‘क्वांटम फिजिक्स’ का यह नुस्खा देगा कोरोना से लड़ने की शक्ति

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः

सर्वे सन्तु निरामयाः ।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु

मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ।

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

भावार्थ : सभी सुखी होवे, सभी रोग मुक्त रहें , सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बने और किसी को भी दुख का भागी न बनना पड़े, सब ओर शांति हो।

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आज विश्व में आपदा आयी हुई है। हजारों लोग मर रहे हैं। लाखों लोग बीमार हैं। करोड़ों लोग आर्थिक समस्या में फंसे हैं। इस सबका असर समाज पर प्रतिबिंबित हो रहा है। जो लोग स्वस्थ हैं, वह अपने अंदर एक थकान सी महसूस कर रहे हैं। और संपन्न लोग भी नकदी प्रवाह के ना होने के भय से ग्रसित हैं। इस सब का मूल कारण इसी मंत्र में छिपा है।

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हमारा समाज व्यक्तियों से मिलकर बना है, और व्यक्तियों का समूह किसी ना किसी प्रकार एक दूसरे से जुड़ा है। कुछ हमारे रिश्तेदार हैं, कुछ हमारे पड़ोसी, किसी से हमारा आर्थिक लेन देन हैं, कोई हमारा पुरोहित, वकील, डॉक्टर आदि के रूप में हम से जुड़े हैं। यही नहीं, दूध वाला, सब्जी वाला, ग्रोसरी वाला, बिजली वाला, आदि अनेकों लोग विभिन्न रूप में हमें सेवाएं देते हैं। वे प्रत्यक्ष रूप में हम से जुड़े हैं।

इसके अलावा नगर प्रशासन, पुलिस यातायात सेवाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, नगर के सैनिक, फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी, जिनके उत्पादकों का हम प्रयोग कर रहे हैं। वे अप्रत्यक्ष रूप मे हमसे जुड़े हैं।

हम एक दूसरे की खुशी व दुख को बांटते हैं। त्योहारों पर पूरा वातावरण खुशी से भर जाता है, क्योंकि हर किसी के दिल में खुशी होती है। वैसे ही आज के समय में हर कोई दुखी और परेशान दिख रहा है क्योंकि हम एक दूसरे का दुख बांट रहे।

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विज्ञान ने इसे क्वांटम फिजिक्स का नाम दिया है। प्राचीन साहित्य में इसे कैटभ ऋषि द्वारा लिखित मधु विद्या के नाम से जाना जाता था।

जिस प्रकार शहद, विभिन्न मधुमक्खियों द्वारा विभिन्न फूलों की मधु को इकट्ठा किए जाने पर मिठास देता है, इसी प्रकार हमसे संबंधित सभी लोग जब प्रसन्न होंगे तभी हम भी प्रसन्न होंगे।

आज यदि हम खुश हैं लेकिन हमारा पड़ोसी दुखी है तो, कहीं ना कहीं उसके दुख का हमें अनुभव होगा। यदि हम उसकी सहायता कर देते हैं तो यह हम उसकी सहायता नहीं कर रहे अपितु स्वयं का ही कल्याण कर रहे हैं।

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इस विषय का मूल जानने के लिए मूल कारण पर दृष्टि डालते हैं। जीव परमात्मा का अंश है। परमात्मा इतना पवित्र है कि उसका अंश यदि पूर्ण पवित्र रूप में इस संसार में भेजा जाए तो वह यहां टिक नहीं सकता। वह पुनः परमात्मा में लीन हो जाएगा। इस कारण परमात्मा प्रत्येक जीव में पंच विकार ( काम , क्रोध , लोभ , मोह व अहंकार) को डालकर माया उत्पन्न कर, उस जीव को धरती पर भेजते हैं। माया से ग्रस्त होकर जीव भौतिक जगत को वास्तविकता मानते हैं।

विद्वानों के अनुसार परमात्मा की एक बूंद से 200 जीव जन्म लेते हैं। उनमें से एक मैं और एक मेरा प्रतिरूप जिसे हम सोल मेट के नाम से जानते हैं। यह हमारा सोल मेट हमारा वह प्रतिबिंब होता है जो हमारी हर बात बिना कहे जान लेता है। वह हमारा ही प्रतिरूप होता है।

हम दोनों व 198 अन्य जीव चेतना के उच्च शिखर पर परस्पर जुड़े रहते हैं। इनमें एनर्जी साइफन का प्रणाली लगी होती है।

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हमने छठी कक्षा में एक प्रयोग सीखा था। जिसमें हम पानी के साइफन को होता हुआ देखते थे। दो अलग-अलग पात्र में जल दिया जाता था। दोनों ही पात्रों को एक पाइप के द्वारा जोड़ा जाता था। दोनों ही पात्रों का जल स्तर जब तक एक नहीं पहुंच जाता था तब तक यह पानी एक पात्र से दूसरे पात्र में पाइप द्वारा स्थानतरित होता रहता था।

इस प्रकार यह 200 जीव परस्पर अपनी आत्मा के स्तर पर जुड़े रहते हैं। एक जीव खुश है तो वह सभी को खुशी बांटेगा और यदि एक जीव दुखी या बीमार है तो वह अन्य जीवों से शक्ति खीचेगा।

आज जो क्वांटम फिजिक्स के बारे में सुनते हैं, वह यही सिद्धांत है। एक अणु का व्यवहार दूसरों पर असर डालता है।

यदि हम अगरबत्ती जलाएं तो उसकी खुशबू हर जगह फैलेगी। ठीक उसी प्रकार नाले की दुर्गंध पूरे वातावरण को अशुद्ध कर देती हैं।

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आज के समय में यदि हम लापरवाह होकर समाज में इंफेक्शन की रोकथाम में सहयोग नहीं देंगे तो वही इंफेक्शन हमारे पास वापस आना ही है। वैदिक सिद्धांत में इसे कर्म फल का सिद्धांत कहते हैं। जैसे बीज बोयेंगे वैसे ही फल पायेंगे।

जब देश व समाज पर संकट पड़ता है तो देवालय में पूजा-पाठ होती है, विशेष आयोजन होते हैं। इससे समाज के सभी अंगो का भला होता है। इस भावना से यदि हम इस महामारी के समय स्वयं की सुरक्षा के साथ-साथ अन्य जीवों के लिए प्रार्थना अर्चना कर सुखद व सकारात्मक विचार रखें तो वह हमारे जीवन पर अवश्य लौटकर आएगा। 

 यही सार है इस जीवन का। 

   दीप्ति जैन आधुनिक वास्तु एस्ट्रो विशेषज्ञ

हम आशा करते हैं कि हमारा यह विशेष आर्टिकल आपके लिए हर मायने में सहायक साबित हो। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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