शरद नवरात्रि, दशहरा जैसे कई बड़े त्योहार अक्टूबर माह को बनाएंगे ख़ास; जानें किन राशिवालों को मिलेगा फायदा!

अक्टूबर 2023: साल में बारह महीने होते हैं और हर महीने का अपना अलग महत्व है। हर महीने कोई न कोई तीज, त्योहार व व्रत पड़ते हैं। इसी क्रम में बात करते हैं अक्टूबर के महीने की तो इस माह एक के बाद एक कई व्रत-त्योहार है। इसी के साथ अक्टूबर का महीना बहुत ही खास रहने वाला है। कहा जा सकता है कि यह महीना त्योहारों से भरा हुआ रहेगा। पूरे 30 दिनों में लगभग कोई न कोई दिन व्रत-त्योहार जरूर मनाएं जाएंगे इसलिए अक्टूबर का महीना धार्मिक नजरिए से भी काफ़ी अहम रहने वाला होगा। इस महीने के शुरुआत नवरात्रि की संकष्टी चतुर्थी के व्रत से हो रही है। फिर इसके बाद लगातार कई प्रमुख त्योहार व व्रत आएंगे। अक्टूबर माह में शारदीय नवरात्रि, दशहरा, आश्विन पूर्णिमा जैसे ख़ास त्योहार मनाए जाएंगे।

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ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, अक्टूबर साल का दसवां महीना होता है जो दर्शाता है कि हम धीरे-धीरे साल के अंत की तरफ बढ़ रहे हैं और अब इस वर्ष के ख़त्म होने में सिर्फ दो महीने की बाकी रह गए हैं। ऐसे में, हर एक के मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि यह माह जीवन में कैसे परिवर्तन लेकर आएगा? क्या सपने पूरे होंगे? रिश्ता रोमांस से भरा होगा या फिर तकरार होगी? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे आपको एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में। अब हम बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले नज़र डालते हैं अक्टूबर महीने के पंचांग पर।

अक्टूबर 2023 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2023 का दसवां महीना यानी कि अक्टूबर 2023 का आगाज़ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि यानी कि 01 अक्टूबर 2023 को होगा और इसका समापन 31 अक्टूबर 2023 को रोहिणी नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होगा। अक्टूबर के महीने में व्रतों और त्योहारों की भरमार देखने को मिलेगी। हम इन पर्वों के बारे में भी विस्तार पूर्वक बात करेंगे, लेकिन उससे पहले जानते है अक्टूबर महीने का धार्मिक महत्व।

अक्टूबर महीने का धार्मिक महत्व

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अक्टूबर 2023 के महीने की शुरुआत आरंभ अश्विन माह के तहत होगा जबकि इसका अंत कार्तिक माह के अंतर्गत होगा। बता दें कि आश्विन मास वर्ष का सातवां महीना है। इस वर्ष इसकी शुरुआत 30 सितंबर 2023 से होगी तथा इसका समापन 28 अक्टूबर 2023 को होगा। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह सितंबर-अक्टूबर महीने में आता है। इस महीने को काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस मास में पितृ पक्ष के साथ ही शारदीय नवरात्रि तथा दशहरे का पर्व भी मनाया जाता है। आश्विन मास मां दुर्गा को समर्पित महीना है। माना जाता है कि इस महीने से सूर्य धीरे-धीरे कमज़ोर होने लगते हैं। शनि और तमस का प्रभाव बढ़ता जाता है इसलिए इस महीने शुभ कार्य करने की मनाही होती है। अश्विन 2023 का आरंभ पितृ पक्ष के साथ होगा। ऐसे में, पितरों के आशीर्वाद के लिए यह महीना खास है।

वैसे आश्विन मास दो भागों में बंटा हुआ है। पहला कृष्ण पक्ष जिसमें पितृपक्ष पड़ा है और इसमें पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है। जबकि दूसरा शुक्ल पक्ष होता है, जिसमें नवरात्रि के व्रत रखा जाता है और नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इसके साथ ही, दशहरा, अष्टमी और महानवमी जैसे बड़े पर्व भी मनाये जाएंगे।

इसके बाद कार्तिक का पावन माह लग जाता है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और यह भगवान विष्णु को अति प्रिय भी है। इस महीने में भगवान विष्णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्व माना गया है। इसी महीने में तुलसी और शालिग्राम का विवाह करवाया जाता है। कार्तिक मास में गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और अनुष्ठान करना विशेष फलदायी होता है। इस महीने की देवोत्‍थान एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु जी अपनी चार महीने की निद्रा काल से उठते हैं और दोबारा सृष्टि को संभालने का भार अपने सिर लेते हैं।

आश्विन मास में क्या करें और क्या न करें

जरूर करें ये काम

  • आश्विन मास में पितृ पक्ष पड़ते हैं इसलिए इस माह में पितरों का श्राद्ध जरूर करें।
  • साथ ही, इस मास में पितरों का पिंडदान, तर्पण आदि भी जरूर किया जाना चाहिए।
  • इस मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं इसलिए इन दिनों व्रत रखना बेहद फलदायी माना जाता है। 
  • इन दिनों मां दुर्गा के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा करें।
  • प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ ध्यान लगाकर करें।
  • इन दिनों स्नान, दान-पुण्य का विशेष महत्व है इसलिए ऐसा जरूर करें।
  • रोजाना गुड़ का सेवन करें और गुड़ का दान भी करें।

आश्विन मास में इन चीज़ों को करने से बचें

  • इन दिनों दूध का सेवन करने से बचें।
  • इसके अलावा सब्जियों में करेला, बैंगन के सेवन नहीं करना चाहिए।
  • तला हुआ, मसालेदार भोजन का सेवन करने से भी बचना चाहिए।
  • बुराई, निंदा, चोरी आदि गलत कार्यों को करने से भी बचें।

अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं अक्टूबर 2023 में पड़ने वाले व्रत और तिथियों के बारे में।

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अक्टूबर 2023 के व्रत एवं त्योहारों की संपूर्ण सूची

तिथिदिनत्योहार
02 अक्टूबर 2023सोमवारसंकष्टी चतुर्थी
10 अक्टूबर 2023मंगलवारइन्दिरा एकादशी
11 अक्टूबर 2023बुधवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
12 अक्टूबर 2023गुरुवारमासिक शिवरात्रि
14 अक्टूबर 2023शनिवारअश्विन अमावस्या
15 अक्टूबर 2023रविवारशरद नवरात्रि, घटस्थापना
18 अक्टूबर 2023बुधवारतुला संक्रांति
20 अक्टूबर 2023शुक्रवारकल्परम्भ
20 अक्टूबर 2023शुक्रवारसरस्वती आवाहन
21 अक्टूबर 2023शनिवारनवपत्रिका पूजा
22 अक्टूबर 2023रविवारदुर्गा महा अष्टमी पूजा
23 अक्टूबर 2023सोमवारदुर्गा महा नवमी पूजा
24 अक्टूबर 2023मंगलवारदुर्गा विसर्जन, दशहरा, शरद नवरात्रि पारणा
25 अक्टूबर 2023बुधवारपापांकुशा एकादशी
26 अक्टूबर 2023गुरुवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
28 अक्टूबर 2023शनिवारअश्विन पूर्णिमा व्रत

यहां हमने आपको अक्टूबर 2023 माह में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियों के बारे में जानकारी प्रदान की है। लेकिन, अब हम आपको रूबरू करवाते हैं इन त्योहारों के धार्मिक महत्व से। 

अक्टूबर 2023 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व

संकष्टी चतुर्थी (02 अक्टूबर 2023): सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और यह व्रत भगवान गणेश को ही समर्पित है। संकष्टी एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है ‘संकट को हरने वाली चतुर्थी’। अर्थात संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन से आ रही बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही, इस दिन चंद्र देव की पूजा का भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से जातक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

इन्दिरा एकादशी (10 अक्टूबर 2023): 

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस एकादशी पर भगवान शालिग्राम की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने के साथ व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने के साथ ही कथा का अवश्य पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि कथा का वर्णन स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के समय किया जाता था।

प्रदोष व्रत (कृष्ण) (11 अक्टूबर 2023): प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है। हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। पहला कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी में और दूसरा व्रत शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी को पड़ता है। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ कैलाश पर्वत में प्रसन्न होकर नृत्य करते हैं इसलिए इस व्रत का महत्व बहुत अधिक है।

मासिक शिवरात्रि (12 अक्टूबर 2023): साल के प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। एक साल में 12 मास होते है और 12 मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस व्रत का विशेष महत्व है इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। मासिक शिवरात्रि के दिन रात की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा का भी अपना अलग महत्व है।

अश्विन अमावस्या (14 अक्टूबर 2023): हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को पितृ विसर्जनी अमावस्या या अश्विन अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या को पुरुषोत्तम माह की अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पितृपक्ष समाप्त होते हैं और पितृजन अपने-अपने लोक वापस लौट जाते हैं। इस दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व हैं।

शरद नवरात्रि, घटस्थापना (15 अक्टूबर 2023): सनातन धर्म में नवरात्रि को बहुत ही महत्वपूर्ण व पवित्र माना गया है। इस दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने का विधान है। हिंदू धर्म में वैसे तो साल भर में चार नवरात्रि मनाई जाती हैं लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे अधिक है। शरद नवरात्रि अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि में पड़ती है।

तुला संक्रांति (18 अक्टूबर 2023): जब सूर्य का तुला राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे ‘तुला संक्रांति’ कहते हैं। यह संक्रांति उड़ीसा और कर्नाटक में धूमधाम से मनाई जाती है। यह अक्टूबर माह के दौरान पड़ती है। तुला संक्रांति के दिन तीर्थ स्नान, दान और सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा, इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

कल्परम्भ (20 अक्टूबर 2023)कल्परम्भ को काल प्रारंभ भी कहा जाता है। इसकी पूजा सबसे पहले भगवान श्रीराम ने की थी। माना जाता है कि इस दिन मां दुर्गा पृथ्वी पर आई थीं। कल्पारम्भ, पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा अनुष्ठानों के शुभारंभ का प्रतीक माना जाता है। इस परंपरा को अकाल बोधन भी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार अकाल बोधन का अर्थ है मां दुर्गा का असामयिक आव्हाना यानी कि देवी मां को असमय निंद्रा से जगाया जाता है। बताया जाता है कि भगवान श्री राम ने सबसे पहले को मां दुर्गा को अराधाना करके जगाया था और इसके बाद रावण का वध किया था और इस पूरी क्रिया को अकाल बोधन भी कहते हैं।

नवपत्रिका पूजा (21 अक्टूबर 2023): नवपत्रिका की पूजा नवरात्रि के दौरान की जाती है। यह एक रिवाज है, जो दुर्गा पूजा के दौरान किया जाता है। महासप्तमी के दिन नवपत्रिका की पूजा की जाती है। नवपत्रिका को कोलाबोऊ पूजा  भी कहते है और यह पूजा किसानों द्वारा किया जाता है ताकि अच्छी फसल मिले। इस पूजा के दौरान किसान प्रतिमा की पूजा न करके प्रकृति की पूजा करते हैं। ताकि अच्छी वर्षा हो सके और उनके फसल हरे-भरे रहें व फसल की अच्छे से कटाई की जा सके। शरद ऋतू के दौरान, जब फसल काटने वाली होती है, तब नवपत्रिका की पूजा की जाती है। 

दुर्गा महा अष्टमी पूजा (22 अक्टूबर 2023): इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप यानी महागौरी की पूजा और आराधना की जाती है। इसे दुर्गाष्टमी भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि नवरात्रि में नौ दिन तक पूजा और व्रत न कर पाएं हो तो अष्टमी और नवमी के दिन व्रत रखकर देवी की विधि-विधान से पूजा करने से सभी नौ दिनों के बराबर पूजा का फल प्राप्त होता है। इस दिन लोग महागौरी की पूजा के बाद कन्या पूजन किया जाता है।

दुर्गा महा नवमी पूजा (23 अक्टूबर 2023): यह दिन विशेष माना जाता है। इस दिन मां दुर्गा की नौवें स्वरूप यानी कि मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवमी पर नवरात्रि का समापन होता है। मान्यता है कि नवरात्रि के आखिरी दिन दुर्गा नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि और विवेक बढ़ता है और समस्त सिद्धियों का ज्ञान प्राप्त होता है। इस दिन पूजा, हवन व कन्यापूजन किया जाता है।

दशहरा, दुर्गा विसर्जन (24 अक्टूबर 2023): इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। ज्यादातर लोग इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा के बाद व्रत पारण करते हैं। इसके बाद विजयादशमी यानी दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने राक्षस रावण का वध किया था। वहीं ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन देवी दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध किया था। दशहरा पर्व को असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है और रावण का पुतला जलाया जाता है।

पापांकुशा एकादशी (25 अक्टूबर 2023): हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन पापाकुंशा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस एकादशी का व्रत करने से एक हजार अश्वमेघ और सौ सूर्य यज्ञ करने के समान फल प्राप्त होता है। यह एकादशी सभी एकादशी में श्रेष्ठ मानी जाती है। मान्यता है कि इस एकादशी के दिन जो भी व्यक्ति मौन रहकर व्रत करता है वह सभी पापों से मुक्ति पा लेता है। शास्त्रों के अनुसार, पापांकुशा एकादशी के बारे में श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था। 

अश्विन पूर्णिमा व्रत (28 अक्टूबर 2023): सनातन धर्म में प्रत्येक पूर्णिमा का विशेष महत्व है लेकिन आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे रास पूर्णिमा व शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं का होता है और इससे निकलने वाली किरणें अमृत समान होती है। कई जगह लोग इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी के नीचे रखते हैं। मान्यता है कि चंद्रमा की किरणें खीर में पड़ने से यह कई गुना लाभकारी हो जाती है और इसके सेवन से व्यक्ति के बड़े से बड़े रोग दूर हो जाते हैं।

अक्टूबर 2023 में पड़ने वाले ग्रहण और होने वाले गोचर 

त्योहारों की तिथियां और उनके बारे में जानने के बाद अब हम आपको अवगत कराएंगे अक्टूबर 2023 में होने वाले ग्रहण और गोचर के बारे में। अक्टूबर के महीने में दो ग्रहण लगने जा रहे हैं जबकि 7 प्रमुख ग्रहों का गोचर होने जा रहा है। हालांकि, इस दौरान एक ग्रह दो बार अपनी राशि परिवर्तन करेंगे। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस महीने लगने वाले ग्रहण व ग्रह गोचर के बारे में।

बुध का कन्या राशि में गोचर (01 अक्टूबर 2023): तर्क, बुद्धि, और विद्या के कारक ग्रह बुध 01 अक्टूबर, 2023 की रात 08 बजकर 29 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करने जा रहा है। बुध का यह गोचर कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

शुक्र का सिंह राशि में गोचर (02 अक्टूबर 2023): आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 02 अक्टूबर, 2023 की रात 12 बजकर 43 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

मंगल का तुला राशि में गोचर (03 अक्टूबर 2023): ज्योतिष में मंगल ग्रह को वीरता, शौर्य, शक्ति, क्रोध सेनापति और क्रोध का कारक माना जाता है। मंगल 03 अक्टूबर 2023 की शाम 05 बजकर 12 मिनट पर तुला राशि में गोचर करेंगे।

सूर्य का तुला राशि में गोचर (18 अक्टूबर 2023): वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में प्रमुख ग्रह माना जाता है जो 18 अक्टूबर 2023 की दोपहर 01 बजकर 18  मिनट पर तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

बुध का तुला राशि में गोचर (19 अक्टूबर 2023): बुद्धि और वाणी के कारक ग्रह बुध 19 अक्टूबर 2023 की दोपहर 01 बजकर 06 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर कर जाएंगे। 

राहु का मीन राशि में गोचर (30 अक्टूबर 2023): वर्ष 2023 में राहु वक्री चाल चलते हुए मंगल महाराज की मेष राशि से निकलकर 30 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 13 मिनट पर देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश कर जाएंगे।

केतु का कन्या राशि में गोचर (30 अक्टूबर 2023): केतु महाराज एक राशि में डेढ़ वर्ष तक रहने के बाद दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। वर्ष 2023 में केतु 30 अक्टूबर, 2023 की दोपहर 02 बजकर 13 मिनट पर शुक्र ग्रह की राशि तुला में गोचर करेंगे। 

अक्टूबर 2023 में लगने वाले ग्रहण: तिथि व समय

सूर्य ग्रहण (14 अक्टूबर 2023): साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगने जा रहा है जो कंकणाकृती सूर्यग्रहण होगा। यह ग्रहण 14 अक्टूबर दिन शनिवार की रात 08 बजकर 34 मिनट पर लगेगा और 15 अक्टूबर की मध्य रात्रि 02 बजकर 25 मिनट पर ग्रहण समाप्त होगा।    

चंद्र ग्रहण (29 अक्टूबर 2023): वर्ष 2023 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर दिन रविवार की देर रात 01 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगा और इसका अंत 02 बजकर 24 मिनट पर होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा।

ग्रहण और गोचर के बाद, आइये आगे बढ़ते हैं और जानते हैं अक्टूबर 2023 के लिए क्या कह रही है शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी।

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अक्टूबर 2023: शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी 

अगर आपकी रुचि शेयर बाज़ार में है और आप शेयर बाज़ार में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग का यह विशेष सेक्शन आपके लिए ही हैं जिसके अंतर्गत हम आपको अक्टूबर माह के शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी प्रदान करेंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और एक नज़र डालते हैं शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी पर।

इस महीने की शुरुआत में ही यानी 03 अक्टूबर 2023 को मंगल देव तुला राशि में गोचर करेंगे। वहीं 19 अक्टूबर को बुध देव भी तुला राशि में प्रवेश करेंगे। तुला संक्रांति 18 अक्टूबर 2023 को पड़ेगी, जब सूर्य का तुला राशि में गोचर होगा। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2023 के अनुसार, अश्विन अमांत, अश्विन पूर्णिमांत और तुला संक्रांति होने के कारण यह माह शेयर बाज़ार के लिए अधिक फलदायी साबित होता नज़र नहीं आ रहा है। इस दौरान मिलेजुले परिणाम देखने को मिलेंगे। पब्लिक सेक्टर, फ़ार्मा सेक्टर, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, न्यूज़ पेपर, शिपिंग कॉर्पोरेशन, लोहा उद्योग, स्टील उद्योग, हैवी इंजीनियरिंग, सीमेंट हाउसिंग, चाय उद्योग और कॉफ़ी उद्योग आदि तेज़ी से प्रगति करेंगे। जबकि ओएनजीसी, ओसीआई, लेदर इंडस्ट्रीज़, कोल इंडस्ट्रीज़, ऊलेन मिल्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज़, टाटा पॉवर, परफ़्यूम एंड कॉस्मेटिक इंडस्ट्री आदि में मंदी देखने के मिल सकती है।

शेयर बाजार अक्टूबर भविष्यवाणी 2023 के अनुसार, 18 अगस्त से चाय एवं कॉफ़ी उद्योग, सीमेंट हाउसिंग, हैवी इंजीनियरिंग, फर्टिलाइजर आदि में गिरावट देखने को मिल सकती है, जबकि फ़ार्मा सेक्टर, पब्लिक सेक्टर, बैंक फाइनेंस सेक्टर, वनस्पति तेल इंडस्ट्रीज़, डेयरी प्रोडक्ट आदि के लिए यह अवधि अनुकूल साबित होगी।

अक्टूबर 2023 के लिए शेयर मार्केट भविष्यवाणी को विस्तारपूर्वक पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

अक्टूबर मासिक भविष्यवाणी 2023: 12 राशियों का राशिफल 

मेष राशि 

राशि चक्र की पहली राशि मेष पुरुष प्रकृति की राशि है। इस राशि में जन्मे जातक आमतौर पर मुखर, कर्मठ और सिद्धांतवादी होते हैं…विस्तार से पढ़ें

वृषभ राशि 

अक्टूबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, बारहवें भाव में राहु के साथ बृहस्पति की उपस्थिति के कारण वृषभ राशि के जातकों को इस महीने…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

राशि चक्र की तीसरी राशि मिथुन का स्वामित्व बुध ग्रह को प्राप्त है। इस राशि में जन्मे जातक आमतौर पर चतुर होते हैं और लगभग…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

अक्टूबर मासिक राशिफल 2023 अनुसार, कर्क राशि के जातकों को करियर, आर्थिक जीवन और स्वास्थ्य के संबंध में औसत परिणाम मिलने की आशंका है। इस महीने देव गुरु…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

अक्टूबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, इस महीने की 30 तारीख़ तक पांचवें और आठवें भाव के स्वामी बृहस्पति राहु के साथ नौवें भाव में स्थित हैं…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

अक्टूबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, इस महीने कन्या राशि के जातकों को सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होगी…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

इस माह के दौरान बृहस्पति और राहु आपके सातवें भाव में मौजूद रहेंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपको मिले- जुले परिणाम…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

अक्टूबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, वृश्चिक राशि के जातकों को इस महीने मिले जुले परिणामों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि, छठे भाव में बृहस्पति और राहु की मौजूद…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

अक्टूबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, धनु राशि के जातकों को इस महीने सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह के परिणामों…(विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि 

19 अक्टूबर 2023 से बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी के रूप में आपके दसवें भाव में मौजूद होगा…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

अक्टूबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, इस माह कुंभ राशि वालों को करियर, आर्थिक जीवन, पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य के मामले में…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

शनि पहले भाव में स्थित हैं, जो कि साढ़ेसाती को दर्शाता है। बृहस्पति ग्रह इस माह जातकों को लाभ दे सकता है, क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें)

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