सूर्य का तुला राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर शुभ अशुभ प्रभाव

सूर्य का तुला राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर शुभ अशुभ प्रभाव

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य का तुला राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि सूर्य के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा।

बता दें कुछ राशियों को सूर्य के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

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बता दें कि सूर्य का तुला राशि में गोचर 17 अक्टूबर 2025 की दोपहर 01 बजकर 36 मिनट पर होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

वैदिक ज्योतिष के सूर्य को कुंडली की आत्मा माना जाता है और यह आत्मन यानी हमारे भीतर के स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य स्वाभाविक रूप से अधिकार, जीवन-शक्ति, नेतृत्व क्षमता, अहंकार, पिता, सरकार प्रसिद्धि और आत्मविश्वास का कारक माना जाता है।

सूर्य हमारी इच्छा शक्ति, व्यक्तित्व और दुनिया में खुद को किस तरह प्रस्तुत करते हैं, इसका कारक होता है। कुंडली में यदि सूर्य मजबूत हो तो व्यक्ति को साहस, नेतृत्व क्षमता, पहचान, आत्मविश्वास और भरपूर ऊर्जा मिलती है।

वहीं अगर सूर्य कमज़ोर या पाप ग्रहों से प्रभावित हो तो व्यक्ति को अहंकार से जुड़ी समस्याएं, आत्मसम्मान की कमी, बड़े-बुजुर्ग या अधिकारियों से टकराव, या फिर हृदय, हड्डियों और आंखों से संबंधित स्वास्थ्य परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: विशेषताएं

जिन लोगों की कुंडली में सूर्य तुला राशि में स्थित होता है, उनके जीवन में संतुलन बेहद जरूरी होता है। हालांकि, सूर्य इस राशि में नीच का होता है, लेकिन यह आपको आशावादी बनाता है। साथ ही, कभी-कभी आपको अस्थिर और निर्णय लेने में असमर्थ भी बना देता है।

ऐसे लोग सामान्यतः खुशमिजाज होते हैं, हर किसी में अच्छाई देखते हैं और उनसे आसानी से जुड़ जाते हैं। लेकिन कई बार दूसरों से बातचीत करते समय चिड़चिड़े या परेशान भी हो जाते हैं।

तुला राशि की सबसे बड़ी विशेषता है सामाजिकता, जो कभी-कभी आपके स्वभाव में अस्थिरता ला सकती है। आप में लोगों को खुश करने की प्रवृत्ति होती है, जिस वजह से दूसरों से गहरी प्रतिबद्धता करना कठिन हो जाता है।

आप कामों को टालने और इधर-उधर चीज़ें इकट्ठा करने की आदत भी रख सकते हैं। जब चीज़ें आपके हिसाब से नहीं चलतीं, तो आप खुद पर संदेह करने लगते हैं और महसूस करते हैं कि सब आपके खिलाफ है या दुनिया आपके लिए खत्म हो रही है। 

आप कभी-कभी बिना सोचे समझे बोलकर लोगों की भावनाएं आहत कर सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में आप बहुत चुनिंदा होते हैं और अक्सर वहीं निर्णय लेते हैं, जो आपके हित में हों। अगर आप दूसरों की राय को महत्व नहीं देंगे, तो आपको स्वार्थी भी माना जा सकता है। इसके अलावा, हर प्रतिस्पर्धा में जीतने की चाहत आपको अक्सर निर्णय हीन बना देती है।

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सूर्य का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पांचवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान यह सातवें भाव में तुला राशि में प्रवेश करेगा। सामान्य तौर सूर्य का तुला राशि में सातवें भाव में होना शुभ नहीं माना जाता है। इसके साथ ही, सूर्य तुला में नीच का भी होता है, जिससे इसका प्रभाव और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इन दोनों स्थितियों को मिलाकर देखा जाए तो आपको इस समय अपने पेशेवर और व्यावसायिक संबंधों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी। 

यदि आप विवाहित हैं, तो इस अवधि में अपने जीवनसाथी के साथ सावधानी और जागरूकता से व्यवहार करें। एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें और आपसी तालमेल बनाए रखें। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय आपको थोड़ा सतर्क रहने की सलाह देता है। इस दौरान आपको बुखार, सिरदर्द या थकान जैसी छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य गोचर कुछ चुनौतियां लेकर आ सकता है। सूर्य आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं और इस समय यह तुला राशि में आपके पांचवें भाव में गोचर करेगा। पांचवें भाव में सूर्य का गोचर शुभ नहीं माना जाता है और तुला में सूर्य के नीच का होने से इसकी नकारात्मकता और बढ़ जाती है। इस दौरान आपको विशेष रूप से अपने भाई-बहनों और पड़ोसियों के साथ संबंधों में सावधानी बरतनी होगी।

किसी भी तरह का वाद-विवाद या मनमुटाव आपको मानसिक रूप से परेशान कर सकता है। प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव रह सकते हैं और छात्रों के लिए पढ़ाई से संबंधित कठिनाइयां सामने आ सकती हैं। बच्चों की ओर से भी कुछ चिंता उत्पन्न हो सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय पेट और आंतों से संबंधित तकलीफें ला सकता है। कभी-कभी आपको आत्मविश्वास की कमी महसूस होगी और मन निराशा से भर सकता है।

साथ ही कोई अप्रिय समाचार भी आपको बेचैन कर सकता है। ऐसे में सबसे ज़रूरी है कि आप धैर्य और संयम बनाए रखें। किसी भी परिस्थिति में जल्दबाजी में निर्णय न लें और हर काम को सावधानी से करें। यह समय सिखाएगा कि सतर्क रहकर और शांति बनाए रखते हुए मुश्किल परिस्थितियों को भी आसानी से संभाला जा सकता है।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों, सूर्य आपके जन्म कुंडली में धन भाव यानी दूसरे भाव के स्वामी हैं और इस समय यह तुला राशि में आपके चौथे भाव में नीच का होकर प्रवेश करेगा। सूर्य का चौथे भाव में गोचर शुभ नहीं माना जाता है और तुला राशि में इसके नीच होने से स्थिति और अधिक चुनौतीपूर्ण बन सकती है। इस दौरान आपको विशेष रूप से अपने घर-परिवार और घरेलू जीवन से जुड़े मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। 

यदि आपकी माता पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही हैं तो जरा सी लापरवाही भी बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है, इसलिए उनकी देखभाल और ज्यादा ध्यान से करनी होगी। पारिवारिक विवाद ये घरेलू मतभेद इस समय बढ़ सकते हैं, इसलिए बुद्धिमानी इसी में है कि किसी भी मुद्दे को समय रहते शांतिपूर्वक सुलझा लिया जाए ।

इस अवधि में संपत्ति, जमीन-जायदाद या घर से संबंधित मामलों में भी तनाव की स्थिति बन सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय संवेदनशील हो सकता है, खासकर उन जातकों के लिए जिन्हें पहले से हृदय या सीने से जुड़ी समस्या रही हो। ऐसे में मानसिक और शारीरिक तनाव से बचना बेहद ज़रूरी होगा। इस गोचर के दौरान धैर्य, परिपक्वता और समझदारी ही आपके सबसे बड़े हथियार साबित होंगे। चाहे मामला परिवार का हो या आर्थिक, शांत मन से निर्णय लेना ही आपको सफलता दिलाएगा।

सिंह राशि 

सिंह राशि वाले जातकों के लिए सूर्य सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि यह आपकी लग्न राशि के स्वामी हैं। अब सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर आपके तीसरे भाव में आएगा। यहां आकर यह नीच का हो जाएगा यानी इसकी शक्ति कुछ कमजोर हो जाएगी। सामान्य तौर पर सूर्य का तीसरे भाव में होना अच्छा माना जाता है, लेकिन इसके नीच होने के कारण कुछ नकारात्मक असर भी देखने को मिल सकते हैं। अब पहले बात करते हैं इसके अच्छे फलों की। 

सूर्य का तीसरे भाव में होना आपके अंदर हिम्मत, आत्मविश्वास और पहल करने की शक्ति बढ़ाता है। इस समय आपकी बातचीत और लोगों से रिश्ते बनाने का कला बेहतर हो सकती है। साथ ही प्रशासन या सरकार से जुड़े कामों में भी आपको फायदे मिल सकते हैं। लेकिन चूंकि सूर्य यहां नीच का है इसलिए जरूरी है कि आप सरकारी अफसरों या अधिकारियों से तालमेल अच्छे से रखें और किसी तरह का विवाद न करें। आपके आत्मविश्वास में इजाफा जरूर होगा, लेकिन ध्यान रखें कि अति आत्मविश्वास से नुकसान भी हो सकता है।

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कन्या राशि

कन्‍या राशि वालों इस बार सूर्य गोचर आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण रह सकता है। आपकी कुंडली में सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब तुला राशि में जातक दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे, जहां यह नीच का हो जाएगा। दूसरे भाव में सूर्य का नीच होना वैसे भी शुभ नहीं माना जाता है और ऊपर से बारहवें भाव के स्वामी यहां आकर आपको और सतर्क रहने का संकेत दे रहा है। इस समय आपको पैसों के मामले में बहुत सावधानी बरतनी होगी।

बेवजह खर्चे बढ़ सकते हैं इसलिए सोच-समझकर ही कोई बड़ा आर्थिक निर्णय लें। साथ ही इस गोचर के चलते आंखों या मुंह से जुड़ी छोटी-मोटी दिक्कतें जैसे संक्रमण या तकलीफ़ भी हो सकती हैं, इसलिए सेहत का भी ख्याल रखें। परिवार में भी थोड़ा तनाव या मनमुटाव हो सकता है, खासकर अगर आप अपने शब्दों पर नियंत्रण नहीं रखते।

छोटी सी बात बड़े झगड़े का रूप ले सकती है। ऐसे में घर में शांति बनाए रखना और नम्रता से पेश आना आपके लिए सबसे अच्छा उपाय होगा। कुल मिलाकर यह समय आपसे सतर्कता, धैर्य और समझदारी की मांग कर रहा है। यदि आप अपने खर्चों पर काबू रखते हैं और परिवार के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करते हैं, तो इस गोचर के नकारात्मक प्रभाव काफी हद तक कम हो सकते हैं।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर आपके लिए मिला-जुला परिणाम लेकर आ सकता है। आपकी कुंडली में सूर्य लाभ भाव यानी ग्यारहवें भाव के स्वामी है और अब यह तुला राशि में आकर आपके पहले भाव में प्रवेश करेगा। जब लाभ भाव के स्वामी लग्न में आता है, तो यह यश, मान-सम्मान और लाभ के योग बनाता है। लेकिन यहां सूर्य तुला राशि में नीच का होने से इसकी शुभता काफी हद तक कम हो जाएगी। 

इस गोचर के दौरान स्वास्थ्य पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत होगी। शरीर में पित्त बढ़ सकता है, जिससे आपको गैस, एसिडिटी एलर्जी या पाचन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती है। आलस और सुस्ती भी बढ़ सकती है, जिससे रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित होंगे।

कार्यस्थल पर भी अड़चनें आ सकती हैं। जिन कामों को आप आसानी से पूरी कर सकते थे, उनमें भी देर लग सकती है। इससे मन में चिड़चिड़ापन और असंतोष पैदा हो सकता है। ऐसे समय में जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली को संतुलित रखें। खानपान पर ध्यान दें और तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। साथ ही, कार्यक्षेत्र में धैर्य और संयम के साथ आगे बढ़ें, तभी इस गोचर के नकारात्मक असर को कम किया जा सकेगा।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों इस बार सूर्य का गोचर आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। आपकी कुंडली में सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं और अब तुला राशि में आकर नौवें भाव यानी भाग्य स्थान में प्रवेश करेगा। लेकिन यहां सूर्य नीच का होना से इसकी शुभता कम हो जाएगी। आमतौर पर सूर्य का नौवें भाव में गोचर शुभ नहीं माना जाता है और भाग्य का साथ भी कम मिलता है। यानी इस समय आप अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए केवल किस्मत पर निर्भर नहीं रह सकते।

आपको मेहनत, लगन और धैर्य से ही सफलता हासिल होगी। अच्छी बात यह है कि यह गोचर पिछवे गोचर की तुलना में कुछ बेहतर परिणाम देगा। चुनौतियां रहेंगे, लेकिन लगातार कोशिश से आप मुश्किलों पर काबू पा सकते हैं। इस दौरान भाई-बहनों और पड़ोसियों के साथ संबंधों में मिठास बनाए रखना भी बहुत जरूरी है। छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेने से बचें और रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखें।

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सूर्य का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों, इस बार सूर्य का गोचर आपके लिए मिला-जुला असर लेकर आएगा। आपकी कुंडली में सूर्य चौथे भाव के स्वामी है और इस गोचर के दौरान यह तुला राशि में जाकर छठे भाव में प्रवेश करेगा। यहां सूर्य नीच का होने के कारण इसकी शुभता थोड़ी कम हो जाएगी। अब बात करते हैं फादये की सूर्य का षष्ठ भाव में गोचर सामान्यत: अच्छा माना जाता है। इस समय आप अपने विरोधियों पर हावी रहेंगे और प्रतियोगी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। यानी करियर या पढ़ाई से जुड़ी चुनौतियों में आपके पास जीतने के अवसर रहेंगे। लेकिन चूंकि सूर्य तुला में कमजोर है इसलिए लापरवाही नुकसानदायक हो सकती है।

विरोधियों को हल्के में लेना ठीक नहीं होगा। साथ ही भले ही स्वास्थ्य सामान्य रूप से अच्छा रहेगा, फिर भी इसे  नज़रअंदाज़ करना ठीक नहीं है। छोटी-सी भी समस्या को न टालें और समय पर ध्यान दें। कुल मिलाकर, यह समय आपको मेहनत और सतर्कता से आगे बढ़ने का अवसर देगा। जितना आप संयमित रहेंगे और अपने स्वास्थ्य व काम पर ध्यान देंगे, उतने ही अच्छे नतीजे मिलेंगे।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: उपाय

  • हर रोज़ सूर्योदय के समय अभ्यास करें ताकि सूर्य की ऊर्जा को आत्मसात कर सकें।
  • उगते सूर्य को तांबे के पात्र में जल (अर्घ्य) अर्पित करें।
  • गेहूं, गुड़, लाल कपड़ा या तांबे की वस्तुएं दान करें।
  • सूर्य मंत्र: “ॐ सूर्याय नमः” या आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करें।
  • सूर्य की कृपा के लिए बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
  • इसे घर या कार्यस्थल पर ऊर्जावान रखें।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव

सरकार, अंतरराष्ट्रीय संबंध और व्यापार

  • इस समय विश्व भर में सरकारों और नेताओं के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं। नेतृत्व क्षमता कमजोर पड़ सकती है, निर्णय लेने में कठिनाई और आलोचना झेलनी पड़ सकती है। कई देशों में राजनीतिक अस्थिरता या विरोध भी देखने को मिल सकता है। 
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक, संधियाँ और समझौते अहम भूमिका निभाएंगे। देशों के बीच नए गठजोड़ और समझौते बन सकते हैं, लेकिन शक्ति असंतुलन भी उभर कर सामने आएगा।
  • कारोबार की बात करें तो बाजार में उतार-चढ़ाव रहेंगे, खासतौर पर लग्जरी, कला, फैशन और ब्यूटी इंडस्ट्री में बदलाव साफ दिखाई देंगे।

कानून एवं व्यवस्था और सामाजिक संतुलन

  • इस समय लोगों का ध्यान, न्याय बराबरी और निष्पक्षता पर ज्यादा रहेगा। समाज में संतुलन बनाने के लिए कानून में बदलाव की मांग हो सकती है और जगह-जगह प्रदर्शन या आंदोलन भी हो सकते हैं।
  • इस समय देश के मुखिया, नेता और प्रभावशाली लोग आलोचना का सामना कर सकते हैं। उनके निर्णय लेने की क्षमता कमजोर दिख सकती है या उनका अधिकार कमजोर पड़ सकता है। सरकारें भी अनिर्णय की स्थिति में दिख सकती हैं या नियंत्रण बनाए रखने में संघर्ष कर सकती हैं।
  • इस समय दुनिया भर में समानता, न्याय और मानवाधिकारों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। समाज में संतुलन बनाने के लिए कानूनी सुधार हो सकते हैं और न्याय से जुड़े मुद्दों पर बहस सामने आ सकती है।

अर्थव्यवस्था, व्यापार और सामाजिक सुधार

  • इस समय देशों के बीच साझेदारी, व्यापारिक समझौते और सहयोग पर ध्यान दिया जाएगा। लेकिन, वैश्विक नीतियों में अस्थिरता और नेतृत्व की कमी के कारण शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
  • लोगों की सामूहिक आवाज अन्याय और असमानता के खिलाफ उठेगी, खासकर नौकरियों के नुकसान और व्यापार में असफलताओं को लेकर जनता नेताओं और संस्थाओं से जवाबदेही की मांग करेगी।
  • क्योंकि तुला राशि संतुलन का प्रतीक है, इसलिए ध्यान प्रकृति में संतुलन, जलवायु समझौते और पर्यावरणीय संतुलन की ओर भी जा सकता है।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट

  • वित्तीय शेयरों पर दबाव रहेगा क्योंकि नेतृत्व और नियमों से जुड़ी अनिश्चितताएं निवेशकों का भरोसा डगमगा सकती हैं।
  • तेल, गैस और सौर ऊर्जा से जुड़े शेयरों में विकास की रफ्तार धीमी हो सकती है।
  • मांग बनी रहेगी, लेकिन बाजार का समग्र माहौल मुनाफे को प्रभावित कर सकता है।
  • वैश्विक नीतियों में अस्थिरता और निवेशकों का कम समर्थन बाज़ार में उतार-चढ़ाव बढ़ा सकता है। 
  • हालांकि, तुला राशि संतुलन और स्वास्थ्य से जुड़ी है इसलिए हेल्थ वेलनेस सेक्टर में कुछ लाभ की संभावना बनी रह सकती है।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: नई फिल्में रिलीज़ और उनका भविष्य

फिल्म रिलीजस्टार कास्टतिथि
गोलमाल-5अजय देवगन, र्शेयाश19 अक्टूबर, 2025
इलैयाराजाधनुषअक्टूबर, 2025
मंगल 2दिशा पटानी, आदित्य रॉय कपूर30 अक्टूबर 2025

अक्टूबर महीने में आने वाली नई फिल्मों के लिए ग्रहों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं दिख रही है। ऐसे में इस दौरान किसी बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म या बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार कमाई की उम्मीद करना मुश्किल है। ग्रहों की चाल फिल्मों के लिए कुछ खास या असाधारण नतीजे नहीं दिखाती। यह समय ज्यादा अच्छा है कि गलतियों पर ध्यान दिया जाए और मेहनत को और बढ़ाया जाए।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

तुला राशि पर किस ग्रह का शासन है?

शुक्र

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार सूर्य की सबसे गहरी नीच अवस्था कौन सी है?

तुला राशि में 10 अंश

तुला राशि में कौन सा ग्रह उच्च का हो जाता है?

शनि

इस सप्ताह गुरु गोचर और धनतेरस का संयोग, इन राशियों पर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा!

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साप्ताहिक राशिफल 13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2025: जैसे-जैसे हम अक्टूबर के महीने में आगे बढ़ेंगे, हमारे मन में फेस्टिवल सीजन को लेकर उत्सुकता बढ़ती जाएगी, क्योंकि अक्टूबर जोश, उमंग और उत्साह का महीना होगा।

बता दें कि इस दौरान एक के बाद एक पर्व मनाए जाएंगे। इसी क्रम में, अब हम जल्द ही अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में प्रवेश करने जा रहे हैं और ऐसे में, हम अपने साप्ताहिक राशिफल के इस लेख के माध्यम से आपको 13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर, 2025 के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, आपके मन में उठने वाली जिज्ञासा को भी शांत करेंगे।  

अक्टूबर 2025 का यह दूसरा सप्ताह अर्थात 13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर, 2025 की सहायता से आप न सिर्फ़ यह जान सकेंगे कि यह हफ़्ता राशि चक्र की सभी राशियों के जातकों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे करियर, प्रेम, व्यापार और प्रेम जीवन में किस तरह के परिणाम प्रदान करेगा? क्या करियर या व्यापार में सफलता मिलेगी? नौकरी में होगा प्रमोशन या फिर समस्याओं का करना पड़ेगा सामना? प्रेम जीवन रहेगा प्रेम से गुलज़ार या हो सकता है विवाद?

इन सभी सवालों के जवाब आपको साप्ताहिक राशिफल के इस ब्लॉग में प्राप्त होंगे। साथ ही, पापी ग्रहों के अशुभ प्रभावों से बचने के सरल एवं अचूक उपाय भी बताएंगे। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

सिर्फ़ इतना ही नहीं, हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किए गए साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग ग्रहों की चाल, दशा और स्थिति की गणना करने के बाद तैयार किया गया है, इसलिए यह पूरी तरह से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है।

यहां हम आपको व्रत-त्योहारों और ग्रहण-गोचर की भी तिथियां देने जा रहे हैं। साथ ही, इस सप्ताह जन्मे मशहूर हस्तियों के जन्मदिन से भी अवगत करवाएंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं इस सप्ताह के बारे में सब कुछ।

इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना

बात करें इस सप्ताह के हिंदू पंचांग की, तो अक्टूबर साल का दसवां महीना होता है और इस माह के दूसरे सप्ताह का आगाज़ आद्रा नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि अर्थात 13 अक्टूबर 2025 को होगा, जबकि इस हफ़्ते की समाप्ति हस्त नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी कि 19 अक्टूबर 2025 को होगी।

बता दें कि धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों तरह से ही यह सप्ताह (13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर, 2025) महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि एक तरफ, इस दौरान कई पर्व मनाए जाएंगे, तो कई बड़े ग्रहों की स्थिति में बदलाव भी नज़र आएगा। अब हम जान लेते हैं इस सप्ताह के व्रत-त्योहारों के बारे में। 

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इस सप्ताह में कब-कब पड़ेगा कौन सा व्रत और त्योहार? 

हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत और पर्व को विशेष स्थान दिया गया है, परंतु आजकल इंसान अपने जीवन में इतना व्यस्त हो गया है कि उनके लिए अक्सर महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों की तिथियों को याद रखना मुश्किल हो जाता है।

आपके साथ ऐसा भविष्य में न हो, इसलिए इस बात को ध्यान में रखकर हमने आपके लिए यह विशेष सेक्शन तैयार किया है जहाँ आपको इस सप्ताह यानी कि अगले सात दिनों में मनाए जाने वाले व्रतों एवं पर्वों की तिथियां प्राप्त होगी, ताकि आप हर पर्व को ख़ुशी-ख़ुशी अपनों के साथ मना सकें। आइए जानते हैं इस सप्ताह कब और कौन सा त्योहार मनाया जाएगा। 

रमा एकादशी (17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार): साल भर में बारह एकादशी तिथि आती हैं और इनमें से एक है रमा एकादशी। बता दें कि सनातन धर्म में रमा एकादशी को महत्वपूर्ण माना जाता है और इस एकादशी का नाम धन-धान्य की देवी लक्ष्मी जी के नाम पर रखा गया है। रमा एकादशी पर माता महालक्ष्मी के रमा स्वरूप और जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूर्णावतार केशव स्वरुप में पूजा की जाती है। रमा एकादशी चातुर्मास के चार महीनों की अंतिम एकादशी होती है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

तुला संक्रांति (17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार): हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में कुल 12 संक्रांति आती हैं और हर संक्रांति का अपना एक अलग महत्व होता है। संक्रांति का पर्व भगवान सूर्य को समर्पित होता है इसलिए इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। बता दें कि हर माह सूर्य देव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में गोचर करते हैं और इसे ही संक्रांति कहा जाता है। अब सूर्य कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और यह तिथि दान-स्नान और धार्मिक कार्यों के लिए शुभ होती है। 

धनतेरस (18 अक्टूबर 2025, शनिवार): धनतेरस के त्योहार से पांच दिवासीय दिवाली के पर्व की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस पर आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि देव अमृत का कलश लेकर समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस को धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। साथ ही, धनतेरस के दिन बर्तन और सोना-चांदी खरीदना शुभ होता माना जाता है और इससे घर में सदा धन-समृद्धि का वास रहता है।

प्रदोष व्रत (18 अक्टूबर 2025, शनिवार): प्रदोष व्रत सनतान धर्म में किए जाने वाले शुभ व्रतों में से एक है और इस व्रत को हर माह में दो बार रखने की परंपरा है। पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है, इसलिए इसे त्रयोदशी व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है और इस दिन इनकी पूजा विधि-विधान से की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि प्रदोष व्रत को करने से जातक को उत्तम स्वास्थ्य और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।

मासिक शिवरात्रि (19 अक्टूबर 2025, रविवार): पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। एक हिंदू वर्ष में कुल 12 मासिक शिवरात्रि आती हैं और इनमें से सबसे ख़ास महाशिवरात्रि होती है। मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त मासिक शिवरात्रि का व्रत रखता है और पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की आराधना करता है और उसके जीवन से शिव जी सभी समस्याओं का अंत कर देते हैं। साथ ही, सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं और जीवन में भक्त को कभी भी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।

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इस सप्ताह पड़ने वाले ग्रहण और गोचर 

ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह का गोचर एक विशेष समय के बाद होता है, यानी कि एक निर्धारित समय के बाद प्रत्येक ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर जाता है। ज्योतिषी की दुनिया में इस घटना को गोचर कहा जाता है। अक्टूबर 2025 के इस दूसरे सप्ताह (13 से 19 अक्टूबर, 2025) के दौरान दो बड़े ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे, जिनका असर संसार के साथ-साथ राशियों और देश-दुनिया पर भी पड़ेगा। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं इन ग्रहों के गोचर पर। 

सूर्य का तुला राशि में गोचर (17 अक्टूबर 2025): ग्रहों के जनक कहे जाने वाले सूर्य देव अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए 17 अक्टूबर 2025 की दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 

गुरु का कर्क राशि में गोचर (19 अक्टूबर 2025): ज्ञान के कारक ग्रह बृहस्पति देव अब जल्द ही अपनी राशि में बदलाव करेंगे और मिथुन राशि से निकलकर चंद्र देव की राशि कर्क में 19 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर प्रवेश कर जाएंगे। 

नोट: अक्टूबर के इस दूसरे सप्ताह यानी कि 13 से 19 अक्टूबर, 2025 के दौरान कोई भी ग्रहण नहीं लगने जा रहा है।  

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इस सप्ताह के बैंक अवकाशों की सूची

साप्ताहिक राशिफल का यह लेख न सिर्फ़ आपको ग्रहण, गोचर और व्रत-पर्वों की तिथियां प्रदान करेगा, बल्कि अक्टूबर के इस सप्ताह में कब-कब बैंक बंद रहेंगे, इसकी जानकारी भी देने जा रहे हैं, ताकि आपका कोई काम भी अटक न सके और आप हर काम को समय पर पूरा कर लें। 

तिथि दिनपर्वराज्य
18 अक्टूबर 2025शनिवारकाती बिहूअसम

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर 

इस सप्ताह (13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर, 2025) के शुभ मुहूर्त

मान्यता है कि जब भी कोई शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन या अन्नप्राशन या किसी कार्य का आरंभ शुभ मुहूर्त में किया जाता है, तो उसमें सफलता प्राप्त होती है। वहीं, अशुभ समय में किया गया कार्य हानि के साथ-साथ नकारात्मक परिणाम दे सकता है, इसलिए यहाँ हम आपको 13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच उपलब्ध शुभ मुहूर्त प्रदान करने जा रहे हैं। 

इस सप्ताह (13 से 19 अक्टूबर 2025) के नामकरण मुहूर्त

जो माता-पिता अपनी संतान का नामकरण संस्कार करने के लिए नामकरण मुहूर्त देख रहे हैं, तो बता दें कि अक्टूबर के इस सप्ताह में नामकरण संस्कार के लिए केवल एक मुहूर्त उपलब्ध हैं।

तिथि मुहूर्त
19 अक्टूबर 2025, रविवार06:24:00 से 13:53:20

इस सप्ताह (13 से 19 अक्टूबर 2025) के वाहन खरीद मुहूर्त

यदि आप अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में वाहन खरीदने का मन बना रहे हैं इसलिए शुभ मुहूर्त की तलाश में हैं, तो नीचे हम आपको 13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के वाहन खरीद मुहूर्त देने जा रहे हैं।

तिथि मुहूर्त
13 अक्टूबर 2025, सोमवार 12:27:27 से 30:20:22

इस सप्ताह में जन्मे मशहूर सितारे

13 अक्टूबर 2025: पार्क जी-मिन, अवनीत कौर, पूजा हेगड़े

14 अक्टूबर 2025: रोजर मूर, गौतम गंभीर, क्लिफ रिचर्ड 

15 अक्टूबर 2025: छगन भुजबल, प्रशांत भूषण, ए पी जे अब्दुल कलाम

16 अक्टूबर 2025: शार्दुल ठाकुर, अनिरुद्ध रविचंदर, नवीन पटनायक

17 अक्टूबर 2025: अनुज रावत, चिरंजीवी सरजा, सौम्या सेठ

18 अक्टूबर 2025: अमीश त्रिपाठीज्योतिका, अर्जुन माथुर

19 अक्टूबर 2025: चंद्रबती देवी, नुवान प्रदीप, मैरिलन बेल

एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं। 

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साप्ताहिक राशिफल 13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर, 2025

मेष साप्ताहिक राशिफल 

हमारी सेहत ही जीवन की असली पूँजी है, इस बात को आप इस सप्ताह….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

आप जो अभी तक अपने जीवन में, सच्चे प्रेम की कमी का अनुभव….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपकी सेहत में सुधार आएगा, इसलिए ऐसी गतिविधियों….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह यदि आप सिंगल हैं और किसी ख़ास की तलाश ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

पूर्व के हफ्ते में अपच, जोड़ों के दर्द, सिर दर्द जैसी समस्याओं….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

प्रेम की भविष्यवाणी के अनुसार इस सप्ताह, आपके और ….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

 इस सप्ताह परिवार के किसी सदस्य की खराब सेहत से जुड़ा…. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

आपकी ख़ुशियों में आपके प्रिय का ग़ैर-हाज़िर होना, इस सप्ताह….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

 ये सप्ताह आपके लिए दौड़-भाग से भरा रहेगा, जिससे आप….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

प्रेम का आह्लाद महसूस करने के लिए, इस सप्ताह आप किसी ……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

 इस सप्ताह व्यापार या दफ़्तर का तनाव, आपकी सेहत ख़राब….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आप अपने संगी की भावनाओं को समझ पाने में सफल….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह के पर्यन्त आपका स्वास्थ्य आमतौर पर उत्तम ही रहेगा। क्योंकि…..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपको प्रेम संबंधों को बेहतर बनाए रखने के लिए,….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

ये सप्ताह स्वास्थ्य के लिहाज से, बहुत अच्छा कहा जा सकता है। इस…..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

यदि आप अपने प्यार के रिश्ते को और मजबूत करना चाहते हैं तो,…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

यदि आप मोटापे की अपनी समस्या से परेशान है तो, इस सप्ताह…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपके प्रेमी का स्वभाव आपके प्रति बेहद…..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको अपनी व्यस्त ज़िंदगी में से, कुछ पल निकालते….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

आप अपने परिवार को बिना बताए, अपने प्रेमी संग किसी यात्रा ….(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपकी सेहत में सुधार देखा जाएगा, जिसके…. (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ प्रेम राशिफल

जिस प्रेम संबंधों को लेकर आप अभी तक बिलकुल बेपवरवाह थे, उसकी….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

तनाव का सीधा असर तबियत को ख़राब कर सकता है, और ऐसा ही कुछ…..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

 प्रेम संबंधों की बात करें तो आपके प्रेम जीवन में ….(विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धनतेरस 2025 में कब है?

इस साल धनतेरस का पर्व 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। 

गुरु का गोचर किस राशि में होगा?

अक्टूबर 2025 में गुरु ग्रह चंद्रमा की राशि कर्क में प्रवेश करेंगे। 

क्या अक्टूबर में सूर्य ग्रहण लगेगा?

नहीं, अक्टूबर के महीने में कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है। 

टैरो साप्ताहिक राशिफल (12 से 18 अक्टूबरर 2025): इस सप्ताह किन राशियों का होगा भाग्योदय? जानें

टैरो साप्ताहिक राशिफल (12 से 18 अक्टूबर 2025): इस सप्ताह किन राशियों का होगा भाग्योदय? जानें

टैरो साप्ताहिक राशिफल 12 से 18 अक्टूबर 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 12 से 18 अक्टूबर, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?

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टैरो साप्ताहिक राशिफल 12 से 18 अक्टूबर, 2025: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ कप्स

आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ पेंटाकल्स 

करियर: क्वीन ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: द मून

मेष राशि के जातकों को प्रेम जीवन में सिक्स ऑफ कप्स प्राप्त हुआ है जो पुराने रिश्ते के आपके जीवन में दोबारा दस्तक देने की तरफ इशारा कर रहा है, फिर चाहे यह आपका पूर्व प्रेमी, आपके बचपन का प्यार या कोई नया शख्स हो सकता है और यह आपको जाना-पहचाना सा लग सकता है। साथ ही, यह कार्ड कहता है कि इस सप्ताह आप बीते समय में किसी के साथ रिश्ते में उत्पन्न हुई समस्याओं को सुलझा सकते हैं या फिर अतीत की मीठी यादों में खोये रह सकते हैं। वहीं, इस राशि के सिंगल जातकों की मुलाकात अचानक से अपने पूर्व प्रेमी/प्रेमिका के साथ हो सकती है और ऐसे में, यह मुलाकात दोबारा पुरानी भावनाओं को एक-दूसरे के मन में ताज़ा कर सकती है। 

आर्थिक जीवन में फाइव ऑफ पेंटाकल्स का आना धन हानि, गरीबी और धन से जुड़ी समस्याओं को दर्शा रहा है। इस सप्ताह आपको धन की कमी और रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते आप कर्ज़ में डूब सकते हैं या फिर कंगाली की कगार पर पहुंच सकते हैं। इन आर्थिक समस्याओं की वजह से आप तनाव में आ सकते हैं और आप अकेलापन महसूस कर सकते हैं। 

करियर के क्षेत्र में क्वीन ऑफ वैंड्स मज़बूत इच्छा शक्ति, दृढ़ता और बुद्धिमानी का उपयोग करके दूसरों को प्रभावित करने और नेतृत्व करने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड आपको करियर में जोख़िम उठाने और नेतृत्व की भूमिका निभाने के साथ-साथ पूरे समर्पण से अपने लक्ष्यों को पाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। 

स्वास्थ्य के संबंध में द मून का आना मानसिक समस्याओं जैसे तनाव और डिप्रेशन की तरफ संकेत कर रहा है। साथ ही, यह आपको अपनी भावनाओं और अपनी इन्ट्यूशन पर ध्यान देना होगा, ताकि आप स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें। इन जातकों को अपनी आंतरिक क्षमताओं को मज़बूत करना होगा और अपने मन की आवाज़ को सुनना होगा। आपको  मानसिक रूप से स्वस्थ होने के लिए डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता होगी। 

शुभ अंक: 18 

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: एट ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स 

करियर: टेन ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स

वृषभ राशि वालों के प्रेम जीवन की बात करें, तो एट ऑफ वैंड्स कहता है कि आपका रिश्ता में रोमांच से भरा होगा या फिर ऐसे रिश्ता जहां आप दोनों बेझिझक होकर बात करेंगे जिससे आपका रिश्ता मज़बूत होगा। ऐसे में, आपका रिश्ता तेज़ी से आगे बढ़ेगा। साथ ही, प्रेम से पूर्ण नए रिश्ते का प्रतिनिधिव करता है। यह कार्ड दर्शा रहा है कि आपका रिश्ता बहुत तेज़ी से आगे बढ़ेगा जो प्रेम और रोमांस से भरा रहेगा। 

आर्थिक जीवन में आपको सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स मिला है जो बेईमानी, ईमानदारी और धोखाधड़ी का शिकार होने की तरफ संकेत कर रहा है। अगर आप इस सप्ताह किसी कॉन्ट्रैक्ट को साइन करने जा रहे हैं, तो पैसों के लेन-देन को लेकर सावधान रहना होगा। साथ ही, अपनी संपत्ति को किसी भी तरह के छलकपट से बचाना होगा। इसके अलावा, यह कार्ड आपको कार्यक्षेत्र में ऐसे लोगों से दूर रहने की सलाह दे रहा है, जिनकी गतिविधियां सहीं न हों और साथ ही, जल्दी अमीर बनने वाले छलावे में आने से बचना होगा। इसके विपरीत, आपको आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने के लिए योजना बनाकर चलना होगा। 

करियर के क्षेत्र में टेन ऑफ वैंड्स कहता है कि यह जातक जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा हुआ महसूस कर सकते हैं या फिर आप पर काम का भार काफ़ी अधिक हो सकता है, जिसके चलते आप पर थकान हावी हो सकती है। यह कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि आपने अपने कन्धों पर काफ़ी जिम्मेदाइरयां लो हुई होंगी। ऐसे में, आपको समस्याओं से बचने और जीवन में संतुलन बनाकर चलना होगा। इसके फलस्वरूप, आपको अपनी जिम्मेदारियों और कार्यों को दूसरों के साथ बांटना होगा ताकि आप खुद को तरोताज़ा रख सकें। 

स्वास्थ्य के मामले में आपको क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स प्राप्त हुआ है और यह कार्ड मन में दबी हुई हुए भावनाओं, अतीत में मिले हुए मानसिक आघात या फिर भावनात्मक अस्थिरता को दर्शा रहा है। इसका असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है और ऐसे में, आपको डॉक्टर से सहायता लेने की सलाह दी जाती है, जिससे आप स्वस्थ हो सकें। 

शुभ अंक: 15 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन राशि

प्रेम जीवन: नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: टेन ऑफ पेंटाकल्स

करियर: पेज ऑफ पेंटाकल्स

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ वैंड्स

बात करें मिथुन राशि वालों के प्रेम जीवन की, तो नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स भय, चिंता और भावनात्मक रूप से उतार-चढ़ाव की तरफ इशारा कर रहा है, जिसकी वजह बीते समय में घटित कोई अप्रिय घटना या फिर कोई डर हो सकता है। ऐसे में, यह आपको तनाव देने का काम कर सकता है जो धीरे-धीरे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा होगा या आपके स्वास्थ्य को लेकर आपका साथी परेशान नज़र आ सकता है। ऐसे में, आप निराशा और नींद न आने की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। बता दें कि यह सभी समस्याएं आपके द्वारा उत्पन्न हो सकती हैं। 

आर्थिक जीवन में टेन ऑफ पेंटाकल्स आया है जो आर्थिक स्थिरता और धन-समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है और यह आपकी मेहनत का परिणाम होगा। साथ ही, यह धन लाभ आपको पैतृक संपत्ति के माध्यम से भी मिल सकता है। यह कार्ड कहता है कि आप वर्तमान और भविष्य दोनों में ही आर्थिक रूप से सुरक्षित होंगे। इसका लाभ आपकी भावी पीढ़ियों को भी मिलेगा। यह अवधि दीर्घकालिक योजनाओं और बेहतरीन धन प्रबंधन करने का नतीजा होगा। 

बात करें करियर की, तो आपको पेज ऑफ पेंटाकल्स मिला है और यह नौकरी के नए अवसरों को दर्शा रहा है जो शिक्षा और ट्रेनिंग के माध्यम से आर्थिक स्थिति को मज़बूत कर सकता है। साथ ही, इस अवधि में आपके एक नई कंपनी के शुरू करने की भी संभावना है। इन जातकों को अपने लक्ष्य हासिल करने और कार्यों में सफलता पाने के लिए दृढ़ होकर कड़ी मेहनत करनी होगी और कार्यों को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाते हुए सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ना होगा। साथ ही, आपको अपना व्यवहार ज़मीन से जुड़ा और सकारात्मक रखना होगा।

स्वास्थ्य में आपको फाइव ऑफ वैंड्स मिला है और यह तनाव और खेलकूद के माध्यम से चोट लगने या फिर रोगों से जूझने की आशंका की तरफ संकेत कर रहा है। ऐसे मैं, यह कार्ड आपको सलाह दे रहा है कि अगर आप अपनी सेहत को अच्छा बनाए रखना चाहते हैं, तो आपको अपना दृष्टिकोण सकारात्मक रखना होगा और एक नियमित दिनचर्या को अपनाना होगा। संभव है कि इन जातकों के ज्यादातर जीवन में संघर्ष किया होगा, इसलिए आप खुद को थोड़ा आराम दें। 

शुभ अंक: 14

कर्क राशि

प्रेम जीवन: किंग ऑफ कप्स  

आर्थिक जीवन: टू ऑफ स्वॉर्ड्स 

करियर: द टॉवर 

स्वास्थ्य: फोर ऑफ कप्स

कर्क राशि के जातकों कके प्रेम जीवन में किंग ऑफ कप्स का आना भावनात्मक रूप से संतुलन, जोश और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। यह कार्ड ऐसे व्यक्ति को दर्शाता है जो दयावान, भावनात्मक रूप से संतुलित और बुद्धिमान होगा। साथ ही, वह भारी दवाब में भी शांत रहता होगा। वहीं, इस राशि के जो जातक सिंगल हैं, उनके जीवन में इस सप्ताह किसी ख़ास की एंट्री हो सकती है और उसमें वह सब गुण मौजूद होंगे जो हमने आपको ऊपर बताए हैं। कर्क राशि के जो जातक पहले से रिश्ते में हैं, उनका रिश्ता इस समय भावनात्मक रूप से मज़बूत होगा।

आर्थिक जीवन में आपको टू ऑफ स्वॉर्ड्स मिला है और यह जीवन में आने वाली अनिश्चितता, बड़े फैसले लेने से बचने या फिर एक ऐसी परिस्थिति को दर्शा रहा है जहाँ आपको दो विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करना होगा। यह कार्ड कह रहा है कि अगर आप जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो आपको मन में व्याप्त अंधेरे को दूर करना होगा और भावनात्मक रूप से शांत रहना होगा। किसी के साथ रिश्ते में आने से पहले अच्छे से सोच-विचार करना होगा। 

करियर की बात करें तो, द टावर का मिलना नौकरी में अचानक से होने वाले बदलाव, उतार-चढ़ाव या फिर करियर-व्यापार की नींव कमज़ोर होने से नुकसान की आशंका की तरफ संकेत करता है। सरल शब्दों में कहें तो, यह सप्ताह आपके लिए मुश्किल रह सकता है और इस दौरान आपकी नौकरी जा सकती है, व्यापार में हानि या करियर में बड़े बदलाव को सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, यह परिवर्तन आपको एक नई शुरुआत करने के लिए प्रेरित करेंगे और ऐसे में, यह कठिनाइयां आपको एक उज्जवल भविष्य प्रदान करेगा।

स्वास्थ्य में फोर ऑफ कप्स मिला है और यह ऐसी अवधि को दर्शाता है जो भावनात्मक या आध्यात्मिक रूप से असंतुष्ट और तनावपूर्ण होगी। इसकी वजह से आपकी स्वास्थ्य समस्याएं ह हो सकती हैं या फिर परिस्थितियां हाथ से बाहर जाने के कारण आप निराश हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपको अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा और अपनी सीमाओं को निर्धारित करना होगा। साथ ही, जीवन को लेकर अपना नज़रिया बदलना होगा, ताकि आप स्वस्थ हो सकें। 

शुभ अंक: 02

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: ऐस ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: द चेरियट 

करियर: किंग ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स 

जब बात आती है सिंह राशि वालों के प्रेम जीवन की, तो यह लव लाइफ में एक नई शुरुआत, जुनून और रोमांच से भरे रिश्ते को दर्शाता है। इस राशि के सिंगल जातक एक नए रिश्ते में आ सकते हैं जो प्रेम से पूर्ण होगा। वहीं, जो जातक पहले से रिश्ते में हैं, उनके रिश्ते में पुनः प्रेम और जुनून के भाव आ सकते हैं। 

आर्थिक जीवन में आपको द चेरियट प्राप्त हुआ है जो कहता है कि इन जातकों को अपने धन प्रबंधन की कमान अपने हाथ में लेनी होगी। साथ ही, आपको दृढ़ता और साहस के साथ समस्याओं को पार करते हुए सफलता को हासिल करना होगा। यदि आप आर्थिक रूप से सुरक्षित होना चाहते हैं, तो आपको धन प्रबंधन सोच-समझकर करना होगा और बुद्धिमानी से अपने लक्ष्यों को निर्धारित्व करना होगा। 

करियर में किंग ऑफ वैंड्स का आना सकारात्मक कहा जाएगा क्योंकि यह मज़बूत नेतृत्व क्षमता, व्यापार में प्रगति और मेहनत एवं समर्पण के माध्यम से लक्ष्य पूरे करने की तरफ संकेत करता है।  इस राशि के जातक आत्मविश्वास से पूर्ण लीडर होंगे जो दूसरों को भी आसानी से प्रभावित कर देंगे। साथ ही, प्रोजेक्ट्स को लेकर सकारात्मक रवैया अपनाना होगा। 

स्वास्थ्य को लेकर क्वीन ऑफ पेंटाकल्स बता रहा है कि आपको अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी होगी और पौष्टिक खानपान अपनाना होगा। साथ ही, दूसरों का ध्यान रखने के साथ-साथ आपको खुद का ध्यान भी रखना होगा।

शुभ अंक: 10

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

कन्या राशि 

प्रेम जीवन: नाइन ऑफ कप्स

आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ कप्स (रिवर्सड)

करियर: नाइट ऑफ पेंटाकल्स 

स्वास्थ्य: पेज ऑफ स्वॉर्ड्स

कन्या राशि के जातकों को प्रेम जीवन में नाइन ऑफ कप्स मिला है जो ख़ुशियों, भावनात्मक रूप से संतुष्टि और इच्छाओं के पूरी होने का प्रतीक माना जाता है। आपका रिश्ता प्रेम और सौहार्द से पूर्ण होगा और ऐसे में, आपका रिश्ता मज़बूत होगा। दूसरी तरफ, कन्या राशि के सिंगल जातकों के नए रिश्ते में आने की संभावना है। वहीं, जो जातक पहले से रिश्ते में हैं, उसमें आप असंतुष्ट, बेकार की अपेक्षाओं और खुद पर संदेह की भावना से ग्रस्त हो सकते हैं।

आपको फाइव ऑफ कप्स (रिवर्सड) प्राप्त हुआ है और यह आर्थिक जीवन में समस्याओं, आय में वृद्धि के अवसर और निराशा के आशा में बदलने का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड आपको अतीत में हुई आर्थिक समस्याओं की वजह से मिले बुरे अनुभव को भुलाते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे आप आर्थिक रूप से स्थिर और सुरक्षित बन सकें। ऐसे में, आप वह सब प्राप्त कर सकेंगे, जो आपने खोया होगा।

करियर की बात करें तो, आपको नाइट ऑफ पेंटाकल्स मिला है जो कहता है कि नौकरी में लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आपको सकारात्मक दृष्टिकोण रखना होगा और सावधानीपूर्वक आगे बढ़ना होगा। आपकी मेहनत और समर्पण आपको सफलता के मार्ग पर लेकर जाएगी जो आपको आर्थिक जीवन और करियर में सफल बनाएगी। इसके अलावा, आप एक ऐसे व्यक्ति होंगे जो व्यापार में माहिर होगा और आपका करियर स्थिर होगा। 

स्वास्थ्य के मामले में पेज ऑफ स्वॉर्ड्स मज़बूत एकाग्रता और आत्मविश्वास से भरी अवधि की तरफ इशारा करता है। इस दौरान आपके विचार मानसिक रूप से स्पष्ट होंगे और आप स्वास्थ्य समस्याओं से बाहर आने में सक्षम होंगे। 

शुभ अंक: 32

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

तुला राशि

प्रेम जीवन: द हैरोफ़न्ट

आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ कप्स

करियर: थ्री ऑफ पेंटाकल्स 

स्वास्थ्य: द हर्मिट

बात करें तुला राशि वालों के प्रेम जीवन की, तो लव लाइफ में द हैरोफ़न्ट का आना शादी-विवाह, एक जैसे रीति-रिवाज़ व मान्यताएं और प्रेम से पूर्ण रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। यह कार्ड कहता है कि इस सप्ताह आपका रिश्ता जीवनसाथी के साथ मज़बूत होगा। वहीं, इस राशि के जो जातक सिंगल हैं, उन्हें एक ऐसा जीवनसाथी मिलेगा जिसकी सोच और जीवनमूल्य आपकी तरह ही होंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप दोनों एक दीर्घकालिक रिश्ते में आ सकते हैं। इस अवधि में आपको जीवन में सिंद्धान्तों को बनाए रखने के साथ-साथ रिश्ते को मज़बूत करना होगा। साथ ही, आप रिश्ते को शादी में बदलने का मन बना सकते हैं। 

आर्थिक जीवन में आपको ऐस ऑफ कप्स प्राप्त हुआ है जो नए अवसरों से आय में वृद्धि, किसी से मिलने वाली आर्थिक सहायता और स्थिरता की तरफ संकेत कर रहा है जिससे आप भावनात्मक रूप से संतुष्ट दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में, यह परिस्थितियां आपको नई योजनाएं बनाकर आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। यह एक ऐसी अवधि होगी जब आप आर्थिक समृद्धि के द्वारा भावनात्मक रूप से संतुष्टि प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, अगर आपको धन की जरूरत होगी, तो आप किसी भरोसेमंद इंसान से आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकेंगे। 

करियर के मामले में थ्री ऑफ पेंटाकल्स का आना आपसी सहयोग, टीमवर्क और मेहनत के बल पर स्किल्स में वृद्धि को दर्शाता है। यह कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि किसी बड़े कार्य में सफलता हासिल करने के लिए  अलग-अलग सोच के लोग एक साथ मिलकर काम करेंगे। 

स्वास्थ्य की बात करें तो, द हर्मिट आपके आराम करने, अपना ध्यान रखने और मानसिक एवं आध्यात्मिक प्रगति पर ध्यान देने के लिए कह रहा है, ताकि आप थकान से बच सकें और अपनी सेहत पर ध्यान दे सकें। स्वास्थ्य को उत्तम बनाने के लिए आपको अपने विचारों को स्पष्ट करना होगा और सही मार्गदर्शन प्राप्त करना होगा। ऐसे में, आपको ब्रेक लेकर प्रकृति के साथ समय बिताने या फिर तनावपूर्ण स्थिति से बाहर निकलना होगा। 

शुभ अंक: 06

वृश्चिक राशि 

प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ कप्स

आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स

करियर: पेज ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: द वर्ल्ड

वृश्चिक राशि वालों के प्रेम जीवन में सेवेन ऑफ कप्स आपको सच और कल्पना के बीच फर्क को समझने के लिए कह रहा है। यह प्रेम जीवन में आपके पास मौजूद प्रेम प्रस्ताव, कल्पना और विचारों की स्पष्टता की आवश्यकता की तरफ इशारा करता है। इस राशि के जो जातक सिंगल हैं, उनके पास अनेक प्रेम प्रस्ताव हो सकते हैं, लेकिन उन्हें स्वीकार करने के लिए आपको अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना होगा। वहीं, जो जातक पहले से रिश्ते में हैं, उनके लिए यह अवधि रिश्ते से मोहभंग कर सकती है या आपको वैसा जीवनसाथी मिल सकता है, जैसा आपने सोचा होगा या फिर रिश्तों में बढ़ती मांगों की वजह से आप परेशान नज़र आ सकते हैं। 

आर्थिक जीवन में पेज ऑफ वैंड्स आया है और यह करियर में मिलने वाले बेहतरीन अवसरों, सोच-समझकर फैसले लेने और विचारों की स्पष्टता का प्रतीक माना जाता है। यह ऐसी अवधि की तरफ संकेत करता है जब आप नई-नई चीज़ें सीखेंगे और इनके माध्यम से अपने जीवन को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाएंगे। इस दौरान आप जोश से भरे रहेंगे और पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे। साथ ही, तार्किक होकर फैसले लेंगे और आर्थिक स्थिरता पाने की दिशा में बढ़ेंगे। 

करियर के क्षेत्र में पेज ऑफ वैंड्स प्राप्त हुआ है जो नौकरी के नए अवसरों, नए आईडिया और प्रोजेक्ट मिलने की तरफ संकेत कर रहा है। यह अवसर आपको कुछ नया करने के जुनून से भर सकते हैं। इस अवधि में आप नई-नई चीज़ें सीखने के साथ-साथ नए क्षेत्रों के बारे में जान सकेंगे। ऐसे में, इस सप्ताह आप कार्यक्षेत्र में नए रास्ते खोजने, ज्यादा से ज्यादा जानने के लिए सवाल पूछने और आत्मविश्वास के साथ अपने कार्यों को पूरा करने के लिए आपको प्रेरित करेंगे। 

स्वास्थ्य की बात करें तो, आपको द वर्ल्ड मिला है और यह एक संतुलित तन- मन और आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही, यह कार्ड रोगों से उबरने, उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेने और अच्छी सेहत की तरफ भी इशारा करता है। इस अवधि में आपको अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी होगी और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अच्छी आदतों को अपनाना होगा। यह कार्ड बता रहा है कि आपका बुरा समय बीत गया है और आप स्वस्थ होने के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। साथ ही, आपके जोश में भी बढ़ोतरी होगी। 

शुभ अंक: 09 

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धनु राशि

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स

करियर: द स्टार

स्वास्थ्य: डेथ

बात करें धनु राशि वालों के प्रेम जीवन की, तो आपको डेथ कार्ड प्राप्त हुआ है जो कहता है कि इस सप्ताह आपको ब्रेकअप, रिश्ता टूटना या फिर भावनात्मक रूप से किसी चोट के दर्द से गुजरना पड़ सकता है। इस दौरान आपका दिल टूट सकता है या फिर आपको धोखा मिल सकता है या फिर कोई कड़वा सच आपके सामने आ सकता है। ऐसे में, आपकी और जीवनसाथी की राह अलग हो सकती है। साथ ही, पूर्व प्रेमी/प्रेमिका के साथ दोबारा नए रिश्ते को शुरुआत कर सकते हैं या फिर आपके रिश्ते में कोई तीसरा व्यक्ति दस्तक दे सकता है। 

आर्थिक जीवन को देखें तो, आपको किंग ऑफ स्वॉर्ड्स मिला है और यह कार्ड कहता है कि आपको आर्थिक जीवन में सफलता पाने के लिए धन का प्रबंधन और आर्थिक योजनाएं सोच-विचारकर बनानी होगी। साथ ही, आपको कोई भी फैसला लेने या कार्य करने के लिए काफ़ी रिसर्च करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान इन जातकों को अपने खर्चों को बुद्धिमानी से मैनेज करना होगा, तब ही आप आर्थिक स्थिरता प्राप्त कर सकेंगे।  

करियर के क्षेत्र में द स्टार आपको मिलने वाली सफलता, विचारों की स्पष्टता, आशा और अनुकूल परिस्थितियों की तरफ संकेत करता है। यह कार्ड आपको रचनात्मक काम करने के लिए प्रेरित करेगा और साथ ही, आप अपने लक्ष्यों को पाने की दिशा में दृढ़ता के साथ आगे बढ़ेंगे। यह सप्ताह आपके लिए आशा, नौकरी के नए अवसर, करियर में तरक्की के मौके या फिर नए रोल लेकर आ सकता है। ऐसे में, आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि ईश्वर और परिस्थितियां दोनों आपके पक्ष में हैं।

स्वास्थ्य के मामले में आपको द डेथ कार्ड प्राप्त हुआ है और यह आपके जीवन में आने वाले किसी बड़े बदलाव, किसी चक्र की समाप्ति और नए की शुरुआत को दर्शाता है। अगर आपको अपनी सेहत को अच्छा रखना है, तो आपको नकारात्मक विचारों से बाहर आना होगा। जीवन के अंत से भयभीत होने की बजाय अपनी सेहत को उत्तम बनाए रखने के लिए ज़िन्दगी में होने वाले बदलाव को स्वीकार करना होगा। साथ ही, आध्यात्मिक और व्यक्तिगत प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ना होगा। 

शुभ अंक: 12

मकर राशि

प्रेम जीवन: द हाई प्रीस्टेस

आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्स

करियर: टेन ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: एट ऑफ पेंटाकल्स

जब बात आती है मकर राशि वालों के प्रेम जीवन की तो, आपको द हाई प्रीस्टेस का मिला है जो  इन्ट्यूशन और दबी हुई भावनाओं को दर्शाता है। यह कार्ड कहता है कि इन जातकों को अपने मन की आवाज़ सुननी चाहिए और जितना हो सकें दिखावे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। साथ ही, अपने विचारों को स्पष्ट करते हुए पूरी सच्चाई के साथ सामने वाले के आगे अपनी बात रखनी होगी। इसके अलावा, एक-दूसरे से प्रेम करने वाले जातकों के बीच अनकही भावना और मज़बूत आपसी समझ होगी। 

आर्थिक जीवन में नाइट ऑफ पेंटाकल्स मिला है और यह भविष्यवाणी कर रहा है कि इन जातकों को धन जमा करने और स्थिर आर्थिक जीवन पाने के लिए कोई शार्टकट लेने से बचना होगा। सरल शब्दों में कहें तो, इन जातकों को धन के संबंध में कोई भी जोखिम उठाने और तुरंत धन कमाने जैसे भ्रामक योजनाओं से सावधान रहना होगा, बल्कि मेहनत करते हुए सही तरीके से आगे बढ़ना होगा। अगर आप भविष्य में दीर्घकालिक स्थिरता पाना चाहते हैं, तो आपको मज़बूत नींव को तैयार करने की सलाह दी जाती है।

बात करें करियर की, तो टेन ऑफ कप्स का आना पेशेवर जीवन में प्रगति, संतुष्टि और शांतिपूर्ण अवधि को दर्शाता है। एक ऐसा समय होगा जब आपके द्वारा किए जा रहे प्रयसों को सराहा जाएगा। इसके फलस्वरूप, आपकी कार्यस्थल में स्थिति मज़बूत होगी और तरक्की का मार्ग भी प्रशस्त होगा। साथ ही, सहकर्मियों के साथ आपका तालमेल अच्छा बना रहेगा और आप मिलकर किसी प्रोजेक्ट में सफलता हासिल करेंगे।

स्वास्थ्य के लिए एट ऑफ पेंटाकल्स को शुभ माना जाएगा और यह कार्ड आपको नियमित रूप से व्यायाम करने, संतुलित आहार लेने और खुद की देखभाल करते हुए स्वयं को प्राथमिकता देने के लिए कह रहा है। साथ ही, आपको जीवन और पेशेवर जीवन में संतुलन बनाकर चलना होगा ताकि आप थकन और स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें। 

शुभ अंक: 17 

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कुंभ राशि

प्रेम जीवन:  व्हील ऑफ फार्च्यून

आर्थिक जीवन: सेवेन ऑफ वैंड्स

करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स

बात करें कुंभ राशि वालों के प्रेम जीवन की, तो व्हील ऑफ फार्च्यून प्रेम और रिलेशनशिप में परिवर्तन, भाग्य और अचानक से आने वाले उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। लेकिन, जैसे कि हम जानते हैं कि अच्छे और बुरे दिन जीवन का हिस्सा होते हैं और यह एक अंतहीन चक्र है जो हमेशा चलता रहता है। ऐसे में, आपके जीवन में महत्वपूर्ण घटनाएं हो सकती है या आपकी ज़िन्दगी ऐसा मोड़ ले सकती है जो आपकी सोच से परे होंगे।

आर्थिक जीवन में सेवेन ऑफ वैंड्स कहता है कि इन जातकों को अपनी आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने के लिए सावधानीपूर्वक आगे बढ़ना होगा। साथ ही, आपको आर्थिक जीवन में दीर्घकालिक स्थिरता पाने के लिए सोच-समझकर निवेश करना होगा, ताकि आपको भविष्य में पर्याप्त मात्रा में धन प्राप्त हो सकें। बता दें कि आपके आसपास मौजूद लोग आपकी तरक्की से ईर्ष्या कर सकते हैं, लेकिन इसका आपके आर्थिक जीवन पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। 

करियर में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स ऐसी अवधि की तरफ संकेत कर रहा है जो आपको प्रगति के मार्ग पर लेकर जाएगी और आप कार्यों को पूरा करने के लिए तुरंत कदम उठाएंगे। साथ ही, इस दौरान आप महत्वाकांक्षी रहेंगे। आपको जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना दृढ़ता और बुद्धिमानी के साथ करेंगे। ऐसे में, आपको प्रयासों के बल पर नए अवसर, तेज़ रफ़्तार से प्रगति और सफलता मिलने की संभावना प्रबल होगी। हालांकि, आपको अपने लक्ष्य पाने की राह में जल्दबाज़ी, लापरवाही और शॉर्टकट से बचना होगा। 

जब बात आती है स्वास्थ्य की, तो सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स स्वास्थ्य के लिए अच्छा कहा जाएगा क्योंकि यह कार्ड पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं से बाहर निकलने और उत्तम स्वास्थ्य की राह में आगे बढ़ने को दर्शा रहा है। सरल शब्दों में कहें तो, इस अवधि में आपको रोगों से राहत मिलेगी और बीमारियों का इलाज करवाएंगे। साथ ही, आप सेहत को प्राथमिकता देना शुरू करेंगे। 

शुभ अंक: 08 

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मीन राशि

प्रेम जीवन: किंग ऑफ पेंटाकल्स  

आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ वैंड्स

करियर: द सन

स्वास्थ्य: टू ऑफ कप्स

मीन राशि के जातकों को प्रेम जीवन में किंग ऑफ पेंटाकल्स मिला है। यह एक रिश्ते की तरफ संकेत करता है जो दीर्घकालिक उद्देश्यों, आपसी सामंजस्य और विश्वास पर आधारित होगा। आपका रिश्ता प्रेम से भरा होगा और जहां आप दोनों एक-दूसरे की देखभाल करते होंगे। आप अपने प्रेम को तोहफों के माध्यम से दिखा सकते हैं। यह कार्ड कहता है कि आपका रिश्ते में कामुकता अधिक हो सकती है और संभव है कि इस वजह से आपका साथी आपसे भावनात्मक रूप से जुड़ा न हो। 

जब बात आती है अर्थिक जीवन की, तो सिक्स ऑफ वैंड्स का आना उपलब्धियां हासिल करने, परिस्थितियों या बदलावों को स्वीकार करने और कड़ी मेहनत के लिए मिलने वाले पुरस्कार का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, यह आपको प्रमोशन, वेतन में वृद्धि, आय के अवसरों और निवेश से मिलने वाले लाभ के रूप में प्राप्त हो सकता है। यह आर्थिक समृद्धि और स्थिरता आपकी मेहनत का परिणाम होगा, जिसका आप आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। 

बात करें आपके करियर की, तो द सन का आना आपके करियर के लिए शुभ माना जाएगा क्योंकि यह समय आपके लिए पदोन्नति, प्रगति और नौकरी के नए अवसर लेकर आ सकता है। साथ ही, इस दौरान आपको अपने काम के लिए अच्छी सफलता मिल सकती है और ऐसे में, आप अपनी एक अलग पहचान बनाने में सक्षम होंगे। यह कार्ड कह रहा है कि आप जो हैं और जैसे हैं, अपने आपको वैसे ही स्वीकार करें। मन लगाकर अपना कार्य करें। द सन करियर में सकारात्मकता, आत्मविश्वास और उपलब्धियां हासिल करने को भी दर्शाता है। 

स्वास्थ्य के मामले में टू ऑफ कप्स का आना शुभ कहा जाएगा क्योंकि यह रोगों का इलाज करवाने और स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाने के साथ-साथ डॉक्टर से अच्छे रिश्ते होने को दर्शाता है जिनकी सहायता से आप जीवन में संतुलन बनाकर अच्छी सेहत प्राप्त करने में सक्षम होंगे। 

शुभ अंक: 30

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

टैरो कार्ड में विवाह का कार्ड कौन सा होता है?

टैरो कार्ड में फोर ऑफ वैंड्स शादी-विवाह का प्रतिनिधित्व करता है। 

टैरो कार्ड में कौन सा कार्ड गहन भावनाओं से संबंधित है?

टैरो कार्ड्स में द हाई प्रीस्टेस कार्ड भावनाओं से जुड़ा है।

टैरो में मेजर अर्काना के कितने कार्ड होते हैं? 

 टैरो कार्ड में कुल 22 मेजर अर्काना कार्ड्स होते हैं।

अहोई अष्टमी 2025: सिर्फ एक उपाय से संतान को मिलेगी दीर्घायु, तुरंत कर लें!

अहोई अष्टमी 2025: सिर्फ एक उपाय से संतान को मिलेगी दीर्घायु, तुरंत कर लें!

अहोई अष्टमी 2025: मां बाप के लिए उनकी संतान ही सबसे बड़ी पूंजी और जीवन का सच्चा आधार होती है। हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे स्वस्थ, दीर्घायु और सफल हों। इन्हीं शुभ कामनाओं को पूर्ण करने के लिए हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।

इस व्रत का विशेष महत्व संतान के सुख, समृद्धि और उज्जवल भविष्य से जुड़ा हुआ है। अहोई अष्टमी पर माताएं पूरे नियम और श्रद्धा से उपवास रखती हैं और संतान की लंबी उम्र तथा जीवन की हर कठिनाई से रक्षा के लिए अहोई माता का आशीर्वाद मांगती हैं।

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धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से व्रत रखने और कुछ विशेष उपाय करने से बच्चों पर आने वाले संकट दूर हो जाते हैं और उनके जीवन में खुशहाली, तरक्की और सफलता का मार्ग खुलता है। इसलिए अहोई अष्टमी को मातृत्व और संतान के बीच के अटूट बंधन का पावन पर्व भी कहा जाता है।

आइए इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं और जानते है कि इस साल अहोई अष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा, मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, व्रत नियम आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

अहोई अष्टमी 2025: तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, अहोई अष्टमी का पर्व कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है। इस बार यह तिथि 13 अक्टूबर 2025 को पड़ रही है। ऐसे में अहोई अष्टमी व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा।

अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 13, 2025 की दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से 

अष्टमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 14, 2025 की सुबह 11 बजकर 11 मिनट तक

अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त – शाम 05 बजकर 53 मिनट से शाम 07 बजकर 08 मिनट तक

तारों को देखने के लिये सांझ का समय – शाम 06 बजकर 17 मिनट

अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय समय – रात 11 बजकर 18 मिनट 

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अहोई अष्टमी 2025 पर व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का व्रत बहुत ही ख़ास महत्व है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य के लिए रखा जाता है। इस दिन माताएं निर्जला उपवास रखकर अहोई माता की पूजा करती हैं और अपने बच्चों की सुख-समृद्धि तथा जीवन की हर कठिनाई से रक्षा की कामना करती हैं।

धार्मिक मान्यता है कि अहोई माता का व्रत करने से संतान पर आने वाले संकट दूर हो जाते हैं और उनके जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इसे संतान सुख और मातृत्व से जुड़ा पर्व भी माना जाता है, क्योंकि यह व्रत माता के प्रेम, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।

आध्यात्मिक दृष्टि से यह व्रत न केवल संतान की उन्नति का मार्ग खोलता है बल्कि घर-परिवार में शांति और समृद्धि भी लाता है। अहोई अष्टमी व्रत को आस्था और श्रद्धा से करने पर संतान जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करती है और उनका भविष्य उज्जवल होता है।

अहोई अष्टमी 2025: पूजा विधि

अहोई अष्टमी व्रत की पूजा विधि बेहद सरल और शुभ मानी गई है। इसे विधि-विधान से करने पर माता अहोई की कृपा से संतान को दीर्घायु, स्वास्थ्य और सफलता की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि के बारे में:

  • अहोई अष्टमी के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
  • दीवार पर अहोई माता का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके साथ सप्त ऋषियों की आकृति भी बनाई जाती है।
  • दीवार या कागज पर मिट्टी, गेरू या रंग से अष्टकोण बनाकर उसमें अहोई माता, सेई और सेई के बच्चों का चित्र बनाएं। 
  • पूजा के लिए जल से भरा कलश, रोली, चावल, दीपक, अगरबत्ती, फूल, दूध, मिठाई, और गेहूं के दाने रखें।
  • अहोई माता के सामने दीपक जलाएं और उन्हें फूल अर्पित करें।
  • अहोई माता की व्रत कथा पढ़ें या सुनें। संध्या समय तारों को जल अर्पित करें और अहोई माता से संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
  • तारा उदय के बाद व्रती जल और भोजन ग्रहण करते हैं।

अहोई अष्टमी 2025 व्रत का नियम

  • अहोई अष्टमी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है।
  • व्रत रखने वाली माताएं निर्जला उपवास रखती हैं। कुछ स्थानों पर माताएं हल्का भोजन (फल, दूध आदि) कर सकती हैं।
  • प्रातःकाल स्नान और साफ-सफाई के बाद पूजा की जाती है। व्रत कथा सुनना और अहोई माता की प्रतिमा या चित्र की स्थापना करना जरूरी है।
  • संध्या के समय तारा उदय के बाद अहोई माता को जल अर्पित करें और संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
  • व्रत पूरी श्रद्धा, भक्ति और संयम के साथ रखना चाहिए। तारा उदय के बाद व्रती जल ग्रहण करके व्रत तोड़ते हैं।

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अहोई अष्टमी 2025: पौराणिक कथा

अहोई अष्टमी व्रत की कथा संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि से जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार, एक बार एक विधवा मां अपनी पाठ संतानाओं की रक्षा और उनके अच्छे भविष्य की कामना करती थी। उसका एक बच्चा बहुत बीमार था और उसे दीर्घायु मिलने की कोई संभावना नहीं दिखाई देती थी।

एक दिन माता को अहोई माता की कृपा का दर्शन हुआ। अहोई माता ने उसने कहा कि यदि वह अहोई अष्टमी का व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति से रखें और सात नारियल या सात मिट्टी के चित्रों के माध्यम से अपने बच्चों की रक्षा के लिए पूजा करें, तो उनके संतान की लंबी उम्र और कल्याण सुनिश्चित होगा।

मां ने माता की आज्ञा अनुसार व्रत रखा और अहोई माता की पूजा की। परिणामस्वरूप, उनकी संतान स्वस्थ, दीर्घायु और सुखी जीवन जीने लगे। इस कथा के आधार पर यह व्रत आज भी माताएं संतान के स्वास्थ्य, लंबी उम्र और सफलता के लिए श्रद्धा भाव से करती हैं। 

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किए गए छोटे से उपाय और पूजा भी संतान के जीवन में संकटों को दूर करते हैं और उन्हें माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

अहोई अष्टमी 2025 के दिन करें अचूक टोटके

आठ मिट्टी या नारियल के चित्र बनाकर पूजा

अहोई माता और अपने बच्चों के आठ चित्र बनाकर पूजा करना सबसे मुख्य टोटका माना जाता है। माता की भक्ति और श्रद्धा के साथ इन चित्रों पर दूध, फूल और चावल अर्पित करें। इससे संतान पर आने वाले संकट दूर होते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

अष्टकोण बनाकर गेहूं और जल अर्पित करना

 मिट्टी या कागज पर अष्टकोण बनाएं और इसके अंदर गेहूं, दूध और जल अर्पित करें। यह उपाय संतान के स्वास्थ्य और दीर्घायु को बढ़ाने में बेहद प्रभावशाली माना जाता है।

अहोई अष्‍टमी 2025 पर सात नारियल का दान

यदि संभव हो तो सात नारियल किसी गरीब, अनाथ या मंदिर में दान करें। यह उपाय माता अहोई की कृपा को प्राप्त करने का सरल और प्रभावशाली तरीका है।

अहोई अष्‍टमी 2025 पर तारा देखकर जल अर्पण

व्रत के अंत में सूर्यास्त के बाद तारे को देखकर अहोई माता को जल अर्पित करें। यह टोटका संतान के लिए विशेष रूप से शुभ होता है और माता की कृपा बढ़ाता है।

संयम, शुद्ध विचार और भक्ति भाव 

व्रत के दौरान क्रोध, झगड़ा और नकारात्मक विचार से दूर रहें। संयम, सच्चाई और भक्ति के साथ पूजा करने माता अहोई का आशीर्वाद संतान पर स्थायी रूप से बना रहता है और वे जीवन में सुख, स्वास्थ्य और सफलता प्राप्त करते हैं।

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अहोई अष्टमी 2025 : राशि अनुसार उपाय

मेष राशि

मेष राशि के माता-पिता अहोई माता को लाल फूल अर्पित करें और गेहूं के दाने जल में डालकर तारा को अर्पित करें। संतान के स्वास्थ्य और आत्मविश्वास के लिए यह शुभ होता है।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के लिए अहोई माता को दूध, गुड़ और गुड़ की मिठाई अर्पित करें। संतान की बुद्धि और अध्ययन में सफलता के लिए यह उपाय लाभकारी है।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के माता-पिता व्रत के दिन हरा कपड़ा ओढ़कर पूजा करें और सात नारियल का दान करें। संतान पर माता का आशीर्वाद मजबूत होता है और उनका भविष्य उज्जवल बनता है।

कर्क राशि

कर्क राशि के लिए अहोई माता को पीले फूल, फल और दीपक अर्पित करें। संतान के जीवन में स्वास्थ्य और मानसिक स्थिरता बनी रहती है।

सिंह राशि

सिंह राशि के माता-पिता व्रत के दिन तुलसी के पत्ते और हल्दी का उपयोग करें। संतान के जीवन में ऊर्जा, साहस और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है।

कन्या राशि

कन्या राशि के लिए अहोई माता को सफेद फूल, दूध और गेहूं अर्पित करें। संतान के करियर और पढ़ाई में सफलता के लिए यह उपाय खास है।

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तुला राशि

तुला राशि के माता-पिता व्रत के दिन लाल और नारंगी फूल अर्पित करें। संतान के जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा आती है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए अहोई माता को जल चावल अर्पित करें। संतान की दीर्घायु और सुरक्षा के लिए यह उपाय लाभकारी है।

धनु राशि

धनु राशि के माता-पिता अहोई माता को हरे फूल और गुड़ अर्पित करें। संतान के स्वास्थ्य और सफलता के लिए यह उपाय शुभ माना जाता है।

मकर राशि

मकर राशि  के लिए साल नारियल या साल मिट्टी के बर्तन का दान करें। संतान के जीवन में सुख, समृद्धि और सम्मान बढ़ता है।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के माता-पिता व्रत के दिन नीले और सफेद फूल अर्पित करें। संतान के जीवन में मानसिक शक्ति और स्थिरता बढ़ती है।

मीन राशि

मीन राशि के लिए अहोई माता को गुलाब के फूल और दूध अर्पित करें। संतान के जीवन में सफलता, स्वास्थ्य और आशीर्वाद मिलता है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

अहोई अष्टमी कब मनाई जाती है?

अहोई अष्टमी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य के लिए रखा जाता है।

क्या व्रत में भोजन करना मना है?

अहोई अष्टमी का व्रत आमतौर पर निर्जल रखा जाता है। कुछ स्थितियों में हल्का भोजन जैसे फल, दूध या हल्दी वाला पानी ग्रहण किया जा सकता है।

व्रत किस प्रकार से किया जाता है?

प्रातःकाल स्नान कर साफ कपड़े पहनें, अहोई माता का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। पूजा सामग्री में फूल, दीपक, जल, चावल, गेहूं, दूध और मिठाई रखें। पूजा के बाद कथा सुनें और शाम को तारों को देखकर जल अर्पित करें।

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 12 अक्‍टूबर से 18 अक्‍टूबर, 2025

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 12 अक्‍टूबर से 18 अक्‍टूबर, 2025

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (12 अक्‍टूबर से 18 अक्‍टूबर, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

 बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक सरलता से स्‍पष्‍ट निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। इनके अंदर साहसी प्रशासनिक क्षमता अधिक हो सकती है।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आपके और आपके जीवनसाथी के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आप दोनों के बीच बातचीत भी अच्‍छे से होगी जिससे आप प्रसन्‍न महसूस करेंगे। आप अपने पार्टनर के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं और यह यात्रा आपके लिए यादगार साबित होगी।

शिक्षा: इस समय आप शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सकारात्‍मक कदम उठाएंगे और पेशेवर तरीके से पढ़ाई करेंगे। प्रतियोगी परीक्षा भी इस सप्‍ताह आपके लिए फलदायी साबित होगी और आप उच्‍च अंक प्राप्‍त करने में सफल होंगे।

पेशेवर जीवन: आप अपने कार्यक्षेत्र में उत्‍कृष्‍टता प्राप्‍त करेंगे और अगर आप सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी करते हैं, तो यह सप्‍ताह आपके लिए शानदार रहने वाला है। व्‍यापारियों को आउटसोर्स डील से अच्‍छा मुनाफा होने के योग हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह आप जोश और उत्‍साह से भरपूर रहेंगे जिससे आपका स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहने वाला है। नियमित व्‍यायाम करने से आप अधिक फिट महसूस करेंगे और स्‍वस्‍थ जीवन का आनंद लेंगे।

उपाय: रविवार के दिन सूर्य देव के लिए यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 2 वाले जातकों की लंबी दूरी की यात्रा करने में अधिक रुचि हो सकती है और इन्‍हें अपने करियर के सिलसिले में इस तरह की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। इन लोगों के मन में अस्थिर विचार अधिक आ सकते हैं जो कि इन्‍हें आगे बढ़ने से रोक सकते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह को रोमांटिक बनाने के लिए आपको अपनी ओर से सामंजस्‍य बिठाने की जरूरत है। आप अपने पार्टनर के साथ तीर्थयात्रा पर जा सकते हैं और इससे आपको राहत मिलेगी।

शिक्षा: इस समय विद्या‍र्थियों का ध्‍यान भटक सकता है इसलिए उन्‍हें पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान देने की जरूरत है। आप पूरी मेहनत और पेशेवर तरीके से पढ़ाई करें।

पेशेवर जीवन: आपसे इस सप्‍ताह काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं और यह करियर में आपकी प्रगति में बाधा का काम कर सकता है। इस समय व्‍यापारियों को प्रतिद्वंदियों से दबाव मिलने के कारण नुकसान होने की आशंका है।

सेहत: आपको इस समय अपनी शारीरिक फिटनेस पर अधिक ध्‍यान देने की जरूरत है क्‍योंकि आपको खांसी, नींद की कमी और घुटन महसूस होने जैसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं।

उपाय: आप नियमित रूप से 20 बार ‘ॐ चंद्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक खुले विचारों वाले और कार्य में कुशल होते हैं। इनकी अध्‍यात्‍म में अधिक रुचि हो सकती है और वे इसे बढ़ाने पर काम कर सकते हैं और यह इनके व्‍यक्‍तित्‍व में भी झलक सकता है।

प्रेम जीवन: आप अपने प्रेमी से रोमांटिक बातें कर सकते हैं और एक-दूसरे से अपने विचारों को इस तरह से व्‍यक्‍त करेंगे जिससे आप दोनों के बीच आपसी समझ विकसित होगी। आप अपने परिवार में होने वाले किसी कार्यक्रम को लेकर अपने जीवनसाथी से विचार-विमर्श कर सकते हैं।

शिक्षा: पढ़ाई को लेकर यह सप्‍ताह अच्‍छा रहने वाला है। आप पेशेवर तरीके से पढ़ाई करने के साथ-साथ गुणवत्ता भी दिखाएंगे। मैनेजमेंट और कॉमर्स जैसे क्षेत्र आपके लिए फलदायी साबित होंगे।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह नौकरी के नए अवसर मिलने से आप प्रसन्‍न महसूस करेंगे। यदि आप व्‍यवसाय करते हैं, तो इस समय आप नया व्‍यापार शुरू कर सकते हैं जिससे आपको उच्‍च मुनाफा होने के संकेत हैं। आप अपने प्रतिद्वंदियों से आगे रहेंगे और उन्‍हें कड़ी टक्‍कर देंगे।

सेहत: इस समय आपकी शारीरिक फिटनेस अच्‍छी रहने वाली है। इससे आप जोश और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे। आपके अंदर सकारात्‍मक ऊर्जा रहेगी जिससे आपका स्‍वास्‍थ्‍य भी दुरुस्‍त रहेगा।

उपाय: आप नियमित रूप से 21 बार ‘ॐ बृ‍स्‍पताये नम:’ का जाप करें।

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक अपनी जीवनशैली में विविधता लाने के लिए अधिक उत्‍सुक हो सकते हैं और उसी के अनुसार कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा ये जातक विलासिता पूर्ण जीवनशैली अपना सकते हैं।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आप अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने जा सकते हैं जिससे आप अपने रिश्‍ते में अपने जीवनसाथी के साथ अधिक खुश महसूस करेंगे। आपका आकर्षण बढ़ सकता है।

शिक्षा: आप पढ़ाई में आगे बढ़ने में समर्थ होंगे। आप इस समय शिक्षा के क्षेत्र में जिन चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना कर रहे हैं, उनसे निपटने में सक्षम होंगे।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। आप अपने सहकर्मियों से आगे निकल सकते हैं। यदि आप व्‍यापार करते हैं, तो आपको बिज़नेस के नए ऑर्डर मिलने के संकेत हैं और आप नया व्‍यापार भी शुरू कर सकते हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह आपका स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा रहने वाला है। आपकी इम्‍युनिटी और इच्‍छाशक्‍ति मज़बूत रहने वाली है। इससे आप फिट रहने में सक्षम होंगे।

उपाय: आप शनिवार के दिन राहु ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक हमेशा अधिक तर्क-वितर्क करते हुए नज़र सकते हैं और खुद को बेहतर बनाने के नए तरीके ढूंढते रहते हैं। इन्‍हें अक्‍सर व्‍यापार को लेकर यात्रा करते रहना पड़ता है।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह अपने जीवनसाथी के प्रति आपके आकर्षण में कमी आने के संकेत हैं और इस वजह से आपके रिश्‍ते से खुशियां गायब हो सकती हैं। आपको खुद को बेहतर बनाने के लिए सामंजस्‍य बिठाने और सुधार करते रहने की जरूरत है।

शिक्षा: अगर आप पढ़ाई करते हैं या फाइनेंशियल अकाउंटिंग, बिज़नेस स्‍टैस्टिक जैसे विषयों में प्रोफेशनल कोर्स कर रहे हैं, तो इस सप्‍ताह आप ज्‍यादा अच्‍छा प्रदर्शन करने में असमर्थ हो सकते हैं। छात्रों की एकाग्रता में कमी आने की आशंका है।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह नौकरीपेशा जातक बेहतर प्रदर्शन करने में असमर्थ रह सकते हैं। यदि आप प्रमोशन और अन्‍य किसी लाभ की उम्‍मीद कर रहे हैं, तो आपको यह आसानी से नहीं मिल पाएगा। व्‍यापारी अपने प्रतिद्वंदियों से पीछे रह सकते हैं और ऐसा आपकी पुरानी रणनीतियों पर चलने के कारण हो सकता है। आपके हाथ से मुनाफा भी छूट सकता है। इस समय आपको अपनी व्‍यापारिक रणनीतियों को बदलने की जरूरत है।

सेहत: इस सप्‍ताह आपको नसों से संंबंधित समस्‍याएं होने का खतरा है जो कि इम्‍युनिटी में कमी के कारण हो सकती हैं। इस समय शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर रहेगी।

उपाय: आप नियमित रूप से 41 बार ‘ॐ बुधाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 6 वाले जातक उत्‍साह से भरे होते हैं। ये मनोरंजन को अधिक महत्‍व देते हैं। इसके अलावा ये जातक ज्‍यादा रचनात्‍मक होते हैं।

प्रेम जीवन: इस समय आप अपने पार्टनर के साथ रिश्‍ते में नाखुश हो सकते हैं। ऐसा आपके और आपके जीवनसाथी के बीच आपसी समझ की कमी के कारण हो सकता है। आपको अपने पार्टनर के प्रति अधिक स्‍नेहपूर्ण होने की जरूरत है।

शिक्षा: इस सप्‍ताह छात्र पढ़ाई में अधिक अंक प्राप्‍त करने में पीछे रह सकते हैं। आपको इस समय पढ़ाई को लेकर महत्‍वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को अपने काम की योजना बनाकर चलने की जरूरत है वरना आपके लिए सफलता पाना मुश्किल हो सकता है। व्‍यापारियों को योजना की कमी और लापरवाही की वजह से नुकसान होने के संकेत हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं। डायबिटीज़ की वजह से आपकी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं बढ़ सकती हैं।

उपाय: आप नियमित रूप से 33 बार ‘ॐ शुक्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 7

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

इस सप्‍ताह मूलांक 7 वाले जातक जीवन के प्रति अधिक दार्शनिक हो सकते हैं। इसके अलावा ये जातक नेक उद्देश्‍यों से लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं।

प्रेम जीवन: इस समय आप अपने जीवनसाथी से अलगाव महसूस कर सकते हैं जिसके कारण आपके रिश्‍ते से खुशियां कम हो सकती हैं। आपको इन सभी चीज़ों से बचने की जरूरत है।

शिक्षा: छात्रों को योजना बनाकर पढ़ाई करने की जरूरत है वरना वे परेशानी में फंस सकते हैं। आपको अधिक एकाग्रता के साथ पढ़ाई करने की आवश्‍यकता है।

पेशेवर जीवन: इस समय नौकरीपेशा जातक अपने काम में अधिक व्‍यस्‍त रह सकते हैं। आपको अधिक पेशेवर होकर काम करने की जरूरत है। यदि आप व्‍यापार करते हैं, तो हो सकता है कि आपकी मौजूदा व्‍यावसायिक रणनीति मौजूदा ट्रेंड से मेल न खाए।

सेहत: इस सप्‍ताह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और फिटनेस में कमी आ सकती है। इम्‍युनिटी के कमज़ोर होने के कारण आप फिट रहने में पीछे रह सकते हैं।

उपाय: आप नियमित रूप से 41 बार ‘ॐ केतवे नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 8

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक अधिक यात्राएं करते हैं और आगे भी इसे जारी रख सकते हैं। ये जातक हमेशा पुरानी बातों और चीज़ों से चिपके रहते हैं।

प्रेम जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच सामंजस्‍य की कमी के कारण आप अपने रिश्‍ते में नाखुश रह सकते हैं। आप दोनों के बीच आपसी समझ की कमी के कारण भी ऐसा हो सकता है।

शिक्षा: आप पढ़ाई में अच्‍छा प्रदर्शन करने के लिए जो प्रगतिशील प्रयास कर रहे हैं, मुमकिन है कि आप उससे उच्‍च अंक पाने में असमर्थ रहें। आपको अधिक एकाग्रता से पढ़ाई करने की जरूरत है।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों से उनके वरिष्‍ठ अधिकारी कई सवाल पूछ सकते हैं और इस वजह से आप पूरी कुशलता से काम करने में असमर्थ रह सकते हैं। यदि आप व्‍यापार करते हैं, तो संभव है कि आप मुनाफे को लेकर अपनी उम्‍मीदों को पूरा न कर पाएं। इसके बजाय आपको बड़ा नुकसान होने की आशंका है।

सेहत: इस सप्‍ताह आपको पैरों और जांघों में गंभीर दर्द हो सकता है। ऐसा रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने की वजह से हो सकता है।

उपाय: आप नियमित रूप से 11 बार ‘ॐ हनुमते नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 9

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक प्रगति करने के लिए अधिक उत्‍सुक हो सकते हैं और इसके लिए प्रयास करते रहते हैं। ये संपत्ति खरीदने और अपनी संपत्ति को बढ़ाने में निवेश करने में अधिक रुचि रख सकते हैं।

प्रेम जीवन: आप अपने रिश्‍ते में अधिक खुश रहेंगे और आपके और आपके पार्टनर का रिश्‍ता मजबूत होगा। इसकी वजह से आप दोनों के बीच रोमांस बढ़ सकता है।

शिक्षा: इस सप्‍ताह छात्र उच्‍च अंक प्राप्‍त करने में अधिक सक्षम हो सकते हैं। आप पढ़ाई में अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे। प्रोफेशनल स्‍टडीज़ जैसे कि बिज़नेस एडमिनिस्‍ट्रेशन और कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए अनुकूल समय है।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक अपने सहकर्मियों के साथ प्रतिस्‍पर्धा करने में सक्षम होंगे और आप अपने उच्‍च अधिकारियों का विश्‍वास जीत सकते हैं। व्‍यापारी अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्‍कर देने और उच्‍च मुनाफा कमाने में समर्थ होंगे।

सेहत: इस समय आपका स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा रहने वाला है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के मजबूत होने के कारण ऐसा हो सकता है।

उपाय: आप मंगलवार के दिन मंगल ग्र‍ह के लिए यज्ञ-हवन करें।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. हम अपना मूलांक कैसे पता कर सकते हैं?

उत्तर. अपनी जन्‍म की तिथि का जोड़ कर के मूलांक का पता लगाया जा सकता है।

प्रश्‍न 2. मूलांक 2 का दुश्‍मन कौन है?

उत्तर. इस मूलांक वालों के लिए 4 और 7 अंक शत्रु हैं।

प्रश्‍न 3. मूलांक 2 के बच्‍चे कैसे होते हैं?

उत्तर. इनके अंदर रचनात्‍मकता कूट-कूट कर भरी होती है।

आज चांद कब निकलेगा

आज चांद कब निकलेगा

एस्ट्रोसेज एआई के इस खास ब्लॉग के जरिए जानें कि आज करवा चौथ पर आपके शहर में चंद्रोदय किस समय होगा, पूजा के लिए आपके पास कितना वक्त रहेगा और इस शुभ व्रत को करने की सही विधि क्या है।

आज का दिन हर सुहागन स्त्री के लिए बेहद खास है, क्योंकि आज है करवा चौथ का पावन व्रत। सुबह से ही न जाने कितनी माताएं और बहनें अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं।

शाम होते ही सभी की निगाहें आसमान पर टिकी रहती हैं, बस इंतज़ार रहता है चांद के निकलने का, ताकि पूजा पूरी की जा सके और व्रत का समापन हो। तो आइए जानते हैं, आज चांद आपको कब दर्शन देगा, कैसे पूजा करें और कौन का मंत्र जपे आदि।

अपने शहर में आज चाँद निकलने के समय के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

आपके शहर में कितने बजे निकलेगा चांद?

बात करें दिल्ली में आज चंद्रोदय और चंद्रास्त कब होगा तो, 

चन्द्रोदय : 08 बजकर 12 मिनट

चन्द्रास्त : 09 बजकर 45 मिनट

बैंगलोर में आज चंद्रोदय और चन्द्रास्त कब होगा तो, 

चन्द्रोदय : 08 बजकर 48 मिनट

चन्द्रास्त : 09 बजकर 09 मिनट

इंदौर  में आज चंद्रोदय और चंद्रास्त कब होगा तो,

चन्द्रोदय : 08 बजकर 33 मिनट

चन्द्रास्त : 09 बजकर 37 मिनट

जयपुर में आज कब निकलेगा चांद?

चन्द्रोदय : 08 बजकर 22 मिनट

चन्द्रास्त : 09 बजकर 46 मिनट

आगरा में आज कब निकलेगा चांद?

चन्द्रोदय : 08 बजकर 12 मिनट

चन्द्रास्त : 09 बजकर 37 मिनट

मुंबई में आज कब निकलेगा चांद?

चन्द्रोदय : 08 बजकर 55 मिनट

चन्द्रास्त : 09 बजकर 41 मिनट

हैदराबाद में आज कब निकलेगा चांद?

चन्द्रोदय : 08 बजकर 40 मिनट

चन्द्रास्त : 09 बजकर 28 मिनट

लखनऊ में आज कब निकलेगा चांद?

चन्द्रोदय : 08 बजकर 02 मिनट

चन्द्रास्त : 09 बजकर 24 मिनट

अहमदाबाद में आज कब निकलेगा चांद?

चन्द्रोदय : 08 बजकर 47 मिनट

चन्द्रास्त : 09 बजकर 50 मिनट

करवा चौथ पर शाम को पूजा कैसे करें 

  • सबसे पहले मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित करें।
  • वेदी पर 10 से 13 करवे सजाएं। 
  • पूजा की थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिंदूर, मिठाई और अन्य आवश्यक सामग्री व्यवस्थित करें।
  • पूजा चांद निकलने से लगभग एक घंटे पहले करना शुभ माना जाता है। इसलिए अपने शहर के चंद्रोदय समय के अनुसार पूजा शुरू करें।
  • सभी सुहागिन महिलाएं मिलकर करवा चौथ व्रत कथा अवश्य सुनें।
  • चांद निकलने के बाद छलनी से चांद के दर्शन करें,  अर्घ्य अर्पित करें और अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें।
  • इसके बाद थाली में मिठाई, फल, मेवे आदि सजाकर अपनी सास को अर्पित करें और उनका आशीर्वाद लें।

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पहली बार रख रही हैं करवा चौथ का व्रत तो इन बातों का ध्यान रखें

  • सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन सूर्योदय से पहले करें। इसमें फल, मिठाई, सूखे मेवे और हल्का भोजन जरूर लें। इससे दिनभर एनर्जी बनी रहती है।
  • करवा चौथ का व्रत आमतौर पर निर्जला रखा जाता है (बिना पानी और भोजन के), लेकिन अगर स्वास्थ्य कारणों से संभव न हो, तो फलाहार कर सकती हैं।
  • करवा, मिट्टी की वेदी, दीपक, रोली, चंदन, सिन्दूर, छलनी, मिठाई और थाली पहले से व्यवस्थित कर लें।
  • करवा चौथ के दिन काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने अशुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन लाल, गुलाबी, पीले रंग के ही कपड़े पहनें।
  • व्रत के दिन कैंची, सुई, चाकू जैसी नुकीली वस्तुओं का उपयोग करने से बचें। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का इस्तेमाल करने से व्रत का फल कम हो जाता है।

करवा चौथ पर चांद निकलने के समय जाप करने योग्य मंत्र

चंद्र देव बीज मंत्र

ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः ॥

इस मंत्र का 11, 21 या 108 बार जाप करें। यह मंत्र मन की शांति और दांपत्य जीवन में मधुरता लाता है।

चंद्र गायत्री मंत्र

ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृततत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात् ॥

चंद्रमा को अर्घ्य देते समय इसका जाप करने से चिर सौभाग्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए

ॐ सोमाय नमः ॥ 

यह सबसे सरल और शक्तिशाली मंत्र है। चाँद को जल अर्पण करते हुए 11 बार इसका जाप अवश्य करें।

पति की दीर्घायु और दांपत्य सुख के लिए 

ॐ चंद्राय नमः ॥ 

इस मंत्र का जाप करते समय मन ही मन पति के स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करें।

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करवा चौथ 2025: हर राशि की महिलाओं के लिए खास उपाय, मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान

करवा चौथ 2025: हर राशि की महिलाओं के लिए खास उपाय, मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान

करवा चौथ 2025 का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। यह व्रत केवल एक धार्मिक परंपरा ही नहीं बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक भी है।

इस दिन विवाहित महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला उपवास करती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। 

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर राशि की अलग प्रकृति और ग्रहों का प्रभाव होता है। ऐसे में यदि करवा चौथ के दिन महिलाएं अपनी राशि अनुसार कुछ खास उपाय करें, तो न सिर्फ उनका व्रत अधिक फलदायी होता है बल्कि पति के जीवन में आयु, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद भी बढ़ता है। 

इन उपायों को अपनाने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और रिश्तों में मजबूती भी बनी रहती है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और एक नज़र डालते हैं इस ख़ास ब्लॉग की तरफ।

करवा चौथ 2025: तिथि व मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानी कि चौथे दिन करवा चौथ व्रत रखा जाता है। इस वर्ष यह तिथि 10 अक्टूबर, 2025 शुक्रवार को पड़ रही है।

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ : 09 अक्टूबर 2025 की रात 10 बजकर 56 मिनट से

चतुर्थी तिथि समाप्त : 10 अक्टूबर 2025 की रात 07 बजकर 40 मिनट तक

करवा चौथ पूजा मुहूर्त : 10 अक्टूबर 2025 की शाम 05 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 07 मिनट तक

अवधि :1 घंटे 9 मिनट

करवा चौथ चंद्रोदय समय : 08 बजकर 12 मिनट

करवा चौथ के दिन का अभिजीत मुहूर्त, दुष्टमुहूर्त, दिशाशूल, चंद्रबल, यमगण्ड एवं राहुकाल आदि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

अब बात करते हैं कि जो महिलाएं पहली बार करवा चौथ का व्रत करने जा रही हैं, उन्हें किन-किन चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए। 

करवा चौथ 2025 का महत्व

करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में एक माना जाता है। यह व्रत न सिर्फ पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और निष्ठा को और गहरा बनाने का प्रतीक भी है।

हिंदू धर्म में करवा चौथ को सौभाग्य का पर्व कहा गया है। इस दिन विवाहित महिलाएं सुबह से लेकर चांद निकलने तक बिना पानी पिए उपवास रखती हैं। रात को जब चंद्रमा उदित होता है, तब महिलाएं छलनी से अपने पति का मुख देखकर और उन्हें जल पिलाकर अपना व्रत पूर्ण करती हैं।

इस प्रक्रिया को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। करवा चौथ का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है- करवा जिसका अर्थ है मिट्टी का छोटा घड़ा और चौथ यानी चंद्रमा का चौथा दिन। इस दिन करवा का विशेष महत्व होता है, जिसमें जल भरकर पूजा की जाती है और इसे आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, करवा चौथ का दिन चंद्रमा और मंगल ग्रह की पूजा के लिए विशेष होता है। चंद्रमा को सौम्यता और भावनाओं का कारक माना गया है, जबकि मंगल को पति और दीर्घायु और सौभाग्य का प्रतीक। इस दिन इन दोनों ग्रहों की पूजा से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है और दांपत्य संबंध मजबूत बनते हैं।

आध्यात्मिक दृष्टि से भी करवा चौथ का व्रत आत्म संयम, धैर्य और श्रद्धा का प्रतीक है। यह व्रत केवल महिलाओं तक सीमित नहीं, बल्कि कई जगहों पर पुरुष भी अपनी पत्नी के के साथ उपवास करते हैं ताकि उनके रिश्ते में समानता और प्रेम का संदेश स्थापित हो सके।

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करवा चौथ 2025 पर करवा का महत्व

करवा चौथ का व्रत केवल निर्जला उपवास का ही नहीं बल्कि परंपराओं और प्रतीकों का व्रत है। इन प्रतीकों में सबसे खास है करवा, जो मिट्टी, पीतल या स्टील का घड़ा होता है। पूजा में इस्तेमाल होने वाले इस करवे का महत्व बेहद गहरा है। करवे को जल  से भरकर पूजा में रखा जाता है।  इसे सौभाग्य, समृद्धि और वैवाहिक जीवन की स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। जल से भरा करवा जीवन में ऊर्जा, शांति और स्थायित्व का संकेत देता है। महिलाएं करवे में दीपक जलाती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी तथा चंद्रमा की पूजा करती हैं।

करवा का एक और महत्व यह है कि रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है। करवा चौथ की पूजा में महिलाएं एक-दूसरे को करवा देकर श्रृंगार और मिठाई बांटती हैं। इसे “करवा दान” कहा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से आपसी संबंध मजबूत होते हैं और समाज में प्रेम व भाईचारा बढ़ता है। इसके अलावा करवा को संपन्नता और अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है।

जब महिला चंद्रमा को अर्घ्य देती है, तो करवे का जल उपयोग में लाती है। यह प्रक्रिया दर्शाती है कि जीवन में जल की तरह ही पवित्रता, प्रवाह और संतुलन हमेशा बना रहना चाहिए।

करवा चौथ 2025 की पूजा विधि

  • सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई सर्गी (फलों, मिठाई और पकवान) का सेवन करें।
  • स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें कि आप पूरे दिन निर्जला उपवास करेंगे।
  • करवा चौथ की सामग्री तैयार करें जैसे- करवा (मिट्टी या पीतल का छोटा घड़ा) धूप, फूल, चंदन, मिठाई, फल और सूखा मेवा, छलनी और रोली, कुमकुम, अक्षत  भगवान शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमा/चित्र।
  • शाम के समय महिलाएं सोलह श्रृंगार कर लाल या पीले वस्त्र धारण करती है।
  • पूजा स्थल को साफ करके चौकी पर भगवान शिव-पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय की प्रतिमा स्थापित करें। 
  • चौकी पर करवा रखें, उसमें जल भरें और उसके ऊपर रोली, अक्षत व फूल अर्पित करें। 
  • सभी सुहागिन महिलाएं एकत्र होकर करवा चौथ की कथा सुनें और आरती करें।
  • कथा के बाद करवा में दीपक जलाकर भगवान से पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की प्रार्थना करें।
  • चांद निकलने के बाद महिलाएं छलनी में से चंद्रमा को देखें। 
  • पहले चंद्रमा को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें। फिर छलनी से अपने पति का मुख देखें।
  • पति अपनी पत्नी को जल पिलाकर और मिठाई खिलाकर व्रत का समापन कराते हैं।

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करवा चौथ की व्रत कथा

करवा चौथ की कथा हर साल सुहागिनें बड़े श्रद्धा भाव से सुनती और सुनाती हैं। मान्यता है कि इस कथा के बिना व्रत अधूरा रहता है। बहुत समय पहले एक साहूकार की सात बेटियां और एक बेटा था। सभी बेटियों ने करवा चौथ का व्रत रखा। दिन भर बिना भोजन और जल पिए भगवान से अपने पतियों की लंबी उम्र की प्रार्थना की। शाम होते-होते सबसे छोटी बेटी भूख प्यास से बहुत कमजोर हो गई। यह देखकर उसका भाई उसे बहलाने लगा और बोला कि चांदी निकल आया है, अब तुम व्रत तोड़ दो। छोटी बहन ने आसमान की ओर देखा तो उसे चांद दिखाई नहीं दिया।

तब उसके भाई ने पेड़ पर चढ़कर एक दीपक जलाया और छलनी जैसी रोशनी दिखा दी। बहन ने सोचा कि चांदी निकल आया है। उसने जल्दी से अपने पति का मुख देखकर व्रत खोल लिया। लेकिन जैसे ही उसने व्रत खोला, उसके पति की तबीयत अचानक बिगड़ गई और वह गंभीर रूप से बीमार हो गया। यह देखकर छोटी बहन बहुत पछताई और समझ गई कि उसने समय से पहले व्रत तोड़कर गलती की है। वह रातभर रोती रही और भगवान से क्षमा मांगती रही।

अगले वर्ष जब करवा चौथ आया तो उसने पूरे नियम-विधान और सच्चे मन से व्रत किया। उसकी भक्ति और निष्ठा से उसका पति फिर से स्वस्थ हो गया और उसे लंबी आयु प्राप्त हुई। इस कथा से यही शिक्षा मिलती है कि करवा चौथ का व्रत पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ करना चाहिए।

यह व्रत पति की दीर्घायु और दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए बेहद शुभ माना जाता है। श्रद्धापूर्वक किए गए इस व्रत से न केवल पति की आयु लंबी होती है, बल्कि दांपत्य जीवन में प्रेम, विश्वास और सुख-समृद्धि भी बनी रहती है।

करवा चौथ 2025 में इन नियमों का पालन जरूर करें

सोलह श्रृंगार का महत्व

करवा चौथ का व्रत केवल उपवास का ही नहीं, बल्कि सुहागिन महिलाओं के श्रृंगार का भी विशेष दिन माना जाता है। इस दिन सोलह श्रृंगार करना बेहद शुभ होता है। खासकर हाथों में मेहंदी लगाना और पूरे श्रृंगार से सजना, चौथ माता को प्रसन्न करता है। मान्यता है कि इससे महिलाओं को अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

करवा चौथ 2025 पर लाल परिधान पहनना

करवा चौथ पर लाल रंग को विशेष रूप से शुभ माना गया है। जो महिलाएं पहली बार यह व्रत कर रही होती हैं, उनके लिए शादी का जोड़ा पहनना श्रेष्ठ माना गया है। हालांकि अन्य लाल रंग की साड़ी या ड्रेस भी धारण की जा सकती है। इस दिन भूलकर भी काले, भूरे या सफेद रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि यह रंग अशुभ माने जाते हैं।

बाया की परंपरा

करवा चौथ व्रत की शुरुआत करने वाली महिलाओं के लिए मायके से बाया भेजने की परंपरा है। बाया में कपड़े, मिठाई, फल और पूजा से जुड़ी सामग्री शामिल होती है। इसे पूजा से पहले बहू के ससुराल में पहुंचना अनिवार्य होता है। यह परंपरा करवा चौथ की पूजा को पूर्णता प्रदान करती है।

करवा चौथ 2025 पर व्रत पारण की विधि

पूजा, चांद को अर्घ्य देने और पति का मुख देखने के बाद व्रत पारण किया जाता है। व्रत पारण पति के हाथ से जल ग्रहण करके किया जाता है। इसके बाद प्रसाद खाया जाता है और रात में केवल सात्विक भोजन किया जाता है। इस दिन प्याज, लहसुन और किसी भी तामसिक भोजन का सेवन वर्जित माना गया है।

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करवा चौथ 2025 के दिन राशि अनुसार करें उपाय

मेष राशि

मेष राशि के जातकों को इस दिन लाल चुनरी माता पार्वती को अर्पित करना चाहिए और साथ ही ॐ पार्वत्यै नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से पति की सेहत और आयु लंबी होती है।

वृषभ राशि

सफेद चूड़ियां पहनें और चंद्रमा को कच्चे दूध से अर्घ्य दें। दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ेगा।

मिथुन राशि

हरे रंग की चूड़ियां और मेहंदी का प्रयोग करें। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय मिश्री डालें, वैवाहिक जीवन में मिठास आएगी।

कर्क राशि

चांदी के करवे में जल भरकर पूजा करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें। परिवार में सुख शांति बनी रहेगी।

सिंह राशि

इस दिन सोने या पीले रंग के वस्त्र पहनें। पूजा में हल्दी और गुड़ का भोग लगाएँ। पति का भाग्य मजबूत होगा।

कन्या राशि

हरे वस्त्र धारण करें और तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं। वैवाहिक जीवन में स्थिरता आएगी।

तुला राशि

इस दिन लाल और गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें। चंद्रमा को अर्घ्य में गुलाब की पंखुड़ियां डालें, दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ेगा।

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वृश्चिक राशि

करवा चौथ की पूजा में लाल सिंदूर और अनार अर्पित करें। पति की सेहत और रिश्ते में मजबूती आएगी।

धनु राशि

पीले वस्त्र पहनें और पूजा में केले और हल्दी का प्रयोग करें। सौभाग्य और खुशहाली प्राप्त होगी।

मकर राशि

काले रंग से परहेज करें और सफेद या क्रीम रंग के कपड़े पहनें। पूजा में सफेद मिठाई का भोग लगाएं।

कुंभ राशि

नीले रंग के वस्त्र पहनें। पूजा के समय शहद का भोग लगाएं और पति को दें, संबंधों में मधुरता आएगी।

मीन राशि

इस दिन पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय केसर मिलाएं। दांपत्य जीवन में समृद्धि आएगी।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

करवा चौथ 2025 कब है?

करवा चौथ का व्रत वर्ष 2025 में शुक्रवार, 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर पति की लंबी आयु की कामना करेंगी।

करवा चौथ का व्रत कौन रख सकता है?

करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं रखती हैं। हालांकि कई जगह अविवाहित लड़कियां भी अच्छे पति की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं।

करवा चौथ व्रत में पानी पी सकते हैं क्या?

परंपरा के अनुसार यह व्रत निर्जला रखा जाता है यानी न तो भोजन किया जाता है और न ही जल ग्रहण किया जाता है। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से कुछ महिलाएं डॉक्टर की सलाह पर फलाहार कर सकती हैं।




शुक्र का कन्या राशि में गोचर, किन राशियों के लिए रहेगा भाग्यशाली?

शुक्र का कन्या राशि में गोचर, किन राशियों के लिए रहेगा भाग्यशाली?

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में शुक्र देव को महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जो कि एक शुभ ग्रह हैं। यह प्रेम, विवाह और जीवनसाथी के कारक ग्रह हैं इसलिए मनुष्य जीवन को गहराई से प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं।

इस प्रकार, शुक्र ग्रह की चाल, दशा और स्थिति में होने वाला बदलाव ज्योतिष में विशेष मायने रखता है जो अब जल्द ही अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र का यह गोचर देश-दुनिया और संसार पर अपना असर डालेगा। साथ ही, इस राशि में शुक्र की स्थिति आपके लिए कैसी रहेगी? इसकी बात भी हम आगे करेंगे। 

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आज का हमारा यह विशेष ब्लॉग आपको “शुक्र का कन्या राशि में गोचर” से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, शुक्र देव कब और किस समय अपना राशि परिवर्तन करेंगे? इनका यह गोचर आपको सकारात्मक या नकारात्मक किस तरह के परिणाम देगा?

शुक्र का कन्या राशि में प्रवेश किन राशियों के लिए शुभ रहेगा और किनकी समस्या बढ़ाएगा? आपके मन में उठने वाले इन सभी सवालों के जवाब आपको “शुक्र गोचर 2025” के इस लेख में प्राप्त होंगे। इसके अलावा, शुक्र ग्रह को कुंडली में बलवान करने के उपाय आपको विद्वान ज्योतिषियों द्वारा बताए जाएंगे, ताकि आप शुभ फल प्राप्त कर सकेंगे। तो आइए शुरू करते हैं यह लेख और जानते हैं शुक्र गोचर का समय। 

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: तिथि एवं समय 

सबसे पहले बात करें शुक्र गोचर की, तो शुक्र देव का गोचर सामान्य रूप से 23 दिन बाद होता है और इसके बाद, यह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। अब शुक्र ग्रह 09 अक्टूबर 2025 की सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

बता दें कि कन्या राशि में शुक्र नीच अवस्था में होते हैं और इस राशि पर बुध ग्रह को अधिपत्य प्राप्त हैं। हालांकि, इस गोचर की अच्छी बात यह होगी कि शुक्र का यह राशि परिवर्तन अपने मित्र बुध ग्रह की राशि में होगा, फिर भी इस स्थिति को अनुकूल नहीं कहा जा सकता है।

ऐसे में, यह राशियों को अच्छे और बुरे दोनों तरह के परिणाम प्रदान कर सकता है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं शुक्र के कन्या राशि में प्रभाव से। 

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शुक्र कन्या राशि में कैसे प्रभाव देते हैं?

  • जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि कन्या राशि में शुक्र नीच अवस्था में होते हैं। हालांकि फिर भी, शुक्र की यह स्थिति अच्छी होती है क्योंकि कन्या राशि के स्वामी ग्रह बुध, शुक्र देव के परम मित्र हैं। 
  • जब शुक्र ग्रह कन्या राशि में विराजमान होते हैं, तो यह वैवाहिक जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं क्योंकि शुक्र का संबंध जीवनसाथी और विवाह से भी है। 
  • साथ ही, कन्या राशि में नीच अवस्था में होने के कारण जातकों को दांपत्य जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
  • इस प्रकार, जब शुक्र देव कन्या राशि में मौजूद होते हैं, तो इस दौरान व्यक्ति को बहुत  सोच-समझकर आगे बढ़ना चाहिए। 
  • कन्या राशि में शुक्र के बैठे होने से व्यक्ति विपरीत लिंग की तरफ आकर्षित होता है। 
  • बता दें कि बुध को मन का कारक माना जाता है और जब यह दोनों ग्रह एक साथ आते हैं, तो जातक का मन कामुक और प्रेम के विचारों से भरा रहता है।
  • कुंडली में शुक्र देव के कन्या राशि में बैठे होने के कारण व्यक्ति को प्रेम और वैवाहिक जीवन में संतुष्टि और आनंद पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। 
  • कन्या राशि में शुक्र के तहत जन्मे जातक प्रेम जीवन के रिश्ते को प्रतिबद्ध बनाने में सक्षम होते हैं। सामान्य रूप से, यह जातक अपने साथी के प्रति समर्पित होते हैं। 
  • इन लोगों का दिल साफ़ होता है और यह स्वभाव से दयालु होते हैं। साथ ही, इनका व्यक्तित्व  आकर्षक होता है इसलिए लोग इनकी आकर्षित जल्दी आकर्षित हो जाते हैं। 
  • कन्या राशि में उपस्थित शुक्र के अंतर्गत जन्मे जातक विलासिता पसंद करते हैं। ऐसे व्यक्ति की रुचि शानदार जीवन जीने और ब्रांडेड कपड़े पहनने में होती है। 

अब हम आपको बताने जा रहे हैं शुक्र का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व। 

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: ज्योतिष की दृष्टि से शुक्र ग्रह

  • शुक्र देव प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह वृषभ और तुला राशि के अधिपति देव भी हैं। बता दें कि शुक्र महाराज वृषभ राशि में शुभ परिणाम प्रदान करते हैं।
  • कुंडली में शुक्र सप्तम के स्वामी हैं और यह पत्नी के भाव के कारक माने जाते हैं। इसी भाव से किसी व्यक्ति की काम इच्छा को देखा जाता है।
  • साथ ही, शुक्र महाराज भौतिक सुख-सुविधाओं के भी कारक ग्रह हैं, इसलिए जिन जातकों की कुंडली में शुक्र देव की स्थिति मज़बूत होती है, उन्हें जीवन में कभी सुख-सुविधाओं का अभाव नहीं होता है।
  • जैसे कि हम भली-भांति जानते हैं कि शुक्र ग्रह विलासिता एवं ऐश्वर्य के ग्रह हैं। वैवाहिक जीवन से भी इनका संबंध होने के कारण शुक्र देव रिश्ते में प्रेम, आपसी समझ और सामंजस्य में वृद्धि करवाते हैं। 
  • यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र देव की स्थिति मजबूत होती हैं, तो उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।  
  • शुक्र देव का प्रभाव विशेष रूप से महिलाओं पर देखा जाता है क्योंकि यह प्रेम, सौंदर्य और स्त्री जीवन से संबंधित विभिन्न भौतिक पहलुओं को भी दर्शाते हैं। 
  • शुक्र देव की कृपा से ही जातक की रुचि संगीत, कला, और रचनात्मक क्षेत्रों में होती है और वह इसमें महारत हासिल करता है। 
  • शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों का आनंद लेता हुआ दिखाई देता है। 
  • जिन जातकों का शुक्र बलवान होता है, वह अक्सर फैशन, डिजाइन और रचनात्मक क्षेत्रों में अपना करियर बनाते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। 

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शुक्र का कन्या राशि में गोचर: धार्मिक दृष्टि से शुक्र ग्रह का महत्व 

  • शुक्र ग्रह का सिर्फ ज्योतिषीय रूप से ही नहीं धार्मिक रूप से भी विशेष महत्व है। हिंदू धर्मग्रंथों में शुक्र देव को असुरों के गुरू का दर्जा प्राप्त है इसलिए इन्हें शुक्राचार्य के नाम से भी जाना जाता है। 
  • भागवत पुराण में शुक्र ग्रह के संबंध वर्णन मिलता है कि महर्षि भृगु के पुत्र हैं शुक्र देव जो बचपन में कवि या भार्गव के नाम से भी जाने जाते थे। 
  • अगर हम बात करें इनके स्वरूप की, तो धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शुक्र देव का वर्ण श्वेत हैं और यह ऊँट, घोड़े या मगरमच्छ की सवारी करते हैं। इन्होंने अपने हाथों में दण्ड, कमल, माला और धनुष-बाण पकड़ा हुआ है।
  • वहीं, देवी-देवताओं में शुक्र ग्रह धन की देवी माँ लक्ष्मी से संबंधित हैं इसलिए हिन्दू धर्म में धन-वैभव, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन व्रत और पूजा करने की सलाह दी जाती है। 
  • ऐसा कहा जाता है कि असुरों को ज्ञान, विज्ञान और जीवन के रहस्यों की शिक्षा देने का श्रेय शुक्र देव को ही जाता है। 
  • शुक्र देव ने ही अपने ज्ञान से अनेक प्रकार के मंत्रों और औषधियों का आविष्कार किया था जिसकी सहायता से असुर देवताओं पर विजय प्राप्त करने में सफल रहे थे। 
  • मान्यता है कि मृत व्यक्ति को पुनः जीवित करने का ज्ञान शुक्राचार्य को भगवान शिव से मिला था और संजीवनी विद्या का उपयोग करने शुक्र असुरों को पुनः जीवित कर देते थे। 

चलिए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं शुक्र ग्रह से बनने वाले शुभ योगों से। 

शुक्र ग्रह से बनने वाले शुभ योग

मालव्य योग: कुंडली में मालव्य योग उस समय निर्मित होता है जब शुक्र ग्रह उच्च राशि में या अपने केंद्र भाव में स्थित होते हैं। ऐसे जातक जिनकी जन्म कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है, वह लोग कला, संगीत, नृत्य और मनोरंजन से जुड़े क्षेत्रों में कामयाबी हासिल करते हैं। साथ ही, इस योग के प्रभाव से जातक साहसी, पराक्रमी बनता है और उसकी निर्णय लेने की क्षमता मज़बूत होती है। 

भेरी योग: 2. भेरी योग को बहुत शुभ योग माना जाता है और जब कुंडली में शुक्र और लग्नेश गुरु से केंद्र भाव में विराजमान हों या नवमेश मज़बूत अवस्था में होता है, तो भेरी योग का निर्माण होता है। इस योग के शुभ प्रभाव से जातक की आयु लंबी होती है और उसे अपने जीवन में धन, भूमि, भवन और संतान आदि का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे लोगों की रुचि सामाजिक कार्यों में होती है।

बता दें कि शुक्र का कन्या राशि में गोचर के इस लेख में हम आपको शुक्र से बनने वाले सिर्फ़ शुभ योगों की ही जानकारी प्रदान कर रहे हैं। आइए अब नज़र डालते हैं शुक्र ग्रह के शुभ और अशुभ प्रभाव पर। 

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शुक्र का कन्या राशि में गोचर: शुभ और अशुभ प्रभाव 

शुक्र का नकारात्मक प्रभाव 

  • अगर आपकी कुंडली में शुक्र कमज़ोर होता है, तो आपके जीवन में धीर-धीरे गरीबी और निर्धनता वास करने लगती है। 
  • शुक्र ग्रह के निर्बल अवस्था में होने पर व्यक्ति को संतान प्राप्त करने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • शुक्र महाराज की अशुभ स्थिति व्यक्ति के आर्थिक जीवन में बाधाएं पैदा करती है जिसके चलते आपको आर्थिक तंगी से दो-चार होना पड़ सकता है। 
  • शुक्र की कमज़ोर अवस्था आपके स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है और आपको आंत, शुगर, किडनी और मूत्र से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं। 
  • वैवाहिक जीवन में शुक्र की अशुभता वैवाहिक जीवन में तनाव और समस्याओं का कारण बनती है।  

शुक्र का सकारात्मक प्रभाव 

  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह बलवान होता है, वह बेहद सुंदर और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं।
  • शुक्र ग्रह के शुभ होने पर व्यक्ति में आत्मविश्वास कूट-कूट कर भरा होता है और वह लोगों में काफ़ी लोकप्रिय होता है।
  • शुक्र के मज़बूत होने से जातक समाज में प्रसिद्धि और मान-सम्मान हासिल करता है।
  • शुक्र देव का आशीर्वाद आपको जीवन में भौतिक सुखों प्रदान करता है। 
  • यदि आपको कार्यों के माध्यम से अचानक लाभ मिलने लगता है, तो यह मज़बूत शुक्र का संकेत होता है। 
  • ऐसे व्यक्ति जिनके जीवन में लगातार सुख-सुविधाओं में वृद्धि हो रही हैं, तो इसका कारण शुक्र देव होते हैं।   
  • शुक्र देव की कृपा आपको रचनात्मक क्षेत्रों से जुड़े करियर में सफलता प्रदान करती है। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर 

शुक्र का कन्या राशि में गोचर के दौरान करें ये उपाय 

  • दान: कुंडली में शुक्र ग्रह को मज़बूत करने के लिए शुक्र से जुड़ी सफेद वस्तुओं जैसे चीनी, दूध, सफेद मिठाई और दही आदि का दान करें। बता दें कि इन सब चीज़ों का दान शुक्रवार के दिन करें।  
  • मंत्र जाप: शुक्र देव से शुभ फल पाने के लिए “ॐ शुं शुक्राय नमः” मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करें। इससे आपके जीवन में धन-समृद्धि का आगमन होता है। 
  • सफेद रंग: शुक्र महाराज को सफ़ेद रंग अत्यंत प्रिय होता है और ऐसे में, इनको बलवान करने के लिए सफेद रंग के कपड़े ज्यादा से ज्यादा धारण करें। 
  • परफ्यूम और इत्र का उपयोग: शुक्र का संबंध सुगंध से भी है इसलिए इनको प्रसन्न करने के लिए आपको नियमित रूप से परफ्यूम और इत्र का उपयोग करना चाहिए। 
  • गाय को रोटी: सुबह के समय गाय को रोटी खिलाने से शुक्र देव मज़बूत होते हैं।  

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए शुक्र देव आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि… (विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें और बारहवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में चौथे और लाभ भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें) 

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव और दसवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और भाग्य भाव के … (विस्तार से पढ़ें) 

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए शुक्र देव आपकी कुंडली में लग्न या राशि के स्वामी … (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में सातवें और बारहवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें)  

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में छठे और लाभ भाव के स्वामी हैं जो… (विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें और दसवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में चौथे और भाग्य भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे और आठवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शुक्र का कन्या राशि में गोचर कब होगा? 

शुक्र का कन्या राशि में गोचर 09 अक्टूबर 2025 को होने जा रहा है। 

शुक्र की कन्या राशि में स्थिति कैसी होती है? 

ज्योतिष के अनुसार, शुक्र कन्या राशि में नीच अवस्था में होते हैं। 

कन्या राशि का स्वामी कौन है?

राशि चक्र की छठी राशि कन्या के स्वामी बुध ग्रह हैं। 

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कार्तिक मास 2025: करवा चौथ से कार्तिक पूर्णिमा तक के व्रत और त्योहारों की लिस्ट!

कार्तिक मास 2025: करवा चौथ से कार्तिक पूर्णिमा तक के व्रत और त्योहारों की लिस्ट!

कार्तिक मास 2025: कार्तिक मास हिंदू पंचांग में सबसे पावन और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण महीनों में गिना जाता है। यह महीना पूरी तरह से व्रत, उपवास, स्नान, दान और भगवान की भक्ति को समर्पित होता है।

शास्त्रों में कार्तिक मास को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का प्रिय माह माना गया है। इस महीने में किया गया स्नान, पूजन और दान सौ गुना फल देने वाला बताया गया है। यही कारण है कि कार्तिक मास को पुण्य और आस्था का महीना कहा जाता है। 

कार्तिक मास 2025 की शुरुआत के साथ ही व्रत और त्योहारों की  एक लंबी श्रृंखला शुरू हो जाती है। सबसे पहले करवा चौथ का व्रत आता है, जो सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष महत्व रखता है।

इसके बाद धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली और गोवर्धन पूजा जैसे बड़े पर्व आते हैं, जो घर-आंगन को रोशनी और खुशियों से भर देते हैं। दीपावली के तुरंत बाद भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते को और गहरा करता है। 

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इसी महीने से छठ पूजा का पर्व भी मनाया जाता है, जो सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का महापर्व है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में छठ पूजा का विशेष उत्साह देखा जाता है। अंत में कार्तिक पूर्णिमा का दिन आता है, जिसे बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।  

आज इस ब्लॉग में हम कार्तिक मास से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत त्योहार आएंगे? इस माह में कौन से 

कार्तिक मास 2025: तिथि

कार्तिक मास 2025 का आरंभ 08 अक्टूबर 2025 बुधवार को होगा जिसकी समाप्ति 05 नवंबर 2025 रविवार को हो जाएगी। इस मास में स्नान-दान, जप और तप करने से साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। 

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कार्तिक मास 2025 का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास वर्ष के सबसे पवित्र और पुण्यदायी महीनों में गिना जाता है। यह महीना देवी-देवताओं की उपासना, स्नान, दान और व्रत करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

शास्त्रों में कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय माह कहा गया है और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए भी यह विशेष फलदायी माना जाता है। कहा जाता है कि इस माह में किया गया स्नान, ध्यान, व्रत और दान सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक फल देता है।

कार्तिक मास में विशेष रूप से सुबह गंगा स्नान और दीपदान का महत्व बताया गया है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग खुलता है। कार्तिक मास को धर्म, आस्था और अध्यात्म का संगम माना जाता है। इस महीने में करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा और कार्तिक पूर्णिमा जैसे बड़े-बड़े पर्व मनाए जाते हैं।

हर पर्व अपने आप में अनोखा और जीवन को सकारात्मक ऊर्जा देने वाला होता है। इसके अलावा, कार्तिक मास में तुलसी पूजन और तुलसी विवाह का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस समय तुलसी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। 

आध्यात्मिक दृष्टि से यह महीना आत्मशुद्धि और भक्ति का समय माना गया है। जो भी व्यक्ति इस महीने में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करता है, उसे स्वास्थ्य, धन और सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है।

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कार्तिक मास 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार

कार्तिक मास 2025 यानी कि 08 अक्टूबर 2025 से 05 नवंबर 2025 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

तिथिवारपर्व
10 अक्टूबर 2025शुक्रवारसंकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ
17 अक्टूबर 2025शुक्रवाररमा एकादशी, तुला संक्रांति
18 अक्टूबर 2025शनिवारधनतेरत, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
19 अक्टूबर 2025रविवारमासिक शिवरात्रि
20 अक्टूबर 2025सोमवारनरक चतुर्दशी
21 अक्टूबर 2025मंगलवारदिवाली, कार्तिक अमावस्या
22 अक्टूबर 2025बुधवारगोवर्धन पूजा
23 अक्टूबर 2025गुरुवारभाई दूज
28 अक्टूबर 2025मंगलवारछठ पूजा
02 नवंबर 2025रविवारदेवुत्थान एकादशी
03 नवंबर 2025सोमवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
05 नवंबर 2025बुधवारकार्तिक पूर्णिमा व्रत

कार्तिक मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण

हिंदू धर्म और ज्योतिष में माना जाता है कि जि, माह में व्यक्ति का जन्म होता है, उस माह का प्रभाव उसकी प्रवृत्ति, स्वभाव और जीवन पर गहराई से पड़ता है। कार्तिक मास को पवित्र, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसलिए इस माह में जन्म लेने वाले लोगों में कई विशेष गुण पाए जाते हैं। कार्तिक मास में जन्मे लोग स्वभाव से धार्मिक आस्थावान होते हैं। ये लोग पूजा-पाठ, भक्ति और अध्यात्म में रुचि रखते हैं।

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा इनके जीवन पर विशेष रूप से बनी रहती है। इस मास में जन्म लेने वाले जातक सच्चाई और ईमानदारी को महत्व देते हैं। रिश्तों में वफादार और भरोसेमंद होते हैं। अपने वचन के पक्के माने जाते हैं। इनका स्वभाव सामान्यतः शांत और गंभीर होता है। परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, ये लोग धैर्य बनाए रखते हैं और समझदारी से समस्याओं का हल निकालते हैं।

कार्तिक मास के जातक साहसी होते हैं और मेहनत से पीछे नहीं हटते। ये लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिस्थितियों में भी निरंतर प्रयासरत रहते हैं। इस माह में जन्म वाले लोगों का हृदय दयालु और करुणामय होता है। दूसरों की मदद करना और जरूरतमंदों के लिए सहानुभूति रखना इनके स्वभाव की विशेषता होती है। कार्तिक मास में जन्में जातक अक्सर सौभाग्यशाली माने जाते हैं। 

इनके व्यक्तित्व में एक अलग आभा और आकर्षण होता है, जिससे लोग स्वतः ही इनकी ओर खिंचे चले आते हैं। ये लोग अपने परिवार और संबंधों को प्राथमिकता देते हैं। पति-पत्नी, भाई-बहन और माता-पिता के साथ इनके रिश्ते प्रगाढ़ होते हैं।

कार्तिक मास 2025 में दान का महत्व

हिंदू धर्म और शास्त्रों में कार्तिक मास को अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी महीना माना गया है। यह महीना स्नान, पूजा-पाठ, व्रत और दान का होता है। माना जाता है कि इस मास में किया गया दान सौ गुना फल देता है। विशेषकर कार्तिक मास में दान करने में पाप नष्ट होते हैं, पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

इस माह को धर्म, भक्ति और दान का संगम कहा गया है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए भी कार्तिक मास में दान करना बहुत शुभ माना गया है।
कहा गया है—

“दानं तपश्च स्नानं च कार्तिके विशेषतः”

अर्थात कार्तिक मास में दान, तप और स्नान का महत्व सबसे अधिक है।

कार्तिक मास 2025 में किन चीज़ों का दान करना चाहिए

कार्तिक मास में कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। ये वस्तुएं इस प्रकार हैं: 

दीप दान: शाम के समय मंदिर, पीपल वृक्ष या नदी किनारे दीप दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे अंधकार दूर होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

अन्न दान: गरीब और जरूरतमंदों को अन्न खिलाना कार्तिक मास में सबसे बड़ा पुण्य कर्म माना गया है।

कंबल या वस्त्र दान: सर्दी की शुरुआत होने के कारण जरूरतमंदों को गर्म कपड़े या कंबल दान करना अत्यंत फलदायी होता है। 

तिल और गुड़ का दान: तिल और गुड़ कार्तिक मास में पवित्र माने जाते हैं। इनका दान करने से पाप नष्ट होते हैं।

गाय और गौ सेवा से जुड़ी वस्तुएं: गाय और चारा गुड़ या रोटी खिलाना और गौशाला में दान करना बेहद शुभ है।

धन और धातु का दान: सोना चांदी, तांबा या धातु से बनी वस्तुओं का दान भी इस माह में विशेष महत्व रखता है।

पानी का दान: कुएं, तालाब, हैंडपंप या प्यासे को पानी पिलाना इस माह शुभ माना गया है।

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कार्तिक मास 2025 में इन देवताओं की पूजा से मिलता है मनोवांछित फल

कार्तिक मास को धर्म, भक्ति और पुण्य का महीना कहा गया है। इस महीने में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी, भगवान शिव और भगवान सूर्य की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। आइए विस्तार से समझते हैं।

कार्तिक मास 2025 में भगवान विष्णु की पूजा

कार्तिक मास को विष्णु प्रिय मास कहा जाता है। इस माह में विशेषकर श्रीहरि विष्णु की पूजा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। तुलसी पूजन और तुलसी विवाह का आयोजन भी इसी महीने में होता है, जिसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने का उत्तम माध्यम माना गया है।

मां लक्ष्मी 

दीपावली और कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस समय माता लक्ष्मी की कृपा से घर में सुख-समृद्धि, धन और वैभव की प्राप्ति होती है।

कार्तिक मास 2025 में भगवान शिव की पूजा

कार्तिक मास में भगवान शिव की आराधना का भी विशेष महत्व है। सोमवार व्रत, जलाभिषेक और शिव चालीसा, रुद्राभिषेक करने से शिव जी प्रसन्न होकर साधक को सभी कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं।

भगवान सूर्य देव

कार्तिक मास के अंतर्गत छठ पूजा का पर्व आता है, जो सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। इस अवसर पर सूर्य देव को अर्घ्य देने और व्रत करने से संतान सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

कार्तिक मास 2025 में तुलसी जी की पूजा

कार्तिक मास में तुलसी पूजन और तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। तुलसी पूजन से जीवन में शांति, पारिवारिक सुख और दांपत्य जीवन में सौभाग्य बढ़ता है।

कार्तिक मास 2025 में इन बातों का रखें ध्यान

कार्तिक मास 2025 में क्या करें

  • कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • इस मास में प्रतिदिन संध्या के समय दीपदान करने से विशेष पुण्य मिलता है। खासकर तुलसी, मंदिर और नदी के किनारे दीपक जलाना उत्तम है।
  • तुलसी माता की प्रतिदिन पूजा करें और जल अर्पित करें। कार्तिक शुक्ल पक्ष में तुलसी विवाह का आयोजन जरूर करें। 
  • कार्तिक मास विष्णु प्रिय माना गया है। श्री हरि विष्णु का नामस्मरण, भजन-कीर्तन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • अन्न, वस्त्र, तेल, दीपक, कंबल, गौदान और गुप्त दान करना इस महीने में शुभ माना गया है।
  • कार्तिक एकादशी, पूर्णिमा और प्रदोष व्रत विशेष रूप से फलदायी हैं।

कार्तिक मास 2025 में क्या न करें

  • कार्तिक मास में मांसाहार, शराब, प्याज, लहसुन का सेवन वर्जित है।
  • इस माह में झूठ बोलना, चुगली करना या दूसरों को अपमानित करना पाप माना गया है।
  • यह महीना साधना और आत्मसंयन का है, क्रोध, आलस्य और नकारात्मक विचारों से बतें।
  • बिना स्नान किए या अशुद्ध अवस्था में भगवान की पूजा न करें।
  • घर परिवार और समाज में शांति बनाए रखें।

कार्तिक मास 2025 में जाप करने योग्य प्रमुख मंत्र

कार्तिक मास 2025 में भगवान विष्णु का मंत्र

कार्तिक मास को विष्णु प्रिय मास कहा गया है। विष्णु जी का स्मरण मोक्षदायी होता है।

मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

इस मंत्र का जप करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सभी कष्टों का नाश होता है।

माता लक्ष्मी के लिए

दीपावली और कार्तिक अमावस्या के समय लक्ष्मी जी का पूजन अत्यंत शुभ है।

मंत्र: ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

इस मंत्र के जाप से धन, वैभव और घर में सुख-समृद्धि आती है।

कार्तिक मास 2025 में भगवान शिव के लिए मंत्र

कार्तिक मास में भगवान शिव की उपासना और व्रत का महत्व है।

मंत्र: ॐ नमः शिवाय

इस मंत्र के नियमित जाप से मन को शांति और सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

सूर्य देव के लिए (छठ पूजा हेतु)

कार्तिक शुक्ल षष्ठी को सूर्य उपासना का विशेष महत्व है।

मंत्र: ॐ घृणिः सूर्याय नमः

इस मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और संतान सुख मिलता है।

कार्तिक मास 2025 में तुलसी माता के लिए मंत्र

तुलसी पूजन और तुलसी विवाह का आयोजन कार्तिक मास में विशेष होता है।

मंत्र: ॐ तुलस्यै नमः

इस मंत्र से घर में सुख-शांति और दांपत्य जीवन में सौभाग्य बढ़ता है।

कार्तिक मास 2025 में जरूर अपनाएं ये अचूक टोटके

नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए

कार्तिक मास में प्रतिदिन शाम को तुलसी के पास एक दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मां लक्ष्मी का वास होता है।

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कार्तिक मास 2025 में नौकरी-व्यापार में सफलता के लिए

कार्तिक अमावस्या की रात घर के उत्तर दिशा में एक दीपक सरसों के तेल का जलाएं। इस टोटके से धन वृद्धि और नौकरी व्यापार में सफलता मिलती है।

सुखद दांपत्य जीवन के लिए

कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक रोज तुलसी पर जल चढ़ाएं और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। इससे दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता बनी रहती है।

कार्तिक मास 2025 में कर्ज मुक्ति के लिए

कार्तिक मास में शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद ॐ शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जप करें। यह उपाय कर्ज और आर्थिक बाधाएं से छुटकारा दिलाता है।

कार्तिक मास 2025 में संतान सुख के लिए

संतान सुख के लिए कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन सूर्य देव को अर्घ्य दें और ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें। यह टोटका संतान सुख और संतान की उन्नति के लिए बहुत प्रभावी है।

बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए

कार्तिक मास की पूर्णिमा को घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाएं। इस टोटके से घर के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ होता है और रोगों का नाश होता है।

कार्तिक मास में राशि अनुसार करें उपाय

मेष राशि

कार्तिक मास में हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें। मंगलवार को गरीबों को मसूर दाल और गुड़ का दान करें। इससे शत्रु नष्ट होंगे और साहस बढ़ेगा।

वृषभ राशि

मां लक्ष्मी को शुक्रवार को कमल का फूल अर्पित करें। सफेद मिठाई का दान करें। ऐसा करने से धन लाभ और घर में सुख-समृद्धि मिलेगी।

मिथुन राशि

भगवान विष्णु के मंदिर में तुलसी पत्र अर्पित करें। हरे वस्त्र धारण करें और गरीब बच्चों को हरी मूंग की दाल दान करें। यह उपाय भाग्य को प्रबल करेगा। 

कर्क राशि

सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं। जल में शक्कर मिलाकर चीटियों को दें। मानसिक शांति और पारिवारिक सुख प्राप्त होगा।

सिंह राशि

कार्तिक मास की अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। लाल वस्त्र धारण करें और मंगलवार को गरीबों को गुड़ चना बांटें। इससे नौकरी और व्यापार में सफलता मिलेगा।

कन्या राशि

भगवान विष्णु का पूजन करें ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। हरे रंग की वस्तुएं दान करें। रुके हुए काम पूरे होंगे और सुख शांति बढ़ेगी।

तुला राशि

शुक्रवार को मां लक्ष्मी को सफेद वस्त्र अर्पित करें। तुलसी विवाह अवश्य करें। इससे दांपत्य जीवन मधुर बनेगा और आर्थिक लाभ होगा।

वृश्चिक राशि

कार्तिक पूर्णिमा को शिवलिंग पर बेलपत्र और जल अर्पित करें। मंगलवार को लाल मसूर की दाल दान करें। जीवन से नकारात्मकता दूर होगी।

धनु राशि

कार्तिक मास में पीपल की परिक्रमा करें और दीपदान करें। गुरुवार को पीले वस्त्र दान करें। इससे भाग्य मजबूत होगा और गुरु कृपा मिलेगी।

मकर राशि

कार्तिक मास में तुलसी माता को जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति बनी रहती है।।

कुंभ राशि

कार्तिक मास में हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। शनिवार को गरीबों को कंबल और तेल दान करें। शनि की पीड़ा दूर होगी और तरक्की मिलेगी।

मीन राशि

कार्तिक मास में भगवान विष्णु को पीला पुष्प अर्पित करें। गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें। इससे परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहेगी।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1. कार्तिक मास कब से कब तक होता है?

कार्तिक मास आश्विन पूर्णिमा से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। यह प्रायः अक्टूबर-नवंबर माह में पड़ता है।

2. कार्तिक मास में सबसे ज्यादा किस देवता की पूजा करनी चाहिए?

कार्तिक मास को विष्णु प्रिय मास कहा गया है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके अलावा मां लक्ष्मी, भगवान शिव, सूर्य देव और तुलसी माता की आराधना भी विशेष फलदायी होती है।

3. कार्तिक मास में किस चीज़ का दान करना शुभ है?

इस मास में दीपदान, अन्न, वस्त्र, कंबल, गौदान, तिल, तेल और जरूरतमंदों को भोजन कराना अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना जाता है।