26 दिसंबर सूर्य ग्रहण: कब, कहाँ, कैसे?

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण की घटना में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक रेखा में आ जाते हैं। इस घटना में चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और चंद्रमा के कारण सूर्य आंशिक या पूर्ण रुप से ढक जाता है और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता। वैदिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण का खगोलीय ज्ञान हमारे पूर्वजों को ईसा से चार हजार साल पहले हो गया था। हमारे पूर्वजों ने यह भी आकलन लगा लिया था कि सूर्य ग्रहण की घटना से आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ सकते हैं इसलिये ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये उन्होंने कई उपाय भी बताये।

26 दिसंबर सूर्य ग्रहण: कब, कहाँ

26 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण साल 2019 का आखिरी ग्रहण है। इससे पहले 6 जनवरी और 2 जुलाई  को 2 सूर्य ग्रहण घटित हो चुके हैं। हालांकि जनवरी और जुलाई के सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा गया था, लेकिन 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण को पूरे देश में देखा जाएगा। हिदूं कैलेंडर के मुताबिक पौष मास का अमावस्या को गुरुवार को नई दिल्ली में सुबह  08:17:02 से 10:57:09 बजे तक घटित होगा। हालांकि ये ग्रहण अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग समय पर दिखाई देगा।

कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

भारत के अलावा यह सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, अफग़ानिस्तान, इंडोनेशिया, जापान, उत्तर तथा दक्षिण कोरिया, फिलीपीन, सऊदी अरब, सिंगापुर, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, कंबोडिया, भूटान, बहरीन, रूस, कतर, सोमालिया, थाईलैंड, श्रीलंका, ताइवान, तंज़ानिया, लाओस, किर्गिस्तान, उज़्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान आदि जगहों पर दिखाई देगा। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण से जुड़ी पौराणिक कथा-

सूर्य ग्रहण का ज्ञान देने वाले पहले आचार्य थे महर्षि अत्रिमुनि

ऋग्वेद के अनुसार सूर्य ग्रहण का ज्ञान देने वाले महर्षि अत्रिमुनि पहले आचार्य थे। यहीं नहीं अत्रिमुनि के पास समस्त खगोलीय संरचना का भी ज्ञान मौजूद था। प्राचीन काल के भारतीय ऋषि-मुनियों ने खगोलीय पिंडों का गहन अध्ययन किया था। ग्रह नक्षत्रों का अध्ययन करने के बाद उन्होंने सूर्य ग्रहण, चंद्रगग्रहण की घटनाओं का सटीक आकलन निकालने की विधि खोज ली थी। ऋग्वेद के एक मंत्र में सूर्य ग्रहण के बारे में वर्णन मिलता है, जिसके अनुसार एक बार राहु ने सूर्य पर ग्रहण लगा दिया था जिसे अत्रिमुनि ने अपने योग बल के दम पर हटा दिया। वहीं दूसरे मंत्र में बताया गया कि कैसे इंद्र ने अत्रिमुनि की मदद से राहु के प्रभाव से सूर्य की रक्षा की थी।

महर्षि अत्रिमुनि  के बारे में दो मत

भारत के महान महर्षि अत्रिमुनि की इस काबीलियत के बारे में दो विचार काफी चर्चा में है। पहला विचार है कि, अत्रिमुनि काफी कठिन तपस्या कर सूर्य ग्रहण के असर को कम करने में सक्षम हुए थे। वहीं दूसरा विचार है कि, उन्होंने एक यंत्र बनाया था, जिसकी मदद से सूर्य ग्रहण के बारे में सारी जानकारी हासिल की जा सकती थी।

महाभारत में सूर्य ग्रहण

महाभारत में भी सूर्य ग्रहण से जुड़ी एक घटना का उल्लेख किया गया है। बताया गया है कि महाभारत युद्ध में 3 सूर्यग्रहण होने से भीषण युद्ध हुआ था। इस युद्ध  की शुरुआत सूर्य ग्रहण के साथ हुई थी और युद्ध के आखिरी दिन भी ग्रहण था। वहीं युद्ध के बीच भी एक सूर्यग्रहण हुआ था। दरअसल महाभारत की एक घटना में अर्जुन ने प्रतिज्ञा ली थी कि, वो सूर्यास्त होने से पहले जयद्रथ को मार देंगे या फिर खुद अग्नि में विलीन हो जाएंगे। जयद्रथ को बचाने के लिए कौरवों ने सुरक्षा घेरा बना लिया था, लेकिन उस दिन सूर्यग्रहण हो गया और चारों ओर अंधेरा छा गया। जयद्रथ को लगा कि सूर्यास्त हो गया है, तभी वह अर्जुन के सामने यह कहते हुआ गया कि सूर्यास्त हो गया है तुम अग्निसमाधी लो। लेकिन विधि को कौन बदल सकता है उसी समय सूर्य ग्रहण खत्म हो गया और सूर्य की चमकती किरणें उस पर पड़ी और तभी अर्जुन ने जयद्रथ का वध कर दिया।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.