23 मई को मेष राशि में शुक्र का परिवर्तन होने जा रहा है अर्थात शुक्र का गोचर होने जा रहा है। शुक्र ग्रह को सुख, सुविधा, और विलासिता का ग्रह माना गया है। ऐसे में इस गोचर से कुछ राशियों के जातकों में धन, दौलत, प्यार, रोमांस की बारिश होने वाली है। कौन सी है वह राशियों और क्या होगा इस गोचर का आपकी राशि पर प्रभाव जानने के लिए पढ़ें हमारा यह विशेष ब्लॉग।
इसके अलावा इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बताएंगे ज्योतिष में शुक्र ग्रह का क्या महत्व होता है? इसके गोचर की अवधि क्या होती है? 23 मई को होने वाले शुक्र गोचर का समय क्या रहने वाला है और साथ ही जानते हैं शुक्र ग्रह से संबंधित नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए आप क्या कुछ सरल ज्योतिषीय उपाय कर सकते हैं।
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ज्योतिष में शुक्र ग्रह और शुक्र ग्रह का गोचर
ज्योतिष में शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह का दर्जा दिया गया है। शुक्र ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक शारीरिक और वैवाहिक सुख प्राप्त होते हैं। यही वजह है कि ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख सुविधाओं, वैवाहिक सुख, भोग विलास की वस्तु, शोहरत, सुंदरता, रोमांस आदि का कारक भी माना गया है।
इसके अलावा जहां वृषभ और तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह को माना गया है वहीं मीन शुक्र ग्रह की उच्च राशि है और कन्या इसकी नीच राशि कही जाती है। अब गोचर की बात करें तो शुक्र ग्रह तकरीबन 23 दिनों की अवधि के बाद गोचर कर जाता है। यानी कि एक राशि में शुक्र ग्रह कम से कम 23 दिनों तक रहता है और फिर अपना राशि परिवर्तन कर लेता है।
अब बात करें 23 मई को होने वाले शुक्र गोचर के समय की तो शुक्र 23 मई, 2022 की शाम 8:39 बजे मेष राशि में गोचर करेगा और 18 जून, 2022 की सुबह 8:28 बजे तक यानी कि वृषभ राशि में गोचर करने तक इसी राशि में स्थित रहेगा।
स्वभाविक सी बात है कि शुक्र की इस गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर कुछ ना कुछ अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव अवश्य पड़ेगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शुक्र गोचर फल और इस दौरान किए जाने वाले कुछ राशि अनुसार उपाय।
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शुक्र ग्रह से संबंधित कुछ ज्योतिषीय उपाय
यहां पर यह जानना बेहद आवश्यक है कि यदि कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में हो तो ऐसे व्यक्ति को तमाम धन, दौलत, प्रेम में सफलता, वैवाहिक सुख, आदि की प्राप्ति होती है। इसके विपरीत यदि कुंडली में शुक्र ग्रह पीड़ित अवस्था में है तो ऐसे जातकों के जीवन में तमाम परेशानियां जैसे वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियां, प्रेम में निराशा, धन दौलत की कमी, आदि झेलनी पड़ती है। ऐसे में पीड़ित शुक्र के प्रभाव से बचने के लिए जातकों को शुक्र ग्रह से संबंधित कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या हैं वो उपाय आइये जान लेते हैं::
- यदि आपकी कुंडली में स्थित शुक्र ग्रह परेशानी की वजह बना हुआ है तो माँ लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें।
- भगवान परशुराम की पूजा करें।
- श्री सूक्त का पाठ करें।
- मुमकिन हो तो शुक्रवार के दिन उपवास रखें और जरूरतमंदों को शुक्र ग्रह से संबंधित चीजें जैसे दही, नए कपड़े, चांदी इत्यादि का दान करें।
- इसके अलावा शुक्र ग्रह के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए हीरा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। कोई भी रत्न धारण करने से पहले एक बार किसी जानकार ज्योतिषी से परामर्श अवश्य कर लें।
- इसके अलावा आप चाहें तो अपनी नौकरी या व्यवसाय वाली जगह पर शुक्र यंत्र भी स्थापित कर सकते हैं। इस यंत्र को रखने से प्रेम जीवन, व्यापार, और आर्थिक संपन्नता में वृद्धि होती है।
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शुक्र गोचर फल और राशि अनुसार उपाय
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे भाव यानी कि वाणी, परिवार और धन के भाव तथा सातवें भाव यानी कि वैवाहिक सुख, संगठन और सामाजिक छवि के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वृषभ राशि के लिए शुक्र लग्नेश है और यह जातकों के जीवन तथा जीवनशैली में कई बड़े बदलाव लेकर आने की कूवत रखता है। साथ ही,….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पांचवें भाव यानी कि प्रेम और संतान के भाव तथा बारहवें भाव यानी कि हानि, व्यय और विदेश के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके चौथे भाव यानी कि सुख, परिवार और माता के भाव तथा ग्यारहवें भाव यानी कि आय और लाभ के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके तीसरे भाव यानी कि बल, भाई-बहन और संचार के भाव तथा दसवें भाव यानी कि पेशे और करियर के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार और वाणी के भाव तथा नौवें भाव यानी कि धर्म और भाग्य के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके लग्न भाव तथा आठवें भाव यानी कि दीर्घायु, आकस्मिक घटनाओं और परिवर्तन के भाव का स्वामी है। शुक्र का यह गोचर तुला राशि के जातकों के….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके सातवें भाव यानी कि साझेदारी और संगठन के भाव तथा बारहवें भाव यानी कि व्यय और हानि के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके छठे भाव यानी कि विवाद और प्रतिस्पर्धा के भाव तथा ग्यारहवें भाव यानी कि आय, लाभ और मित्र के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र 2 महत्वपूर्ण भावों यानी कि पांचवें भाव (प्रेम, संतान और मनोरंजन) तथा दसवें भाव (पेशे, कर्म) का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र योगकारक ग्रह है और यह उनके महत्वपूर्ण केंद्र यानी कि माता, संपत्ति और सुख के चौथे भाव का स्वामी है। साथ ही शुक्र कुंभ राशि के महत्वपूर्ण त्रिकोण यानी कि भाग्य और धर्म के नौवें भाव का भी स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके तीसरे भाव यानी कि बल, साहस और छोटी यात्रा के भाव तथा आठवें भाव यानी कि विरासत, आकस्मिक धन लाभ और अनिश्चितता के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से जानें प्रभाव और उपाय)
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