कल भव्य शपथ ग्रहण समारोह में नरेंद्र मोदी ने 57 मंत्रियों के साथ दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस बार के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत का सूत्रधार माने जाने वाले अमित शाह ने भी सभी अन्य मंत्रियों के साथ कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी मंत्रिमंडल में इस बार अमित शाह को किसी बड़े विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालाँकि इसके साथ ही इस बार मोदी कैबिनेट में कई दिग्गज नेता शामिल नहीं हैं।
मोदी कैबिनेट में इस बार नहीं नजर आएंगे ये बड़े चेहरे
अरुण जेटली
बीते दिनों इस बात को लेकर काफी गहमा गहमी की स्थिति बनी हुई थी कि अरुण जेटली, जिन्हें साल 2014 में मोदी सरकार में वित्त मंत्री का पद दिया गया था वो इस बार कैबिनेट में शामिल होंगे या नहीं। हालाँकि कयासों को दूर करते हुए बीते दिनों अरुण जेटली ने खुद नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल ना करने की अपील की। कैबिनेट में शामिल ना होने की वजह जेटली ने अपना ख़राब स्वास्थ्य बताया है।
जे पी नड्डा
बीजेपी के बड़े नेता जे पी नड्डा का नाम भी इस बार मोदी कैबिनेट से बाहर है। पिछली सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री का पद दिया गया था। उन्हें मंत्रिमंडल में जगह भले ही ना मिले लेकिन ऐसा माना जा रहा है की अमित शाह की जगह उन्हें बीजेपी अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है।
सुषमा स्वराज
पिछली सरकार में मिले विदेश मंत्रालय का कार्यभार सफलता पूर्वक संभालने के बाद इस बार सुषमा स्वराज को मोदी कैबिनेट से बाहर रखा गया है। उन्होनें इस बार मंत्रिमंडल में शामिल ना होने की वजह अपनी ख़राब सेहत बताई है।
राज्यवर्धन सिंह राठौर
पिछली सरकार में खेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में कार्यरत राज्यवर्धन सिंह राठौर को भी मोदी सरकार के नए कार्यकाल में जगह नहीं दी गयी है। हालाँकि मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल क्यों नहीं किया गया है यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो पायी है।
मेनका गाँधी
इस बार मेनका गाँधी भी एक ऐसा नाम है जिन्हें मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिल पायी है। पिछली सरकार में पीलीभीत से चुनाव जीतने के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इस बार भी लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर सीट से उन्होनें अपनी जीत दर्ज करवाई है।
इसके अलावा और भी कई ऐसे चेहरे हैं जिन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है।