कुम्भ राशि का वक्री बुध, अच्छा या बुरा ?

वक्री बुध कुम्भ राशि में किन राशियों को देगा लाभ! 

वक्री बुध का गोचर एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है क्योंकि बुध की वक्री अवस्था में फल देने की क्षमता काफ़ी बढ़ जाती है और वह तुरंत ही अपना प्रभाव दिखाने लगता है। ऐसे में लोगों की वाणी और व्यवहार में बदलाव भी आ जाते हैं और कुछ लोगों को जबरदस्त लाभ होने के योग बनते हैं। जब बुध वक्री अवस्था में होता है तो व्यापार में अच्छे लाभ भी दे सकता है और परिस्थितियों में व्यक्ति को उलझा भी सकता है। इसका तात्पर्य यह है कि बुध का वक्री अवस्था में होना हर क्षेत्र पर विशेष रूप से प्रभाव डालता है, इसीलिए यह काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

बुध ग्रह 17 फरवरी 2020 को प्रातः काल 5:53 पर कुंभ राशि में वक्री हो जाएगा और 10 मार्च 2020 की प्रातः 8:42 तक कुंभ राशि में वक्री अवस्था में ही स्थित रहेगा और उसके बाद मार्गी अवस्था में लौटेगा।

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वक्री बुध ग्रह की विशेषताएँ

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि कोई भी ग्रह वक्री होगा तो उसका प्रभाव खराब हो जाएगा और वह अशुभ परिणाम देने लगेगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यदि आपकी कुंडली में बुध अच्छी स्थिति में विराजमान है तो वक्री अवस्था में यह आपको बहुत अच्छे परिणाम भी प्रदान कर सकता है। 

यदि आपकी कुंडली में भी बुध वक्री स्थिति में है तो अपने वक्री होने के समय में यह आपको बहुत अच्छे परिणाम दे सकता है और आपकी स्मरण शक्ति का जबरदस्त विकास कर सकता है। इसके विशेष प्रभाव से आप की छठी इंद्री भी जागृत हो सकती है और आपको घटनाओं का पूर्वाभास भी हो सकता है।

ऐसा वक्री बुध आपको तीव्र तार्किक क्षमता के साथ-साथ गहराई तक सोचने समझने की शक्ति प्रदान करता है और आपका शिक्षा और नई-नई चीजों को सीखने में गहन रुझान होने लगता है।

कुम्भ राशि में वक्री हुआ बुध – क्या होगा ख़ास 

बुध अपने मित्र शनि की राशि कुंभ में विराजमान हैं और इसी में 17 फरवरी से 10 मार्च के मध्य वक्री अवस्था में होगा। किसी भी ग्रह का वक्री अवस्था में होने का तात्पर्य यह नहीं है कि वह ग्रह उल्टा चल रहा है। अपितु केवल ऐसा प्रतीत होता है। वक्री अवस्था वाले ग्रहों को चेष्टा बल प्राप्त हो जाता है। इसलिए वक्री बुध अधिक चेष्टा बल के साथ काफी मजबूत हो जाएगा।

ऐसे में वक्री बुध की स्थिति कुछ लोगों के लिए जबरदस्त लाभ का मार्ग खोल देगी तो कुछ लोगों को परेशान होना पड़ सकता है। आइए जानते हैं क्या होगा जब बुध वक्री होगा।

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बुध के वक्री गोचर से मिलेगा जबरदस्त लाभ 

मेष राशि के ग्यारहवें भाव में बुध वक्री होगा। ऐसी स्थिति में आपको जबरदस्त लाभ मिलेगा और आपकी आमदनी में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी। नए-नए साधन आपको मिलेंगे, जो आपके आर्थिक स्तर को मजबूती देंगे।

कर्क राशि के लोगों के अष्टम भाव में बुध वक्री होगा। इसकी वजह से अचानक से लाटरी या सट्टेबाजी से धन लाभ हो सकता है। शेयर बाजार में निवेश का भी इस समय में अच्छा लाभ मिल सकता है और आप किसी शोधों में कोई नई खोज कर सकते हैं।

सिंह राशि के लोगों के सप्तम भाव में वक्री बुध का प्रभाव होगा, जिसकी वजह से आपके व्यापार में आशातीत लाभ होने के योग बनेंगे और जीवनसाथी से भी आपके संबंध बेहतर बनेंगे।

तुला राशि के लोगों के पांचवे भाव में बुध वक्री होगा, जिसकी वजह से आपको शिक्षा में जबरदस्त लाभ होगा और आपको कोई उपलब्धि भी प्राप्त हो सकती है। आप नई चीजें सीखेंगे और मंत्र जाप में भी आपकी रुचि जागेगी।

वृश्चिक राशि के लिए बुध चौथे भाव में वक्री होगा, जिसकी वजह से आपको अनेक प्रकार के सुख मिलेंगे। आपको अचानक से पदोन्नति मिल सकती है तथा अनेक लोग आपकी मदद करेंगे और आपके सुख का माध्यम बनेंगे।

मकर राशि के लोगों के दूसरे भाव में बुध वक्री होगा, जिसकी वजह से आप बहुत सोच समझकर बातचीत करेंगे। आपके अंदर एक दार्शनिक व्यक्तित्व दिखाई देगा और आपको प्रचुर मात्रा में धन लाभ होगा और यह धन केवल दिखेगा नहीं बल्कि आप उसे संचित करने में भी सफल होंगे।

कुंभ राशि के लोगों के प्रथम भाव में बुध वक्री होगा, जिसकी वजह से आपकी मानसिक क्षमता का विकास होगा। आपको निर्णय लेने में सफलता मिलेगी। आपकी सोचने समझने की शक्ति काफी तीव्र हो जाएगी, लेकिन आपको जल्दबाजी में कोई भी काम करने से बचना चाहिए और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।

बुध का वक्री गोचर लाएगा इनके लिये बड़े बदलाव 

वृषभ राशि के दशम भाव में बुध वक्री अवस्था में होगा। ऐसे में आपको अपनी नौकरी में थोड़ा ध्यान देना होगा क्योंकि अपने कार्यस्थल पर आपकी किसी से कहासुनी हो सकती है और आपको अधिक मेहनत से अपने काम में प्रदर्शन को सुधारना होगा।

मिथुन राशि के लोगों के नवम भाव में बुध वक्री होने की स्थिति में आपको अपने पिता तथा गुरु समान व्यक्ति से अपने संबंधों को सुधारना चाहिए, तभी आपको समाज में मान सम्मान मिलेगा और आपकी तरक्की होगी।

कन्या राशि के लिए राशि का स्वामी वक्री बुध छठे भाव में होने से आपके कार्यों में रुकावट आ सकती है। बिना वजह लोगों से बहस बाजी और वाद विवाद हो सकता है, जिससे आपको आर्थिक हानि हो सकती है। आपके स्वभाव में चिड़चिड़ापन तथा स्वास्थ्य कष्ट हो सकते हैं।

धनु राशि वालों के तीसरे भाव में बुध वक्री होगा, जिसकी वजह से आप दुस्साहस की हद तक साहस कर सकते हैं और आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। अधिक मेहनत के बाद ही सफलता मिलेगी। किसी से कम्युनिकेशन गलत हो जाने की वजह से महत्वपूर्ण मामले बिगड़ सकते हैं।

मीन राशि के लोगों के बारहवें भाव में बुध वक्री होगा। ऐसे में आपको धार्मिक कामों में खूब मन लगेगा, लेकिन आपके खर्चे बेतहाशा बढ़ जाएंगे, जो आपकी आर्थिक स्थिति को परेशान करेंगे। आपको स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में अपना ध्यान रखें और खर्चों पर नियंत्रण रखें।

वक्री बुध के ज्योतिषीय उपाय

बुध वक्री होने की स्थिति में काफी बलशाली हो जाता है। ऐसे में उसके सुपरिणाम प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहियें:

  • इस अवधि में बुध के किसी भी मंत्र का जाप करना सबसे अधिक उपयोगी माना जाता है। बुध ग्रह के कुछ विशेष मंत्र निम्नलिखित हैं: 

बुध ग्रह का वैदिक मंत्र:

ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च। 

अस्मिन्त्सधस्‍थे अध्‍युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।

बुध ग्रह का तांत्रिक मंत्र:

ॐ बुं बुधाय नमः 

बुध ग्रह का बीज मंत्र:

“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः

  • बुध वक्री की स्थिति में आपको औषधि स्नान करना चाहिए। बुध के लिए विधारा की जड़ को पानी में भिगोकर उस जल से स्नान करने से आपको वक्री बुध के अशुभ परिणामों से मुक्ति मिलती है।
  • यदि आप वक्री बुध के प्रभाव को कम करना चाहते हैं और उसके शुभ परिणाम प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। 
  • विधारा की जड़ को विधिवत पूजा करके आप धारण कर सकते हैं अथवा बुध यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं।
  • बुध वक्री की स्थिति में कोई भी उपाय बुधवार के दिन बुध की होरा अथवा बुध के नक्षत्रों अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती में करना बेहतर होता है। 
  • किन्नरों का आशीर्वाद लेने से भी बुध की कृपा प्राप्त होती है। 
  • इसके अलावा छोटी कन्याओं के चरण छूकर आशीर्वाद लें और गौमाता को प्रतिदिन हरी सब्ज़ियाँ तथा पालक खिलाएं।

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