शुक्र का वृषभ राशि में गोचर 2023: जानें देश-दुनिया पर क्या पड़ेगा इस गोचर का प्रभाव!

शुक्र गोचर 2023- एस्ट्रोसेज की हमेशा से यही पहल रही है कि हम किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की जानकारी अपने रीडर्स को समय पर प्रदान करें, जिससे आपको अपने जीवन में होने वाले शुभ-अशुभ बदलावों की जानकारी पहले से हो सके। 

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इसी कड़ी में जुड़ते हुए हम इस ब्लॉग के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं 6 अप्रैल, 2023 को शुक्र का वृषभ राशि में होने वाले गोचर की सभी जानकारी। साथ ही जानते हैं शुक्र का वृषभ राशि में गोचर देश-दुनिया पर क्या प्रभाव डालेगा।

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ज्योतिष में शुक्र ग्रह

ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, खूबसूरती, कला, और रोमांस का कारक ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह भोग विलास की वस्तु का भी कारक होता है। एक खगोलीय ग्रह के रूप में शुक्र ग्रह पृथ्वी की तुलना में सूर्य के ज्यादा करीब है। इसका वातावरण गैसीय है। अपने इसी सघन वातावरण के चलते शुक्र ग्रह प्रकाश या रोशनी को परावर्तित करता है और अंतरिक्ष में सबसे चमकीले तारे के रूप में उभर कर आता है। शुक्र ग्रह को भोर का तारा भी कहा जाता है।

ज्योतिष में शुक्र ग्रह को 2 राशियों यानी वृषभ और तुला का स्वामी माना गया है। यह मीन राशि में 27 अंश पर उच्च का माना गया है और कन्या राशि में 27 के अंश पर नीच का माना जाता है। शुक्र ग्रह व्यक्ति के जीवन में जीवन साथी, प्रेम, विवाह, विलासिता, आकर्षण, धन, खुशी, परिवहन के साधन, कला, नृत्य, संगीत, अभिनय, जुनून, उपचार और मंत्रों का जाप करने का कारण भी माना गया है।

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यदि शुभ शुक्र ग्रह कुंडली में शुभ स्थान पर हो तो ऐसे जातक धन, संपदा, आभूषण, खुशहाल परिवार, आनंदमई जीवन, व्यवसायिक सफलता, आदि से भरपूर जीवन व्यतीत करने में सफल रहते हैं। शुक्र ग्रह चतुर्थ भाव में ‘दिग्बाला’ या दिशात्मक बल प्राप्त करता है और पहले, पांचवें और नौवें भाव में भी स्थित होने का आनंद लेता है। यह एक जल तत्व का संकेत है और शुक्र से संबंधित रत्नों की बात करें तो हीरा और ओपल शुक्र से संबंधित रत्न माने गए हैं।

वृषभ राशि में शुक्र का प्रभाव

वृषभ राशि में शुक्र अपनी स्वराशि में होने जैसे सहज हैं। ऐसे में शुक्र जातकों को उच्च बुद्धि, सभ्य और  आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है। आमतौर पर देखा गया है कि ऐसे लोग स्वस्थ, समृद्ध और वैभवशाली जीवन व्यतीत करने में सफल होते हैं। इसके अलावा व्यक्तित्व में ऐसे जातक जिम्मेदार और इमानदार स्वभाव के होते हैं और जीवन में कभी भी किसी को दुख पहुंचाने का इरादा नहीं रखते हैं। यूं तो ऐसे जातक भौतिकवादी स्वभाव के होते हैं लेकिन कभी भी यह लोग अपने प्रिय जनों के साथ किसी तरह की कोई प्रतिस्पर्धा या उन्हें चोट नहीं पहुंचाते हैं।

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वृषभ राशि में शुक्र के प्रभाव से जातक मेहनती होते हैं और यह अपनी तेज बुद्धि और तेज सोच के दम पर हमेशा दूसरों से आगे निकलने की कोशिश करते हैं। ऐसे जातक व्यवसाय में आमतौर पर अच्छा लाभ कमाते हैं। अक्सर देखा गया है कि ऐसे जातक दोहराव वाला काम पसंद नहीं करते हैं और जल्दी ऊब भी जाते हैं। काम करने की इनकी शक्ति विलक्षण होती है और रचनात्मक कार्य जैसे डिजाइनिंग, आर्किटेक्चर, इंटीरियर, में यह लोग अच्छा नाम कमाते हैं। इसके अलावा फ़ैशन उद्योग, मनोरंजन उद्योग, या मीडिया में भी ऐसे जातक अच्छा काम करते हैं।

फ़ैशन, मनोरंजन और मीडिया आदि में शानदार काम करने वाले लोगों की कुंडली में अक्सर शुक्र ग्रह की यही स्थिति होती है। इसके अलावा ऐसे जातक रोमांटिक स्वभाव के होते हैं और लोगों के आसपास रहना और दोस्ती यारी निभाना इन्हें अच्छा लगता है। ऐसे जातक दोस्तों और परिवार के लोगों को बेहद महत्व देते हैं और विवाह में इसकी आस्था अटूट होती है। इसके अलावा ऐसे लोग हमेशा अपनों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर समय 

बात करें समय की तो शुक्र ग्रह 6 अप्रैल, 2023 को सुबह 10:50 पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएगा। ज्योतिष के अनुसार जब व्यक्ति की कुंडली में शुक्र सकारात्मक स्थिति में होता है तो ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में भौतिक सुख, विलासिता, प्रसिद्धि, और रोमांस से भरपूर रूप से प्राप्त करते हैं। वैदिक ज्योतिष में शुक्र का गोचर बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है। 

गोचर की बात करें तो शुक्र का गोचर काफी तेज गति से होता है। यानी शुक्र तेज गति वाला ग्रह है और लगभग 1 महीने में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर जाता है। शुक्र एक शुभ ग्रह होने के कारण ज्यादातर सकारात्मक परिणाम देता है लेकिन अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ प्रभाव में शुक्र ग्रह मौजूद है तो इससे व्यक्ति को नकारात्मक परिणाम भी मिलने लगते हैं।

शुक्र का वृषभ में गोचर: जानें इसका देश दुनिया पर क्या पड़ेगा असर?

  • शुक्र के गोचर के प्रभाव स्वरूप भारत के दक्षिण या दक्षिण पूर्व के देश भारत का समर्थन करते नजर आ सकते हैं और भारत के साथ मजबूत राजनीतिक और आर्थिक संबंध बना सकते हैं।
  • भारत की कुंडली के अनुसार बात करें तो भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है और वृषभ का स्वामी शुक्र होता है। अपने इस गोचर के दौरान शुक्र पहले भाव में स्थित होगा जिसका स्पष्ट रूप से अर्थ है कि, इस समय अवधि में भारत को भाग्य का भरपूर साथ और समर्थन मिलेगा और भारत को कई आंतरिक और बाहरी मामलों में स्थिरता देखने को मिल सकती है। जिसका सीधा असर देश और देशवासियों पर पड़ने की संभावना है।
  • इस गोचर अवधि के दौरान कृषि उत्पादन, विकास, और अनुसंधान और कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
  • शुक्र के इस गोचर के दौरान किसान और खेती से जुड़े कार्यों में लगे लोगों को लाभ मिलने की संभावना है। 
  • परफ्यूमरी और परफ्यूम डीलरों के मालिक लोगों को दुनिया भर में अपने कारोबार में उछाल देखने का मौका मिल सकता है। 
  • इसके अलावा फूलों का कारोबार करने वाले, इवेंट मैनेजमेंट करने वाले, शादी प्लानर्स आदि से जुड़े लोगों को भी इस गोचर से भरपूर लाभ मिलेगा। 
  • फैशन उद्योग, मनोरंजन उद्योग, और दुनिया भर में मीडिया लाभ अर्जित करने में कामयाब रहेगा। 
  • इस समय अवधि में दुनिया के विभिन्न हिस्सों के कलाकार फलते फूलते नजर आएंगे। 
  • देश के साथ-साथ दुनिया की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा क्योंकि विलासिता का ग्रह शुक्र अपनी ही राशि में गोचर करने जा रहा है। 
  • इसके अलावा डेरी उत्पाद जैसे दूध, दही, आदि और पैकेज्ड फूड डीलरों के निर्माता इस गोचर के दौरान भारी मुनाफा कमाने के लिए तैयार रहें। 

वृषभ में शुक्र गोचर: नोट कर लें असरदार उपाय 

  • शुक्रवार के दिन व्रत करें और खीर, चावल, दूध, चांदी, जैसी वस्तुओं का किसी मंदिर में जा कर के आप दान कर सकते हैं। आप चाहे तो शुक्र का यह कारगर उपाय किसी गरीब के साथ भी कर सकते हैं। अर्थात किसी गरीब को इन वस्तुओं का दान कर सकते हैं। 
  • दूध से बनी मिठाइयां छोटी कन्याओं और विधवा महिलाओं को दान करें। 
  • माँ लक्ष्मी को हर शुक्रवार लाल रंग के फूल और इत्र अर्पित करें। 
  • साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें और छोटी लड़कियों और महिलाओं को मेकअप का सामान दान करें। 
  • शुक्र यंत्र का हो सके तो रोजाना नहीं तो शुक्रवार शुक्रवार पूजा अवश्य करें।

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