सूर्य का मेष राशि में गोचर: ग्रहों के राजा सूर्य अपने मित्र बृहस्पति की राशि मीन को छोड़कर 14 अप्रैल 2023 की दोपहर 02 बजकर 42 मिनट पर अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करने जा रहे हैं। स्वाभाविक है कि सूर्य की यह स्थिति सूर्य को और बल प्रदान करने वाली है क्योंकि अभी तक अग्नि तत्व के ग्रह सूर्य जल तत्व की राशि में थे। ऐसे में, मित्र राशि में होने के बावजूद भी वह अपनी पूरी शक्ति और ताकत का प्रयोग नहीं कर पा रहे थे। वहीं अब मित्र की राशि से सूर्य स्वयं की उच्च राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जो अग्नि तत्व की राशि है। ऐसी स्थिति में सूर्य काफ़ी बलशाली रहेंगे। हालांकि, भारतवर्ष की कुंडली के लिए सूर्य का यह गोचर बहुत ठीक नहीं कहा जा सकता है। अगले 1 महीने तक भारतवर्ष में आंतरिक कलह के योग बन सकते हैं। हालांकि, विदेशी देशों के साथ संबंधों में मजबूती देखने को मिलेगी। लेकिन भारतवर्ष की कुंडली का चतुर्थेश द्वादश भाव में उच्च अवस्था में रहते हुए राहु के साथ रहेगा। अतः कुछ पड़ोसी मुल्क हमारी छवि बिगाड़ने का काम कर सकते हैं। ऐसे में, तमाम कोशिशों के बाद भी हम अपने आप को बेहतर साबित करने में कामयाब हो सकते हैं। इन सब के बावजूद भी देश के भीतर कुछ हद तक अशांति देखने को मिल सकती है। राशि चक्र की 12 राशियों पर सूर्य का मेष राशि में गोचर का क्या असर पड़ने वाला है, आइए जानते हैं।
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सूर्य का मेष राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के पंचम भाव के स्वामी हैं और यह आपके प्रथम भाव में उच्च अवस्था में रहने वाले हैं। हालांकि, राहु और शनि का प्रभाव भी सूर्य पर रहेगा लेकिन फिर भी अन्य महीनों की तुलना में सूर्य इस महीने आपको बेहतर परिणाम दे सकेंगे। विशेषकर यदि आप विद्यार्थी हैं तो आपको अच्छे रिजल्ट्स मिल सकते हैं। पिछले काफ़ी दिनों से यदि आपका पढ़ाई से फोकस हटा हुआ था तो अब आपकी एकाग्रता बेहतर होने की संभावना है। इन सब के बावजूद भी आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। साथ ही, खानपान पर पूरा संयम बरतना होगा क्योंकि सूर्य का मेष राशि में गोचर आपको पेट की तकलीफ के साथ-साथ पित्त की अधिकता देने का काम भी कर सकता है। हालांकि, काम में कुछ बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं लेकिन फिर भी आपके काम पूरे होने की संभावना है। करीबियों से मनमुटाव होने की आशंका है लेकिन समझदारी दिखाने की स्थिति में जल्द ही आपके बीच सामंजस्य बन जाना चाहिए।
उपाय: संभव हो, तो अगले 1 महीने तक गुड़ का सेवन करने से बचें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के चौथे भाव के स्वामी हैं और अब यह द्वादश भाव में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, सूर्य का द्वादश भाव (बारहवां भाव) में गोचर अच्छा नहीं माना गया है क्योंकि यह गोचर कुछ व्यर्थ के खर्चे करवा सकता है। साथ ही, नेत्र और पैरों से संबंधित कष्ट भी दे सकता है। इस गोचर के बारे में विद्वानों का कहना है कि सूर्य का मेष राशि में गोचर शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ संबंधों को कमज़ोर कर सकता है। हालांकि, आपके मामले में ऐसा होने की उम्मीद कम है क्योंकि सूर्य उच्च अवस्था में हैं। इसके बावजूद भी आपको सावधानी बरतनी होगी क्योंकि शासन-प्रशासन का कारक ग्रह सूर्य, राहु और शनि के प्रभाव में होकर आपके द्वादश भाव में हैं। यदि कोर्ट-कचहरी से जुड़ा कोई मामला चल रहा है तो इस अवधि में उसको और लंबा खींचने या खिंचवाने की कोशिश करें क्योंकि इस दौरान आया हुआ फैसला आपको कुछ हद तक चिंता में डाल सकता है। इस समय यात्राओं के भी योग बनेंगे लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि यात्राओं के दौरान सावधान रहें।
उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होकर लाभ भाव में उच्च के हो रहे हैं। सामान्य तौर पर यह गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला कहा जाएगा। इस अवधि में सूर्य आपके राशि स्वामी बुध के साथ युति भी करेंगे। यह एक अच्छी स्थिति है और इसके फलस्वरूप सूर्य का मेष राशि में गोचर आपको धन लाभ करवा सकता है। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो वेतन वृद्धि की संभावनाएं मजबूत होंगी। साथ ही, आपका प्रमोशन यदि लंबे समय से पेंडिंग है तो इस अवधि में प्रमोशन होने की उम्मीद है। यदि आप व्यापारी या व्यवसायी हैं तो आपकी आमदनी में वृद्धि हो सकती है। सूर्य का मेष राशि में गोचर पिता के माध्यम से भी लाभ करवाता हुआ प्रतीत हो रहा है। यदि स्वास्थ्य पिछले दिनों से कमज़ोर रहा है तो सूर्य के राशि परिवर्तन के चलते स्वास्थ्य में भी अच्छा सुधार नज़र आएगा। इस समय आपका आत्मविश्वास काफ़ी अच्छा रह सकता है। आपके भाई बंधु हर कदम पर आपके सहयोग के लिए तत्पर रह सकते हैं। पड़ोसियों के साथ बिगड़े हुए संबंधों में सुधार देखने को मिल सकता है।
उपाय: तामसिक चीज़ों (मांस-मदिरा व अंडे) का त्याग करना आपके लिए शुभ रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी हैं और दशम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आर्थिक मामलों में सूर्य का मेष राशि में गोचर आपको काफ़ी हद तक अनुकूलता दे सकता है। यदि परिजनों के साथ कुछ समय से संबंधों में कमज़ोरी देखने को मिल रही थी तो सूर्य के इस गोचर के चलते आपके संबंध घर-परिवार के साथ अच्छे हो सकते हैं। वहीं, परिवार में कोई मांगलिक या शुभ कार्य होने की भी संभावनाएं मजबूत हैं। यह गोचर आपको पद-प्रतिष्ठा दिलाने का भी काम कर सकता है। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों के लिए भी समय सकारात्मक साबित हो सकता है। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो प्रमोशन के योग मजबूत होंगे। वहीं, यदि आप व्यापार या व्यवसाय से जुड़े हुए हैं तो कुछ अच्छे व्यापारिक अवसर आपके हाथ लग सकते हैं। किसी नए काम की शुरुआत के बारे में भी इस समय आप सोच सकते हैं। पिता से जुड़े मामलों में भी यह अवधि अच्छे परिणाम दे सकती है। अधिकांश कामों में इस दौरान सफलता मिलने की संभावना है। इन सब के बावजूद भी शनि और राहु के प्रभाव के चलते आपको अपनी छवि का पूरा ख्याल रखना है। ऐसा कोई भी काम नहीं करना है जिससे कार्य, व्यापार या सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचे। यदि आप इन सावधानियों को रखते हैं तो सूर्य का मेष राशि में गोचर आपको अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: शनिवार के दिन किसी गरीब को काले कपड़े का दान करें।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए सूर्य आपके राशि स्वामी हैं और यदि आप लग्न के अनुसार इस राशिफल को देख रहे हैं तो सूर्य आपका लग्न स्वामी यानी कि लग्नेश है और लग्नेश का उच्च का होना काफ़ी अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। हालांकि, सूर्य का नवम भाव में गोचर बहुत ज्यादा शुभ नहीं कहा गया है लेकिन राशि स्वामी का भाग्य भाव में उच्च अवस्था में होना जीवन के विभिन्न कार्यों को सरल बना सकता है। यदि पिछले समय से जीवन में किसी तरीके की कोई कठिनाई रही है तो सूर्य का मेष राशि में गोचर के चलते उन कठिनाइयों के दूर होने के योग निर्मित होंगे। हालांकि, काम में कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं लेकिन तमाम बाधाओं के बाद आपके काम काफ़ी अच्छे लेवल पर जाकर संपन्न होते हुए प्रतीत हो रहे हैं। इस समय भाई बंधुओं के साथ संबंध खराब न होने पाएं इस बात का ख्याल रखना होगा। यदि आप घर-परिवार और भाई बंधुओं के सहयोग के बल पर अपने जीवन को कोई नई दिशा देने की कोशिश करेंगे तो उसमें सफलता और सम्मान दोनों ही मिलने की संभावना है। वैसे, आपको बता दें कि सूर्य गोचर को कठिनाई देने वाला और स्वजनों से विरोध देने वाला कहा गया है क्योंकि सूर्य अहंकार देने का काम भी करता है और विशेषकर आपके मामले में जब सूर्य पर राहु, केतु और शनि का प्रभाव रहने वाला है। ऐसी स्थिति में अहंकार वाले भाव आपके भीतर पैदा हो सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि अहंकार से बचें, स्वजनों के साथ रहें और अच्छे परिणाम प्राप्त करें।
उपाय: यदि संभव हो, तो रविवार के दिन नमक का सेवन करने से बचें।
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कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में बारहवें भाव के स्वामी हैं और आठवें भाव में उच्च अवस्था में प्रवेश कर रहे हैं। ज्योतिष के कुछ नियमों के अनुसार, 12वें भाव के स्वामी का आठवें भाव में जाना विपरीत राजयोग की श्रेणी में आता है। इसका मतलब यह है कि सूर्य का मेष राशि में गोचर जातकों को नकारात्मक परिणाम प्रदान कर सकता है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि आठवें भाव में सूर्य के गोचर को ज्योतिष ग्रंथ अच्छा नहीं मानते हैं। सूर्य के इस गोचर को अस्वस्थता देने वाला कहा गया है यानी कि इस दौरान स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषकर नेत्र या मुख के लिए यह गोचर कष्टकारी साबित हो सकता है। इसके अलावा, इस अवधि में पेट से संबंधित समस्याओं जैसे कब्ज आदि की शिकायत हो सकती है। इस दौरान शासन-प्रशासन के साथ संबंध कमज़ोर हो सकते हैं। साथ ही, आर्थिक मामलों के लिए भी इस गोचर को ठीक नहीं माना गया है लेकिन आपके मामले में परिणाम कुछ हद तक अच्छे भी रह सकते हैं। हालांकि आपके दूसरे भाव की स्थिति को देखते हुए आर्थिक मामलों में सावधानी रखने की सलाह दी जाती है। इस समय आपको व्यर्थ के और बड़े खर्चों से बचना होगा। अर्थात सावधानियां रखने की स्थिति में कुछ अप्रत्याशित फायदे मिलने की उम्मीद आप सूर्य के इस गोचर से रख सकते हैं।
उपाय: जितना हो सके स्वयं को क्रोध से दूर रखने की कोशिश करें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में लाभ भाव के स्वामी हैं और यह सप्तम भाव में उच्च अवस्था में जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में आपको कई माध्यमों से लाभ मिलता हुआ प्रतीत हो रहा है। हालांकि, सातवें भाव में सूर्य के गोचर को ज्योतिष ग्रंथ अच्छा नहीं मानते हैं और इन ग्रंथों के अनुसार, सूर्य का मेष राशि में गोचर दांपत्य जीवन में कलह की स्थिति निर्मित कर सकता है। संभवतः सूर्य के अहंकारी स्वभाव के कारण ऐसे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको आपस में सामंजस्य बनाकर रहना होगा। साथ ही, आपको आपसी अहंकार से बचने की सलाह भी दी जाती है। इस गोचर को यात्रा के लिए कष्टकारी कहा गया है लेकिन व्यापारिक यात्रा फायदा दिलाने वाली रह सकती हैं। इन सबके बावजूद भी व्यापार-व्यवसाय में कोई बड़ा रिस्क लेने से बचना होगा। साथ ही, स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए आपको उसके अनुरूप मेहनत करनी होगी। यदि आप इन सावधानियों को रखेंगे तो इस दौरान आप व्यापारिक या व्यावसायिक लाभ की उम्मीद रख सकते हैं। अगर आप अपनी छवि का ख्याल रखते हुए आचरण करेंगे तो सूर्य का यह गोचर आपको सामाजिक प्रतिष्ठा भी दिला सकता है।
उपाय: नमक कम खाएं और संभव हो, तो रविवार के दिन बिल्कुल न खाएं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के दशम भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में आ रहे हैं। सूर्य का मेष राशि में गोचर आपको अनुकूल परिणाम दे सकता है। विशेषकर यदि आप नौकरीपेशा हैं तो इस समय प्रमोशन इत्यादि की संभावनाएं मजबूत होंगी। वहीं, यदि आप नौकरी में बदलाव की कोशिश कर रहे हैं तो आपको बेहतर जगह पर नौकरी मिलने के योग बन रहे हैं। कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा देने वालों के लिए भी समय सकारात्मक रहेगा। यह गोचर रोग, कर्ज़ और शत्रु को दूर करने वाला कहा गया है। वहीं, यदि आप व्यापारी हैं तो आपको अच्छा लाभ मिल सकता है क्योंकि सूर्य का मेष राशि में प्रवेश आपके लिए सफलता लेकर आ सकता है। आपके कर्म स्थान का स्वामी उच्च का हो रहा है। अतः बड़े और महत्वपूर्ण कार्यों में भी सफलता मिलती हुई प्रतीत हो रही है। हालांकि शनि और राहु के प्रभाव के चलते कुछ कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं लेकिन कठिनाइयों के बाद मिलने वाली सफलता उल्लेखनीय रह सकती है।
उपाय: नियमित रूप से बंदरों को गेहूं या गुड़ खिलाएं।
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धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए सूर्य आपके भाग्य स्थान के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके पंचम भाव में उच्च अवस्था में जा रहे हैं। स्वाभाविक है कि यह भाग्य के सपोर्ट को और बेहतर कर सकते हैं। आपकी बौद्धिक क्षमता को मज़बूत करने का काम भी सूर्य का मेष राशि में गोचर कर सकता है। हालांकि पंचम भाव में सूर्य के गोचर को ज्योतिष साहित्य में बहुत अच्छा नहीं माना गया है। ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार, पांचवें भाव में सूर्य का गोचर भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है लेकिन उच्च अवस्था में होकर बुध के साथ युति करने वाला सूर्य अगर भ्रम देगा भी तो कुछ क्षणों के लिए, बाद में शीघ्र ही आपका भ्रम दूर होगा और आप बेहतर निर्णय ले सकेंगे। इस गोचर को शिक्षा और संतान में बाधा देने वाला भी कहा गया है लेकिन इसकी संभावना बेहद कम नज़र आ रही हैं। हालांकि, कुछ कठिनाइयां पैदा हो सकती हैं क्योंकि राहु और शनि का प्रभाव भी सूर्य पर रहने वाला है लेकिन इन कठिनाइयों के बाद उत्तम परिणामों की प्राप्ति हो सकती हैं। उदर से संबंधित विकार होने की बात भी ज्योतिष साहित्य में इस गोचर के बारे में कहीं जाती है। इस समय खान-पान पर संयम रखना होगा, ख़ासकर समय पर भोजन करना आपके लिए जरूरी होगा क्योंकि अगर खाने-पीने की टाइमिंग खराब हुई तो आपको इस अवधि में एसिडिटी हो सकती है। इस बात का संकेत पंचम भाव में सूर्य के अलावा शनि और राहु के प्रभाव का होना भी कर रहा है। साथ ही, मंगल की दृष्टि इस मामले में ठीक नहीं कही गई है। बाकी अन्य मामलों में सामान्य तौर पर सूर्य का यह गोचर आपको बेहतर परिणाम दे सकता है।
उपाय: सरसों के तेल की 8 बूंदे कच्ची मिट्टी में टपकाएं।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी हैं और यह उच्च के होकर चतुर्थ भाव में जा रहे हैं। यह दोनों ही स्थितियां अनुकूल नहीं कहीं जा सकती है। आठवें भाव के स्वामी का चतुर्थ भाव में जाना ऊपर से चतुर्थ भाव में सूर्य पर शनि और राहु का प्रभाव होना घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों को लेकर कुछ तनाव देने का काम कर सकता है। इस अवस्था में मानसिक शांति बनाए रखने की जरूरत होगी। यदि घर में मन न लगे तो आप आसपास के मंदिर या किसी उद्यान में चले जाएं और वहां बैठकर अपने आराध्य का स्मरण करें। घर के सदस्यों के प्रति स्वयं को चिड़चिड़ा होने से बचाएं। माता-पिता के स्वास्थ्य का ख़्याल रखें, विशेषकर माता के स्वास्थ्य और माता की भावनाओं का। जमीन-जायदाद से संबंधित कोई मामला हो जिसमें आपको विवाद होने की संभावना लग रही हो, तो उस मामले को लेकर पहले ही किसी अच्छे वकील से राय मशविरा कर लेना ठीक रहेगा। यह गोचर सीने से संबंधित कुछ तकलीफ भी दे सकता है। ऐसे में, यदि आपको हृदय आदि से संबंधित कोई परेशानी पहले से है तो उसकी दवाओं के सेवन में किसी भी तरीके की लापरवाही नहीं बरतनी है। नियमित रूप से योग, व्यायाम और ध्यान करना होगा क्योंकि ऐसा करने से आठवें भाव की नकारात्मकता समाप्त होगी और आपको सकारात्मक परिणाम मिलने लग जाएंगे।
उपाय: अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को भोजन करवाएं।
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कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के सातवें भाव के स्वामी हैं और यह तीसरे भाव में उच्च अवस्था में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य आपके दैनिक रोज़गार में बेहतरी लाने का काम कर सकते हैं। यदि आप व्यापारी या फिर व्यवसायी हैं तो काम को लेकर कोई यात्रा भी इस अवधि में संभावित है। यदि उम्र विवाह की है तो किसी पड़ोसी के माध्यम से विवाह से संबंधित बात आगे बढ़ सकती है। सूर्य का मेष राशि में गोचर भाई-बंधुओं और मित्रों के साथ संबंधों को मज़बूत करने का काम कर सकता है। इस दौरान नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन मिलने की संभावनाएं प्रबल हैं। आपको बता दें कि सूर्य का यह गोचर लाभ करवाने वाला भी माना गया है। यदि पिछले समय से कोई स्वास्थ्य से संबंधित समस्या चल रही है तो सूर्य गोचर उस स्वास्थ्य समस्या को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों के लिए भी यह अवधि अनुकूल रहेगी। आपके कॉन्फिडेंस और पराक्रम में वृद्धि होने के योग बनेंगे। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलते हुए प्रतीत होंगे। सूर्य का मेष राशि में गोचर पद-प्रतिष्ठा और सम्मान दिलवाने में भी आपकी मदद कर सकता है।
उपाय: किसी पिता तुल्य व्यक्ति को दूध चावल खिलाना शुभ रहेगा।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दूसरे भाव में उच्च अवस्था में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, आपकी कुंडली के दूसरे भाव की स्थितियां वर्तमान में राहु और शनि के प्रभाव के चलते कुछ कमज़ोर रही है। अतः छठे भाव के स्वामी का दूसरे भाव में गोचर होना स्थिति को कमज़ोर कर सकता है, लेकिन सूर्य का यह गोचर उच्च का है, तो ऐसे में आपको कुछ फायदे भी मिल सकते हैं। यदि आप बैंक से लोन लेने की कोशिश कर रहे हैं तो सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लोन प्राप्ति के रास्ते को और आसान कर सकता है। यदि किसी परिजन के साथ कोई मतभेद रहा है या पैतृक संपत्ति को लेकर परिजनों से कोर्ट-कचहरी से जुड़ा कोई मामला चल रहा है, तो साथ बैठकर सबको अपना-अपना पक्ष रखने का मौका मिल सकता है। लेकिन इस अवधि में आपको समझदारी दिखाने की जरूरत होगी क्योंकि सूर्य के गोचर को नेत्र पीड़ा देने वाला, धन हानि कराने वाला तथा परिजनों के साथ मनमुटाव करवाने वाला माना गया है लेकिन सूर्य उच्च का है और आपके राशि स्वामी का मित्र है, तो ऐसी स्थिति में समझदारी दिखाने पर इन मामलों से संबंधित समस्याएं दूर भी हो सकती हैं।
उपाय: किसी मंदिर में नारियल और बादाम का दान करें।
हम उम्मीद करते हैं कि सूर्य का मेष राशि में गोचर के परिणामों को पहले से जानने के बाद आप एक बेहतरीन योजना बनाएंगे और सूर्य के गोचर का न केवल लाभ उठाने में सक्षम होंगे, बल्कि इससे होने वाले नुकसान को भी योजनाबद्ध तरीके से दूर कर सकेंगे। आशा करते हैं कि हमारा यह प्रयास आपके जीवन में बेहतरी ,लाने का काम करेगा। भगवती आप सब पर कृपा बनाए रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को सूर्य गोचर कहते हैं।
उत्तर. सूर्य मज़बूत होने पर जातकों को राजनीति, व्यापार और नौकरी में सफलता दिलाते हैं।
उत्तर. सूर्य की उच्च राशि मेष है।
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