16 अगस्त, रविवार को सूर्य संक्रांति है। पिता का कारक ग्रह माने जाने वाले सूर्य का वैदिक ज्योतिष में बहुत महत्व होता है। सूर्य के अच्छे प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होता है। इस साल सूर्य 16 अगस्त कर्क राशि से सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं। यदि आप अपनी कुंडली में सूर्य के स्थान और उसके प्रभाव के बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी से बात करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात!
हिन्दू कैलेंडर के छठे महीने भाद्रपद में कई तीज-त्यौहार मनाए जाते हैं। भाद्रपद महीने में जब सूर्य देव अपनी राशि बदलते हैं, तो इस दिन को सिंह संक्रांति के नाम से जाना जाता है। सूर्य संक्राति एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। बहुत कम लोगों को ही इस बात की जानकारी होगी कि सिंह संक्रांति के दिन खासतौर पर घी के सेवन करने का विशेष महत्व है। चूंकि इस दिन घी का इस्तेमाल ज़रूर किया जाता है, इसीलिए सिंह संक्रांति को घी संक्रांति भी कहा जाता है। इस दिन विष्णु जी, सूर्य देव और भगवान नरसिंह की पूजा की जाती है और पवित्र नदियों में स्नान कर गंगाजल, नारियल पानी व् दूध आदि से देवताओं का अभिषेक किया जाता है।
जीवन में चल रही है कोई समस्या! समाधान जानने के लिए प्रश्न पूछे
सूर्य के गोचर और उसके प्रभाव के विषय में तो आपको हमने अपने बहुत से लेख में पहले भी बताया है, लेकिन आज का हमारा यह लेख विशेष तौर पर सिंह संक्रांति के दिन किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में जानकारी देने के लिए है। साथ ही आपको आज हम बताएँगे कि आखिर क्यों सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन किया जाता है –
जानें सूर्य देव की शांति और उन्हें प्रसन्न करने के आसान उपाय और मंत्र
कब है सिंह संक्रांति?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार सूर्य भादो यानि भाद्रपद माह में अपनी ही राशि में प्रवेश करते हैं। इस साल सूर्य संक्रांति 16 अगस्त को पड़ रही है। सूर्य ग्रह का सिंह राशि में गोचर 16 अगस्त को शाम 07:10 बजे होगा और इस राशि में वे 16 सितंबर 2020, को शाम 07:07 मिनट तक रहेंगे। जब सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस दिन सूर्य संक्रांति पर्व मनाया जाता है।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
कर्क राशि चंद्रमा की राशि होती है, तो सिंह राशि सूर्य देवता की स्वयं की राशि है। ऐसे में कह सकते हैं कि सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव चंद्रमा की राशि से निकलकर स्वयं की राशि सिंह में आ जाते हैं। सूर्य के इस गोचर काल के दौरान सभी राशि के जातकों को अलग-अलग फल मिलेंगे। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप अपनी राशि पर सूर्य के होने वाले इस गोचर का प्रभाव जान सकते हैं।
सूर्य का सिंह राशि में गोचर, जानें अपनी राशि पर इसका प्रभाव!
सिंह संक्रांति का महत्व
हिन्दू धर्म में सिंह संक्रांति को एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। सिंह संक्रांति के दिन से सूर्य अपनी स्वराशि सिंह में आ जाता है। जिसके चलते सूर्य बली अवस्था में होता है। बली होने के कारण इसका प्रभाव और भी ज़्यादा बढ़ जाता है। ज्योतिष के अनुसार देखें तो सूर्य एक आत्माकारक ग्रह है। सूर्य का प्रभाव बढ़ने की वजह से व्यक्ति के पुराने रोग खत्म होने लगते हैं और उसके भीतर आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। सिंह राशि में स्थित सूर्य देव की पूजा विशेष फलदायी बताई गई है। लगभग 1 महीने के इस समय में सूर्य की पूजा हर रोज़ करनी चाहिए। सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव, विष्णु जी और भगवान नरसिंह की पूजा करने और पवित्र नदियों, तालाबों या कुंड आदि में स्नान कर गंगाजल, व् दूध आदि से देवताओं का अभिषेक करने का विधान है।
क्या आपकी कुंडली में भी मौजूद है राज योग?
क्या है सिंह संक्रांति के दिन घी खाने का महत्व?
सिंह संक्रांति या सूर्य संक्रांति के दिन पूजा-पाठ, स्नान-ध्यान और दान-पुण्य के साथ-साथ घी खाने का महत्व है। आयुर्वेद में चरक संहिता के अनुसार गाय का घी बेहद शुद्ध और पवित्र होता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी जातक सूर्य संक्रांति के दिन घी का सेवन करता है, उसके यादाश्त, बुद्धि, बल, ऊर्जा और ओज में वृद्धि होती है। इसके अलावा गाय का घी वसावर्धक है, जिसे खाने से व्यक्ति को वात, कफ और पित्त दोष जैसी परेशानियां नहीं होती हैं।
गाय का घी हमारे शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर निकाल देता है। सिंह संक्रांति के दौरान लगभग 1 महीने के इस समय में रोज़ाना सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति सूर्य संक्रांति के दिन घी नहीं खाता, तो अगले जन्म में वह घोंघे के रूप में जन्म लेता है। यही कारण है कि सूर्य संक्रांति के दिन घी खाने का विशेष महत्व बताया गया है।
रंगीन बृहत कुंडली आपके सुखद जीवन की कुंजी
गाय का घी इन ग्रहों के प्रभाव से भी बचाता है
सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन करने का एक और फायदा यह होता है कि राहु और केतु जैसे ग्रहों का भी व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। इस समय में गाय का घी खाने से रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। बड़े-बुज़ुर्गों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को बुखार हो जाए, तो उसमें गाय का घी रामबाण की तरह काम करता है। कुलमिलाकर देखा जाए तो सूर्य संक्रांति के दिन घी खाना बेहद लाभकारी होता ही है, इससे न केवल शरीर को अनेकों लाभ मिलते हैं, बल्कि सूर्य देव भी प्रसन्न होते हैं और राहु और केतु के बुरे प्रभाव से भी बचा जा सकता है। यही कारण है कि सिंह संक्रांति के दिन का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है।
रोग प्रतिरोधक कैलकुलेटर से जानें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता
हम आशा करते हैं कि सिंह संक्रांति के बारे में इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी। एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आप सभी का धन्यवाद।