शनि साढ़ेसाती 2023: कलयुग के न्यायधीश और कर्मफल दाता शनि देव हम सभी की ज़िंदगी में कई सारे अहम पहलुओं को प्रभावित करते हैं। इस ख़ास ब्लॉग में हम यह जानेंगे कि शनि की साढ़ेसाती कब शुरू होती है, इसके कितने चरण होते हैं और किन राशियों पर शनि के साढ़ेसाती का प्रभाव देखने को मिलेगा।
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शनि की साढ़ेसाती के बारे में लोगों के बीच कई गलत धारणाएं हैं। लेकिन इस लेख में हम आपको साढ़ेसाती के दूसरे अहम पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। तो आइए, बिना देर किए शुरुआत करते हैं।
कब शुरू होती है शनि की साढ़ेसाती और क्या है इसके प्रभाव?
अगर आपकी जन्म कुंडली में शनि बारहवें, पहले, दूसरे भाव में हो या फिर जन्म के समय में अगर शनि चंद्रमा के ऊपर से होते हुए निकलता है तो उसे शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है। हालांकि साढ़ेसाती को ढाई-ढाई साल के तीन चरणों में बांटा जाता है। बता दें कि शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव जातकों को उनके कर्म के अनुसार प्राप्त होता है।
शनि साढ़ेसाती के होते हैं तीन चरण
प्रथम चरण
सबसे पहला चरण, अर्थात साढ़ेसाती के पहले ढाई वर्ष। इस दौरान शनि जातकों के मस्तक पर सवार रहते हैं। इस अवधि में अवधि में जातकों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जातकों को वैवाहिक जीवन में भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है।
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दूसरा चरण
दूसरे चरण में शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से जातकों को व्यवसाय में और परिवार में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय में आपको परिवार से दूर रहना पड़ सकता है और आपको लंबी दूरी की यात्राएं भी करनी पड़ सकती है। इसके साथ ही दूसरे चरण में जातकों को शारीरिक कष्ट होते हैं। आपको इस अवधि में किसी भी काम को करने में जरूरत से ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है।
तीसरा चरण
शनि की साढ़ेसाती के तीसरे चरण के परिणामस्वरूप जातक को भौतिक सुख सुविधाओं में कमी देखने को मिल सकती है और आपको कमाई से ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। इसके अलावा जातक कई विवादों में पड़ सकता है। तीसरे और आखिरी चरण में जातकों को आर्थिक जीवन में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है और कई बार खर्चों में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
इस साल इन 3 राशियों पर होगा शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव
मकर
इस साल मकर राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती के आखिरी चरण का सामना करना पड़ेगा। इस अवधि में आपके खर्चों में वृद्धि होने के संकेत हैं और आप विवादों से घिरे रह सकते हैं। इसलिए जातकों को शनि की साढ़ेसाती से बचने के उपाय करने की सलाह दी जाती है।
कुंभ
30 साल के अंतराल के बाद शनि कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं। कुंभ राशि के जातकों को शनि साढ़ेसाती के दूसरे चरण का सामना करना होगा। दूसरे चरण को सबसे अधिक कष्टदायक और चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इस दौरान आपको करियर के क्षेत्र में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि जीवन के बड़े फैसले सोच समझकर लें।
मीन
मीन राशि के जातकों पर जनवरी से लेकर जून के महीने तक शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। इस अवधि में आपको सावधानीपूर्वक अपने सभी कार्यों को करना होगा। हालांकि मीन राशि के जातकों के लिए नवंबर और दिसंबर के महीने फलदायी साबित होंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
उत्तर. तीसरा चरण में सबसे ज्यादा सेहत पर पड़ता है।
उत्तर.3 मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
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