हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह दो बार प्रदोष व्रत आता है। यह व्रत कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को लिया जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा होती है। नवंबर 2019 में प्रदोष व्रत 9 नवंबर को है। इस दिन व्रत रखने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। शिवरात्रि के बाद भगवान शिव की पूजा के लिये प्रदोष व्रत सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, इस बात का जिक्र शिव पुराण में भी है।
जानें किसी तरह शुरु हुआ प्रदोष व्रत
इस व्रत के शुरु होने के पीछे भी एक कहानी है जिसके अनुसार एक बार चंद्र देव को क्षय रोग हो गया। इस क्षय रोग के कारण उनको अत्यधिक पीड़ा हुई। चंद्र देव शिव जी के भक्त कहे जाते हैं और अपने भक्त के कष्टों को दूर करने के लिये शिवजी ने चंद्र के क्षय रोग का त्रयोदशी के दिन निवारण कर दिया। जिसके बाद चंद्र देव को नया जीवन प्राप्त हुआ और उनके शरीर का दोष दूर हो गया। यही कारण है कि इस व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है।
प्रदोष व्रत के दिन इस तरह करें शिव जी की पूजा
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये पूरे दिन जल ग्रहण नहीं करना चाहिये। व्रत के दिन सुबह तो पूजा की ही जानी चाहिये लेकिन शाम के वक्त हर हाल में पूजा करना आवश्यक होता है। शाम की पूजा से पहले आपको सूर्यास्त के बाद भी स्नान करना चाहिये और नये वस्त्र धारण करने चाहिये। इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिये। प्रदोष व्रत के दिन नीचे दी गई विधि के अनुसार आपको शिवजी की पूजा करनी चाहिये।
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- आपको अपने हाथों से मिट्टी का शिवलिंग बनाना चाहिये और पूरे विधि-विधान से उसकी पूजा करनी चाहिये।
- शिवलिंग के सामने दीया जलाकर उसकी पूजा करनी चाहिये।
- इसके बाद भगवान शिव की प्रतिमा पर दूध, जल, का छिड़काव करना चाहिये और पुष्प, बेल पत्रों और पूजा सामग्री को अर्पित करना चाहिये।
- इस दिन भगवान गणेश की भी पूजा करनी चाहिये।
- भगवान शिव को लाल रंग का फूल अर्पित नहीं किये जाने चाहिये।
- इस दिन किसी के भी प्रति अपने मन में गलत विचार न आने दें।
- प्रदोष व्रत के दिन जरुरतमंदों की सहायता करना भी आपको शुभ फल दिलाएगा।
9 नवंबर 2019 को पड़ने वाला प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत है। ऐसा माना जाता है कि शनि प्रदोष व्रत रखने से तुरंत काम सिद्ध होते हैं। वहीं जिस भी जातक द्वारा पूरे साल के प्रदोष व्रत रखे जाते हैं उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा रवि और सोम प्रदोष व्रत को भी बहुत अहम माना जाता है। जिन जातकों को भय सताता है या जो मानसिक पीड़ाओं से परेशान हैं उनके मन को प्रदोष व्रत रखने से शांति मिलती है।