28 जून से शुरू हो रहा है पंचक काल, जानें इस दौरान क्या कार्य निषेध हैं

सनातन धर्म में ज्योतिष का बहुत ही ज्यादा महत्व माना गया है। सनातन धर्म के सभी पर्व ज्योतिष गणनाओं से ही तय होते हैं। वैदिक ज्योतिष पूरी तरह से ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति और गणना पर आधारित पद्धति है और इसमें पंचक काल को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। अब साल 2021 में आषाढ़ महीने की शुरुआत में ही पंचक काल लगने वाला है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में पंचक काल क्या है, कब तक है और इस दौरान क्या कार्य निषेध माने गए हैं, इसकी पूरी जानकारी देने वाले हैं।

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पंचक काल क्या है?

सनातन धर्म में पंचक काल को बेहद ही अशुभ समय माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद, रेवती और शतभिषा नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करता है तो पंचक काल शुरू होता है। पंचक काल को सनातन धर्म में अमंगल काल माना जाता है। मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल में हो जाती है तो उसके रिश्तेदारों या खानदान में पांच अन्य लोगों की भी मृत्यु होती है। 

जून 2021 में पंचक काल

साल 2021 के जून महीने में पंचक काल शुरू होने वाला है। हिन्दू पंचांग के अनुसार 28 जून, 2021 को सोमवार के दिन 12 बजकर 59 मिनट से पंचक प्रारंभ हो जाएगा और 03 जुलाई, 2021 को शनिवार के दिन 06 बजकर 13 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगा। आपको बता दें कि पंचक की अवधि पांच दिनों की होती है। चूंकि यह पंचक सोमवार के दिन शुरू हो रहा है इसलिए यह राज पंचक कहलाएगा।

आइये अब आपको पंचक काल में निषेध कार्यों की जानकारी दे देते हैं।

पंचक काल में निषेध कार्य

पंचक काल को सनातन धर्म में बेहद अशुभ माना गया है। यही वजह है कि इस दौरान कई कार्यों पर पूरी तरह से पाबंदी होती है। पंचक काल में सनातन धर्म के अनुयायियों को लकड़ी खरीदने की मनाही होती है। इसके अलावा यदि आप घर के निर्माण का कार्य करवा रहे हैं तो पंचक काल में घर की छत न डालें। ऐसा करना निषेध माना गया है। साथ ही पंचक काल में शव जलाना और शैय्या का निर्माण करना भी निषेध माना गया है। दक्षिण की यात्रा भी इस अवधि में निषेध मानी गयी है।

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आइये अब आपको बता देते हैं कि पंचक काल का नाम कैसे तय होता है।

पंचक काल के नाम तय करने की प्रक्रिया

पंचक काल के नाम को तय करने की प्रक्रिया दिन के अनुसार होती है यानी कि जिस दिन से पंचक काल शुरू होगा उस दिन के आधार पर ही पंचक काल का नाम रखा जाता है।

  • रविवार के दिन शुरू हुए पंचक काल का नाम रोग पंचक होता है
  • सोमवार के दिन शुरू हुए पंचक काल का नाम राज पंचक होता है
  • मंगलवार के दिन शुरू हुए पंचक काल का नाम अग्नि पंचक होता है
  • बुधवार और बृहस्पतिवार के दिन शुरू हुए पंचक काल दोषमुक्त पंचक काल कहलाते हैं
  • शुक्रवार के दिन शुरू हुए पंचक काल चोर पंचक कहलाते हैं
  • शनिवार के दिन शुरू हुए पंचक काल को मृत्यु पंचक कहा जाता है।

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