राहु का मीन राशि में गोचर: राहु के प्रकोप से नहीं बच पाएंगी ये राशियां; 30 अक्टूबर तक रहे सावधान!

वैसे तो ज्योतिष में सभी ग्रहों के गोचर का विशेष महत्व होता है लेकिन राहु के गोचर को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु को छाया ग्रह कहा जाता है। ये ग्रह न केवल मानव जीवन पर प्रभाव डालते हैं बल्कि ये जातक के जीवन में कई चुनौतियां भी पैदा करते हैं। यदि जातक की कुंडली में राहु की स्थिति अनुकूल नहीं हैं और यह अशुभ भावों व शत्रु राशि के साथ स्थित है तो यह नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। बता दें अक्टूबर के महीने में राहु मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। छाया ग्रह राहु का मीन राशि में होने वाला गोचर आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि आपके पेशेवर जीवन,‌ प्रेम जीवन, वैवाहिक जीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य, तथा करियर आदि पर किस प्रकार का प्रभाव डाल सकता है। 

मेगा एस्ट्रो सेल: सभी ज्योतिषियों सेवाओं पर भारी छूट- इस सेल से चूक गए तो पड़ेगा पछताना!!

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

तो आइए इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं राहु के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर किस प्रकार से पड़ेगा और साथ ही, जानेंगे इसके अशुभ प्रभाव से बचने के आसान ज्योतिषीय उपाय। सभी जानकारी के लिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।

राहु का मीन राशि में गोचर: समय और तिथि

राहु धीमी चाल चलते हैं और डेढ़ साल बाद अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। इस राहु मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। राहु का यह गोचर 30 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 13 मिनट पर होगा और यह देव गुरु के अधीन आने वाली मीन राशि में प्रवेश करेंगे। बता दें कि अभी तक राहु महाराज मंगल देव के प्रतिनिधित्व वाली मेष राशि में विराजमान थे और 30 अक्टूबर को यह मीन राशि में गोचर कर जाएंगे।

ज्योतिष में राहु गोचर का महत्व

वैदिक ज्योतिष में राहु को एक क्रूर ग्रह माना जाता है। हिंदू वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को कठोर वाणी, जुआ, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएं आदि का कारक कहा गया है। माना जाता है कि जीवन में अचानक से होने वाली घटनाओं को घटित करने में राहु का योगदान रहता है। इसके अलावा, रात में देखे जाने वाले डरावने सपनों का कारक ग्रह भी राहु है। मन व मस्तिष्क में आने वाले तनाव, अशांति की स्थिति, घबराहट व बेचैनी होने लगना या व्यक्ति को जब यह लगने लगे कि यह संसार व्यर्थ है और संसार से उसका मोह हट जाए तो मान लेना चाहिए कि कुंडली में राहु का असर अधिक है। 

ज्योतिष में राहु ग्रह को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है लेकिन मिथुन राशि में यह उच्च के होते हैं और धनु राशि में यह नीच के माने जाते हैं। 27 नक्षत्रों में राहु को आद्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्रों का स्वामी माना जाता है। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि ज्योतिष में राहु ग्रह को एक छाया ग्रह कहा जाता क्योंकि सूर्य और पृथ्वी के बीच जब चंद्रमा आता है और चंद्रमा सूर्य की तरफ मुख करता है तो पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्रमा की छाया राहु ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है। 

हिन्दू पंचांग के अनुसार, राहु ग्रह के प्रभाव से पूरे दिनभर में एक अशुभ समय रहता है और इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। इस अवधि को राहु काल कहते हैं। यह अवधि लगभग दो या डेढ़ घंटे की होती है। आइए अब जानते हैं मीन राशि में राहु का क्या प्रभाव देखने को मिलता है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मीन राशि में राहु का प्रभाव

राहु ध्यान, सहज ज्ञान और रहस्यवाद से संबंधित होता है, जो जल तत्व वाली राशियों को आध्यात्मिक वृद्धि प्रदान करता है। मीन राशि में राहु के प्रभाव से जातक का गहन चिंतन और ध्यान के झुकाव बढ़ता है। नकारात्मक पक्ष की बात दें तो इस अवधि में जातक को व्यावसायिक मामलों में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है। इस दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, जातक को वांछित परिणामों की प्राप्ति नहीं होती है और कई बार जातक मानसिक तनाव से घिरा रह सकता है। इस अवधि में जातक को आवश्यक योजनाओं को टाल देना चाहिए। 

करियर की बात करें तो छात्रों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में बड़ी कठिनाई होती है और जिस वजह से अच्छे परिणाम प्राप्त करने में वे असफल हो सकते हैं। सकारात्मक पक्ष की बात करें, तो मीन राशि में राहु के गोचर से संतान के इच्छुक लोगों की मनोकामना पूर्ण हो सकती है। स्वास्थ्य के लिहाज़ से देखें तो जातक को गुर्दे की समस्याओं से ग्रस्त लोगों की समस्या में और अधिक वृद्धि हो सकती है।

मीन राशि में राहु के प्रभाव से जातक ऐसी बातों में उलझा रहता है जिनका वास्तविक जीवन से कोई लेना देना नहीं होता है। ये लोग बेकार की परेशानियों को खुद को झोंक देते हैं और जीवन की सकारात्‍मक चीजों के बारे में विचार भी नहीं कर पाते। मानसिक रोग और अनिद्रा जैसी समस्या भी आपको परेशान कर सकती है। आप अपने ही विचारों और अपनी ही चीजों के भंवर में फंस कर रह सकते हैं। आप में अनायास ही कुंठा जगह बना लेती है, जिसके कारण बहुत अधिक खुश नहीं रह पाते हैं।

मेगा एस्ट्रो सेल: अबतक की सबसे बड़ी सेल

कुंडली में राहु की शुभ स्थिति के संकेत

ज्योतिष शास्त्र में भले ही राहु अशुभ ग्रह माना जाता है, लेकिन यदि जब राहु मजबूत स्थिति में मौजूद होते हैं तो ये जातक को बेहद शुभ परिणाम देते हैं। आइए जानते हैं राहु मजबूत होने पर कैसे परिणाम देते हैं:

  • ज्योतिष में राहु ग्रह को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यदि राहु किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुभ हो तो वह जातक की किस्मत में चार चांद लगा देता है। 
  • कुंडली में मजबूत राहु व्यक्ति को ज्ञानी बनाता है और उसके ज्ञान से हर कोई प्रभावित होता है। 
  • बली राहु के प्रभाव से व्यक्ति अपने धर्म का पालन करता है और उसका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर अधिक रहता है।
  • इसके अलावा, समाज में जातक का मान-सम्मान बढ़ता है और उसे यश की प्राप्ति होती है।
  • राहु के अच्छे प्रभाव से व्यक्ति को शारीरिक परिश्रम करने में कोई परेशानी नहीं होती है। ऐसे व्यक्ति कई घंटों काम करने के बावजूद भी थकान महसूस नहीं करते हैं।
  • राहु  के शुभ प्रभाव से व्यक्ति ऐसी वाणी पाता है जिससे हर कोई प्रभावित हो जाता है।

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

कुंडली में राहु की अशुभ संकेत

कुंडली यदि राहु पीड़ित हो तो जातक को इसके नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं, आइए जानते हैं कुंडली में कमजोर राहु के प्रभाव:

  • जब अचानक से आपके नाखून और बाल तेजी से गिरने लगे, तो समझ लें कि कुंडली में राहु की स्थिति अशुभ है।
  • यदि घर में मौजूद पालतू जानवर या फिर पक्षी अचानक मर जाता है, तो यह भी राहु के कमज़ोर होने के संकेत हैं।
  • कुंडली में कमजोर राहु के कारण परिवार के सदस्यों के बीच बिना किसी बात के मनमुटाव बढ़ जाता है।
  • घर के आसपास यदि बार-बार मरी हुई छिपकली, सांप या फिर मरा हुआ चूहा दिखाई दे तो समझ लें कि कुंडली में राहु कमज़ोर स्थिति में विराजमान हैं।
  • दिमाग असंतुलित हो जाता है। व्यक्ति के अंदर सोचने समझने की क्षमता नहीं रहती है।
  • इसके प्रभाव से व्यक्ति दूसरों से छल, कपट और धोखा करता है। साथ ही, चोरी व डकैती करना भी सीख जाता है।
  • व्यक्ति मांस, शराब तथा अन्य मादक पदार्थों का सेवन करता है और व्यक्ति अधर्मी बनाता है।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

कुंडली में राहु दोष को दूर करने के उपाय

राहु की स्थिति को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय बताया जा रहे हैं, जिसे अपनाकर कुंडली में राहु की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है। 

  • कुंडली से छाया ग्रह राहु की स्थिति को ठीक करने के लिए प्रत्येक सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग में जलाभिषेक करें। साथ ही, भोले नाथ को काले तिल अर्पित करें।
  • प्रतिदिन स्नान आदि करने के साथ इस मंत्र – ‘ऊँ रां राहवे नम:’ का 108 बार जाप करें।
  • कुंडली से राहु दोष को कम करने के लिए रोजाना नहाने वाले पानी में कुछ बूंद गंगाजल के डालें।
  • काले कुत्ते को सात दिनों तक गुड़ वाली रोटी खिलाएं।
  • राहु को मजबूत करने के लिए घर में राहु यंत्र की स्थापना करें और रोजाना राहु मंत्रों का जाप करें।
  • इसके अलावा, राहु को मजबूत करने के लिए हर अमावस्या के दिन पीपल के नीचे शाम ढलते समय या रात के 12 बजे घी का दीपक जलाएं और राहू के मंत्र का जाप करें।
  • कुंडली में राहु को मजबूत करने के लिए घर के वायु कोण यानी कि उत्तर-पश्चिम दिशा में एक लाल झंडा लगाएं।
बंपर एस्ट्रो साल के विशेष ऑफर!!

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

राहु का मीन राशि में गोचर: सभी 12 राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव!

मेष राशि

राहु यहां स्थित‌ रहकर आपकी बुद्धि को कुछ हद तक भ्रम में भी डालेंगे और हर काम में आप जल्दबाजी दिखाएंगे जिससे… (विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

राहु इस वर्ष की शुरुआत में आपकी राशि से द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे और आपके खर्चों में लगातार बेतहाशा… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए राहु इस वर्ष की शुरुआत में आपके एकादश भाव में गोचर कर रहे हैं जिससे… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

यह समय आपकी परिपक्वता यानी कि आप अपने काम पर कितनी पकड़ रखते हैं… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए इस वर्ष की शुरुआत में राहु आपके नवम भाव में डेरा डाले बैठे रहेंगे और आपके भाग्य स्थान और… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए राहु इस वर्ष की शुरुआत में आपके अष्टम भाव में ही विराजमान रहेंगे। लंबे… (विस्तार से पढ़ें) 

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए राहु इस वर्ष की शुरुआत में आपके सप्तम भाव में विराजमान होंगे जिससे… (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए इस वर्ष की शुरुआत में राहु महाराज आपके छठे भाव में विराजमान… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए इस वर्ष की शुरुआत में राहु महाराज आपके पंचम भाव को प्रभावित करते हुए… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए राहु इस वर्ष की शुरुआत में आपके चतुर्थ भाव से गोचर करेंगे। यह समय आपके… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए इस वर्ष की शुरुआत में राहु आपके तीसरे भाव में रहेंगे और… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए राहु इस वर्ष की शुरुआत में आपके द्वितीय भाव में विराजमान होंगे, जहां रहकर… (विस्तार से पढ़ें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि आपको यह ब्लॉग भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.