तुलसीदास जयंती : जानें इस दिन का महत्व, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

श्रावण मास की सप्तमी के दिन तुलसीदास जयंती का पर्व पूरे भारत में मनाया जाता है। इस वर्ष 27-जुलाई, 2020 सोमवार के दिन तुलसीदास जयंती का पर्व मनाया जायेगा। गोस्वामी तुलसीदास जी ने सगुण भक्ति की रामभक्ति धारा को ऐसा प्रवाहित किया कि वह धारा सालों से यूँ ही प्रवाहित हो रही है। 

एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात!

कहा जाता है कि सिर्फ अपने आप को ही नहीं बल्कि तुलसीदास जी ने सभी को प्रभु श्रीराम के आदर्शों से जोड़ने का प्रयास किया। बता दें कि वो तुलसीदास जी ही थे जिन्होंने भगवान राम की कथा को हिन्दू धर्म में पूजनीय मानी जाने वाली “श्रीरामचरितमानस” का रूप दिया था। 

तुलसीदास जयंती की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त 

यूँ तो, गोस्वामी तुलसीदास जी ने कुल 12 पुस्तकों की रचना की है, लेकिन ‘रामचरितमानस’ से उन्हें सबसे ज्यादा ख्याति प्राप्त हुई। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना उत्तर भारत में बोली जाने वाली अवधि भाषा में की है। यही वजह है जिसके चलते उन्हें जन-जन का कवि कहा जाता है। तुलसीदास जयंती के मौके पर लोग रामचरितमानस का पाठ करते हैं। इसके अलावा लोग मंदिरों में जाते हैं और प्रभु राम, माता सीता और उनके परम भक्त हनुमान की भी पूजा करते हैं। साथ ही तुलसीदास जी का भी स्मरण किया जाता है।

क्या आपकी कुंडली में हैं शुभ योग? जानने के लिए अभी खरीदें एस्ट्रोसेज बृहत् कुंडली

  • इस दिन घर पर पूजा कर रहे हैं तो, सबसे पहले किसी साफ़ जगह पर राम दरबार स्थापित करें।
  • उनके सामने घी का दीपक जलाएं।
  • स्वेच्छानुसार प्रसाद चढ़ाएं। इस दिन की पूजा में तुलसीदल अवश्य चढ़ाएं।
  • इसके बाद तुलसी की माला से दोहे और चौपाई का कम-से-कम 108 बार जाप करें।
  • इसके बाद अपने दिल की मनोकामनाएं भगवान से कहें।
  • आप चाहें तो ऐसा करने की शुरुआत किसी भी किसी भी मंगलवार, रविवार या नवमी तिथि को कर सकते हैं। (तुलसीदास जयंती के मौके पर जानें तुलसीदास से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से)

तुलसीदास जयंती पूजा समय 

सप्तमी तिथि शुरू : 09:30 – 26 जुलाई 2020

सप्तमी तिथि ख़त्म : 07:10 – 27 जुलाई 2020

करियर की हो रही है टेंशन! अभी आर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

रामचरितमानस क्या है और क्या है इसका महत्व 

रामचरितमानस दरअसल अवधी भाषा में लिखी हुई “रामायण” है। कहते हैं कि इसमें लिखा एक-एक शब्द और एक-एक पंक्ति इतनी प्रभावशाली है जितना की कोई मंत्र। इसके अलग-अलग अध्याय भी पढ़े जाते हैं। जीवन में शांति ना मिल पा रही हो, या किसी सवाल का जवाब ना मिल पा रहा हो तो इंसान को रामचरितमानस का पाठ करना चाहिए, इससे मन को शांति और जीवन की हर परेशानी का हल भी मिलता है। इसके अलावा मान्यता है कि विशेष कामनाओं के लिए रामचरितमानस की अलग-अलग पंक्तियों का पाठ करना चाहिए। 

क्या आपको चाहिए एक सफल एवं सुखद जीवन? राज योग रिपोर्ट से मिलेंगे सभी उत्तर!

जानें किस मनोकामना के लिए कौन सी पंक्ति पढ़नी चाहिए 

  • अगर आप नौकरी की तलाश में हैं तो आप इस पंक्ति का पाठ करें, 

बिस्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई |

इसके अलावा नौकरी संबंधी किसी अन्य सवाल का जवाब चाहिए तो, अभी प्राप्त करें अपनी विस्तृत और व्यक्तिगत कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट |

  • अगर जीवन में कोई परेशानी हो जिसका आप निवारण चाहते हो तो, इस पंक्ति का जाप करें, 

जपहि नामु जन आरत भारी, मिटाई कुसंकट होई सुखारी |

  • अगर ज्ञान अर्जित करना चाहते हैं तो, उसके लिए इस पंक्ति का जप फलदायी रहेगा,

गुरु गृह पढ़न गए रघुराई, अलप काल विद्या सब आयी |

  • अगर विवाह से संबंधित कोई बात बाधा बन रही है, या फिर सुयोग/मनचाहा वर चाहिए तो, उसके लिए इस पंक्ति का जप करें, 

सुनु सिय सत्य असीस हमारी, पूजहि मनकामना तुम्हारी |

  • अगर किसी बीमारी या रोग से ग्रस्त हैं और उससे मुक्ति पाना चाहते हैं तो, इस पंक्ति का जप करना आपके लिए श्रेष्ठ रहेगा,

दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, राम राज नहीं काहूंहि व्यापा |

  • अगर जीवन में निराशा से घिर रहे हों, या ऐसा लगने लगे कि सभी रास्ते बंद हो रहे हैं तो मन की शांति और जीवन में उचित मार्गदर्शन के लिए इस पंक्ति का नियमित जप करें, 

दीन दयाल विरदु सम्भारी, हरहु नाथ मम संकट भारी |

  • जीवन में भला ईश्वर का साथ किसे नहीं चाहिए होता है, ऐसे में भगवान की कृपा और उनका साथ पाने के लिए इस पंक्ति का जप सर्वश्रेष्ठ माना गया है,

कामिहि नारी पियारी जिमी, लोभी प्रिय जिमि दाम |

तेहि रघुनाथ निरंतर, प्रिय लागहु मोहि राम ||

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

जुलाई महीने का अगला व्रत-त्यौहार है श्रावण पुत्रदा एकादशी, जिसे 30-जुलाई, 2020 गुरुवार के दिन मनाया जायेगा | श्रावण पुत्रदा एकादशी के बारे में अधिक जानने के लिए हमारे साथ बने रहे|

प्रीमियम ज्योतिषियों से बात करने का आसान ज़रिया, ‘वार्ता’ के बारे में अधिक जानकारी इस वीडियो में: यहाँ क्लिक करें 

हम आशा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 

 

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.