निजी जीवन में प्रेम की गाड़ी अगर स्थिर हो और अपनी पटरी पर दौड़ती जाएं तो, हम अपने करियर और पारिवारिक जीवन में भी खुशियां ढूढ़ ही लेते हैं। परंतु अगर किसी कारणवश हमारे प्रेम संबंध प्रभावित हो तो इसका नकारात्मक प्रभाव हमें मानसिक तनाव दे सकता है।
ऐसे में यदि आपके भी प्रेम संबंधों में पिछले कुछ समस्या से किसी भी प्रकार की कोई परेशानी आ रही हैं, आपका अपने प्रियतम के साथ कोई विवाद चल रहा है या आप काफी समय से सिंगल हैं और अपने लिए उत्सुकता के साथ साथी की तलाश कर रहे हैं तो, जल्द ही आपके दिन बदलने वाले हैं और ये समय आपके लिए काफी अनुकूल सिद्ध होगा।
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बदलने वाली है ग्रहीय दशा
दरअसल मई मध्य में सौरमंडल के कुछ ग्रह अपना स्थान परिवर्तन करते हुए आपके प्रेम जीवन में मिठास भरेंगे। ये वो समय होगा जब हर तरफ हवाओं में प्रेम और रोमांस होगा। प्रेमी जातक अपने प्रियतम की बाहों में इस सुन्दर समय का लुत्फ़ उठाते हुए अपने रिलेशन को उच्च स्तर पर पहुंचाते दिखाई देंगे। साथ ही इससे एक-दूसरे के प्रति आपका आकर्षण भी बढ़ेगा और शादीशुदा जातक अपने साथी के साथ निजी पलों का आनंद लेंगे।
शुक्र-मंगल की होगी युति
ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो कुछ ही दिन पहले 27 अप्रैल 2022, बुधवार की शाम 06 बजकर 06 मिनट पर भौतिक सुखों के देवता शुक्र कुंभ से निकलकर गुरु की मीन राशि में पहुंचे हैं। अब मंगल ग्रह भी 17 मई 2022 की सुबह 8 बजकर 58 मिनट पर अपना गोचर मीन राशि में करते हुए, वहां पहले से उपस्थित शुक्र के साथ युति करेंगे।
चूंकि ज्योतिष शास्त्रों में शुक्र को प्रेम, रोमांस, भोग, विलास आदि का कारक ग्रह माना गया है। वहीं मंगल को रक्त, ऊर्जा, तेजी आदि का कारक माना जाता है। इसलिए इन दोनों ही ग्रहों का गुरु की मीन राशि में युति करना सीधे तौर पर प्रेमी जातकों के प्रेम संबंधों को प्रभावित करते हुए जातकों के जीवन में रोमांस, आकर्षण, भोग-विलास की भावनाओं में वृद्धि करेगा। शुक्र-मंगल की ये युति लगभग एक सप्ताह तक रहेगी, फिर 23 मई को शुक्र मीन से निकलकर मेष में चले जाएंगे और इसी के साथ शुक्र-मंगल की मीन में युति भी समाप्त हो जाएगी।
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ज्योतिष में मंगल ग्रह और शुक्र ग्रह
वैदिक शास्त्रों में मंगल को लाल ग्रह भी कहा जाता है। जिसे अग्नि, ऊर्जा, भाई, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम, शौर्य आदि का कारक प्राप्त होता है। जबकि शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना आदि का कारक प्राप्त होता है।
इसके अलावा मंगल अग्नि तत्व ग्रह हैं तो वहीं शुक्र को जल तत्व ग्रह कहा जाता है। ऐसे में अग्नि और जल तत्व का एक साथ किसी राशि में युति करना करीब-करीब सभी राशियों को प्रभावित करने का कार्य करेगा।
इस युति से बनेगा मीन राशि में “ग्रहीय संयोग”
- परंतु एक सप्ताह के लिए ही सही, लेकिन इन दो ग्रहों की ये युति मीन राशि में “ग्रहीय संयोग” का निर्माण करेगी। क्योंकि वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह के लिए मीन उसकी मित्र राशि होती है।
- इसके अलावा मीन राशि में शुक्र ग्रह का उच्च का स्थान माना जाता है, परिणामस्वरूप शुक्र की ये उच्च स्थिति मंगल के प्रभाव को काफी कम कर देगी।
- इसलिए मीन में शुक्र-मंगल की युति से बन रहा ये बड़ा ग्रहीय संयोग सभी 12 राशियों के जातक को ज्यादातर शुक्र से संबंधित ही प्रभाव देगा। जिसके परिणामस्वरूप सबसे अधिक जातकों के प्रेम जीवन में बदलाव देखें जाएंगे।
इन जातकों के जीवन पर पड़ेगा ये युति का प्रभाव
- एस्ट्रोसेज के ज्योतिषियों की मानें तो जिन जातकों की कुंडली मीन लग्न की हो या जिनकी कुंडली के लग्न भाव में ही शुक्र एवं मंगल बैठे हो, उन्हें इस युति के दौरान सबसे ज्यादा लाभ प्राप्त होने की संभावना रहेगी। क्योंकि ये ग्रहीय दशाएं आपके प्रेम संबंधों में अचानक बड़ा मोड़ लाएगी।
- इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में वर्तमान में मंगल या शुक्र ग्रह की दशा, अंतर्दशा या महादशा चल रही है, उन जातकों को भी इस ग्रहीय संयोग का सबसे अधिक अनुकूल फल मिल सकेगा।
चलिए अब बिना देर किये ये भी जानते हैं कि आखिर यह ग्रहीय संयोग राशि चक्र की सभी 12 राशियों के जीवन में क्या प्रभाव डालने वाला है।
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मंगल-शुक्र की इस युति का 12 राशियों पर प्रभाव
मेष राशि:
मंगल-शुक्र की ये युति आपकी राशि के द्वादश भाव में बनेगी। जिसके कारण आपके स्वभाव में कुछ क्रोध की वृद्धि हो सकती है। आर्थिक जीवन में खर्चें अधिक होंगे। स्वास्थ्य जीवन में भी आपको कुछ कष्ट उठाने पड़ेगे। परंतु शुक्र देव का प्रभाव आपका रुझान महंगी वस्तुओं के प्रति आकर्षित करेगा और इस कारण आप अपनी इच्छाओं को पूरा करते हुए खुलकर ख़रीदारी करेंगे। यदि आप सिंगल हैं तो शुक्र देव आपको किसी विपरीत लिंगी व्यक्ति की ओर आकर्षित करने का कार्य भी करेंगे।
वृषभ राशि:
आपके लिए मंगल ग्रह का द्वादशेश होना आपके खर्चों में वृद्धि करते हुए, आपके पारिवारिक जीवन में विवाद की आशंकों को जन्म देगा। परंतु शुक्र का आपके एकादश भाव में होना इस दौरान आपके प्रेम संबंधों में अनुकूलता लेकर आएगा। इस कारण आपको किसी महिला मित्र से अत्यधिक लाभ मिलने के योग बनेंगे। कुछ जातकों को किसी मित्र की मदद से किसी ख़ास व्यक्ति से मुलाकार करने का अवसर भी मिल सकता है।
मिथुन राशि:
मंगल-शुक्र का आपके दशम भाव मे युति करना करियर में आपको सफलता देते हुए धन लाभ होने के योग बनाएगा। खासतौर से वो जातक जो शेयर बाजार से जुड़े हैं, उन्हें इस युति से अपार लाभ मिलने की संभावना रहेगी। जिन जातकों का पूर्व में ब्रेकअप हुआ था, शुक्र देव की कृपा से उनकी किसी से नयी मित्रता हो सकती है। प्रेम संबंधों में भी प्रबलता आती दिखाई देगी।
कर्क राशि:
मंगल-शुक्र की युति आपके नवम भाव में होने से आप स्वभाव से कुछ आलसी बन सकते हैं। इससे कार्यस्थल के कार्यों में कुछ विलंब भी देखा जाएगा। परंतु बावजूद इसके शुक्र देव की कृपा से आपको इस दौरान अचानक कई माध्यमों से धन लाभ संभव है। प्रेम संबंधों में भी कोई नया मोड़ आएगा। यदि आप सिंगल हैं और काफी समय से पार्टनर का इंतज़ार कर रहे हैं तो संभव है कि इस दौरान आपकी किसी ख़ास से मुलाकात हो।
सिंह राशि:
ये युति आपके अष्टम भाव में बनेगी, जिससे मंगल का प्रभाव आपको भाग्य से जुड़े अनुकूल फल नहीं देगा। इस कारण आपको हर कार्य को पूरा करने में सामान्य से अधिक मेहनत करने की ज़रूरत हो सकती है। आपमें क्रोध में भी वृद्धि देखी जाएगी। परंतु शुक्र का प्रभाव आपके प्रेम संबंधों के लिए भाग्यशाली सिद्ध होगा। क्योंकि ये वो अवधि होगी जब आप अपने पार्टनर का पूरा सहयोग प्राप्त करने में सफल रहेंगे।
कन्या राशि:
मंगल-शुक्र आपके सप्तम भाव में होंगे, जिससे आपको कुछ आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए आपके लिए यही बेहतर होगा कि किसी भी तरह के निवेश से बचकर रहें। हालांकि शुक्र देव की कृपा आपके अंदर प्यार की भावनाओं को बढ़ाएगी। इससे कुछ शादीशुदा जातकों के मन में कामुक विचारों की वृद्धि होने से, वे अपने साथी के साथ अकेले समय व्यतीत करने की इच्छा जता सकते हैं।
तुला राशि:
ये युति आपके छठे भाव में बनेगी, इस कारण तुला राशि के जातकों के लिए ये समय कुछ कष्टदायक सिद्ध हो सकता है। इस समय आपके शत्रु सक्रिय होंगे और लगातार आपको हानि पहुंचाते दिखाई देंगे। कुछ जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी हो सकती है।
वृश्चिक राशि:
मंगल-शुक्र आपके पंचम भाव में उपस्थित होंगे। ऐसे में ये समय आपके संबंधों के लिए थोड़ा प्रतिकूल सिद्ध होगा। क्योंकि मंगल देव आपके क्रोध में वृद्धि करते हुए प्रेमी संग आपके विवाद का कारण बनेंगे। परंतु शुक्र देव समय-समय पर हालातों में सुधार करते भी दिखाई देंगे। जिससे कुछ ही समय में आपके प्रेम संबंधों में मधुरता पुनः आ सकेगी और आप प्रियतम के साथ अपने रिश्ते को और अधिक प्रबल करने के लिए प्रयासरत होंगे।
धनु राशि:
धनु राशि में ये युति राशि के चतुर्थ भाव में बनेगी। जिसके कारण आपके प्रेम संबंधों से आपकी मां को कुछ आपत्ति हो सकती है। उन्हें सेहत से जुड़ी परेशानी भी होने के योग बनेंगे। साथ ही यदि आप शादीशुदा हैं तो आपका साथी न चाहते हुए भी आपकी मां से गलत भाषा का प्रयोग करते हुए, आपको आहत कर सकता है।
मकर राशि:
ये ग्रहीय संयोग आपके तृतीय भाव में बनेगा, जिससे सबसे अधिक आप कार्यक्षेत्र पर लाभ प्राप्त करने में सफल रहेंगे। व्यक्तिगत जीवन में भी आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। साथ ही भाइयों से उचित प्रेम और सम्मान मिलेगा। अगर बात करें प्रेम संबंधों की तो ये युति आपके रिलेशन में मधुरता लेकर आ रही है। जिसका सबसे अधिक अनुकूल फल सिंगल जातकों को मिलने की संभावना है।
कुंभ राशि:
ये युति आपके द्वितीय भाव में बनेगी, जिससे आपको उचित धन लाभ होगा। यदि आपकी कुंडली में शुक्र की अंतर्दशा या प्रत्यंतर चल रही है तो, आपको इस दौरान आकस्मिक धन लाभ मिलने के योग बनेंगे। कुछ जातकों के लिए ये अवधि धन हानि होने के अल्प योग भी बनाएगी। इसलिए शुरुआत से ही सतर्क रहें।
मीन राशि:
शुक्र-मंगल की ये अनोखी युति आपकी ही राशि में बन रही है। इसलिए इस दौरान आप मानसिक रूप से तरोताज़ा महसूस करेंगे। सिंगल जातकों का रुझान विपरीत लिंग के जातकों के प्रति बढ़ सकता है। वहीं यदि आप शादीशुदा हैं तो आपका साथी के साथ कुछ विवाद संभव है। क्योंकि इस दौरान आपके मन में काम वासना चरम पर होगी और आप अपने साथी से अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति की उम्मीद करेंगे। परंतु जब साथी आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरेगा तो इसका प्रभाव आपके संबंधों पर पड़ेगा।
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