सावन शिवरात्रि दुर्लभ संयोग में: 30 वर्षों बाद बन रहा है ऐसा शुभ योग-ये राशि अनुसार उपाय दिलाएँगे शुभ परिणाम

सावन शिवरात्रि 2023: शिवरात्रि अर्थात महादेव को समर्पित एक ऐसी रात जिसका इंतजार शिव के भक्त बेसब्री से करते हैं। अपनी इस खास ब्लॉग में आज हम सावन शिवरात्रि के बारे में जानेंगे। साथ ही जानेंगे इस वर्ष की सावन शिवरात्रि पर कौन सा दुर्लभ योग बन रहा है, यह दुर्लभ योग किन राशियों को लाभ कराएगा और किन राशियों को इस दौरान सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी, साथ ही जानेंगे सावन शिवरात्रि के राशि अनुसार कुछ उपाय जिन्हें करके आप भी भोले की कृपा अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।

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प्रत्येक वर्ष में श्रावण मास में कृष्ण पक्ष की जो चतुर्दशी तिथि आती है उस दिन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन वास्तविक रूप से रात्रि का महत्व ज़्यादा होता है इसलिए ज्योतिषीय गणना के अनुसार चतुर्दशी तिथि जिस दिन रात तक व्याप्त रहती है उसी दिन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।

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सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त 

अधिक जानकारी: इस वर्ष चतुर्दशी 15 और 16 जुलाई दोनों दिन रहने वाली है लेकिन ज्योतिषीय दृष्टि से बात करें तो त्रयोदशी और चतुर्दशी का मेल ही शिवरात्रि का मुख्य पुण्य काल माना जाता है जो कि इस वर्ष 15 जुलाई को बन रहा है इसीलिए इस वर्ष शनिवार को दिन में जब त्रयोदशी तिथि रहेगी और रात में त्रयोदशी समाप्त होकर चतुर्दशी शुरू हो जाएगी तब शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।

बात करें शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त की तो, इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 15 जुलाई शाम 8 बजकर 16 मिनट से रात 10 बजकर 08 मिनट तक रहने वाला है। साथ ही चौघड़िया का शुभ मुहूर्त 15 जुलाई को 12 बजकर 22 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा। 

शिव पूजा का समय – प्रात: 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक( 16 जुलाई 2023)

शिव पूजा का समय – प्रात: 12 बजकर 04 मिनट से प्रात 12 बजकर 48 मिनट तक (15 अगस्त 2023)

सावन शिवरात्रि- अर्थ और महत्व 

शिवरात्रि का अर्थ होता है शिव को समर्पित रात। कहते हैं जब श्रावण महीने में सृष्टि की रक्षा और कल्याण के लिए महादेव ने समुद्र मंथन से निकले विष को ग्रहण कर लिया था तब वह उनके कंठ में जाकर रुक गया था। कंठ में विष की गर्मी और जहरीले विष का असर कम करने के लिए सभी देवी देवताओं ने जल से भगवान शिव का अभिषेक शुरू किया और कहा जाता है कि तभी से श्रावण के महीने में महादेव के जलाभिषेक की परंपरा की शुरुआत हुई। 

इसी परंपरा को आज के समय में कांवड़ यात्रा के रूप में पूरा किया जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु के भक्त हरिद्वार से गंगाजल लेने के लिए नंगे पांव लंबी लंबी यात्राएं करते हैं और महाशिवरात्रि के दिन उस गंगाजल से ही महादेव का अभिषेक करते हैं। कहा जाता है इससे महादेव हमेशा प्रसन्न रहते हैं और अपने भक्तों पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।

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सावन शिवरात्रि व्रत पूजा लाभ 

सावन माह की शुरूआत ही कावड़ यात्रा से होती है जो सावन शिवरात्रि पर खत्म होती है। कांवड़ के दौरान कावड़िए अर्थात शिव के भक्त पैदल यात्रा करके कांवड़ में गंगाजल लेकर आते हैं और इसी से भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से भक्तों के जीवन में महादेव की विशेष कृपा बनी रहती है। साथ ही उनके जीवन से सभी तरह का दुख दूर होते हैं और मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा शिवरात्रि के दौरान महादेव का जलाभिषेक करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, भगवान शिव एक ऐसे अकेले भगवान हैं जो मात्र थोड़ी सी पूजा और भक्ति से भी प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में यदि उनके इस खास दिन अर्थात शिवरात्रि पर कोई व्यक्ति उनका जलाभिषेक करें, उनका रुद्राभिषेक करें, उनके लिए व्रत करें, पूजा पाठ करें, तो ऐसे व्यक्तियों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा शिवरात्रि पर ढंग से पूजा पाठ की जाए, कुछ उपायों का पालन किया जाए तो इससे अविवाहित लोगों के विवाह के योग भी बनने लगते हैं। साथ ही अगर आपके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी आ रही है तो भी शिवरात्रि का यह दिन आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। 

आप इस दिन महादेव का आशीर्वाद अपने जीवन में प्राप्त करके अपने वैवाहिक जीवन की तमाम समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। क्या कुछ हैं वह उपाय आइए जान लेते हैं, 

  • जो लोग अविवाहित हैं और अपनी मर्जी के व्यक्ति से विवाह करना चाहते हैं वह शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद, और सुगंधित वस्तु से अभिषेक करें। 
  • अगर कुंडली के किसी दोष की वजह से आपका विवाह नहीं हो पा रहा है या वैवाहिक जीवन में परेशानी आ रही है तो सावन शिवरात्रि पर स्नान ध्यान करें, सफेद रंग के वस्त्र धारण करें, जल में काले तिल, कुमकुम, शहद, और सुगंध मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। 
  • अगर आपकी शादी में बिना वजह की दिक्कतें आ रही है तो मुमकिन है कि यह आपकी कुंडली के किसी दोष की वजह से हो रहा है। ऐसे में आपको अपनी कुंडली किसी जानकार ज्योतिषी को दिखाने की सलाह दी जाती है। कुंडली में कोई दोष है तो उसका निवारण करवाएं साथ ही आप इस शिवरात्रि पर स्नान ध्यान के बाद भगवान शिव के साथ माँ पार्वती की पूजा करें। भगवान शिव और मां पार्वती की प्रतिमा पर 7 बार लाल मौली से गठबंधन करें और उन्हें अपनी परेशानी बताएं।

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सावन शिवरात्रि सही पूजन विधि 

  • सावन शिवरात्रि के दौरान सुबह स्नान करके भगवान शिव की पूजा का संकल्प ले लें। 
  • भगवान शिव को जल अर्पित करें और पंचोपचार पूजन से शिवजी के मंत्रों का जाप करते हुए पूजा करें। 
  • रात में आप शिव मंत्रों के अलावा रुद्राष्टक या फिर शिव स्तुति का पाठ करें। 

इसके अलावा जो लोग इस दिन पर चार पहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले पहर में दूध से पूजा, दूसरे पहर में दही से पूजा, तीसरे पहर में घी से पूजा और चौथे पहर में शहद से पूजा करने की सलाह दी जाती है। हालांकि हर पहर में जल का प्रयोग अवश्य करें।

सावन शिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग 

इस वर्ष शिवरात्रि पर 30 वर्षों बाद अति-दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है। जिसके अनुसार इस वर्ष शिवरात्रि पर शनि प्रदोष का शुभ संयोग बन रहा है। जिसके चलते शनि देव की विशेष कृपा इस दिन रहने वाली है। ऐसा दरअसल शनि के स्वराशि में गोचर के चलते हो रहा है। शनि प्रदोष के प्रभावस्वरूप इस दिन का व्रत संतनदायक भी माना जा रहा है। ऐसे में जिन जातकों को संतान की कामना हो उन्हें इस शिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से रहने की सलाह दी जाती है। 

इस वर्ष शिव रात्रि पर एक और दुर्लभ योगों का संयोग भी बन रहा है जो इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ाने वाला माना जा रहा है। दरअसल इस वर्ष शिवरात्रि पर वृद्धि योग और ध्रुव योग का शुभ संयोग बन रहा है। कहते हैं इस योग में यदि पूजा और योग किया जाए तो इससे व्यक्ति को दोगुना फल प्राप्त होता है। इसके अलावा इस दौरान जो लोग व्रत रखते हैं, भगवान की पूजा करते हैं, उनका जलाभिषेक करते हैं, या भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं, ऐसे व्यक्तियों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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सावन शिवरात्रि इन राशियों के लिए बेहद शुभ 

अब बात करें लकी राशियों की अर्थात उन राशियों की जिन्हें इन महाशिवरात्रि पर्व बेहद ही शुभ परिणाम मिलने वाले हैं तो वह राशियां है सिंह राशि, कन्या राशि, धनु राशि, मकर राशि, और कुंभ राशि। 

इन राशियों के जीवन में इस दौरान हर तरफ से सुख समृद्धि देखने को मिलेगी, आपका आर्थिक जीवन मजबूत होगा, नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो शुभ समाचार मिलेगा, कार्य क्षेत्र में पदोन्नति होगी, व्यापार आगे बढ़ेगा, इस अवधि में कोई महत्वपूर्ण डील भी आपके हिस्से में आ सकती है, घर के लोग आपसे प्यार करेंगे और आपके हर काम में समर्थन देंगे, दांपत्य जीवन खुशहाल बनेगा, पारिवारिक रिश्ते मजबूत बनेंगे, प्रेमी जातकों के जीवन में प्रेम की बाहर आएगी, जो लोग संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं उन्हें शुभ समाचार मिल सकता है, जो लोग नया कुछ शुरू करना चाहते हैं उन्हें आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा इन राशियों का समाज में मान सम्मान बढ़ेगा, छात्र जातकों को मनचाहे कॉलेज में दाखिला मिलेगा, और जो लोग नौकरी की शुरुआत करने वाले हैं उन्हें कोई शुभ समाचार भी मिल सकता है। कुल मिलाकर यह सावन बेहद ही खुशनसीब रहने वाली है।

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इन्हे रहना होगा सावधान 

सावन मास की शिवरात्रि 5 राशि वालों के लिए कुछ खास नहीं रहने वाली है। इन राशियों के जातकों के जीवन में कुछ नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यह राशियां हैं, मेष राशि, मिथुन राशि, तुला राशि, वृश्चिक राशि, और मीन राशि। 

इस अवधि के दौरान इन सभी राशियों को अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने, किसी से लड़ाई झगड़ा या बहस की स्थिति में ना पड़ने, अपने आर्थिक पक्ष के बारे में सतर्क रहने, भावनात्मक रूप से मजबूत रहने, स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने, अपना ध्यान एकाग्र रखने, कोई भी नया काम या व्यापार शुरू न करने, निवेश बेहद ही सोच समझकर करने की, सलाह दी जाती है। 

इसके अलावा विशेष तौर पर यह 5 राशियां महादेव का आशीर्वाद अपने जीवन में प्राप्त करने के लिए भगवान शिव का अभिषेक और रुद्राभिषेक कर सकती हैं। आपको शुभ फल अवश्य प्राप्त होगा।

अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कुछ ऐसे उपायों की जानकारी जिन्हें आप इस शिवरात्रि में करके अपने जीवन में सुख समृद्धि और आर्थिक संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। 

  • आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराएं। साथ ही शिवलिंग पर बेलपत्र धतूरा चढ़ाएं। 
  • पारिवारिक जीवन खुशहाल बनाने के लिए जल में जौ मिलाकर रुद्राभिषेक करें और भगवान शिव को आटे के लड्डुओं का भोग लगाएं। 
  • स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए शिवलिंग पर सफेद चंदन का लेप लगाएं और उसी से अपने माथे पर त्रिपुंड बनाएं। 
  • करियर और कारोबार में सफलता प्राप्त करने के लिए जल में गंगाजल और काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें।

सावन शिवरात्रि के राशि अनुसार उपाय दिलाएँगे महादेव का आशीर्वाद  

  • मेष राशि: महादेव पर बेलपत्र, लाल चंदन, और लाल फूल अर्पित करें।  
  • वृषभ राशि: इस राशि के जातक गाय के दूध, सफेद फूल, दही, गंगाजल, से महादेव की पूजा करें।
  • मिथुन राशि: इस राशि के जातक भांग, धतूरे, और दूब से भगवान भोलेनाथ की पूजा करें।
  • कर्क राशि: कर्क राशि के जातक भगवान शिव को सफेद फूल, चंदन, इत्र, गाय के दूध, आदि से रुद्राभिषेक करें। 
  • सिंह राशि: इस राशि के जातक पानी में गुड़ मिलाकर महादेव का अभिषेक करें। 
  • कन्या राशि: इस राशि के जातक भगवान शंकर को भांग, बेलपत्र, धतूरे, गंगाजल, से अभिषेक करें। 
  • तुला राशि: इस राशि के जातक महादेव को सफेद चंदन, गंगाजल, दही, श्रीखंड, अर्पित करें। 
  • वृश्चिक राशि: भगवान भोलेनाथ को लाल फूल, बेलपत्र, अर्पित करें। 
  • धनु राशि: भगवान शंकर को पीले फूल, पीले फूलों की माला, बेलपत्र, पीला चंदन, मिश्री अर्पित करें।
  • मकर राशि: इस राशि के जातक भगवान शिव को नीलकमल, बेलपत्र, शमी के पत्ते, चढ़ाएं। 
  • कुम्भ राशि: इस राशि के जातक भगवान शिव को नीले फूल, गन्ने का रस, शमी के फूल चढ़ाएं। 
  • मीन राशि: सावन में भगवान शिव की पूजा के लिए पीले फूल, गन्ने के दूध में केसर, मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

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