कब है होली? 18 या 19 मार्च, अभी जानें सही तारीख!

साल 2022 में होली कब खेलनी चाहिए इसके लिए गब्बर सिंह का ये सवाल कहीं ना कहीं एक बार तो हम सबके मन में आया ही है। इस बार होली को लेकर ज़्यादातर सभी जगहों पर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हर किसी के अलग-अलग मतभेद हैं किसी का कहना है कि इस बार होली 18 मार्च को मनाई जानी है तो कुछ जगहों पर होली को 19 मार्च को मनाने को कहा जा रहा है। ऐसे में आखिर रंगों के इस पावन और जीवंत त्यौहार को किस दिन मनाना चाहिए इसके सभी जवाब आपको हमारे आज के इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे।

भारतवर्ष त्योहारों और परम्पराओं का देश है जिसकी शोभा विश्वभर में लोगों के आकर्षण का केंद्र है। पुरातनकाल से ही ज्योतिषशास्त्र के अनुसार रंगोत्सव का यह त्योहार हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन के अगले दिन हर वर्ग के लोगों द्वारा बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि आज यानी 17 मार्च को दोपहर 1:32 मिनट से शुरू होकर और अगले दिन यानी 18 मार्च को दोपहर 12:49 मिनट तक रहेगी। होलिका दहन का त्योहार रात्रि का त्योहार है, शास्त्रों में दिन के समय होलिका दहन को अशुभ माना गया है। 

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होलिका दहन का उत्तम मुहूर्त

होलिका दहन मुहूर्त : 21:20:55 से 22:31:09 तक

अवधि :1 घंटे 10 मिनट

भद्रा पुँछा : 21:20:55 से 22:31:09 तक

भद्रा मुखा : 22:31:09 से 00:28:13 तक

कब है होली?

वैदिक पंचांग के अनुसार होली का रंगारंग पर्व होलिका दहन के अगले दिन मनाया जाता है। चूँकि इस बार होलिका दहन 17 मार्च की रात्रि को किया जाएगा इसलिए होली मनाने की सही तिथि शुक्रवार 18 मार्च यानी चैत्र माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। 18 मार्च को चैत्र माह प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 12:49 मिनट से हो जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार उदयातिथि पर हर तिथि की गणना शुरू होती है। इस तरह से प्रतिपदा तिथि का सूर्योदय 19 मार्च को होगा और इसका समापन उसी दिन सुबह 11 बजकर 37 मिनट पर हो रहा है। इसलिए इस आधार पर कई जगहों पर होली 19 मार्च को मनाई जाएगी। किन्तु जिन क्षेत्रों में पूर्णिमा स्नान को अधिक महत्व दिया जाता है, वहां होली 18 मार्च को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि में चंद्रमा को महत्व दिया जाता है, इसलिए इसमें  सूर्य उदय का महत्व नहीं माना जाता है। ऐसे में पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को ही मान्य होगी और 17 मार्च की रात को होलिका दहन के बाद 18 मार्च को प्रतिपदा तिथि में रंगों और उमंगों से भरी होली खेली जा सकती है।

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