सनातन धर्म में प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां आती हैं और मलमास में इनकी संख्या 24 से बढ़कर 26 हो जाती है। पुराणों में इन सभी एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है लेकिन इन सभी एकादशी में परमा एकादशी बहुत ही ख़ास मानी जाती है। यह अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और यह तिथि तीन साल में एक बार आती है इसलिए इसका महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। परमा एकादशी को पुरुषोत्तम एकादशी भी कहते हैं। इस दिन व्रत और दान को उत्तम बताया गया है। पुराणों में उल्लेख है कि इस व्रत को करने और इसकी कथा का पाठ करने से धन से जुड़े हर संकट दूर हो जाते हैं। यदि कोई व्रत किसी कारणवश नहीं कर पाता है तो केवल कथा के सुनने मात्र से व्यक्ति की दरिद्रता दूर हो जाती है। आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं परमा एकादशी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व, राशिनुसार उपाय और पौराणिक कथा के बारे में।
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परमा एकादशी 2023: तिथि व मुहूर्त
परमा एकादशी की तिथि: 12 अगस्त 2023
परमा एकादशी तिथि का आरंभ: परमा एकादशी की शुरुआत 11 अगस्त 2023 को होगी
परमा एकादाशी तिथि का समापन: 12 अगस्त 2023 की सुबह 6 बजकर 33 मिनट तक
व्रत पारण मुहूर्त
परमा एकादशी पारण मुहूर्त : 13 अगस्त 2023 की सुबह 05 बजकर 48 मिनट से 8 बजकर 27 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 38 मिनट
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परमा एकादशी का महत्व
शास्त्रों में परमा एकादशी का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इस दिन व्यक्ति को भगवान विष्णु से संबंधित धार्मिक पुस्तके, अनाज, फल, मिठाई का दान करना चाहिए। ऐसा करने से व्रत का पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को 24 एकादशी के बराबर फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, सौभाग्य और धन के भंडार प्राप्त होते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन भी कराना चाहिए। इससे पितरों को संतुष्टि मिलती है।
परमा एकादशी 2023: पूजा व व्रत विधि
एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिये। दूसरों की निंदा व हर गलत कार्यों से दूरी बना लेनी चाहिए। इस व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर नित्यकर्मों समेत स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। फिर सूर्यदेव का जल दें।
- इसके बाद भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा-आराधना करें।
- फिर परमा एकादशी की व्रत कथा सुनें। इसके बाद विष्णु जी की आरती और चालीसा का पाठ जरूर करें।
- इस दिन ब्राह्मण को दान करने का विशेष महत्व है। ऐसे में ब्राह्मणों को घर बुलाकर उनके पैर धोकर फलाहार भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा जरूर दें।
- आख़िरी में द्वादशी के दिन मुहूर्त में व्रत का पारण करें।
परमा एकादशी: व्रत कथा
परमा एकादशी की कथा सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाया था। पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में काम्पिल्य नामक नगर में सुमेधा नाम के एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहते थे। दोनों बहुत ही नेक, बहुत ही धर्मपरायण थे लेकिन धन के अभाव के कारण कई बार उन्हें अपनी निर्धनता का दु:ख भी होता था। एक दिन सुमेधा ने अपनी पत्नी से कहा कि वह धन कमाने के लिये परदेश जाना चाहता है और अपनी गरीबी को दूर करना चाहता है। पत्नी अपने पति को समझाते हुए कहती हैं कि हमने किसी का बुरा नहीं किया है और हम सदैव भगवान की भक्ति करते हैं। इसके बावजूद भी हमारे साथ ऐसा हो रहा है तो इसमें जरूर कोई वजह है। हो सकता है कि यह हमारे पूर्व जन्मों का फल हो इसलिये हमें घबराने की जरूरत नहीं है भगवान जो करेंगे अच्छा करेंगे। अपनी पत्नी की बात सुनकर सुमेधा ने परदेश जाने की योजना बदल दी।
एक दिन कौण्डिल्य ऋषि उधर से गुजर रहे थे तो ब्राह्मण दंपति के यहां विश्राम के लिये रुक गए। अपने सामर्थ्य के अनुसार दोनों ने ऋषि की सेवा की। उनके स्वभाव को देखकर ऋषि प्रसन्न हुए। सुमेधा ने ऋषि से कहा महाराज हमारे पास एक स्वच्छ मन और नि:स्वार्थ सेवा भाव के अलावा कुछ नहीं है। हमें हमारी गरीबी दूर करने के लिए कोई उपाय बताएं। कौण्डिल्य ने उन्हें उपाय बताते हुए कहा कि हे विप्रवर मल मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी जो कि परमा एकादशी होती है यदि विधिनुसार अपनी पत्नी के साथ इस एकादशी का उपवास रखें तो आपके दिन भी बदल सकते हैं। ऋषि के बताये अनुसार ही दोनों ने उपवास रखा। जिसके बाद उनकी सारी समस्या दूर हो गई और सुख पूर्वक जीवन व्यतीत करने के पश्चात उन्होंने विष्णु लोक में गमन किया।
परमा एकादशी: इस दिन करें राशि अनुसार उपाय, दूर होंगी हर समस्याएं
मेष राशि
परमा एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और इस दौरान ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आर्थिक उन्नति की प्राप्ति है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले इस दिन 2 हल्दी की गांठ, एक चांदी का सिक्का और एक पीले रंग की कौड़ी रखकर, उस कपड़े में गांठ लगाकर पोटली बना दें। यदि चांदी का सिक्का न रख पाएं तो एक रुपये का सिक्का उस पोटली में रख दें। अब उस पोटली को भगवान का आशीर्वाद लेकर अपने धन रखने वाले स्थान पर रख लें। ऐसा करने से व्यापार में आ रही तमाम समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातक इस दौरान एक नारियल लेकर उसमें पीले कपड़े लपेटे और मौली की सहायता से बांध दें। फिर उस नारियल को मंदिर में रख दें और सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए प्रार्थना करें। माना जाता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहेगी।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों की बात करें इस दौरान आप श्री विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो के आगे बैठकर “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से प्रेम विवाह में आ रही परेशानियां दूर हो जाती है।
सिंह राशि
सिंह राशि वाले इस दिन सुबह सूर्य को जल दें और विष्णु की पूजा के समय दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। पूजा के बाद शंख में भरे उस जल को परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद के रूप में बांट दें। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों के बीच चल रही परेशानियां कम होंगी। बाकी राशि वाले लोग भी इस उपाय का फायदा उठा सकते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों को इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और केले के वृक्ष में जल अर्पित करना चाहिए और साथ ही, शुद्ध घी का दीपक जलाकर प्रार्थना करनी चाहिए। यदि केले का पेड़ आसपास न हो जो केले के वृक्ष के चित्र पर भी जल चढ़ा सकते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि आती है और आर्थिक तंगी से व्यक्ति को छुटकारा मिलता है।
तुला राशि
तुला राशि वालों को परमा एकादशी के दिन कम से कम 11 या 21 ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से नौकरी में आ रही तमाम तरह की समस्याओं से व्यक्ति को छुटकारा मिल सकता है। साथ ही, अच्छी नौकरी व प्रमोशन में आ रही समस्याएं भी दूर होती है। ग्रह-नक्षत्र स्थिति के अनुसार ये उपाय तुला राशि वालों के लिए फलदायी साबित हो सकता है लेकिन बाकी राशि वाले लोग भी इस उपाय को कर सकते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों को इस दिन 21 या 52 ताज़ा पीले फूल लेकर माला बनानी चाहिए और भगवान विष्णु को अर्पित करनी चाहिए। इसके साथ ही, श्री हरि को दूध की खीर बनाकर भोग लगाना चाहिए। भोग लगाते समय तुलसी की पत्ती जरूर डालनी चाहिए क्योंकि माना जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है और ऐसा करने से आप जिन्दगी के नये आयाम स्थापित करने में सफल होंगे।
धनु राशि
धनु राशि वालों को परमा एकादशी के दिन एक सफेद सूत का धागा लेकर हल्दी से रंग देना चाहिए फिर पूजा के दौरान श्री हरि के चरणों पर अर्पित करना चाहिए। पूजा खत्म होने के बाद धागे में सात गांठ बाधकर अपने पास रख लेना चाहिए। यदि आप कोई भी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर जाते हैं तो इसे अपने पास जरूर रखें।
मकर राशि
अचानक आने वाले खर्चों से बचने के लिए मकर राशि वालों को इस दौरान पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए और जल अर्पित करना चाहिए। इससे विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
कुंभ राशि
अपने करियर की बेहतरी के लिये या अपने बिजनेस को एक नए मुकाम तक पहुंचाने के लिए आज के दिन एक पीपल का पत्ता लेकर, उस पर हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और भगवान के चरणों में ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ कहते हुए अर्पित कर दें। साथ ही किसी पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। अगर मिठाई का भोग नहीं लगा सकते तो केले का फल चढ़ा दें।
मीन राशि
यदि आपका विवाह नहीं हो रहा है या विवाह में कोई न कोई समस्या खड़ी हो जाती है तो इस दिन घर पर सत्यनारायण की कथा कराएं और देसी घी के बने बेसन के लड्डू का भोग भगवान विष्णु को लगाएं। इसके बाद वह लड्डू प्रसाद के रूप में सबको बांटे। माना जाता है कि ऐसा करने से विवाह में आ रही समस्या दूर होती है और परेशानियों का हल जल्द ही निकलता है। वैसे तो ये ख़ास उपाय मीन राशि वालों के लिये विशेष है, लेकिन बाकी राशि वाले लोग भी इस उपाय को करके फायदा उठा सकते हैं।
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