शुक्र गोचर: जानें सभी बारह राशियों के लिए कैसा रहेगा यह गोचर

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह कला, प्रेम, सौंदर्य, वैवाहिक जीवन, वाहन जैसे अनेक भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। शुक्र का गोचर कुंडली के विभिन्न भागों में अलग-अलग फल प्रदान करता है और व्यक्ति के भौतिक और वैवाहिक जीवन को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। 

जिस किसी भी इंसान की कुंडली में शुक्र शुभ स्थिति में होता है, ऐसे इंसान को उनके जीवन में हर तरह के सांसारिक सुख प्राप्त होते हैं वहीं, जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र कमजोर स्थिति में होता है ऐसे जातकों को अपने शादीशुदा जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जीवन में सांसारिक सुख की कमी झेलनी पड़ती है, लोगों की आर्थिक स्थिति में गिरावट होती है और किडनी रोग जैसे अनेकों रोग परेशान करते हैं। शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि का स्वामी है। मीन राशि में जहां शुक्र उच्च का होता है वहीं कन्या राशि में यह नीच का होता है। 

अब बात करें अगर शुक्र के गोचर की तो शुक्र के गोचर की अवधि लगभग 23 दिन की होती है यानी कि एक राशि में शुक्र लगभग 23 दिनों तक स्थित रहता है और फिर दूसरी राशि में गोचर कर जाता है। यह शुभाशुभ ग्रह शुक्र जनवरी के महीने में दूसरी बार गोचर करते हुए 28 जनवरी 2021, गुरूवार को सुबह 03 बज-कर 18 मिनट पर अपना गोचर करते हुए, धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

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ऐसे में यह बात तो स्वाभाविक है कि, शुक्र के इस गोचर का आपके जीवन पर भी प्रभाव अवश्य ही पड़ेगा। तो आइये जानते हैं सभी बारह राशियों का राशिनुसार गोचर-फल।

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शुक्र गोचर: मेष राशि

शुक्र ग्रह आपकी राशि के दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं, और इस गोचर के दौरान वो आपकी राशि से दशम भाव भाव में विराजमान होंगे। ज्योतिष में इस भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है। इस भाव में शुक्र की स्थिति, आपको ….विस्तार से पढ़ें

शुक्र गोचर: वृषभ राशि

शुक्र ग्रह आपकी ही राशि, यानी आपके लग्न भाव के स्वामी होते हैं, और इस गोचर के दौरान वो आपके नवम भाव में विराजमान होंगे। नवम भाव को धर्म भाव भी कहा जाता है, और इससे हम आपके भाग्य के बारे में भी विचार करते हैं। शुक्र के नवम भाव में गोचर के दौरान, आपको….विस्तार से पढ़ें

शुक्र गोचर: मिथुन राशि 

शुक्र देव आपकी राशि से, अष्टम भाव में गोचर करेंगे। इस भाव से जीवन में आने वाले, उतार-चढ़ावों के बारे में विचार किया जाता है। इस गोचर की वजह से आपको, उत्तम फलों की प्राप्ति होगी। क्योंकि शुक्र इस दौरान….विस्तार से पढ़ें

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शुक्र गोचर: कर्क राशि

शुक्र ग्रह आपकी राशि के चतुर्थ और एकादश भाव के स्वामी होते हैं, और इस गोचर के दौरान वह आपके सप्तम भाव में विराजमान होंगे। यह भाव विवाह भाव भी कहा जाता है और इस भाव से हम, जीवन में होने वाली साझेदारियों के बारे में विचार करते हैं। ऐसे में शुक्र का ये गोचर आपके….विस्तार से पढ़ें

शुक्र गोचर: सिंह राशि

शुक्र देव का गोचर आपकी राशि से, षष्ठम भाव में होने जा रहा है। इस भाव को शत्रु भाव के नाम से भी जाना जाता है। छठे भाव में शुक्र का गोचर, आपके लिए ….विस्तार से पढ़ें

शुक्र गोचर: कन्या राशि

शुक्र कन्या राशि के दूसरे और नवम भाव के स्वामी होते हुए, इस गोचर के दौरान वो आपके पंचम भाव में विराजमान होंगे। यह भाव संतान भाव भी कहलाता है और इससे आपकी बुद्धि और ज्ञान के बारे में भी विचार किया जाता है। ऐसे में गोचर के दौरान….विस्तार से पढ़ें

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शुक्र गोचर: तुला राशि

शुक्र देव आपकी राशि के प्रथम, यानी लग्न भाव के स्वामी होकर, इस गोचर के दौरान आपके चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे। यह भाव सुख भाव भी कहलाता है। शुक्र का यह गोचर, आपके….विस्तार से पढ़ें

शुक्र गोचर: वृश्चिक राशि

शुक्र देव का गोचर आपकी राशि से, तृतीय भाव में होने जा रहा है। इसे पराक्रम भाव भी कहा जाता है। इस भाव में गोचर के दौरान, आपको….विस्तार से पढ़ें

शुक्र गोचर: धनु राशि

शुक्र ग्रह के इस गोचर के दौरान, आपका द्वितीय भाव सक्रिय अवस्था में रहेगा। इस भाव को धन भाव भी कहा जाता है, और इससे आपकी वाणी के बारे में भी विचार किया जाता है। ऐसे में शुक्र के इस गोचर के दौरान….विस्तार से पढ़ें

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शुक्र गोचर: मकर राशि

शुक्र देव का गोचर आपके प्रथम भाव, यानी लग्न भाव में होगा। इस भाव को तनु भाव भी कहा जाता है, और इससे हम आपके शरीर, स्वास्थ्य और आत्मज्ञान के बारे में विचार करते हैं। यह गोचर आपके लिए….विस्तार से पढ़ें

शुक्र गोचर: कुम्भ राशि

शुक्र देव का गोचर आपकी राशि से, द्वादश भाव में होगा। द्वादश भाव से हम आपके गुप्त चरित्र, और व्यय के बारे में विचार करते हैं। इस गोचर के दौरान आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इस अवधि में आप ….विस्तार से पढ़ें

शुक्र गोचर: मीन राशि

शुक्र ग्रह का गोचर आपकी राशि से, एकादश भाव में होगा। एकादश भाव को लाभ भाव भी कहा जाता है, और इससे बड़े भाई-बहनों से आपके संबंधों को लेकर विचार किया जाता है। यह गोचर….विस्तार से पढ़ें

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