हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन मुख्य रूप से घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है। इसके बाद ही संकल्प लेकर नवरात्रि के दौरान देवी माँ की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मुख्य रूप से विधि पूर्वक घटस्थापना की जाती है, इसके लिए शुभ मुहूर्त का होना भी विशेष रूप से अनिवार्य माना जाता है। आज हम आपको मुख्य रूप से घटस्थापना की विधि और उसके महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं।
घटस्थापना का महत्व
घटस्थापना या कलश स्थापना को विशेष रूप से हिन्दू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि, कलश स्थापित करने से घर में सुख समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार कलश में मुख्य रूप से भगवान विष्णु, शिव जी और ब्रह्म देव का निवास होता है, इसलिए इसे अत्यंत मंगलकारी माना जाता है। नवरात्रि के दौरान स्थापित किये जाने वाले कलश में ब्रह्मांड की सभी शक्तियों का घट के रूप आह्वान करके उसे स्थापित किया जाता है। इसकी स्थापना से घर में आने वाली सभी मुसीबतों से मुक्ति मिलती है।
पितृपक्ष की चतुर्दशी तिथि कल, जानें इस दिन किन पितरों का किया जाता है श्राद्ध !
घटस्थापना विधि
घटस्थापना के लिए सबसे पहले आवश्यक समाग्रियों को एकत्रित कर लें। इसके लिए आपको चाहिए होगा एक कलश (मिट्टी का एक छोटा घड़ा ), मिट्टी, जौ, सुपारी, गंगाजल, सिक्के, मोली, अक्षत, फूल, इत्र, जौ, फूल, नारियल, लाल रंग का कपड़ा और दूर्वा। अब निम्नलिखित विधि से कलश स्थापित करें।
- सबसे पहले कलश में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज डालें।
- इसके बाद एक बार फिर से मिट्टी डालें और उसके ऊपर जौ डालें, फिर बची हुई मिट्टी डालकर ऊपर से थोड़ा पानी छिड़के।
- कलश को मिट्टी के ढक्कन से ही ढक दें और कलश को मौली से बाँध दें।
- इसके बाद कलश के ऊपर कुमकुम से तिलक करें।
- कलश में गंगाजल भर दें और साथ ही सुपारी, दूर्वा और सिक्का डाल दें।
- अब एक नारियल लेकर उसे लाल रंग के कपड़े में लपेटकर उसे रक्षासूत्र से बाँध दें।
- इस नारियल को कलश के ऊपर रख दें।
- इसके बाद पूजा स्थल के पास ही जौ और मिट्टी को नीचे समतल रूप से बिछाएं और उसके ऊपर पहले कलश रखें फिर कलश के ऊपर नारियल रखें।
- कलश स्थापना विधि शुरू करने से पहले सूर्योदय से पहले उठकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके साथ ही साथ कलश स्थापना से पहले लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता रानी की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद ही उपरोक्त विधि से घटस्थापना करें।
- कलश में नित्य रूप से पानी डालते रहें, एक दो दिनों के बाद ही जौ के पौधे बड़े होते आपको दिखने लगेंगे।
नवरात्रि के दौरान इन मंदिरों में उपस्थित रहती हैं देवी माँ !
यदि आप भी अपने घर में कलश स्थापित करते हैं विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखें की इस दौरान सात्विक भोजन की ग्रहण करें। मांस, मछली, लहसुन, प्याज आदि को नौ दिनों तक वर्जित माना जाता है। इसके साथ साथ इस दौरान विभिन्न प्रकार के व्यसनों से भी दूर रहे।