Ratha Saptami 2021 : रथ सप्तमी पर क्या है, स्नान-दान का महत्व

रथ सप्तमी 2021 (Ratha saptami 2021) माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन मनाया जाता है। साल 2021 में रथ सप्तमी, शुक्रवार के दिन 19 फरवरी को पड़ रही है। हिन्दू धर्म के अनुसार इस दिन सूर्य देव की पूजा-पाठ करने से और स्नान-दान करने से व्यक्ति को हजार गुना ज्यादा फलों की प्राप्ति होती है।  

रथ सप्तमी के दिन स्नान, दान का विशेष महत्व है। हिन्दू मान्यता के अनुसार रथ सप्तमी के दिन किसी पवित्र नदी या कुंड में सूर्योदय के वक्त स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। रथ सप्तमी को भानु सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहते है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रथ सप्तमी के दिन पूजा-पाठ करने से सूर्य देव व्यक्ति को सौभाग्य, संस्कारी संतान और सुंदरता प्रदान करते है। आइए जानते है रथ सप्तमी पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व और सूर्य देव की कैसे करें उपासना ।  

रथ सप्तमी 2021 तिथि और मुहूर्त (Ratha Saptami 2021 Date and Muhurat)

– 19 फरवरी, 2021, शुक्रवार

स्नान मुहूर्त – सुबह 05:24 से 06:56 तक

अवधी- 1 घंटे, 42 मिनट  

सप्तमी तिथि प्रारंभ- 18 फरवरी, 2021 को सुबह  08:17 से

सप्तमी तिथि समाप्त- 19 फरवरी, 2021 को सुबह 10:58 

निरोग रहने के लिए करें सूर्य देव की उपासना 

पौराणिक मान्यता के अनुसार रथ सप्तमी के दिन जो भी व्यक्ति सूर्य देव की उपासना करता है, उसके सारे रोग जल्द ठीक हो जाते है, और वह सदैव निरोग रहता है, सूर्य की रोग शमन शक्तियों का विवरण वेद, पुराण और योग शास्त्र में भी है। इन सभी ग्रन्थों के अनुसार आरोग्य सुख पाने के लिए सूर्य की उपासना बेहद फलदायी है। सूर्य की किरणों से ही धरती प्रकाशमय होती है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक सप्तमी के दिन सूर्य देव की उपासना करने और व्रत रखने से व्यक्ति के सभी तरह के रोग मिट जाते है। आज भी आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में सूर्य चिकित्सा का उपयोग किया जाता है। व्यक्ति के हड्डियों की कमजोरी, शारीरिक तौर पर कमजोर,जोड़ों में दर्ज जैसी बीमारियों से सूर्य देव की आराधना करने पर छुटकारा मिल जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य की तरफ मुंह करके सूर्य स्तुति करने पर त्वचा रोग खत्म होते हैं, और आंखों की रोशनी पर बढ़ती है। धर्म ग्रंथो में इसका विवरण किया गया है। सूर्य स्तुति करने से निराश व्यक्ति का मनोबल भी बढ़ता है। वहीं व्यक्ति के शरीर पर होने वाले हर तरह के सफेद दाग भी मिट जाते है। धर्म ग्रंथों के अनुसार सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति के हर तरह के कुष्ठ रोगों से छुटकारा मिल जाता है । 

रथ सप्तमी का महत्व 

रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव की उपासना किया जाता है। रथ सप्तमी के दिन महिलाएं भगवान सूर्य का स्वागत करती है। घरों के बाहर रथ की आकृति बनाती हैं। घर के मुख्य द्वार को रंगोली से सजाती हैं। उसके बाद घर के आंगन में मिट्टी के बर्तन में दूध डालकर रखा जाता है, और उसे सूर्य देव की गर्मी से उबाला जाता है । दूध उबलने के बाद उस दूध का प्रयोग सूर्य देव को भोग लगाने के लिए करते हैं । पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य देव सात घोड़े वाले रथ पर बैठकर होकर माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर आते है, इसलिए इस तिथि को सूर्य देव की जयंती के तौर पर मनाया जाता है, और इस दिन को रथ सप्तमी कहा जाता है।  

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.