैं, उनका प्रेम जीवन और रिश्ता मधुर एवं प्रेम से पूर्ण रहता है। साथ ही, वह खुशहाल रहते हैं।
शुक्र का शुभ प्रभाव होने से व्यक्ति को संगीत, सौंदर्य, आकर्षण, वैवाहिक जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं क्योंकि इन सभी क्षेत्रों का संबंध शुक्र से होता है।
कुंडली में अगर शुक्र ग्रह बेहद शुभ और मज़बूत हैं, तो व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत होता है। साथ ही, उसे अपने जीवन में कभी भी धन से जुड़ी समस्याएं परेशान नहीं करती हैं।
शुक्र की कृपा से जातकों का वैवाहिक और पारिवारिक जीवन सुख-शांति से पूर्ण रहता है। वह प्रेम संबंधों का आनंद लेने में सक्षम होते हैं।
चलिए अब जान लेते हैं शुक्र के कमज़ोर होने पर नज़र आने वाले लक्षणों के बारे में।
अगर शुक्र किसी जातक की कुंडली में कमज़ोर होता है, तो यह विवाह में देरी या समस्याएं पैदा कर सकता है। साथ ही, यह वैवाहिक जीवन में नाख़ुश रह सकते हैं।
त्वचा और आंखों से संबंधित परेशानियां भी दुर्बल शुक्र की निशानी होती है।
शुक्र के नकारात्मक होने पर व्यक्ति का आकर्षण कम होने लगता है। साथ ही, चेहरे से चमक भी खोने लगती है।
जिन जातकों का शुक्र दुर्बल होता है, उन्हें भौतिक सुखों की प्राप्ति नहीं हो पाती है और ऐसे में, उसे घर, वाहन सुख पाने में समस्या का सामना करना पड़ता है।
शुक्र की दुर्बलता प्रेम संबंधों में असफलता दे सकती है या फिर आपको ब्रेकअप की कगार पर ले जा सकती है।
ऐसे लोग जो कलात्मक क्षेत्रों या फिर संगीत में रुचि रखता है और उन्हें बार-बार असफलता का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह शुक्र की दुर्बलता होती है।
शुक्र ग्रह के बारे में विस्तार से जानने के बाद अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शुक्र को प्रसन्न करने के उपाय।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: सरल एवं अचूक उपाय
शुक्रवार का व्रत करें: शुक्र देव को मज़बूत करने के लिए नियमित रूप से शुक्रवार को व्रत रखें। साथ ही, इस दिन सफेद वस्त्र धारण करें।
शुक्र मंत्र: कुंडली में शुक्र ग्रह को बलवान बनाने के लिए प्रतिदिन या शुक्रवार को “ॐ शुं शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
रत्न धारण करें: शुक्र का रत्न हीरा है इसलिए कुंडली में शुक्र की मज़बूती के लिए हीरा धारण करें। लेकिन, ऐसा किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेने के बाद ही करें।
सफेद चीजों का दान: ऐसा माना जाता है कि सफ़ेद चीज़ों जैसे दूध, चावल, सफेद वस्त्र, दही आदि का दान करने से शुक्र देव प्रसन्न होते हैं। साथ ही, शुक्रवार के दिन गरीब कन्याओं को दान करना फलदायी रहता है।
देवी लक्ष्मी को फूल करें अर्पित:शुक्र देव का संबंध देवी लक्ष्मी से माना जाता है इसलिए शुक्रवार के दिन 5 लाल रंग के फूल देवी को अर्पित करें।
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शुक्र का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए शुक्र दूसरा और सातवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का… (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र पहले और छठे भाव के स्वामी हैं और शुक्र… (विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र… (विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए इस समय शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का सिंह राशि…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र… (विस्तार से पढ़ें)
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तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए शुक्र पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का… (विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए इस समय शुक्र सातवें और बारहवें भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का… (विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए शुक्र पांचवें और दसवें भाव के स्वामी है। शुक्र का सिंह… (विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र… (विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का… (विस्तार से पढ़ें)
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. शुक्र का सिंह राशि में गोचर कब होगा?
प्रेम के कारक शुक्र ग्रह 15 सितंबर 2025 को सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश कर जाएंगे।
2. क्या सूर्य और शुक्र मित्र हैं?
ज्योतिष के अनुसार, शुक्र और सूर्य एक-दूसरे के मित्र नहीं हैं, बल्कि शुक्र सूर्य के प्रति शत्रु भाव रखते हैं।
3. शुक्र की सिंह राशि में स्थिति कैसी है?
सूर्य देव की राशि सिंह है इसलिए शत्रु राशि में शुक्र के गोचर को एक अनुकूल स्थिति नहीं कहा जा सकता है।
4. शुक्र की राशि कौन सी है?
राशि चक्र में शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं।
टैरो साप्ताहिक राशिफल 14 से 20 सितंबर 2025: जानें यह सप्ताह कैसा रहेगा सभी 12 राशियों के लिए
टैरो साप्ताहिक राशिफल 14 से 20 सितंबर 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं।
इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 14 से 20 सितंबर, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 14 से 20 सितंबर, 2025: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: व्हील ऑफ फार्च्यून
आर्थिक जीवन: द टॉवर
करियर: स्ट्रेंथ
स्वास्थ्य: द हाई प्रीस्टेस
मेष राशि वालों के प्रेम जीवन की बात करें, तो आपको व्हील ऑफ फार्च्यून मिला है जो आपके जीवन में आने वाले सकारात्मक बदलाव को दर्शा रहा है। ऐसे में, आप जीवनसाथी के साथ एक नए चरण की शुरुआत कर सकते है या फिर अपने रिश्ते को अगले पड़ाव पर लेकर जा सकते हैं या आप दोनों को किसी प्रोजेक्ट पर एक साथ काम करने का मौका भी मिल सकता है। हालांकि, यह कार्ड बता रहा है कि जीवन में आने वाला यह बदलाव आपको थोड़ा मुश्किल लग सकता है। हालांकि, अगर आप पहले से अपने रिश्ते को लेकर नाख़ुश हैं, तो यह कार्ड प्रेम जीवन में उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है।
आर्थिक जीवन में द टॉवर कार्ड का आना ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह आपके लिए धन से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है। संभव है कि इस सप्ताह के दौरान आपके सामने मंदी, नौकरी छूटना जैसी परिस्थितियां आ सकती हैं, जिसके चलते आपको आर्थिक जीवन में अचानक से उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपकी आर्थिक स्थिति चरमरा सकती है। सरल शब्दों में कहें, तो आर्थिक जीवन को लेकर आपका सामना हकीकत से हो सकता है जिसका कारण आपकी गलत आदतें और भ्रम हो सकता है।
करियर के क्षेत्र में आपको द स्ट्रेंथ प्राप्त हुआ है जो आंतरिक शक्ति, धैर्य और समस्याओं पर जीत पाने की क्षमता का प्रतिनिधिव करता है। यह कार्ड आपको अपनी क्षमताओं को पहचानते हुए बड़े फैसले लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा क्योंकि आपके पास जीवन में वह सब पाने की क्षमताएं होंगी जिनके आप सपने देखते हैं। साथ ही, यह कार्ड आपको कार्यक्षेत्र में दृढ़ और विनम्र बने रहते हुए बुद्धि का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहा है।
जब बात आती है स्वास्थ्य की, तो आपको द हाई प्रीस्टेस स्वयं की देखभाल करने, मज़बूत आंतरिक क्षमता और अच्छी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। बता दें कि इस सप्ताह आपको अपने मन की आवाज़ सुननी होगी जो आपके स्वास्थ्य को मज़बूत बनाए रखने में सहायता करेगी।
शुभ अंक: 09
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: सेवेनऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ वैंड्स
करियर: किंग ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ वैंड्स
वृषभ राशि के जातकों के प्रेम जीवन के लिए सेवेन ऑफ पेंटाकल्स शुभ माना जाएगा। यह कार्ड मज़बूत और प्रेम से पूर्ण रिश्ते का प्रतीक माना जाता है इसलिए अगर आप पहल से किसी रिश्ते में हैं, तो आपके रिश्ते में यह गुण मौजूद होंगे जो कि एक रिलेशनशिप को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं। हालांकि, यदि आप और आपके साथी रिश्ते को बनाए रखने के लिए काफ़ी समय से मशक्कत कर रहे हैं, तो अब आपको अपनी मेहनत के परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। हालांकि, ऐसे प्रेमी जोड़े जो साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि वह वाहन खरीद सके या फिर शादी कर सके, तो अब आप अपने लक्ष्यों को पाने में सक्षम होंगे।
बात करें आर्थिक जीवन की तो, थ्री ऑफ वैंड्स प्रगति, उन्नति और पिछले प्रयासों से मिलने वाली सफलता का प्रतिनिधित्व करता है। आप अपनी मेहनत के परिणामों का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे और आपको नए व्यापार या ट्रेवल कंपनी में निवेश करने के अवसर मिलेंगे। यह कार्ड आपको सोच-समझकर आगे बढ़ने और भविष्य को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए कह रहा है।
करियर के क्षेत्र में आपको किंग ऑफ पेंटाकल्स प्राप्त हुआ है जो सफलता, उपलब्धि और स्थिरता को दर्शा रहा है। इस अवधि में आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और करियर भी तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ेगा जो आपकी मेहनत, आत्म-नियंत्रण और सकारात्मक दृष्टिकोण का नतीजा होगा। साथ ही, इस दौरान आपको किसी अनुभवी या बुजुर्ग व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है।
स्वास्थ्य को देखें तो, नाइट ऑफ वैंड्स का आना आपकी सेहत के लिए सकारात्मक कहा जाएगा। बता दें कि यह कार्ड ऊर्जा, जोश और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की तीव्र इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, इस अवधि में आपको जल्दबाज़ी में कोई भी काम करने से बचना होगा या फिर खुद पर हद से ज्यादा दबाव लेने से बचना होगा, अन्यथा आपको चोट लगने की आशंका है।
शुभ अंक: 06
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: पेज ऑफ वैंड्स
करियर: फाइवऑफ पेंटाकल्स (रिवर्सड)
स्वास्थ्य: जस्टिस
मिथुन राशि वालों को प्रेम जीवन में टू ऑफ पेंटाकल्स मिला है जो रिश्ते में आपसी तालमेल और सौहार्द को दर्शा रहा है। इस सप्ताह आपको जीवन में जिम्मेदारियों, लक्ष्यों और रिश्ते के बीच संतुलन बनाकर चलना होगा। यह कार्ड बता रहा है कि आप चंचल स्वभाव के व्यक्ति होंगे जिसे एक शांत जीवनसाथी की तलाश होगी।
आर्थिक जीवन में पेज ऑफ वैंड्स का आना पेशेवर जीवन में एक नई शुरुआत, आविष्कार और जोश का प्रतीक माना जाता है। यह आपके जीवन में एक ऐसा सुनहरा अवसर लेकर आ सकता है जो आपके करियर को तरक्की के मार्ग पर ले जा सकता है और साथ ही, अप्रत्याशित लाभ भी करवा सकता है। लेकिन, आपको जीवन में यह सब पाने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा और योजना बनाकर चलना होगा।
करियर के क्षेत्र में आपको फाइव ऑफ़ पेंटाकल्स प्राप्त हुआ है जो जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन को दर्शा रहा है। यह बदलाव आपको कठिन परिस्थितियों से बाहर निकालने का काम करेगा। इस सप्ताह आप जीवन में चल रही समस्याओं को पार करेंगे। आपको नई नौकरी मिलने की भी संभावना है या फिर करियर को लेकर आपका नज़रिया बदल सकता है जो आपको पेशेवर जीवन में सकारात्मक परिणाम प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य की बात करें, तो जस्टिस कार्ड का आना जीवन में संतुलन बनाकर चलने की जरूरत की तरफ संकेत करता है, ताकि आपकी सेहत अच्छी बनी रहे। साथ ही, यह आपको जीवन में स्वास्थ्य के महत्व को समझते हुए सेहत को प्राथमिकता देने के लिए भी कह रहा है।
शुभ अंक: 05
कर्क राशि
प्रेम जीवन: द हैंग्ड मैन (रिवर्सड)
आर्थिक जीवन: एट ऑफ वैंड्स
करियर: नाइन ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
बात करें कर्क राशि वालों के प्रेम जीवन की, तो द हैंग्ड मैन (रिवर्सड) का आना जीवनसाथी से थोड़ी दूरी बनाते हुए खुद को जानने-समझने की भावना को दर्शाता है। इस अवधि में आपको ब्रेकअप करने के बजाय स्वयं को समझना होगा। ऐसे में, आपको कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले रूककर अपने रिश्ते की मज़बूती या पार्टनर के प्रति अपनी भावनाओं को समझाना होगा।
आर्थिक जीवन को देखें तो, एट ऑफ वैंड्स उन्नति, विस्तार और आर्थिक जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन को दर्शा रहा है। इस सप्ताह आपके पास आय में वृद्धि के अनेक अवसर मौजूद होंगे और ऐसे में, आप आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। यह कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि आप आर्थिक रूप से मज़बूत होंगे जो आपकी मेहनत का परिणाम होगा। इसके परिणामस्वरूप, अब आप अपनी मेहनत के फल का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे।
आपको करियर के क्षेत्र में नाइन ऑफ कप्स प्राप्त हुआ है जो सफलता, उपलब्धियों और एक अलग पहचान बनाने की तरफ संकेत कर रहा है। यह कार्ड कहता है कि इस अवधि में आपको अपने प्रयासों के परिणाम प्राप्त होगा और ऐसे में, आप करियर में सफलता का आनंद लेंगे। साथ ही, इस समय आपको वेतन वृद्धि, प्रमोशन या कोई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट मिलने की प्रबल संभावना है। वहीं, जो जातक अपनी नई कंपनी की शुरुआत करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा।
स्वास्थ्य में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स का आना सेहत को लेकर तुरंत कदम उठाने और उसे प्राथमिकता देने की आवश्यकता को दर्शाता है। इस दौरान आपको स्वास्थ्य के संबंध में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं या फिर आपको बेहतर जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके अलावा, आपको सांस, तंत्रिका तंत्र या फिर कंधों से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
सिंह राशिके प्रेम जीवन मेंकिंग्स ऑफ कप्स स्थिरता, भावनात्मक रूप से परिपक्वता, दया और प्रेम का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड रिलेशनशिप में प्रतिबद्धता, वफादार और भावनात्मक रूप से संतुलित जीवनसाथी की तरफ संकेत कर रहा है जो रिश्ते को समझता भी होगा और उसे महत्व भी देता होगा। आपकी और साथी का रिश्ता प्रेम और सौहार्द से पूर्ण हो सकता है इसलिए आप एक-दूसरे को अच्छे से समझते होंगे।
आर्थिक जीवन में आपको द मैजिशियन प्राप्त हुआ है जो कहता है कि आप स्वयं को मिलने वाले अवसरों, सरलता और क्षमताओं के माध्यम से लक्ष्य हासिल करेंगे। आपके पास वह सभी क्षमताएं और योग्यताएं होंगी जिनकी मदद से आप आर्थिक जीवन के लक्ष्य पाने में सफल हो सकेंगे। साथ ही, आपको मेहनत करने के साथ-साथ कार्यों को लेकर तुरंत कदम उठाने होंगे।
बात करें करियर की, तो आपको ऐस ऑफ वैंड्स मिला है जो नई शुरुआत, प्रगति और संभावनाओं को दर्शाता है। सरल शब्दों में कहें तो, आपके लिए इस सप्ताह को अनुकूल कहा जाएगा और ऐसे में, आप सोच-समझकर जोख़िम उठाने, अवसरों का फायदा उठाने के साथ-साथ नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। यह कार्ड रचनात्मकता और पेशेवर जीवन में तरक्की की तरफ संकेत कर रहा है।
स्वास्थ्य में आपको द एम्परर मिला है और यह सेहत की बागडोर अपने हाथों में लेने, सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और शरीर से मिलने वाले संकेतों पर ध्यान देने की सलाह दे रहा है, जिससे आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी। साथ ही, आपको मेडिकल सहायता लेने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की भी सलाह दी जाती है।
कन्या राशि वालों के प्रेम जीवन में थ्री ऑफ पेंटाकल्स कहता है कि आप रिश्ते में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे और एक टीम की तरह काम को करते हुए दिखाई देंगे। ऐसे में, आपके रिश्ते की नींव मजबूत होगी। यह कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि इस दौरान आप किसी प्रोजेक्ट पर साथ काम करेंगे या फिर किसी रचनात्मक कार्य को एक साथ करेंगे जिससे आपके मन में एक-दूसरे के लिए भावनाएं जन्म ले सकती हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो, आपकी मुलाकात अपने जीवनसाथी से ऑफिस में हो सकती है।
आर्थिक जीवन में द लवर्स कार्ड आया है और यह बता रहा है कि इस सप्ताह आप धन से संबंधित कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं जिसका असर अपक्व जीवन पर लंबे समय तक बना ररह सकता है। साथ ही, इस अवधि में आपके सामने आय में बढ़ोतरी के अनेक विकल्प मौजूद होंगे और आपको उनमें से किसी एक का चुनाव करना होगा। ध्यान रखें कि आपके लिए गए निर्णयों का असर आपके आर्थिक जीवन पर लंबे समय तक बना रहेगा।
करियर की बात करें तो, आपको सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स प्राप्त हुआ है जो कहता है कि इस सप्ताह आप समस्याओं या तनाव से भरे माहौल से बाहर निकलकर स्थिर और सुरक्षित नौकरी की शुरुआत कर सकते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, इस दौरान आपको नौकरी में स्थान परिवर्तन, नौकरी में बदलाव या फिर कुछ नई जिम्मेदारियां आपको मिल सकती हैं। हालांकि, आप करियर में सही दिशा में आगे बढ़ेंगे।
कन्या राशि के जातकों को स्वास्थ्य में थ्री ऑफ कप्स मिला है जो हीलिंग, सामाजिक जीवन में दोस्तों या जानकारों का साथ मिलना या फिर लोग अपने अनुभव के आधार पर आपको स्वास्थ्य में सुधार के लिए सलाह दे सकते हैं। साथ ही, आपको भावनात्मक समर्थन की भी प्राप्ति होगी, जिससे आपको स्वस्थ होने में सहायता मिलेगी।
बात करें तुला राशि की, तो आपके प्रेम जीवन में किंग ऑफ वैंड्स का आना दर्शा रहा हैं कि इस सप्ताह आपके जीवन में कोई ख़ास व्यक्ति दस्तक दे सकता है और यह इंसान अपने जीवन में सिद्धांतों पर चलना पसंद करता होगा। साथ ही, उसका दृष्टिकोण जीवन के प्रति व्यावहारिक हो सकता है। जो जातक पहल से रिश्ते में हैं, तो संभव है कि आपका पार्टनर ज्यादा रोमांटिक न हो और वह अपनी भावनाओं और प्रेम का खुलकर इज़हार नहीं कर पाता हो।
आपके आर्थिक जीवन में द चैरियट आया है और यह दृढ़ता, मज़बूत एकाग्रता और खुद को नियंत्रित करने की क्षमता को दर्शाता है। यह कार्ड कहता है कि इन जातकों के पास जीवन में आने वाली आर्थिक समस्याओं पर जीत हासिल करने के साथ-साथ आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करने की अपार क्षमता होगी। आपको उज्जवल भविष्य पाने के लिए सही तरीके से धन का प्रबंधन और लक्ष्यों का निर्धारण करना होगा। साथ ही, जीवन के निर्णयों को सोच-समझकर लेना होगा।
करियर की बात करें तो, आपको किंग ऑफ स्वॉर्ड्स मिला है और यह कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि आपकी बुद्धि तेज़ होगी और आपकी विश्लेषणात्मक क्षमताएं भी मज़बूत होंगी। इस सप्ताह ऐसा कोई वरिष्ठ अधिकारी और लीडर जो ईमानदारी और वफ़ादारी को महत्व देता है, वह आपका मार्गसदर्शन कर सकता है। साथ ही, इस अवधि में आपको करियर से जुड़ी समस्याओं और लक्ष्यों को लेकर अपने विचारों को स्पष्ट करना होगा। अगर आप जीवन में तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो आपको कठोर फैसले लेने के लिए तैयार रहना होगा।
स्वास्थ्य के मामले में द हर्मिट का आना बता रहा हैं कि इस समय आप अपने बारे में सोच-विचार करने के साथ-साथ अपनी सेहत को प्राथमिकता दे सकते हैं। इस दौरान आपको मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा। यह कार्ड अपनी सेहत को उत्तम बनाए रखने के लिए सही मार्गदर्शन और थोड़े दिन कहीं घूमने-फिरने जाने की सलाह दे रहा है।
शुभ अंक: 15
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: एट ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्स
करियर: टू ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स
जब बात आती है वृश्चिक राशि वालों के प्रेम जीवन की तो, एट ऑफ कप्स कहता है कि अगर आप रिश्ते में ख़ुश नहीं हैं, तो अब रिश्ते से बाहर निकलने का समय आ गया है। यह समय प्रेम जीवन में उलझने के बजाय खुद के बारे में जानने-समझने के लिए श्रेष्ठ होगा। इस दौरान आप अपनी भावनाओं को प्राथमिकता देंगे और अपने लिए एक सही रिश्ते की तलाश करेंगे।
आर्थिक जीवन में फोर ऑफ पेंटाकल्स एक ऐसी अवधि को दर्शा रहा है जो आर्थिक रूप से सुरक्षित, स्थिर और मेहनत के बल पर आपको सफलता प्रदान करने वाली होगी। हालांकि, इस दौरान दूसरों पर अपना हक़ जताने, धन जमा करने और जमा पूंजी को खोने का डर जैसी भावनाएं आपके ऊपर हावी हो सकती हैं। साथ ही, यह कार्ड आपको रिश्तों के बारे में सोचने पर मज़बूर कर देगा कि क्या धन जीवन के रिश्तों से बढ़कर होता है।
टू ऑफ वैंड्स सुरक्षा, स्थिरता और मेहनत के बल पर आर्थिक जीवन में सफलता पाने की अवधि का प्रतिनिधित्व करता है। इस सप्ताह करियर को लेकर आप अपने भविष्य के बारे में सोच-विचार कर सकते हैं जैसे कि आपको आगे क्या करना है और आपको अगला कदम क्या होगा। आप करियर का निर्धारण करते हुए अपनी खुद की कंपनी शुरू कर सकते हैं या फिर विदेश में बस सकते हैं।
स्वास्थ्य को देखें तो, नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स का आना स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं जैसे सिर दर्द, नींद न आना या तनाव आदि की तरफ इशारा कर रहा है। यह समय तनाव और चिंता से भरा रह सकता है जिसकी वजह से आप पर्याप्त नींद नहीं ले पाएंगे और इसका असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। ऐसे में, आपको इन समस्याओं से निपटने के लिए ध्यान और योग करने की सलाह दी जाती है।
धनु राशिके जातकों को प्रेम जीवन में नाइन ऑफ पेंटाकल्स प्राप्त हुआ है जो रिश्ते में आज़ादी, आत्मानिर्भर, प्रगति और उपलब्धियों को दर्शाता है। संभव है कि आपके व्यक्तित्व में मौजूद ये गुण किसी व्यक्ति को आपकी तरफ आकर्षित कर सकते हैं या फिर यह गुण आपके मौजूदा रिश्ते में हो सकते हैं। यह अवधि आपके लिए शानदार रहेगी और ऐसे में आपको साथी के साथ डेट पर जाने या उपहार देने का मौका मिलेगा।
आर्थिक जीवन में टेन ऑफ वैंड्स आया है जो बता रहा है कि यह जातक इस सप्ताह अपने कार्यों, जिम्मेदारियों या परियोजनों में उलझे हुए हो सकते हैं जिसके चलते वह धीरे-धीरे आर्थिक रूप से कमज़ोर होते जा रहे होंगे। ऐसे में, आपको थकान से बचने के लिए स्वयं को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही, अपने बोझ को कम करना होगा और जिम्मेदारियों को भी दूसरों को सौंपकर हल्का करना होगा, जो आपकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रही होगी।
करियर के क्षेत्र में द स्टार सफलता, आशा और एक नई शुरुआत की तरफ इशारा कर रहा है। यह अवधि आपके लिए सुनहरे अवसर लेकर आ सकती है और ऐसे में, आप करियर में प्रगति और तरक्की हासिल करने में सक्षम होंगे। साथ ही, आपको मिलने वाले यह अवसर आपकी पसंद के अनुसार होंगे। इसके फलस्वरूप, आप पेशेवर जीवन में मिलने वाली असफलता से आगे बढ़ेंगे, जिससे आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी।
स्वास्थ्य में एट ऑफ पेंटाकल्स आया है और यह कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि इन जातकों को अपने प्रयासों और मेहनत के बल पर अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखना होगा। साथ ही, इस दौरान आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए अपने खानपान का ध्यान रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
शुभ अंक: 12
मकर राशि
प्रेम जीवन: द हाई प्रीस्टेस
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ पेंटाकल्स
करियर: द डेविल
स्वास्थ्य: पेज ऑफ पेंटाकल्स
बात करें मकर राशि वालों के प्रेम जीवन की तो, द हाई प्रीस्टेस एक मज़बूत एवं प्रेम से पूर्ण रिश्ते और अपने मन की आवाज़ सुनने की अवधि को दर्शा रहा है। इस राशि के जातकों का रिश्ता ऐसा हो सकता है जहां आप दोनों एक-दूसरे के महत्व को समझते होंगे और दोनों एक-दूसरे के साथ रिश्ते में रहना चाहते होंगे। साथ ही, आपके रिश्ते की नींव खुलकर बात करना, ईमानदारी और विश्वास पर आधारित होगी। यह समय आपको दूसरों की भावनाओं और रहस्यों के बारे में जानने के लिए प्रेरित कर सकता है।
आर्थिक जीवन में किंग ऑफ पेंटाकल्स का आना एक शुभ संकेत माना जाएगा क्योंकि यह आपकी मेहनत के फल का प्रतिनिधित्व करता है। वर्तमान समय में आपकी आर्थिक स्थिति सुगमता से आगे बढ़ेगी। बता दें कि इस समय आप अपने जीवन में उस पड़ाव पर होंगे जहां आप आर्थिक रूप से स्थिर और सुरक्षित महसूस करेंगे जो कि आपकी मेहनत का फल होगी। साथ भी, सालों पहले आपके द्वारा सोच-समझकर किए गए निवेश का परिणाम होगा। आप जीवन की छोटी-छोटी चीज़ों का आनंद लेने और लोगों की सहायता करने में सक्षम होंगे।
करियर को देखें तो, आपको द डेविल मिला है जो नौकरी में फंसे होने या फिर मज़बूरी को दर्शाता है जिसकी वजह आर्थिक स्थिरता भी हो सकती है। इसके अलावा, इस मज़बूरी का कारण भौतिक इच्छाएं या पेशेवर जीवन में मिलने वाले मान-सम्मान के प्रति लगाव हो सकता है। साथ ही, यह कार्ड आपको अपनी क्षमताओं को पहचानने और करियर को सही मार्ग पर लेकर जाने के लिए तुरंत कदम उठाने के लिए कह रहा है।
मकर राशि वालों को स्वास्थ्य के मामले में पेज ऑफ पेंटाकल्स मिला है जो शारीरिक और मानसिक रूप से आपके स्वास्थ्य के बेहतर होने की तरफ इशारा कर रहा है, क्योंकि इस दौरान आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होगी और आप ऊर्जावान रहेंगे। हालांकि, इस सप्ताह आपको अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहना होगा और खुद का ध्यान रखना होगा। इसके लिए आपको नियमित दिनचर्या का पालन और व्यायाम करना होगा।
शुभ अंक: 18
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कुंभ राशि
प्रेम जीवन: द वर्ल्ड
आर्थिक जीवन: टेन ऑफ पेंटाकल्स
करियर: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ कप्स
कुंभ राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए द वर्ल्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि आपका और साथी का रिश्ता काफ़ी मज़बूत और प्रेम से भरा होगा। ऐसे में, जब आप दोनों साथ होते हैं, तो आपको ऐसा लग सकता है कि आप दोनों एक-दूसरे की पूरी दुनिया हैं। साथ ही, आपका पार्टनर आपको स्पेशल महसूस करवा सकता है, जिसके चलते आप दोनों का रिश्ता दिन पर दिन मज़बूत होता जाएगा।
आर्थिक जीवन में टेन ऑफ पेंटाकल्स बता रहा है कि इस सप्ताह आप धन-समृद्धि, आर्थिक रूप से सुरक्षित और पैतृक संपत्ति के माध्यम से संपन्न होंगे। यह कार्ड एक खुशहाल परिवार की तरफ भी संकेत कर रहा है। इस समय आप अपनी मेहनत के फल का आनंद लेने के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण फैसले लेंगे जिसका लाभ आपको वर्तमान और भविष्य दोनों में मिलेगा।
करियर के क्षेत्र में टेन ऑफ स्वॉर्ड्स का आना शुभ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह नौकरी छूटने और कार्यक्षेत्र में कठिन समय का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही, आपको थोड़ा सावधान रहना होगा क्योंकि आपको नौकरी में तनाव, थकान और छलकपट का सामना करना पड़ सकता है और ऐसे में, आप नौकरी से असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं। हालांकि, पेशेवर जीवन में आपको इन मुश्किलों को देखकर निराश नहीं होना क्योंकि यह आपको एक नई शुरुआत करने और करियर में बेहतर राह पर चलने के लिए प्रेरित करेगी।
जब बात आती है स्वास्थ्य की, तो सिक्स ऑफ कप्स ऐसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए कहता है जो आपकी सेहत को बेहतर बनाने में सहायता करेगी। ऐसे में, यह कोई गेम खेलने या अपने पुराने शौक को दोबारा समय देने, परंपराओं का पालन करने और अपने अंदर के बच्चे को पुनर्जीवित कर सकते हैं।
शुभ अंक: 27
मीन राशि
प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स
करियर: ऐस ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: एट ऑफ स्वॉर्ड्स
जब बात आती है मीन राशि वालों के प्रेम जीवन की तो, टू ऑफ कप्स का आना शादी या सगाई होना, प्रेम का इज़हार करना और दो लोगों के एक होने का प्रतीक माना जाता है। यह कार्ड प्रेम जीवन के लिए शुभ होता है जो प्रेम, खुशियों से पूर्ण, आपसी सहयोग और सौहार्द पर आधारित रिश्ते की तरफ इशारा करता है। इस अवधि में आपका रिश्ता पार्टनर के साथ एक नए स्तर पर पहुंचेगा जिसकी वजह से आपका रिलेशनशिप मज़बूत होगा और आप दोनों प्रतिबद्ध होंगे।
सिक्स ऑफ पेंटाकल्स आर्थिक जीवन में स्थिरता, संतुलन और दान-पुण्य का प्रतिनिधित्व करता है जिसकी प्राप्ति आपको बेहतरीन धन प्रबंधन के माध्यम से होगी। इस अवधि में आप निवेश करने के साथ-साथ दान करते हुए दिखाई देंगे और ऐसा करके आप जीवन में बहुत कुछ पाने में सक्षम होंगे।
करियर के क्षेत्र में आपको ऐस ऑफ कप्स मिला है जो नई शुरुआत, भावनात्मक संतुष्टि, बेहतरीन कार्य और प्रगति को दर्शाता है। इस अवधि में आपके कार्यक्षेत्र का माहौल मोटिवेट करने वाला होगा और ऐसे में, आपको करियर में तरक्की पाने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे।
बात करें आपकी सेहत की, तो एट ऑफ स्वॉर्ड्स नकारात्मक विचारों और मानसिक समस्याओं जैसे कहीं फंसे होने की भावना का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी वजह चिंता, तनाव और ऐसी परिस्थितियां हो सकती हैं जिसकी वजह से आप बंधा हुआ महसूस कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपकी सोच जिम्मेदार हो सकती है। लेकिन, अगर आप जीवन को लेकर अपना दृष्टिकोण बदलेंगे और दूसरों से सहायता लेंगे, तो न सिर्फ़ आप स्वस्थ हो सकेंगे, बल्कि समस्याओं से भी बाहर आने में भी सक्षम होंगे।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या टैरो कार्ड की दीर्घकालिक प्रश्नों की भविष्यवाणी 100% सटीक होती है?
नहीं, टैरो कार्ड आपके सवालों का जवाब देता है और आपका मार्गदर्शन करता है।
2. कौन सा टैरो कार्ड पुरानी यादों का प्रतिनिधित्व करता है?
सिक्स ऑफ कप्स
3. माइनर अरकाना में कितने कार्ड होते हैं?
माइनर अरकाना में कुल 22 कार्ड होते हैं।
मंगल का तुला राशि में गोचर, किन राशियों पर बरपाएगा कहर? जानें 12 राशियों पर प्रभाव!
मंगल का तुला राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई हमेशा से अपने पिछले लेखों में आपको बताता आया है कि ग्रहों की चाल, दशा और स्थिति में होने वाला हर परिवर्तन मनुष्य जीवन को प्रभावित करता है। इसी क्रम में, वैदिक ज्योतिष में मंगल देव को उग्र ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित करने की अपार क्षमता रखते हैं।
शायद ही आप जानते होंगे कि मंगल ग्रह को अनेक नामों जैसे ‘भौम पुत्र”, ‘लोहिता” और “कुजा” आदि नामआह से जाना जाता है। बता दें कि लोहिता का अर्थ लाल रंग होता है। मंगल देव मनोकामना, पराक्रम और जुनून के प्रतीक माने जाते हैं। ऐसे में, मंगल ग्रह का गोचर महत्वपूर्ण हो जाता है जो अब जल्द ही अपनी राशि परिवर्तन करते हुए तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग आपको मंगल का तुला राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा।
ऐसे में, मंगल का तुला राशि में गोचर का असर करियर, व्यापार समेत देश-दुनिया पर नज़र आ सकता है। तुला राशि में मंगल ग्रह का यह गोचर राशि चक्र की कुछ राशियों के लिए सकारात्मक रहेगा जबकि कुछ राशियों को नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
मंगल गोचर की अवधि में किन राशियों को रहना होगा सावधान और किन राशियों को करियर, प्रेम जीवन से लेकर स्वास्थ्य में मिलेंगे बेहतर परिणाम? आपके मन में उठने वाले इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख के माध्यम से प्राप्त होंगे।
इसके अलावा, कुंडली में मंगल की स्थिति को मज़बूत करने के लिए किन उपायों को आप अपना सकते हैं, इस बारे में भी हम आपको बताएंगे। तो आइए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं मंगल गोचर का समय।
मंगल का तुला राशि में गोचर कब होगा
लाल ग्रह और पराक्रम के ग्रह के नाम से विख्यात मंगल महाराज 13 सितंबर 2025 की रात 08 बजकर 18 मिनट पर तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन हर 45 दिन के बाद होता है यानी कि डेढ़ महीने बाद यह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं।
तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र देव हैं और अब अगले डेढ़ महीने मंगल ग्रह इनकी राशि में विराजमान रहेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, इस राशि में मंगल ग्रह कई बड़े ग्रहों जैसे सूर्य, बुध के साथ युति करेंगे। मंगल और शुक्र ग्रह न तो एक-दूसरे के मित्र हैं और न ही शत्रु, बल्कि यह दोनों ग्रह एक-दूसरे के साथ तटस्थ संबंध रखते हैं।
ऐसे में, मंगल का तुला राशि में गोचर राशियों को मिलेजुले परिणाम दे सकता है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं मंगल का तुला राशि में प्रभाव कैसा रहेगा।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मंगल का तुला राशि में गोचर:ज्योतिष में मंगल का महत्व
मंगल देव को ज्योतिष शास्त्र में सेनापति का दर्जा प्राप्त है जो मनुष्य जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों को नियंत्रित करते हैं। मंगल महाराज ऊर्जा, भूमि, साहस, रक्त, पराक्रम, सेना, भाई और युद्ध के कारक माने जाते हैं। राशि चक्र में मंगल दो राशियों के अधिपति देव हैं और ये दो राशियां मेष और वृश्चिक हैं। इस प्रकार, इन्हें राशियों में पहला और आठवां स्थान प्राप्त है।
बता दें कि मंगल ग्रह मकर राशि में उच्च अवस्था में होते हैं और कर्क राशि इनकी नीच राशि है। वहीं, 27 नक्षत्रों में मंगल देव चित्रा, धनिष्ठा और मृगशिरा नक्षत्र को नियंत्रित करते हैं। ऐसे जातक जिनकी कुंडली में मंगल की स्थिति मज़बूत होती है, वह निडर स्वभाव के, पराक्रमी और साहसी होते हैं।
इसके विपरीत, जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव कमज़ोर अवस्था में होते हैं, उन्हें जीवन में कई तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं अब मंगल ग्रह से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
मंगल का तुला राशि में गोचर: मंगल ग्रह से जुड़े तथ्य
ज्योतिष शास्त्र में मंगल महाराज को सातवीं, चौथी और आठवीं दृष्टि प्राप्त हैं।
अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष होता है, तो उसको विवाह के साथ-साथ वैवाहिक जीवन में भी तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में मौजूद होते हैं, तो यह स्थिति कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण करती है।
जिन जातकों की कुंडली में मंगल ग्रह लग्न में विराजमान होते हैं, वह तेज़, ऊर्जावान और सुंदर होते हैं। ऐसे व्यक्ति साहसी, निडर, पराक्रमी और जोख़िम उठाने वाले होते हैं। साथ ही, इन लोगों का गुस्से बहुत तेज़ होता है और यह आसानी से किसी के दबाव में नहीं आते हैं इसलिए यह लोग सेना और पुलिस में सफलता हासिल करते हैं।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल देव बलवान होते हैं, तो उसके भीतर ऊर्जा और निडरता कूट-कूट कर भरी होती है। ऐसा इंसान अपने भाई-बहनों की सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
मेष राशि में मंगल देव की स्थिति बेहद ताकतवर होती है जो इनकी मूल त्रिकोण राशि भी है। कुंडली में इन्हें तीसरे, छठे और एकादश भाव में मज़बूत माना जाता है।
मंगल ग्रह के गुरु, बुध और चंद्रमा के साथ बैठे होने पर जातक को शुभ फल प्राप्त होते हैं। दूसरी तरफ, सूर्य, राहु और शनि के साथ स्थित होने पर मंगल व्यक्ति को अशुभ परिणाम प्रदान करते हैं।
अगर कुंडली में मंगल ग्रह दसवें भाव में सूर्य और राहु के साथ युति करते हैं, तो व्यक्ति को जीवन में कोई पद दिलाने का काम करते हैं। बता दें कि मंगल देव दसवें भाव में बहुत शक्तिशाली होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति का जन्म होता है, उस समय कुंडली में सभी नौ ग्रह अलग-अलग भावों में विराजमान होते हैं। ऐसे में, कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है।
कुंडली में बनने वाला ऐसा योग होता है मांगलिक दोष जिसके लिए मंगल ग्रह जिम्मेदार होते हैं। इसे मंगल दोष या मांगलिक दोष के नाम से जाना जाता है। जातक को मंगल दोष की वजह से विवाह से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चलिए आपको रूबरू करवाते हैं कुंडली में कब और कैसे बनता है मांगलिक दोष।
कैसे बनता है मांगलिक दोष?
मंगल ग्रह यदि किसी जातक की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में मौजूद होते हैं, तो इस स्थिति को मांगलिक दोष कहा जाता है। कुंडली में मंगल दोष होने पर जातक को विवाह और वैवाहिक जीवन में समस्याओं से जूझना पड़ता है। बता दें कि ज्योतिष में मंगल दोष को अशुभ माना जाता है।
यदि लड़का या लड़की की कुंडली में मंगल दोष निर्मित होता है, तो यह विवाह में देरी, जीवनसाथी के साथ तनाव और विवाद का कारण बनता है। यही कारण है कि विवाह के समय कुंडली मिलान के दौरान मांगलिक दोष को अवश्य देखा जाता है, ताकि इनका निवारण किया जा सके और वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहे। बता दें कि मंगल दोष दो प्रकार के होते हैं जो कि इस प्रकार हैं:
व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्र मांगलिक दोष उस समय बनता है जब मंगल चंद्रमा से पहले, दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में बैठा होता है। चंद्र मांगलिक दोष जातक के वैवाहिक जीवन में साथी के बीच समस्याओं की वजह बनता है और मतभेदों को जन्म देता है।
आंशिक मांगलिक दोष
आंशिक मांगलिक दोष, जैसे कि इसके नाम से ही हम समझ सकते हैं कि कुंडली में बनने वाले इस मांगलिक दोष का प्रभाव हल्का होता है। बता दें कि जब मंगल देव कुंडली के पहले, दूसरे, चौथे, सातवें और बारहवें भाव में उपस्थित होते हैं, तो आंशिक मांगलिक दोष का निर्माण होता है।
इस दोष के अंतर्गत जातकों को मांगलिक दोष ज्यादा परेशान नहीं करता है क्योंकि यह आंशिक होता है। लेकिन फिर भी, व्यक्ति कुछ ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर आंशिक मांगलिक दोष के प्रभाव को कम कर सकता है। साथ ही, यह दोष 28 वर्ष की आयु में समाप्त हो जाता है।
मंगल का तुला राशि में गोचर: इन उपायों से करें मंगल दोष को शांत
मांगलिक दोष को दूर करने में वट सावित्री और मंगला गौरी व्रत फलदायी माना जाता है। यदि किसी कन्या का विवाह अनजाने में ऐसे इंसान से हो जाता है जो मांगलिक नहीं है, तो वह इन दोनों व्रतों को करके मंगल दोष से राहत प्राप्त कर सकती है।
अगर किसी कन्या की कुंडली में मंगल दोष मौजूद होता है, तो वह विवाह से पूर्व पीपल या घट के वृक्ष से विवाह करके वह मंगल दोष रहित वर से शादी कर सकती है, तब मांगलिक दोष नहीं लगता है।
यदि कन्या प्राण प्रतिष्ठित किए हुए विष्णु जी की प्रतिमा से विवाह करने के पश्चात किसी से विवाह करती है, तब भी इस दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
मान्यताओं के अनुसार, मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखना और हनुमान जी की सिंदूर से पूजा करना शुभ होता है। साथ ही, सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ करने से मांगलिक दोष से राहत मिलती है।
भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करने से भी मांगलिक दोष से छुटकारा मिलता है।
ऐसा कहा जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप सभी बाधाओं का नाश करने वाला मंत्र है। ऐसे में, वैवाहिक जीवन से मांगलिक दोष के नकारात्मक प्रभाव के अंत के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप लाभदायक सिद्ध रहता है।
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मंगल का तुला राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए इस समय मंगल ग्रह आपके पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं। मंगल…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए मंगल सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का तुला……(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए इस समय मंगल ग्रह आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल……(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। मंगल……(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और मंगल……(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए मंगल आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। मंगल……(विस्तार से पढ़ें)
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मंगल का तुला राशि में गोचर कब होगा?
मंगल देव 13 सितंबर 2025 को शुक्र ग्रह की राशि तुला में प्रवेश कर जाएंगे।
2. मंगल ग्रह का गोचर कितने दिन में होता है?
ज्योतिष के अनुसार, साहस के ग्रह मंगल देव हर राशि में लगभग 45 दिनों तक रहते हैं, उसके बाद राशि परिवर्तन कर लेते हैं।
3. मंगल किस राशि के स्वामी हैं?
राशि चक्र में मंगल देव को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 14 सितंबर से 20 सितंबर, 2025
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (14 सितंबर से 20 सितंबर, 2025)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनि देव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अपने दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास को बढ़ाने में सक्षम होंगे। इससे इनके विचारों में प्रगति देखने को मिलेगी और इसका असर इनके जीवन पर भी देखने को मिल सकता है। मूलांक 1 वाले जातक अधिक व्यवस्थित होते हैं और पेशेवर दृष्टिकोण रखते हैं जिससे इन्हें अपने जीवन में सफलता पाने में मदद मिलती है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके जीवनसाथी के बीच आपसी तालमेल और बातचीत अच्छी रहने की वजह से आपके रिश्ते में भी मधुरता देखने को मिलेगी। इससे आपके चेहरे पर मुस्कान आ सकती है।
शिक्षा: इस समय छात्र अधिक पेशेवर तरीके से पढ़ाई करने के लिए सकारात्मक कदम उठा सकते हैं। आपने जो कठिन विषय चुना है, उसमें आप अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे। यदि आप पब्लिक सेक्टर में नौकरी करते हैं, तो यह सप्ताह आपके लिए मुश्किल हो सकता है। व्यापारियों को आउटसोर्स डील से अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है।
सेहत: इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आप जोश और उत्साह से भरे रहेंगे। नियमित व्यायाम करने से आप अधिक फिट रहने वाले हैं और आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद ले पाएंगे। आपके अंदर उच्च स्तर की ऊर्जा रहेगी जिससे आपकी प्रसन्नता में इज़ाफा होगा।
उपाय: आप नियमित रूप से 19 बार ‘ॐ भास्कराय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 2 वाले जातकों को निर्णय लेने में कंफ्यूज़न महसूस हो सकती है। यह इनके विकास में बाधा बन सकता है। आपको इस सप्ताह को लेकर योजना बनाने की जरूरत है। साथ ही आप सकारात्मक चीज़ों के लिए आशावादी बनें। आपको इस सप्ताह अपने दोस्तों से दूर रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको इस समय उनकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस सप्ताह लंबी दूरी की यात्रा करने से उद्देश्य की पूर्ति होने की संभावना कम है इसलिए आपको इस दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए।
प्रेम जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच बहस होने की आशंका है जिससे आपको बचना चाहिए। इस सप्ताह को अधिक रोमांटिक और सुख-शांति से भरपूर बनाने के लिए आपको अपने पार्टनर के साथ सामंजस्य बिठाने की जरूरत है।
शिक्षा: इस समय छात्रों का ध्यान भटक सकता है इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। आपको पूरी मेहनत और पेशेवर तरीके से पढ़ाई करने की सलाह दी जाती है।
पेशेवर जीवन: इस समय नौकरीपेशा जातकों से काम में कुछ कमियां रह सकती हैं और यह कार्यक्षेत्र में आपके विकास में बाधा बन सकता है। वहीं व्यापारियों को नुकसान होने की आशंका है। प्रतिद्वंदियों से दबाव मिलने की वजह से ऐसा हो सकता है।
सेहत: आपको इस सप्ताह खांसी होने का डर है इसलिए आपको अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना चाहिए। आपको रात में नींद न आने की शिकायत भी हो सकती है।
उपाय: आप सोमवार के दिन चंद्रमा के लिए यज्ञ-हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 3 वाले जातकों में आध्यात्मिक प्रवृत्ति अधिक देखने को मिल सकती है। इस समय आप खुद को प्रेरित कर के सफलता और प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकते हैं।
प्रेम जीवन: आप अपने प्रेमी के प्रति अपनी रोमांटिक भावनाओं को व्यक्त कर पाएंगे। इसके साथ ही आप और आपका पार्टनर एक-दूसरे के साथ अपने विचारों को इस तरह से साझा करेंगे कि आप दोनों के बीच आपसी समझ बढ़ेगी।
शिक्षा: यह सप्ताह छात्रों के लिए शानदार रहने वाला है। आप पेशेवर होकर पढ़ाई करेंगे और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन देने में सक्षम होंगे।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातकों को नौकरी के नए अवसर मिलने की संभावना है जिससे उन्हें प्रसन्नता मिलेगी। व्यापारी इस समय कोई नया बिज़नेस शुरू कर सकते हैं जिससे उन्हें उच्च मुनाफा होने के आसार हैं। आप अपने प्रतिस्पर्धियों को कड़ी टक्कर दे पाएंगे और आपका अपने बिज़नेस पर पूरा नियंत्रण रहने वाला है।
सेहत: इस सप्ताह मूलांक 3 वालों का शारीरिक स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहने वाला है। इससे आपके अंदर जोश एवं ऊर्जा बढ़ेगी जिससे आप अपने स्वास्थ्य को बनाए रख पाने में सक्षम होंगे। आपके अंदर के साहस की वजह से भी आपकी सेहत दुरुस्त रह सकती है।
उपाय: आप बृहस्पतिवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक में जन्मे जातकों में अधिक जुनून देखा जा सकता है। ये अपने पैशन पर काम करते हैं। इन लोगों की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आप अपने पार्टनर के साथ अधिक आनंदित समय बिताएंगे। इससे आप दोनों का रिश्ता मजबूत होगा।
शिक्षा: आपको उच्च शिक्षा के लिए विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है और आपको उच्च सफलता के साथ गौरव प्राप्त होगा। आप ग्राफिक्स, विजुअल कम्युनिकेशन आदि विषयों की पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन करेंगे।
पेशेवर जीवन: आपको इस सप्ताह अपनी कड़ी मेहनत के लिए मनचाहा सम्मान मिल सकता है। आप अपने उच्च अधिकारियों के चहेते बन सकते हैं। यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो आपको अधिक मुनाफा होने के योग हैं।
सेहत: इस समय उच्च स्तर की ऊर्जा और जोश एवं उत्साह के कारण आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है।
उपाय: आप रोज़ 22 बार ‘ॐ राहवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 5 वाले जातक तर्क-वितर्क करने में माहिर होते हैं। ये जातक अपने तर्क से आसानी से जवाब देने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा ये लोग बिज़नेस में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आप अपने जीवनसाथी के साथ अधिक हंसी-मज़ाक कर सकते हैं। इससे आप दोनों का रिश्ता मजबूत होगा।
शिक्षा: आप सीए, फाइनेंशियल अकाउंटिंग और कॉस्टिंग आदि जैसे प्रोफेशनल स्टडीज़ के विषयों में शानदार प्रदर्शन करेंगे। आपके प्रयासों की वजह से ऐसा संभव हो पाएगा।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक जिस प्रमोशन की उम्मीद कर रहे हैं, इस सप्ताह उन्हें वह बड़ी आसानी से मिल सकती है। आपके काम करने का अंदाज़ अनोखा हो सकता है। व्यापारी इस सप्ताह अधिक मुनाफा कमाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे।
सेहत: इम्युनिटी मजबूत होने के कारण आप ऊर्जा से भरपूर रहने वाले हैं। आपको कोई स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी।
उपाय: आप नियमित रूप से 41 बार ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 6
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातकों की रचनात्मक कार्यों में अधिक रुचि हो सकती है और ये उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे। इन जातकों को अत्यधिक यात्रा करने का मौका मिलेगा।
प्रेम जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच खुशियां रहने वाली हैं। इसके साथ ही आप दोनों का रिश्ता भी मजबूत रहने वाला है। आप दोनों के बीच अच्छी आपसी समझ होने के कारण ऐसा हो सकता है।
शिक्षा: आपकी प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि सॉफ्टवेयर, मल्टीमीडिया टूल में अधिक रुचि हो सकती है और आप इनमें उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातकों को अपने उच्च अधिकारियों का पूरा साथ मिलने वाला है। वे आपकी प्रशंसा करते हुए और आपका सम्मान करते हुए नज़र आ सकते हैं। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आप नेटवर्क बिज़नेस में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
सेहत: इस समय आपकी इम्युनिटी मजबूत रहने वाली है और इसका सकारात्मक असर आपके स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलेगा।।
उपाय: आप शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 7 वाले जातकों का धर्म, फिलॉस्फी और रहस्यमयी चीज़ों में अधिक रुचि हो सकती है। इन जातकों की गूढ़ विज्ञान में भी दिलचस्पी हो सकती है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके पार्टनर के बीच अहंकार के कारण समस्याएं उत्पन्न होने की आशंका है। यह आपके रिश्ते पर भारी पड़ सकता है। आपको इस दौरान तालमेल बिठाकर चलना चाहिए।
शिक्षा: इस समय आपको अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है अन्यथा आप उच्च अंक प्राप्त करने में पीछे रह सकते हैं। तेज बुद्धि के लिए आपको ध्यान करने की सलाह दी जाती है।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों से इस समय अधिक गलतियां हो सकती हैं। आपके उच्च अधिकारी आपसे नाराज़ हो सकते हैं और इस वजह से आप बेहतर प्रगति के लिए नौकरी बदलने के बारे में भी सोच सकते हैं। व्यापारियों को मुनाफे से हाथ धोना पड़ सकता है और कभी-कभी आपको बिना मुनाफे और नुकसान के काम करना पड़ सकता है।
सेहत: इस सप्ताह आपको एलर्जी के कारण सनबर्न होने की आशंका है। इम्युनिटी के कमज़ोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है।
उपाय: आप मंगलवार के दिन केतु ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
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मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में अधिक ईमानदार हो सकते हैं। ये लोग अपने काम पर ध्यान देते हैं और हमेशा पूरी निष्ठा के साथ अपने काम को पूरा करते हैं।
प्रेम जीवन: आप इस सप्ताह अपने पार्टनर के प्रति अधिक समर्पित नज़र आएंगे। आपके रिश्ते में भरपूर रोमांस रहने वाला है। इससे आप अपने जीवनसाथी के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखने में सक्षम होंगे।
शिक्षा: यदि आप उच्च शिक्षा ले रहे हैं, तो आप चीज़ों को सही दिशा में लेकर जा सकते हैं और उच्च अंक प्राप्त करेंगे। प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि इंजीनियरिंग वाले छात्र अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
पेशेवर जीवन: यदि आप नौकरी करते हैं, तो आप शानदार प्रदर्शन करेंगे और आपको अपने साथियों का समर्थन मिलेगा। आप कार्यक्षेत्र में दूसरों के लिए उदाहरण पेश कर सकते हैं। यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो आप अधिक मुनाफा कमाएंगे और व्यापार के क्षेत्र में अग्रणी बनेंगे।
सेहत: जोश और उत्साह एवं दृढ़ संकल्प के कारण आपकी सेहत अच्छी रहने वाली है। आपके अंदर मजबूत दृढ़ संकल्प हो सकता है।
उपाय: आप शनिवार के दिन शनि ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
ये जातक अधिक आत्मविश्वास के साथ काम करते हैं। ये अपने जीवन में तेजी से आगे बढ़ते हैं और दूसरों के लिए मिसाल पेश करते हैं। इनके कुछ सिद्धांत हो सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी के साथ अधिक ईमानदार नज़र आएंगे। इस वजह से आप दोनों का रिश्ता मजबूत होगा। आप अपने पार्टनर को समझने में सक्षम होंगे।
शिक्षा: यदि आप उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इस समय आप उच्च अंक प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं। इस दौरान आपको सफलता मिलने की प्रबल संभावना है।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातकों को कम प्रयासों से भी सफलता मिलने के संकेत हैं। जो जातक पार्टनरशिप में बिज़नेस करते हैं, वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे और उच्च मुनाफा कमाएंगे।
सेहत: इस समय आपकी ऊर्जा का स्तर उच्च रहेगा और आपकी ताकत भी बढ़ेगी। आप व्यायाम कर सकते हैं।
उपाय: आप मंगलवार के दिन मंगल ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. कौन सा मूलांक अच्छा होता है?
उत्तर. मूलांक 7 को भाग्यशाली माना जाता है।
प्रश्न 2. अशुभ अंक कौन सा है?
उत्तर. 13 अंक को अशुभ माना जाता है।
प्रश्न 3. मूलांक 6 का स्वामी कौन है?
उत्तर. इस अंक के स्वामी शुक्र ग्रह हैं।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर: जानें कैसे करेगा विश्व सहित शेयर बाजार को प्रभावित
सूर्य का कन्या राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई हमेशा से अपने रीडर्स को ज्योतिष की दुनिया में होने वाली घटनाओं से सबसे पहले अवगत करवाता रहा है, ताकि आप ग्रहों की स्थिति और राशि में होने वाले बदलावों से अवगत रहें।
इसी क्रम में, अब ग्रहों के जनक कहे जाने वाले सूर्य देव 17 सितंबर 2025 की रात 01 बजकर 38 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि सूर्य महाराज को नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है इसलिए इनकी राशि में होने वाला परिवर्तन न सिर्फ़ राशियों को बल्कि देश-दुनिया को भी प्रभावित करेगा।
आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य का कन्या राशि में गोचर राशियों समेत संसार पर किस तरह से अपना प्रभाव डालेगा।
ज्योतिष मेंसूर्य ग्रह को जीवनशक्ति, आत्मा और व्यक्तित्व का कारक माना गया है। यह हमारे व्यक्तित्व, पहचान और अंतरात्मा का प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही, किसी व्यक्ति के कार्यों और उसकी पसंद न पसंद को दर्शाते हैं। बता दें कि कुंडली में सूर्य महाराज अधिकार, आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति और हमारे अंदर ऊर्जा को बनाए रखने वाली जीवन शक्ति को नियंत्रित करते हैं। यह अहंकार, मान-सम्मान और जीवन में सफलता पाने की इच्छा के भी कारक हैं।
ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य देव की स्थिति मज़बूत होती है, उन्हें जीवन में बेहतरीन नेतृत्व क्षमता, महत्वाकांक्षा और विचारों में स्पष्टता का आशीर्वाद मिलता है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमज़ोर अवस्था में होता है या किसी ग्रह से पीड़ित होता है, तो ऐसे जातकों में आत्मविश्वास की कमी, अधिकारियों के साथ समस्याओं या फिर स्वयं को अभिव्यक्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह का प्रभाव पिता, करियर और संपूर्ण जीवन पर नज़र आता है। ऐसे में, सूर्य एक महत्वपूर्ण ग्रह बन जाता है जो व्यक्ति के जीवन को आकार देने में विशेष भूमिका निभाता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
सूर्य का कन्या राशि में गोचर: विशेषताएं
कुंडली में सूर्य की कन्या राशि में उपस्थिति व्यावहारिक दृष्टिकोण, बेहतरीन प्रबंधन, चीज़ों की बारीकियों पर ध्यान देने और लक्ष्य पाने की दिशा में आगे बढ़ने को दर्शाती है। जैसे कि हम सभी जानते हैं कि कन्या राशि विश्लेषणात्मक राशि है जो हर चीज़ को परफेक्ट रूप में पसंद करती है। ऐसे में, सूर्य का कन्या राशि में गोचर के दौरान जातक अपने कार्यों को अच्छे से और पूरी क्षमता के साथ करने में सक्षम होंगे।
इसके अलावा, सूर्य का यह राशि परिवर्तन जातकों के अंदर कड़ी मेहनत, स्पष्ट विचार और छोटी से छोटी बात पर ध्यान देने जैसे गुणों को मज़बूत बनाने का काम करेगा। सामान्य शब्दों में कहें तो, आप ऐसे क्षेत्रों में महारत हासिल करेंगे जहां आप अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने की क्षमता, तार्किक दृष्टिकोण और विश्लेषण के गुण का उपयोग कर सकेंगे।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, हीलिंग, स्वयं में सुधार करना और व्यक्तिगत प्रगति जैसे गुणों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। निजी जीवन में प्रगति हासिल करने के लिए सूर्य गोचर की यह अवधि आपके लिए फलदायी साबित होगी।
कुल मिलाकर, सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश आपको पेशेवर जीवन और रिलेशनशिप को संतुलित रखने, मेहनत करने, अनुशासन में और दृढ़ रहते हुए अपने लक्ष्यों को पाने के मार्ग में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। हम कह सकते हैं कि यह एक ऐसा समय होगा जो व्यावहारिक, सोच-समझकर फैसले लेने और स्वयं को बेहतर बनाने के लिए श्रेष्ठ होगा।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ
मेष राशि
मेष राशि वालों के जीवन में सूर्य का कन्या राशि में गोचर तरक्की और सफलता लेकर आ सकता है, लेकिन यह कामयाबी आपको अपने प्रयासों के माध्यम से प्राप्त होगी। बता दें कि वर्तमान समय में सूर्य देव आपके पांचवें भाव में विराजमान हैं और अब गोचर करके आपके छठे भाव में प्रवेश कर जाएंगे। कुंडली में छठे भाव का संबंध शत्रुओं, कर्ज़ और रोगों से होता है। साथ ही, यह भाव प्रतियोगिता का भी प्रतिनिधित्व करता है।
ऐसे में, सूर्य गोचर की अवधि में आपको करियर में स्थिरता का अनुभव होगा और आपके इंक्रीमेंट के भी योग बनेंगे। वहीं, जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें इस समय बिज़नेस में औसत सफलता मिलने की संभावना है और आपको थोड़ा बहुत लाभ की भी प्राप्ति होगी। सूर्य के कन्या में प्रवेश के दौरान आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत हो सकती है क्योंकि आपको पैतृक संपत्ति या फिर अप्रत्याशित स्रोतों से धन लाभ हो सकता है। बात करें आपके प्रेम जीवन की, तो इन जातकों को रिश्ते में होने वाले किसी भी बदलाव को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना होगा और ऐसे में, आपके और साथी के बीच मतभेद जन्म ले सकते हैं।
वृषभ राशि के जातक सूर्य का कन्या राशि में गोचर की अवधि में अपने छोटे भाई-बहनों को लेकर तनाव में नज़र आ सकते हैं। संभव है कि सूर्य गोचर के प्रभाव से आप उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हद से ज्यादा धन ख़र्च करें या फिर उनके भविष्य को लेकर चिंतित दिखाई देंगे क्योंकि सूर्य देव गोचर करके आपके चौथे भाव से पांचवें भाव में प्रवेश करेंगे।
इस अवधि में आप अपनी बुद्धिमानी और आगे बढ़ने की तीव्र इच्छा के साथ नौकरी में अपने लक्ष्यों को पाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। वृषभ राशि के जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह कारोबार में सफलता पाने के साथ-साथ अच्छा ख़ासा लाभ कमाने में सक्षम होंगे, विशेष रूप से अगर आप पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं। सूर्य का यह गोचर आपको ज्यादा से ज्यादा धन कमाने और उसकी बचत करने के अवसर प्रदान करेगा।
मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य का कन्या राशि में गोचर आपके ऐशो-आराम और खुशियों को बढ़ाने का काम करेगा। इस अवधि में आपके लिए कोई नया काम शुरू करना फलदायी साबित होगा।
सूर्य का यह गोचर करियर के क्षेत्र में आपके लिए विदेश से नौकरी के अवसर लेकर आ सकता है जो आपको सफलता प्राप्त करने में सहायता करेंगे। साथ ही, जिन जातकों का खुद का व्यापार है, वह अपने लक्ष्य निर्धारित करते हुए उन्हें पूरे करने की राह में आगे बढ़ेंगे, तो इस समय अपार लाभ के साथ-साथ सफलता भी प्राप्त कर सकेंगे। आर्थिक जीवन की बात करें तो, आप अपने प्रयासों और खुद को बेहतर बनाकर लाभ कमाने में सक्षम होंगे और साथ ही, अगर आप योजना बनाकर चलेंगे, तो धन की बचत भी कर सकेंगे।
वृश्चिक राशिके जातक सूर्य का कन्या राशि में गोचर के दौरान अपनी इच्छाओं के पूरे होने की वजह से प्रसन्न दिखाई दे सकते हैं, जिसका कारण आपके दसवें भाव के स्वामी सूर्य का ग्यारहवें भाव में गोचर होगा। बता दें की कुंडली का ग्यारहवां भाव लाभ, सामाजिक जीवन और बड़े भाई-बहनों का होता है।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर के दौरान व्यापार करने वाले जातकों को काम के सिलसिले में काफ़ी यात्राएं करनी पड़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आप वह सफलता या उपलब्धि हासिल करने में सक्षम होंगे जिसका आपको लंबे समय से इंतज़ार होगा। पेशेवर जीवन में आप अपनी नीतियों के बल पर लाभ कमाने के साथ-साथ प्रतिद्वंदियों को भी टक्कर दे सकेंगे। हालांकि, इस समय आप आर्थिक जीवन को लेकर सुरक्षित महसूस करेंगे और ऐसे में, आप धन की बचत करते हुए अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत बना सकेंगे।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर के दौरान धनु राशि के जातकों का सारा ध्यान काम पर केंद्रित हो सकता है। साथ ही, आप अपने कन्धों पर कुछ विशेष जिम्मेदारियों को भी ले सकते हैं। बता दें कि सूर्य देव का यह राशि परिवर्तन नौवें भाव के स्वामी के रूप में आपके दसवें भाव में होने जा रहा है।
वहीं, करियर के क्षेत्र में आपको कुछ बेहतरीन ऑनसाइट नौकरी के अवसर मिल सकते हैं और ऐसे में, आप प्रसन्न दिखाई दे सकते हैं। व्यापार करने वाले जातकों को कारोबार में लाभ और सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ नई रणनीतियों को अपनाना होगा जो आपके लिए फलदायी साबित होगी। साथ ही, आप व्यापार में प्रतिद्वंदियों को भी टक्कर देने में सक्षम होंगे। इसके विपरीत, नौकरी में आपको इंसेंटिव और अन्य लाभों की प्राप्ति हो सकती है। यह पुरस्कार आपको आपकी कड़ी मेहनत के लिए मिलेगा।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा सावधान
कन्या राशि
कन्या राशि वाले सूर्य का कन्या राशि में गोचर की अवधि में थोड़े असहज नज़र आ सकते हैं। साथ ही, आपके द्वारा किए जा रहे प्रयासों की तुलना में परिणाम थोड़े कमज़ोर रह सकते हैं क्योंकि सूर्य का यह गोचर आपके बारहवें भाव से पहले भाव में होगा।
करियर की बात करें तो, कन्या राशि के जातकों को नौकरी में स्थान परिवर्तन का सामना करना पड़ सकता है। संभव है कि यह बदलाव आपको पसंद नहीं आएगा जिसके चलते आप तनाव में आ सकते हैं। वहीं, व्यापार के क्षेत्र में जातकों को भारी प्रतिद्वंदिता का सामना करना पड़ सकता है जिसकी वजह से आपको अपनी योजनाओं को रोकना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन में आपकी आय में गिरावट देखने को मिल सकती है और ऐसे में, आप उतनी बचत नहीं कर पाएंगे जितनी आप पहले किया करते थे।
मकर राशिके वालों के लिए सूर्य देव आपके आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, सूर्य का कन्या राशि में गोचर के दौरान इन जातकों को होने वाला लाभ कम रह सकता है और साथ ही, भाग्य का साथ भी ज्यादा न मिलने की आशंका है। इस दौरान आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि ग्रह आपके साथ नहीं दे रहे हैं।
इन जातकों पर नौकरी का बोझ बढ़ने के कारण आपको करियर में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। इसी क्रम में, व्यापार के क्षेत्र में भी आपको भाग्य का साथ न मिलने के कारण ज्यादा लाभ की संभावना सीमित रह सकती है। सूर्य गोचर के दौरान आपका काफ़ी धन ख़र्च हो सकता है क्योंकि आपके परिवार के बुजुर्गों की सेहत नाज़ुक रह सकती है। वहीं, निजी जीवन में आपके मन में जीवनसाथी को लेकर असुरक्षा की भावना जन्म ले सकती है और ऐसे में, आपके और साथी के बीच मतभेद जन्म ले सकते हैं।
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कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य का कन्या राशि में गोचर चुनौतीपूर्ण रह सकता है क्योंकि इस दौरान आपको भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। साथ ही, आपको लाभ भी कम होने की आशंका है और इसका कारण आपके सातवें भाव के स्वामी सूर्य का आठवें भाव में प्रवेश करना होगा। ऐसे में, आपको महसूस हो सकता है कि किस्मत आपका साथ नहीं दे रही है।
जब बात आती है करियर की, तो आपको कार्यक्षेत्र पर सहकर्मियों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जो आपके लिए मुसीबतें पैदा कर सकते हैं। व्यापार को देखें तो, कुंभ राशि के लोगों को व्यापार में प्रतिद्वंदियों और पार्टनर की तरफ से कुछ बाधाओं से जूझना पड़ सकता है और ऐसे में, व्यवसाय में आपका लाभ कम रह सकता है। यात्राओं की वजह से आपको हानि हो सकती है जिसकी वजह आपकी लापरवाही हो सकती है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. कन्या राशि का स्वामी ग्रह कौन है?
राशि चक्र की छठी राशि कन्या के स्वामी बुध ग्रह हैं।
2. सूर्य देव किस राशि के स्वामी हैं?
सूर्य ग्रह को सिंह राशि पर स्वामित्व प्राप्त है।
3. सूर्य के मित्र ग्रह कौन से हैं?
ज्योतिष में मंगल और गुरु ग्रह को सूर्य देव का मित्र माना जाता है।
बुध का कन्या राशि में गोचर, किसे मिलेगा शुभ प्रभाव?
बुध का कन्या राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं। इस ब्लॉग में हम आपको बुध का गोचर के बारे में बताने जा रहे हैं।
15 सितंबर, 2025 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर बुध कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। तो चलिए जानते हैं कि बुध के गोचर का राशियों, शेयर मार्केट और देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि संचार, तर्क और बदलाव को स्वीकार करने की क्षमता का कारक बताया गया है। हम किस तरह से सोचते हैं, कैसे बोलते और लिखते हैं एवं किसी जानकारी को किस तरह से समझते हैं, यह सब बुध की स्थिति पर निर्भर करता है।
इसके अलावा हमारी तर्क करने की क्षमता, याद्दाश्त और निर्णय लेने की क्षमता को भी बुध ग्रह प्रभावित करता है। बुध का आधिपत्य व्यापार, ट्रेड, शिक्षा, गणित, टेक्नोलॉजी और लघु यात्राओं पर होता है। वाणिज्य और बौद्धिक कार्यों में सफलता पाने के लिए बुध ग्रह महत्वपूर्ण है।
द्विस्वभाव ग्रह होने की वजह से यह अपने साथ जुड़ने वाले ग्रह के गुण ले लेता है और उसी के हिसाब से शुभ या अशुभ प्रभाव देता है। कुंडली में बुध के मजबूत और अच्छी स्थिति में होने पर व्यक्ति को बुद्धि, हाजिरजवाबी, आकर्षण, बात करने में निपुण और प्रतिभा का आशीर्वाद मिलता है।
वहीं कमज़ोर या पीड़ित होने पर संचार में बाधाएं आती हैं, व्यक्ति बेचैन रहता है, निर्णय नहीं ले पाता है, उसकी याद्दाश्त कमज़ोर होती है और रिश्तों में गलतफहमियां आने का डर रहता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह हैं और यह कन्या राशि में उच्च का और मीन राशि में नीच का है। मंगल की स्थिति और पहलू व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत और बातचीत करने में सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में कन्या राशि में बुध होता है, वह व्यक्ति तेज बुद्धि वाले होते हैं, सोच-समझकर योजना बनाते हैं और स्पष्ट रूप से बात करते हैं। ये विश्लेष्णात्मक, सतर्क और कार्य में मजबूत नीति का पालन करने वाले होते हैं इसलिए ये प्रभावशाली और व्यवस्थित होते हैं। ये समस्याओं को सुलझाने और व्यावहारिक जवाब देने में माहिर होते हैं। इन्हें सीधी और स्पष्ट बात करना पसंद होता है।
कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में होने पर बुध व्यक्ति को भद्र यानी कुलीन बना सकता है। बुध के कन्या राशि में होने पर व्यक्ति अपने घर, लोगों, कार्यों, धन और कंपनी को संभालने में सक्षम होता है। बुध की यह स्थिति उत्कृष्ट होती है और इसमें व्यक्ति समस्या का समाधान करने का दृष्टिकोण रखता है।
बुध के कन्या राशि में होने पर शानदार करियर बनता है और व्यक्ति अपनी बुद्धि एवं ज्ञान से सफलता प्राप्त करता है। जिन भी पेशों में मैनेजमेंट, हिसाब-किताब और विश्लेषण की जरूरत होती है, उन्हें इस स्थिति में प्राथमिकता दी जाती है। इसमें गणितज्ञ, उद्यमी, डाटा एनालिस्ट, मैनेजर, सीईओ, काउंसलर, डायटीशियन, सेल्समैन और मार्केटिंग करने वाले आदि शामिल हैं।
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बुध का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के पांचवे भाव में बुध का गोचर होने जा रहा है और बुध इस राशि के दूसरे एवं पांचवे भाव के स्वामी हैं। ऐसे में आपको अपनी संतान की प्रगति को लेकर अधिक चिंता हो सकती है। आप सट्टेबाज़ार में सफल हो सकते हैं और आपके अधिक धन कमाने की संभावना है। करियर की बात करें, तो आपको अपने उच्च अधिकारियों की ओर से तनाव और दबाव देखना पड़ सकता है। आप अपने वरिष्ठ अधिकारियों का दिल जीतने में पीछे रह सकते हैं।
व्यापार के मामले में बुध का कन्या राशि में गोचर के दौरान आपके हाथ से कई अच्छे व्यावसायिक अवसर छूट सकते हैं। इससे सफल होने की अपनी काबिलियत पर से आपका भरोसा कम हो सकता है। भाग्य का साथ न मिल पाने की वजह से इस दौरान आपको अच्छा वित्तीय लाभ नहीं मिल पाएगा।
मिथुन राशि के पहले और चौथे भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके चौथे भाव और अपनी उच्च राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस समय आपके बच्चे खुश रह सकते हैं और उनके प्रोत्साहन से आप भी प्रसन्न रह सकते हैं। आप अपने मुनाफे को बढ़ाने में समर्थ हो सकते हैं। करियर की बात करें, तो अपको नई नौकरी से संबंधित कोई नया असाइनमेंट मिलने के संकेत हैं। इसके अलावा आपको नौकरी के नए अवसर भी मिल सकते हैं।
व्यवसाय के क्षेत्र में आप सट्टे से अधिक पैसा कमा सकते हैं। वित्त की बात करें, तो आपकी आमदनी अच्छी रहेगी और आप पैसों की बचत भी कर पाएंगे। आपके धन संचित करने के योग भी बन रहे हैं।
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सिंह राशि
सिंह राशि के दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब उनके दूसरे भाव यानी परिवार, आय और वाणी के भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। बुध का कन्या राशि में गोचर करने के दौरान आपका ध्यान अधिक धन कमाने और पैसों की बचत करने पर रह सकता है। हालांकि, आपकी पैसों की बचत करने की क्षमता में कमी आने के संकेत हैं। करियर की बात करें, तो बुध का यह गोचर आपके लिए यह गोचर अच्छा साबित होगा। आपको सकारात्मक बदलाव के रूप में कोई नया पद मिल सकता है।
व्यवसाय के क्षेत्र में आप खूब पैसा कमाएंगे। समझदारी से किए गए व्यावसायिक कार्यों की वजह से यह संभव हो पाएगा। वित्त की बात करें, तो आप अधिक धन कमाने, पैसों की बचत करने और धन को संचित करने में सक्षम एवं सफल होंगे। आप पहले से ज्यादा धन कमा सकते हैं और आपको इंसेंटिव या बोनस के रूप में पैसा मिल सकता है। आपको निवेश से भी अच्छा रिटर्न मिलने के आसार हैं।
कन्या राशि के लग्न और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब बुध का कन्या राशि में गोचर के दौरान आपके पहले भाव में प्रवेश करेंगे। इस दौरान आप अपने कार्यक्षेत्र में तेजी से प्रगति कर सकते हैं और अपने पेशेवर लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। संभव है कि इस समय आपको बहुत ज्यादा यात्रा करनी पड़े। करियर की बात करें, तो कार्यक्षेत्र में आपको अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी और आपको कुछ ऐसे नए अवसर मिल सकते हैं जिनकी वजह से आप अपनी नौकरी से बहुत ज्यादा संतुष्ट महसूस कर पाएंगे।
व्यापारियों के लिए अनुकूल समय है और उन्हें बड़ी आमदनी होने के संकेत हैं। आप अपने प्रतिद्वंदियों के लिए खतरा बन सकते हैं। वित्तीय स्तर पर बुध का गोचर होने के दौरान आपकी आय में वृद्धि देखने को मिलेगी जिससे आप अधिक पैसों की बचत कर पाएंगे और अधिक धन को संचित करने में सक्षम होंगे।
वृश्चिक राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं। अब बुध का कन्या राशि में गोचर होने के दौरान बुध आपके ग्यारहवें भाव में विराजमान रहेंगे। आपको अपने दोस्तों और शुभचिंतकों से सहयोग प्राप्त होगा। आपको पैतृक संपत्ति से भी लाभ होने के आसार हैं। करियर के क्षेत्र में आपको शानदार सफलता मिलने के योग हैं, आपको नए अवसर मिल सकते हैं और आपमें से कुछ लोगों को विदेश से भी अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
व्यापार की बात करें, तो इस समय आपका अपनी कंपनी पर पूरा नियंत्रण होगा और आप खूब पैसा कमाएंगे। आप अपने शत्रुओं के लिए खतरा बन सकते हैं। वित्तीय स्तर पर आप राहत महसूस करेंगे और आपकी आय में भी वृद्धि होने की संभावना है। आपकी धन की बचत करने की क्षमता भी बढ़ेगी।
धनु राशि के सातवें और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह इस राशि के दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो कि करियर का भाव है। इस समय आप अपने कार्यक्षेत्र में मजबूत प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए उत्सुक और फोकस रहेंगे। इसके अलावा आप अपने कार्यस्थल पर प्रतिष्ठा प्राप्त करने में सफल भी हो सकते हैं। बुध का कन्या राशि में गोचर होने के दौरान आप अपने करियर को लेकर स्पष्ट अपेक्षाएं रख सकते हैं और आपको अपने उच्च अधिकारियों से भी सराहना मिलने के आसार हैं।
करियर के क्षेत्र में आप खुद को एक ऐसे काबिल लीडर के रूप में साबित करेंगे जो किसी भी तरह की मुश्किल का सामना कर सकता है। आर्थिक जीवन में आप मुनाफे को बढ़ाने में सक्षम होंगे और उसका आनंद ले पाएंगे।
मकर राशि के जातकों के प्रयासों के सफल होने की प्रबल संभावना है। आपको लोन से लाभ मिल सकता है और आप अधिक संतुष्ट महसूस करेंगे। करियर की बात करें, तो आपको काम के सिलसिले में दूर जाना पड़ सकता है और आपमें से कुछ लोगों को नौकरी या नए अवसरों की तलाश में विदेश भी जाना पड़ सकता है। व्यवसाय के क्षेत्र में बुध का कन्या राशि में गोचर होने पर आप आसानी से अपनी आय को बढ़ाने और अपने प्रतिद्वंदियों को टक्कर देने में समर्थ होंगे।
वित्तीय जीवन में आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होने के संकेत हैं। आप ज्यादा से ज्यादा पैसों की बचत भी कर पाएंगे। निजी जीवन में जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते में सकारात्मक बदलाव आ सकता है जिससे आपको खुशी मिलेगी।
बुध का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों को पैसा कमाने, अपने भाई-बहनों से बात करने या यात्रा में दिक्कत आ सकती है। कार्यस्थल में आपको अपने उच्च अधिकारियों और सहकर्मियों से समस्याएं देखनी पड़ सकती हैं जिसकी वजह से आप असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। बुध का कन्या राशि में गोचर करने पर आपको काम की वजह से तनाव होने की आशंका है।
व्यापारियों को अपने क्षेत्र में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं आपके प्रतिद्वंदी आपको कड़ी टक्कर देने का काम करेंगे। वित्तीय स्तर पर आप अपने खर्चों को नियंत्रित करने में असमर्थ हो सकते हैं और आपकी बचत में भी कमी आने की आशंका है। इस समयावधि में आपसी समझ की कमी के कारण आपके और आपके पार्टनर के बीच असहमति होने का डर है।
मीन राशि के चौथे और सातवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव विवाह और पार्टनरशिप का होता है। आपको प्रतिष्ठा प्राप्त करने और नाम कमाने में दिक्कत आ सकती है। आपके दोस्त भी आपसे दूर जा सकते हैं। करियर के क्षेत्र में संभव है कि इस समय आपसी समझ की कमी के कारण आपकी अपने उच्च अधिकारियों और सहकर्मियों के साथ न बने।
व्यवसाय के क्षेत्र में आपको अपनी कंपनी को चलाने और अच्छी आय कमाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वित्तीय स्तर पर आपके खर्चे बढ़ सकते हैं जिन्हें संभाल पाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
आप बुधवार के दिन 108 बार ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्रों, हरी मूंग दाल या हरे रंग की वस्तुओं का दान करें।
स्पष्ट बात करें और झूठ बोलने या गपशप करने से बचें।
ऐसे काम करें जिससे याद्दाश्त मजबूत होती है जैसे कि पढ़ना, पजल खेलना और कोई नया स्किल सीखना आदि।
बुध की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए अपने काम करने की टेबल को साफ और व्यवस्थित रखें।
बुध का कन्या राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
व्यापार और राजनीति
इस समय राजनीतिक और राजनयिक क्षेत्र में सोच-समझकर, तथ्यों पर आधारित और तार्किक बातचीत देखने को मिल सकती है।
बातचीत के व्यावहारिक और प्रमाण पर आधारित होने की वजह से शांति वार्ता, संधियां और अंतर्राष्ट्रीय समझौते सकारात्मक रूप से प्रगति कर सकते हैं।
तथ्यों की गहराई से जांच किए जाने के कारण भ्रम और गलत जानकारी को अधिक मजबूती से चुनौती मिलेगी।
कन्या राशि के व्यापारिक स्वभाव के कारण वैश्विक व्यापार, बिजनेस कॉन्ट्रैक्ट और सप्लाई चेन मैनेजमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
तार्किक और संतुलित फैसलों के कारण शेयर मार्केट में कुछ समय के लिए स्थिरता देखने को मिल सकती है। वहीं अधिक विश्लेषण के कारण बड़े निवेशों की गति धीमी हो सकती है।
तकनीक पर आधारित उद्योग, डाटा एनालिटिक्स और ई-कॉमर्स क्षेत्र में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिल सकता है।
बुध का कन्या राशि में गोचर होने के दौरान सरकार व्यवस्थित सुधार करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों और शिक्षा प्रणालियों पर ध्यान दे सकती है।
नौकरशाह की कार्यक्षमता में सुधार होगा लेकिन सब कुछ परफेक्ट करने की वजह से कुछ प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृति मिलने में देरी हो सकती है।
उद्योगों, खासतौर पर खाद्य सुरक्षा, डाटा को सुरक्षित रखने और पर्यावरणीय कार्यों पर सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं।
स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी
मेडिकल रिसर्च, फार्मास्यूटिकल, बायोटेक्नोलॉजी और पर्यावरण विज्ञान को बढ़ावा मिलेगा।
कन्या राशि की स्पष्टता एआई, हेल्थकेयर एनालिटिक्स और स्थायी समाधानों में नए विचारों का समर्थन करती है।
रोग के निदान और निवारण में दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा रणनीतियों में सफलता मिलने के आसार हैं।
लोग मानसिक स्वास्थ्य, पोषण और काम एवं निजी जीवन के बीच संतुलन बनाने को लेकर जागरूक होंगे।
बुध का कन्या राशि में गोचर: स्टॉक मार्केट रिपोर्ट
बुध वाणिज्य, ट्रेड और विश्लेष्णात्मक सोच का प्रतीक है जो कि कन्या राशि में बहुत ज्यादा सक्रिय हो जाता है। आमतौर पर इससे स्टॉक मार्केट में स्थिरता आती है क्योंकि डाटा पर आधारित निर्णय लिए जाते हैं और अन्य अस्थिर गोचरों की तुलना में अटकलें कम हो जाती हैं। शेयर मार्केट भविष्यवाणी से जानते हैं कि इससे किसे फायदा होने के संकेत हैं।
आईटी कंपनियां जैसे कि डाटा एनालिटिक्स, एआई पर आधारित समाधान और साइबर सिक्योरिटी वाली कंपनियों को फायदा होगा/
बुध का कन्या राशि में गोचर बायोटेक, मेडिकल उपरणों और प्रीवेंटिव हेल्थ इंडस्ट्रीज़ पर फोकस करने वाली फार्मास्यूटिकल और हेल्थ केयर कपंनियों का सहयोग करेगा।
कुछ निवेशकों से डाटा का अधिक मूल्यांकन करने की वजह से जल्दी मुनाफा कमाने के अवसर छूट सकते हैं।
निवेशक और ट्रेडरों को तथ्य पर आधारित निवेश से लाभ होने के आसार हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध किस राशि में नीच का होता है?
उत्तर. मीन राशि में।
प्रश्न 2. मीन राशि के स्वामी ग्रह कौन हैं?
उत्तर. बृहस्पति ग्रह।
प्रश्न 3. क्या बुध और बृहस्पति दोनों मित्र हैं?
उत्तर. इन दोनों ग्रहों का एक-दूसरे के साथ तटस्थ संबंध है।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर, इन 3 राशियों के जीवन को भर देगा धन-धान्य से!
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों के लिए हमेशा से ज्योतिष की दुनिया में होने वाली घटनाओं की जानकारी लेकर आता रहा है, ताकि आप ग्रहों की चाल, दशा और राशि में होने वाले बदलावों से अवगत रहें। इसी क्रम में, अब प्रेम और भोग विलास के कारक शुक्र ग्रह का सिंह राशि में गोचर 15 सितंबर 2025 की रात 12 बजकर 06 मिनट पर होने जा रहा है।
बता दें कि शुक्र देव की स्थिति और राशि में होने वाले बदलाव का असर सभी 12 राशियों और पूरे विश्व पर पड़ता है। ऐसे में, शुक्र का सिंह राशि में गोचर महत्वपूर्ण हो जाता है और इसके प्रभाव के बारे में हम नीचे विस्तारपूर्वक बात करेंगे।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र को प्रेम, सुंदरता, सौहार्द और प्रेम संबंधों का ग्रह माना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अपने प्रेम, दूसरों के प्रति आकर्षण और आनंद को किस तरह से व्यक्त करते हैं, शुक्र इसका प्रतिनिधित्व करते है।
साथ ही, यह हमारे सौंदर्य, रचनात्मकता और लक्ज़री को भी नियंत्रित करते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, मनुष्य जीवन में शुक्र ग्रह उन चीज़ों का प्रतीक माने जाते हैं जो सुकून और आनंद देने का काम करती है।
हालांकि, यह सिर्फ़ प्रेम जीवन के रिश्ते को नहीं दर्शाते हैं, बल्कि दोस्ती, सामाजिक जीवन से जुड़े रिश्ते और आर्थिक जीवन के प्रति हमारे नज़रिए के साथ-साथ भौतिक इच्छाओं का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। राशि चक्र में शुक्र महाराज वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं जो यौन जीवन में आनंद और रिश्तों में संतुलन को दर्शाते हैं।
कुंडली में शुक्र ग्रह की मज़बूत स्थिति से जातक का व्यक्तित्व आकर्षक, विनम्र, कलात्मक बनता है और इनका रिश्ता प्रेम से पूर्ण होता है। दूसरी तरफ, अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र महाराज कमज़ोर अवस्था में होते हैं, तो व्यक्ति को प्रेम जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है या फिर वह भोग-विलास में लिप्त रहने वाला व्यक्ति हो सकता है। इस प्रकार, शुक्र ग्रह हमें जीवन में संतुलन कायम करना, सौंदर्य की सराहना करना और जीवन में प्रेमपूर्ण रिश्ते बनाने की शिक्षा देता है।
बार-बार करियर में रुकावट? अब Spotify पॉडकास्ट पर जानें ज्योतिष और अंकशास्त्र का राज़
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
शुक्र सिंह राशि में: विशेषताएं
ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह सिंह राशि में विराजमान होते हैं, तो वह प्रेम संबंधों के प्रति समर्पित और बहुत भावुक होते हैं। साथ ही, यह अपनी लव लाइफ में खर्चीले भी होते हैं। इन लोगों को अपने जीवनसाथी के रूप में ऐसे व्यक्ति की तलाश रहती हैं जो इनके प्रति भी उतना ही समर्पित रहें और उतना ही प्रेम करें जितना यह करते हैं। आपका पार्टनर और रिश्ता आपके अनुसार होने पर आप अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं। ऐसे में, आप अपने प्रयासों के लिए सराहना भी प्राप्त करते हैं।
इसके अलावा, सिंह राशि में स्थित शुक्र महाराज जातक को पेशेवर जीवन में सफलता पाने में सहायता करते हैं जिससे आप अपनी नेतृत्व क्षमता और रचनात्मकता का उपयोग योजना बनाने में, व्यापार या फिर कला के क्षेत्र में कामयाब होने के लिए करते हैं। यह जातक अपनी क्षमताओं और प्रतिभा के दम पर अपने लक्ष्यों में सफलता हासिल करते हैं।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा सावधान
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए शुक्र देव आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो वर्तमान समय में आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान इन जातकों को अपने घर-परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, आप सुरक्षा की भावना से ग्रस्त हो सकते हैं और धन से जुड़ी समस्याएं भी आपके सामने आ सकती हैं। शुक्र ग्रह आपके सातवें भाव के स्वामी भी हैं इसलिए प्रेम जीवन और वैवाहिक जीवन से जुड़े मामलों की बात करें तो, आपको साथी के साथ रिश्तों में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपको और साथी दोनों को ही एक-दूसरे के साथ आपसी तालमेल बिठाने और एक-दूसरे को समझने में परेशानी का अनुभव हो सकता है।
शुक्र गोचर के दौरान आपको कार्यक्षेत्र पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रिश्ते को मधुर बनाए रखना मुश्किल लग सकता है। ऐसे में, आपके लिए अपने अच्छे कार्यो का श्रेय लेना कठिन हो सकता है। इस अवधि में व्यापार में पार्टनर के साथ कोई विवाद या फिर गलतफ़हमी जन्म ले सकती है जिसकी वजह से आपको बिज़नेस में हानि के साथ-साथ कुछ असफलताएं देखने को मिल सकती हैं। इस प्रकार, शुक्र गोचर के दौरान आपके खर्चे आय से ज्यादा हो सकते हैं इसलिए आपके लिए आर्थिक स्थिरता को पाना बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र देव आपके लग्न/पहले भाव और छठे भाव के अधिपति देव हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, शुक्र का सिंह राशि में गोचर की अवधि में आप परिवार के सदस्यों के साथ रिश्तों को मज़बूत बनाने की दिशा में प्रयासरत रहेंगे। साथ ही, आप परिवारजनों की हर कदम पर सहायता करते हुए नज़र आएंगे। इस दौरान आप अपने प्रियजनों और करीबियों के साथ मिलने-जुलने की योजना बनाने का काम करेंगे। निजी जीवन की बात करें तो, आपको जीवनसाथी के साथ खुलकर बात न करने की वजह से तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
बात करें करियर की, तो शुक्र गोचर की अवधि में आप पर वरिष्ठों की तरफ से दबाव और तनाव बढ़ सकता है। इस समय उनका दिल जीतना आपके लिए बेहद मुश्किल होगा। वृषभ राशि के व्यापार करने वाले जातक स्वयं को मिलने वाले सुनहरे अवसरों का लाभ उठाने से चूक सकते हैं और ऐसे में, आपका विश्वास खुद पर डगमगा सकता है। इसके फलस्वरूप, व्यापार में सफलता पाने की संभावना कमज़ोर पड़ सकती है। शुक्र का सिंह राशि में प्रवेश होने से आपका आर्थिक लाभ कम रह सकता है क्योंकि इस समय आपको भाग्य का साथ नहीं मिलने की आशंका है।
कर्क राशि के जातकों की कुंडली में शुक्र देव आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन लोगों के परिवार में धन से जुड़ी समस्याएं जन्म ले सकती हैं। साथ ही, आपको रिश्तेदारों के साथ भी विवादों से जूझना पड़ सकता है।
करियर के क्षेत्र में इन जातकों की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बहस हो सकती है जिसके चलते आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ सकता है। शुक्र का सिंह राशि में गोचर होने से आपको प्रतिद्वंदियों के साथ भारी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है और व्यापार में भी हानि होने की आशंका है। वहीं दूसरी तरफ, इस अवधि में आपकी पार्टनर के साथ बहस हो सकती है। जब बात आती है आर्थिक जीवन की, तो आपकी आय और खर्चों में असंतुलन पैदा हो सकता है क्योंकि आपकी खर्चे बढ़ सकते हैं। निजी जीवन में आपको जीवनसाथी के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र महाराज आपके सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, शुक्र का सिंह राशि में गोचर की अवधि में आपके हाथ से कुछ महत्वपूर्ण अवसर निकल सकते हैं। साथ ही, आपको जल्दबाज़ी में किसी भी तरह के फैसले लेने से बचना होगा, अन्यथा आपका मान-सम्मान कम हो सकता है।
बात करें करियर की, तो अगर आप अपनी मौजूदा नौकरी से असंतुष्ट हैं, तो आप नौकरी में बदलाव करते हुए नई जॉब की तलाश कर सकते हैं। इस समय आपको व्यापार के क्षेत्र में पुरानी तकनीक अपनाने की वजह से प्रतिद्वंदियों की तरफ से भारी टक्कर झेलनी पड़ सकती है। शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान आपको बेतहाशा खर्चों को क़ाबू में करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, आपको निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से बचना होगा। वहीं, निजी जीवन में आप जीवनसाथी के साथ रिश्ते में नाख़ुश नज़र आ सकते हैं।
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में यह गोचर करके आपके छठे भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, शुक्र का सिंह राशि में गोचर की अवधि में दोस्तों और सहकर्मियों के साथ रिश्ते में प्रेम और सौहार्द थोड़ा कम रह सकता है। साथ ही, आपको उनसे स्पष्ट रूप से बात करने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, इस समय आपके और पार्टनर के बीच कुछ मतभेद पैदा हो सकते हैं जिसकी वजह से एक-दूसरे पर विश्वास में कमी हो सकती है।
शुक्र गोचर के दौरान करियर के क्षेत्र में आप पर तनाव बढ़ सकता है जो काम से जुड़ा हो सकता है। बात करें व्यापार की, तो इन जातकों को व्यापार में थोड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है और साथ ही, प्रतिद्वंदियों के साथ कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है। वहीं आर्थिक जीवन में मीन राशि वालों को पैतृक संपत्ति के माध्यम से या फिर अप्रत्याशित स्रोतों जैसे कि सट्टेबाजी से धन प्राप्त हो सकता है। ऐसे में, आप अपनी इच्छाओं और सपनों को पूरा करने में सक्षम होंगे।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे बेहद शुभ परिणाम
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों की कुंडली में शुक्र देव आपके पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने के लिए तैयार हैं। शुक्र का सिंह राशि में गोचर होने की अवधि में आपकी संतान आपके जीवन में खुशियाँ लेकर आने का काम करेगी और उनका प्रोत्साहन आपके जीवन को जोश और उमंग से भर देगा। आर्थिक जीवन में आपको अहसास होगा कि आपका लाभ बढ़ गया है। दूसरी तरफ, निजी जीवन में आपको और साथी को एक-दूसरे के साथ यादगार समय बिताने का मौका मिलेगा। ऐसे में, आप कई यादगार लम्हें संजोने में सक्षम होंगे। यह जातक साथी के साथ अपने रिश्ते को मज़बूत और प्रेम पूर्ण बना सकेंगे।
जब बात आती है करियर की, तो इन जातकों को ऑन-साइट नौकरी के अवसर या फिर नए प्रोजेक्ट्स भी मिल सकते हैं। व्यापार के क्षेत्र में यह अवधि आपको अपने प्रयासों से मिलने वाले मुनाफे की तुलना में सट्टेबाजी के माध्यम से ज्यादा लाभ करवा सकती है। शुक्र गोचर के दौरान आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत रहेगी और इसके परिणामस्वरूप, आप धन की बचत करने में सक्षम होंगे, जिससे आपका आने वाला कल बेहतर बन सकेगा।
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह आपके पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान आप लाभ प्राप्त करेंगे और ऐसे में, आप संतुष्ट भी प्रसन्न दिखाई देंगे। आपके बार-बार यात्राओं पर जाने के योग बनेंगे। वहीं, आपका प्रेम जीवन प्रेम, सौहार्द और संतुष्टि से पूर्ण रहेगा जिसकी वजह साथी का आपको पूरी तरह से समझना होगा।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान इन जातकों को करियर के क्षेत्र में कुछ बेहतरीन अवसरों क प्राप्ति होगी, जिससे आप संतुष्ट एवं ख़ुश दिखाई देंगे। व्यापार के क्षेत्र में आप प्रतिद्वंदियों से मिलने वाली भारी टक्कर से जूझते हुए एक मज़बूत और ताकतवर बिज़नेसमैन बनने में सक्षम होंगे। इस दौरान तुला राशि के जातकों को अचानक से पैतृक संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति बनेगी।
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कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर करके आपके सातवें भाव में जा रहे हैं। शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान आप नए लोगों के साथ संपर्क बनाते हुए नज़र आ सकते हैं। लेकिन आपको रिश्तों में मधुरता बनाए रखना मुश्किल लग सकता है। निजी जीवन में आपका रिश्ता साथी के साथ प्रेमपूर्ण रहेगा और आप उनकी हर कदम पर सहायता करेंगे, जिससे उनका विश्वास आपके प्रति बढ़ेगा।
करियर की बात करें तो, इन जातकों को शुक्र गोचर के दौरान काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है जो आपके लिए फलदायी साबित होंगी। साथ ही, आपके जीवन को तरक्की के मार्ग पर लेकर जाएंगी। व्यापार की दृष्टि से यह अवधि शुभ रहेगी और आप अच्छा लाभ कमाने में सक्षम होंगे। इस समय आप धन कमाएंगे, लेकिन खर्चें भी उसी रफ़्तार के साथ होते रहेंगे।
शुक्र गोचर सिनेमा, फैशन, थिएटर, संगीत, कला, ग्लैमर और ड्रामा से जुड़े क्षेत्रों के लिए प्रभावी रहेगा। यह क्षेत्र तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।
लक्ज़री वस्तुएं, ज्वेलरी, फैशन और ब्यूटी इंडस्ट्री आदि की मांग में वृद्धि देखने को मिलेगी। लोग ऐशो-आराम की चीज़ों पर पैसे ख़र्च करते हुए दिखाई देंगे।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान लोग अपने मान-सम्मान और सामाजिक छवि पर ध्यान देंगे। साथ भी, इस अवधि में इन्फ्लुएंसर, सेलिब्रिटीज और नेता सब पर लोगों की निगाहें टिकी होंगी।
दुनियाभर में लोगों की रुचि सांस्कृतिक कार्यक्रमों, समारोह, कला और सुंदरता के प्रति बढ़ेगी।
नेतृत्व एवं वित्त
शुक्र गोचर के दौरान राजनेता, बड़े बिज़नेसमैन सिनेमा और मशहूर हस्तियां अपनी लोकप्रियता और आकर्षण का इस्तेमाल लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने और उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए करेंगी।
दुनिया भर में लोग विलासिता से जुड़ी चीज़ों पर काफ़ी मात्रा में धन ख़र्च करेंगे जिसका लाभ कला, मनोरंजन, फैशन और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र को मिलेगा।
सरकार और नेताओं के बीच अहंकार या अधिकार को लेकर टकराव बढ़ सकता है। ऐसे में, इन्हें संतुलन बनाकर चलना होगा।
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शुक्र का सिंह राशि में गोचर: शेयर बाज़ार भविष्यवाणी
ज्योतिषीय दृष्टि से शुक्र का गोचर लोगों की मनोदशा का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र का सिंह राशि में गोचर जातकों के भीतर आत्मविश्वास, जोख़िम उठाने की प्रवृत्ति और सोच-समझकर व्यापार करने की क्षमता को बढ़ाने का काम करेगा। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि इसका लाभ आपको मिले। शेयर मार्केट भविष्यवाणी से जानिए कि शुक्र का यह गोचर स्टॉक मार्केट को कैसे प्रभावित करेगा।
सिंह राशि में शुक्र का गोचर जातक को निडर, साहसी और आत्मविश्वास से पूर्ण बनाएगा। ऐसे में, मनोरंजन, फैशन और लक्ज़री से जुड़ी वस्तुओं की मांग में वृद्धि हो सकती है क्योंकि इन सभी क्षेत्रों पर शुक्र देव का शासन होता है।
बता दें कि सिंह राशि वैभव को दर्शाती है जबकि शुक्र ग्रह मूल्य को नियंत्रित करता है। इसके परिणामस्वरूप, लक्ज़री वस्तुओं पर होने वाला ख़र्च बढ़ सकता है जिसके चलते बड़े लक्ज़री ब्रांड्स, ज्वेलरी और शेयर की कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
हालांकि, निवेशकों को जोश में होश खोने से बचना होगा क्योंकि शुक्र का सिंह राशि में गोचर सट्टेबाजी और जोखिम भरे शेयरों में आपको निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। इनके बजाय आप मीडिया, लक्ज़री और फैशन से जुड़े क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं।
सितंबर 2025 के दूसरे भाग तक शेयर बाजार में तेज़ी बनी रहेगी और ज्वेलरी, कपड़े एवं डिज़ाइनर ज्वेलरी में तेज़ी नज़र आएगी।
ग्रहों की स्थिति और सितंबर 2025 में होने वाले शुक्र का सिंह राशि में गोचर के आधार पर इस महीने रिलीज़ होने वाली सभी फिल्मों में से जॉली एलएलबी का प्रदर्शन सबसे अच्छा और दमदार रहेगा, जबकि दूसरी फिल्मों का प्रदर्शन औसत रहने की संभावना है।