जैसा की आप सभी जानते हैं की लोक सभा चुनाव 2019 होने वाले हैं। हर पार्टी अपनी पूरी दमखम के साथ मुकाबले की तैयारियों में जुटी है। प्रत्याशियों की लिस्ट भी जारी होने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इस तैयारियों के अंतर्गत कांग्रेस पार्टी ने अपना ट्रंप कार्ड, प्रियंका गांधी के रूप में फेंका है। आज हम ज्योतिष के आधार पर उनकी लग्न कुंडली का अध्ययन कर आपको बताने जा रहे हैं की कांग्रेस के लिए प्रियंका कितनी भाग्यशाली साबित होने वाली है।
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क्या कहती है प्रियंका की कुंडली ?
प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 को 1 बजकर 59 मिनट पर दिल्ली में हुआ। लग्न कुंडली के आधार पर प्रियंका गांधी वृषभ राशि की है। शुक्र के प्रभाव से इनका रंग गोरा, सुंदर शरीर व चुंबकीय व्यक्तित्व की मालकिन है। उनमें मेहनत और लग्न की कोई कमी नहीं है, लेकिन उकसाने पर उनका क्रोध शांत करना कठिन होता है। लग्न में शनि होने के कारण स्वास्थ्य में उनके ऊँच नीच चलती रहती है। लग्न में शनि होने से उनकी संकल्प शक्ति दृढ़ है। इनके द्वितीय भाव में केतु होने से पारिवारिक सुख में कमी आ जाती है।
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सहज भाव अर्थात भाई बहनों के सहयोग के भाव में कर्क राशि होने से वे अपने भाई के प्रति सहृदय रहती हैं। चंद्रमा की भांति उनके विचार उज्जवल और नम है। वे अपने अपनों का सहयोग सहृदय करती हैं। किंतु दूसरी दृष्टि से केतु चंद्रमा को देख रहा है। अतः कार्य के फल आने में किंचित बाधा आ सकती है।
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सहज भाव अर्थात भाई बहनों के सहयोग के भाव में कर्क राशि होने से वे अपने भाई के प्रति सहृदय रहती हैं। चंद्रमा की भांति उनके विचार उज्जवल और नम है। वे अपने अपनों का सहयोग सहृदय करती हैं। किंतु दूसरी दृष्टि से केतु चंद्रमा को देख रहा है। अतः कार्य के फल आने में किंचित बाधा आ सकती है।
क्या कहते हैं कुंडली के विभिन्न भाव ?
प्रियंका गांधी के चौथा घर जिसको मां का घर भी कहते हैं, में सिंह राशि की उपस्थिति उन्हें परम सुंदरता के साथ-साथ कठोर निर्णय लेने वाला बनाती है। ऐसे व्यक्ति का मन दृढ़ होता है और वे दिल से कम दिमाग से ज्यादा सोचते हैं। यह सभी गुण प्रियंका गांधी में निहित है। जो उनके व्यवहार को दृढ़ता प्रदान करते हैं।
पंचम भाव भाग्य , शिक्षा व संतान का घर होता है। प्रियंका की कुंडली के पंचम भाव में कन्या राशि के बुद्ध का प्रभाव उन्हें एक विवेकी महिला बनाता है। वे दूसरों की सहायता के बिना भी कार्य करने में सक्षम है। स्वतंत्र व्यक्तित्व की मालकिन प्रियंका को इसके चलते अन्य लोगों का भारी विरोध का सामना भी करना पड़ता है। पंचम भाव में बुध की उपस्थिति उन्हें नेतृत्व शक्ति प्रदान करती है ।
षष्ठम भाव जीवन में आ रही बाधाओं का कारक है। प्रियंका के षष्ठम भाव में तुला राशि के शुक्र की उपस्थिति उनके बनते हुए कार्यों में विघ्न डालता है। जिसके चलते उनके आसपास के लोग सहयोगी ना होकर छिपे शत्रु के रूप में उनके साथ कार्य करते हैं। ऐसे में धन का अपव्यय भी होता है। इसलिए उन्हें सचेत रहने की आवश्यकता है।
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सातवें घर में चंद्रमा व्यक्ति के नेतृत्व शक्ति का विस्तार करता है। लेकिन उन्हें अपने सहयोगियों से सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अष्टम भाव में बुधादित्य योग के साथ बृहस्पति की उपस्थिति उन्हें आजीवन प्रसिद्धि , संपत्ति और लोगों का मार्गदर्शन व दिशा देने का योग बनाता है। जिससे उनका जीवन नेतृत्व शक्ति से भरपूर रहेगा।
नवम भाव में मकर राशि होने से पैतृक सहयोग से उन्नति मार्ग प्रशस्त हो जाता है। ऐसा जातक कुल व आश्रितों का सहायक होता है। जो कि हमें प्रियंका गांधी में साक्षात दिख रहा है। किंतु इसमें राहु होने की वजह से अनेकों मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। पित्तृ सुख में कमी व उनके कार्यों में विघ्न आने की संभावना है ।
दशम भाव में कुंभ राशि पर शुक्र होने से उच्च स्तर पर मान प्रतिष्ठा मिलती है। विभिन्न संगठनों का प्रतिनिधित्व करने से भी मान में वृद्धि होती है। किंतु राहु और शनि के दुष्प्रभाव के कारण प्रतिष्ठा में बाधा आ सकती है। कार्यों में विघ्न आने की संभावना बनती है।
आय के घर में मीन राशि पर मंगल होने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है। प्रियंका गांधी को एक से अधिक साधनों से आय प्राप्त होने की संभावना है। द्वादश भाव में मेष राशि होने से उन्हें दूर देश यात्रा व संबंध से लाभ मिल सकता है। कुल मिलाकर प्रियंका गांधी के नेतृत्व में बहुत ही शक्ति है। इस चुनाव में वे चमकीला सितारा बनकर उभरेगी। किंतु राहुल गांधी की कुंडली में सिंह राशि में केतु की उपस्थिति होने के कारण बाधाएं आ सकती हैं। जो चिंता का विषय बन सकता है। इस कारण उनके मार्ग में कठिनाइयां आने की संभावना है।
हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं ।
दीप्ति जैन
आधुनिक वास्तु एस्ट्रो विशेषज्ञ
दीप्ति जैन एक जानी-मानी वास्तुविद हैं, जिन्होंने पिछले 3 सालों से वास्तु विज्ञान के क्षेत्र में अपने कौशल और प्रतिभा को बखूबी दर्शाया है। उनके इस योगदान के लिए उन्हें कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। दीप्ति जैन न केवल वास्तु बल्कि सामाजिक मुद्दों, हस्तरेखा विज्ञान, अध्यात्म, कलर थेरेपी, सामुद्रिक शास्त्र जैसे विषयों की भी विशेषज्ञ हैं।