सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव प्रत्येक जीवधारी पर पड़ता है। 10 जून 2021 को वलयाकार सूर्य ग्रहण लगने के बाद हमारे मन में यह उत्सुकता हो सकती है कि ग्रहण तो बीत गया लेकिन इसके प्रभावों से बचने के लिए क्या हम अब कुछ कर सकते हैं। तो इसका जवाब है, हां! कुछ साधारण उपाय हैं, जिन्हें करने से आपको सूर्य ग्रहण के प्रभाव से काफी हद तक मुक्ति मिल सकती है। आमतौर पर माना जाता है कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव लगभग छह माह तक प्रभाव डालता है, इसलिए सूर्य ग्रहण के तुरंत बाद से भी कुछ उपाय करने आवश्यक होते हैं। आज हम आपको इस लेख में यही बताएंगे कि किन सामान्य उपायों से आप सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।
वास्तव में यह एक महत्वपूर्ण सूर्य ग्रहण था क्योंकि यह शनि अमावस्या के दिन हुआ है अर्थात सूर्य देव के पुत्र शनि देव की जयंती के दिन सूर्य देव पर ग्रहण लगना कोई सामान्य घटना नहीं है, इसलिए इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं। हम अपने पूर्व लेख में सूर्य ग्रहण के बारे में विस्तृत जानकारी आपको दे चुके हैं और यह भी बता चुके हैं कि इसका विस्तृत प्रभाव किस प्रकार से हो सकता है। तो आइए आज जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के उपरांत क्या करना अच्छा रहेगा।
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सूर्य ग्रहण के तुरंत बाद का किए जाने वाले कार्य
- सूर्य ग्रहण समाप्ति के तुरंत बाद सर्वप्रथम आपको स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ हो जाना चाहिए। यदि संभव हो तो स्नान किसी पवित्र नदी में करना और भी ज्यादा लाभदायक रहता है।
- इसके उपरांत ग्रहण काल में आपने जिन वस्तुओं के दान करने का संकल्प लिया था, उन सभी का दान विधिवत करें।
- सूर्य ग्रहण के उपरांत घर को अच्छे से साफ करें और गंगाजल और सामान्य जल से घर को स्वच्छ बनाएं।
- इसके बाद ताजा भोजन पका कर वही भोजन खाएं और यदि कोई पुराना खाद्य पदार्थ बचा है, जो ग्रहण से पूर्व के समय का था, तो उसे प्रयोग में ना लाएं।
- भोजन से पूर्व संभव है तो गौ ग्रास निकालें अर्थात पहली रोटी गौ माता को खिलाएं।
- यदि आपके घर में कोई मंदिर है तो भगवान को पहने हुए कपड़े बदले और नए वस्त्र पहनाकर उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करें।
- सूर्य देव के किसी मंत्र का जाप करना भी फायदेमंद रहेगा।
- जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य देव की महादशा या अंतर्दशा अथवा प्रत्यंतर दशा चल रही हो उन्हें विशेष रूप से सूर्य देव की शांति करनी चाहिए।
- इसके अतिरिक्त जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर है तो उन्हें सूर्य देव की प्रसन्नता के लिए कुछ खास उपाय करने चाहिए ताकि सूर्य देव की कृपा आपको प्राप्त हो सके।
- चूंकि यह सूर्य ग्रहण वृषभ राशि में घटित हुआ है इसलिए वृषभ राशि के लोगों को विशेष रूप से सूर्य शांति करानी चाहिए।
- बाकी सभी राशि के लोगों को भी सूर्य की भावानुसार स्थिति के अनुसार उचित उपाय करने चाहिए।
- जिन लोगों को सूर्यग्रहण के अनुसार उत्तम फल मिल सकते हैं, उन्हें सूर्य देव की पूजा द्वारा उन्हें प्रसन्न रखने का प्रयास करना चाहिए।
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सूर्य ग्रहण के बाद किए जाने वाले कुछ सामान्य उपाय
सूर्य ग्रहण का विभिन्न प्रकार की राशियों पर किस तरह से प्रभाव पड़ सकता है, इस बारे में हम अपने पिछले लेख में आपको अवगत करा चुके हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सूर्यग्रहण कोई ऐसी घटना नहीं है कि जिसका परिणाम तुरंत ही मिल जाए क्योंकि लगभग छह महीनों तक सूर्य ग्रहण के प्रभाव अनुभव किए जा सकते हैं, इसलिए यह बेहद आवश्यक हो जाता है कि हम कुछ ऐसे उपाय जानें, जो हम सूर्यग्रहण के तुरंत बाद कर सकते हैं और जिन्हें करने से हमारे ऊपर सूर्य ग्रहण के पड़ने वाले दुष्प्रभावों से कोई खास असर ना पड़े और हम जीवन में तरक्की कर सकें।
सूर्य देव हमारे जीवन में आत्मा के कारक ग्रह हैं, इसलिए सूर्य ग्रहण होना हमारे लिए अशुद्धि का कारण बनता है क्योंकि यह हमारी आत्मा से जुड़ा होता है। सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए हमें अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने की आवश्यकता होती है क्योंकि वातावरण में इतनी नकारात्मकता फैल जाती है जो हमारे ऊपर विशेष प्रभाव डालने लगती है और इससे हमारा जीवन परिवर्तित हो जाता है।
सूर्य देव वैसे तो सिंह राशि के स्वामी होते हैं लेकिन अन्य सभी राशियों पर भी सूर्य देव की भावानुसार दृष्टि और उसका प्रभाव पड़ता है तो आइए जानते हैं ऐसे विभिन्न राशियों के अनुसार कुछ विशेष उपाय, जिन्हें करने से हमें सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभावों से राहत मिल सकती है:
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सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने के विशेष उपाय
ग्रहण काल में मंत्र जप, तप और स्नान तथा दान पुण्य का अनेक गुना फल प्राप्त होता है। इसी संबंध में हम बता रहे हैं कि ग्रहण काल की समाप्ति के बाद कुछ विशेष मंत्र और उपाय जिन्हें राशि के अनुसार विभिन्न प्रकार के जातक बड़े ही सरल ढंग से कर सकते हैं:
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मेष राशि
- मेष राशि के लोगों को सूर्य ग्रहण के बाद कम से कम 7 बार आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और रविवार के दिन गुड़ और गेहूं शिवलिंग पर अर्पित करने चाहिए।
वृषभ राशि
- वृषभ राशि के जातकों को रविवार के दिन तांबे का दान करना चाहिए और सूर्यग्रहण के उपरांत तुरंत ही अपने वजन के बराबर गेहूं का दान करना चाहिए।
मिथुन राशि
- मिथुन राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के तुरंत बाद सर्वप्रथम स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु जी की उपासना करनी चाहिए।
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कर्क राशि
- कर्क राशि के लोगों को भगवान सूर्य के बीज मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए और सूर्य ग्रहण के बाद श्वेत वस्त्र धारण करने चाहिए।
सिंह राशि
- सिंह राशि के जातकों को ग्रहण के तुरंत अपना नारंगी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए और श्री रुद्राभिषेक संपन्न कराना चाहिए।
कन्या राशि
- कन्या राशि के लोगों को अपने पिताजी को कोई वस्त्र भेंट करना चाहिए और उनके चरण दबा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
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तुला राशि
- तुला राशि के लोगों को ग्रहण काल के पश्चात तुरंत ही सूर्य देव के बीज मंत्र ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए और बैल को गुड़ खिलाना चाहिए।
वृश्चिक राशि
- वृश्चिक राशि के जातकों को अपने घर में गुग्गल और लोबान की धूनी लगानी चाहिए तथा सूर्य देव के मंत्रों से उनका हवन करना चाहिए।
धनु राशि
- धनु राशि के लोगों को अपने गले में सोने का सूरज धारण करना चाहिए और सूर्य ग्रहण पूर्ण होने के बाद स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु के सहस्त्र नाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ।
मकर राशि
- मकर राशि के लोगों को सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद गेहूं और गुड़ का दान करना चाहिए तथा शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए।
कुंभ राशि
- ऐसे लोग, जिनका जन्म कुंभ राशि के अंतर्गत हुआ है, उन्हें सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण के उपरांत सूर्य देव को नमन करते हुए उन्हें अर्घ्य देना चाहिए तथा सूर्य स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
मीन राशि
- मीन राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद गेहूं, गुड़ और बिजली के सामान दान करना चाहिए तथा सूर्य देव के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त सामान्य तौर पर सूर्य देव से संबंधित चीजों का दान करना और सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना अत्यधिक लाभकारी रहेगा। यदि आपकी कुंडली में सूर्य देव की स्थिति खराब है और वह प्रतिकूल भावों के स्वामी हैं तो किसी योग्य ब्राह्मण से तुरंत सूर्य शांति कराएं। इसके विपरीत यदि आपकी कुंडली में सूर्य की अच्छी स्थिति है अथवा सूर्य कुंडली के अच्छे भाव के स्वामी है तो आपको सूर्य देव की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए सूर्य ग्रहण वाले दिन संध्या समय में सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें।
हम यह आशा करते हैं कि सूर्य ग्रहण के बाद किए जाने वाले उपरोक्त उपायों के द्वारा आप सूर्य ग्रहण से मिलने वाले दुष्प्रभावों से बचने में कामयाब हो सकते हैं और जीवन में उत्तम सफलता अर्जित कर सकते हैं। आपको स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी और आप जीवन में मान सम्मान के हकदार बनेंगे।
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