कल नवरात्रि काआठवां दिन है और इस दिन मां के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। मां श्वेतांबर धारी यानी सफेद कपड़े पहने हुए हैं और बैल की सवारी करती हैं। मां की चार भुजाएं हैं और मां का स्वरूप आनंद और खुशियां प्रदान करने वाला माना जाता है। यही वजह है कि मां को शांभवी नाम से भी जाना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि आठवें दिन यदि मां महागौरी की विधि विधान से पूजा की जाए, यज्ञ आहुति दी जाए, कन्या भोज किया जाए, जरूरतमंदों की सेवा की जाए, तो इससे व्यक्ति की बुद्धि प्रखर होती है, बुध ग्रह मजबूत होता है, आर्थिक और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं और मां का आशीर्वाद जीवन में सदैव के लिए बना रहता है।
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तो आइए अब आगे बढ़ते हैं और अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं नवरात्रि के आठवें दिन किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठान, कर्मकांड, और महा उपायों की संपूर्ण जानकारी। साथ ही जानते हैं नवरात्रि के आठवें दिन की सही पूजन विधि और महत्व क्या है।
माँ महागौरी की पूजा का महत्व
मां का स्वरूप इतना गोरा है कि उसकी तुलना शंख, चंद्रमा और चमेली के फूल से की जाती है। महागौरी शब्द का शाब्दिक अर्थ निकाले तो महा मतलब महान और गौरी का अर्थ होता है सफेद। कहते हैं मां की पूजा करने से मां अपने भक्तों को आशीर्वाद तो देती ही हैं साथ ही उनके जीवन से सभी प्रकार का भाय और दुख भी दूर करती हैं। इसके अलावा मां अपने भक्तों को जो ज्ञान देती है उससे व्यक्ति जीवन में निरंतर आगे बढ़ता है, सफलता प्राप्त करता है और अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।
मां महागौरी को देवी पार्वती का 16 वर्षीय अविवाहित रूप माना गया है। इसके अलावा मां को गिरी पर्वत की बेटी भी कहा जाता है। केवल अपनी दृष्टि मात्र से मां बुरी शक्तियों को परास्त करने की क्षमता रखती हैं। इसके साथ ही महागौरी देवी सुंदरता का भी प्रतिनिधित्व करती है और व्यक्ति की सभी इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।
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माँ महागौरी की सही पूजन विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- मां की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
- इसके बाद मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें क्योंकि मां को सफेद रंग बेहद ही प्रिय होता है।
- पूजा में सफेद फूल अवश्य शामिल करें।
- इसके बाद रोली, कुमकुम, आदि माँ को लगाएँ।
- मां को मिष्ठान, पांचों मेवे, फल अर्पित करें।
- इसके बाद मां को काले चने का भोग लगाएं।
- मां का ध्यान करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- अंत में मां की आरती अवश्य करें।
विशेष जानकारी: नवरात्रि के आठवें दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में इस दिन कन्या पूजन अवश्य करें।
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माँ महागौरी के मंत्र –
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः |
महागौरी शुभं दद्यान्त्र महादेव प्रमोददा ||
माँ महागौरी से संबंधित कथा
मां महागौरी से संबंधित दो पौराणिक कथाएं हैं जिनका ज़िक्र हम यहां करने जा रहे हैं। पहली कहानी के अनुसार कहा जाता है कि, देवी महागौरी कन्या अर्थात 16 वर्ष की वो अविवाहित लड़की हैं जिन्होंने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उन्होंने कई वर्षों तक घोर तपस्या की और यही वजह है कि उनके त्वचा पर धूल जम गई जिससे वह काली दिखाई देने लगी।
माँ की कठोर तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्हें विवाह का वचन दिया। इसके बाद गंगा नदी के जल से माँ पार्वती की मिट्टी और धूल को साफ किया गया जिससे उनका सफेद रंग पुनः वापिस आ गया और उन्हें महागौरी नाम से जाना जाने लगा।
मां से संबंधित दूसरी कथा के अनुसार कहा जाता है कि, शुंभ और निशुंभ नामक दो राक्षस पृथ्वी पर भारी तबाही मचाने लगे थे। उनका अंत केवल देवी ही कर सकती थी। तब भगवान ब्रह्मा की सलाह पर भगवान शिव ने देवी पार्वती की त्वचा को काला कर दिया। देवी पार्वती ने अपना रूप रंग पुनः प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की और भगवान से प्रार्थना की।
तब भगवान उनकी प्रार्थना से और तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें मानसरोवर में स्नान करने की सलाह दी। मानसरोवर झील के पवित्र जल में स्नान करने से देवी पार्वती की काली छवि एक बार फिर से श्वेत हो गई। माता के इस रूप को कौशिकी कहा गया और आगे जाकर इसी कौशिकी स्वरूप ने शुंभ निशुंभ का वध किया।
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नवरात्रि के आठवें दिन अवश्य करें ये उपाय
- मेष राशि के जातक दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा कवच का पाठ करें और सिंदूर अर्पित करें।
- वृषभ राशि के जातक इस दिन विवाहित महिलाओं को श्रद्धा पूर्वक और अपनी यथाशक्ति अनुसार भोजन अवश्य कराएं और उन्हें श्रृंगार की वस्तुएं उपाय।
- मिथुन राशि के जातक मां दुर्गा की विधिवत पूजा करें और उनके बीज मंत्र का जप करें।
- कर्क राशि के जातक इस दिन छोटी कन्याओं की पूजा करें और उन्हें गिफ्ट आदि देकर प्रसन्न रखें ।
- सिंह राशि के जातक महा अष्टमी के दिन मां को लाल रंग के फूल अवश्य अर्पित करें।
- कन्या राशि के जातक मां दुर्गा को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाएं और श्रृंगार का सामान भेंट करें।
- तुला राशि के जातक इस दिन मां के साथ-साथ भगवान गणेश की भी पूजा करें।
- वृश्चिक राशि के जातक दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें ।
- धनु राशि के जातक विशेष तौर पर इस दिन व्रत महिलाओं की सेवा करें और उन्हें भोजन कराएं और उपहार दें।
- मकर राशि के जातक मां दुर्गा की पूजा करें और अपने घर में हवन अवश्य करें ।
- कुंभ राशि के जातक महिलाओं को श्रृंगार का सामान भेंट करें और छोटी बच्चियों को भी प्रसन्न करने के लिए कुछ गिफ्ट अवश्य दें ।
- मीन राशि के जातक मां दुर्गा का व्रत करें और उनके लिए हवन अवश्य करें ।
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नवरात्रि आठवें दिन का महा उपाय
नवरात्रि के आठवें दिन कई उपाय किए जा सकते हैं जैसे यज्ञ, व्रत, कन्या भोज, संधी पूजा, मां को लाल चुनरी अर्पित करके, या किसी मंदिर में लाल ध्वज देकर मां की कृपा पा सकते हैं। इसके अलावा अष्टमी और नवमी तिथि पर क्योंकि शनि का प्रभाव होता है ऐसे में इस दिन मां की विधिवत ढंग से पूजा करने से शनि दोष से भी छुटकारा मिलता है। इसके अलावा यथाशक्ति के अनुसार महिलाओं को शृंगार का सामान भी अर्पित कर सकते हैं इससे महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।
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