सूर्य को आमतौर पर रवि या अंग्रेजी में सन के रूप में जाना जाता है और इसे कुछ एक मुद्दों पर हानिकारक माना जाता है। यह सिंह राशि के स्वामी हैं। जहाँ सूर्य मेष राशि में उच्च का होता है वहीं तुला राशि में नीच का होता है। इसे आत्मकारक कहा जाता है, जो एक संस्कृत शब्द है, जो दो शब्दों अर्थात आत्मा और कारक का संयोजन है, जिसका अर्थ क्रमशः आत्मा और सूचक है। सूर्य के बिना जीवन के बारे में सोचना भी मुमकिन नहीं है। सूर्य ग्रह न केवल पिता तुल्य है बल्कि लोगों के मन में अहंकार, मान, पद, लोकप्रियता आदि का कारक भी माना गया है। यह मंदिरों और अन्य पवित्र स्थानों के साथ हमारे संबंधों को भी नियंत्रित करता है।
सूर्य तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में शुभ परिणाम देता है लेकिन जबकि दसवें भाव में स्थित होने पर यह सबसे ज्यादा मजबूत माना गया है। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में मौजूद होता है उन्हें जीवन शक्ति, प्रतिरोध की शक्ति, मजबूत प्रतिरक्षा आदि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा यह बुद्धि, प्रतिभा, सांसारिक मामलों में सफलता, प्रफुल्लता आदि भी प्रदान करता है। वहीं जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य अनुकूल स्थिति में न हो तो यह रक्तचाप, अपच, हैजा आदि समस्याएं पैदा करता है। इसके अलावा, ऐसे जातकों को आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।
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सूर्य के दुष्प्रभाव को दूर करने के उपाय
- शुक्ल पक्ष के रविवार के दिन सोने में जड़ित माणिक को अनामिका अंगुली में धारण करें।
- सूर्य की कृपा पाने के लिए एक मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
- प्रतिदिन प्रातः काल भगवान सूर्य को जल अर्पित करें।
- प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- पिता का पूरा ख्याल रखें और सेवा करें।
ध्यान रहे: कोई भी उपाय करने या अपनाने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से इस बारे में सलाह मशविरा अवश्य कर लें।
सूर्य गोचर अगस्त 2021: समय
सूर्य देव 17 अगस्त 2021, मंगलवार को देर रात 01 बजकर 05 मिनट पर कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहे है। जो यहाँ 17 सितंबर 2021, शुक्रवार देर रात 01 बजकर 02 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेंगे और फिर अपना पुनः गोचर करते हुए, कन्या राशि में विराजमान हो जाएंगे।
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सूर्य गोचरफल
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चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष राशि
ग्रहों के राजा सूर्य, आपकी राशि के पंचम भाव के स्वामी होते हैं और इस गोचर के दौरान वो आपकी राशि के पंचम भाव में ही विराजमान होंगे। यह भाव संतान,…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
सूर्य वृषभ राशि के चतुर्थ भाव के स्वामी होकर, अपने इस गोचर के दौरान आपके चतुर्थ भाव में ही प्रस्थान करने वाले हैं। यह भाव आपके सुख, माता, वाहन,…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
बुध के स्वामित्व वाली मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके तृतीय भाव के स्वामी होते है, और अब अपने इस गोचर के दौरान वो अपने ही भाव में विराजमान होंगे। राशि के…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के द्वितीय भाव के स्वामी सूर्य, अपने गोचर के दौरान आपके द्वितीय भाव में ही प्रस्थान करेंगे। इस भाव से आपकी वाणी, संपत्ति, परिवार, …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सूर्य के स्वामित्व वाली सिंह राशि में, सूर्य देव का गोचर अपने स्वंय के प्रथम भाव यानि आपके लग्न भाव में होगा। लग्न भाव से आपके व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, चरित्र, बुद्धि और…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके द्वादश भाव के स्वामी होते है, और अपने इस गोचर के दौरान वो अपने स्वयं के द्वादश भाव में ही विराजमान होंगे। इस भाव से…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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तुला राशि
शुक्र की स्वामित्व वाली तुला राशि के जातकों के लाभ भाव यानि एकादश भाव के स्वामी सूर्य देव, अपना गोचर करते हुए अपने स्वयं के भाव में ही विराजमान होंगे। राशि के…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
सूर्य देव आपके दशम भाव के स्वामी होकर, इस गोचर के दौरान आपकी राशि के दशम भाव में ही विराजमान होंगे। इस भाव से व्यवसाय, कार्यक्षेत्र, सत्ता, सम्मान…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के नवम भाव के स्वामी सूर्य, अपने इस गोचर के दौरान स्वंय के नवम भाव में विराजमान होंगे। इस भाव से भाग्य, धर्म, लंबी यात्रा आदि के बारे …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के अष्टम भाव के स्वामी सूर्य, अपने इस गोचर के दौरान स्वंय के अष्टम भाव में ही विराजमान होंगे। यह भाव आयुर भाव भी कहलाता है और इससे…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के सप्तम भाव के स्वामी सूर्य, इस गोचर के दौरान अपने स्वंय के सप्तम भाव को ही सक्रिय करेंगे। इस भाव से आपके जीवनसाथी और जीवन में…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
सूर्य ग्रह आपके षष्ठम भाव के स्वामी होकर, इस गोचर के दौरान आपकी राशि से अपने षष्ठम भाव में ही विराजमान होंगे। यह भाव अरि भाव के नाम से भी जाना जाता है और …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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Hindu beby name 13/08/2021 4:15
Janmiyu
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