लाल ग्रह के नाम से विख्यात मंगल जल्द ही अपनी वक्री अवस्था में वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर का असर हर राशि पर अलग-अलग तरह से पड़ेगा। साथ ही, इसका प्रभाव स्वास्थ्य समेत विश्व भर की अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको इस गोचर की तिथि, समय के साथ-साथ दुनियाभर के लोगों पर होने वाले इसके प्रभाव के बारे में भी बताएंगे। तो आइये जानते हैं वक्री मंगल के गोचर के बारे में सबकुछ।
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वक्री मंगल का वृषभ राशि में गोचर
विज्ञान के अनुसार, वक्री अवस्था वह अवस्था होती है जब कोई ग्रह विपरीत दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है। हालांकि, वास्तव में ग्रह की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता है। ऐसा लगने के पीछे का कारण उस ग्रह और धरती की बीच की दूरी होती है। लेकिन वैदिक ज्योतिष में इसका महत्व बहुत अधिक है और इसका प्रभाव कई लोगों के जीवन पर पड़ता है। इसका सीधा सा मतलब ये है कि कोई ग्रह अपने रास्ते से भटक जाता है तो इसका प्रभाव भी लोगों के जीवन पर पड़ता है। मंगल एक उग्र ग्रह माना जाता है और जब ये वक्री हो जाता है तो इसका असर सभी पर देखने को मिलता है। ऐसे में दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
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वक्री मंगल के वृषभ राशि में गोचर का समय और तिथि
मंगल 30 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 19 मिनट पर मिथुन राशि में वक्री हुए थे और अब 13 नवंबर 2022 को दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर वृषभ राशि में वक्री मंगल का गोचर होने जा रहा है। ये इसी राशि में रहते हुए 13 जनवरी 2023 को वापिस मार्गी हो जाएंगे।
वक्री मंगल का प्रभाव
मंगल को देह का कारक माना जाता है जो एक उग्र ग्रह है। मंगल हमारे शरीर की ज्वलनशील चीजों को नियंत्रित करता है। ये जीवन शक्ति, शारीरिक शक्ति, समर्पण और किसी कार्य को करने की प्रेरणा और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए मंगल के वक्री होने पर शरीर की ऊर्जा कम होने लगती है और व्यवहार में भी बदलाव आने लगता है। हो सकता है इसके प्रतिकूल प्रभाव के कारण आप चिड़चिड़े रहने लगे और गुस्सैल स्वभाव के बन जाए। लेकिन मंगल की इस अवस्था का आप पर कैसा असर होगा, ये पूरी तरह से कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति पर निर्भर करता है।
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वक्री मंगल के वृषभ राशि में गोचर के कारण जीवन में आने वाली समस्याएं
- रूस और यूक्रेन के युद्ध में कुछ गलत निर्णय लिये जा सकते हैं और इससे स्थिति और भी खराब हो सकती है। इसके कारण सैनिकों को परेशानी उठानी पड़ सकती है क्योंकि मंगल सैनिक और सेना का कारक माना गया है।
- खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना है और ऐसे में, वो अपनी अपेक्षाओं के अनुसार प्रदर्शन करने में नाकाम रहे सकते हैं।
- रियल एस्टेट कारोबार का प्रदर्शन ज्यादा ख़ास न रहने की आशंका है।
- आमतौर पर लोगों को इलेक्ट्रॉनिक चीजों और वाहनों को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- ये वक्त प्रॉपर्टी बेचने या खरीदने के लिए फायदेमंद साबित नहीं होगा।
- इस दौरान लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, खासतौर पर खून से जुड़ी दिक्कतों का।
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वक्री मंगल: अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
हम जानते हैं कि मंगल भूमि, संपत्ति, रियल एस्टेट आदि का कारक है। जब कुंडली में मंगल की स्थिति में सुधार होगा तो आपको रियल एस्टेट के बिजनेस में अनुकूल परिणाम प्रदान करेगा। इस वक्त गलतफहमी या फिर कमिटमेंट्स पूरे ना होने के कारण अनेक योजनाएं और डील्स बीच में अटक सकती है। जो लोग कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में हैं उन्हें मजदूरों के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मालिक और कारीगरों में मतभेद की स्थिति बनी रहेगी जिससे काम में देरी होगी और आर्थिक हानि भी हो सकती है। जो लोग इलेक्ट्रॉनिक चीजों के व्यापार में हैं उन्हें तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
वक्री मंगल: स्वास्थ्य पर प्रभाव
जैसे कि हम पहले भी बता चुके हैं कि मंगल देह का कारक है और ये शरीर में ऊर्जा का भी प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए संभावना है कि इस दौरान लोगों की सेहत खराब रह सकती है जिसके कारण शरीर में ऊर्जा की कमी देखने को मिल सकती। दुर्घटनाओं के मामले भी बढ़ सकते हैं। हम जानते हैं कि डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और वक्री मंगल के प्रतिकूल प्रभाव से इसमें और बढ़ोतरी होगी जैसे ब्लड प्लेटलेट्स में गिरावट के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि मंगल रक्त का कारक है। इस दौरान लोगों को अपने स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता का विशेष ध्यान रखना चाहिए इसलिए कोशिश करें कि गुड़ या गुड़ की बनी चीजों का नियमित सेवन करें।
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वक्री मंगल: विश्व पर प्रभाव
वक्री मंगल के संसार पर पड़ने वाले प्रभाव की बात करें तो, हमें इसका असर रूस और यूक्रेन के युद्ध पर देखने को मिलेगा। ताकतवर देश जैसे अमेरिका कोई गलत फैसला ले सकता है या फिर रूस हालात को और खराब बना सकता है जिसके कारण सैनिकों को नुकसान होगा, जैसे कि हमने ऊपर भी बताया है कि मंगल सेना और सैनिकों का कारक ग्रह माना जाता है।
इसके अलावा, आग से संबंधित दुर्घटनाओं के बारे में खबरें सुनने को मिल सकती हैं जिसका प्रभाव लेबर और मजदूरों पर पड़ेगा। दक्षिण दिशा की तरफ वाले क्षेत्रों में मौसम में बदलाव दिखाई दे सकते हैं क्योंकि मंगल की दिशा दक्षिण है। इसलिए कोशिश करें कि अपने घरों और दफ्तरों में दक्षिण दिशा को साफ-सुथरा रखें।
वक्री मंगल के प्रभाव से बचने के लिए करें ये सरल उपाय
- हनुमान जी की पूजा करें और रोजाना 7 बार हनुमान चालीसा पढ़ें।
- मजदूर वर्ग के लोगों का सम्मान करें और उन्हें भोजन कराएं। जरूरत होने पर उनकी मदद करें।
- मंगलवार और शनिवार को बंदरों को केले खिलाएं।
- रोजाना गुड़ का सेवन करें।
- मंदिर में गुड़ और मूंगफली से बनी मिठाई चढ़ाएं।
- अगर आपकी सेहत ठीक है तो रक्तदान करें।
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