पौष पुत्रदा एकादशी 2022: साल की पहली एकादशी पर राशिनुसार कर लें ये उपाय, मिलेगा संतान सुख

पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान हीन व्यक्तियों को पुत्र की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बेहद ही महत्व बताया गया है। वर्ष 2022 की पहली एकादशी पुत्रदा एकादशी होने वाली है। मान्यता है कि, इस एकादशी का व्रत करने से जहां एक तरफ संतान हीन व्यक्तियों को पुत्र की प्राप्ति होती है वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों की संतान होती है उनके बच्चे तपस्वी, विद्वान, और धनवान बनते हैं। इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी के साथ-साथ बहुत सी जगहों पर वैकुण्ठ एकादशी और मुक्कोटी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

पौष माह में पड़ने की वजह से इस एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से आज हम पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व जानेंगे। साथ ही जानेंगे इस दिन का शुभ मुहूर्त क्या है? पौष पुत्रदा एकादशी का ज्योतिषीय महत्व क्या कहता है? इसके अलावा पौष पुत्रदा एकादशी पर किए जाने वाले राशि अनुसार उपाय, साथ ही यहाँ हम आपको इस वर्ष मनाई जाने वाली सभी एकादशी तिथियों की सूची भी प्रदान कर रहे हैं।

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पौष पुत्रदा एकादशी तिथि-मुहूर्त 

13 जनवरी, 2022 (गुरुवार)

पौष पुत्रदा एकादशी पारणा मुहूर्त: 07:15:13 से 09:21:13 तक 14, जनवरी को

अवधि: 2 घंटे 6 मिनट

नोट: यह मुहूर्त दिल्ली के लिए मान्य है। अपने शहर के अनुसार शुभ मुहूर्त जानने के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं। 

पौष पुत्रदा एकादशी महत्व 

पौष पुत्रदा एकादशी मुख्यतौर पर संतान प्राप्ति के लिए उत्तम और बेहद फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन अगर कोई दंपत्ति सही विधि और नियम के साथ भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो भगवान की कृपा से उन्हें उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा पौष पुत्रदा एकादशी व्रत न भी कर पाएं तो इस दिन की पूजा करने और इस दिन से जुड़ी व्रत कथा सुनने से भी व्यक्ति को वाजपेय यज्ञ के समान शुभ फल की प्राप्ति होती है।

संतान की कामना के लिए इस दिन अवश्य करें ये काम 

  • इस दिन प्रातः काल स्नान आदि करने के बाद पति-पत्नी संयुक्त रूप से भगवान कृष्ण की पूजा करें।
  • इसके बाद संतान गोपाल मंत्र का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें।
  • मंत्र जाप के बाद पति-पत्नी भगवान का आशीर्वाद लें और प्रसाद ग्रहण करें।
  • मुमकिन हो तो गरीबों और ज़रुरतमंदों को प्रसाद, भोजन, और ज़रूरी सामग्री का दान अवश्य करें। 

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पौष पुत्रदा एकादशी नियम 

अब बात करते हैं पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम की तो, 

  • पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत दो तरीके से किया जा सकता है। बहुत से लोग जहाँ इस व्रत को निर्जला करते हैं तो वहीं कई लोग इसे फलाहारी रहकर भी करते हैं। दोनों ही तरीके से व्रत करना सही माना जाता है। 
  • इस व्रत को करने के लिए सुबह उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। 
  • इसके अलावा इस दिन की पूजा में गंगाजल, तुलसीदल, तिल, फूल, पंचामृत, आदि से भगवान विष्णु की पूजा करें। 
  • व्रत के अगले दिन यानी पारणा के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति या किसी योग्य ब्राह्मण को यथाशक्ति अनुसार दान दक्षिणा दें और उसके बाद ही अपने व्रत का पारण करें।

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एकादशी 2022- तिथियाँ 

एकादशी तिथि एक महीने में दो बार आती है। ऐसे में एक साल में एकादशी का व्रत कुल 24 (कभी कभी 26) बार किया जाता है। इस साल एकादशी तिथि कब-कब पड़ रही है इसकी जानकारी हम आपको सूचीबद्ध तरीके से नीचे प्रदान कर रहे हैं।

गुरुवार, 13 जनवरी- पौष पुत्रदा एकादशी

शुक्रवार, 28 जनवरी- षटतिला एकादशी

शनिवार, 12 फरवरी- जया एकादशी

रविवार, 27 फरवरी- विजया एकादशी

सोमवार, 14 मार्च- आमलकी एकादशी

सोमवार, 28 मार्च- पापमोचिनी एकादशी

मंगलवार, 12 अप्रैल- कामदा एकादशी

मंगलवार, 26 अप्रैल- वरुथिनी एकादशी

गुरुवार, 12 मई- मोहिनी एकादशी

गुरुवार, 26 मई- अपरा एकादशी

शनिवार, 11 जून- निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 24 जून- योगिनी एकादशी

रविवार, 10 जुलाई- देवशयनी एकादशी

रविवार, 24 जुलाई- कामिका एकादशी

सोमवार, 08 अगस्त- श्रावण पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 23 अगस्त- अजा एकादशी

मंगलवार, 06 सितंबर- परिवर्तिनी एकादशी

बुधवार, 21 सितंबर- इन्दिरा एकादशी

गुरुवार, 06 अक्टूबर- पापांकुशा एकादशी

शुक्रवार, 21 अक्टूबर- रमा एकादशी

शुक्रवार, 04 नवंबर- देवुत्थान एकादशी

रविवार, 20 नवंबर- उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 03 दिसंबर- मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 19 दिसंबर- सफला एकादशी

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पौष पुत्रदा एकादशी राशिनुसार उपाय 

  • मेष राशि: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन 5 गोमती चक्र मंदिर में स्थापित करें और धूप, दीप, नैवेद्य, फूल, फल आदि से उसकी पूजा करें। पूजा के बाद इन गोमती चक्र को उठाकर एक लाल रंग के साफ कपड़े में बांधकर अपनी संतान को दे दें। इस उपाय को करने से आपके संतान का जीवन खुशियों और समृद्धि से भरा रहेगा।
  • वृषभ राशि: वृषभ राशि वाले जातक अपने बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए इस दिन भगवान विष्णु का नाम लेकर एक साबुत हल्दी की गांठ पीस लें। इसके बाद इस टीके को अपनी संतान के माथे पर तिलक की तरह लगाएं और इसे प्रतिदिन लगाएं।
  • मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातक आज छोटा उपाय यह कर सकते हैं कि स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर तुलसी की पूजा करें और उनकी जड़ में जल चढ़ाएं। इस उपाय को करने से आपके संतान को जीवन के हर क्षेत्र में वृद्धि और विकास मिलेगा।
  • कर्क राशि: कर्क राशि के जातक अपनी संतान के जीवन के विकास के लिए छोटा उपाय यह कर सकते हैं कि भगवान विष्णु को माखन मिश्री का भोग लगाएं, उनकी चंदन की खुशबू वाली धूपबत्ती से पूजा करें और भगवान का आशीर्वाद लें। इस उपाय को करने से आपके संतान के जीवन से तमाम मुश्किलें और बाधाएं दूर होंगी।
  • सिंह राशि: सिंह राशि के जातक यदि संतान की कामना रखते हैं तो पुत्रदा एकादशी के दिन एक लकड़ी की चौकी पर भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की तस्वीर रख कर उस तस्वीर के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं। इसके बाद इस मंत्र का जप करें। “ॐ गोविन्दाय गोपालाय यशोदा सुताय स्वाहा”। इस उपाय को करने से उनकी संतान प्राप्ति की कामना अवश्य पूर्ण होगी।
  • कन्या राशि: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें चंदन का तिलक लगाएं। इसके अलावा सौभाग्य बीसा यंत्र पूजा के बाद अपनी संतान को दें या घर के मंदिर में रख दें। इस उपाय को करने से आपकी संतान के भाग्य में वृद्धि अवश्य होगी।
  • तुला राशि: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन 5 सफेद कौड़ियाँ लेकर उनकी पूजा करें। इसके बाद एक लाल कपड़े में बांधकर इसे अपनी संतान को सौंप दें। इस उपाय को करने से आपकी संतान का आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
  • वृश्चिक राशि: पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें। इसके अलावा भगवान को चंदन का तिलक लगाएं। इस उपाय को करने से संतान प्राप्ति की आपकी इच्छा अवश्य पूरी होगी।
  • धनु राशि: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होने के बाद भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा करें और पूजा के दौरान भगवान विष्णु के समक्ष विद्या यंत्र की स्थापना कर दें। पूजा के बाद यह यंत्र अपने बच्चे के कमरे में या पढ़ाई वाले जगह पर रख दें। ऐसा करने से आपकी संतान को विद्या के क्षेत्र में तमाम उपलब्धियां हासिल होंगी।
  • मकर राशि: पुत्रदा एकादशी के दिन अपने बच्चे के माथे पर केसर का तिलक लगाएं। इसके अलावा उनके हाथों से जरूरतमंद लोगों को पीले कपड़े दान में दें। इस उपाय को करने से आपकी संतान का करियर शानदार बनेगा।
  • कुंभ राशि: पुत्रदा एकादशी के दिन पांच मुखी रुद्राक्ष की पूजा करें और इसे गले में धारण कर लें। इस उपाय को करने से आपके जीवन में सफलता प्राप्त होगी। साथ ही आपका और आपके बच्चों का रिश्ता भी अनुकूल बनेगा।
  • मीन राशि: पुत्रदा एकादशी के दिन मीन राशि के जातक यदि सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और ‘ॐ नमो भगवते नारायण’ मंत्र का जाप करते हैं तो ऐसा करने से उन्हें अपने सभी कामों में संतान का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा। साथ ही आप आर आपके बच्चे के रिश्ते भी मधुर बनेंगे।

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