वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह माना जाता है। अग्रेज़ी भाषा में शुक्र को वीनस- सुंदरता की देवी कहा गया है। स्त्री ग्रह शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व भी प्राप्त है। इसके अलावा शुक्र ग्रह को सबसे चमकदार ग्रह का दर्जा भी प्राप्त है।
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ग्रहों की चाल हमारे जीवन को काफ़ी हद तक प्रभावित करती है। ऐसे में अगर आप भी इन ज्योतिषीय घटनाओं का अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की संपूर्ण और विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो एस्ट्रोसेज की व्यक्तिगत और विस्तृत बृहत् कुंडली रिपोर्ट इसमें आपकी मदद कर सकती है।
अब बात करें अगर शुक्र ग्रह के गोचर की तो, 28 सितंबर 2020 को शुक्र ग्रह 00:50 बजे कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश कर जायेंगे। इसके बाद 23 अक्टूबर 10 बज-कर 44 मिनट तक शुक्र ग्रह इसी राशि में स्थित रहने वाले हैं। शुक्र ग्रह को लाभ का कारक माना गया है। जहाँ मीन राशि में शुक्र ग्रह उच्च के माने जाते हैं, वहीं कन्या राशि में इन्हें नीच का माना जाता है। ऐसे में शुक्र ग्रह का गोचर आपके जीवन में क्या कुछ बदलाव या परिवर्तन लेकर आयेगा इसकी व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने के लिए आप अभी विशेषज्ञ ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।
इसके अलावा शनि, बुध और केतु के साथ शुक्र के संबंध अच्छे होते हैं, और सूर्य, चंद्रमा और राहु ग्रह के सतह इनके संबंध अच्छे नहीं होते हैं। इसके अलावा मंगल और बृहस्पति के साथ इनके संबंध सामान्य होते हैं। कुंडली में शुक्र यदि अच्छी अवस्था में मौजूद हो तो इससे इंसान को समस्त सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है, और दुर्बल या पीड़ित शुक्र सांसारिक सुखों में कमी, आर्थिक हालात में गिरावट और किडनी की समस्या का कारक बनता है।
अब सवाल उठता है कि शुक्र का यह राशि परिवर्तन आपके जीवन पर क्या और कितना असर डालेगा? तो आइये यह जानने के लिए पढ़ते हैं राशिनुसार भविष्यफल।
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गोचर – मेष राशि फलादेश
सौंदर्य के देवता शुक्र का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होगा। इस भाव से हम संतान, शिक्षा, प्रेम आदि के बारे में विचार करते हैं। इस राशि प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए शुक्र का यह गोचर कई …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – वृषभ राशि फलादेश
शुक्र ग्रह का गोचर आपके सुख भाव यानि चतुर्थ भाव में होगा। शुक्र ग्रह आपके लग्न और षष्ठम भाव का स्वामी है और इस गोचर काल के दौरान आपके चतुर्थ भाव में विराजमान होकर सुखों में वृद्धि करेगा…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – मिथुन राशि फलादेश
आपके पंचम और द्वादश भाव का स्वामी ग्रह शुक्र का गोचर आपके तृतीय भाव में होगा। इस भाव से हम साहस, पराक्रम, छोटे भाई-बहन आदि के बारे में विचार करते हैं। मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर कई मायनों में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – कर्क राशि फलादेश
आपके एकादश और चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह शुक्र सिंह राशि में गोचर के दौरान आपके द्वितीय भाव में होगा। द्वितीय भाव से आपकी वाणी, परिवार, धन आदि पर विचार किया जाता है। यदि आपका पारिवारिक व्यवसाय है तो…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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गोचर – सिंह राशि फलादेश
सिंह राशि के लग्न भाव यानि प्रथम भाव में शुक्र ग्रह का गोचर होगा। किसी भी कुंडली के लग्न भाव से हम शरीर, व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, चरित्र, बुद्धि आदि के बारे में विचार करते हैं। शुक्र के इस गोचर से आपके जीवन में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – कन्या राशि फलादेश
शुक्र ग्रह का गोचर आपकी राशि से द्वादश भाव में होगा। इस भाव को हानि का भाव कहा जाता है और इससे जीवन में आने वाली परेशानियों, खर्चों, विदेश आदि के बारे में विचार किया जाता है। कन्या राशि के जातकों के लिए…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – तुला राशि फलादेश
आपके लग्न और अष्टम भाव का स्वामी ग्रह शुक्र इस गोचर काल के दौरान आपके एकादश भाव में स्थित होगा। शुक्र के इस गोचर से आपके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। इस राशि के जो लोग नौकरी…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – वृश्चिक राशि फलादेश
मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि के जातकों के दशम भाव में शुक्र ग्रह का गोचर होगा। इस भाव से आपके कर्म, नेतृत्व, व्यवसाय आदि के बारे में विचार किया जाता है। इस गोचर के दौरान आपको कार्यक्षेत्र में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखें यह वीडियो
गोचर – धनु राशि फलादेश
धनु राशि के जातकों के षष्ठम और एकादश भाव का स्वामी शुक्र का गोचर आपके नवम भाव में होगा। इस भाव से हम भाग्य, पिता, यात्राओं आदि के बारे में विचार करते हैं। शुक्र के इस गोचर के दौरान आपको थोड़ा संभलकर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – मकर राशि फलादेश
राशि चक्र के दशम राशि मकर के अष्टम भाव में शुक्र ग्रह का गोचर होगा। इस भाव को आयुर भाव भी कहा जाता है और इससे जीवन में आने वाली परेशानियों, गूढ़ विषय, बाधा, पैतृक संपत्ति आदि के…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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गोचर – कुंभ राशि फलादेश
कुंभ राशि के जातकों के सप्तम भाव में शुक्र ग्रह का गोचर होगा। इस भाव से साझेदार और जीवनसाथी के बारे में विचार किया जाता है। इस भाव में शुक्र के गोचर के दौरान आपको अपने जीवनसाथी का…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – मीन राशि फलादेश
मीन राशि के जातकों के षष्ठम भाव में शुक्र ग्रह का गोचर होगा। इस भाव को अरि भाव भी कहा जाता है, यह भाव शत्रु, ऋण, विवाद, अधिनस्थ कर्मचारी आदि का कारक है। इस गोचर काल के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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