हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हर साल कुल चौबीस एकादशियाँ होती हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को “रमा एकादशी” या “रम्भा एकादशी” कहते हैं। यह चातुर्मास की अंतिम एकादशी होती है। रमा एकादशी का एक ऐसा व्रत माना जाता है, जिसे रखने मात्र से ही अश्वमेघ यज्ञ के फलों की प्राप्ति हो जाती है। माता लक्ष्मी का एक नाम “रमा” भी है, इसलिए मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करे, तो उसे दोनों का आर्शीवाद मिलता है। इस एकादशी का व्रत जो व्यक्ति भी सच्चे दिल से करता है, उसे जीवन में सभी ऐश्वर्य और सुख प्राप्त होते हैं। इस साल रमा एकादशी व्रत 24 अक्टूबर, गुरुवार को है। तो चलिए आज इस लेख में आपको इस व्रत से जुड़ी सारी जानकारियाँ देते हैं।
जानें कब है शुभ मुहूर्त
इस साल रमा एकादशी 24 अक्टूबर, गुरुवार को पड़ रही है। रमा एकादशी का प्रारंभ 24 अक्टूबर को भोर में 1 बजकर 9 मिनट से होगा, जो कि 24 अक्टूबर को रात 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। वहीँ पारण के समय की बात करें तो व्रत करने वाले लोग 25 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 32 मिनट से लेकर 8 बजकर 45 मिनट तक पारण कर सकते हैं।
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि
रमा एकादशी व्रत के नियमों का पालन दशमी के दिन से ही करना होता है। इसीलिए दशमी के दिन सूर्यास्त होने के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
- रमा एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प ले और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- पूजा में भगवान विष्णु को धूप, तुलसी के पत्तें, दीप, नैवेद्य, फूल और फल आदि अर्पित करें।
- इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती उतारें और उन्हें प्रसाद का भोग लगाएँ।
- रात में भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन या जागरण करें।
- एकादशी के अगले दिन द्वादशी पर पूजा के बाद किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति या फिर ब्राह्मण को भोजन और दान-दक्षिणा दे।
- अंत में भोजन करके अपना व्रत खोलना चाहिए।
रमा एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्त हो जाती है। रमा एकादशी का व्रत हर इंसान को करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत ही लाभकारी माना गया है। रमा एकादशी का व्रत मनुष्य को कुयोनि से भी बचाता है। इस दिन पूरी श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। भगवान विष्णु सिर्फ भाव के भूखे हैं, और अगर आप भी उनके भक्त हैं तो ज़रूर रमा एकादशी का व्रत रखें।
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