चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है और भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जहां सबसे बड़ा त्यौहार तब होता है, जब किसी राज्य में चुनाव होते हैं। ऐसा ही इस बार वर्ष 2022 की शुरुआत में हो चुका है कि जहां दुनिया कोरोना वायरस से जूझते हुए बाहर निकल रही है और रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है, वहीं भारत के 5 प्रमुख राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च 2022 को आ रहे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण चुनाव हैं क्योंकि इनमें प्रमुख राज्य शामिल हैं जिनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के अलावा मणिपुर और गोवा जैसे राज्य शामिल हैं।
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ऐसे में हर राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहा है लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा, यह तो 10 मार्च 2022 की रात को ही पता चल पाएगा। हालांकि अपनी तरफ से हर राजनीतिक दल बड़े-बड़े दावे करते हुए सरकार बनाने की बात कर रहे हैं। इन चुनावों में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल खास तौर से शिरकत कर रहे हैं।
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श्री नरेंद्र मोदी से लेकर माननीय योगी आदित्यनाथ, श्री राहुल गांधी, श्री अखिलेश यादव, सुश्री मायावती, चरणजीत सिंह चन्नी, आदि सभी पार्टी के दिग्गज अपनी-अपनी गणित के अनुसार इस चुनाव में जीतने का दावा कर रहे हैं। लेकिन क्या ग्रह भी इन्हें जिताना चाहते हैं? आखिर क्या है जनता के मन में और किसकी बनने वाली है सरकार आइये जानते है विस्तार से:-
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2022 विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल
सभी दावों की हकीकत बताते हुए अब आपके सामने प्रस्तुत है हमारा 2022 विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल। 10 मार्च 2022 एक ऐसा ऐतिहासिक दिन साबित होने वाला है, जिसमें ये साबित हो जाएगा कि भारत देश के इन पांच महत्वपूर्ण राज्यों की बागडोर इस बार किसके हाथ में जाएगी। ऐसे में आइए देखते हैं ज्योतिष के आईने से कि किसने जनता के दिल को जीता है और कौन बनेगा मुख्यमंत्री? साथ ही जानेंगे कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलने की संभावना है। लेकिन उससे पहले वर्ष 2022 में होने वाले लोकसभा चुनाव के समीकरणों पर डालते हैं एक नज़र।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव भारत के पाँच राज्यों में हुए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश मुख्य रूप से शामिल है। उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में भी 2022 में इलेक्शन हो चुके हैं। अधिकतर ऐसा देखा गया है कि विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के मुकाबले अलग मुद्दों और अलग कार्यप्रणाली के आधार पर लड़े जाते हैं और इनमें जीतने वाले उम्मीदवार भी जनता के ज्यादा निकट माने जाते हैं। इन चुनावों में कई ऐसे भी उम्मीदवार होंगे, जो पहली बार राजनीति में अपना करियर चमकाना चाहते होंगे। ऐसी स्थिति में जब पूरा देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है तब ये विधानसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे। हमने ज्योतिष के नज़रिए से यह जानने की कोशिश की है कि आने वाले इन 5 विधानसभा चुनावों के नतीजों में राजनीति की क्या स्थिति रहने वाली है और कौन होगा इलेक्शन 2022 का विजेता। कौन बनेगा मुख्यमंत्री और किसकी बनेगी सरकार। ग्रहों का गोचर किसे रखेगा सबसे ऊपर?
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ऐसे में मुख्य रूप से यह देखना दिलचस्प होगा कि 10 मार्च 2022 को होने वाली मतगणना से कौन सी पार्टी इस महापर्व को जीतकर इस बार सत्ता पर विराजमान होगी और किसके चेहरे पर मुस्कुराहट की जगह हार का दर्द दिखाई देगा।
एग्जिट पोल का ज्योतिषीय विश्लेषण
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विश्लेषण करते हुए एस्ट्रोसेज के एस्ट्रो गुरु मृगांक शर्मा ने इस लेख के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया कि यदि हम 10 मार्च 2022 को एग्जिट पोल प्रस्तुत करते हैं तो विभिन्न पार्टियों की विधानसभा चुनाव 2022 में क्या स्थिति रहने वाली है।
( 10 मार्च 2022)
मुख्य बिंदु
- 10 मार्च 2022 को जिस समय मतगणना प्रारंभ होगी, उस समय शनि मंगल बृहस्पति जैसा कोई भी बड़ा ग्रह वक्री अवस्था में नहीं है।
- देव गुरु बृहस्पति सूर्य से नजदीक होने के कारण अस्त अवस्था में हैं।
- चन्द्रमा का गोचर दोपहर तक वृषभ राशि और उसके बाद मिथुन राशि में होगा।
- शनि मंगल और शुक्र की युति मकर राशि में हो रही है।
- बृहस्पति सूर्य और बुध की युति भी है।
- चंद्रमा भी राहु के साथ स्थित होकर इस कुंडली में और दशम भाव में केतु के होने से कालसर्प की स्थिति भी बन रही है।
- दशम भाव का स्वामी मंगल द्वादश भाव में उच्च अवस्था में जो यह दर्शाता है कि सत्ता पक्ष को कुछ संघर्ष और अवरोधों का सामना करना पड़ेगा लेकिन विजय मिलने की संभावना भी बन रही है।
- चतुर्थ भाव के स्वामी शुक्र के बारहवें भाव में होने तथा चतुर्थ भाव पर राहु का प्रभाव होने से विपक्ष को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ेगा लेकिन चन्द्रमा के अपनी उच्च राशि वृषभ में उपस्थित होने के कारण थोड़ा लाभ अवश्य अर्जित होगा।
- लग्न पर शुभ ग्रहों का प्रभाव है लेकिन द्वादश भाव पीड़ित नजर आ रहा है। इसकी वजह से कुछ जगहों पर तनाव देखने को मिल सकता है।
क्या कहती है भारतीय जनता पार्टी की कुंडली?
आइए अब वैदिक ज्योतिष के अनुसार मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस की कुंडलियों का अध्ययन करते हैं और डालते हैं ग्रहों के प्रभाव पर एक नजर:
भारतीय जनता पार्टी
(6-4-1980: 11:40:00: नई दिल्ली)
(बीजेपी की कुंडली)
मुख्य बिंदु
- बीजेपी की लग्न राशि मिथुन है और चंद्र राशि वृश्चिक है।
- मंगल, बृहस्पति और शनि तीनों मुख्य ग्रह वक्री हैं।
- कुंडली के तीसरे भाव में अर्थात सिंह राशि में राहु, मंगल, बृहस्पति और शनि की युति है।
- शनि की साढ़ेसाती अंतिम दौर में चल रही है।
- लग्नेश बुध और केतु की युति नवम भाव में है।
वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी की कुंडली में भी ग्रहों की दशा बहुत अनुकूल नहीं चल रही है, इसलिए कुछ जगहों पर भारतीय जनता पार्टी को समस्या का सामना करना पड़ सकता है और उम्मीद के मुताबिक परिणाम आने में थोड़ा संशय हो सकता है।
क्या कहती है आम आदमी पार्टी की कुंडली?
(आम आदमी पार्टी की कुंडली)
मुख्य बिंदु
- आम आदमी पार्टी की कुंडली मकर लग्न की है जिसमें चंद्र राशि मेष है।
- बृहस्पति और बुध ग्रह वक्री हैं।
- कुंडली के पंचम भाव में गुरु और केतु का चांडाल दोष बन रहा है।
- कुंडली के एकादश भाव में सूर्य और राहु का ग्रहण योग निर्मित है।
- कुंडली के दशम भाव में शनि बुध और शुक्र की युति है।
- चंद्रमा से दशम भाव में और कुंडली के लग्न भाव में शनि का गोचर चल रहा है।
- लग्नेश शनि उच्च के होकर कुंडली के दशम भाव में पंचमेश और नवमेश से युति कर रहे हैं।
वर्तमान दशा और स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि यह चुनाव आम आदमी पार्टी को काफी हद तक लाभदायक साबित हो सकते हैं। खासतौर से पंजाब में इस पार्टी को बहुत लाभ मिलने की संभावना है।
क्या कहती है कांग्रेस पार्टी की कुंडली?
(कांग्रेस की कुंडली)
- कांग्रेस पार्टी की कुंडली मीन लग्न की और कन्या राशि की है।
- मंगल शनि और बृहस्पति तीनों मुख्य ग्रह वक्री हैं।
- कुंडली के सप्तम भाव में राहु और चंद्र का ग्रहण दोष बन रहा है।
- कुंडली के दशम भाव में शुक्र और सूर्य की युति है और उस पर बृहस्पति की दृष्टि है।
- कुंडली के पंचम भाव में मंगल नीच राशि गत हैं।
- लग्न भाव पर राहु केतु का प्रभाव है।
- लग्नेश बृहस्पति चतुर्थ भाव में वक्री अवस्था में मिथुन राशि में हैं।
उपरोक्त आधार पर और वर्तमान ग्रह दशाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि वर्तमान समय कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत ज्यादा उत्साहवर्धक तो नहीं कहा जा सकता लेकिन बृहस्पति की महादशा में मंगल ग्रह की अंतर्दशा के कारण आंशिक लाभ हो सकता है।
निष्कर्ष: इस प्रकार अगर ग्रहों एवं नक्षत्रों की स्थिति पर ध्यान दिया जाए तो हम यह देखते हैं कि हमें विभिन्न राज्यों में अलग-अलग स्थितियां देखने को मिल सकती हैं।
यदि उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 की बात करें तो यह कहा जा सकता है कि सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार माननीय योगी आदित्यनाथ जी दोबारा सत्ता संभाल सकते हैं और समाजवादी पार्टी को कुछ सीटों का लाभ हो सकता है। आवश्यकता होने पर बहुजन समाज पार्टी द्वारा भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया जा सकता है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि एआईएमआईएम को भी कुछ सीटों का फायदा होता दिख रहा है। योगी आदित्यनाथ का पलड़ा अखिलेश यादव से भारी दिखाई दे रहा है।
पंजाब चुनावों की बात करें तो आम आदमी पार्टी की स्थिति काफी मजबूत होगी और वह सरकार बनाने की स्थिति में आ सकती है, चाहे इसके लिए उसे गठबंधन भी करना पड़े। कांग्रेस पार्टी को पिछली बार के मुकाबले नुकसान उठाना पड़ सकता है और शिरोमणि अकाली दल कमजोर स्थिति में रहने की संभावना है। भारतीय जनता पार्टी का यहां पर प्रभाव थोड़ा बढ़ेगा जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी को भी लाभ होने की उम्मीद दिखाई दे रही है। यहां भगवंत मान का पलड़ा चरणजीत सिंह चन्नी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुकाबले मजबूत है।
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है जिसमें भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन के साथ सरकार बनने की संभावना है। पुष्कर धामी का पलड़ा ज्यादा भारी नजर आ रहा है।
मणिपुर चुनाव में वर्तमान सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की जीत होने की संभावना है हालांकि कांग्रेस भी अच्छी स्थिति में रहेगी। बीरेन सिंह के पक्ष में स्थितियां मुड़ती हुई नजर आ रही हैं।
यदि गोवा चुनावों की बात करें तो यहां कुल 40 विधानसभा सीट हैं, जिनमें भाजपा, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है और अंततः भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने की संभावना है।
(ऐस्ट्रोगुरु मृगांक शर्मा से कॉल पर बात करने के लिए यहाँ क्लिक कर सकते हैं)
(उपरोक्त विश्लेषण का आधार इंटरनेट पर उपलब्ध कुंडली के आधार पर किया गया है। पूर्ण जानकारी के अभाव में अन्य पार्टियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। यह विश्लेषण ज्योतिष के विद्यार्थियों के लिए केवल एक अध्ययन के उद्देश्य से किया गया है।)
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